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छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) हर साल नवंबर – दिसंबर में राज्य सेवा परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी करता है । राज्य सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का आयोजन आमतौर पर फरवरी के महीने में जबकि मुख्य परीक्षा का आयोजन मई में किया जाता है । अभ्यर्थियों के मन में इस परीक्षा के पाठ्यक्रम से जुड़े कई सवाल होंगे । इस लेख में हम इन सवालों  का उत्तर उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे । छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा राज्य की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है । इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर आप उच्च प्रशासनिक व पुलिस पदों पर नियुक्त हो सकते हैं । सभी अन्य राज्य सेवा परीक्षा (PCS) की तरह  यह परीक्षा भी कुल 3 चरणों में आयोजित की जाती है :-1.प्रारंभिक परीक्षा, 2.मुख्य परीक्षा एवं 3.साक्षात्कार ।

इस लेख में हम अभ्यर्थियों को छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा के प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा चरण का विस्तृत पाठ्यक्रम हिंदी माध्यम में उपलब्ध करा रहे हैं  । यह लेख छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए उपयोगी होगा ।

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नोट : यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे  UPSC Prelims Syllabus in Hindi का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें, और इसके बाद ही  अपनी तैयारी की योजना बनाएं ।

राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम

प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary test) इस परीक्षा का पहला चरण है । यह महज एक ‘स्क्रीनिंग टेस्ट’ है । इसका अर्थ यह है कि इस परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम मेधा सूचि में नहीं शामिल किया जाता । प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान के वस्तुनिष्ठ प्रकार के 2 प्रश्न- पत्र होते हैं । प्रत्येक पत्र 200 अंक का होता है । प्रश्नपत्र का स्तरमान स्नातक (Graduation) स्तर का होता है । दोनों प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न) के होंगे । प्रत्येक प्रश्न के लिए चार सम्भावित उत्तर होंगे जिन्हें A,B,C और D में समूहीकृत किया जाएगा, जिनमें से एक सही उत्तर होगा । उम्मीदवार से अपेक्षा की जाती है कि वह उत्तर पुस्तिका में उसके द्वारा निर्णित सही माने गये किसी एक उत्तर पर चिह्न लगाए । प्रत्येक प्रश्नपत्र में 2- 2 अंक के 100 प्रश्न होंगे । प्रत्येक प्रश्नपत्र की समयावधि 2 घंटे होगी । प्रत्येक प्रश्न पत्र हिन्दी तथा अंग्रेजी में होगा और किसी भी शब्द / वाक्य में भाषा विवाद की स्थिति में हिन्दी भाषा में लिखे शब्द / वाक्य को आधार माना जायेगा । प्रथम पत्र सामान्य ज्ञान का जबकि द्वितीय पत्र योग्यता परिक्षण का होता है । दोनों ही प्रश्न पत्रों में उम्मीदवारों से छत्तीसगढ़ की भाषा , कला -संस्कृति , इतिहास-भूगोल एवं अन्य सामान्य जानकारियां अपेक्षित होती हैं ।

छत्तीसगढ़ राज्य सेवा (प्रा.) परीक्षा योजना  

प्रश्नपत्र विषय अधिकतम अंक समय
1 सामान्य अध्ययन  200 2 घण्टे
2 योग्यता परीक्षा  200 2 घण्टे

प्रश्नपत्र 1 सामान्य अध्ययन

(प्रश्न 100, अंक 200) 

अवधि: 2:00 घंटा 

भाग 1 तथा भाग 2 से 50-50 प्रश्न दिये जाएंगे, प्रत्येक प्रश्न 02 अंकों का होगा, प्रत्येक सही उत्तर हेतु 02 अंक दिये जायेंगे एवं प्रत्येक गलत उत्तर हेतु सही उत्तर के लिए निर्धारित अंक का 1/3 अंक काटे जायेंगे।

भाग 1 – सामान्य अध्ययन :-

  1. भारत का इतिहास एवं भारत का स्वतंत्रता आंदोलन ।
  2. भारत का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल । 
  3. भारत का संविधान एवं राज्य व्यवस्था ।
  4. भारत की अर्थव्यवस्था ।
  5. सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी । 
  6. भारतीय दर्शन, कला साहित्य एवं संस्कृति ।
  7. समसामयिक घटनाएं एवं खेल ।
  8. पर्यावरण ।

भाग 2 – छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान :-

  1. छत्तीसगढ़ का इतिहास एवं स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ का योगदान ।
  2. छत्तीसगढ़ का भूगोल, जलवायु, भौतिक दशाएं, जनगणना, पुरातात्विक एवं पर्यटन केन्द्र ।
  1. छत्तीसगढ़ का साहित्य, संगीत, नृत्य, कला एवं संस्कृति, जनऊला, मुहावरे, हाना एवं लोकोत्तियां ।
  2. छत्तीसगढ़ की जनजातियां, विशेष परंपराएं तीज एवं त्यौहार ।
  3. छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, वन एवं कृषि ।
  4. छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक ढांचा, स्थानीय शासन एवं पंचायती राज ।
  5. छत्तीसगढ़ में उद्योग, ऊर्जा, जल एवं खनिज संसाधन । 
  6. छत्तीसगढ़ की समसामयिक घटनाएं ।

प्रश्न पत्र -2

योग्यता परीक्षा (प्रश्न 100, अंक 200) 

अवधि: 2:00 घंटा 

 

प्रत्येक प्रश्न 02 अंकों का होगा, प्रत्येक सही उत्तर हेतु 02 अंक दिये जायेंगे एवं प्रत्येक गलत उत्तर हेतु सही उत्तर के लिए निर्धारित अंक का 1/3 अंक काटे जायेंगे ।

  1. संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल । 
  2. तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता ।
  3. निर्णय निर्माण और समस्या निवारण ।
  4. सामान्य मानसिक योग्यता ।
  5. मूल संख्यात्मक कार्य ( सामान्य गणितीय कौशल) (स्तर कक्षा दसवीं), आंकड़ों की व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, तालिकाएं, आंकड़ों की पर्याप्तता इत्यादि) (स्तर – कक्षा दसवीं)।
  6. हिन्दी भाषा ज्ञान (स्तर कक्षा दसवीं)।
  7. छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान।

हिन्दी भाषा ज्ञान और छत्तीसगढ़ी भाषा से संबंधित प्रश्न उसी भाषा में होंगे, इनका अनुवाद उपलब्ध नहीं होगा ।

CSAT के लिए प्रमुख किताबें 

अंकगणित  आर.एस.अग्रवाल 
तर्कशक्ति परीक्षण  आर.एस.अग्रवाल 
संख्यात्मक अभियोग्यता  आर.एस.अग्रवाल 
क्विकर मैथ (हिंदी में) एम . टायरा
सम्वाद सम्प्रेषण  एवं पारस्परिक कौशल  मनीष रंजन 
अंतर्वैयक्तिक सह-सम्प्रेषण कौशल  शीलवंत सिंह /कीर्ति रस्तोगी 
CSAT बोधगम्यता लेखांश  जे.के.चोपड़ा 
CSAT अभ्यास सेट  मधुकर कोटबे
नोट : सीसैट के दितीय प्रश्न पत्र में सामान्य बुद्धि परिक्षण एवं सामान्य गणित के प्रश्न पूछे जाते हैं जिनकी तैयारी 10वीं तक की गणित की किताबों के अध्ययन से भी की जा सकती है ।

राज्य सेवा मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम

प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मुख्य  परीक्षा के लिए बुलाया जाता है । मुख्य  परीक्षा में कुल 7  प्रश्न-पत्र होते हैं  जो वर्णनात्मक / विश्लेषणात्मक होते हैं ।  अभ्यर्थी को सभी 7  प्रश्न पत्र में उपस्थित होना अनिवार्य है ।  प्रश्नपत्र का स्तरमान सामान्यतया  स्नातक (Graduation) स्तर का होता है । सामान्य हिन्दी का स्तर उच्चतर माध्यमिक (सीनियर सैकेण्डरी) स्तर का होता है । प्रत्येक प्रश्न-पत्र के लिए  3 घण्टे का समय  होता है । तत्पश्चात मुख्य  परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है ।

छत्तीसगढ़ राज्य सेवा मुख्य परीक्षा योजना

विषय  अवधि  पूर्णांक 
प्रश्न पत्र -1 भाषा । 3 घंटे  200
प्रश्न पत्र -2 निबंध । 3 घंटे  200
प्रश्न पत्र -3 सामान्य अध्ययन -1: भारत का इतिहास,छत्तीसगढ़ का इतिहास ,संविधान एवं लोक प्रशासन । 3 घंटे  200
प्रश्न पत्र -4 सामान्य अध्ययन -2: सामान्य विज्ञान, योग्यता परीक्षण, तार्किक योग्यता एवं बुद्धिमता परीक्षण, एप्लाईड एवं व्यवहारिक विज्ञान । 3 घंटे  200
प्रश्न पत्र -5 सामान्य अध्ययन -3 : भारत एवं छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, भारत एवं छत्तीसगढ़ का भूगोल 3 घंटे  200
प्रश्न पत्र -6 सामान्य अध्ययन -4 : दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, छत्तीसगढ़ का सामाजिक परिदृश्य । 3 घंटे  200
प्रश्न पत्र -7 सामान्य अध्ययन -5: कल्याणकारी, विकासात्मक कार्यक्रम एवं कानून,अंर्तराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेल, घटनाएं एवं संगठन,अंर्तराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाएं एवं मानव विकास में उनका योगदान । 3 घंटे 200

प्रश्न पत्र-1 (भाषा)

(अंक :200, समय :3 घंटा)

भाग -1: सामान्य हिंदी

भाषा-बोध, संक्षिप्त लेखन, पर्यायवाची एवं विलोम शब्द, समोच्चरित शब्दों के अर्थ भेद, वाक्याशं के लिए एक सार्थक शब्द, संधि एवं संधि विच्छेद, सामासिक पदरचना एवं समास विग्रह तत्सम एवं तद्भव शब्द, शब्द शुद्धि, वाक्य शुद्धि, उपसर्ग एवं प्रत्यय, मुहावरें एवं लोकोक्ति (अर्थ एवं प्रयोग), पत्र लेखन । हिन्दी साहित्य के इतिहास में काल विभाजन एवं नामकरण, छत्तीसगढ़ के साहित्यकार एवं उनकी रचनाएं ।  अपठित गद्यांश, शब्द युग्म, प्रारूप लेखन, विज्ञापन, प्रपत्र, परिपत्र, पृष्ठांकन, अधिसूचना, टिप्पणी लेखन, शासकीय, अर्धशासकीय पत्र, प्रतिवेदन, पत्रकारिता, अनुवाद (हिन्दी से अंग्रेजी तथा अंग्रेजी से हिन्दी ) ।

भाग-2: General English:-

Comprehension, Precis Writing, Re arrangement and Correction of Sentences, Synonyms, Antonyms, Filling the Blanks, Correction of Spellings, Vocabulary and usage, Idioms and Phrases, Tenses, Prepositions, Active Voice and Passive voice, Parts of Speech.

भाग-3: छत्तीसगढ़ी भाषा:- 

छत्तीसगढी भाषा का ज्ञान, छत्तीसगढ़ी भाषा का विकास एवं इतिहास, छत्तीसगढ़ी भाषा का साहित्य एवं प्रमुख साहित्यकार छत्तीसगढ़ी का व्याकरण, शब्द साधन-संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, वाच्य, अव्यय (क्रिया विशेषण, संबंध बोधक, विस्मयादि बोधक) कारक, काल, लिंग, वचन, शब्द रचना की विधियों, उपसर्ग, प्रत्यय संधि (अ) हिन्दी में संधि, (ब) छत्तीसगढ़ी में संधि, समास, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास में समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, आकाशवाणी व सिनेमा की भूमिका, लोकव्यवहार में छत्तीसगढ़ी, छत्तीसगढ़ी भाषा का सामान्य परिचय- नामकरण, छत्तीसगढ़ी भाषा का परिचय, छत्तीसगढ़ी में क्रियाओं में वर्तमान, भूत तथा पूर्ण+अपूर्ण वर्तमान भविष्य काल के रूप काल लिखना- क्रिया के भूतकाल के रूप पूर्ण+अपूर्ण भूतकाल, पढ़ना-क्रिया के भविष्यकाल के रूप पूर्ण+अपूर्ण भविष्यकाल, पाद-टिप्पणी ।

प्रश्न पत्र-2 

निबंध 

(अंक : 200, समय 3 घंटा)

भाग -1 अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे :- 

अभ्यर्थी को कुल दो मुद्दे पर निबंध (कारण ,वर्तमान स्थिति आंकड़ों सहित एवं समाधान) लिखना होगा । इस भाग से 4 मुद्दे दिए जाएँगे जिनमे से दो मुद्दों पर लगभग 750-750 शब्दों में निबंध लिखना होगा । इस भाग के प्रत्येक मुद्दे हेतु अधिकतम अंक 50 होंगे ।

भाग -2 छत्तीसगढ़ राज्य स्तर के मुद्दे :- 

अभ्यर्थी को कुल दो मुद्दे पर निबंध (कारण ,वर्तमान स्थिति आंकड़ों सहित एवं समाधान) लिखना होगा । इस भाग से 4 मुद्दे दिए जाएँगे जिनमे से दो मुद्दों पर लगभग 750-750 शब्दों में निबंध लिखना होगा । इस भाग के प्रत्येक मुद्दे हेतु अधिकतम अंक 50 होंगे ।

प्रश्न पत्र -3 

सामान्य अध्ययन -1 

(अंक : 200, समय 3 घंटा)

भाग-1 भारत का इतिहास:-

प्रागैतिहासिक काल, सिंधु सभ्यता, वैदिक सभ्यता, जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म, मगध साम्राज्य का उदय, मौर्य राजनय तथा अर्थव्यवस्था, शुंग, सातवाहन काल, गुप्त साम्राज्य, गुप्त वाकाटक काल में कला, स्थापत्य, साहित्य तथा विज्ञान का विकास, दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश । मध्यकालीन भारतीय इतिहास, सल्तनत एवं मुगल काल, विजय नगर राज्य, भक्ति आन्दोलन, सूफीवाद, क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य का विकास, मराठों का अभ्युदय, यूरोपियनों का आगमन तथा ब्रिटिश सर्वोच्चता स्थापित होने के कारक, ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार युद्ध एवं कूटनीति, ग्रामीण अर्थव्यवस्था कृषि, भू-राजस्व व्यवस्था – स्थाई बंदोबस्त, रैय्यतवाड़ी, महालवाड़ी, हस्तशिल्प उद्योगों का पतन, ईस्ट इंडिया कम्पनी के रियासतों के साथ संबंध, प्रशासनिक संरचना में परिवर्तन, 1858 के पश्चात् नगरीय अर्थव्यवस्था – रेलों का विकास, औद्योगीकरण, संवैधानिक विकास । सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन – ब्रह्म समाज, आर्य समाज, प्रार्थना समाज, रामकृष्ण मिशन, राष्ट्रवाद का उदय 1857 की क्रांति, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना, बंगाल का विभाजन और स्वदेशी आन्दोलन, साम्प्रदायिकता का उदय एवं विकास, क्रांतिकारी आन्दोलन, होमरूल आन्दोलन, गांधीवादी आन्दोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, मजदूर किसान एवं आदिवासी आंदोलन, दलितों में सुधार आंदोलन, मुस्लिमों में सुधार, अलीगढ़ आंदोलन, आज़ाद हिन्द फौज, स्वतंत्रता और भारत का विभाजन, रियासतों का विलीनीकरण ।

भाग-2 संविधान एवं लोक प्रशासन:-

भारत का संविधानिक विकास (1773-1950) संविधान का निर्माण एवं मूल विशेषताएं, प्रस्तावना, संविधान की प्रकृति, मूलभूत अधिकार और कर्तव्य, राज्य नीति के निर्देशक तत्व संघीय कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका । संविधानिक उपचार का अधिकार जनहित याचिकाएं न्यायिक सक्रियता, न्यायिक पुनर्विलोकन, महान्यायवादी राज्य कार्यपालिका, व्यवस्थापिका. न्यायपालिका, महाधिवक्ता संघ राज्य संबंध- विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय अखिल भारतीय सेवाएं, संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग आपात् उपबंध, संविधानिक संशोधन, आधारभूत ढांचे की अवधारणा । छत्तीसगढ़ शासन व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका । लोक प्रशासन-अर्थ, क्षेत्र, प्रकृति और महत्व उदारीकरण के अधीन लोक प्रशासन और निजी प्रशासन नवीन लोक प्रशासन, विकास प्रशासन व तुलनात्मक लोक प्रशासन लोक प्रशासन में नए आयाम राज्य बनाम बाजार । विधि का शासन । संगठन सिद्धान्त, उपागम, संरचना । प्रबंध – नेतृत्व, नीति निर्धारण, निर्णय निर्माण । प्रशासनिक प्रबंध के उपकरण- समन्वय, प्रत्यायोजन, संचार, पर्यवेक्षण, अभिप्रेरणा । प्रशासनिक सुधार, सुशासन, ई-गवर्नेस, नौकरशाही । जिला प्रशासन । भारत में प्रशासन पर नियन्त्रण – संसदीय वित्तीय, न्यायिक एवं कार्यपालिक। लोकपाल एवं लोक आयुक्त । सूचना का अधिकार पंचायत एवं नगरपालिकाएं। संसदीय अध्यक्षात्मक, एकात्मक-संघात्मक शासन शक्ति पृथक्करण का सिद्धान्त । छत्तीसगढ़. का प्रशासनिक ढांचा ।

भाग -3 छत्तीसगढ़ का इतिहास :- 

प्रागैतिहासिक काल , छत्तीसगढ़ का इतिहास -वैदिक युग से गुप्त काल तक , प्रमुख राजवंश राजर्षि तुल्य कुल, नल शरभ पुरिय,पांडू ,सोमवंशी इत्यादि,कलचुरी एवं उनका प्रशासन ,मराठों के अधीन छत्तीसगढ़, ब्रिटिश संरक्षण में छतीसगढ़, छतीसगढ़की पूर्व रियासतें और जमींदारियां । सामंती राज ,1857 की क्रांति ,छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आन्दोलन,श्रमिक कृषक  एवं जनजातीय आन्दोलन,छतीसगढ़ राज्य का निर्माण । 

प्रश्न पत्र- 4 

सामान्य अध्ययन -2 

(अंक : 200, समय 3 घंटा)

भाग-1 सामान्य विज्ञान:-

रसायन- रासायनिक अभिक्रिया की दर एवं रासायनिक साम्य-रासायनिक अभिक्रिया की दर का प्रारंभिक ज्ञान, तीव्र एवं मंद रासायनिक अभिक्रियाएं, धातुएं- आवर्त सारिणी में धातुओं की स्थिति एवं सामान्य गुण, धातु, खनिज अयस्क खनिज एवं अयस्क में अंतर । धातुकर्म- अयस्कों का सांद्रण, निस्तापन, भर्जन, प्रगलन एवं शोधन, कॉपर एवं आयरन का धातुकर्म, धातुओं का संक्षारण, मिश्र धातुएं । अधातुएं- आवर्त सारणी में अधातुओं की स्थिति एवं सामान्य गुण, कुछ महत्वपूर्ण कार्बनिक यौगिक, कुछ सामान्य कृत्रिम बहुलक, पॉलीथीन, पाली विनाइल क्लोराइड, टेफ्लान, साबुन एवं अपमार्जक । भौतिक शास्त्र- प्रकाश प्रकाश की प्रकृति, प्रकाश का परावर्तन, परावर्तन के नियम, समतल एवं वक सतह से परावर्तन, समतल, उत्तल एवं अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब रचना, फोकस दूरी तथा वक्रता त्रिज्या में संबंध, गैसों में विद्युत विसर्जन, सूर्य में ऊर्जा उत्पत्ति के कारण, विद्युत और इसके प्रभाव-विद्युत तीव्रता, विभव- विभवान्तर विद्युत धारा, ओम का नियम, प्रतिरोध, विशिष्ट प्रतिरोध, प्रभावित करने वाले कारक प्रतिरोधों का संयोजन एवं इसके आंकिक प्रश्न, विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव, इसकी उपयोगिता, शक्ति एवं विद्युत ऊर्जा व्यय की गणना (आंकिक ) विद्युत प्रयोग में रखी जाने वाली सावधानियां, प्रकाश विद्युत प्रभाव, सोलर सेल, संरचना, P-N संधि, डायोड, जीवविज्ञान- परिवहन पौधों में जल एवं खनिज लवण का परिवहन, जन्तुओं में परिवहन ( मानव के संदर्भ में) रुधिर की संरचना तथा कार्य, हृदय की संरचना तथा कार्यविधि (प्राथमिक ज्ञान) प्रकाश संश्लेषण- परिभाषा, प्रक्रिया के प्रमुख पद प्रकाश अभिक्रिया एवं अंधकार अभिक्रिया । श्वसन – परिभाषा, श्वसन एवं श्वासोच्छवास, श्वसन के प्रकार, आक्सी श्वसन एवं अनाक्सी श्वसन, मनुष्य का श्वसन तंत्र एवं श्वसन प्रक्रिया मनुष्य का पाचन तंत्र एवं पाचन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) नियंत्रण एवं समन्वय- मनुष्य का तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क एवं मेरुरज्जू की संरचना एवं कार्य, पौधे एवं जन्तुओं में समन्वय पादप हार्मोन, अन्तःस्त्रावीग्रन्थियां हार्मोन एवं कार्य । प्रजनन एवं वृद्धि प्रजनन के प्रकार अलैंगिक प्रजनन, विखण्डन, मुकलन एवं पुनरुदभवन, कृत्रिम वर्धी प्रजनन, स्तरीकरण, कलम लगाना, ग्राफ्टिंग. अनिषेक प्रजनन, पौधों में लैंगिक प्रजनन अंग पुष्प की संरचना एवं प्रजनन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) परागण निषेचन । मानव प्रजनन तंत्र तथा प्रजनन प्रक्रिया (सामान्य जानकारी) अनुवांशिकी एवं विकास अनुवांशिकी एवं भिन्नताएं अनुवांशिकता का मूल आधार गुण सूत्र एवं DNA (प्रारंभिक (जानकारी) ।

भाग-2 योग्यता परीक्षण, तार्किक योग्यता एवं बुद्धिमता परीक्षण:- 

परिमेय संख्याओं का जोड़ना, घटाना, गुणा करना, भाग देना 2 परिमेय संख्याओं के बीच परिमेय संख्या ज्ञात करना । अनुपात एवं समानुपात- अनुपात व समानुपात की परिभाषा, योगानुपात, अंतरानुपात, एकांतरानुपात, व्युत्क्रमानुपात आदि व उनके अनुप्रयोग । वाणिज्य गणित – बैंकिंग-बचत खाता, सावधि जमा खाता एवं आवर्ति जमा खाता पर ब्याज की गणना । आयकर की गणना (केवल वेतनभोगी के लिए तथा गृह भाड़ा भत्ता को छोड़कर) गुणनखंड, लघुत्तम समापवर्तक, महत्तम समापवर्त्य । वैदिक गणित- जोड़ना, घटाना, गुणा, भाग, बीजांक से उत्तर की जांच वर्ग, वर्गमूल, घन, घनमूल, विकुलम एवं उसके अनुप्रयोग तथा बीजगणित में वैदिक गणित विधियों का प्रयोग आदि । भारतीय गणितज्ञ एवं उनका कृतित्व- आर्यभट्ट, वराह मिहिर, ब्रहमगुप्त, भास्कराचार्य, श्रीनिवास रामानुजन के संदर्भ में । गणितीय संक्रियाएं मूल संख्यात्मक कार्य (संख्या और उनके संबंध आदि, परिमाण क्रम इत्यादि), आंकड़ों की व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, तालिकाएं, आंकड़ों की पर्याप्तता इत्यादि) एवं आंकड़ों का विश्लेषण, सामान्तर माध्य माध्यिका, बहुलक, प्रायिकता, प्रायिकता के जोड़ एवं गुणा प्रमेय पर आधारित प्रश्न, व्यवहारिक गणित लाभ हानि, प्रतिशत, ब्याज एवं औसत समय, – गति, दूरी, नदी, नाव सादृश्य (संबंधात्मक) परीक्षण, विषम शब्द, शब्दों का विषम जोड़ा, सांकेतिक भाषा परीक्षण संबंधी परीक्षण, वर्णमाला परीक्षण, शब्दों का तार्किक विश्लेषण, छूटे हुए अंक या शब्द की प्रविष्टि कथन एवं कारण स्थिति प्रतिक्रिया परीक्षण, आकृति श्रेणी, तथ्यों का लुप्त होना, सामान्य मानसिक योग्यता ।

भाग-3 एप्लाईड एवं व्यवहारिक विज्ञान:-

ग्रामीण भारत में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका, कम्प्यूटर का आधारभूत ज्ञान, संचार एवं प्रसारण में कम्प्यूटर, आर्थिक वृद्धि हेतु सॉफटवेयर का विकास, आई.टी. के वृहद अनुप्रयोग । उर्जा संसाधन उर्जा की मांग, नवीनीकृत एवं अनवीनीकृत उर्जा के स्त्रोत, नाभिकीय उर्जा का देश में विकास एवं उपयोगिता । भारत में वर्तमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास, कृषि का उदभव, कृषि विज्ञान में प्रगति एवं उसके प्रभाव, भारत में फसल विज्ञान, उर्वरक कीट नियंत्रण एवं भारत में रोगों का परिदृश्य जैव विविधता एवं उसका संरक्षण- सामान्य परिचय- परिभाषा, अनुवांशिक प्रजाति एवं पारिस्थितिक तंत्रीय विविधता । भारत का जैव-भौगोलिक वर्गीकरण जैव विविधता का महत्व – विनाशकारी उपयोग उत्पादक उपयोग, सामाजिक, नैतिक, वैकल्पिक दृष्टि से महत्व विश्व स्तरीय जैव विविधता, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर की जैव विविधता भारत एक वृहद् विविधता वाले राष्ट्र के रुप में । जैव विविधता के तप्त स्थल जैव विविधता को क्षति-आवासीय, क्षति, वन्य जीवन को क्षति, मानव एवं वन्य जन्तु संघर्ष भारत की संकटापन्न (विलुप्त होती) एवं स्थानीय प्रजातियां जैव-विविधता का संरक्षण असंस्थितिक एवं संस्थितिक संरक्षण पर्यावरण प्रदूषण- कारण, प्रभाव एवं नियंत्रण के उपाय- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, समुद्री प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, तापीय प्रदूषण नाभिकीय प्रदूषण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नगरीय एवं औद्योगिक ठोस कूड़े-करकट का प्रबंधन कारण, प्रभाव एवं नियंत्रण । प्रदूषण के नियंत्रण में व्यक्ति की भूमिका ।

प्रश्न पत्र- 5

सामान्य अध्ययन -3 

(अंक : 200, समय 3 घंटा)

भाग-1 भारत एवं छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था :-

  1. राष्ट्रीय एवं प्रति व्यक्ति आय, भारतीय अर्थ व्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन (सकल घरेलू उत्पाद एवं कार्यशक्ति ) । निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों की भूमिका में परिवर्तन एवं नवीनतम योजनाओं के कुल योजनागत व्यय में उनके हिस्से । आर्थिक सुधार, निर्धनता एवं बेरोजगारी की समस्याएं, माप एवं उन्हें दूर करने के लिए किए गए उपाय । मौद्रिक नीति- भारतीय बैंकिंग एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के स्वरुप एवं उनमें 1990 के दशक से सुधार, रिजर्व बैंक के साख का नियमन सार्वजनिक राजस्व, सार्वजनिक व्यय, सार्वजनिक ऋण और राजकोषीय घाटा की संरचना और अर्थ-व्यवस्था पर उनके प्रभाव ।
  1. छ.ग. के संदर्भ में :- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग का सामाजिक पिछड़ापन, साक्षरता एवं व्यावसायिक संरचना, आय एवं रोजगार के क्षेत्रीय वितरण में परिवर्तन, महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण । बाल श्रम समस्या, ग्रामीण विकास राज्य की वित्त एवं बजटीय नीति, कर संरचना, केन्द्रीय कर में हिस्सेदारी, राजस्व एवं पूंजी खाता में व्यय संरचना, उसी प्रकार योजना एवं गैर-योजनागत व्यय, सार्वजनिक ऋण की संरचना । आन्तरिक एवं विश्व बैंक के ऋण सहित बाह्य ऋण । छत्तीसगढ़ में ग्रामीण साख के संस्थागत एवं गैर-संस्थागत स्त्रोत सहकारिता की संरचना एवं वृध्दि तथा कुल साख में उनके हिस्से पर्याप्तता एवं समस्याएं ।

भाग-2 भारत का भूगोल:-

भारत की भौतिक विशेषताये:- स्थिति एवं विस्तार, भूगर्भिक संरचना, भौतिक विभाग, अपवाह तंत्र, जलवायु मिट्टी, वनस्पति व वनों का महत्व, भारतीय वन नीति वन संरक्षण । मानवीय विशेषताये:- जनसंख्या जनगणना, जनसंख्या वृद्धि घनत्व व वितरण, जन्म दर, मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, प्रवास, साक्षरता, व्यवसायिक संरचना नगरीयकरण । कृषि -भारतीय कृषि की विशेषताएं, कृषिगत फसलें खाद्यान्न, दालें, तिलहन व अन्य फसलें उत्पादन एवं वितरण । सिंचाई के साधन व उनका महत्व, कृषि का आधुनिकीकरण भ कृषि की समस्याएं एवं नियोजन सिंचाई बहुद्देशीय परियोजनाएं । हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, नीली क्रांति खनिज संसाधन :- खनिज भंडार, खनिज उत्पादन एवं वितरण ऊर्जा संसाधनः- कोयला, पेट्रोलियम, तापीय विद्युत शक्ति, परमाणु शक्ति, ऊर्जा के गैर परम्परागत श्रोत उद्योगः- भारत में उद्योगों के विकास एवं संरचना, बड़े, मध्यम, लघु एवं लघुत्तर क्षेत्र कृषि, वन व खनिज आधारित उद्योग ।

भाग-3 छत्तीसगढ़ का भूगोल:- 

छत्तीसगढ़ की भौतिक विशेषताये :-स्थिति एवं विस्तार, भूगर्भिक संरचना, भौतिक विभाग, अपवाह तंत्र, जलवायु, मिट्टी, वनस्पति व वन्य जीवन वनों का महत्व, वन्य जीवन प्रबंध- राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण, राज्य की वन नीति, वन संरक्षण । मानवीय विशेषताये जनसंख्या- जनसंख्या वृद्धि, घनत्व व वितरण, जन्म दर मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, प्रवास, लिंगानुपात व आयु वर्ग, अनुसूचित जन जाति जनसंख्या, साक्षरता, व्यावसायिक संरचना, नगरीयकरण, परिवार कल्याण कार्यक्रम । कृषि – कृषिगत फसलें, खाद्यान्न, दालें, तिलहन व अन्य फसलें उत्पादन एवं वितरण सिंचाई के साधन व उनका महत्व, महत्त्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाएं, कृषि की समस्याएं एवं कृषकों के उत्थान के लिए राज्य की योजनाएं । खनिज संसाधन :- छत्तीसगढ़ में विभिन्न खनिजों के भंडार, खनिजों का उत्पादन एवं वितरण । ऊर्जा संसाधनः- कोयला, तापीय विद्युत शक्ति ऊर्जा के गैर परम्परागत स्त्रोत । उद्योग:- छत्तीसगढ़ में उद्योगों के विकास एवं संरचना, बड़े, मध्यम, लघु एवं लघुत्तर क्षेत्र । कृषि, वन व खनिज आधारित उद्योग । परिवहन के साधन एवं पर्यटन ।

प्रश्न पत्र- 6

सामान्य अध्ययन -4 

(अंक : 200, समय 3 घंटा)

भाग – 1 दर्शनशास्त्र :- दर्शन का स्वरूप, धर्म एवं संस्कृति से उसका सम्बन्ध, भारतीय दर्शन एवं पाश्चात्य दर्शन में अंतर, । वेद एवं उपनिषद् – ब्रह्म, आत्मा, ऋत, गीता दर्शन स्थितप्रज्ञ, स्वधर्म, कर्मयोग, चार्वाक दर्शन ज्ञानमीमांसा, तत्त्वमीमांसा, सुखवाद, . जैन दर्शन – जीव का स्वरूप, अनेकान्तवाद, स्याद्वाद, पंचमहाव्रत, बौद्ध दर्शन-प्रतीत्यसमुत्पाद, अष्टांग मार्ग, अनात्मवाद, क्षणिकवाद, सांख्य दर्शन – सत्कार्यवाद, प्रकृति एवं पुरुष का स्वरूप, विकासवाद योग दर्शन – अष्टांग योग, न्याय दर्शन प्रमा, अप्रमा, असत्कार्यवाद, वैशेषिक दर्शन – परमाणुवाद, मीमांसा दर्शन – धर्म, अपूर्व का सिद्धान्त, अद्वैत वेदान्त – ब्रह्म, माया, जगत्, मोक्ष, कौटिल्य सप्तांग सिद्धान्त, मण्डल सिद्धान्त गुरुनानक – सामाजिक नैतिक चिन्तन, गुरु घासीदास – सतनाम पंथ की विशेषताएँ, वल्लभाचार्य पुष्टिमार्ग, । स्वामी विवेकानन्द व्यावहारिक वेदान्त, सार्वभौम धर्म, श्री अरविन्द समग्र योग, अतिमानस, महात्मा गाँधी अहिंसा, – – सत्याग्रह, एकादश व्रत, भीमराव अम्बेडकर सामाजिक चिन्तन, दीनदयाल – उपाध्याय – एकात्म मानव दर्शन, प्लेटो – सद्गुण, अरस्तू – कारणता सिद्धान्त, सन्त एन्सेल्म ईश्वर सिद्धि हेतु सत्तामूलक तर्क, देकार्त – संदेह – पद्धति, मैं सोचता हूँ, इसलिए मैं हूँ, स्पिनोजा – द्रव्य, सर्वेश्वरवाद, लाइब्नीत्ज – चिदणुवाद, पूर्व स्थापित सामंजस्य का सिद्धान्त लॉक ज्ञानमीमांसा, — बर्कले – सत्ता अनुभवमूलक है, ह्यूम संदेहवाद, कांट- समीक्षावाद, हेगल,बोध एवं सत्ता, द्वन्द्वात्मक प्रत्ययवाद, ब्रेडले – प्रत्ययवाद, मूर वस्तुवाद, – – ए. जे. एयर – सत्यापन सिद्धान्त, जॉन डिवी – व्यवहारवाद, सार्त्र – अस्तित्ववाद, धर्म का अभिप्राय, धर्मदर्शन का स्वरूप, धार्मिक सहिष्णुता, पंथ निरपेक्षता, अशुभ की समस्या, नैतिक मूल्य एवं नैतिक दुविधा, प्रशासन में नैतिक तत्त्व, सत्यनिष्ठा, उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता, लोक सेवकों हेतु आचरण संहिता, भ्रष्टाचार अर्थ, प्रकार, कारण एवं प्रभाव, भ्रष्टाचार दूर – करने के उपाय, व्हिसलब्लोअर की प्रासंगिकता ।

भाग -2 समाजशास्त्र :- 

अर्थ, क्षेत्र एवं प्र.ति अध्ययन का महत्व, अन्य विज्ञानों से इसका संबंध । प्राथमिक अवधारणाएँ – समाज, समुदाय, समिति, संस्था, सामाजिक समूह, – जनरीतियाँ एवं लोकाचार । व्यक्ति एवं समाज  – सामाजिक अंतः क्रियाएँ, स्थिति एवं भूमिका, संस्कृति एवं व्यक्तित्व समाजीकरण । हिन्दु सामाजिक संगठन धर्म, आश्रम, वर्ण, पुरुषार्थ । सामाजिक स्तरीकरण – – जाति एवं वर्ग सामाजिक प्रक्रियाएँ सामाजिक अंतः क्रिया, सहयोग, संघर्ष, – प्रतिस्पर्धा । सामाजिक नियंत्रण एवं सामाजिक परिवर्तन सामाजिक – नियंत्रण के साधन एवं अभिकरण । सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रियाएं एवं कारक । भारतीय सामाजिक समस्याएं, सामाजिक विघटन, नियमहीनता, अलगाव, विषमता सामाजिक शोध एवं प्रविधियां – सामाजिक अनुसंधान का उद्देश्य, सामाजिक घटनाओं के अध्ययन में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग, वस्तुनिष्ठता की समस्या, तथ्य संकलन की प्रविधियां एवं उपकरण अवलोकन, साक्षात्कार, प्रश्नावली अनुसूची ।

भाग-3 छत्तीसगढ़ का सामाजिक परिदृश्य:-

जनजातीय समाजिक संगठन, विवाह, परिवार, गोत्र, युवा समूह, जनजातीय विकास – इतिहास, कार्यक्रम व नीतियां संवैधानिक व्यवस्था । छत्तीसगढ़ – की विशेष पिछड़ी जनजातियां, अन्य जनजातियां अनुसूचित जातियां एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियां, छत्तीसगढ़ के जनजातियों में प्रचलित प्रमुख आभूषण एवं विशेष परंपराएं जनजातीय समस्याएं पृथक्करण, प्रवासन और परसंस्कृतिकरण । छत्तीसगढ़ की लोक कला, लोकसाहित्य एवं प्रमुख लोक कलाकार, छत्तीसगढ़ी लोकगीत, लोककथा, लोक नाट्य, जनऊला, मुहावरे. हाना, लोकोत्तियाँ । छत्तीसगढ़ राज्य के साहित्य, संगीत एवं ललित कला के क्षेत्र में स्थापित संस्थाएं, उक्त क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थापित सम्मान एवं पुरस्कार । छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख मेले तथा पर्व-त्यौहार, राज्य के पुरातात्विक संरक्षित स्मारक एवं स्थल तथा उत्खनित स्थल, छ.ग. शासन द्वारा चिन्हांकित पर्यटन स्थल, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य और बस्तर के जलप्रपात एवं गुफाएं, छत्तीसगढ़ के प्रमुख संत ।

प्रश्न- पत्र 07

सामान्य अध्ययन – 5

( अंक : 200, अवधि: 3:00 घंटा )

भाग-1 कल्याणकारी, विकासात्मक कार्यक्रम एवं कानून:- 

  1. सामाजिक एवं महत्वपूर्ण विधान :- भारतीय समाज, सामाजिक बदलाव के एक साधन के रूप में सामाजिक विधान, मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993, भारतीय संविधान एवं आपराधिक विधि (दण्ड प्रक्रिया संहिता) के अंतर्गत महिलाओं को प्राप्त सुरक्षा (सीआरपीसी), घरेलू हिंसा से स्त्री का संरक्षण अधिनियम-2005, सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम् 1955, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम् 1986, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम्-2000, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम् – 1988,
  1. छ.ग. के संदर्भ में :- छ.ग. में प्रचलित विभिन्न नियम / अधिनियम एवं उनके छ.ग. के निवासियों पर कल्याणकारी एवं विकासात्मक प्रभाव ।
  1. छत्तीसगढ़ शासन की कल्याणकारी योजनाएं :- छ.ग. शासन द्वारा समय-समय पर प्रचलित कल्याणकारी, जनोपयोगी एवं महत्वपूर्ण योजनायें ।

भाग-2 अंर्तराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेल, घटनाएं एवं संगठन:- संयुक्त राष्ट्र एवं उसके सहयोगी संगठन, अंर्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक एवं एशियाई बैंक, सार्क, ब्रिक्स, अन्य द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय समूह, विश्व व्यापार संगठन एवं भारत पर इसके प्रभाव राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय खेल एवं प्रतियोगिताएं ।

भाग-3 अंर्तराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाएं एवं मानव विकास में उनका योगदान :-

कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता, भारत में मानव संसाधन की नियोजिता एवं उत्पादकता, रोजगार के विभिन्न चलन (ट्रेंडस), मानव संसाधन विकास में विभिन्न संस्थाओं, परिषदों, जैसे- उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय आयोग, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, मुक्त विश्वविद्यालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, राष्ट्रीय शिक्षा शिक्षक परिषद्, राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा परिषद्, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान, भारतीय प्रबंध संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पोलीटेक्निक एवं आई. टी. आई. आदि की भूमिका, मानव संसाधन विकास में शिक्षा एक साधन, सार्वभौमिक / समान प्रारंभिक शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता, बालिकाओं की शिक्षा से संबंधित मुद्दे, वंचित वर्ग, निःशक्त जन से संबंधित मुद्दे ।

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