06 जून 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: राजव्यवस्था एवं शासन:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
अर्थव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था एवं शासन:
उच्च न्यायालय की धर्मांतरण अधिकार पर की गई टिप्पणी पर प्रश्न:
विषय: भारत का संविधान-महत्वपूर्ण प्रावधान एवं बुनियादी संरचना।
मुख्य परीक्षा: धर्म परिवर्तन पर दिल्ली उच्च न्यायालय की टिप्पणी।
संदर्भ:
- दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा हाल में की गई टिप्पणियों में कहा गया हैं कि यदि धर्म परिवर्तन दवाब में नहीं किया जाता है,तो यह निषिद्ध नहीं है, एवं धर्मांतरण (proselytism) का सवाल उठाना भी संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत संरक्षित है।
- (धर्मांतरण (proselytism) का अर्थ है किसी को अपने धर्म में परिवर्तित करने के लिए प्रेरित करना है)
मामला क्या है?
- उच्च न्यायालय ने बल या धोखे से करवाए गए धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की याचिका पर सुनवाई की हैं।
- इस याचिका में कथित तौर पर वंचित लोगों, विशेष रूप से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के “सामूहिक धर्मांतरण” का आरोप लगाया गया था।
- HC ने कहा कि धर्मांतरण निषिद्ध नहीं है। भारत के नागरिक को किसी भी धर्म को मानने का अधिकार है।
- अनुच्छेद 25 (अंतरात्मा की स्वतंत्रता और स्वतंत्र पेशे, अभ्यास और धर्म का प्रचार)।
- अनुच्छेद 25 सभी नागरिकों को अंतःकरण की स्वतंत्रता, धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
- उपर्युक्त स्वतंत्रताएं सार्वजनिक व्यवस्था, स्वास्थ्य और नैतिकता के अधीन हैं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां:
- रेव स्टैनिस्लॉस बनाम मध्य प्रदेश राज्य: 1977 के फैसले में, सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की बेंच ने कहा था कि अनुच्छेद 25 में निहित ‘प्रचार’ शब्द “किसी अन्य व्यक्ति को अपने धर्म में परिवर्तित करने का अधिकार नहीं देता है, बल्कि अपने सिद्धांतों की व्याख्या करके अपने धर्म को फैलाने/प्रसार करने का अधिकार देता है”।
- संविधान पीठ ने यह भी कहा था कि “किसी व्यक्ति को अपने धर्म में परिवर्तित करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है”।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
eVTOL की स्थिति: क्या जल्द हकीकत बनेगी ?
विषय: दैनिक जीवन में विकास एवं उनके अनुप्रयोग और प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा : ईवीटीओएल ( eVTOL) क्या है?
मुख्य परीक्षा: भारत में ईवीटीओएल ( eVTOL) प्रौद्योगिकियों का विश्लेषण।
संदर्भ:
- भारत सरकार इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL) विमान के निर्माताओं को भारत में बेस स्थापित करने के लिए आमंत्रित करने पर विचार कर रही है।
ईवीटीओएल (eVTOL) क्या है?
- eVTOL एक इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL) एयरक्राफ्ट है जिसमें इलेक्ट्रिक पावर का इस्तेमाल होवर (हवा में एक स्थान पर उड़ते रहना), उड़ान भरना (take-off) और लम्बवत उतरने (land vertically) करने के लिए किया जाता।
- अधिकांश eVTOL में भी वितरित विद्युत प्रणोदन तकनीक का उपयोग किया जाता जिसका अर्थ है- एयरफ्रेम के साथ एक जटिल प्रणोदन प्रणाली को एकीकृत करना।
- इसमें विभिन्न कार्यों के लिए कई मोटर्स होते हैं जो इसकी दक्षता बढ़ाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए होते हैं।
- यह एक ऐसी तकनीक है जो मोटर, बैटरी, ईंधन सेल और इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रक प्रौद्योगिकियों में हुई प्रगति और विद्युत प्रणोदन में मिली सफलताओं के कारण विकसित हुई है, और शहरी वायु गतिशीलता (urban air mobility (UAM)) सुनिश्चित करने वाली नई वाहन प्रौद्योगिकी की आवश्यकता से भी प्रेरित है।
- इस प्रकार, eVTOL एयरोस्पेस उद्योग में नई तकनीकों से एक है।
ईवीटीओएल (eVTOL) को शसक्त बनाने के विकासक्रम:
- ईवीटीओएल (eVTOL) की भूमिकाएं बैटरी प्रौद्योगिकी और ऑनबोर्ड विद्युत शक्ति की सीमाओं पर निर्भर करती हैं।
- उड़ान के प्रमुख चरणों जैसे उड़ान भरना (take-off) ,उतरना और होवर (हवा में एक स्थान पर उड़ते रहना)(विशेष रूप से उच्च हवा की स्थिति में) के दौरान बिजली की आवश्यकता होती है।इसमें वजन भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
चुनौतियां क्या हैं?
- चूंकि अब तक की तकनीक बिना पायलट और पायलट वाले विमानों का मिश्रण है, अब इसके मुख्य फोकस बिंदुओं में “दुर्घटना निवारण प्रणाली” शामिल करना है।
- इनमें कैमरे, रडार, GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और इंफ्रारेड स्कैनर का इस्तेमाल होता है।
- इसमें शक्ति गृह या रोटर की विफलता के मामले में सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। साइबर हमले से विमानों की सुरक्षा करना इसके मुख्य फोकस क्षेत्रों में से एक है।
- तीसरा क्षेत्र नेविगेशन,उड़ान सुरक्षा एवं कठिन इलाके,असुरक्षित ऑपरेटिंग वातावरण और खराब मौसम में काम करने की प्रौद्योगिकी के उपयोग से सम्बंधित है।
ईवीटीओएल (eVTOL) प्रमाणीकरण:
- कुछ कंपनियों का उद्देश्य पश्चिमी दुनिया में नियामक एजेंसियों द्वारा दोहरा प्रमाणीकरण करना है।
- कुछ कंपनियों की अवधारणाएं ऐसी होती हैं,जिसका उद्देश्य पश्चिमी दुनिया में नियामक एजेंसियों द्वारा दोहरा प्रमाणीकरण करना होता है।
- ईवीटीओएल (eVTOL) तकनीक नई और उभरती प्रद्योगकी होने के बावजूद मौजूदा नियामक ढांचे का उपयोग करती है।
- ये परिवर्तन धीरे-धीरे होंगे और टाइप सर्टिफिकेशन के लिए आधार के रूप में पार्ट 23 फ्रेमवर्क पर इसे अपनाने वाले ईवीटीओएल (eVTOL) डेवलपर्स द्वारा इसका स्वागत किया जाएगा।
- शहरी क्षेत्रों में नियोजित संचालन, नई बैटरी प्रणालियों और स्वचालित अतिरेक के उच्च स्तर की आवश्यकता के कारण EVTOL प्रमाणन भी जटिल है।
प्रगति कैसी रही है?
- ब्लूमबर्ग के एक लेख के अनुसार, पेरिस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 2024 एक बड़ा क्षण होने की उम्मीद है। क्योंकि यात्रियों के परिवहन के लिए फ्रांस दो मार्गों पर काम कर रहा है।
- Pontoise-Cormeilles-en-Vexin हब में विमान के उतरने और उड़ान भरने के सन्दर्भ में ज़ोन का परीक्षण शोर के स्तर, मौजूदा हवाई यातायात के साथ ड्रोन और eVTOL के एकीकरण, बैटरी चार्जिंग और रखरखाव जैसे मापदंडों के आधार पर किया जा रहा है।
भारत में कैसा रहेगा?
- अभी यह हेलीकॉप्टरों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन ईवीटीओएल (eVTOL) इस क्षेत्र में भी कदम रखेंगे।
- ईवीटीओएल (eVTOL) शोर मुक्त हैं, शून्य कार्बन उत्सर्जन और अधिक किफायती हैं। बीटा प्रौद्योगिकियों और अन्य ईवा निर्माताओं को भारत में निर्माण के लिए निमंत्रण दिया गया है।
- इसके अतिरिक्त जब विमान में उड़ान भरने की बात आती है तो उनमे बहुत सारी मनोवैज्ञानिक बाधाएं होती हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
IPEF वादा करता है लेकिन इसमे जोखिम भी हैं:
विषय: भारत से जुड़े और उसके हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह के समझौते।
प्रारंभिक परीक्षा: इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) के सदस्य देश और फोकस क्षेत्र।
मुख्य परीक्षा: IPEF के संबंध में चिंताएं।
संदर्भ:
- हाल ही जो-बिडेन प्रशासन ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में समृद्धि हेतु इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) की स्थापना की है।
इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) क्या है?
- इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क एक अद्वितीय व्यापार समझौता है जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हिन्द-प्रशांत क्षेत्रों की सरकारों के बीच किया जा रहा है।
- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में 12 देशों ने इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) की शुरुआत की।
- इसकी शुरुआत के कुछ दिनों के भीतर, IPEF ने प्रशांत द्वीप के राज्यों में अपनी सदस्यता का विस्तार करते हुए फिजी को भी इस पहल में शामिल किया।
- IPEF के उद्देश्य:
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के भू-रणनीतिक प्रभाव को कम करना।
- सभी भाग लेने वाले देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लचीलापन, सतत विकास, समावेशिता, आर्थिक विस्तार, निष्पक्ष व्यवहार और प्रतिस्पर्धी भावना को बढ़ाना।
- इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (Indo-Pacific Economic Framework IPEF) के बारे में और अधिक पढ़े:
IPEF के संबंध में चिंताएं:
- ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (TPP) के साथ तुलना:IPEF और ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (TPP) दों ही आपसी रूप से तुलनात्मक है। IPEF द्वारा आर्थिक नेतृत्व तथा क्षेत्र में चीन के आधिपत्य को चुनौती देने जैसे अमेरिका की जुड़वां महत्वाकांक्षाओं से संबंधित है।
- IPEF के उद्देश्यों की अस्पष्टता: इसकी शुरूआत में, IPEF को चार स्तंभों को कवर करने वाले नियमों के विस्तृत ढांचे के रूप में अर्थात् निष्पक्ष और लचीला व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, स्वच्छ ऊर्जा डीकार्बोनाइजेशन और कर एवं भ्रष्टाचार विरोधी प्रस्तावित किया गया था। यह स्पष्ट नहीं है कि IPEF के मूल हस्ताक्षरकर्ता उन मुद्दों से पूरी तरह अवगत थे जो शुभारंभ के पहले अनावरित किए गए थे, क्योंकि किसी पूर्व चर्चा का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
- बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) का बहिष्करण:IPEF एजेंडा स्पष्ट रूप से उन मुद्दों पर केंद्रित है जिन्हें यू.एस. अपने हितों के लिए महत्वपूर्ण मानता है। इस सूची से एक उल्लेखनीय बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) है जो आम तौर पर अपने सहयोगी देशों के साथ यू.एस. के आर्थिक जुड़ाव का केंद्र बिंदु रहें है।
- मुक्त व्यापार आदर्श से “निष्पक्ष और लचीले व्यापार” की ओर परिवर्तन: “निष्पक्ष और लचीला व्यापार” को बढ़ावा देना, व्यापार पर यू.एस. के एजेंडे को परिभाषित करता है, मुक्त व्यापार की अपनी भावी सोच को आगे बढ़ाता है। इस बदलाव के पीछे का कारण यह हो सकता है कि अधिकांश IPEF हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए, आयात शुल्क में बदलाव किया गया हो।
- विकासशील देशों के लिए नियामक बाधाएं: अधिकांश विकसित देशों में नियामक सुसंगतता और नियम अक्सर व्यापार के लिए विवेकाधीन/भेदभावपूर्ण बाधाएं पैदा करते हैं और इन बाधाओं को दूर करना आमतौर पर कम विकसित देशों की क्षमता से परे है।
- विवादास्पद मुद्दे: दो विवादास्पद मुद्दे अर्थात् श्रम अधिकार और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, IPEF में विधिवत शामिल हैं।
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्यों द्वारा कई मौकों पर श्रम अधिकारों को खारिज किए जाने के बाद, व्यापार नियमों का उपयोग प्रवर्तन काफी विवादास्पद रहा है।
- पर्यावरण के संबंध में, संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) ने आगाह किया था कि “जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किए गए उपाय, मनमाने या अनुचित या अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध का साधन नहीं बनने चाहिए”।
- IPEF विश्व व्यापार संगठन और UNFCCC में इन फैसलों को रद्द करने की धमकी दे सकता है।
- डेटा पोर्टेबिलिटी: डेटा पर नियंत्रण तेजी से अर्थव्यवस्थाओं की गतिशीलता को निर्धारित करेगा इसलिए डेटा पोर्टेबिलिटी का मुद्दा IPEF ढांचे के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
Importance of the IPEF to strengthen the trade relations in the Indo-Pacific के बारे में और पढ़े:
भारत IPEF से क्या उम्मीद कर सकता है?
- IPEF का समर्थन करते हुए, प्रधान मंत्री ने इस क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं में हिस्सेदारी की भारत की आकांक्षा की बात की थी।
- डेटा स्थानीयकरण का मुद्दा: भारत सरकार ने अभी तक डेटा स्थानीयकरण के मुद्दे पर स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है। भारत के लिए मुख्य चुनौती डेटा स्थानीयकरण पर यू.एस. की एक समझौतावादी स्थिति के विपरीत दृष्टिकोण रखना है।
- श्रम अधिकारों के साथ सरोकार: भारत को कॉर्पोरेट हितों और कांग्रेस के सदस्यों, दोनों द्वारा IPEF पर वर्तमान चर्चाओं में श्रम अधिकारों को मजबूत करने पर जोर देने से बचना चाहिए।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
मोदीनॉमिक्स और फिनिश लाइन की लंबी दूरी:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं योजना, संसाधनों को जुटाना, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: विकास दर में गिरावट, उससे जुड़ी चिंताएं और सुझाव।
संदर्भ:
- हाल ही में, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने विगत वर्ष, 2020-21 की चौथी तिमाही के आंकड़ों की तुलना में 2021-22 की चौथी तिमाही की GDP विकास दर का आंकड़ा 4.1% रहा।
- 2020-21 की पहली तिमाही में, जब COVID-19 महामारी चरम पर थी तब सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर -23.8% थी।
- 2021-22 की संयुक्त अनुवर्ती और शेष तीन तिमाहियों की वार्षिक वृद्धि दर नकारात्मक थी और इस प्रकार चार तिमाहियों के वित्तीय वर्ष में, सकल घरेलू उत्पाद वार्षिक 2020-21 को -4.8% थी।
हाल के आंकड़ों से महत्वपूर्ण आकलन:
- भारतीय अर्थव्यवस्था में 2016 से विकास दर में गिरावट रही है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था विकास की हिंदू दर निम्न रही है।
- विकास की हिंदू दर को अर्थशास्त्रियों द्वारा सकल घरेलू उत्पाद में 3.5%से 4% प्रति वर्ष की विकास दर “विकास की हिंदू दर” के रूप में संदर्भित की गई थी।
- लेखक के अनुसार, सरकार की भविष्यवाणियां जैसे कि 2024-25 तक $ 5 ट्रिलियन GDP बड़े संरचनात्मक सुधारों के बिना हासिल करना असंभव था।
चिंता:
- लेखक के अनुसार, रूढ़िवादी पूर्वानुमान आर्थिक विफलता 2024 को भी अस्थिर कर सकती है। जिससे हताश राजनीतिक चरमपंथियों से लोकतंत्र को खतरा हो सकता है।
- बाजार और लोकतंत्र के बीच एक संघर्ष, जिसे हल करने की आवश्यकता है: एक फलता-फूलता और जीवंत लोकतंत्र जो अपेक्षाकृत गरीब, भ्रष्टाचारमुक्त बहुमत को वोट देने का अधिकार देता है जिससे ये अपेक्षाकृत अमीर पूंजीवादी और उद्यमी अल्पसंख्यक के खिलाफ भी कानून को प्रभावित कर सकतें है।
सुझाव:
- भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई आर्थिक नीति की आवश्यकता है जो स्पष्ट रूप से उद्देश्यो, प्राथमिकताओं, लक्ष्यों को प्राप्त करने की रणनीति एवं बुद्धिमत्ता तथा पारदर्शी संसाधन जुटाए।
- लोकतंत्र में आर्थिक सुधार चुनावी रूप से सफल हो सकते हैं यदि उन्हें इस तरह से निर्मित किया जाए कि हारने वाले चुनाव को हाईजैक न कर पाएं, जबकि असंगठित गरीब जो सुधारों का तात्कालिक लाभ नहीं प्राप्त कर पाते हैं, उनकी बेरोजगारी को कम कर तथा सरपट दौड़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर संतुष्ट किया जा सकता है।
- विनियमों का मतलब यह भी नहीं होना चाहिए कि हम सुरक्षा जाल, सकारात्मक कार्रवाई, बाजार की विफलता और एक समान अवसर निर्माण के सरकारी हस्तक्षेप को अस्वीकार करे।
- इस प्रकार, सकारात्मक कार्रवाई, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षा जाल के माध्यम से सार्वजनिक व्यवस्था और गैर-विनियमन के बीच व्यापार, वर्तमान में गरीबों की भागीदारी हेतु आवश्यक है।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. चीन अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान बनाने की राह पर :
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: तियांगोंग से सम्बंधित जानकारी।
संदर्भ:
- तीन चीनी अंतरिक्ष यात्री अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर उतरे, जो एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनने के लिए बीजिंग के अभियान में एक नया मील का पत्थर है।
तियांगोंग:
- तियांगोंग का अर्थ है “स्वर्गीय महल” (heavenly palace)।
- साल के अंत तक इसके पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है।
- चीन ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत मंगल पर रोवर उतारने के आलावा चंद्रमा पर जांच मिशन भी भेजें हैं ।
- तियांगोंग के कोर मॉड्यूल ने पिछले साल की शुरुआत में कक्षा में प्रवेश किया था और इसके कम से कम एक दशक तक संचालित होने की उम्मीद है।
2. दुनिया की पहली फिशिंग कैट जनगणना चिल्का में हुई:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण:
विषय: पर्यावरण और पारिस्थितिकी संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और निम्नीकरण, पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन।
प्रारंभिक परीक्षा: फिशिंग कैट प्रोजेक्ट (TFCP), फिशिंग कैट्स।
संदर्भ:
- चिल्का विकास प्राधिकरण (CDA) द्वारा फिशिंग कैट प्रोजेक्ट (TFCP) के सहयोग से की गई जनगणना के अनुसार, चिल्का झील में 176 फिशिंग कैट मिली हैं।
फिशिंग कैट परियोजना (The Fishing Cat Project (TFCP)):
- फिशिंग कैट प्रोजेक्ट (TFCP) मछली पकड़ने वाली बिल्लियों पर दुनिया की सबसे लंबी चलने वाली अनुसंधान और संरक्षण परियोजना है और यह 2010 से लागु है।
- यह वर्तमान में भारत के दो राज्यों – पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लागु है।
- वर्ष 2021 में, TFCP चिल्का में फिशिंग कैट के जनसंख्या अनुमान प्रोटोकॉल को नियमित करने में सहायक होगा – यह एक RAMSAR साइट और एशिया का सबसे बड़ा खारे पानी का लैगून हैं।
- फिशिंग कैट (Prionailurus viverrinus-प्रियनैलुरस विवरिनस) दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया की एक मध्यम आकार की जंगली बिल्ली है।
- भारत में, फिशिंग कैट मुख्य रूप से सुंदरबन के मैंग्रोव जंगलों, हिमालय की तलहटी, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों और पश्चिमी घाटों में पाई जाती हैं।
संरक्षण स्तर:
- IUCN लाल सूची: सुभेद्य
- CITES: परिशिष्ट II
- भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची I
- फिशिंग कैट के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:Fishing cats
- यह भारत के पूर्वी तट पर ओडिशा में स्थित है और बंगाल की खाड़ी से भूमि की एक छोटी सी पट्टी द्वारा अलग होता है।
- यह ओडिशा के खुर्दा, पुरी और गंजम जिलों में दया नदी के मुहाने तक फैली हुई है।
- चिल्का झील के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Chilika lake
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. 10% इथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य हासिल किया : PM
- भारत के प्रधान मंत्री के अनुसार, भारत ने तय समय सीमा से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
- इससे 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई और 41,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई।
- नवंबर 2022 में 10% सम्मिश्रण लक्ष्य हासिल किया जाना था।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. भारत द्वारा आयोजित संयुक्त अभ्यास के संबंध में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: (स्तर-सरल)
संयुक्त अभ्यास संबद्ध देश
- सम्प्रति बांग्लादेश
- वज्र प्रहार अमेरिका
- हैंड-इन-हैंड फ्रांस
- धर्म गार्जियन थाईलैंड
ऊपर दिए गए युग्म में से कोनसे सही सुमेलित हैं?
(a) केवल 1 युग्म
(b) केवल 2 युग्म
(c) केवल 3 युग्म
(d) उपरोक्त सभी युग्म
उत्तर: b
व्याख्या:
- संप्रति अभ्यास भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय रक्षा सहयोग अभ्यास है। अत: युग्म 1 सही है।
- वज्र प्रहार भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के विशेष बलों के बीच किया जाने वाला सैन्य अभ्यास है। अत: युग्म 2 सही है।
- हैंड इन हैंड अभ्यास एक भारत-चीन के बीच किया जाने वाला सैन्य अभ्यास है। अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच होता है। अत: युग्म 3 गलत है।
- यह भारतीय सेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस बलों के बीच एक वार्षिक अभ्यास है इसलिए जोड़ी 4 गलत है।
- अत: विकल्प B सही है।
प्रश्न 2. “फिशिंग कैट” (Fishing cat) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं? (स्तर-सरल)
- यह बहुधा दिनचर जानवर है।
- प्रारंभ में यह भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता था,लेकिन इनके निवास स्थान के विनाश एवं शिकार के कारण,वर्तमान में ये केवल भारत में ही पाए जाते (स्थानिक) है।
- यह पश्चिम बंगाल का राज्य पशु है।
विकल्प:
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) केवल 3
उत्तर: d
व्याख्या:
- फिशिंग कैट मुख्य रूप से रात में सक्रिय होती है अतः यह एक निशाचर प्राणी है। यह आमतौर पर जल निकायों के पास पाया जाता है और लंबी दूरी तक तैरने में सक्षम होता है। इसलिए कथन 1 गलत है।
- फिशिंग कैट दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में पाई जाने वाली एक मध्यम आकार की जंगली बिल्ली है। यह ज्यादातर आर्द्रभूमि, दलदल और मैंग्रोव में पाई जाती है। अतः कथन 2 गलत है।
- फिशिंग कैट पश्चिम बंगाल का राज्य पशु है। इसे IUCN रेड लिस्ट में ‘सुभेद्य ‘ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अत: कथन 3 सही है।
प्रश्न 3. संत कबीर के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं? (स्तर: मध्यम)
- ‘बीजक’ संत कबीर की प्रमुख साहित्यिक कृतियों में से एक है।
- संत कबीर के श्लोक गुरु ग्रंथ साहिब में भी मिलते हैं।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- संत कबीर दास सबसे प्रभावशाली संतों में से एक थे। वह 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि थे, जिनके लेखन ने भक्ति आंदोलन को प्रभावित किया।
- बीजक कबीर के छंदों का संकलन है। इसमें सखी, रमैनी और शब्द नामक तीन मुख्य खंड हैं।
- उनके लेखन कार्य का प्रमुख हिस्सा पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन देव द्वारा संकलित किया गया था। कबीर दास के छंद सिख धर्म के ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में पाए जाते हैं।
- अतः दोनों कथन सही हैं।
प्रश्न 4. निम्नलिखित अंतरिक्ष मिशनों/कार्यक्रमों के कौन सा युग्म एवं उनका विवरण सुमेलित हैं? (स्तर: मध्यम)
- तियांगोंग (Tiangong): चीन का अंतरिक्ष स्टेशन
- चांग’ई (Chang’e): चीन का चंद्र मिशन
- आर्टेमिस (Artemis): नासा का चंद्र मिशन
- गैया (Gaia): यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का गेलेक्टिक सर्वेयर
विकल्प:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: d
व्याख्या:
- तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन है, जिसका निर्माण चीन द्वारा पृथ्वी की निचली कक्षा में किया जा रहा है।
- चांग चीन का एक अंतरिक्ष यान मिशन है जिसका उद्देशय चन्द्रमा की सतह की त्रिविम इमेजिंग, इसकी सतह को परखना, और परीक्षण करनाहैं,जिनका उपयोग चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को चंद्रमा तक विस्तारित करने में किया जा सकता है।
- आर्टेमिस नासा द्वारा संचालित एक सतत अंतरिक्ष मिशन है जिसका लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली महिला और पहली अश्वेत अंतरिक्ष यात्री को उतारना है।
- गैया यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की एक अंतरिक्ष वेधशाला है, जिसे 2013 में लॉन्च किया गया था और इसके 2025 तक संचालित होने की उम्मीद है।
प्रश्न 5. मेघाच्छादित रात्रि में ओस का निर्माण क्यों नहीं होता हैं ? PYQ (2019) (स्तर: मध्यम)
(a) भू-पृष्ठ से मुक्त विकिरण को बादल अवशोषित कर लेते हैं।
(b) पृथ्वी के विकिरण को बादल पुनः परावर्तित कर देते हैं।
(c) मेघाच्छादित रातों में भू-पृष्ठ का तापमान कम होता है।
(d) बादल बहती हुई पवन को भूमि की ओर विक्षेपित कर देते हैं।
उत्तर: b
व्याख्या:
- ओस का निर्माण तब होता हैं जब,नमी पानी की बूंदों के रूप में ठोस वस्तुओं (सतह के ऊपर हवा में नाभिक के बजाय) की ठंडी सतहों जैसे पत्थरों, घास के ब्लेड और पौधों की पत्तियों पर जमा हो जाती है।
- जब आकाश साफ होता है और पेड़ और पौधे रात में ठंडे होते हैं, तो अधिक पानी वाष्पित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक ओस बनती है।
- हालांकि, जब आसमान में बादल छाए रहते हैं तब पेड़ और पौधे रात में ठंडे नहीं होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कम ओस बनती है।
- साफ आसमान, शांत हवा, उच्च सापेक्षिक आर्द्रता और एक ठंडी और लंबी रात इसके निर्माण के लिए आदर्श स्थितियां हैं। ओस बनने के लिए ओस बिंदु हिमांक से अधिक होना चाहिए।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नव परिकल्पित IPEF (इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी ) चीन विरोधी होने की बजाय भारतीय हित में हो। चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध)
प्रश्न 2. भारत में सीवेज निष्पादन की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करें। भारत में हम अभी भी अधिकांश सीवेज के निष्पादन में क्यों बहुत पीछे हैं ? कारण बताइये। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – सामजिक न्याय)
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