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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 17 May, 2023 UPSC CNA in Hindi

17 मई 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वास्थ्य:

  1. जहरीली/नकली शराब से मौत क्यों होती है ?

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अर्थव्यवस्था:

  1. राजस्थान के कदम ने गिग कामगारों के लिए कुछ उम्मीद जगाई है:
  2. गिरता व्यापार:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. त्र्यंबकेश्वर मंदिर:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता को SC न्यायाधीशों के रूप में सिफारिश की:
  2. भारत डेंगू के खिलाफ अपना पहला स्वदेशी टीका विकसित करने के करीब पहुंच गया है:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

जहरीली/नकली शराब से मौत क्यों होती है ?

स्वास्थ्य:

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: जहरीली/नकली शराब से संबंधित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: जहरीली/नकली शराब के सेवन से जुड़े दुष्प्रभाव, उपलब्ध उपचार और सरकार द्वारा किए गए प्रयास।

प्रसंग:

  • हाल ही में तमिलनाडु के चेंगलपट्टू और विल्लुपुरम जिलों में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोगों का अभी भी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
  • यह घटना एक आश्चर्य के रूप में सामने आई है क्योंकि तमिलनाडु में शराब की बिक्री पूरी तरह से राज्य द्वारा नियंत्रित होती है।

शराब में अल्कोहल क्या होता है?

  • शराब को उसकी अल्कोहल सामग्री से विभेदित किया जाता है। उदाहरण के लिए, बीयर में मात्रा के हिसाब से 5% अल्कोहल होता है, वाइन में लगभग 12% और अन्य डिस्टिल्ड स्पिरिट में लगभग 40% होता है।
  • आम तौर पर, उन पेय पदार्थों में उपयोग की जाने वाली शराब जो मनोरंजक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती है वह इथेनॉल (इथाइल अल्कोहल) है।
  • इथेनॉल (C2H5OH) अणु में एक कार्बन परमाणु होता है जो तीन हाइड्रोजन परमाणुओं और एक और अन्य कार्बन परमाणु से बंधा होता है। दूसरा कार्बन परमाणु दो हाइड्रोजन परमाणुओं और हाइड्रॉक्सिल समूह से बंधा होता है जिसे OH– (ओएच-) आयन के रूप में जाना जाता है।
  • इथेनॉल एक साइकोएक्टिव ड्रग है जो शरीर में न्यूरोट्रांसमिशन के स्तर को कम करके नशीला प्रभाव पैदा करती है।
  • इथेनॉल को मानव शरीर के अंदर यकृत और आमाशय द्वारा अल्कोहल डिहाइड्रोजनेज (ADH) एंजाइम द्वारा एसीटैल्डिहाइड में चयापचित (मेटाबोलाइज़) किया जाता है।
  • बाद में एल्डिहाइड डिहाइड्रोजनेज (ALDH) एंजाइम एसीटैल्डिहाइड को एसीटेट में बदल देते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार “इसके उपभोग का कोई भी स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है”।
  • लंबे समय तक शराब की लत के परिणामस्वरूप इस पर व्यक्ति निर्भर हो सकता है, और इससे कुछ प्रकार के कैंसर और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
  • शराब पीने से प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव होते हैं जैसे हैंगओवर, साथ ही इसके कारण कुछ प्रकार के कैंसर मुख्य रूप से एसीटैल्डिहाइड के कारण होते हैं।

जहरीली/नकली शराब:

  • जहरीली शराब वे हैं जिनमें मिथेनॉल (मिथाइल अल्कोहल) होता है जिसे वुड अल्कोहल भी कहा जाता है।
  • अरक (नकली शराब) विक्रेता आमतौर पर कारखानों से औद्योगिक-ग्रेड मिथेनॉल खरीदते हैं और इसका उपयोग निम्न-श्रेणी की, देशी शराब बनाने के लिए करते हैं।
  • इस तरह के मामलों में आमतौर पर नशे के प्रभाव को मजबूत करने और / या निर्मित शराब की मात्रा बढ़ाने के लिए मिथेनॉल मिलाया जाता है।

मिथेनॉल:

  • मिथेनॉल (CH3OH) अणु में एक कार्बन परमाणु होता है जो तीन हाइड्रोजन परमाणुओं और एक हाइड्रॉक्सिल समूह से जुड़ा होता है।
  • मिथेनॉल के कई औद्योगिक अनुप्रयोग हैं।
  • इसका उपयोग एसिटिक एसिड, फॉर्मलाडिहाइड और सुगंधित हाइड्रोकार्बन के प्रीकर्सर के रूप में किया जाता है।
  • इसका उपयोग विलायक के रूप में और एंटीफ्रीज़ के रूप में भी किया जाता है।
  • मिथेनॉल आमतौर पर 50-100 एटीएम दबाव और 250 डिग्री सेल्सियस पर उत्प्रेरक के रूप में तांबे और जिंक ऑक्साइड की उपस्थिति में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन के संयोजन से निर्मित होता है।
  • पूर्व-औद्योगिक युग के दौरान, प्राचीन मिस्र में, लोग लकड़ी को बहुत अधिक तापमान पर गर्म करके मिथेनॉल का उत्पादन करते थे।

जहरीली/नकली शराब के सेवन के दुष्परिणाम:

  • नकली शराब के घातक होने का मुख्य कारण मिथेनॉल है।
  • कुछ फलों के सेवन के कारण मानव शरीर में आमतौर पर कम मात्रा में मिथेनॉल होता है। हालांकि, प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के सापेक्ष 0.1 मिलीलीटर शुद्ध मिथेनॉल से अधिक मात्रा का मनुष्यों के लिए गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव हो सकता है।
  • मिथेनॉल का सेवन करने पर यह यकृत में ADH एंजाइम द्वारा फॉर्मेल्डिहाइड (H-CHO) में चयापचित हो जाता है।
  • इसके बाद में यह ALDH एंजाइम फॉर्मलडिहाइड को फॉर्मिक एसिड (HCOOH) में बदल देते हैं।
  • फॉर्मिक एसिड का संचय मेटाबॉलिक एसिडोसिस का कारण बनता है जो आगे चलकर एसिडेमिया का कारण बन सकता है, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त का पीएच 7.35 के सामान्य मान से नीचे गिर जाता है, और रक्त तेजी से अम्लीय हो जाता है।
  • फॉर्मिक एसिड साइटोक्रोम ऑक्सीडेज नामक एंजाइम के कामकाज को भी प्रभावित कर सकता है, जो ऑक्सीजन का उपयोग करने के लिए कोशिकाओं की क्षमता को प्रभावित करता है और परिणामस्वरूप लैक्टिक एसिड का निर्माण होता है, जो एसिडोसिस में योगदान देता है।
  • विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, मिथेनॉल की खपत भी “मिथेनॉल-प्रेरित ऑप्टिक न्यूरोपैथी” का कारण बनती है।
  • यह स्थिति आगे दीर्घावधि या अपरिवर्तनीय दृश्य हानि या यहां तक कि अंधापन का कारण बन सकती है।
  • मिथेनॉल का सेवन करने वाले 50% से अधिक व्यक्तियों में नेत्र संबंधी प्रभाव देखा गया है।
  • हालाँकि यदि किसी व्यक्ति ने मिथेनॉल के साथ इथेनॉल का सेवन किया है, तो उसके स्वास्थ्य प्रभाव कुछ दिनों के बाद तक स्पष्ट नहीं होते है जिससे उपचार में देरी हो जाती है जिसके कारण इससे संबंधित मृत्यु दर बढ़ जाती है।

उपलब्ध उपचार:

  • जब मिथेनॉल का सेवन किया जाता है, तो मानव शरीर को इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है।
  • कुछ अनुमानों के अनुसार लगभग 33% मिथेनॉल 48 घंटों के बाद भी शरीर में बना रहता है।
  • मिथेनॉल पूरी तरह से जठरांत्र संबंधी मार्ग के माध्यम से अवशोषित होता है और रक्त-मिथेनॉल का स्तर केवल 90 मिनट के भीतर अपने अधिकतम वैल्यू तक पहुंच सकता है।
  • मिथेनॉल विषाक्तता को संबोधित करने के लिए दो तत्काल उपचार प्रक्रियाएं हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
    • इथेनॉल मानव शरीर में जाकर एडीएच एंजाइमों के लिए मिथेनॉल के साथ प्रतिस्पर्धा करता है। इथेनॉल शरीर में यह सुनिश्चित करता है कि मिथेनॉल को फॉर्मेल्डिहाइड में चयापचित न किया जाए।
    • “फोमेपिज़ोल” नामक एक एंटीडोट को शरीर में प्रविष्ठ करना: यह एंटीडोट एडीएच एंजाइम की क्रिया को धीमा कर देता है ताकि फॉर्मलाडेहाइड की उत्पादन दर को धीमा किया जा सके और शरीर इसका उत्सर्जन कर सके।
  • फार्मास्युटिकल-ग्रेड इथेनॉल की तुलना में फ़ोमेपिज़ोल महंगा है। हालांकि, इथेनॉल को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख की आवश्यकता होती है।
  • किडनी और रेटिना की क्षति को कम करने के लिए व्यक्तियों को रक्त से मिथेनॉल और फॉर्मिक एसिड लवण को हटाने के लिए डायलिसिस प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ सकता है।
  • फॉर्मिक एसिड को कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में विखंडित करने के लिए फोलिनिक एसिड भी दिया जा सकता है।
  • फोमेपिजोले (Fomepizole) और फोलिनीक एसिड (folinic acid) को WHO की आवश्यक दवाओं की सूची में सूचीबद्ध किया गया है।
  • अंतर्ग्रहण के लगभग 18-24 घंटों के बाद फॉर्मिक एसिड खतरनाक मात्रा में जमा होना शुरू हो गया होता हैं, जिससे ऑप्टिक तंत्रिका, वृक्क (किडनी), हृदय और मस्तिष्क प्रभावित होते हैं।

सरकार द्वारा किए गए प्रयास:

  • खाद्य सुरक्षा और मानक (अल्कोहल पेय पदार्थ) विनियम, 2018 में विभिन्न शराबों में मिथेनॉल की अधिकतम स्वीकार्य मात्रा का उल्लेख किया गया है।
  • उदाहरण के लिए, नारियल फेनी में मिथेनॉल “अनुपस्थित” होना चाहिए, देशी शराब में 50 ग्राम प्रति 100 लीटर और पॉट-डिस्टिल्ड स्पिरिट में 300 ग्राम प्रति 100 लीटर होना चाहिए।
  • मिथेनॉल को खतरनाक रासायनिक नियम, 1989 के निर्माण, भंडारण और आयात की अनुसूची I के तहत भी शामिल किया गया है।
  • भारतीय मानक IS 517 में मिथेनॉल की गुणवत्ता निर्धारित करने के तरीकों का उल्लेख किया गया है।
  • तमिलनाडु विकृतीकरण स्पिरिट, मिथाइल अल्कोहल, और वार्निश (फ्रेंच पोलिश) नियम, 1959 के साथ भारतीय मानक उस साइनेज का उल्लेख करता है जो एक मिथेनॉल पैकेजिंग में होना चाहिए।
  • तमिलनाडु में मिथेनॉल के निर्माण, निर्यात, आयात, भंडारण और बिक्री के लिए 1959 के नियमों के तहत लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission (NHRC) ) ने विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर उनसे चार सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब मांगा है।
  • इस मुद्दे पर अधिक जानकारी के लिए 30 जुलाई 2022 का यूपीएससी परीक्षा विस्तृत समाचार विश्लेषण का आलेख देखें।

सारांश:

  • विशेषज्ञों के अनुसार, 1945 के बाद से भारत और दुनिया के इतिहास में हर जहरीली त्रासदी में मिथेनॉल का जहर ही इसका कारण रहा है। इस संदर्भ में, मिथेनॉल का उपयोग करके बनाई गई नकली शराब के निर्माण और बिक्री को सीमित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय शराब नियंत्रण नीति तैयार करने की आवश्यकता है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

राजस्थान के कदम ने गिग कामगारों के लिए कुछ उम्मीद जगाई है:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और इससे जुड़े विषय।

मुख्य परीक्षा: सामाजिक सुरक्षा और गिग कामगारों पर संहिता।

प्रारंभिक परीक्षा: सामाजिक सुरक्षा संहिता।

प्रसंग:

  • राजस्थान के मुख्यमंत्री ने प्लेटफ़ॉर्म-आधारित गिग कामगार सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कोष की स्थापना की घोषणा की है।

विवरण:

  • राजस्थान सरकार ने राजस्थान प्लेटफ़ॉर्म-आधारित गिग कामगार सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कोष स्थापित करने की घोषणा की है।
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता (2020) [Code on Social Security (2020)] की शुरुआत के बाद से गिग और प्लेटफॉर्म कामगारों की सुभेद्याताओं को कम करने के लिए यह अपनी तरह का पहला नियामक कदम है।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कई राज्यों ने सामाजिक सुरक्षा संहिता लागू करने के लिए नियम पारित नहीं किए हैं।

राजस्थान प्लेटफार्म आधारित गिग कामगार कल्याण बोर्ड:

  • राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार कल्याण बोर्ड प्रौद्योगिकी-मध्यस्थ कार्यबल के कल्याण की निगरानी करने वाली एक संस्था है।
  • यह एक त्रिपक्षीय संस्था है जिसमें श्रमिक संघों, नियोक्ताओं/ग्राहकों और नौकरशाही के प्रतिनिधि शामिल हैं।
  • इस त्रिपक्षीय संबंध के लिए आवश्यक है:
    • चिंताओं और मांगों को उठाने के लिए कार्यकर्ताओं का सामूहिकीकरण।
    • नियोक्ताओं को यह स्वीकार करने के लिए बाध्य करना कि उनके संगठन में अनौपचारिक कर्मचारी हैं।
    • राज्य के लिए नियोक्ताओं और श्रमिकों के बीच संबंध स्थापित करना और मध्यस्थता करना।
  • बोर्ड का उद्देश्य राज्य में 3 से 4 लाख श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ पहुंचाना है।

यह भी पढ़ें: Gig and Platform Workers – Meaning, Significance, Legal Framework Explained

संबद्ध चिंताएं:

  • औपचारिक रोजगार में, एक अनुबंध होता है जो किसी भी अविलंबिता या विफलता के मामले में त्वरित संचार सुनिश्चित करता है। हालांकि, अनौपचारिक क्षेत्र में, लाभ देने का कोई तरीका नहीं है क्योंकि ऑन-पेपर रोजगार संबंध अनुपस्थित होते हैं।
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता राज्य श्रम मंत्रालयों को चुनने के लिए कार्यक्रमों (जैसे भविष्य निधि, रोजगार आघात लाभ, आवास, आदि) का एक संकीर्ण विकल्प प्रदान करती है।
  • केंद्र सरकार यह तय करती है कि किन राज्यों और लाभार्थियों को प्रमुख सुरक्षा योजनाओं (जैसे वृद्धावस्था सुरक्षा, मातृत्व लाभ, जीवन कवर, आदि) का लाभ मिलेंगे।
  • धन की कमी से बाधाएँ और भी बढ़ गई हैं।
    • इसे नई योजनाओं के लिए अपने राजस्व का 1% -2% साझा करने के आदेश के माध्यम से संहिता द्वारा संबोधित किया जाता है।
    • यह निर्माण श्रमिक बोर्ड की तर्ज पर है, जहां रियल एस्टेट कंपनियों से परियोजना की लागत का 1%-2% शुल्क लिया जाता है।
    • हालांकि, प्लेटफॉर्म कामगारों के लिए यह मुश्किल होगा क्योंकि कई प्लेटफॉर्म कंपनियां रेवेन्यू-नेगेटिव कंपनियों के रूप में काम करती हैं।
  • इस बात को लेकर चिंता है कि राजस्थान सरकार 200 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन कैसे करेगी।
  • इसके अलावा, प्लेटफार्मों पर वित्तीय उत्तरदायित्व आरोपित करने पर भी सवाल उठाए जाते हैं।
  • निर्माण या श्रमिक बोर्डों की अक्सर उनकी दक्षता और लाभ प्राप्त करने की भूमिका के लिए आलोचना की जाती है।
  • सामूहिकीकरण की चुनौती भी होगी क्योंकि गिग और प्लेटफॉर्म कामगार प्रति घंटा या दैनिक आधार पर काम करते हैं।
  • सामाजिक सुरक्षा संहिता गिग और प्लेटफॉर्म कामगारों के श्रम अधिकारों पर चुप है और केवल उनके काम के सुभेद्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है।
  • यह भी तर्क दिया जा रहा है कि राजस्थान सरकार ने जल्दबाजी में फैसला लिया है क्योंकि 2024 में विधानसभा चुनाव हैं।

संबंधित लिंक:

Overview of the Gig Economy in India [UPSC Notes]

सारांश:

  • राजस्थान सरकार का यह कदम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे प्लेटफ़ॉर्म कामगारों की बड़ी जीत है। हालाँकि, कुछ मुद्दे हैं जिन्हें समय पर हल करने की आवश्यकता है।

गिरता व्यापार:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और इससे जुड़े मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: भारत का घटता निर्यात।

प्रसंग:

  • अप्रैल 2023 में भारत से वस्तु निर्यात में भारी गिरावट देखी गई।

विवरण:

  • अप्रैल 2023 में वस्तु निर्यात घटकर 34.6 बिलियन डॉलर (अक्टूबर 2022 के बाद सबसे कम) रह गया। निर्यात में यह लगातार तीसरी गिरावट है।
  • इसके अलावा, आयात में लगभग 14% की कमी आई है, जो कि 15 महीने में सबसे कम ($50 बिलियन से कम) है।
    • पेट्रोलियम निर्यात 17.5% घटा।
    • आभूषण शिपमेंट 30% के निचले स्तर पर फिसल गया।
  • वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में निर्यात में गिरावट का कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी है।

संबद्ध चिंताएं:

  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि विदेश व्यापार नीति का लक्ष्य सात वर्षों में दो ट्रिलियन डॉलर का निर्यात करना है।
  • विशेषज्ञों द्वारा यह सुझाव दिया गया है कि 14.7% की स्वस्थ वृद्धि और लगभग 776 बिलियन डॉलर के कुल निर्यात को 2023-24 में दोहराया नहीं जा सकता है।
  • आयात में गिरावट घरेलू मांग में कमी का संकेत है।
  • इसके अलावा, पेट्रोलियम, रत्न और आभूषणों के निर्यात में गिरावट मूल्य वर्धित अंतिम उत्पादों के निर्यात को प्रभावित करती है।
  • आधिकारिक सुझाव है कि लड़खड़ाती वैश्विक मांग से तत्काल राहत की संभावना बहुत कम है।
    • विश्व व्यापार संगठन ने चीन द्वारा अर्थव्यवस्था को खोलने के कारण वर्ष 2023 के लिए वैश्विक व्यापार वृद्धि में वृद्धि का अनुमान लगाया है। हालांकि, चीन की वृद्धि कमजोर है।
    • सेवा निर्यात में भी हाल में व्यापार उथल-पुथल होने की आशंका है।

भावी कदम:

  • भारत को अपने समग्र व्यापार रुख और कुछ बड़े बाजारों पर निर्भरता की समीक्षा करनी चाहिए।
  • इसे वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्थाओं के साथ अधिक एकीकरण की तलाश करनी चाहिए।

संबंधित लिंक:

https://byjus.com/free-ias-prep/sansad-tv-perspective-global-economic-outlook

सारांश:

  • भारत ने अप्रैल के महीने में निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की जो वैश्विक मंदी और घटती घरेलू मांग का संकेत है। यह सुझाव दिया गया है कि भारत को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए अपनी व्यापार नीति और कुछ बड़े बाजारों पर निर्भरता की समीक्षा करनी चाहिए।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.त्र्यंबकेश्वर मंदिर:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

भारतीय विरासत और संस्कृति:

विषय: कला और संस्कृति; वास्तुकला।

प्रारंभिक परीक्षा: भारत में त्र्यंबकेश्वर मंदिर और मंदिर वास्तुकला से सम्बंधित तथ्यात्मक जानकारी।

प्रसंग

  • महाराष्ट्र सरकार ने एक हालिया घटना जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन प्रवेश करने का प्रयास किया था, की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर

  • नासिक, महाराष्ट्र में त्र्यंबकेश्वर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक का अधिष्ठापन स्थान है।
  • त्र्यंबकेश्वर गोदावरी नदी (Godavari River) के उद्गम स्थल पर स्थित है, जो प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है।
  • त्र्यंबकेश्वर शहर ब्रह्मगिरी पहाड़ी के तल पर स्थित है।
  • त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी के दौरान तीसरे पेशवा, बालाजी बाजीराव द्वारा एक पुराने मंदिर के स्थान पर किया गया था।
  • त्र्यंबकेश्वर मंदिर नागर शैली की मंदिर वास्तुकला का एक उदाहरण है और काले पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है।

अधिक जानकारी के लिए – Temple Architecture In India

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता को SC न्यायाधीशों के रूप में सिफारिश की:
  • सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने मौजूदा न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के बाद दो रिक्तियों को भरने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता के. वी. विश्वनाथन और आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है।
  • यदि सरकार द्वारा श्री विश्वनाथन के नाम को मंजूरी दे दी जाती है, तो वे न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला के उत्तराधिकारी के रूप में अगस्त 2030 में भारत के 58 वें मुख्य न्यायाधीश बनने के लिए कतार में होंगे।
  • वह सर्वोच्च न्यायालय की बेंच में सीधे पदोन्नत होने वाले नौवें वकील और CJI बनने वाले चौथे वकील बन जाएंगे।

अधिक जानकारी के लिए –Supreme Court Collegium System

यह भी पढ़ें-The working of Supreme Court collegium

  1. भारत डेंगू के खिलाफ अपना पहला स्वदेशी टीका विकसित करने के करीब पहुंच गया है:
  • भारत डेंगू (dengue) के खिलाफ अपना पहला स्वदेशी टीका विकसित करने के एक कदम और करीब आ गया है, क्योंकि दवा बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और पैनेसिया बायोटेक ने स्वदेशी निर्माताओं के लिए सहयोगी चरण 3 नैदानिक परीक्षणों हेतु भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research (ICMR)) के आह्वान पर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत की है।
  • भारतीय निर्माताओं द्वारा विकसित टेट्रावेलेंट डेंगू टीकों की प्रभावकारिता, सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता के मूल्यांकन के लिए चरण 3 के परीक्षण किए जाएंगे।
  • ICMR के अनुसार, डेंगू वायरल बीमारी देश भर में महत्वपूर्ण रुग्णता और मृत्यु दर से जुड़ी हुई है, जिसके सालाना 2 से 2.5 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं।
    • यह भी अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल लगभग 100-400 मिलियन संक्रमण होते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2019 में डेंगू की शीर्ष 10 वैश्विक स्वास्थ्य खतरों में से एक के रूप में पहचान की थी।
  • ICMR के अनुसार डेंगू के टीके की वांछनीय विशेषताओं में स्वीकार्य अल्पकालिक और दीर्घकालिक सुरक्षा प्रोफ़ाइल शामिल है, जो डेंगू के सभी चार सीरोटाइप के खिलाफ सुरक्षा को प्रेरित करती है, गंभीर बीमारियों और मौतों के जोखिम को कम करती है, जो व्यक्ति की पहले की सीरो-स्थिति और उम्र के निरपेक्ष एक निरंतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और प्रभावशीलता को प्रेरित करती है।

यह भी पढ़ें – Evolution of Dengue Virus

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-से सत्य हैं? (स्तर – कठिन)

  1. सोडियम-आयन बैटरी लिथियम-आयन बैटरी का आमतौर पर उपलब्ध कम कुशल विकल्प है।
  2. भारत में लिथियम की तुलना में सोडियम का अधिक भंडार है।
  3. भारत चीन से 70% से अधिक लिथियम-आयन बैटरी आयात करता है।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: सोडियम-आयन बैटरी लिथियम-आयन बैटरी का एक आशाजनक विकल्प है, जो वर्तमान में रिचार्जेबल बैटरी का सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला प्रकार है।
    • लिथियम की तुलना में सोडियम 500 गुना अधिक प्रचुर मात्रा में है, जो कुछ देशों में उपलब्ध है।
  • कथन 2 सही है: भारत में प्रचुर मात्रा में सोडियम स्रोत हैं, जो आगामी सोडियम आयन बैटरी सिस्टम को भारतीय संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण बना देता है।
    • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने हाल ही में घोषणा की थी कि उन्होंने जम्मू के रियासी जिले में लिथियम भंडार वाले खनिजों को ढूंढ लिया है।
    • वहीं भारत में सोडियम काफी आसानी से उपलब्ध है।
  • कथन 3 सही है: भारत अपनी लिथियम-आयन सेल आवश्यकता का लगभग 70% चीन और हांगकांग से आयात करता है।
    • भारत को दुनिया में लिथियम बैटरी के सबसे बड़े आयातकों में से एक कहा जाता है।

प्रश्न 2. जून के महीने में मानसून का मौसम आने से पहले भारत मानसून-पूर्व वर्षा का अनुभव करता है। मानसून-पूर्व वर्षा और उससे प्रभावित होने वाले राज्य/राज्यों के युग्मों में से कितने सुमेलित है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. चेरी ब्लॉसम वर्षा: मेघालय
  2. बोर्दोइसिला: असम
  3. आम्र वर्षा: केरल
  4. कॉफी वर्षा: कर्नाटक

विकल्प:

  1. केवल एक युग्म
  2. केवल दो युग्म
  3. केवल तीन युग्म
  4. सभी चारों युग्म

उत्तर: c

व्याख्या:

  • युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है: केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में चेरी ब्लॉसम वर्षा देखी जाती है।
  • युग्म 2 सही सुमेलित है: बोर्दोइसिला असमिया शब्द है जिसका अर्थ होता है मानसून-पूर्व वर्षा।
  • युग्म 3 सही सुमेलित है: आम्र वर्षा मानसून-पूर्व वर्षा है जो कर्नाटक और केरल राज्यों में सामान्यतः होती है।
  • युग्म 4 सही सुमेलित है: कर्नाटक के कॉफी उत्पादक क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन मानसून-पूर्व वर्षा को कॉफी वर्षा कहा जाता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा / से सत्य है / हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण 1974 में “ऑपरेशन शक्ति” कूट नाम से किया था।
  2. यह एक अंतर्जल (Underwater) परीक्षण था, जो अरब सागर में महाराष्ट्र के तट पर किया गया था।
  3. भारत परमाणु अप्रसार संधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 2
  3. केवल 3
  4. केवल 1 और 3

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: 1974 में किए गए भारत के पहले परमाणु परीक्षण का कूट नाम “ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा” था।
    • पोखरण-II पांच परमाणु बम परीक्षण विस्फोटों की श्रृंखला थी जो भारत द्वारा मई 1998 में भारतीय सेना के पोखरण परीक्षण रेंज में निर्दिष्ट कूट नाम ऑपरेशन शक्ति के तहत आयोजित किए गए थे।
  • कथन 2 गलत है: राजस्थान में सेना के पोखरण परीक्षण रेंज बेस में भारतीय सेना द्वारा कई प्रमुख भारतीय जनरलों की देखरेख में बम विस्फोट किया गया था।
  • कथन 3 सही है: भारत परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।

प्रश्न 4. एंडोसल्फान के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. यह एक कीटनाशक है जो तंत्रिका विषाक्तता (न्यूरोटॉक्सिसिटी) जैसी चिकित्सा स्थितियों से जुड़ा है।
  2. यह स्टॉकहोम और रॉटरडैम दोनों सम्मेलनों के अंतर्गत समाहित है।
  3. भारत में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है।

विकल्प:

  1. 1 और 2
  2. 2 और 3
  3. 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: एंडोसल्फान एक ऑर्गेनोक्लोरीन कीटनाशक और एकेरिसाइड है जिसे इसकी तीव्र तंत्रिका विषाक्तता (न्यूरोटॉक्सिसिटी) के कारण विश्व स्तर पर चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा रहा है।
  • कथन 2 सही है: एंडोसल्फान को स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम सम्मेलन के साथ-साथ पूर्व पूर्व सूचित सहमति पर रॉटरडैम सम्मेलन दोनों के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
  • कथन 3 सही है: भारत में, 2011 के सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश ने एंडोसल्फान के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रश्न 5. स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का 1929 का अधिवेशन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस अधिवेशन में (स्तर – सरल) (PYQ 2014)

  1. काँग्रेस के उद्देश्य के तौर पर स्व-शासन प्राप्ति की घोषणा की गई।
  2. काँग्रेस की लक्ष्य के तौर पर पूर्ण स्वराज प्राप्ति को स्वीकृत किया गया
  3. असहयोग आंदोलन का आरम्भ हुआ
  4. लन्दन में गोल मेज़ सम्मेलन में भागीदारी करने का निर्णय लिया गया

उत्तर: b

व्याख्या:

  • काँग्रेस का 1929 का अधिवेशन लाहौर में आयोजित किया गया था और पंडित नेहरू अधिवेशन के अध्यक्ष थे।
  • यह अधिवेशन बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि इस लाहौर अधिवेशन में प्रमुख दल भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ने पूर्ण स्वराज या पूर्ण स्वतंत्रता का संकल्प लिया था।
  • काँग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी और साथ ही काँग्रेस के अध्यक्ष ने 31 दिसंबर 1929 की आधी रात को भारी भीड़ के सामने रावी के तट पर “पूर्ण स्वतंत्रता” का झंडा फहराया।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. कई प्रयासों के बावजूद, अधिकांश भारतीय राज्यों में शराब पर प्रतिबंध लगाने में सफलता नहीं मिली है। क्या आपको लगता है कि शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की तुलना में इसे नियंत्रित करने से हमें अवैध शराब की त्रासदियों से बचने का बेहतर मौका मिलेगा? अपने उत्तर के समर्थन में कारणों का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस-2; स्वास्थ्य)

प्रश्न 2. निम्न आयात व्यापार घाटे को कम करने का एक अच्छा तरीका लग सकता है, लेकिन यह अपनी चुनौतियों के साथ आता है। विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस-3; अर्थव्यवस्था)