विषयसूची:
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28 April 2024 Hindi PIB
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1. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल की फ्रांस की आधिकारिक यात्रा:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: न्यूवे-चैपल एवं विलर्स-गुइस्लैन युद्ध स्मारक।
मुख्य परीक्षा: भारत – फ्रांस सम्बन्ध एवं रणनीतिक साझेदारी।
प्रसंग:
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने फ्रांस की विस्तृत यात्रा पूरी की।
उद्देश्य:
- सीडीएस की इस यात्रा ने भारत और फ्रांस के बीच लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की है। इसके साथ ही इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत किया है।
विवरण:
- सीडीएस जनरल चौहान की फ्रांसीसी सशस्त्र बल मंत्रालय में सिविल एवं मिलिट्री कैबिनेट के निदेशक श्री पैट्रिक पैलौक्स और सशस्त्र बल मंत्रालय में सैन्य कैबिनेट के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल विंसेंट जिराउड के साथ शीर्ष स्तर पर बातचीत हुई।
- सीडीएस जनरल चौहान ने अपने समकक्ष जनरल थिएरी बर्कहार्ड (सीईएमए) के साथ भी बातचीत की जिसमें दोनों ने सामान्य हितों और पारस्परिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
- यात्रा के दौरान उच्च-स्तरीय दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए फ्रांस के आयुध महानिदेशालय में विचार-विमर्श किया गया, जिसके बाद फ्रांसीसी रक्षा उद्योग के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत हुई।
- इसमें डसॉल्ट, सफरान, नौसेना समूह और थेल्स एलेनिया स्पेस भी शामिल रहे। इस बातचीत का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बल की भविष्य की क्षमता निर्माण की दिशा में काम करना और उसके स्वदेशीकरण को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
- फ्रेंच लैंड फोर्सेज कमांड (सीएफटी), फ्रेंच स्पेस कमांड (सीडीई), और स्कूल ऑफ मिलिट्री स्टडीज (इकोले मिलिटेयर) में आदान-प्रदान ने सुरक्षा चुनौतियों पर भारत का दृष्टिकोण प्रदान करते हुए अंतरिक्ष में रक्षा सहयोग बढ़ाने, आधुनिकीकरण की पहल और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के अवसर भी प्रदान किए हैं।
- सीडीएस ने इस क्षेत्र में शांति बढ़ाने की दिशा में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर लड़ने वाले भारतीय अभियान बल के सैनिकों की असाधारण बहादुरी के लिए न्यूवे-चैपल और विलर्स-गुइस्लैन के युद्ध स्मारकों पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। ये स्मारक लंबे समय से चले आ रहे भारत-फ्रांस संबंधों के प्रमाण हैं।
- भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी ने समय के साथ महत्वपूर्ण गति पकड़ी है तथा अब यह और भी करीबी और बहुआयामी रिश्ते में विकसित हो गई है जो सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों तक फैली हुई है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. खान मंत्रालय का दो दिवसीय महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन:
- शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन (शक्ति), ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) और भारतीय सतत विकास संस्थान (आईआईएसडी) के सहयोग से खान मंत्रालय 29 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2024 तक नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में “महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन: लाभकारी और प्रसंस्करण क्षमताओं को बढ़ाना” विषय पर शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।
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महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे महत्वपूर्ण खनिज के लाभकारी और प्रसंस्करण क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- शिखर सम्मेलन भारत के तीव्र आर्थिक विकास और महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है, जो नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित प्रमुख प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कच्चे माल (सीआरएम) की घरेलू आपूर्ति को सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।
- शिखर सम्मेलन उद्योग जगत के अग्रणी प्रतिनिधियों, स्टार्टअप, सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और नीति विशेषज्ञों समेत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करेगा।
- प्रतिभागी महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित सक्रिय संवाद और इंटरैक्टिव कार्यशालाओं में भाग लेंगे, जैसे खनिज नीलामी प्रगति, सीआरएम इकोसिस्टम के विकास के लिए नीतिगत प्रोत्साहन और व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक तथा पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी समाधानों की प्रगति।
- शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं में आठ प्रमुख खनिजों पर तकनीकी सत्र शामिल हैं। आठ प्रमुख खनिज हैं-ग्लूकोनाइट (पोटाश), लिथियम-दुर्लभ पृथ्वी तत्व (लैटेराइट), क्रोमियम, प्लैटिनम समूह, ग्रेफाइट, ग्रेफाइट से जुड़े टंगस्टन, दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरई) और ग्रेफाइट से जुड़े वैनेडियम। ये सत्र व्यवसाय-से-व्यवसाय सहयोग और ज्ञान साझा करने के लिए बहुमूल्य अवसर प्रदान करेंगे।
- महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन का लक्ष्य सरकार और उद्योग जगत के हितधारकों को सीआरएम के घरेलू उत्पादन में तेजी लाने एवं भारत के आर्थिक विकास और सतत विकास से जुड़े उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए आवश्यक ज्ञान, आपसी-जुड़ाव और उपकरणों की सुविधा प्रदान करना है।
2. डीएआरपीजी का प्रतिनिधिमंडल एनसीजीजी और बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय के बीच एमओयू के नवीनीकरण को लेकर द्विपक्षीय चर्चा हेतु बांग्लादेश का दौरा करेगा
- प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव 28 से 30 अप्रैल, 2024 तक बांग्लादेश में विभाग के 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
- इस यात्रा का उद्देश्य साल 2024-2029 की अवधि के लिए सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) – भारत और बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के नवीनीकरण के संबंध में द्विपक्षीय चर्चा करना है।
- यह यात्रा बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय के निमंत्रण पर की जा रही है। इसमें बांग्लादेश के लोक सेवकों के लिए क्षेत्रीय प्रशासन में मध्य-करियर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) और बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय ने साल 2014 से बांग्लादेश के लोक सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए द्विपक्षीय सहभागिता की थी।
- बांग्लादेश सरकार ने इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपयोगिता पर जोर दिया है और सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) और बांग्लादेश लोक प्रशासन मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के नवीनीकरण में अपनी रुचि व्यक्त की है।
- मौजूदा समझौता ज्ञापन की अवधि साल 2025 में समाप्त हो जाएगी। वहीं, इसके नवीनीकरण के बाद अगले 5 वर्षों के लिए ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे।
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