विषयसूची:
1.40 हजार से अधिक अमृत सरोवर राष्ट्र को समर्पित
सामान्य अध्ययन: 2
सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप:
विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप
प्रारंभिक परीक्षा: मिशन अमृत सरोवर के बारे में
संदर्भ:
- 40 हजार से अधिक अमृत सरोवर राष्ट्र को समर्पित किए गए।
विवरण:
- ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के क्रम में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल, 2022 को मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया था, जिसका लक्ष्य देशभर के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण/कायाकल्प करना था।
- यह कार्य देश के ग्रामीण इलाकों में पानी के संकट पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
- 15 अगस्त, 2023 तक 50 हजार अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। ग्यारह महीने की छोटी सी अवधि में, अब तक, 40 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है, जो लक्ष्य के 80 प्रतिशत हिस्से के बराबर है।
- इस मिशन का केंद्रीय बिंदु ‘जन भागीदारी’ है, जिसमें हर स्तर पर लोगों की भागीदारी होती है।
- अब तक प्रत्येक अमृत सरोवर के लिए 54088 उपयोगकर्ता-समूहों का गठन किया जा चुका है। ये उपयोगकर्ता-समूह अमृत सरोवर के विकास की पूरी प्रक्रिया के दौरान हर तरह से संलग्न रहेंगे।
- अब तक, 1784 स्वतंत्रता सेनानियों, पंचायतों के 18,173 बुजुर्ग सदस्यों, स्वतंत्रता सेनानियों के 448 परिजनों, वीरगति प्राप्त सैनिकों के 684 परिजनों और 56 पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों ने इस मिशन में भागीदारी की है।
- अहम बात यह है कि मिशन अमृत सरोवर ग्रामीण आजीविका में बढ़ोतरी कर रहा है, क्योंकि पूर्ण सरोवरों को सिंचाई, मत्स्य पालन, बतख पालन, सिंघाड़े की खेती और पशुपालन जैसी विभिन्न गतिविधियों के लिए चिह्नित किया गया है।
- आज की तारीख में 66 प्रतिशत उपयोगकर्ता-समूह कृषि में, 21 प्रतिशत मत्स्यपालन, 6 प्रतिशत सिंघाड़े और कमल की खेती में और 7 प्रतिशत समूह पशुपालन में संलग्न हैं।
- इन गतिविधियों को विभिन्न उपयोगकर्ता-समूह चला रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक किसी न किसी अमृत सरोवर से जुड़ा है।
- ‘आमूल सरकार’ की सोच ही इस मिशन की आत्मा है। इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जैसे केंद्रीय मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं।
- इसके परिचालन में भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेंशंस एंड जियो-इंफॉर्मेटिक्स जैसे तकनीकी संगठन और सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सहयोग कर रहे हैं।
- इस संयुक्त कार्यप्रणाली की मुख्य बात यह है कि रेल मंत्रालय तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय खुदाई वाले स्थान की मिट्टी/मलबे को अमृत सरोवरों के सीमांकित स्थलों के आसपास अवसंरचना परियोजनाओं में इस्तेमाल कर रहे हैं।
- सार्वजनिक और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व संस्थाएं देशभर में अनेक अमृत सरोवरों के निर्माण/कायाकल्प में अहम भूमिका निभा रही हैं।
- मिशन अमृत सरोवर का यह भी लक्ष्य है कि सरोवरों का गुणवत्तापूर्ण कार्यान्वयन और विकास इस तरह किया जाए कि वे स्थानीय सामुदायिक गतिविधियों का केंद्र बन जाएँ तथा इस कार्य में विभिन्न मंत्रालयों को संलग्न किया जाए।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.‘सागर सेतु’ मोबाइल ऐप:
- नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल (मरीन) के ऐप संस्करण ‘सागर-सेतु’ का शुभारंभ किया गया।
- इस वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म नेशनल लॉजिस्टिक पोर्टल (मरीन) की परिकल्पना पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जनवरी 2023 में की गई थी। इसके दो महीने के भीतर ही ‘सागर-सेतु’ ऐप का शुभारंभ किया गया है, जो समुद्री व्यापार को बढ़ावा देगा और इससे देश की अर्थव्यवस्था में उन्नति होगी।
- इस ऐप में लॉग इन मॉड्यूल, सर्विस कैटलॉग, कॉमन एप्लिकेशन फॉर्मेट, लेटर ऑफ क्रेडिट, बैंक गारंटी, सर्टिफिकेशन और ट्रैक एंड ट्रेस आदि जैसी सुविधाओं का समावेश किया गया है।
- यह ऐप आयातक, निर्यातक और सीमा शुल्क ब्रोकर को पोत से संबंधित जानकारी, गेट, कंटेनर फ्रेट स्टेशनों और लेनदेन सहित उन गतिविधियों की वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करेगा जो आमतौर पर उनकी पहुंच के दायरे में नहीं होती हैं।
- यह आयात और निर्यात के दौरान निकासी प्रक्रिया में कंटेनर फ्रेट स्टेशन शुल्क, शिपिंग लाइन शुल्क, परिवहन शुल्क आदि जैसे आवश्यक भुगतान के लिए डिजिटल लेनदेन को भी संभव बनाता है।
- नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल (मरीन) का सागर-सेतु ऐप सभी संबद्ध हितधारकों के लिए हाथ में रखे जाने वाले उपकरण पर सभी सुविधाओं की आसान पहुंच में मदद करेगा।
- यह मोबाइल ऐप डेटा संबंधी आदान-प्रदान को इस तरह सुनिश्चित करेगा कि स्वीकृति एवं निगरानी संबंधी सूचनाएं बंदरगाह एवं मंत्रालय के अधिकारियों और हितधारकों को भी तत्काल उपलब्ध होंगी।
व्यापारियों को मिलने वाले लाभ
- स्वीकृति और अनुपालन में लगने वाले टर्नअराउंड समय में कमी के साथ उन्नत सुविधाएं।
- कामकाज और ट्रैकिंग संबंधी पारदर्शिता में वृद्धि।
सेवा प्रदाताओं को मिलने वाले लाभ
- रिकॉर्ड और पेश किए गए लेन-देन पर निगरानी रखने में मदद।
- सेवा संबंधी अनुरोधों से जुड़ी सूचना की प्राप्ति।
2.अटल नवाचार मिशन ने भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए तीन अभिनव संसाधन लॉन्च किए:
-
- अटल नवाचार मिशन (AIM), नीति आयोग ने भारत के युवाओं में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तीन नए संसाधन लॉन्च किए हैं।
- इस कार्यक्रम में अटल टिंकरिंग लैब (ATL) पाठ्यक्रम, उपकरण मैनुअल और 2023-24 के लिए गतिविधियों का कैलेंडर प्रस्तुत किया गया है।
-
- ATL टिंकरिंग पाठ्यक्रम एक पंक्तिबद्ध शिक्षण मार्ग है जिसे छात्रों को अपने नवाचार कौशल को विकसित करने और सुधारने में मदद करने के लिए तैयार किया गया है।
- इस पाठ्यक्रम को मकेरघाट के सहयोग से विकसित किया गया है। इसमें बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक्स और यांत्रिकी से लेकर 3D प्रिंटिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों तक अवधारणाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
- इस पाठ्यक्रम के साथ, छात्रों को व्यावहारिक, अनुभवजन्य शिक्षा के माध्यम से दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के रचनात्मक समाधानों की पहचान करने और डिजाइन करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- उपकरण मैनुअल देश के स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब में प्रदान किए गए उपकरणों पर व्यापक मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है।
- मैनुअल में प्रत्येक उपकरण और टूल के बारे में विस्तृत जानकारी निहित होती है, जिसमें विनिर्देशों, अनुप्रयोगों और परियोजनाओं के उदाहरण शामिल होते हैं, जिन्हें इन सबका उपयोग करके बनाया जा सकता है।
- यह नवाचार और समस्या-समाधान की संभावनाओं का पता लगाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत मूल्यवान संसाधन है।
- 2023-24 के लिए गतिविधियों का कैलेंडर छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं के एक वर्ष के कार्यक्रम को निर्दिष्ट करता है।
- कैलेंडर में नवीनतम टिंकरिंग पाठ्यक्रम और उपकरण मैनुअल को एकीकृत किया गया है।
- इसमें एक विशेष सेक्शन भी है जिसे महीने की गतिविधि कहा जाता है- जिसमें रोमांचक गतिविधियां शामिल हैं, जिन्हें छात्र हर महीने अपनी एटीएल प्रयोगशाला में कर सकते हैं।
- ये पहल भारत के युवाओं को कल के इनोवेटर्स और परिवर्तनकर्ता (चेंज-मेकर्स) बनाने के लिए आवश्यक कौशल के साथ-साथ सशक्त बनाने में भी एक लंबा रास्ता तय करेंगी।
- अटल नवाचार मिशन (AIM) एक अटल न्यू इंडिया चैलेंज है। यह नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।
31 March PIB :- Download PDF Here
सम्बंधित लिंक्स:
Comments