Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

25 जुलाई 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित:
  2. प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का क्रियान्वयन:
  3. सहकार से समृद्धि योजना:
  4. फेम इंडिया योजना (Fame India Scheme):
  5. एस फांगनोन कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा की अध्यक्षता करने वाली पहली महिला सदस्य बनीं:
  6. व्हाइट लेबल ATM (WLA) टीयर III से VI केंद्रों पर अधिक ध्यान देने के साथ भारत में ATM की पहुंच को बढ़ावा देंगे:
  7. साइबर अपराध की जांच की उच्च लागत:
  8. समुद्री बुनियादी ढांचे में सुधार:

1. बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: सूचना का अधिकार, 3 नई बहुराज्यीय सोसायटी।

मुख्य परीक्षा: बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 के महत्व पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • लोक सभा में बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को चर्चा के बाद पारित कर दिया गया।

उद्देश्य:

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी में पारदर्शिता, जवाबदेही और उसका मुनाफा बढ़ाने के लिए इस विधेयक को मंज़ूरी दी है।
    • इस विधेयक में स्वतंत्र चुनाव करवाने के लिए निर्वाचन सुधार लागू करने के लिए निर्वाचन प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है जो लगभग निर्वाचन आयोग के बराबर शक्तिशाली होगा और इसमें सरकारी दखल नहीं होगा।
    • इसके अलावा, अगर निदेशक मंडल की एक-तिहाई संख्या खाली हो जाती है तो फिर चुनाव करवाने की व्यवस्था की गई है।
    • साथ ही, बोर्ड की बैठकों में अनुशासन, सहकारी समितियों के कार्यकलाप सुचारू रूप से चलाने के भी प्रावधान इसमें हैं।
    • समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को 3 महीने में बोर्ड मीटिंग बुलानी आवश्यक होगी।
    • सहकारी समिति के शासन में पारदर्शिता लाने के लिए इक्विटी शेयरधारक को बहुमत का प्रावधान रखा गया है।

विवरण:

  • इस विधेयक में समितियों में एक अनुसूचित जाती, या अनुसूचित जनजाति और एक महिला को आरक्षण देने का काम किया गया है जिससे समितियों में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
    • विभिन्न संवैधानिक अपेक्षाओं का अनुपालन ना करने पर बोर्ड के सदस्यों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
    • कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में किसी के भी ब्लड रिलेशन या डिस्टेंट रिलेशन में नौकरी नही दी जा सकेगी।
    • इस विधेयक में सूचना के अधिकार को भी शामिल किया गया है।
  • लोक सभा द्वारा पारित किए गए बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 में, सदस्यों की निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार, सोसायटी में पारदर्शिता लाने, निगरानी प्रणाली को सुदृढ़ करने, व्यापार में सुगमता जैसे विषयों के लिए विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।
  • विधेयक में सोसायटी के सदस्यों में अनुशासन, निदेशक बोर्ड में कमज़ोर और सीमांत वर्गों के प्रतिनिधित्व और प्रोफेशनलिज़्म के संबंध में भी प्रावधान किए गए हैं।
    • इसके अलावा, विधेयक में कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने, केन्‍द्रीय पंजीयक द्वारा स्‍वीकृत पैनल से लेखा परीक्षक की नियुक्ति करने और लेखा परीक्षा और खातों के निर्धारित मानकों के माध्यम से वित्‍तीय अनुशासन लाने जैसे विषयों के बारे में प्रावधान किए गए हैं।
  • लोक सभा में प्रस्तुत विधेयक में, समवर्ती लेखापरीक्षा से त्‍वरित सुधारात्‍मक कार्रवाई, केन्‍द्रीय पंजीयक द्वारा कपटपूर्ण और अवैध गतिविधियों में लिप्‍त समिति के गठन, कार्यकरण और वित्तीय स्थिति की जांच पड़ताल से अनुशासन के अनुपालन पर भी बल दिया गया है।
    • इसके साथ ही, व्यापार में सुगमता लाने के लिए पंजीकरण प्रक्रियाओं में संशोधन, आवेदन के त्वरित निपटान, इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से आवेदन, दस्‍तावेज, जांच आदि अपलोड करने के प्रावधान भी विधेयक में किए गए हैं।
  • विधेयक में सरकार की पूर्वानुमति से सरकारी शेयरों के मोचन, बहुराज्य सहकारी समिति को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद परिसमापन और सहकारी बैंकों पर BR अधिनियम, 1949 लागू करने जैसी व्यवस्थाएं भी की गई हैं।

पृष्ठ्भूमि:

  • आज़ादी के बाद से देश में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े सभी लोग चाहते थे कि सहकारिता को केन्द्र सरकार द्वारा तवज्जो दी जाए और एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन हो।
  • दशकों पुरानी इस मांग को पूरा करते हुए देश में एक अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की।
  • भारत में सहकारिता आंदोलन लगभग 115 साल पुराना है और इस आंदोलन ने कई महत्वपूर्ण उपक्रम देश को दिए हैं जो आज लाखों लोगों को रोज़गार दे रहे हैं, जैसे अमूल, कृभको, इफ्को।
  • पिछले 2 सालों में देश में सहकारिता क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं। केन्द्र सरकार ने पैक्स को पुनर्जीवित करने, इन्हें वायबल और बहुआयामी बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
  • देश के 63000 पैक्स को 2500 करोड़ रूपए की लागत से कम्प्यूटराइज़्ड करने का काम किय़ा है, इससे PACS, ज़िला सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और नाबार्ड के साथ जुड़ जाएंगे।
  • कम्प्यूटराइज़्ड हो जाने पर पैक्स के ऑडिट की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी और ये कई प्रकार के नए व्यवसाय कर सकेंगे।
  • सरकार ने पैक्स के लिए मॉडल बायलॉज़ बनाकर सभी राज्यों को भेजे और बंगाल और केरल को छोड़कर सभी राज्यों ने इन्हें स्वीकार कर लिया है और आज देशभर के पैक्स एक ही कानून से चल रहे हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर तीन नई बहु-राज्य सोसायटी (3 पहल):

  • प्रमाणित बीजों के लिए नई राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी बीज सोसायटी: एक ब्रांड के तहत गुणवत्तापूर्ण बीज की खेती, उत्पादन और वितरण के लिए एक छत्र संगठन के रूप में MSCS अधिनियम, 2002 के तहत नई शीर्ष बहु-राज्य सहकारी बीज सोसायटी की स्थापना की गई।
  • जैविक खेती के लिए नई राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी जैविक सोसायटी: प्रमाणित और प्रामाणिक जैविक उत्पादों के उत्पादन, वितरण और विपणन के लिए MSCS अधिनियम, 2002 के तहत एक छत्र संगठन के रूप में स्थापित नई शीर्ष बहु-राज्य सहकारी जैविक सोसायटी।
  • निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी निर्यात सोसायटी: सहकारी क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक छत्र संगठन के रूप में MSCS अधिनियम, 2002 के तहत नई शीर्ष बहु-राज्य सहकारी निर्यात सोसायटी की स्थापना की गई।
  • सरकार ने सहकारिता को मज़बूत करने के लिए 3 नई बहुराज्यीय सोसायटी बनाने का निर्णय लिया।
    • (पहली सोसायटी, किसान की उपज को निर्यात करने के प्लेटफार्म के रूप में काम करेगी।
    • दूसरी सोसायटी, बीजों के उत्पादन के साथ छोटे किसानों को जोड़ेगी और इससे 1 एकड़ भूमि वाले किसान भी बीज उत्पादन के साथ जुड़ सकेंगे।
    • तीसरी सोसायटी, ऑर्गेनिक खेती के उत्पादों की देश औऱ दुनिया में मार्केटिंग कर किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाएगी।)
  • इसके अलावा सहकारी शिक्षण के लिए आने वाले दिनों में सहकारिता विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।
  • राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस की शुरूआत भी जल्द होगी।
  • देश में 2003 से 2020 के बीच कभी भी राष्ट्रीय सहकारी नीति नहीं थी, लेकिन इस वर्ष दीपावली से पहले नई राष्ट्रीय सहकारी नीति देशवासियों के सामने आ जाएगी, जो अगले 25 सालों का सहकारिता का मानचित्र देश के सामने रखेगी।
  • देश में रोज़ग़ार पैदा करने का एकमात्र ज़रिया कृषि और सहकारिता है और इसके लिए ही अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है।

2. प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का क्रियान्वयन:

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास:

विषय: भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।

प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना।

मुख्य परीक्षा: प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के महत्व एवं प्रभाव पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) पूरे देश में 2017-18 से एक व्यापक योजना-प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY) लागू कर रहा है।

उद्देश्य:

  • PMKSY घटक योजनाओं का एक व्यापक पैकेज है, जिसका उद्देश्य फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
  • यह देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को बड़ा बढ़ावा देता है, किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने में मदद करता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बड़े अवसर पैदा करता है।
  • कृषि उपज की बर्बादी को कम करता है, प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाता है और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाता है।

विवरण:

  • निम्नलिखित घटक योजनाओं के तहत, देश भर में खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं की स्थापना के लिए अनुदान सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है:
    • मेगा फूड पार्क योजना (MFP) (01.04.2021 से बंद)
    • एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना (कोल्ड चेन)
    • कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर (APS) के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण
    • खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण/विस्तार (CEFPPC)
    • बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज (CBFL) का निर्माण (01.04.2021 से बंद)
    • ऑपरेशन ग्रीन्स (OG): दीर्घकालिक हस्तक्षेप
    • खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना – गुणवत्ता नियंत्रण/खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं (FTL) की स्थापना/उन्नयन
    • मानव संसाधन एवं संस्थान (HRI)
    • PMKSY के तहत कोई राज्य-वार फंड आवंटन नहीं किया जाता है।
    • PMKSY ने अपनी स्थापना के बाद से PMKSY की विभिन्न घटक योजनाओं से 13.09 लाख का कुल रोजगार (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) उत्पन्न करने में सहायता की है।

3. सहकार से समृद्धि योजना:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: किसान उत्पादक संगठन (FPO), पैक्स (PACS), पीएम-कुसुम।

मुख्य परीक्षा: “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को समझाइये।

प्रसंग:

  • समृद्धि और प्रगति के लिए सहयोग का उपयोग करने के लिए, प्रधानमंत्री ने जुलाई 2021 में “सहकार से समृद्धि” (सहयोग के माध्यम से समृद्धि) के आह्वान के साथ एक अलग प्रशासनिक निकाय के रूप में सहकारिता मंत्रालय (MoC) की स्थापना की थी।

उद्देश्य:

  • “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को साकार करने, देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने, जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच को गहरा करने और सहकारी समितियों के प्रदर्शन, उत्पादकता और लाभप्रदता को बढ़ाने के लिए, सहकारिता मंत्रालय द्वारा अपनी स्थापना के बाद से विभिन्न पहलें की गई हैं, जैसे:

विवरण:

  • प्राथमिक सहकारी समितियों को पारदर्शी और आर्थिक रूप से जीवंत बनाना (14 पहल):
    • PACS के लिए मॉडल उपनियम उन्हें बहुउद्देशीय, बहुआयामी और पारदर्शी संस्थाएँ बनाते हैं: PACS को 25 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियाँ करने में सक्षम बनाने के लिए सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को उनके संबंधित राज्य सहकारी अधिनियम के अनुसार अपनाने के लिए तैयार और परिचालित किया गया। मॉडल उपनियमों को 27 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाया गया है।
  • कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से पैक्स को मजबूत बनाना:
  • कवर नहीं की गई पंचायतों में नई बहुउद्देशीय पैक्स/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियां:
    • अगले पांच वर्षों में प्रत्येक पंचायत/गांव को कवर करते हुए 2 लाख नए बहुउद्देश्यीय पैक्स या प्राथमिक डेयरी/मत्स्य पालन सहकारी समितियां स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी गई है।
  • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेंद्रीकृत अनाज भंडारण योजना:
    • पैक्स स्तर पर अनाज भंडारण के लिए गोदाम और अन्य कृषि-इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट क्रियान्वित किया जा रहा है।
  • ई-सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए PACS को सामान्य सेवा केंद्र (CSCs) के रूप में:
    • 17,000 से अधिक पीएसीएस अपनी व्यवहार्यता में सुधार करने, ई-सेवाएं प्रदान करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए सीएससी के रूप में शामिल हुए।
  • पैक्स द्वारा नए किसान उत्पादक संगठन (FPO) का गठन:
    • उन ब्लॉकों में पैक्स द्वारा 1,100 अतिरिक्त FPO का गठन किया जाएगा जहां अभी तक FPO का गठन नहीं हुआ है या कोई कार्यान्वयन एजेंसी ब्लॉकों को कवर नहीं करती है।
  • खुदरा पेट्रोल/डीजल दुकानों के लिए पैक्स को प्राथमिकता:
    • खुदरा पेट्रोल/डीजल दुकानों के आवंटन के लिए पैक्स को संयुक्त श्रेणी 2 (सीसी2) में शामिल किया गया है। थोक पेट्रोल पंप लाइसेंस वाले मौजूदा पैक्स को खुदरा दुकानों में बदलने की अनुमति।
    • पैक्स को अब एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है।
  • ग्रामीण स्तर पर जेनेरिक दवाओं तक पहुंच में सुधार के लिए पैक्स को जन औषधि केंद्र के रूप में:
    • पैक्स को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र संचालित करने की अनुमति दी गई है जो उन्हें अतिरिक्त आय स्रोत प्रदान करेगा।
  • उर्वरक वितरण के लिए पैक्स को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) के रूप में:
    • देश में किसानों को उर्वरक और संबंधित सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पैक्स को PMKSK संचालित करने की अनुमति दी गई है।
  • ऊर्जा सुरक्षा के लिए पैक्स स्तर पर पीएम-कुसुम का अभिसरण:
    • पैक्स से जुड़े किसान सौर कृषि जल पंप अपना सकते हैं और अपने खेतों में फोटोवोल्टिक मॉड्यूल स्थापित कर सकते हैं।
  • पैक्स को ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं (PWS) का संचालन और रखरखाव करने की अनुमति दी गई है:
    • पैक्स को ग्रामीण क्षेत्रों में PWS के संचालन और रखरखाव (O&M) करने की अनुमति दी गई है।
  • घर तक वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए बैंक मित्र सहकारी समितियों को माइक्रो-ATM: सहकारी बैंकों द्वारा अब डेयरी, मत्स्यपालन जैसी सहकारी समितियों को माइक्रो-ATM दिए जा रहे हैं।
  • दुग्ध सहकारी समितियों के सदस्यों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड:
    • तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करने के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से सहकारी समितियों के सदस्यों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं।
  • चीनी सहकारी मिलों को मजबूत करने के लिए NCDC द्वारा 10,000 करोड़ रुपये की ऋण योजना शुरू की गई:
    • योजना का उपयोग इथेनॉल संयंत्र या सह-उत्पादन संयंत्र स्थापित करने या कार्यशील पूंजी के लिए या तीनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
  • इथेनॉल खरीद में सहकारी चीनी मिलों को प्राथमिकता:
    • इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (EBP) के तहत भारत सरकार द्वारा इथेनॉल खरीद के लिए सहकारी चीनी मिलों को निजी कंपनियों के बराबर रखा जाएगा।

सहकारी समितियों में क्षमता निर्माण (3 पहल):

  • विश्व के सबसे बड़े सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना:
    • सहकारी शिक्षा, प्रशिक्षण, परामर्श, अनुसंधान और विकास और प्रशिक्षित जनशक्ति की स्थायी और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति के लिए राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
  • सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण की नई योजना:
    • सहकारी आंदोलन को मजबूत करना, VAMNICOM, NCCT और JCTC के संकाय की क्षमता का निर्माण करना, सहकारी क्षेत्र के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और अध्ययन को बढ़ावा देना आदि।
  • राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT) के माध्यम से प्रशिक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देना:

‘व्यवसाय करने में आसानी’ के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग (2 पहल):

  • केंद्रीय रजिस्ट्रार कार्यालय को मजबूत करने के लिए कम्प्यूटरीकरण:
    • यह बहु-राज्य सहकारी समितियों के लिए एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगा, जो समयबद्ध तरीके से अनुप्रयोगों और सेवा अनुरोधों को संसाधित करने में सहायता करेगा।
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में RCS के कार्यालय के कम्प्यूटरीकरण की योजना:
    • सहकारी समितियों के लिए व्यवसाय करने में आसानी बढ़ाना और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पारदर्शी कागज रहित विनियमन के लिए एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना।

4. फेम इंडिया योजना (Fame India Scheme):

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था:

विषय: समावेशी विकास एवं इससे उत्पन्न विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: फेम इंडिया योजना चरण- II

मुख्य परीक्षा: आर्थिक विकास एवं पर्यावरण संरक्षण में फेम इंडिया योजना चरण- II की प्रासंगिकता पर टिप्पणी कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और विनिर्माण (फेम इंडिया) योजना चरण- II को भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए 10,000 करोड़ के कुल बजटीय समर्थन के साथ लागू किया गया है।

उद्देश्य:

  • यह चरण मुख्य रूप से सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण का समर्थन करने पर केंद्रित है, और इसका लक्ष्य मांग प्रोत्साहन के माध्यम से 7090 ई-बसों, 5 लाख ई-3 व्हीलर, 55000 ई-4 व्हीलर यात्री कारों और 10 लाख ई-2 व्हीलर का समर्थन करना है।

विवरण:

  • इस योजना के तहत चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण का भी समर्थन किया जाता है।
  • भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम इंडिया योजना के चरण- I के तहत 520 चार्जिंग स्टेशन/इंफ्रास्ट्रक्चर को मंजूरी दी थी।
  • इसके अलावा, इस मंत्रालय ने फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण के तहत 25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन और 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1576 चार्जिंग स्टेशन भी स्वीकृत किए हैं।
  • भारी उद्योग मंत्रालय ने भी 800 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। जिसमें 7,432 इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) की तीन तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को पूंजीगत सब्सिडी के रूप में हैं।
  • भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और विनिर्माण करना (FAME India): सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कुल बजटीय समर्थन के साथ फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को शुरू में अधिसूचित किया।
    • फेम-इंडिया योजना चरण- II के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
  • ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना: सरकार ने 15 सितंबर 2021 को वाहनों के घरेलू विनिर्माण को समर्थन देने के लिए 25,938 करोड़ के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए PLI योजना को मंजूरी दी।
    • इस PLI योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया गया है।
  • उन्नत रसायन विज्ञान सेल (ACC) के लिए PLI योजना: सरकार ने 12 मई, 2021 को 18,100 करोड़ के बजटीय परिव्यय के साथ देश में ACC के विनिर्माण के लिए PLI योजना को मंजूरी दी।
    • इस योजना में देश में 50 गीगावॉट के लिए प्रतिस्पर्धी ACC बैटरी विनिर्माण सेटअप स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
    • इसके अतिरिक्त, 5GWh विशिष्ट ACC प्रौद्योगिकियों को भी योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।
    • EV पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है; EV के लिए चार्जर/चार्जिंग स्टेशनों पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
    • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने घोषणा की कि बैटरी चालित वाहनों को हरी लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी।
    • MoRTH ने एक अधिसूचना जारी कर राज्यों को EV पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह दी, जिससे EV की शुरुआती लागत कम करने में मदद मिलेगी।
  • भारत में विभिन्न संस्थानों में EV जागरूकता कार्यक्रम बनाने के लिए यह काम NATRIP के केंद्रों और ARAI को भी सौंपा गया है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. एस फांगनोन कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा की अध्यक्षता करने वाली पहली महिला सदस्य बनीं:
    • इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण को रेखांकित करते हुए, राज्यसभा में नगालैंड से पहली महिला सदस्य, श्रीमती फांगनोन कोन्याक ने सदन की अध्यक्षता की।
      • इससे पहले उन्होंने 17 जुलाई, 2023 को उपाध्यक्षों के पैनल में नियुक्त होने वाली पहली महिला सदस्य बनकर इतिहास रचा था।
    • लैंगिक समानता लाने के प्रति एक उल्लेखनीय कदम के रूप में, राज्यसभा के सभापति, श्री जगदीप धनखड़ ने पिछले सप्ताह चार महिला सदस्यों (कुल संख्या का 50%) को उपाध्यक्षों के पैनल में नामित किया था।
    • यह भी उल्लेखनीय है कि पैनल में नामांकित सभी महिला सदस्य पहली बार सांसद बनी हैं।
    • मानसून सत्र से पहले पुनर्गठित पैनल में कुल आठ नाम हैं, जिनमें से आधी संख्या महिलाओं की है।
      • उच्च सदन के इतिहास में यह पहली बार है कि उपाध्यक्षों के पैनल में महिला सदस्यों को समान संख्या में प्रतिनिधित्व दिया गया है।

    पिछले उपाध्यक्षों के पैनल में नामित महिला सदस्यों का विवरण निम्नलिखित है:

    • श्रीमती पीटी उषा:
      • पद्मश्री पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध एथलीट हैं। उन्हें जुलाई, 2022 में राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।
      • वे रक्षा समिति, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की सलाहकार समिति तथा नैतिकता समिति की सदस्य हैं।
    • श्रीमती एस. फांगनोन कोन्याक:
      • भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं। वे अप्रैल, 2022 में नगालैंड से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला हैं और संसद के किसी भी सदन या राज्य विधानसभा के लिए चुनी जाने वाली राज्य की दूसरी महिला हैं।
      • वे परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समिति, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति, महिला सशक्तिकरण समिति, सदन समिति और उत्तर-पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान संस्थान, शिलांग की शासी परिषद की सदस्य हैं।
    • डॉ. फौजिया खान:
      • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य हैं। वे अप्रैल, 2020 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं थी।
      • वे महिला सशक्तिकरण समिति, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण समिति, विधि एवं न्याय मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य हैं।
    • श्रीमती सुलता देव:
      • बीजू जनता दल की सदस्य हैं। वे जुलाई, 2022 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं।
      • वे उद्योग समिति, महिला सशक्तिकरण समिति, लाभ के पद संबंधी संयुक्त समिति, संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) समिति और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य हैं।
  2. व्हाइट लेबल ATM (WLA) टीयर III से VI केंद्रों पर अधिक ध्यान देने के साथ भारत में ATM की पहुंच को बढ़ावा देंगे:
    • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सूचित किया है कि देश में टियर III से VI केंद्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के साथ ATM की पहुंच बढ़ाने के लिए, गैर-बैंक कंपनियों को व्हाइट लेबल ATM (WLAs) स्थापित करने, स्वामित्व रखने और संचालित करने की अनुमति दी गई है।
    • WLA भारत में बैंकों के ग्राहकों को बैंकों द्वारा जारी किए गए कार्ड (डेबिट/क्रेडिट/प्रीपेड) के आधार पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं।
    • नकद वितरण के अलावा, WLAs कई अन्य सेवाएँ/सुविधाएँ भी प्रदान कर सकते हैं जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ शामिल हैं:
      • खाता संबंधी जानकारी
      • नकद जमा
      • नियमित बिल भुगतान
      • लघु/लघु वक्तव्य सृजन
      • पिन परिवर्तन
      • चेक बुक के लिए अनुरोध
    • WLA की उपस्थिति बढ़ाने और उनकी व्यवहार्यता और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
      • WLA परिनियोजन को और अधिक गति देने के लिए और अधिक गैर-बैंक खिलाड़ियों को ATM उद्योग में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, RBI ने 7 मार्च, 2019 के अपने परिपत्र के माध्यम से WLAs को-
    1. रिजर्व बैंक से सीधे एक सीमा से ऊपर थोक नकदी खरीदने;
    2. सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित किसी भी अनुसूचित बैंक से नकदी प्राप्त करने;
    3. बिल भुगतान और इंटरऑपरेबल कैश डिपॉजिट सेवाएं प्रदान करने;
    4. गैर-वित्तीय उत्पादों से संबंधित विज्ञापन प्रदर्शित करना / सेवाएँ, और इसके अलावा, बैंकों को अधिकृत WLAOs के साथ साझेदारी में सह-ब्रांडेड ATM कार्ड जारी करने और WLAs को ‘ऑन-अस’ लेनदेन का लाभ भी देने की अनुमति दी है।
    • RBI ने 15 अक्टूबर, 2019 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से WLA के लिए ऑन-टैप प्राधिकरण को सक्षम किया है।
    • चार अधिकृत गैर-बैंक संस्थाएं देश में व्हाइट लेबल ATM का संचालन कर रही हैं।
  3. साइबर अपराध की जांच की उच्च लागत:
    • भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं।
    • राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के माध्यम से साइबर अपराध सहित अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
    • कानून प्रवर्तन एजेंसियां साइबर अपराध में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कानून के प्रावधानों के अनुसार कानूनी कार्रवाई करती हैं।
    • केंद्र सरकार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सलाह और वित्तीय सहायता के माध्यम से उनकी पहल को बढ़ावा देती है।
    • व्यापक और समन्वित तरीके से साइबर अपराधों से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करने और संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने के लिए, राज्य एलईए और पीड़ितों दोनों के लिए साइबर अपराध जांच की लागत को कम करने के लिए, केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है।
    • ऐसे कदम जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:
      • देश में सभी प्रकार के साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (I4C) की स्थापना की गई।
      • सभी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस के जांच अधिकारियों (आईओ) को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करने के लिए नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच)’ की स्थापना की गई है।
      • प्रमाणन के साथ-साथ साइबर अपराध जांच, फोरेंसिक, अभियोजन आदि के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से सभी हितधारकों, पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों की क्षमता निर्माण के लिए ‘साइट्रेन’ पोर्टल नामक एक विशाल ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम (MOOC) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया।
      • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ, जनता को सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाने के लिए ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ लॉन्च किया गया है।
        • इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाएं, उन्हें एफआईआर में बदलना और उसके बाद की कार्रवाई को कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
      • वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए ‘सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ लॉन्च किया गया है।
      • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (CCPWC) योजना के तहत, जांच उपकरणों और जनशक्ति के संदर्भ में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमताओं को विकसित करने के लिए सभी राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों को 122.24 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिसका उद्देश्य साइबर अपराध की जांच की लागत को कम करना है।
    • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के एलईए के बीच समन्वय ढांचे को बढ़ाने के लिए बोर्डिंग राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा साइबर अपराध हॉटस्पॉट/बहु-क्षेत्राधिकार संबंधी मुद्दों वाले क्षेत्रों के आधार पर पूरे देश को कवर करते हुए सात संयुक्त साइबर समन्वय टीमों का गठन किया गया है।
    • साइबर अपराध से संबंधित साक्ष्य के मामलों में आवश्यक फोरेंसिक सहायता प्रदान करने, साक्ष्य को संरक्षित करने और आईटी अधिनियम और साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इसके विश्लेषण के लिए हैदराबाद में ‘राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (साक्ष्य)’ की स्थापना की गई है।
    • गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नवीनतम हथियार, प्रशिक्षण गैजेट, उन्नत संचार/फोरेंसिक उपकरण, साइबर पुलिसिंग उपकरण आदि के अधिग्रहण के लिए ‘पुलिस आधुनिकीकरण के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता’ योजना के तहत केंद्रीय सहायता भी प्रदान की है।
  4. समुद्री बुनियादी ढांचे में सुधार:
    • ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का उद्देश्य आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और भारत के पड़ोस में अन्य देशों के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करके एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करना है।
    • कनेक्टिविटी और समृद्धि के लिए नदियों के महत्व को पहचानते हुए, राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत उत्तर पूर्व की 20 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया था।
    • व्यापार विस्तार रणनीतियों को बढ़ाने की सुविधा के लिए उत्तर पूर्व क्षेत्र के भीतर जलमार्ग कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए, सरकार ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1126 करोड़ रुपये की कुल लागत पर 05 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
    • इसके अलावा, सागरमाला कार्यक्रम भारत की 7,500 किमी लंबी तटरेखा, 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर रणनीतिक स्थान का उपयोग करके देश में बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है।
    • सागरमाला कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, भारत के पूर्वी तट पर कार्यान्वयन के लिए लगभग 2.55 लाख करोड़ की अनुमानित लागत वाली 400 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की गई है।
    • सागरमाला परियोजनाओं में विभिन्न श्रेणियों की परियोजनाएं शामिल हैं जैसे मौजूदा बंदरगाहों और टर्मिनलों का आधुनिकीकरण, नए बंदरगाह, टर्मिनल, रोरो और पर्यटन घाट, बंदरगाह कनेक्टिविटी में वृद्धि, अंतर्देशीय जलमार्ग, लाइटहाउस पर्यटन, बंदरगाह के आसपास औद्योगीकरण, कौशल विकास, प्रौद्योगिकी केंद्र, आदि।
    • क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पहलों पर विशेष ध्यान दिया गया है जो लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास के लिए बल गुणक के रूप में कार्य करता है।
    • विशाखापत्तनम बंदरगाह और कोलकाता स्थित एसपीएमके बंदरगाह को नेपाल के एक्जिम कार्गो की पारगमन आवश्यकता को पूरा करने के लिए गेटवे पोर्ट अधिसूचित किया गया है।
    • पूर्वी तट पर, बांग्लादेश ने स्थान और कनेक्टिविटी लाभों को देखते हुए विशाखापत्तनम बंदरगाह को अपने कंटेनर कार्गो के लिए ‘ट्रांसशिपमेंट पोर्ट ऑफ कॉल’ के रूप में अधिसूचित किया है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने म्यांमार और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों की कनेक्टिविटी के लिए परियोजनाएं शुरू की हैं।

Comments

Leave a Comment

Your Mobile number and Email id will not be published.

*

*