विषयसूची:
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1. ADB और भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश में औद्योगिक गलियारे के विकास के लिये 141.12 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच, उनकी संरचना, अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा: एशियाई विकास बैंक (ADB) ।
मुख्य परीक्षा: ADB और भारत सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश में औद्योगिक गलियारे के विकास के लिये हस्ताक्षर किये गए ऋण समझौते के महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- एशियाई विकास बैंक (ADB) और भारत सरकार ने 23.05.2023 को 141.12 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
उद्देश्य:
- यह समझौता आंध्र प्रदेश में तीन औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कें, जलापूर्ति संयंत्रों और विद्युत वितरण तंत्र जैसे उच्च गुणवत्ता वाली आंतरिक बुनियादी सुविधाओं के विकास को समर्थन देने के लिये किया गया है।
विवरण:
- यह ऋण ADB द्वारा 2016 में मंजूर कार्यक्रम के तहत 500 मिलियन डॉलर के कई किस्त वाली वित्तपोषण सुविधा (MFF) की दूसरी किस्त के तौर पर दिया जायेगा।
- इस ऋण सुविधा से राज्य के विशाखापत्तनम और श्रीकलाहस्ती-चित्तूर क्षेत्र मंजूरी के तहत तीन औद्योगिक क्लस्टरों में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जायेगा।
- बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ADB के वित्तपोषण से राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने तथा परियोजना लक्षित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये औद्योगीकरण संवर्धन में राज्य को मदद मिलेगी।
- इस वित्तपोषण से विशेषतौर से विशाखपत्तनम में रामबेली 160 हेक्टेयर स्टार्ट-अप क्षेत्र और 441 हेक्टेयर नकापल्ली औद्योगिक क्लस्टर, 13.8 किलोमीटर अच्युतपुरम- अनाकपल्ली सड़क को चौड़ा करने और 4.4 किलोमीटर नकापल्ली क्लस्टर तक पहुंचने वाली सड़क के सुधार कार्य से बुनियादी सुविधाऔं को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
- प्रस्तावित क्लस्टर में आंतरिक ढाचागत सुविधाओं में आंतरिक सड़कें, पानी की निकासी, जलापूर्ति प्रणाली और विद्युत वितरण प्रणाली को विकसित करना शामिल है।
- श्रीकलाहस्ती-चित्तूर अनुमति के तहत परियोजना से 938 हेक्टेयर चित्तूर-दक्षिण औद्योगिक क्लस्टर के स्टार्ट-अप क्षेत्र और 9.5 किलोमीटर की चित्तूर- दक्षिण औद्योगिक क्लस्टर पहुंच सड़क और 8.7 किलोमीटर नायडूपेट्टा औद्योगिक क्लस्टर पहुंच सड़क को विकसित करने में मदद मिलेगी।
- इस समूची परियोजना से राज्य को निवेश संवर्धन के लिये मार्केटिंग कार्य योजना जारी करने साथ ही सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों का कौशल विकास में मदद मिलेगी।
- कठिन मौसम परिस्थितियों में औद्योगिक क्लस्टर की मजबूती के लिये परियोजना के तहत एक ग्रीन कॉरिडोर मॉडल परिचालन दिशानिर्देश स्थापित करने और एक आपदा जोखिम प्रबंधन योजना विकसित करने में मदद मिलेगी।
- औद्योगिक कलस्टर की दीर्घकालिक स्थिरता कार्यक्रम के तहत स्टार्ट-अप औद्योगिक क्लस्टर के परिचालन और रखरखाव को बेहतर रखने की योजना बनाई जायेगी।
- इसके साथ ही औद्योगिक क्लस्टर के आसपास उद्योग आवास सहित औद्योगिक और शहरी योजना के एकीकरण के लिए जेंडर रिस्पोंसिव और सामाजिक समावेश निर्देश के साथ एक टूलकिट भी जारी की जायेगी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय यूनानी चिकित्सा प्रणाली के विकास में सहायता देगा:
- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय आयुष मंत्रालय के तहत यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (CCRUM) और राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (NIUM) बेंगलुरु में यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए सहयोग देगा।
- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) के तहत 45.34 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है।
- इस योजना की सहायता से हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ, सिलचर और बेंगलुरु स्थानों पर यूनानी चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
- हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ, सिलचर और बेंगलुरु में यूनानी चिकित्सा की विभिन्न सुविधाओं की स्थापना के लिए अनुदान स्वीकृत किया गया है।
- यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए केंद्रीय परिषद (CCRUM) को कुल 35.52 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (NIUM), बेंगलुरु को 9.81 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
- हैदराबाद के राष्ट्रीय त्वचा रोग अनुसंधान संस्थान में यूनानी चिकित्सा में मौलिक अनुसंधान के लिए 16.05 करोड़ रुपये की लागत से यूनानी चिकित्सा अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाएगी।
- मंत्रालय ने यूनानी चिकित्सा, चेन्नई के क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान में प्रीक्लिनिकल प्रयोगशाला सुविधा के लिए 8.15 करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव दिया है।
- केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में मस्कुलोस्केलेटल विकारों के लिए इलाज बित तदबीर (रेजिमेनल थेरेपी) के एक केंद्र के लिए 8.55 करोड़ रुपये और रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन, सिलचर में त्वचा एवं जीवन शैली संबंधी विकारों के लिए इलाज बित तदबीर (रेजिमेनल थेरेपी) के केंद्र के लिए 2.75 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
- बेंगलुरु के NIUM को मरीजों के परिचारकों के लिए विश्राम गृह की स्थापना के लिए 5.55 करोड़ रुपये और मॉडल यूनानी कॉस्मेटिक देखभाल के एक कौशल केंद्र, छोटे पैमाने पर यूनानी फार्मेसी और यूनानी कच्चे दवा भंडारण के लिए 4.26 करोड़ रुपये दिए जायेंगे।
- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधिकार प्राप्त समिति ने 02 मार्च, 2023 को हुई अपनी बैठक में प्रस्तावों पर विचार किया था और चेन्नई, लखनऊ तथा सिलचर में इसकी तीन परियोजनाओं की कुल स्वीकृत लागत की पहली किस्त के रूप में CCRUM को 4.86 करोड़ रुपये (25%) पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
- हैदराबाद के लिए CCRUM परियोजना और NIUM, बेंगलुरू की परियोजनाओं का अनुदान एक बार उनकी DPR स्वीकृत होने और अन्य तकनीकियों को अंतिम रूप देने के बाद जारी किया जाएगा।
- PMJVK एक क्षेत्र विकास कार्यक्रम है जिसके तहत चिह्न्ति क्षेत्रों में सामुदायिक बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है।
2.समर्थ अभियान का शुभारंभ:
- केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ने लखनऊ में अमृत महोत्सव के तहत 50000 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ‘समर्थ अभियान’ का शुभारंभ किया।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय “50,000 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए समर्थ अभियान” चला रहा है जो 1 फरवरी, 2023 से शुरू हुआ और 15 अगस्त, 2023 तक आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जारी रहेगा।
- समर्थ अभियान का बड़ा जोर ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने पर है, विशेष रूप से महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए।
- स्वयं सहायता समूहों (SHG) का जो NPA 2013 में 9.58 प्रतिशत था वो अब घटकर 2 प्रतिशत से नीचे आ गया है।
25 May PIB :- Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 24 May 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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