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28 दिसंबर 2022 : PIB विश्लेषण

विषय सूची:

  1. RRTS कॉरिडोर
  2. कोकिंग कोल उत्पादन बढ़ाने के लिए और ब्लॉकों की पहचान
  3. ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं – 2021’
  4. भारतीय शहरों के कायाकल्प हेतु आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की पहल

1. RRTS कॉरिडोर

प्रसंग :

ट्राई ने RRTS कॉरिडोर में ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की स्पेक्ट्रम आवश्यकताओं’ पर सिफारिशें कीं

विवरण:

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने आज ‘RRTS कॉरिडोर में ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की स्पेक्ट्रम आवश्यकताओं’ पर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।

दूरसंचार विभाग ने दिनांक 29.11.2021 के अपने पत्र के माध्यम से निम्‍न बिन्‍दुओं पर ट्राई से अपनी सिफारिशें देने को कहा था। 

  • 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में NCRTC की अलग स्पेक्ट्रम आवश्यकताओं के लिए NCRTC को स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक असाइनमेंट तथा उसकी मात्रा, मूल्य निर्धारण/चार्जिंग और किसी भी अन्य नियम एवं शर्तों पर सिफारिशें;
  • इसके लिए उपयुक्त समझी जाने वाली कोई अन्य सिफारिशें, जिनमें अखिल भारतीय स्‍तर पर अन्य RRTS/मेट्रो रेल नेटवर्क के लिए समान स्पेक्ट्रम का आबंटन शामिल है।

हितधारकों से मिली टिप्पणियों और अपने विश्लेषण के आधार पर ट्राई ने ‘आरआरटीएस गलियारों में ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की स्पेक्ट्रम आवश्यकताओं’ पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया।

इन सिफारिशों की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज (युग्म) स्पेक्ट्रम रेल पटरियों के साथ RRTS गलियारे में इस्‍तेमाल के लिए एनसीआरटीसी को दिया जाएगा। एनसीआरटीसी को दिया जाने वाला फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में भारतीय रेलवे को दिए गए फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के निकट होगा।
  • NCRTC को दिए जाने वाले फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम को अन्य आरआरटीएस/मेट्रो रेल नेटवर्क को भी दिया जा सकता है, जो भौगोलिक दृष्टि से अलग हैं और एक-दूसरे के लिए कोई हस्तक्षेप करने की संभावना नहीं है।
  • गैर-हस्तक्षेप के आधार पर दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को एक समान फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम (NCRTC तथा अन्य RRTS/मेट्रो रेल नेटवर्क को सौंपा गया) सौंपने की व्यावहारिकता का पता लगाने के लिए, दूरसंचार विभाग की देखरेख में रेल मंत्रालय तथा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को शामिल करते हुए एक फील्ड ट्रायल किया जा सकता है।
  • आरएएन साझा करने की व्यावहारिकता का पता लगाने के लिए, रेल मंत्रालय द्वारा दूरसंचार विभाग की देखरेख में आईआर और एनसीआरटीसी को शामिल करते हुए एमओसीएन के माध्यम से आरएएन साझा करने का फील्ड ट्रायल किया जा सकता है।
  • रेल नेटवर्क (CNPN-R) के लिए कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिए अनुमति/लाइसेंस की एक अलग श्रेणी बनाई जा सकती है। यद्यपि, सीएनपीएन-आर के लिए अनुमति/लाइसेंस व्यवस्था को बहुत सरल और हल्के स्‍पर्श का रखा जा सकता है।

स्पेक्ट्रम चार्जिंग व्‍यवस्‍था और भुगतान शर्तें:

  • 10 वर्ष के आबंटन के लिए नीलामी निर्धारित मूल्य संबंधी एलएसए के लिए 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड के लिए नवीनतम 2022 नीलामी में खोजे गए नीलामी निर्धारित मूल्य के 0.5 गुना (आधा गुना) के बराबर होना चाहिए।
  • संबंधित एलएसए की नीलामी निर्धारित मूल्‍य, जिसके माध्यम से आरआरटीएस/मेट्रो रेल नेटवर्क को मानक के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए, किसी विशेष एलएसए के कुल भौगोलिक क्षेत्र के सापेक्ष गलियारा क्षेत्र के लिए आनुपातिक आधार पर समायोजित किया जाना चाहिए।
  • एक स्पष्ट रोड-मैप बनाने के लिए भविष्य में स्पेक्ट्रम की आवश्यकता के मामले में अन्‍य RRTS/मेट्रो रेल नेटवर्क के साथ-साथ मौजूदा RRTS/मेट्रो रेल नेटवर्क के लिए भी एक तरह की पद्धति लागू होगी।
  • भुगतान की शर्तें लचीली होंगी, जिसमें पूर्ण अग्रिम भुगतान, आंशिक अग्रिम भुगतान के साथ-साथ समान वार्षिक किश्तों के विकल्प भी दिए जाएंगे।

2. कोकिंग कोल उत्पादन बढ़ाने के लिए और ब्लॉकों की पहचान

प्रसंग: 

कोयला मंत्रालय ने कोकिंग कोल उत्पादन बढ़ाने के लिए और ब्लॉकों की पहचान की

विवरण:

  • कोकिंग कोल उत्पादन को और बढ़ाने के लिए, कोयला मंत्रालय ने चार कोकिंग कोल ब्लॉकों की पहचान की है तथा सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (CMPDI) आने वाले महीनों में 4 से 6 नए कोकिंग कोल ब्लॉकों के लिए भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (GR) को भी अंतिम रूप प्रदान करेगा। 
  • घरेलू कच्चे कोकिंग कोयले की आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के लिए बाद के दौर में की जाने वाली नीलामी में इन ब्लॉकों की पेशकश की जा सकती है।
  • मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत किए जा रहे इन उपायों से, घरेलू कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन 2030 तक 140 मिलियन टन तक पहुंच जाने की संभावना है। 
  • कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने मौजूदा खानों से कच्चे कोकिंग कोल के उत्पादन को 26 मीट्रिक टन तक बढ़ाने की योजना बनाई है और वित्त वर्ष 2025 तक लगभग 22 मीट्रिक टन की पीक रेट क्षमता (PRC) के साथ नौ नए खदानों की पहचान की है। इसके अलावा, CIL ने बंद पड़ी कुल 30 खदानों में से आठ बंद पड़े कोकिंग कोल खदानों की पेशकश की है, जो 2 एमटी पीआरसी के साथ निजी क्षेत्र को राजस्व साझा करने के एक अभिनव मॉडल पर आधारित है।

3. ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं – 2021’

प्रसंग: 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं – 2021’

विवरण:

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021’ प्रकाशित की है। रिपोर्ट कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है। 
  • यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (APRAD) आधार परियोजना के तहत एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) द्वारा मानकीकृत प्रारूप में प्रदान किए गए कैलेंडर वर्ष के आधार पर एकत्रित राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त आंकड़ों/सूचनाओं पर आधारित है। इसमें दस खंड हैं और सड़क की लंबाई और वाहनों की संख्‍या के संदर्भ में सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित जानकारी शामिल है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं की 4,12,432 दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं, जिसमें 1,53,972 लोगों की जान गई और 3,84,448 लोग घायल हुए। पिछले वर्ष 2020 के दौरान, देश में दुर्घटनाओं, मौतों और घायलों की संख्‍या में अभूतपूर्व कमी देखी गई। 
  • यह कोविड-19 महामारी के असामान्य प्रकोप और विशेष रूप से मार्च-अप्रैल, 2020 के दौरान इसके परिणामस्वरूप कड़े राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और धीरे-धीरे अनलॉकिंग और नियंत्रण उपायों को कम करने के बाद ऐसा संभव हुआ। दुर्घटनाओं से संबंधित प्रमुख संकेतकों ने 2019 की तुलना में 2021 में बेहतर प्रदर्शन किया है। 
  • 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 8.1 प्रतिशत की और घायलों की संख्‍या में 14.8 प्रतिशत की कमी आई। हालांकि, 2019 की समान अवधि की तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • इस दिशा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक योजना लागू की है, “सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए सड़क सुरक्षा की हिमायत और पुरस्कारों के लिए वित्तीय सहायता का अनुदान”। 
  • वाहन इंजीनियरिंग की उन्नति कुशल सड़क सुरक्षा उपाय करने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है, इसलिए, वाहनों के क्रैश सेफ्टी मानदंड संशोधित किए गए हैं। ड्राइवरों की योग्‍यता और क्षमता में सुधार के लिए ड्राइवर लाइसेंसिंग और प्रशिक्षण प्रणाली को मजबूत करने के लिए मंत्रालय ड्राइविंग प्रशिक्षण और अनुसंधान (IDTR) केंद्रों के मॉडल संस्थान स्थापित कर रहा है। 
  • साथ ही, मोटर वाहन (संशोधन) कानून, 2019 के सड़क सुरक्षा मानदंडों और दिशानिर्देशों के प्रवर्तन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने, सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिक सुविधा, पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को कम करने और बिचौलियों को हटाने की उम्मीद है। 
  • मंत्रालय द्वारा देश में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए रिपोर्टिंग, प्रबंधन,दावा प्रोसेसिंग और सड़क दुर्घटनाओं के डेटा के विश्लेषण के लिए एक केन्‍द्रीय भंडार, एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (IRAD) प्रणाली विकसित की गई है।

4. भारतीय शहरों के कायाकल्प हेतु आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की पहल

प्रसंग: 

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने भारत की शहरी कायाकल्प यात्रा को अगले स्तर तक ले जाने के लिए 2 प्रमुख पहलों की शुरूआत की

विवरण:

  • प्रमुख वित्तीय मानकों में शहरी स्थानीय निकायों के शक्ति के आधार पर उनका मूल्यांकन, पहचान तथा पुरस्‍कार देने के लिए ‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग’ लॉन्‍च की गई।
  • ‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ का उद्देश्य भारत में शहरों और वार्डों द्वारा सुंदर, नवाचारी और समावेशी सार्वजनिक स्थान बनाने में किए गए परिवर्तनकारी प्रयासों को प्रोत्साहित करना और पहचानना है।

सिटी फाइनेंस रैंकिंग, 2022′ :

‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग, 2022’ का उद्देश्य भारत के शहरों (शहरी स्थानीय निकायों) का मूल्यांकन, पहचान और पुरस्‍कार, उनके वर्तमान वित्तीय स्वास्थ्य की गुणवत्ता और वित्तीय प्रदर्शन में समय के साथ सुधार के आधार पर करना है।

रैंकिंग का उद्देश्य नगरपालिका वित्त सुधारों को लागू करने के लिए शहर/राज्य के अधिकारियों तथा निर्णय लेने वालों को प्रेरित करना है। भाग लेने वाले ULBs का मूल्यांकन तीन प्रमुख नगरपालिका वित्त मूल्यांकन मानकों में 15 संकेतकों पर किया जाएगा, ये तीन प्रमुख मानक हैं – (i) संसाधन जुटाना, (ii) व्यय प्रदर्शन और (iii) राजकोषीय शासन। शहरों को निम्नलिखित चार जनसंख्या श्रेणियों में से किसी एक के अंतर्गत उनके स्कोर के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर स्‍थान दिया जाएगा: (i) 4 मिलियन से अधिक (ii) 1-4 मिलियन के बीच (iii) 100 हजार से 1 मिलियन (iv) 100,000 से कम। प्रत्येक जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष तीन शहरों को राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ प्रत्येक राज्य/राज्य क्लस्टर के भीतर मान्‍यता और पुरस्‍कार दिया जाएगा। भाग लेने वाले शहरी स्थानीय निकायों को www.cityfinance.in पर बनाई गई।

‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’

‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ का उद्देश्य भारत में शहरों और वार्डों द्वारा सुंदर, नवाचारी और समावेशी सार्वजनिक स्थान बनाने के लिए किए गए परिवर्तनकारी प्रयासों को प्रोत्साहित करना और पहचानना है।

शहरों के वार्डों और सार्वजनिक स्थानों को पांच व्यापक स्तंभों – (i) पहुंच (ii) सुविधाओं (iii) गतिविधियों (iv) सौंदर्यशास्त्र और (v) पारिस्थितिकी पर आंका जाएगा। सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन शहर स्तर पर सबसे सुंदर वार्डों और सुंदर सार्वजनिक स्थानों को सम्मानित करेगी। चयनित वार्डों को शहर और राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा, जबकि शहर स्तर पर, शहरों में सबसे सुंदर सार्वजनिक स्थानों जैसे वाटरफ्रंट, ग्रीन स्पेस, पर्यटक/विरासत स्‍थल और बाजार/वाणिज्यिक स्थानों को पहले राज्य में सम्‍मानित किया जाएगा और फिर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। आशा की जाती है कि वार्डों और शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शहरी स्थानीय निकायों को अपने बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और शहरी स्थानों को सुंदर, टिकाऊ और समावेशी भी बनाएगी।

वार्डों और शहरों की प्रविष्टियों का मूल्यांकन एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा, जिसमें शहरी नियोजन, डिजाइन, इंजीनियरिंग, संस्कृति विशेषज्ञ, पर्यावरणविद् तथा अन्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं।

 

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