विषयसूची:
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‘ब्लू बीच’ की सूची में दो और भारतीय समुद्र तट शामिल:
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।
प्रारंभिक परीक्षा: ब्लू बीच, थुंडी तट, कदमत तट, फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (FEE) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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भारत के दो नए समुद्र तटों – मिनिकॉय थुंडी तट तथा कदमत तट को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल “ब्लू फ्लैग” प्रदान किया गया है।
उद्देश्य:
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नए समुद्र तटों का इस सूची में शामिल होना भारत के चिरस्थायी पर्यावरण के प्रति समर्पित विज़न का प्रमाण है।
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भारत में अब 12 ब्लू फ्लैग समुद्र तट हैं। यह इको-लेबल दुनिया के सबसे स्वच्छ समुद्र तटों को दिया जाता है।
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ब्लू बीच समाज को गौरवान्वित और पर्यटन को आकर्षित करते हैं।
विवरण:
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लक्षद्वीप स्थित मिनिकॉय थुंडी समुद्र तट और कदमत समुद्र तट ने ‘ब्लू बीच’ की प्रतिष्ठित सूची में जगह बनाई है, जो दुनिया के सर्वाधिक स्वच्छ समुद्र तटों को दिया जाने वाला एक इको-लेबल है।
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इसके साथ ही भारत में ब्लू फ्लैग प्रमाणन के तहत प्रमाणित समुद्र तटों की संख्या बारह (12) हो गई है।
थुंडी तट:
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थुंडी बीच लक्षद्वीप द्वीपसमूह के सबसे प्राचीन और मनोरम समुद्र तटों में से एक है।
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यह तैराकों और पर्यटकों दोनों के ही लिए स्वर्ग के समान है।
कदमत तट:
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कदमत 8 किमी. लंबा और केवल 550 मीटर चौड़ा है।
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इसके पश्चिम में सुंदर उथले लैगून के अलावा, जो पानी के खेल के लिए आदर्श है, पूर्व में एक संकीर्ण लैगून है।
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इस तट के मुख्य आकर्षण दक्षिणी सिरे पर लंबे रेतीले समुद्र तट और रेत के किनारे हैं।
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कदमत तट विशेष रूप से क्रूज पर्यटकों में लोकप्रिय है, जो वॉटर स्पोर्ट्स (पानी के खेल) के लिए इस द्वीप पर आते हैं।
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सफेद मोतियों जैसी रेत, खाड़ी का नीला पानी, मध्यम जलवायु और मैत्रीपूर्ण स्थानीय लोगों वाला यह तट प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है।
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दोनों तटों पर साफ-सफाई और रखरखाव तथा तैराकों की रक्षा और सुरक्षा के लिए नामित कर्मचारी हैं।
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दोनों समुद्र तट फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन द्वारा अधिदेशित समस्त 33 मानदंडों का अनुपालन करते हैं।
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ब्लू बीच में शामिल अन्य भारतीय समुद्र तटों में – शिवराजपुर-गुजरात, घोघला-दीव, कासरकोड और पदुबिद्री-कर्नाटक, कप्पड-केरल, रुशिकोंडा- आंध्र प्रदेश, गोल्डन-ओडिशा, राधानगर- अंडमान और निकोबार, तमिलनाडु में कोवलम और पुडुचेरी में ईडन शामिल हैं।
पृष्ठ्भूमि:
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डेनमार्क की फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (FEE) की ओर से वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल-ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया जाता है।
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इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की पात्रता हासिल करने के लिए, कड़े पर्यावरण, शैक्षिक, सुरक्षा-संबंधी और पहुंच-संबंधी मानदंडों की एक श्रृंखला को पूरा किया जाना चाहिए और उन्हें बरकरार रखा जाना चाहिए।
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ब्लू फ्लैग का मिशन पर्यावरणीय शिक्षा, पर्यावरणीय संरक्षण और अन्य चिरस्थायी विकास पद्धतियों के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र में निरंतरता को बढ़ावा देना है।
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कृषि-वानिकी के संबंध में 7वीं आसियान–भारत मंत्री स्तरीय बैठक का आयोजन:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा:आसियान से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत – आसियान संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
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कृषि एवं वानिकी के संबंध में 7वीं आसियान–भारत मंत्रीस्तरीय बैठक वर्चुअल रूप से आयोजित की गई।
उद्देश्य:
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इस बैठक में आसियान-भारत सहयोग की मध्यावधि कार्ययोजना (वर्ष 2021-2025) के तहत विभिन्न कार्यक्रमों तथा गतिविधियों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई।
विवरण:
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बैठक की सह अध्यक्षता भारत के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की।
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बैठक में आसियान–भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का भी स्वागत किया गया।
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बैठक में ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पी डी आर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के कृषि मंत्रियों ने भी भाग लिया।
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केंद्रीय मंत्री ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में उस विज़न को दोहराया, जिसमें भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में आसियान को केंद्र बिंदु में रखा गया है तथा उन्होंने क्षेत्र में टिकाऊ एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने हेतु, कृषि विकास के लिए आसियान के साथ परस्पर घनिष्ठ क्षेत्रीय सहयोग पर जोर दिया।
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केंद्रीय मंत्री ने पोषक खाद्य के रूप में मिलेट (पोषक-अनाज) तथा अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष 2023 के महत्व का उल्लेख करते हुए आसियान सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे मिलेट के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं उपभोग को बढ़ाने में भारत के प्रयासों में सहयोग करें।
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भारत लोगों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए पोषक-अनाज के उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है।
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पोषक-अनाज पौष्टिक, कम संसाधन आवश्यकता वाले व अधिक अनुकूल कृषि-खाद्य प्रणालियों के सृजन में सहायक होते हैं।
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बैठक में, कृषि एवं वानिकी में आसियान-भारत सहयोग की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
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बैठक में कहा गया कि आसियान और भारत में सुरक्षित तथा पौष्टिक कृषि उत्पादों का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करके कोविड-19 महामारी के अभूतपूर्व असर को समाप्त करने के लिए, महामारी के बाद किए जाने वाले सुधार उपायों के कार्यान्वयन हेतु आसियान-भारत सहयोग के तहत निरंतर उपाय करना आवश्यक है।
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केंद्रीय मंत्री ने खाद्य सुरक्षा, पोषण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, डिजिटल कृषि, प्रकृति-हितैषी कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, वैल्यू चेन, कृषि विपणन व क्षमता निर्माण में आसियान के साथ भारत के सहयोग को बढ़ाने में प्रतिबद्धता जताई।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे सम्बंधित कोई समाचार नहीं हैं।
26 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 25 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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