27 मार्च 2023 : समाचार विश्लेषण
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A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण:
अर्थव्यवस्था:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: शासन:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
जैव-परिवर्तन प्रौद्योगिकी (Biotransformation Technology) क्या है और यह पैकेजिंग कचरे को कैसे कम कर सकता है?
पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण:
विषय: पर्यावरण प्रदूषण (प्लास्टिक प्रदूषण)।
प्रारंभिक परीक्षा: जैव-परिवर्तन प्रौद्योगिकी।
मुख्य परीक्षा: जैव-परिवर्तन प्रौद्योगिकी एवं इसका महत्व।
प्रसंग:
- UK में एक स्टार्टअप ने “जैव-परिवर्तन (Biotransformation)” नामक एक तकनीक विकसित की है जो प्लास्टिक को जैव-निम्नीकरणीय पदार्थ में परिवर्तित कर सकती है।
- जैव-निम्नीकरणीय: किसी पदार्थ या वस्तु का जीवाणु या अन्य जीवित जीवों द्वारा विघटित होने में सक्षम होना।
पृष्ठभूमि विवरण:
- एक रिपोर्ट (2022) के अनुसार, अमेज़न ने वर्ष 2021 में पैकेजिंग सामग्री से लगभग 321 मिलियन किलोग्राम प्लास्टिक कचरा उत्पन्न किया था। हालाँकि, अमेज़न ने इस दावे का खंडन किया है।
- यूके स्थित एक स्टार्टअप ने एक ऐसी प्रक्रिया विकसित करने का दावा किया है जो प्लास्टिक की अवस्था को बदल सकती है और उन्हें जैव-निम्नीकरणीय बना सकती है। इस प्रक्रिया को “जैव-परिवर्तन” (biotransformation) कहा जाता है।
जैव-परिवर्तन प्रौद्योगिकी (Biotransformation Technology):
- जैव-परिवर्तन प्रौद्योगिकी एक ऐसी विधि है जिसमें कचरे को संसाधित करते समय जो प्लास्टिक कचरा कुशलतापूर्वक पूर्ण संसाधित नहीं हो हो पाता है, उसे विखंडित किया जाता है।
- इस प्रक्रिया से बनने वाला प्लास्टिक गुणवत्ता पर कोई समझौता किए बिना पारंपरिक प्लास्टिक जैसा दिखता है।
- एक्सपायर (समाप्त हो जाने के बाद) होने के बाद, उत्पाद को बाहरी वातावरण के संपर्क में लाया जाता है, जहां यह स्वयं नष्ट हो जाता है और जैव-उपलब्ध मोम (bioavailable wax) में बदल जाता है।
- इसके बाद यह मोम सूक्ष्मजीवों द्वारा खाया जाता है और CO2, पानी और बायोमास में परिवर्तित हो जाता है।
- इस तकनीक में किसी भी प्रकार का माइक्रोप्लास्टिक शेष नहीं बचता।
जैव-परिवर्तन की आवश्यकता:
- भारत सालाना करीब 3.5 अरब किलोग्राम प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है। इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन भी दोगुना हो गया है।
- लगभग एक तिहाई कचरा पैकेजिंग सामग्री से आता है।
- स्टेटिस्टा के अनुसार वर्ष 2019 में दुनिया भर में ई-कॉमर्स फर्मों से उत्पन्न प्लास्टिक पैकेजिंग का कचरा एक अरब किलोग्राम से ऊपर था।
- यह भी अनुमान लगाया गया था कि अमेज़ॅन की लगभग 10 मिलियन किलोग्राम प्लास्टिक पैकेजिंग दुनिया के मीठे पानी और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में प्रदूषण के रूप में मिश्रित हो गई।
- हालाँकि, अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों ने 2021 में अपनी आपूर्ति श्रृंखला में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को समाप्त कर दिया है।
- लेकिन पारंपरिक प्लास्टिक की तुलना में इसकी लागत में वृद्धि अपेक्षाकृत कम है।
- कचरे को कम करने के लिए इस तकनीक का उपयोग करने वाले दो मुख्य क्षेत्र खाद्य पैकेजिंग और स्वास्थ्य सेवा उद्योग हैं।
- कुछ भारतीय फर्म गैर-बुने हुए स्वच्छता उत्पादों जैसे डायपर, सैनिटरी नैपकिन, फेशियल पैड आदि के लिए ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल करती हैं।
प्लास्टिक के उपयोग को कम करने हेतु सरकार द्वारा की गयी पहल:
- भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम लाए गए हैं।
- सरकार ने पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
- देश में प्रगति को ट्रैक करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने हेतु, एकल उपयोग प्लास्टिक के उन्मूलन पर राष्ट्रीय डैशबोर्ड और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन भी लॉन्च किया गया।
- उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों के अनुपालन और उत्तरदायित्व का पता लगाने में आसानी के लिए एक विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (Extended Producer Responsibility (EPR)) पोर्टल लॉन्च किया गया है।
- एक क्षेत्र में प्लास्टिक कचरे से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है।
- भारत में प्लास्टिक कचरे का आयात बढ़ा – यूपीएससी नोट्स (जीएस III) इस विषय से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Plastic Waste Imports To India Go Up – UPSC Notes (GS III)
प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के अन्य उपाय:
- जूट या कागज आधारित पैकेजिंग प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकती है।
- महंगा और भारी होने के बावजूद लकड़ी की पैकेजिंग भी एक विकल्प है।
- अन्य विकल्पों में खोई, कॉयर, चावल और गेहूं की भूसी, पौधे और कृषि अवशेष, केला और सुपारी के पत्ते, और कपड़े का उपयोग करना शामिल है।
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सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
वर्ष 2022-23 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर वृद्धि 15% तक धीमी होगी:
अर्थव्यवस्था:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति।
मुख्य परीक्षा: शुद्ध प्रत्यक्ष कर में वृद्धि।
विवरण:
- वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, सम्पूर्ण वित्तीय वर्ष में भारत में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह वृद्धि 15% तक सीमित रहेगी।
- विशेष रूप से वर्ष 2022-23 के लिए मार्च की शुरुआत में यह 17% थी।
- इसके अलावा प्रत्यक्ष करों से सरकार की शुद्ध प्राप्तियां वर्ष 2021-22 में लगभग 49% बढ़कर लगभग ₹14.09 लाख करोड़ हो गई थीं।
- दिसंबर 2022 के मध्य में, प्रत्यक्ष कर की आमद लगभग 20% बढ़ गई। हालांकि, प्रत्येक क्रमिक महीने में विकास दर में थोड़ी मंदी दर्ज की गई।
- 10 मार्च 2023 को, यह 16.8% तक गिरकर लगभग ₹ 13.73 लाख करोड़ हो गया।
- यह 2022-23 के बजट अनुमानों का 96.7% और प्रत्यक्ष करों के लिए संशोधित अनुमानों का 83.2% है।
- यह उम्मीद की जाती है कि यह वित्तीय वर्ष शुद्ध प्रत्यक्ष कर मोर्चे पर लगभग 15% की वृद्धि के साथ समाप्त होगा।
- पहले के वित्तीय वर्ष 2022-23 में उच्च वृद्धि के पीछे का कारक यह है कि करदाताओं के लिए अपने बकाया राशि को प्रेषित करने हेतु नियत तारीखों में छूट नहीं दी गई (2021-22 के विपरीत)।
- यह भी पढ़ें: भारत में कराधान – प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर, कराधान प्रणाली की विशेषताएं:Taxation in India – Direct taxes & Indirect Taxes, Features of Taxation System
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सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
बीमा आधारित वित्त पोषण की लागत:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
शासन:
विषय: सरकारी नीतियां और स्वास्थ्य क्षेत्र में हस्तक्षेप।
मुख्य परीक्षा: भारत में स्वास्थ्य देखभाल के वित्तपोषण से संबंधित विभिन्न मुद्दे।
प्रसंग:
- इस लेख में बीमा कंपनियों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में वित्त पोषण के कारण होने वाले लाभ और हानि पर चर्चा की गई है।
भूमिका:
- सार्वजनिक स्वास्थ्य का तमिलनाडु मॉडल विशेष रूप से ग्रामीण लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अपनी सफलता के लिए प्रसिद्ध है। तमिलनाडु जिला स्तर पर एक विशिष्ट सार्वजनिक स्वास्थ्य संवर्ग (कैडर) वाला एकमात्र राज्य है और 1939 में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम बनाने वाला पहला राज्य भी है।
- तमिलनाडु सार्वजनिक स्वास्थ्य मॉडल ने स्वास्थ्य देखभाल के वितरण में समानता सुनिश्चित की है, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर और सार्वभौमिक टीकाकरण कवरेज में बड़े सुधार हुए हैं, और अखिल भारतीय औसत की तुलना में कुल प्रजनन दर कम हुई है।
- यह मुख्य रूप से पिछले दशक में स्वास्थ्य देखभाल के लिए वित्त पोषण में परिवर्तन के कारण हुआ है। वित्त पोषण में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा अनुदान से लेकर मुख्यमंत्री व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना (CMCHIS) तक भिन्न घटक शामिल होते हैं।
बीमा कंपनियों के माध्यम से वित्त पोषण के लाभ:
- बीमा कंपनियों के माध्यम से अप्रत्यक्ष वित्त पोषण ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र की कार्यप्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव की शुरुआत की है।
- प्रमुख लाभ चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा प्रशासन का विकेंद्रीकरण है।
- दवाओं की खरीद के लिए विभागाध्यक्षों को काफी हद तक शक्तियां हस्तांतरित की गई हैं जिससे लालफीताशाही खत्म हो गई है।
- विकेंद्रीकरण ने व्यक्तिगत विभागों को उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देने और साक्ष्य-आधारित चिकित्सा उन्नति के अनुसार रोगी देखभाल के मामले में तेजी से निर्णय लेने का अधिकार दिया है।
समस्याएँ:
- विकेंद्रीकरण के कारण मेडिकल कॉलेज में हर विभाग एक व्यक्तिगत प्रतिष्ठान बन गया है। ये विभाग लाभ को अधिकतम करने और घाटे को कम करने के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।
- परिणामस्वरूप, रोगियों और उनकी बीमारियों को द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में क्षतिपूर्ति के चश्में से देखा जाता है।
- इससे दावों को अस्वीकार किया जा सकता है, उच्च डिडक्टिबल्स और को-पे, तथा अन्य प्रतिबंधों को लागू किया जा सकता है, जो देखभाल तक पहुंच को सीमित कर सकते हैं।
- सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों के लिए बीमा कंपनियों के साथ बातचीत एक बोझिल कवायद बन गई है। बीमा कंपनियों द्वारा प्रशासनिक देरी ने अस्पतालों का ध्यान रोगियों की देखभाल, शिक्षण और अनुसंधान से हटाकर कंपनियों से पैसे का दावा करने पर केंद्रित कर दिया है।
- जिला स्वास्थ्य समितियों में चिकित्सकों और कर्मचारियों की संविदात्मक नियुक्तियों के परिणामस्वरूप विश्वास की कमी हुई है और जिसके कारण सेवा की गुणवत्ता से समझौता हुआ है।
- संविदात्मक नियुक्तियों के तहत युवा डॉक्टर तमिलनाडु सरकार के सेवारत डॉक्टरों की आरक्षण योजना के तहत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में आरक्षण लाभ के लिए भी पात्र नहीं हैं।
- केवल लाभ-हानि की गणना और सार्वजनिक स्वास्थ्य को स्वास्थ्य उद्योग के रूप में देखने से स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच करुणा का क्षरण होगा।
- तमिलनाडु में, 2012 और 2021 के बीच, बीमा कंपनियों को मुख्यमंत्री व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना (CMCHIS) में ₹7,783 करोड़ आवंटित किए गए थे।
- इसमें से केवल ₹2,895 करोड़ का दावा सरकारी अस्पतालों ने किया है और बाकी का दावा निजी अस्पतालों ने किया है। धन का यह अनुपातहीन ‘व्यपवर्तन’ सार्वजनिक अस्पतालों के लिए धन को और कम कर देगा।
भावी कदम:
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल का एक कर-वित्त पोषित मॉडल यह सुनिश्चित करेगा कि सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों।
- यह यह भी सुनिश्चित करेगा कि स्वास्थ्य देखभाल वित्तपोषण का बोझ सरकार और नागरिकों द्वारा साझा किया जाए, साथ ही सरकार सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की जिम्मेदारी ले।
- ऐसा मॉडल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता देगा, जो अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों को रोकने के लिए आवश्यक हैं।
- इसके अतिरिक्त, एक कर-वित्तपोषित मॉडल स्वास्थ्य सेवा वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
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सारांश:
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इंटरनेट शटडाउन:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
शासन:
विषय: सरकार की नीतियां और विकास के लिए हस्तक्षेप।
मुख्य परीक्षा: इंटरनेट शटडाउन के संबंध में बेहतर डेटा संग्रह और निर्णय लेने की प्रक्रिया की आवश्यकता है।
प्रसंग:
- पंजाब सरकार द्वारा मोबाइल इंटरनेट पर रोक।
मुख्य विवरण:
- इस महीने की शुरुआत में, पंजाब सरकार ने सार्वजनिक सुरक्षा के हित में, हिंसा को रोकने और शांति बनाए रखने तथा सार्वजनिक व्यवस्था की गड़बड़ी को रोकने के लिए राज्य में मोबाइल इंटरनेट और SMS सेवाओं को चार दिनों से अधिक समय के लिए निलंबित कर दिया था।
- सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर (SFLC), जो राज्यवार इंटरनेट पर रोक की गिनती रखता है, ने पंजाब में आठ ऐसे शटडाउन दर्ज किए हैं।
- 2012 और मार्च 2023 के बीच, दक्षिणी राज्यों ने इस अवधि में केवल छह ऐसे शटडाउन दर्ज किए। केरल में इंटरनेट बंद होने की कोई घटना नहीं हुई।
- हिमाचल प्रदेश, मिजोरम और सिक्किम को छोड़कर, अन्य सभी राज्यों ने कम से कम एक ऐसा उदाहरण दर्ज किया, जिसमें जम्मू और कश्मीर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई।
- डिजिटल अधिकारों की रक्षा करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था, एक्सेस नाउ के अनुसार 2016 और 2022 के बीच दुनिया भर में रिकॉर्ड किए गए सभी इंटरनेट शटडाउन का 60% भारत में हुआ।
- पिछले पांच वर्षों में, भारत ने सबसे अधिक संख्या में शटडाउन दर्ज किए हैं।
- विशेष रूप से, इस तरह के शटडाउन यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका और ओशिनिया के अधिकांश हिस्सों में कभी नहीं या लगभग ना के बराबर लागू होते हैं, जबकि वे अफ्रीका और एशिया में बड़े पैमाने पर होते हैं।

चित्र स्रोत: The Hindu
इंटरनेट शटडाउन के बारे में डेटा संग्रह:
- केंद्र सरकार राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए इंटरनेट शटडाउन पर डेटा एकत्र नहीं करती है।
- 2021 में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति द्वारा केंद्रीकृत डेटा के संग्रह की “जोरदार सिफारिश” की गई थी।
- समिति चाहती थी कि प्रत्येक इंटरनेट शटडाउन के कारणों, अवधि, सक्षम प्राधिकारी और समीक्षा समितियों के निर्णय को नोट किया जाए और सूचना को सार्वजनिक किया जाए।
इंटरनेट शटडाउन की लागत:
- 2022 में मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की एक रिपोर्ट ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर शटडाउन के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डाला था। छात्र ऑनलाइन कक्षाओं और संसाधनों का उपयोग करने में असमर्थ हैं, जबकि डॉक्टर और चिकित्सा पेशेवर महत्वपूर्ण चिकित्सा जानकारी तक पहुँचने और रोगियों के साथ संवाद करने में असमर्थ हैं।
- इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस द्वारा प्रकाशित 2018 के एक अध्ययन पत्र में अनुमान लगाया गया है कि शटडाउन के कारण 2012 और 2017 के बीच भारत को लगभग 3 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
- इंटरनेट शटडाउन का व्यवसायों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से ई-कॉमर्स, सूचना प्रौद्योगिकी और मीडिया जैसे क्षेत्रों में।
- शटडाउन आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की डिलीवरी में देरी होती है। छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों को भी महत्वपूर्ण नुकसान का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे बिक्री और विपणन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं।
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सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. वर्ष 2024 में ‘दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल’ पर ट्रेनें चलेंगी:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
बुनियादी ढांचा:
विषय: रेलवे।
प्रारंभिक परीक्षा: चिनाब रेलवे ब्रिज।
संदर्भ:
- जनवरी-फरवरी 2024 तक चिनाब पुल पर ट्रेनें चलेंगी।
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि जनवरी-फरवरी 2024 तक दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज पर ट्रेनें चलने लगेगी।
- यह पुल 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह पेरिस में एफिल टॉवर (330 मीटर) से भी अधिक ऊँचा है।
- इसकी लंबाई 1.3 किमी है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के साथ चलने वाली ट्रेनों के संचालन को सुनिश्चित करेगा।
- सरकार जम्मू और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेनें और वंदे मेट्रो ट्रेनें चलाने की भी योजना बना रही है, जो यात्रा के समय को 7 घंटे से घटाकर 3.5 घंटे कर देगी।
- उल्लेखनीय है कि इस पुल की नींव रिक्टर पैमाने पर 8 तक के भूकंप को झेलने के लिहाज से तैयार की गई है।
- आर्च ब्रिज (मेहराबदार पुल) को बनाने में करीब 28000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
- इस पुल के निर्माण में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक सुरंगों का निर्माण करना था। इसमें 37 सुरंगें बनाई गई हैं।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि सूखे मेवे, सेब, हस्तशिल्प, पश्मीना कपड़े और कपड़ों जैसे उत्पादों के व्यापार को आसान बनाने के लिए बारामूला में चार कार्गो टर्मिनलों का निर्माण किया जाएगा।
- हालांकि इस पुल को दुनिया के सबसे ऊंचे पुल के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, लेकिन इसका यह खिताब 380 मीटर की ऊंचाई पर सिचुआन-तिब्बत रेलवे के साथ लुडिग में चीन के दादुहे रेलवे पुल को प्राप्त हो सकता है।
2. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मनरेगा की मजदूरी दरों में 10% तक वृद्धि की गयी:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
शासन:
विषय: केंद्र एवं राज्यों द्वारा अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन।
प्रारंभिक परीक्षा: MGNREGS की मजदूरी की दरें।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ( Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme ) के तहत मजदूरी की दरों में वृद्धि की गई है।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 24 मार्च 2023 को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की मजदूरी दरों में यह वेतन वृद्धि (₹7 से ₹26 तक) 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी।
- राजस्थान ने मज़दूरी को 2022-23 में ₹231 से बढ़ाकर ₹255 करके उच्चतम प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है।
- वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मनरेगा की दैनिक मजदूरी ₹204 थी। अब इसे बढ़ाकर 221 रुपये कर दिया गया है।
- सबसे कम प्रतिशत वृद्धि वाले राज्य कर्नाटक, गोवा, मेघालय और मणिपुर हैं।
3. इसरो ने वनवेब के 36 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां।
प्रारंभिक परीक्षा: अंतरिक्ष के क्षेत्र में विकास।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( Indian Space Research Organisation ) के सबसे भारी पेलोड रॉकेट ने 26 मार्च 2023 को वनवेब के 36 उपग्रहों को लांच किया।
- इन उपग्रहों को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।
- विशेष रूप से यह नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड, यूके (वनवेब ग्रुप कंपनी) के साथ भारत का दूसरा मिशन है, जो न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ पृथ्वी की निचली कक्षाओं (LEOs) में 72 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए एक वाणिज्यिक समझौते के एक भाग के रूप में है।
- 23 अक्टूबर 2022 को LVM3-M2/वनवेब इंडिया-1 मिशन में 36 उपग्रहों का पहला सेट लॉन्च किया गया था।
- वनवेब अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क है। यह सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के लिए कनेक्टिविटी को सक्षम बनाता है और LEO उपग्रहों के समूह के माध्यम से कार्य करता है।
- यह वनवेब का 18वां लॉन्च है।
- 643 टन वजन वाले 43.5 मीटर लंबे वाहन में कुल 5,805 किलोग्राम वजन वाले 36 वनवेब जेन-1 उपग्रहों को 87.4 डिग्री के झुकाव के साथ 450 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित किया गया।
- LVM3 रॉकेट ने लगातार पांच सफल मिशन (चंद्रयान-2 सहित) पूरे किए थे और यह उसकी छठी उड़ान थी।
- यह भी पढ़ें: Satellite Launch Vehicle Program – PSLV & GSLV [UPSC GS 3 Notes]
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. ‘ऑकस (AUKUS) का फोकस पनडुब्बी प्रौद्योगिकी पर है, यहाँ चौथे राष्ट्र के लिए कोई जगह नहीं है’:
- राजनयिक सूत्रों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऑकस (AUKUS) का प्रमुख फोकस पनडुब्बी प्रौद्योगिकी का विकास है और अन्य देशों के लिए कोई जगह नहीं है।
- हालांकि, एक पिलर-2 है जो अन्य देशों/भागीदारों को समायोजित कर सकता है।
- पिलर-2 इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, साइबरस्पेस और क्वांटम जैसी तकनीकों में सहयोग पर जोर देता है।
- ऑकस (AUKUS) प्रौद्योगिकी पर केंद्रित है और स्थिरता बनाए रखने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षमताओं को विकसित करने के बारे में बहुत विशिष्ट है।
2. मोरे ईल की नई प्रजाति का नाम तमिलनाडु के नाम पर रखा गया:
- कुड्डालोर तट से दूर मुदासलोदाई फिश लैंडिंग सेंटर में मोरे ईल (Moray eel) की एक नई प्रजाति की खोज की गई।
- इस प्रजाति का नाम तमिलनाडु के नाम पर जिम्नोथोरैक्स तमिलनाडुएंसिस (Gymnothorax tamilnaduensis) रखा गया है। जबकि इसका सामान्य नाम तमिलनाडु ब्राउन मोरे (Tamil Nadu brown moray) है।

चित्र स्रोत:The Hindu
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर- कठिन)
- वनवेब (OneWeb) उपग्रह समूह (कॉन्स्टेलेशन) लियो (LEO) ध्रुवीय कक्षा में कार्य करता है।
- वे विशेष रूप से जासूसी उपग्रहों के समान कक्षा से पृथ्वी का अवलोकन करने के लिए डिज़ाइन किए गए उपग्रह हैं, लेकिन यह गैर-सैन्य उपयोगों जैसे पर्यावरण निगरानी, मौसम विज्ञान, मानचित्रण बनाने आदि के लिए अभिप्रेत है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों
(d) कोई नहीं
उत्तर:a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: वनवेब उपग्रह समूह (कॉन्स्टेलेशन) निम्न भू-कक्षा ध्रुवीय कक्षा में संचालित होता है।
- कथन 2 गलत है: वनवेब अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क है। यह सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के लिए कनेक्टिविटी को सक्षम बनाता है।
प्रश्न 2. मृत्युदंड के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर- मध्यम)
- सर्वोच्च न्यायालय ने मृत्युदंड की संवैधानिक वैधता को के. एम. नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य (1961) मामले में बरकरार रखा था।
- विधि आयोग ने सुझाव दिया था कि मृत्युदंड के तरीके को न्यायाधीश के विवेक पर छोड़ दिया जाना चाहिए, जो आदेश पारित करने से पहले दोषी की बात सुनेंगे।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों
(d) कोई नहीं
उत्तर:b
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: सर्वोच्च न्यायालय ने बचन सिंह बनाम पंजाब राज्य (1982) में मृत्युदंड की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था।
- कथन 2 सही है: वर्ष 2003 में विधि आयोग की 187वीं रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि मृत्युदंड के तरीके को न्यायाधीश के विवेक पर छोड़ देना चाहिए, जिसे आदेश पारित करने से पहले दोषी के पक्ष को सुनना चाहिए।
प्रश्न 3. विशेष आहरण अधिकार (SDR) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर- कठिन)
- SDR के मूल्य का निर्धारण करने में अमेरिकी डॉलर के बाद रेनमिनबी का सबसे अधिक भारांश है।
- SDR व्यक्तियों, निजी संस्थाओं, सदस्य देशों, IMF, और “निर्धारित धारकों” नामक कुछ निर्दिष्ट आधिकारिक संस्थाओं द्वारा धारण और उपयोग किए जा सकते हैं।
- IMF हर पांच साल में, या आवश्यक हो तो इससे पहले भी यह सुनिश्चित करने के लिए SDR बास्केट की समीक्षा करता है कि SDR बास्केट दुनिया के व्यापार और वित्तीय प्रणालियों में मुद्राओं के सापेक्ष महत्व को दर्शाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 3
(c) 1, 2 और 3
(d) कोई नहीं
उत्तर:b
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: SDR के मूल्य का निर्धारण करने में अमेरिकी डॉलर के बाद सर्वाधिक भारांश यूरो का है।
- कथन 2 गलत है: SDRs को सदस्य देशों, IMF, और “निर्धारित धारकों” नामक कुछ नामित आधिकारिक संस्थाओं द्वारा धारण और उपयोग किया जा सकता है, लेकिन उन्हें निजी संस्थाओं या व्यक्तियों द्वारा धारण नहीं किया जा सकता है।
- कथन 3 सही है: IMF हर पांच साल में, या आवश्यक हो तो इससे पहले भी यह सुनिश्चित करने के लिए SDR बास्केट की समीक्षा करता है कि SDR बास्केट दुनिया के व्यापार और वित्तीय प्रणालियों में मुद्राओं के सापेक्ष महत्व को दर्शाता है।
प्रश्न 4. राज्य विधानमंडल के विशेषाधिकार निम्नलिखित में से किनके लिए विस्तारित हैं? (स्तर- सरल)
- राज्यपाल
- विधान सभा के सदस्य
- विधान परिषद के सदस्य
- विधान परिषद के अध्यक्ष
- राज्य के महाधिवक्ता
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1 और 5
(b) केवल 1, 2, 3 और 4
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर:c
व्याख्या:
- राज्य विधायिका का विशेषाधिकार विधान सभा के सदस्यों, विधान परिषद के सदस्यों, विधान परिषद के अध्यक्ष और राज्य के महाधिवक्ता को दिया जाता है। हालांकि, इसे राज्यपाल तक विस्तारित नहीं किया गया है।
प्रश्न 5. ओगाडेन क्षेत्र (Ogaden region) किन देशों के बीच संघर्ष का स्रोत रहा है? (PYQ 2008) (स्तर- मध्यम)
(a) मोरक्को और अल्जीरिया
(b) नाइजीरिया और कैमरून
(c) अंगोला और जाम्बिया
(d) इथियोपिया और सोमालिया
उत्तर:d
व्याख्या:
- ओगाडेन क्षेत्र इथियोपिया और सोमालिया के बीच संघर्ष का एक स्रोत है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. जैव परिवर्तन प्रौद्योगिकी क्या है और यह भारत में अपशिष्ट प्रबंधन में क्रांति कैसे ला सकती है? (10 अंक, 150 शब्द) [जीएस-3 पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी]
प्रश्न 2. बीमा आधारित स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के क्या फायदे और नुकसान हैं? (10 अंक, 150 शब्द) [जीएस-2 शासन]