14 जून 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: भूगोल:
B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: भारतीय संविधान और राजव्यवस्था:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
HAP कृत्रिम बुद्धिमत्ता व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर पहुँचाएगा:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: क्षेत्रीय और वैश्विक समूह (G-7)।
प्रारंभिक परीक्षा: हिरोशिमा AI प्रक्रिया।
मुख्य परीक्षा: हिरोशिमा AI प्रक्रिया से संबंधित विवरण।
प्रसंग:
- जापान के हिरोशिमा में 19 से 21 मई 2023 तक वार्षिक G-7 शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ। इस शिखर सम्मेलन के दौरान हिरोशिमा AI प्रक्रिया शुरू की गई।
विवरण:
- जापान द्वारा 19 से 21 मई 2023 तक हिरोशिमा में वार्षिक G-7 शिखर सम्मेलन (G-7 summit) की मेजबानी की गई थी।
- शिखर सम्मेलन के दौरान, हिरोशिमा AI प्रक्रिया (Hiroshima AI Process (HAP)) शुरू की गई थी।
- HAP कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को विनियमित करने के लिए भावी कदम निर्धारित करने का एक प्रयास है।
- G-7 में डिजिटल और तकनीकी मंत्रियों की बैठक (अप्रैल 2023) की मंत्रिस्तरीय घोषणा में “जिम्मेदार AI” पर चर्चा की गई और यह मानव-केंद्रित एवं भरोसेमंद कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- विचार-विमर्श और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को विनियमित करने के समझौते के बावजूद, प्रत्येक देश मानव-केंद्रित और भरोसेमंद कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा दे रहा है।
यह भी पढ़ें: Artificial Intelligence [UPSC Notes GS III] – Science & Technology
हिरोशिमा कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रक्रिया:
- कई अन्य मुद्दों के बावजूद, विज्ञप्ति ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अधिक महत्व दिया। इसमें साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप समावेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता व्यवस्था और भरोसेमंद कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर चर्चा की गई।
- इसने जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अवसरों और चुनौतियों का भी जायजा लिया।
- G-7 विज्ञप्ति का उद्देश्य 2023 के अंत तक जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर चर्चा के लिए, एक समावेशी तरीके से और OECD और GPAI के सहयोग से G7 कार्य समूह के माध्यम से हिरोशिमा कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रक्रिया को स्थापित करना है।
- जिन तरीकों से HAP आगे बढ़ सकता है वे हैं:
- यह G-7 देशों को साझा मानदंडों, सिद्धांतों और मार्गदर्शक मूल्यों के आधार पर भिन्न विनियमन की ओर बढ़ने में सक्षम बना सकता है।
- इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि यह G-7 देशों के बीच अलग-अलग विचारों से अभिभूत हो सकता है और कोई सार्थक समाधान देने में विफल हो सकता है।
- यह कुछ मुद्दों पर कुछ अभिसरण और अन्य पर विचलन के साथ मिश्रित परिणाम भी दे सकता है।
AI के लिए HAP का महत्व:
- यह मूल्यों और मानदंडों को इंगित करेगा और जहां से यह अपने मार्गदर्शक सिद्धांतों को प्राप्त करेगा।
- यह स्वतंत्रता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मूल्यों के विकास और कार्यान्वयन को संरेखित करेगा।
- यह निष्पक्षता, जवाबदेही, पारदर्शिता और सुरक्षा पर भी जोर देता है।
- HAP AI विनियमन को राज्य-केंद्रित दृष्टिकोण से संबोधित नहीं करेगा और यह एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र के माध्यम से एक बहु-हितधारक दृष्टिकोण होगा।
- G-7 सदस्य देशों के बीच विचलन के कारण कृत्रिम बुद्धिमत्ता को विनियमित करना एक चुनौती है।
- ऐसा कहा जाता है कि HAP बौद्धिक संपदा अधिकार (intellectual property rights (IPR)) के समान होगा।
- HAP विभिन्न उद्देश्यों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग में ‘उचित उपयोग’ सिद्धांत की भूमिका और दायरे में अधिक स्पष्टता लाएगा।
संबद्ध चिंताएं:
- OECD देशों जैसे अन्य देशों के साथ काम करने और एक इंटरऑपरेबल कृत्रिम बुद्धिमत्ता व्यवस्था फ्रेमवर्क विकसित करने पर विज्ञप्ति का जोर यह दर्शाता है कि HAP अन्य देश समूहों की चिंताओं से प्रभावित होगा।
- इसके अलावा, जो देश G-7 का हिस्सा नहीं हैं, वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता की वैश्विक व्यवस्था को प्रभावित करना चाहेंगे। अतः वे अपनी खुद की एक प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
कनाडा के जंगलों में लगी आग के लिए आकाशीय बिजली जिम्मेदार, जिससे वैश्विक तापमान की स्थिति और बदतर हो जाएगी:
भूगोल:
विषय: महत्वपूर्ण भूभौतिकीय घटना।
प्रारंभिक परीक्षा: बिजली गिरने की घटना।
मुख्य परीक्षा: बिजली की घटना और जंगल की आग।
विवरण:
- कनाडा में जंगल की आग से निकलने वाले धुएं ने न्यूयॉर्क शहर, वाशिंगटन डीसी और उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप के अन्य हिस्सों में हवा की गुणवत्ता को प्रभावित किया है।
- कैनेडियन इंटरएजेंसी फ़ॉरेस्ट फायर सेंटर के अनुसार, कनाडा में 8 जून 2023 तक लगभग 426 स्थानों पर सक्रिय रूप से आग लगी हुई थी।
- ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा (कनाडा) में जंगल की आग अप्रैल के अंत में शुरू हुई और क्यूबेक, ओंटारियो और नोवा स्कोटिया तक फैल गई।
जंगल में आग लगने के कारण:
- इनमें से अधिकांश आग बिजली गिरने के कारण लगती है।
- इसके लिए मानवीय गतिविधियां भी जिम्मेदार हैं।
- यह भी बताया गया कि कनाडा के अटलांटिक तट पर सर्दियों में कम बर्फबारी हुई और उसके बाद असामान्य रूप से शुष्क वसंत आया।
- इसके अलावा, नोवा स्कोटिया की राजधानी हैलिफ़ैक्स में मार्च से मई 2023 के बीच केवल 120 मिमी बारिश हुई। यह इस अवधि के दौरान औसत वर्षा का एक तिहाई है।
- इसके अतिरिक्त, मई के अंत में हीट वेव्स के परिणामस्वरूप तापमान में वृद्धि हुई।
जंगल की आग – चिंता, कारण, प्रभाव और रोकथाम से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Forest Fires – Concern, Causes, Effects & Prevention
बिजली गिरने से संबंधित विवरण:
- विभिन्न अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि बिजली की विद्युत धाराएँ जो कुछ दसियों मिलीसेकंड से अधिक समय तक प्रवाहित होती हैं, दीर्घ-निरंतर धाराएँ (LCC) कहलाती हैं। वे संभावित रूप से आग पैदा कर सकती हैं।
- गर्म हवा में पानी की बूंदें और ठंडी हवा में बर्फ के क्रिस्टल आपस में मिलकर गरज वाले बादल (विशेष रूप से कपासी वर्षा मेघ) बनाते हैं।
- बादलों में ऋणात्मक और धनात्मक आवेश बनते हैं और समय के साथ वोल्टेज का अंतर अधिक हो जाता है।
- इसके बाद विद्युत आवेश तेजी से डिस्चार्ज/निर्मुक्त होता है और इसे बिजली की चमक के रूप में देखा जाता है।
- नेचर (फरवरी 2023) में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि वर्ष 2090 तक कुल वैश्विक तड़ित गतिविधि और वैश्विक LCC में वृद्धि होगी।
- एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया कि सतह के वैश्विक औसत तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के मामले में बिजली की गतिविधि में 11% प्रति KL की वृद्धि होती है।
- यह भी पाया गया है कि भूमि पर LCC बिजली की गतिविधि में लगभग 47% की वृद्धि हुई है। इसका तात्पर्य है कि भविष्य में इससे और अधिक जंगल की आग लगने की आशंका है।
- हालाँकि दुनिया के अन्य हिस्सों जैसे उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भागों, उत्तरी और दक्षिणी दक्षिण अमेरिका, स्कैंडिनेवियाई प्रायद्वीप और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में बिजली की कुल गतिविधि में कमी आएगी। विशेष रूप से, LCC बिजली की गतिविधि बढ़ सकती है।
- यह सुझाव दिया गया है कि बिजली के पैटर्न में दीर्घकालिक परिवर्तन जलवायु परिवर्तन को दर्शाते हैं।
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन बिजली को एक आवश्यक जलवायु चर मानता है।
- इसके अलावा, बिजली नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्पादन करती है जो ओजोन बनाने के लिए हवा में ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ओजोन अपने आप में एक मजबूत ग्रीनहाउस गैस है।
भारत में बिजली गिरना:
- बिजली का गिरना भारत की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा है।
- क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल के अनुसार, अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच लगभग बिजली गिरने की 18.5 मिलियन घटनाएं हुईं।
- भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे द्वारा यह बताया गया है कि 1995 के बाद से बिजली गिरने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है।
- 1972 से 2019 के बीच बिजली गिरने से करीब 90632 लोगों की मौत हुई।
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के अनुसार, 2019 में बिजली गिरने से लगभग 2875 मौतें हुईं।
- ओडिशा के नाम सभी राज्यों (स्काईमेट) के मुकाबले सबसे ज्यादा बिजली गिरने का रिकॉर्ड है।
बिजली का गिरना और जलवायु परिवर्तन: RSTV – बिग पिक्चर चर्चा: Lightning Strikes & Climate Change: RSTV – Big Picture Discussion
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
उच्च न्यायपालिका की छाया में कर कानून:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
भारतीय संविधान और राजव्यवस्था:
विषय: शक्तियों का पृथक्करण।
मुख्य परीक्षा: न्यायपालिका और विधायी जिम्मेदारियां।
भूमिका:
- भारत में कर कानून दो केंद्रीय नियमों के आधार पर बनाए गए हैं:
- एक कर केवल कानूनी प्राधिकार (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 265) से लगाया जा सकता है।
- कोई भी लेवी स्पष्ट, सुसंगत और पूर्वानुमेय होनी चाहिए। यह निश्चितता के सिद्धांत पर आधारित है।
- ये नियम कानून के शासन से उत्पन्न हुए हैं, विशेष रूप से वैधता और निश्चितता के मूल्य से।
- यह तर्क दिया जाता है कि विभिन्न मामलों में, सर्वोच्च न्यायालय ने इन प्रतिबद्धताओं को कम करके आंका है।
यह भी पढ़ें: Taxation in India – Direct taxes & Indirect Taxes, Features of Taxation System
विवरण:
- यह कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालयों के सुविचारित निर्णयों को उलट दिया है और वास्तव में उन करों को लागू कर दिया है जिनमें विधायी समर्थन की कमी है।
- उदाहरण के लिए, आईटीओ बनाम विक्रम सुजीतकुमार भाटिया मामले में, इस बात पर विचार किया गया था कि क्या आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधान (धारा 153C) का विधायी शासनादेश के अभाव में पूर्वव्यापी प्रभाव हो सकता है।
- धारा 153C उन शर्तों से संबंधित है जिसके तहत किसी व्यक्ति के परिसरों पर की गई तलाशी के परिणामस्वरूप अन्य व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही शुरू हो सकती है।
- इसने राजस्व को तीसरे पक्ष के खिलाफ एक तलाशी के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी, अगर जब्त की गई सामग्री (जैसे पैसा, बुलियन, आभूषण, या खाते) जिस व्यक्ति की तलाशी ली जा रही है, उसके आलावा “किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित है”।
- कम से कम तीन अलग-अलग उच्च न्यायालयों ने माना है कि “से संबंधित या संबंधित” को संकीर्ण रूप से समझा जाना चाहिए। इसका तात्पर्य यह है कि किसी व्यक्ति के नाम का मात्र संदर्भ आना अपने आप में कानून की संतुष्टी के लिए पर्याप्त नहीं होगा।
- नतीजतन, 2015 में कानून में संशोधन किया गया था। इसका मतलब था कि किसी तलाशी के लिए तीसरे पक्ष के खिलाफ निर्धारण किया जा सकता है, अगर जब्त की गई सामग्री (विशेष रूप से दस्तावेज और खाते) व्यक्ति से “संबंधित” है या यदि उन वस्तुओं में निहित जानकारी व्यक्ति से “संबंधित” है।
- सवाल यह था कि क्या यह संशोधन इसके अधिनियमन से पहले की गई तलाशियों पर लागू होगा।
- गुजरात उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि यह सशोधन पूर्वव्यापी नहीं हो सकता क्योंकि संशोधन धारा 153C के तहत निर्धारितियों की एक नई श्रेणी शामिल कर रहा था, जिन्हें पहले बाहर रखा गया था।
- सर्वोच्च न्यायालय ने 6 अप्रैल 2023 को इस फैसले को पलट दिया और यह तर्क दिया कि:
- यह माना जाना चाहिए कि असंशोधित प्रावधान कानून में कभी मौजूद नहीं था।
- इसके अलावा, नया कानून घोषणात्मक है और पहले के प्रावधान की व्याख्या करता है, और इसलिए यह प्रकृति में पूर्वव्यापी है।
संबद्ध चिंताएं:
- यह तर्क दिया जाता है कि न्यायालय ने यह मानते हुए कि प्रावधान पिछली तलाशियों पर लागू होगा, कानून के व्याख्याकार के रूप में नहीं बल्कि कानून के निर्माता के रूप में कार्य किया है।
- भारत संघ बनाम आशीष अग्रवाल के इसी तरह के मामले में, न्यायालय ने पुनर्मूल्यांकन के उन नोटिसों को फिर से सक्रीय कर दिया जो राजस्व विभाग द्वारा कानून की मंजूरी के बिना जारी किए गए थे।
- यह याद रखा जाना चाहिए कि यदि किसी कानून में संशोधन करना है तो यह विधायिका का एकमात्र कार्यक्षेत्र है। न्यायालय को विधायी कार्यों में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा, इन मामलों को हल करने में, सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 को लागू किया। कई बार यह तर्क दिया गया है कि इस शक्ति को वैधानिक कानून के उल्लंघन में लागू नहीं किया जाना चाहिए।
संबंधित लिंक:
Judiciary versus Legislature: Sansad TV Perspective Discussion of 06 Dec 2022
सारांश:
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भारत-कनाडा संबंधों में तनाव पर चिंतन:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय संबंध।
मुख्य परीक्षा: भारत-कनाडा संबंध।
प्रसंग:
- कनाडा के ब्रैम्पटन में 4 जून को खालिस्तानी समर्थक परेड।
भूमिका:
- कनाडा के ब्रैम्पटन में 4 जून को एक खालिस्तानी समर्थक परेड में एक झांकी दिखाई गई, जिसमें भारत में 1984 के दंगों को न भूलने का संदेश दर्शाया गया था।
विवरण:
- उपरोक्त घटना पर मीडिया के सवालों के जवाब में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने “अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा की वकालत करने वालों” के लिए कनाडा के समर्थन पर आपत्ति जताई।
- उन्होंने मानवाधिकारों के मुद्दों पर कनाडा के दोगले दृष्टिकोण और भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए कनाडा की दशकों पुरानी अवहेलना के खिलाफ बात की।
डायस्पोरा और विदेश नीति:
- सिखों सहित नृजातीय भारतीय समुदाय, कनाडा की जनसांख्यिकी और राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- भारतीय प्रवासियों ने कनाडा सहित कई देशों में राजनीतिक, वित्तीय और व्यावसायिक सफलता प्राप्त की है। इस प्रकार उनके प्रति सरकार का रवैया विदेश नीति का अंग बन गया है।
- मौजूदा व्यवस्था में डायस्पोरा न केवल गंतव्य देश के लिए बल्कि स्रोत देश के लिए भी महत्वपूर्ण हो गया है। इसका परिणाम प्रवासी राजनीति में हुआ है।
अन्य विवरण:
- एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा और इंटेलिजेंस सलाहकार की भारत पर विदेशी हस्तक्षेप के रूप में टिप्पणी तथा ईरान और रूस के साथ इसका वर्गीकरण था।
- टिप्पणी की प्रतिक्रिया के रूप में, श्री जयशंकर ने कहा कि “भारत पर कनाडा के घरेलू मामलों को प्रभावित करने का प्रयास करने का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।” प्रवासी भारतीयों के साथ राजनयिक गतिविधियों और जुड़ाव को कनाडा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं माना जाना चाहिए।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कनाडा के प्रधानमंत्री अपनी सरकार के अस्तित्व के लिए न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) पर निर्भर हैं, जो एक प्रतिबद्ध खालिस्तान समर्थक है।
- भारत-कनाडा के अच्छे संबंध बनाए रखने में यह भारत के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण है।
- इसके अलावा, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सहयोग के कई क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, कैनाबिस औषधि परियोजना।
संबंधित लिंक:
India-Canada Relations – Bilateral Ties, Political & Economic Relations | UPSC Notes
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1.संयुक्त राष्ट्र को और अधिक लोकतांत्रिक और प्रतिनिधिक होने की जरूरत: राजनाथ सिंह
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय:महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त राष्ट्र।
विवरण
- संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना (UN Peacekeeping) के 75 साल पूरे होने के मौके पर सेना ने सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र के साथ मिलकर एक सेमिनार का आयोजन किया था।
- आयोजन के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टिप्पणी की कि संयुक्त राष्ट्र और उसके निकायों को वर्तमान वास्तविकताओं को देखते हुए “अधिक लोकतांत्रिक और जिम्मेदार” बनना चाहिए।
- आगे यह भी कहा गया कि अगर भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश है और उसे UNSC में स्थायी सीट नहीं मिल रही है, तो संगठन की नैतिक वैधता कम हो जाती है।
- विशेष रूप से, भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए एक शीर्ष सैन्य-योगदान करने वाला देश है।
- भारत ने अब तक मिशनों में लगभग 2.75 लाख सैनिकों का योगदान दिया है।
- उन्होंने आगे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता के लिए अभिनव दृष्टिकोण और सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
- श्री सिंह ने शांति सैनिकों की सुरक्षा और उत्पादकता के लिए प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और संसाधनों में निवेश करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
- उन्होंने कहा कि “”जब शांति स्थिरता को बढ़ावा देती है और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करती है तो सारे विश्व का कल्याण होता है।”
- वर्तमान में, 5900 भारतीय शांति सैनिक दुनिया भर में विभिन्न शांति अभियानों पर सेवा दे रहे हैं, जिनमें “महिला दल” भी शामिल हैं।
- इस आयोजन के दौरान भारत की शांति यात्रा के एक सचित्र संकलन का भी अनावरण किया गया।
यह भी पढ़ें: The United Nations Security Council Reforms – UPSC Notes (GS II)
महत्वपूर्ण तथ्य:
- विश्व कप की विजय और द्रोणाचार्य पुरस्कार अनुभवी कोच कुमार के लिए सबसे बड़ा गौरव होगा:
- सी आर कुमार हाल ही में सलालाह (ओमान) में एशिया कप में भारतीय जूनियर पुरुष टीम के मास्टरमाइंड थे।
- वह 5 दिसंबर से 16 दिसंबर, 2023 तक कुआलालंपुर में होने वाले जूनियर पुरुष विश्व कप के लिए टीम के मुख्य कोच होंगे।
- विशेष रूप से, कुमार ने भारतीय सीनियर पुरुष और महिला टीमों को कोचिंग दी है।
- एशिया कप में मिली विजय ने कुमार को गौरव के शिखर पर पहुंचा दिया है।
- कुमार का द्रोणाचार्य पुरस्कार का सपना अधूरा है। हालांकि उनके नाम की सिफारिश 2022 में की गई थी, लेकिन उन्हें आश्चर्यजनक रूप से पुरस्कार नहीं दिया गया था।
- उन्होंने 1998 में यूट्रेक्ट विश्व कप में वी. बस्करन की सहायता करके 1998 में अपने कोचिंग करियर की शुरुआत की।
- ट्विटर के पूर्व सीईओ ने कहा कि को ट्विटर धमकियाँ दी गईं थी; केंद्र ने इसे झूठ करार दिया
- ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डॉर्सी ने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने 2020-21 में किसानों के विरोध के दौरान सरकार के आदेशों का पालन नहीं करने पर भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद करने की धमकी दी थी।
- उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने कुछ एकाउंट्स को बंद करने के लिए कहा था और इसके अलावा उनकी “संपर्क जानकारी” की भी मांग की थी।
- सरकार ने दावों का खंडन किया और इसे “सरासर झूठ” कहा है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ट्विटर ने लगातार भारतीय कानूनों का विरोध किया है। उन्होंने आगे कहा कि “एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में भारत को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों द्वारा उसके कानूनों का पालन किया जाए”।
- जैक डॉर्सी ने 2021 में ट्विटर के CEO का पद छोड़ दिया था और एलोन मस्क ने 2022 में ट्विटर को खरीद लिया था।
- विरोध के दौरान, कुछ एकाउंट्स को बंद कर दिया गया था। हालांकि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की चिंताओं के बाद ट्विटर द्वारा उन एकाउंट्स को बहाल कर दिया गया था।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कितने सत्य हैं? (स्तर- मध्यम)
- देश के पहले आपदा प्रबंधन अधिनियम (2005) में इसका जिक्र था।
- इसे पहली बार 2021 में स्थापित किया गया था।
- राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष की स्थापना केवल राज्यों के अंशदान से की जाती है।
विकल्प:
- केवल एक कथन
- केवल दो कथन
- सभी तीनों कथन
- कोई नहीं
उत्तर:b
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष आपदा प्रबंधन अधिनियम (2005) के अंतर्गत आता है।
- कथन 2 सही है: इसे पहली बार 2021 में स्थापित किया गया था।
- कथन 3 गलत है: राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष केंद्र और राज्यों दोनों के योगदान से स्थापित किए गए हैं।
प्रश्न 2. कठपुतली कला रूप और उससे संबंधित राज्य के निम्नलिखित युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं? (स्तर- कठिन)
- रावणछाया: ओडिशा
- पुतुल नाच: पश्चिम बंगाल
- थोलू बोम्मलता: आंध्र प्रदेश
- कठपुतली: राजस्थान
विकल्प:
- केवल एक कथन
- केवल दो कथन
- केवल तीन कथन
- सभी चारों
उत्तर:d
व्याख्या:
- रावणछाया: ओडिशा
- पुतुल नाच: पश्चिम बंगाल
- थोलू बोम्मलता: आंध्र प्रदेश
- कठपुतली: राजस्थान
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर- मध्यम)
- यूएसए ने 2018 में पहली बार यूनेस्को (UNESCO) को छोड़ा।
- वर्तमान में यूनेस्को का सबसे बड़ा दानदाता चीन है।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर:d
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1984 में पहली बार यूनेस्को को छोड़ दिया था। यह 2003 में यूनेस्को में फिर से शामिल हो गया।
- कथन 2 गलत है: यूनेस्को मुख्य रूप से अपने सदस्य राज्यों के अनिवार्य योगदान से वित्तपोषित है। वर्तमान में, जापान यूनेस्को का सबसे बड़ा दाता है।
प्रश्न 4. मायॉन ज्वालामुखी, जिसमें हाल ही में विस्फोट हुआ है, निम्नलिखित में से किस देश में अवस्थित है? (स्तर- सरल)
- फिलिपींस
- इंडोनेशिया
- न्यूज़ीलैंड
- टोंगा
उत्तर:a
व्याख्या:
- मायॉन ज्वालामुखी फिलीपींस के दक्षिणपूर्वी लूजोन में एक सक्रिय ज्वालामुखी है।
प्रश्न 5. ‘हरित जलवायु निधि (ग्रीन क्लाइमेट फंड)’ के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (PYQ 2015) (स्तर- मध्यम)
- यह विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का सामना करने हेतु अनुकूलन और न्यूनीकरण पद्धतियों में सहायता देने के आशय से बनी है।
- इसे UNEP, OECD, एशिया विकास बैंक और विश्व बैंक के तत्वाधान में स्थापित किया गया है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
उत्तर:a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: हरित जलवायु निधि का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए अनुकूलन और शमन प्रथाओं में विकासशील देशों की सहायता करना है।
- कथन 2 गलत है: हरित जलवायु निधि की स्थापना 2010 में UNFCCC के वित्तीय ढांचे के एक भाग के रूप में की गई थी ताकि धनी देशों से विकासशील देशों को धन मुहैया कराया जा सके ताकि उन्हें जलवायु परिवर्तन का शमन करने और इसके प्रभावों के अनुकूल बनने में मदद मिल सके।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के माध्यम से ‘पूर्ण न्याय’ सुनिश्चित करने का उद्देश्य कहीं न कहीं सरकार के अन्य अंगों पर न्यायपालिका के ‘पूर्ण प्रभुत्व’ में परिवर्तित हो गया है। क्या आप इससे सहमत हैं? समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
(250 शब्द; 15 अंक) [जीएस-2, भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था]
प्रश्न 2. कनाडा की वोट बैंक की राजनीति भारत की सहायता से चीन का मुकाबला करने की इसके दीर्घकालिक हिंद-प्रशांत विज़न को नुकसान पहुंचा सकती है। टिप्पणी कीजिए।
(250 शब्द; 15 अंक) [जीएस-2, अंतर्राष्ट्रीय संबंध]