निर्यात बंधु योजना की घोषणा 13 अक्टूबर 2011 को विदेश व्यापार नीति 2009- 14 के हिस्से के रूप में की गई थी । इसे विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है, जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन है । विदेश व्यापार नीति 2015-20 में इस योजना पर और जोर दिया गया । निर्यात बंधु योजना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में भारत ने 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात को पार करने का अपना महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल किया है । हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज आईएएस हिंदी ।
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निर्यात बंधु योजना का उद्देश्य
निर्यात बंधु योजना वस्तुतः ”एक ऑनलाइन प्रमाणपत्र कार्यक्रम है । यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक निर्यात- आयात व्यवसाय है । डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया “निर्यात बंधु योजना” के दोहरे उद्देश्य हैं । यह कार्यक्रम भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आई.आई.एफ.टी) के सहयोग से विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा कार्यान्वित किया जाता है ।
निर्यात बंधु योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- “नए और संभावित निर्यातकों को परामर्श, प्रशिक्षण और कार्यक्रमों के माध्यम से विदेशी व्यापार की पेचीदगियों पर सलाह देना” ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में शामिल हो सकें ।
- भारत से निर्यात को बढ़ावा देना ।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की पहली प्रक्रिया ‘आयातक- निर्यातक कोड’ प्राप्त करने में सहायता करना । हर साल, विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा लगभग 60,000 आयातक- निर्यातक कोड जारी किए जाते हैं । यदि कोई व्यक्ति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शुरू करना चाहता है, तो भारत सरकार का पहला संपर्क बिंदु (PoC) विदेश व्यापार महानिदेशक (डी.जी.एफ.टी) ही है ।
निर्यात बंधु योजना के बारे में तथ्य
- यह पहल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार उद्यमों में युवाओं के लिए एक प्रयोग है । इस योजना के तहत अधिकारी (निर्यात बंधु) परामर्श के क्षेत्र में कार्य करेंगे । इसके अलावा, डीजीएफटी के अधिकारी इच्छुक व्यक्तियों को सलाह देने के लिए अपना समय और ज्ञान समर्पित करेंगे ।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के निर्यातकों को भी इस योजना के तहत निर्देशित किया जाता है ।
- वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान 18,000 से अधिक लोगों के लिए निर्यात-आयात व्यवसाय पर अभिविन्यास सत्र आयोजित किए गए ।
- विदेश व्यापार नीति 2015-20 के हिस्से के रूप में, वाणिज्य विभाग ने “कौशल भारत” के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना पर जोर देने और इसे पुन: स्थापित करने का निर्णय लिया है ।
- निर्यात बंधु @ योर डेस्कटॉप:- “निर्यात बंधु @ योर डेस्कटॉप” निर्यात बंधु योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है । यह निर्यात-आयात व्यवसाय के लिए एक ऑनलाइन प्रमाणपत्र कार्यक्रम है, जिसकी घोषणा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सितंबर 2015 में की गई थी । विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT), नई दिल्ली के सहयोग से यह प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया है । निर्यात बंधु @ योर डेस्कटॉप का उद्देश्य उद्यमियों और निर्यातकों को सशक्त और प्रोत्साहित करना है । कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठित फैकल्टी द्वारा किया जाएगा, जिनके पास अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में विशेषज्ञता है और जो निर्यात-आयात प्रक्रियाओं, विनियमों, प्रलेखन, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क इंटरफेस, वित्तीय योजनाओं, मुद्रा प्रबंधन, जोखिम प्रबंधन आदि से अच्छी तरह परिचित हैं ।
- ऑनलाइन प्रमाणपत्र कार्यक्रम के लिए एक पोर्टल भी स्थापित किया गया है । वेबसाइट विभिन्न पाठ्यक्रमों और अन्य नवीनतम अपडेट के बारे में जानकारी प्रदान करती है । उद्यमी और व्यक्ति जो निर्यात-आयात व्यवसाय की मूल बातें सीखने में रुचि रखते हैं, कार्यक्रम के लिए नामांकन कर सकते हैं ।
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