20 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: पर्यावरण:
राजव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 सूची:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान।
मुख्य परीक्षा: भारत द्वारा आतंकवाद-रोधी पहल।
संदर्भ:
- चीन ने एक बार फिर भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवादी संस्थाओं की सूची 1267 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्तावों पर रोक लगा दी है।
विवरण:
- चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सूची 1267 में अल कायदा और आईएसआईएस (ISIS) से संबद्ध आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष नेताओं को नामित करने के लिए भारत-अमेरिका द्वारा लाए गए दो संयुक्त प्रस्तावों पर रोक लगा दी हैं। इन नेताओं में तल्हा सईद और लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख शाहिद महमूद शामिल हैं।
- प्रस्ताव के अनुसार, तल्हा सईद और महमूद दोनों लश्कर-ए-तैयबा / जमात-उद-दावा के लिए धन जुटाने और आतंकवादियों की भर्ती के लिए वांछित थे, साथ ही यह समूह 26/11 के मुंबई हमलों और भारत में अन्य आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता हैं।
- दोनों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की “UAPA” की आतंकवादी सूची द्वारा भारत में आतंकवादी नामित किया गया है,तथा लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष नेतृत्व में उनकी भूमिका के कारण यू.एस. ट्रेजरी की सूची में भी उनका नाम शामिल है।
पृष्ठ्भूमि:
- वर्ष 2001 के बाद से चीन ने प्रमुख रूप से पाकिस्तान स्थित समूहों और उनके नेताओं से संबंधित कई लिस्टिंग प्रस्तावों पर रोक लगा दी है क्योंकि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंध हैं।
- इनमे सबसे उल्लेखनीय नाम जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर का था,जिसका इस सूची में नाम आने पर चीन को आपत्ति थी।
- चीन ने वर्ष 2009, 2010, 2016-18 में मसूद अजहर के लिए UNSC (United Nations Security Council (UNSC)) के आतंकी सूचीकरण के प्रस्तावों पर यह दावा करते हुए रोक लगाई कि उसके पास मसूद अजहर की आतंकी गतिविधियों को लेकर “अपर्याप्त सूचना” (inadequate information) है।
- मई 2019 में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पुलवामा हमलों के तीन महीने बाद आखिरकार चीन ने अपने द्वारा लगाई गई रोक वापस ले ली।
- ठीक इसी प्रकार जून 2022 से चीन ने भारत-यू.एस. के अन्य आतंकी लिस्टिंग के प्रस्ताव को भी अवरुद्ध कर रखा हैं, इन आतंकियों में लश्कर के उप प्रमुख अब्दुर रहमान मक्की और साजिद मीर के साथ-साथ जैश-ए-मोहम्मद के डिप्टी रऊफ असगर भी शामिल हैं।
“अवरुद्ध करना/ रोक देने” का क्या अर्थ है?
- 1267 समिति पहली बार वर्ष 1999 में स्थापित की गई थी और सितंबर 2001 के हमलों के बाद इसे और मजबूत किया गया था। इसे अब दाएश और अल कायदा प्रतिबंध समिति के रूप में जाना जाता है।
- इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सभी स्थायी और गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं।
- यह संयुक्त राष्ट्र के किसी भी सदस्य देश को इस समिति द्वारा अनुरक्षित एक समेकित सूची में अल कायदा और आईएसआईएस (ISIS) से संबंधित आतंकवादी या आतंकवादी समूह का नाम जोड़ने का प्रस्ताव करने में सक्षम बनाता है।
- एक बार किसी का नाम सूचीबद्ध करने का सुझाव देने के बाद, उसे “अनापत्ति” दृष्टिकोण (no objections” approach) का प्रयोग कर सूची में जोड़ा जाएगा,जिसका अर्थ है कि यदि समिति (जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों से बनी है) का कोई सदस्य देश उस पर रोक लगाता है या इसका एकमुश्त विरोध व्यक्त करता है, तो इस नाम को सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में चीन के पास वीटो पावर है और वह जब तक चाहे इस सूची पर रोक लगा सकता है।
- हालाँकि समिति को ऐसे सभी लंबित मुद्दों को छह महीने के भीतर हल करना होगा,लेकिन इसके साथ ही वे इसके विस्तार की अनुमति दे सकते हैं।
- इसका मतलब है, छह महीने की अवधि के अंत में, “प्रस्ताव को अवरुद्ध करने वाले” देश को यह तय करना होगा कि लिस्टिंग को स्वीकार करना है या उस पर स्थायी आपत्ति व्यक्त करनी है।
- भारत ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा सहित कई आतंकी संस्थाओं को सफलतापूर्वक सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव दिया है।
- इसके साथ ही चीन ने जहां कई सूचियों को ब्लॉक/अवरुद्ध किया है, वहीँ पाकिस्तान में स्थित सैकड़ों आंतकी और संस्थाएं भारत के लिए खतरा हैं।
- संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश के रूप में पाकिस्तान का दायित्व बनता है कि वह सभी नामित संस्थाओं के लिए धन, हथियार और अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा करने की उनकी एक्सेस को अवरुद्ध करे।
- यहां तक कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force – FATF) ने 2012-2015 और 2018 से फिर से आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा है।
- भारत और अमेरिका ने “सर्वाधिक वांछित” आतंकवादियों की अपनी अलग सूची बनाई है, जिनमें उन आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने पर अंततः वैश्विक सहयोग प्राप्त करने की दृष्टि से उनके खिलाफ दर्ज मामलों का दस्तावेजीकरण किया गया है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 से संबंधित:
पर्यावरण:
जलवायु कार्रवाई के लिए एक नई शुरुआत:
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट।
प्रारंभिक परीक्षा: LiFE पहल के बारे में।
मुख्य परीक्षा: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए भारत द्वारा की गई LiFE पहल और विभिन्न अन्य पहलों का महत्व।
संदर्भ
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की मानव विकास रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार, पिछले दो वर्षों में अधिकांश देशों में वैश्विक मानव विकास उपायों में कमी आई है।
पृष्टभूमि
- मानव विकास सूचकांकों में गिरावट कोविड-19 महामारी के बाद की कमजोर रिकवरी, रूस-यूक्रेन युद्ध कारण उत्पन्न ऊर्जा, खाद्य और रहन-सहन लागत के गंभीर संकट तथा जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता के संकट की पृष्ठभूमि में आई है।
- अब तक के सबसे गर्म वर्षों में से नौ केवल पिछले 10 वर्षों (2013 और 2021 के बीच के वर्षों) में दर्ज किए गए हैं। साथ ही, चालू वर्ष (2022) में ग्रीष्म लहरों, बाढ़, सूखे और अन्य आपदाओं की घटनाएँ रिकॉर्ड स्तर पर देखी गई हैं।
- पेरिस समझौते और ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन के मामले में देखे गए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए तत्काल और सामूहिक प्रयास करने वाले देशों के बावजूद, वर्तमान में जो प्रतिबद्धताएं हैं, वे 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य से नीचे वार्मिंग को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
- इस संदर्भ में, नवंबर 2021 में भारत के प्रधान मंत्री द्वारा COP26 में घोषित LIFE, या पर्यावरण के लिए जीवन शैली, एक नया दृष्टिकोण लाती है।
जीवन या पर्यावरण के लिए जीवन शैली पहल और इसका महत्व
- जलवायु परिवर्तन को जीवन से बड़ी समस्या मानने के बजाय, LIFE पहल स्वीकार करती है कि छोटे व्यक्तिगत कदम जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।
- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LiFE) पहल सकारात्मक बदलाव लाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करने के उद्देश्यों को कायम रखती है।
- LiFE आंदोलन “नासमझ और विनाशकारी उपभोग” के बजाय “सावधान और सुविचारित उपयोग” पर केंद्रित है।
- इस पहल का मुख्य दृष्टिकोण दुनिया भर के लोगों को अपने दैनिक जीवन में बुनियादी जलवायु-अनुकूल कार्यों को अपनाने और पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इन क्रियाओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
- घर पर ऊर्जा बचत को समर्पित क्रियाएं
- वाहन के स्थान पर साइकिल व सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग
- अधिक पौधे आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन और कम अपव्यय
- जलवायु के अनुकूल विकल्पों की मांग करने की ग्राहकों और कर्मचारियों की आकांक्षाओं को मजबूती देना।
- LiFE पहल के कई लक्ष्यों को परोक्ष दबाव या अनुनय तकनीकों का उपयोग करके भी प्राप्त किया जा सकता है जैसे कि छोटी प्लेटों पर भोजन प्रदान करके भोजन की बर्बादी को हतोत्साहित करना और विभिन्न रीसाइक्लिंग तकनीकों को बढ़ावा देना।
लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LiFE) पहल के बारे में और अधिक पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें –
https://byjus.com/current-affairs/life-initiative/
LiFE पहल के उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रयास
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ भारत के प्रधान मंत्री एक विशेष पर्यावरण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे जो गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में LIFE पहल का एक हिस्सा है।
- इसके माध्यम से, भारत दुनिया भर के सभी उपभोक्ताओं से 2027 तक “प्रो प्लेनेट पीपल” बनने का आग्रह कर रहा है, जिसमें जीवन शैली में छोटे बदलाव लाना शामिल है जिससे क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
- इसके अलावा, भारत के पास राष्ट्रीय मिशनों की आकांक्षाओं को समाज के प्रयासों में प्रकट करने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।
- यह स्वच्छ भारत मिशन के मामले में देखा जा सकता है, जिसने देश भर के समुदायों को सामूहिक अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता के चालक बनने के लिए प्रेरित किया, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जलवायु कार्रवाई में अग्रणी भूमिका निभाई है जो महत्वपूर्ण जलवायु परिवर्तन शमन प्रयास है जैसे:
- COP26 पर पंचामृत लक्ष्य की घोषणा
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन और दक्षिण-दक्षिण सहयोग मंच जैसी प्रमुख पहलों का प्रस्ताव और समर्थन।
- दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत ने अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में भारी निवेश किया है।
- भारत अपने पैमाने, विशेषज्ञता और वैधता का उपयोग करते हुए संयुक्त राष्ट्र, जी20 और जी77 जैसे विभिन्न वैश्विक संगठनों में महत्वपूर्ण कार्यों को बढ़ावा देता रहा है।
भावी कदम
- सतत उत्पादन प्रथाओं को बढ़ावा देने में उपभोक्ताओं द्वारा निभाई गई भूमिका को जल्द से जल्द महसूस किया जाना चाहिए।
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अनुसार, 66% से अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घरेलू खपत और जीवन शैली के लिए जिम्मेदार है।
- इससे पता चलता है कि वैश्विक उत्सर्जन में तत्काल कटौती केवल हरित उपभोग की आदतों को व्यापक रूप से अपनाने के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
- LIFE मिशन के अनुसार जवाबदेही दुनिया की सबसे गरीब आधी आबादी के योगदान और उत्सर्जन के सापेक्ष है, जो सबसे धनी आबादी के आधे के 1% से भी कम है।
- इसके अलावा, जो लोग कम उपभोग करते हैं वे अक्सर समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समुदाय होते हैं।
- इस प्रकार इन समुदायों को कम उपभोग करने के लिए राजी करना सही नहीं है, बल्कि उन्हें हरित अर्थव्यवस्था की पहल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
- इसे विकसित और विकासशील दुनिया के मामले में देखा जा सकता है क्योंकि उच्च आय वाले देश के एक व्यक्ति का औसत कार्बन पदचिह्न, अल्पतम विकसित देश के एक व्यक्ति की तुलना में 80 गुना अधिक होता है।
- इसलिए, विकसित देशों को जलवायु अनुकूलन प्रयासों और प्रभावित लोगों के लिए शमन कार्यों का समर्थन करने के लिए और अधिक दायित्वों को देना होगा।
- इसके अलावा, आगामी COP27 और G20 अध्यक्ष के रूप में भारत के कार्यकाल के दौरान, भारत को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक नेता की भूमिका निभाने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया गया है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
अगले CJI का पिछले दशक में सबसे लंबा कार्यकाल होगा:
विषय: विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और जिम्मेदारियां।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद के बारे में तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्य और महत्व।
संदर्भ
- केंद्रीय कानून मंत्री ने घोषणा की कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया है।
- न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को अपनी सेवानिवृत्ति तक दो साल और दो दिनों के लिए CJI के रूप में कार्य करेंगे, जिससे वह पिछले 10 वर्षों में सबसे कम उम्र के और सबसे लंबे समय तक पद धारण करने वाले CJI बन जाएंगे।
चित्र स्रोत: The Hindu
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए 18 अक्टूबर 2022 का विस्तृत समाचार विश्लेषण पढ़ें।
प्रीलिम्स तथ्य:
1.स्वदेश दर्शन 2:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
शासन:
प्रारंभिक परीक्षा: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियां।
संदर्भ:
- केंद्र सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan scheme) के एक नए संस्करण के एक हिस्से के रूप में प्रचार करने के लिए 15 राज्यों में गंतव्य पर्यटन स्थलों की पहचान की है।
विवरण:
- भारत की नई घरेलू पर्यटन नीति के हिस्से के रूप में देश भर के 15 राज्यों में दो-दो गंतव्य स्थलों को बढ़ावा दिया जाएगा, जो थीम-आधारित पर्यटन सर्किट से हटकर गंतव्य पर्यटन को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
- यह पहल ‘स्वदेश दर्शन 2’ के पहले चरण के हिस्से के रूप में की जा रही है, जिसे जनवरी 2023 में शुरू किया जाएगा।
- इनमे से कुछ प्रमुख स्थानों की पहचान की गई हैं,जैसे उत्तर प्रदेश में झांसी एवं प्रयागराज, मध्य प्रदेश में ग्वालियर, चित्रकूट और खजुराहो तथा महाराष्ट्र में अजंता और एलोरा।
- इस योजना को “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र के साथ नया रूप दिया गया है तथा इसका उद्देश्य अनिवार्य रूप से घरेलू पर्यटकों को लक्षित करना है।
- स्वदेश दर्शन योजना केंद्र द्वारा 2014-15 में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के लिए शुरू की गई थी।
स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के बारे में:
- ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र के साथ, स्वदेश दर्शन 2.0 नामक नई योजना पर्यटन स्थल के रूप में भारत की पूरी क्षमता को साकार करके “आत्मनिर्भर भारत” प्राप्त करने पर केंद्रित है।
- स्वदेश दर्शन 2.0 पर्यटन एवं संबद्ध बुनियादी ढांचे, पर्यटन सेवाओं, मानव पूंजी विकास, गंतव्य प्रबंधन नीति और संस्थागत सुधारों द्वारा समर्थित प्रचार को कवर करने वाले स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए एक समग्र मिशन के रूप में स्वदेश दर्शन योजना को विकसित करने के लिए एक पीढ़ीगत बदलाव है।
- यह स्थानीय समुदायों के लिए स्वरोजगार सहित रोजगार सृजन करने में सहायक होगा, साथ ही पर्यटन और आतिथ्य में स्थानीय युवाओं के कौशल को बढ़ावा देगा एवं पर्यटन और आतिथ्य में निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करेगा जिससे स्थानीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण एवं बढ़ावा मिलेगा।
- वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के तीसरे पर्यटन उपग्रह खाता (TSA) के अनुसार, रोजगार में पर्यटन का योगदान क्रमशः 14.78%, 14.87% और 15.34% है।
2.’मिशन डेफस्पेस/”मिशन डिफेंस स्पेस”:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
प्रारंभिक परीक्षा: अंतरिक्ष से संबंधित मुद्दे।
संदर्भ:
- हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 डेफएक्सपो में ‘मिशन डेफस्पेस’ की शुरुआत की है।
मुख्य विवरण:
- ‘मिशन डिफेंस स्पेस’ भारतीय उद्योग और स्टार्ट-अप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में तीनों सशस्त्र सेवाओं के लिए अभिनव समाधान विकसित करने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है।
- इसे आधिकारिक तौर पर गुजरात के गांधीनगर में DefExpo22 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया है।
- मिशन डेफ-स्पेस के तहत, अंतरिक्ष क्षेत्र में रक्षा संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर नवीन समाधान प्राप्त करने के लिए 75 चुनौतियों पर काम किया जा रहा है।
- यह मिशन अंतरिक्ष में आक्रामक क्षमताओं को विकसित करने के लिए नहीं बल्कि सेवाओं के लिए प्रौद्योगिकी को सक्षम बनाने के लिए किया जा रहा एक प्रयास है।
- प्रधान मंत्री ने चल रहे DefExpo-2022 में चौथी रक्षा स्वदेशीकरण सूची भी जारी की, जो निश्चित समय सीमा के बाद 101 वस्तुओं के आयात पर रोक लगाती है।
अंतरिक्ष कूटनीति:
- भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उदार अंतरिक्ष कूटनीति में मदद कर रही है और नई संभावनाओं को जन्म दे रही है।
- दक्षिण एशियाई उपग्रह भारत की पड़ोस प्रथम नीति के अनुरूप है।
- अगले साल तक, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के सभी 10 संघ (Association of SouthEast Asian Nations (ASEAN)) को 2023 तक भारत के उपग्रह डेटा तक रीयल-टाइम पहुंच मिल जाएगी। यहां तक कि यूरोप और अमेरिका जैसे विकसित देश भी हमारे सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- भारत ने सार्क देशों को अपने नाविक क्षेत्रीय पोजिशनिंग सिस्टम का उपयोग करने के लिए भी अधिकृत किया है।
- 60 से अधिक विकासशील देश हैं जिनके साथ भारत अपना अंतरिक्ष विज्ञान साझा कर रहा है।
- जैसा कि हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विकास के लाभ को अपने पड़ोसियों के साथ साझा करते हैं,यह विदेशों के बीच भारत की सॉफ्ट पावर एवं सद्भावना को भी बढ़ावा देगा और परियोजनाओं को सफल बनाएगा।
- अमेरिकी या यूरोपीय समकक्षों की तुलना में भारत का इसरो विकासशील देशों के लिए उपग्रहों को लॉन्च करने का एक सस्ता विकल्प प्रदान करता है, जिससे वे भारत के करीब आते हैं।
- पडोस आधारित गंतव्य/नेबरहुड ग्राउंड स्टेशन (Neighborhood Ground Stations) भारत को बढ़ते चीनी प्रभाव से लड़ने में सहायता करेंगे।
- अंतरिक्ष कूटनीति पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Space Diplomacy
3.चालू खाता घाटा:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
प्रारंभिक परीक्षा: व्यापार सांख्यिकी।
संदर्भ:
- हाल ही में, भारत के साथ चीन का कुल व्यापार अधिशेष ‘$ 1 ट्रिलियन से अधिक हो गया है।
मुख्य विवरण:
- हाल के अनुमानों के अनुसार, 2000 के बाद से चीन का भारत के साथ जो अनुकूल व्यापार संतुलन है, वह संचयी रूप से $ 1 ट्रिलियन से अधिक हो गया है।
- वर्ष 2021 में, दोनों का दोतरफा वार्षिक व्यापार पहली बार 100 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर 125.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें भारत का आयात 97.5 बिलियन डॉलर था, जिसमें लगभग 70 बिलियन डॉलर का असंतुलन था।
- वर्ष 2000 के दशक की शुरुआत में भारत द्वारा चीनी मशीनरी और अन्य उपकरणों के आयात किये जाने से बड़े पैमाने पर व्यापार संबंधों में उछाल शुरू हुआ, वर्ष 2000 में यह $ 3 बिलियन था जो बढ़कर 2008 में $ 42 बिलियन हो गया, जिस वर्ष चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया।
- लगातार रहने वाला ये अधिशेष भारत के लिए चालू खाता घाटे (current account deficit) की समस्या को जन्म देते हैं।
- चीन से भारत का आयात जून 2022 तक 34.5% बढ़कर रिकॉर्ड 57.51 बिलियन डॉलर हो गया।
- हालांकि भारत द्वारा चीन को किये जाने वाला निर्यात 35% तक कम हो गया और 67.08 अरब डॉलर के दोतरफा व्यापार में से निर्यात की हिस्सेदारी केवल 9.57 अरब डॉलर की थी।
- हाल के वर्षों में भारत का चीन को सबसे अधिक निर्यात लौह अयस्क, कपास और अन्य कच्चे माल-आधारित वस्तुओं का था, जिसकी मांग में पिछले साल (2021) चीन में सुधार देखा देखा गया था।
- भारत द्वारा पिछले दो वर्षों में चीन से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल मशीनरी, एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (Active Pharmaceutical Ingredients (APIs)), ऑटो कंपोनेंट्स और ऑक्सीजन कंसंटेटर्स से लेकर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (Personal Protective Equipments (PPEs)) तक कई तरह की मेडिकल सप्लाई का आयात किया गया है।
चीन पर निर्भरता कम करने के लिए उठाए गए कदम:
- भारत सरकार द्वारा तकनीकी नियमों के साथ कम गुणवत्ता वाले चीनी आयात को प्रतिबंधित किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा और गुणवत्ता मानक शामिल हैं, लगभग 370 उत्पादों को चीन जैसे देशों से इन गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात में कटौती करने की दृष्टि से तैयार किया जा रहा है।
- भारत में कई चीनी ऐप्स प्रतिबंधित भी हैं।
- इसके साथ ही कई क्षेत्रों में चीनी निवेश पर जांच का पैमाना बढ़ाया जा रहा है, और चीनी कंपनियों को 5G ट्रायल से बाहर रखने का निर्णय भी लिया गया हैं।
- भारत ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के एक उच्च-स्तरीय अधिकार प्राप्त समूह और मंत्रालयों/विभागों में एक परियोजना विकास प्रकोष्ठ (Project Development Cell (PDC)) की स्थापना की हैं, ताकि देश में निवेश लाया जा सके और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सके।
- सरकार ने घरेलू फर्मों के “अवसरवादी अधिग्रहण” (opportunistic takeovers) पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश के लिए अपनी पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी है – यह एक ऐसा कदम है जो चीन से एफडीआई को प्रतिबंधित करेगा।
- एपीआई (Active Pharmaceutical Ingredients-API) के लिए चीन पर आयात निर्भरता में कटौती करने के उद्देश्य से, सरकार ने मार्च 2020 में देश में थोक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 13,760 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ चार योजनाओं वाले पैकेज को मंजूरी दी।
- वर्ष 2020 में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ऑटो कंपोनेंट्स, टेक्सटाइल, औद्योगिक मशीनरी और फर्नीचर सहित 12 क्षेत्रों को मान्यता दी है, जहां भारत को एक आत्मनिर्भर देश और आयात बिलों को कम करने के लिए एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।
- भारत-चीन संबंधों पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: India-China relations
महत्वपूर्ण तथ्य:
1.वेब 3.0:
- नैसकॉम के मुताबिक भारत में 450 से अधिक सक्रिय स्टार्टअप के साथ तेजी से बढ़ता हुआ एक Web3 पारिस्थितिकी तंत्र है। इन स्टार्टअप ने अप्रैल 2022 तक कुल मिलाकर 1.3 बिलियन डॉलर का वित्त पोषण प्राप्त किया हैं।
- अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था, जनसांख्यिकीय लाभांश और विभिन्न क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने से भारत विश्व स्तर पर वेब3 के लिए उच्चतम विकास बाजारों में से एक बन गया है।
- अकेले वित्तीय वर्ष 2022 में भारत में 170 से अधिक नए वेब3 स्टार्ट-अप पंजीकृत हुए हैं, जिन्होंने वर्ष 2015 से 50% से अधिक सीएजीआर (CAGR ) संवृद्धि प्राप्त की है।
- यदि इनका विस्तार देखा जाए तो, वेब3 के 80% से अधिक स्टार्ट-अप टियर- I शहरों में हैं।
- हालाँकि, जयपुर और वडोदरा जैसे स्थानों के साथ टियर II / III पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से बढ़ रहा था, जो वेब 3 स्टार्ट-अप के लिए उभरते हब के रूप में विकसित हो रहा था।
- वेब 3.0 पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Web 3.0
2.रुस्तम-02:
- ऐसी संभावना है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) द्वारा विकसित स्वदेशी मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एनड्योरेन्स मानव रहित हवाई वाहन (MALE UAV) (रुस्तम-02) अगस्त 2023 तक सभी यूजर ट्रायल पूरे कर लेगा।
- साथ ही, रुस्तम यूएवी को हथियारों से सुसज्जित करने के लिए एक अलग परियोजना भी चल रही है।
- दिसंबर 2021 में रुस्तम-2 ने 25,000 फीट की ऊंचाई और 10 घंटे की एनड्योरेन्स तक पहुंचकर एक नया आयाम स्थापित किया था।
- 20 घंटे के एनड्योरेन्स की सीमा के साथ 30,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने का लक्ष्य है।
- यह एक बहु-मिशन वाली यूएवी (UAV) है जिससे सशस्त्र बलों के लिए खुफिया, निगरानी और टोही मिशन का संचालन हो सकता है।
- इसे मानव रहित सशस्त्र युद्धक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- रुस्तम 2 मैनुअल के साथ-साथ ऑटोनॉमस मोड में भी संचालित हो सकता है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. हाल ही में समाचारों में चर्चा में रहे एक सामान्य शब्द Web3 पारिस्थितिकी तंत्र के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:(स्तर-मध्यम)
- Web3 पारिस्थितिकी तंत्र में ब्लॉकचेन तकनीक, मेटावर्स और नॉन फंजिबल टोकन (NFT) शामिल हैं।
- भारत में Web3 पारिस्थितिकी तंत्र में कोई स्टार्टअप नहीं है।
निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 01 सही है: वेब 3.0 एक विकेन्द्रीकृत इंटरनेट है जो ब्लॉकचेन तकनीक पर चलता है। Web3 विकेंद्रीकरण की अवधारणा के आसपास केंद्रित है और इसमें प्रायः ब्लॉकचेन तकनीकें शामिल होती हैं, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (non-fungible tokens (NFTs))।
- कथन 02 गलत है: नैसकॉम के अनुसार, भारत में 450 से अधिक सक्रिय स्टार्टअप के साथ तेजी से बढ़ता हुआ वेब3 पारिस्थितिकी तंत्र है। इन स्टार्टअप ने अप्रैल 2022 तक कुल मिलाकर 1.3 बिलियन डॉलर वित्त जुटाया है।
प्रश्न 2. वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है जो अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक निर्धारित करता है। इस संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन से सत्य हैं? (स्तर-कठिन)
- भारत FATF का संस्थापक सदस्य है।
- FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल किसी देश ‘X’ पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
- वर्तमान में FATF द्वारा 2 देशों को ब्लैकलिस्ट किया गया है।
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) 1,2 और 3
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 2
(d) केवल 2
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 01 गलत है, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force) की स्थापना जुलाई 1989 में पेरिस में जी -7 शिखर सम्मेलन द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) संबंधित समस्या से निपटने के उपायों की खोज, जांच और विकास के लिए की गयी थी। भारत 2010 से FATF का सदस्य है।
- कथन 02 गलत है: FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल देशों को आधिकारिक तौर पर बढ़ी हुई निगरानी के तहत संदर्भित किया जाता है।
- इस सूची में शामिल देशों को IMF और विश्व बैंक जैसे संस्थानों से आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप इनके व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- कथन 03 सही है: असहयोगी देशों या क्षेत्रों (NCCT) के रूप में जाने जाने वाले देशों को काली सूची/ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाता है। वर्तमान में दो “ब्लैक लिस्टेड” देश हैं: ईरान और उत्तर कोरिया।
प्रश्न 3. हाल ही में समाचारों में रहा डाइथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene glycol), एथिलीन ग्लाइकॉल निम्नलिखित में से क्या है? (स्तर-सरल)
(a) कुशल जैव ईंधन का नया वर्ग
(b) तेल रिसाव को साफ करने के लिए प्रयुक्त रसायन
(c) दवाओं में संभावित मिलावट
(d) पौधों से प्राप्त औषधीय अर्क
उत्तर: c
व्याख्या:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में हरियाणा में बने चार घटिया कफ सिरप के बारे में एक मेडिकल अलर्ट जारी किया जिसमें जहरीले यौगिक डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल पाए गए हैं।
- WHO ने चार घटिया उत्पादों के बारे में एक मेडिकल अलर्ट जारी किया हैं। घटिया या निम्न स्तरीय उत्पाद – वे उत्पाद “जो अपने गुणवत्ता मानकों या विनिर्देशों को पूरा करने में विफल रहते हैं”।
- चार प्रकार के कफ सिरप ये थे- प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप, जिसकी निर्माता कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, हरियाणा,भारत है।
- इस अलर्ट में कहा गया है कि उल्लिखित घटिया अर्थात निम्न स्तरीय उत्पाद असुरक्षित थे और उनका उपयोग, विशेष रूप से बच्चों में, “गंभीर समस्या या मृत्यु का कारण हो सकता है”।
प्रश्न 4. भारत द्वारा विकसित नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क निम्नलिखित में से किससे संबंधित है? (स्तर-मध्यम)
(a) कंपनी मामलों का मंत्रालय
(b) स्वास्थ्य मंत्रालय
(c) वित्त मत्रांलय
(d) शिक्षा मंत्रालय
उत्तर: d
व्याख्या:
- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में पहले ‘नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क’ (NCrF) का मसौदा लॉन्च किया, जो स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक और कौशल शिक्षा के माध्यम से अर्जित क्रेडिट को एकीकृत करता है।
- ‘नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क’ (NCrF) का उद्देश्य सभी आयामों पर सीखने (अधिगम) को एकीकृत करना है अर्थात इन आयामों में एकेडमिक, व्यावसायिक कौशल और अनुभवात्मक शिक्षा आते हैं जिसमें प्रासंगिक अनुभव और प्राप्त पेशेवर स्तर शामिल हैं।
प्रश्न 5. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः (CSE-PYQ-2020) (स्तर-मध्यम)
- परिव्राजक – परित्यागी व भ्रमणकारी
- श्रमण – उच्च पद प्राप्त पुजारी
- उपासक – बौद्ध धर्म का साधारण अनुगामी
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सुमेलित हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: b
व्याख्या:
सही मिलान इस प्रकार है:
- परिव्राजक – परित्यागी व भ्रमणकारी अर्थात पथिक ।
- श्रमण – प्राचीन भारत के तपस्वियों और त्यागियों को संदर्भित करता है।
- श्रमण में विभिन्न प्रकार के तपस्वी, साथ ही भिक्षु और विभिन्न संप्रदायों अर्थात बौद्ध, जैन, आजीवक, एवं अन्य के अनुगामी शामिल थे।
- उपासक – बौद्ध धर्म का साधारण अनुगामी।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में जमीन पर ठोस बदलाव के बिना केवल सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों को जारी करने से वांछित प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III-रक्षा)
प्रश्न 2. भारत की उस भूमिका का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए जो इसके द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लक्ष्य की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने के क्रम में निभाई जा सकती है।
(250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III-पर्यावरण)