27 September 2022: UPSC Exam Comprehensive News Analysis
27 सितंबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: अर्थव्यवस्था:
आपदा प्रबंधन:
D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: भारतीय अर्थव्यवस्था:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्धचालक उद्योग के लिए प्रोहत्साहन:
अर्थव्यवस्था:
विषय: औद्योगिक नीति में परिवर्तन एवं औद्योगिक विकास पर उनका प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: सेमीकंडक्टर्स से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: सेमीकंडक्टर्स के लिए पीएलआई योजना, इस योजना में बदलाव एवं चुनौतियां और इसका महत्व।
संदर्भ:
- हाल ही में, केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए योजना में विभिन्न बदलावों को मंजूरी दी है।
- देश की 10 अरब डॉलर की चिप बनाने की पहल को निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के उद्देश्य से इस नीति में बदलाव किए गए हैं ।
अर्धचालक क्या होते हैं?
- अर्धचालक ऐसी सामग्री है जिसमें कंडक्टर और गैर-कंडक्टर या इंसुलेटर के बीच चालकता होती है।
- अर्धचालक सिलिकॉन या जर्मेनियम या यौगिक,जैसे गैलियम आर्सेनाइड या कैडमियम सेलेनाइड जैसे शुद्ध तत्व हो सकते हैं।
- अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को संगणकीय/कम्प्यूटेशनल (computational) शक्ति देते हैं।
- सेमीकंडक्टर्स को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में अधिकांश आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे कार, लैपटॉप, घरेलू उपकरण, स्मार्टफोन और कनेक्टेड डिवाइस का मूलभूत ब्लॉक कहा जाता है।
वैश्विक अर्धचालक उद्योग:
- वर्तमान में, सेमीकंडक्टर उद्योग का मूल्य वैश्विक स्तर पर $500 से $600 बिलियन के करीब है।
- सेमीकंडक्टर चिप का प्रमुख घटक सिलिकॉन का लम्बा टुकड़ा होता है, जिसमें विभिन्न कम्प्यूटेशनल निर्देशों को निष्पादित करते हुए करंट के प्रवाह को विनियमित करने के लिए विभिन्न पैटर्न वाले करोड़ों सूक्ष्म ट्रांजिस्टर लगे होते हैं।
- सेमीकंडक्टर चिप बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल है और इसकी अत्यधिक मांग है।
चिप बनाने की प्रक्रिया में आपूर्ति श्रृंखला में कई चरण शामिल होते हैं जो इस प्रकार हैं:
- चिप्स के लिए सॉफ्टवेयर डिजाइन करना और कोर बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों के माध्यम से उनका पेटेंट कराना।
- चिप-निर्माण मशीनों का निर्माण।
- फैब या कारखाने स्थापित करना।
- ATMP (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग)।
- सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाला उद्योग सबसे अधिक केंद्रित उद्योगों में से एक है। ताइवान, दक्षिण कोरिया और यू.एस. जैसे देशों को सेमीकंडक्टर निर्माण का केंद्र कहा जाता है।
- रिपोर्टों के अनुसार, ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC) द्वारा 90% से अधिक 5nm (नैनोमीटर) चिप्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है।
- कुछ क्षेत्रों में इन उद्योगों का इतना अधिक संकेन्द्रण और ताइवान पर यू.एस.-चीन तनाव एवं रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं जैसे मुद्दों के कारण वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर चिप की कमी हो गई है।
- वैश्विक अर्धचालक भंडारण (global semiconductor chip shortage) ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को चिप बनाने वाले क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और इसे आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करने के प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है।
- उदाहरण: यू.एस. ने CHIPS और विज्ञान कार्य हेतु $52.7 बिलियन के सरकारी सहायता की घोषणा की हैं।
- यूरोपीय संघ को चिप्स कार्य से सार्वजनिक और निजी निवेश से €43 बिलियन से अधिक जुटाने की उम्मीद है।
- वर्ष 2021 में, भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर्स के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को भी मंजूरी दी, जिसके तहत सेमीकंडक्टर्स के विकास और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के लिए 76,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- अर्धचालकों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PIL) योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Production-linked incentive (PLI) scheme for semiconductors
भारत की चिप बनाने की योजना में प्रमुख बदलावों की घोषणा:
- पुरानी योजना के अनुसार, केंद्र सरकार निम्नलिखित का वित्तपोषण करेगी:
- 45nm (नैनोमीटर) से 65nm (नैनोमीटर) चिप उत्पादन की परियोजना लागत का 30% nm (नैनोमीटर)।
- 28nm (नैनोमीटर) से 45nm (नैनोमीटर) के लिए 40%।
- चिप्स 28nm (नैनोमीटर) या उससे कम के लिए 50%।
- सरकार द्वारा किये गए परिवर्तनों के अनुसार संशोधित योजना में सभी नोड्स के लिए एक समान 50% वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा, परिवर्तनों में प्रक्रिया के अन्य चरणों जैसे चिप डिजाइन और एटीएमपी के लिए पूंजीगत व्यय के 50% का प्रावधान भी शामिल है।
- इस योजना में किए गए नए परिवर्तन 45nm (नैनोमीटर) चिप के उत्पादन पर भी अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे जिससे समय की बचत और लागत कम होगी।
- इसके अतिरिक्त, योजना के तहत लक्षित प्रौद्योगिकियों में असतत अर्धचालक फैब शामिल होंगे।
- असतत अर्धचालक का उपयोग बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए किया जाता है।
योजना से जुड़ी चुनौतियां:
- चिप उत्पादन को संसाधन-गहन और एक महंगी प्रक्रिया कहा जाता है।
- अभी तक योजना में किए गए नए परिवर्तनों का उद्देश्य प्रक्रिया के सभी चरणों के लिए समान वित्त पोषण प्रदान करना है,जैसे की योजना का परिव्यय अभी भी 10 अरब डॉलर है।
- हालांकि, सेमीकंडक्टर फैब की स्थापना की प्रक्रिया के लिए लगभग 3 से 7 बिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी जिसका अर्थ है कि यह राशि अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं जैसे डिस्प्ले फैब, पैकेजिंग और परीक्षण सुविधाओं और चिप डिजाइन केंद्रों के प्रोहत्साहन के लिए कम होगी।
- इसके अलावा, सेमीकंडक्टर चिप बनाने की प्रक्रिया में भी हर दिन गैलन अतिशुद्ध जल (ultrapure water) की आवश्यकता होती है।
- देश के बड़े हिस्से में पड़े सूखे या सूखे की स्थिति में सरकार के लिए सम्बंधित कारखानों को पानी उपलब्ध कराना एक मुश्किल काम है,सरकार को सेमीकंडक्टर और लिंक्ड इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने सम्बन्धी चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है ताकि ऐसी स्थिति न बने जहां ये उद्योग और उद्यम केवल करदाताओं के पैसे के माध्यम से सब्सिडी प्रदान किए जाने तक ही सफल रहें।
भावी कदम:
- हाल ही में, वेदांता और एक ताइवानी चिप निर्माता कम्पनी फॉक्सकॉन ने गुजरात में ₹1,54,000 करोड़ के सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके अतिरिक्त, दो और परियोजनाओं की भी घोषणा की गई है जिनमें निम्न शामिल हैं:
- इंटरनेशनल कंसोर्टियम ISMC द्वारा कर्नाटक में 3 बिलियन डॉलर का प्लांट।
- सिंगापुर के IGSS वेंचर्स द्वारा तमिलनाडु में 3.5 बिलियन डॉलर का प्लांट।
- विशेषज्ञ योजना के सकारात्मक परिणामों के बारे में आशावादी हैं और उनका मानना है कि इसको मिले वित्त पोषण को डिजाइन एवं अनुसंधान और विकास जैसे पहलुओं पर भी ध्यान देना चाहिए, जिसके लिए भारत पहले से ही एक सक्षम प्रतिभा पूल से लैस है।
- इस मुद्दे के बारे में अधिक जानकारी पढ़ने के लिए 14 फरवरी 2022 का यूपीएससी परीक्षा व्यापक समाचार विश्लेषण आलेख देखें।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पेटीमुडी में भूस्खलन: आपदाओं में सामाजिक असमानता
आपदा प्रबंधन:
विषय: आपदा एवं आपदा प्रबंधन।
मुख्य परीक्षा: आपदा जोखिम/संवेदनशीलता की सीमा निर्धारित करने में सामाजिक असमानताओं की प्रासंगिकता।
संदर्भ:
- यह लेख एस मोहम्मद इरशाद (S. Mohammed Irshad) और एसएस क्रिस्टिन सोलामन (S.S. Christin Solaman’s) के काम “आइडेंटिटी, स्पेस एंड डिजास्टर: ए केस स्टडी ऑफ पेटीमुडी लैंडस्लाइड इन केरल” पर आधारित है।
- इस लेख में भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, एक समुदाय की आपदा जोखिम/संवेदनशीलता और राज्य के हस्तक्षेप के संदर्भ में व्यक्ति की भूमिका को रेखांकित किया गया है।
विवरण:
- सामाजिक उत्पाद के रूप में एक व्यक्ति की प्रासंगिकता और किसी व्यक्ति या समुदाय की सामाजिक वास्तविकताओं की समझ के संबंध में कई सिद्धांत हैं।
- इस लेख के माध्यम से लेखक ने 6 अगस्त, 2020 को केरल के इडुक्की जिले में एक चाय बागान पेटीमुडी में हुए भूस्खलन का का अध्ययन करके “भौगोलिक और सामाजिक स्थान” की प्रासंगिकता का विश्लेषण करने का प्रयास किया है ।
- यह टी एस्टेट (tea estate) की संपत्ति सबसे पहले जॉन डेनियल मैनरो के स्वामित्व में थी, जो वर्ष 1877 में एक ब्रिटिश अधिकारी थे।
- (टी एस्टेट (tea estate) का अर्थ है चाय बागान वाली कोई भी भूमि जिसमें चाय के प्रसंस्करण और अन्य संबंधित कार्यों के लिए स्थापित एक कारखाना और एक परिसर भी शामिल होता है।)
- वर्तमान में, यह टी एस्टेट/संपत्ति कानन देवन हिल्स प्लांटेशन ( Kanan Devan Hills Plantations (KDHP)) के स्वामित्व में है।
- इस क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण पेटीमुडी एस्टेट में भूस्खलन हुआ, जिसके कारण 65 से अधिक श्रमिकों की मौत हो गई, जो एक ‘लयम’ (ayam) में रहते थे, जो कंपनी द्वारा आवास के रूप में प्रदान की गई इमारत में 10 आवासीय स्थानों की एक पंक्ति है।
घटना के विश्लेषण के निष्कर्ष:
- विश्लेषण से पता चलता है कि जब 1843 में राज्य में दासता को समाप्त कर दिया गया था, तो इस संपत्ति के मालिकों ने अन्य क्षेत्रों के श्रमिकों को बंधुआ मजदूर बनाने की वैकल्पिक योजना को लागु किया था।
- इसके साथ ही वर्ष 1951 का बागान श्रम अधिनियम भी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता जैसे लाभों का विस्तार करने में विफल रहा हैं।
- वर्तमान में, एस्टेट के अधिकांश श्रमिक तमिल प्रवासी श्रमिकों की दूसरी या तीसरी पीढ़ी के हैं, जिन्हें बंधुआ मजदूर के रूप में लाया गया था।
- इन श्रमिकों के पास अच्छी आवास सुविधाओं या अपनी खुद की जमीन की कमी है,संपत्ति के मालिकों द्वारा प्रदान किए गए आवास (लेम्स-layams) पारिस्थितिक रूप से एक कमजोर परिदृश्य में बनाये गए हैं जो लगभग 90 वर्ष पुराने हैं और इनकी मरम्मत एवं रखरखाव भी अच्छी तरह से नहीं किया गया था।
- इस विषय में किये गए विश्लेषण इंगित करते है कि सरकार द्वारा कि गई प्रतिक्रिया और पुनर्वास उपायों ने केवल पारंपरिक राहत उपाय प्रदान किए हैं और स्थानिक असमानता जो कि आपदा के प्रमुख पहलुओं को एवं समुदाय के जोखिम को नजरअंदाज कर दिया जाता हैं।
- लेखकों ने यह भी अध्ययन किया कि किस प्रकार मीडिया और सरकार ने झूठे ब्यान दिए और स्थिति के पीछे की सामाजिक-आर्थिक जटिलता की जांच किए बिना भूस्खलन की घटना को एक एकल घटना के रूप में माना।
- भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में लेम के निर्माण और उनके खराब रखरखाव के साथ-साथ श्रमिकों की खराब सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया था।
- लेखक यह भी मानते हैं कि राज्य में अगले ही दिन हुई एक हवाई दुर्घटना की एक अन्य घटना की तुलना में भूस्खलन की घटना के प्रति राज्य ने उदासीनता दिखाई ।
- विश्लेषण इस बात को उजागर करता है कि हवाई दुर्घटना के पीड़ितों की तुलना में भूस्खलन से पीड़ितों के साथ अलग व्यवहार किया गया।
अंतर और जोखिम की अवधारणा:
- एडवर्ड सोजा और आंद्रेज ज़िलेनिएक जैसे विभिन्न सामाजिक सिद्धांतकारों ने अंतर के साथ व्यक्तियों की बातचीत के पहलू और एक सामाजिक उत्पाद के रूप में व्यक्ति द्वारा निभाई गई भूमिका और भेदभाव को संबोधित किया है।
- उत्पादन, वर्ग संबंध, संस्थागत और अधिकार संबंध जैसे सामाजिक संबंधों के अभिसरण के कारण विभिन्न स्थानिक कमजोरियां उत्पन्न होती हैं।
- निजी संपत्ति वाली भूमि को एक सामाजिक स्थान मानते हुए, लेखक भूमि की भूमिका का विश्लेषण मजदूरों की आर्थिक जोखिम/भेद्यता के प्रतीक के रूप में करते हैं, जिसकी जड़ें दास श्रम के इतिहास में निहित हैं, और यह भेद्यता श्रमिकों को ऐसी कठोर परिस्थितियों में रहने और काम करने के लिए कैसे मजबूर करती है।
- निजी कंपनी अंतरिक्ष के अपने स्वामित्व के साथ इन श्रमिकों पर अधिकार का दावा करती है।
- इन श्रमिकों के इस सामाजिक बहिष्कार को विभिन्न सरकारी नीतियों या योजनाओं के माध्यम से भी समाप्त नहीं किया गया है।
- इसके अलावा, पीड़ितों से पुनर्वास प्रक्रिया के दौरान परामर्श नहीं किया जाता है और न ही प्रक्रिया में उनकी कोई राय ली जाती होती है और उन्हें सरकारी धन स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता है।
राज्य की प्रतिक्रिया के सम्बंन्ध में चिंता:
- ऐसे मामलों में राज्य आमतौर पर ऐसी आपदाओं के मूल कारणों पर ध्यान नहीं देता है।
- ज्ञातव्य है कि देश में आपदाओं के मामले में, राज्य कुछ मानक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं जिसमें मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर क्षेत्र के निवासियों को सचेत करना, अस्थायी आश्रय प्रदान करना और पुनर्वास प्रयासों की योजना बनाना शामिल है।
- हालांकि, राज्य अक्सर अंतर एवं जोखिम/भेद्यता और ऐसे परिवर्तनों के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के बीच संबंधों को स्वीकार करने में विफल रहते हैं।
- हमेशा समुदाय की संवेदनशीलता का प्रशासनिक स्तर पर लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अध्ययन नहीं किया जाता है।
- इसमें लेखकों का मानना है कि असमान तरीके से विकास या प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन ने देश के आपदा संभावित क्षेत्रों में गरीब समुदायों के बीच आपदा संवेदनशीलता को कई गुना बढ़ा दिया है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 से संबंधित:
भारतीय अर्थव्यवस्था:
भारत को एक सिग्नेचर डेस्टिनेशन के रूप में पेश करना:
विषय: पर्यटन।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व पर्यटन दिवस।
मुख्य परीक्षा: भारत के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना।
प्रसंग: विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है।
विवरण:
- हिमालय की धौलाधार पर्वतमाला में राज्यों के पर्यटन मंत्रियों की अपनी तरह की पहली बैठक हुई। भारत के पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के तरीके और तंत्र जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।
- भारत के प्रधान मंत्री ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर, भारतीय नागरिकों से वर्ष 2022 तक भारत में कम से कम 15 पर्यटन स्थलों की यात्रा करने का अनुरोध किया। हालांकि, यह महामारी के कारण संभव न हो सका। कोविड-19 महामारी से पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
- बैठक का परिणाम ‘धर्मशाला घोषणा’ था। धर्मशाला घोषणा ने प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरणा ली। यह साइलो(silo) को तोड़ने में सक्षम बनाता है और विभिन्न गलियारों में तालमेल को प्रोत्साहित करता है।
- ‘धर्मशाला घोषणा’ का उद्देश्य वैश्विक पर्यटन में भारत की भूमिका को मजबूत करना और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देना है।
- पर्यटन मंत्रालय ने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने और भारतीय नागरिकों को देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता का पता लगाने और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लिए एक कार्य योजना और रणनीति का प्रस्ताव पेश किया है। एक भारत श्रेष्ठ भारत का अर्थ है बातचीत और आपसी समझ।
- इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय विदेश में बीस भारतीय मिशनों को मान्यता देने के लिए विदेश मंत्रालय का सहयोग लेरहा है जो भारत में पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत हैं। मंत्रालय विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए देश-विशिष्ट योजनाएं भी बना रहा है।
पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उपाय:
- भारत सरकार की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) को हाल ही में ₹4.5 लाख करोड़ से बढ़ाकर ₹5 लाख करोड़ कर दिया गया है। इसका उद्देश्य आतिथ्य और संबंधित क्षेत्रों जैसे होटल ,रेस्तरां, टूर ऑपरेटर ,ट्रैवल एजेंट, मैरिज हॉल और विरासत और साहसिक गतिविधियों को बढाना है।
- राष्ट्रीय पर्यटन नीति:
- सरकार ने राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2022 का मसौदा भी तैयार किया है। भारत में परिवर्तनकारी पर्यटन नीति के लिए 2002 के बाद यह पहला प्रयास है। नीति का उद्देश्य है:
- पर्यटन विकास के लिए स्थितियों में सुधार करना
- पर्यटन उद्योगों का समर्थन करना
- समर्थन कार्यों को मजबूत करना
- पर्यटन के उप-क्षेत्रों का विकास
- नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय डिजिटल पर्यटन मिशन के माध्यम से प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण और नवाचार का लाभ उठाना भी है
- यह पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र कौशल मिशन के माध्यम से अवसर भी प्रदान करेगा।
- यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी विशेष प्रोत्साहन देगा।
- सरकार ने राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2022 का मसौदा भी तैयार किया है। भारत में परिवर्तनकारी पर्यटन नीति के लिए 2002 के बाद यह पहला प्रयास है। नीति का उद्देश्य है:
राष्ट्रीय डिजिटल पर्यटन मिशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:
https://byjus.com/current-affairs/national-digital-tourism-mission/
पर्यटन में भारत की संभावना:
- भारत के पास G20 प्रेसीडेंसी की पृष्ठभूमि में खुद को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का एक सुनहरा अवसर है। G20 प्रेसीडेंसी की अवधि दिसंबर 2022 से नवंबर 2023 तक है। 200 बैठकों की मेजबानी करते हुए उन्नीस देशों और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए भारत के ‘अतिथि देवो भव’ के पारंपरिक सिद्धांत को सामने रखा जा सकता है।
- अधिकारी विभिन्न आयामों जैसे आवास उपलब्धता, बुनियादी ढांचे, स्वच्छ भारत रैंकिंग इत्यादि के आधार पर बैठकों और सम्मेलनों के लिए शहरों की एक सूची तैयार कर रहे हैं। मूल उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है।
- पर्यटन मंत्रालय अन्य विभागों और मंत्रालयों के साथ भी सहयोग कर रहा है ताकि यात्रा में आसानीव वीजा सुधार और हवाई अड्डों पर यात्री-अनुकूल व आव्रजन सुविधाओं को बेहतर बनाना है।
- 2024 के मध्य तक, भारत का पर्यटन क्षेत्र पूर्व-महामारी के स्तर तक पहुंच जाएगा और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इसका हिस्सा $ 150 बिलियन और विदेशी मुद्रा आय में लगभग $ 30 बिलियन का की वृद्धि होगी । विदेशी पर्यटकों का अनुमानित आंकड़ा करीब 15 मिलियन है।
- इसके अलावा, भारत का पर्यटन क्षेत्र 2030 तक 7% -9% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा। एक सक्षम नीतिगत ढांचे के साथ, पर्यटन क्षेत्र 140 मिलियन नौकरियों के अलावा सकल घरेलू उत्पाद में लगभग $ 250 बिलियन और विदेशी मुद्रा आय में $56 बिलियन जोड़ सकता है । पर्यटकों का आकंड़ा 25 मिलियन तक पहुंच सकता है।
सम्बंधित लिंक्स:
https://byjus.com/free-ias-prep/road-ahead-for-tourism-hospitality-industry-rstv-big-picture/
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
समरकंद: एक उभरती हुई दुनिया का लघुचित्र:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय ,वैश्विक समूह और भारत से संबंधित अथवा भारत के हितो को प्रभावित करने वाले कारक।
प्रारंभिक परीक्षा: SCO शिखर सम्मेलन।
मुख्य परीक्षा: SCO शिखर सम्मेलन, 2022।
संदर्भ: शंघाई सहयोग बैठक 15 और 16 सितंबर 2022 को समरकंद, उज्बेकिस्तान में आयोजित की गई थी।
विभिन्न देशों द्वारा अपनाई गई हालिया रणनीतियाँ:
- पूर्व सोवियत गणराज्य चुप हैं हालांकि रूस स्पष्ट रूप से यूक्रेनी आक्रमण के लिए कटघरे में है।
- रूस-यूक्रेन संघर्ष में रूस के समर्थन के बदले में चीन ने ताइवान के मुद्दे पर रूस के साथ एक समझौता किया है।
- ऐसा लगता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका लोकतांत्रिक देशों के साथ गठबंधन में है। हालाँकि, अमेरिका ने भी पाकिस्तानी वायु सेना के आधुनिकीकरण का निर्णय लिया है। यह संभवत: पाकिस्तान को चीन के करीब आने से रोकने के लिए है।
- भारत का स्टैंड:
- भले ही भारत के दोनों विरोधियों ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया, लेकिन भारत दोनों में से किसी के साथ भी बात नहीं कर रहा है।
- हालाँकि, भारत रूस के लिए एक कड़ा संदेश लेकर आया कि यह युद्ध का समय नहीं है और युद्ध रुक जाना चाहिए क्योंकि यह दुनिया के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।
- भारत ने तेल संकट, भोजन की कमी, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
- रूसी राष्ट्रपति ने यह कहकर भारत को जवाब दिया कि रूस भारत की चिंताओं को समझता है और संघर्ष को समाप्त करने का प्रयास करेगा। लेकिन उन्होंने लंबे समय से चल रहे संकट के लिए यूक्रेन को भी जिम्मेदार ठहराया।
SCO शिखर सम्मेलन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:
https://byjus.com/free-ias-prep/sansad-tv-perspective-sco-summit-2022/
समरकंद शिखर सम्मेलन के परिणाम:
- समरकंद में SCO शिखर सम्मेलन को भविष्य में दुनिया में जो कुछ भी सामने आ सकता है, उसके लिए एक ड्रेस रिहर्सल कहा जाता है।
- यह देखा गया कि चीन-रूस-ईरान-पाकिस्तान धुरी के वर्चस्व के कारण अगले SCO शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के रूप में, भारत में बहुत कुछ बदलने की क्षमता नहीं है।
- भारत को इसके बजाय उभरती हुई विश्व व्यवस्था में अपना ध्रुव बनाने के लिए लोकतांत्रिक देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
- शिखर सम्मेलन की लहरों को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी महसूस किया गया, जहां पहली बार रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों ने इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए UNSC के विस्तार का समर्थन किया। रूस ने भारत की स्थायी सदस्यता का खुलकर समर्थन किया है।
SCO शिखर सम्मेलन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:
https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-sep17-2022/
संबंधित लिंक:
https://byjus.com/free-ias-prep/sansad-tv-perspective-unsc-indias-call-for-peace/
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. नाविक प्रणाली के लिए केंद्र द्वारा स्मार्टफोन दिग्गजों को अज्ञात पथ पर उतारना:
- केंद्र ने घरेलू नेविगेशन प्रणाली पर जोर दिया है।
- केंद्र सरकार तकनीकी दिग्गजों से स्मार्टफोन को NavIC (NavIC (Navigation with Indian Constellation) भारतीय नक्षत्र के साथ नेविगेशन (NavIC)) के अनुकूल बनाने का आग्रह कर रही है, जो भारत की स्वदेशी क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली है।
- हालांकि,सैमसंग (Samsung), श्याओमी (Xiaomi) और ऐप्पल (Apple) जैसे टेक दिग्गजों ने 1 जनवरी, 2023 की समय सीमा पर चिंता व्यक्त की है क्योंकि इससे उच्च अनुसंधान और उत्पादन लागत और व्यवधानों के कारण लागत में वृद्धि होगी साथ ही इस कदम के लिए हार्डवेयर और परीक्षण मंजूरी में विभिन्न बदलावों की आवश्यकता होती है।
- प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत ने पिछले कुछ वर्षों में यू.एस. के व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (Global Positioning System (GPS)) सहित विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता को कम करने के लिए एनएवीआईसी (NavIC) के उपयोग का विस्तार किया है।
- सरकार के मुताबिक,NavIC अधिक सटीक घरेलू नेविगेशन प्रदान करता हैं और इसके उपयोग से अर्थव्यवस्था को काफी हद तक लाभ होगा।
- चीन, यूरोपीय संघ, जापान और रूस जैसे देशों के पास पहले से ही जीपीएस को टक्कर देने के लिए अपने स्वयं के वैश्विक या क्षेत्रीय नेविगेशन सिस्टम हैं।
2.लाइव-स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल: सुप्रीम कोर्ट ने पारदर्शिता पर उठाया बड़ा कदम:
- भारत के मुख्य न्यायाधीश यू. यू. ललित ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा के लिए एक समर्पित मंच स्थापित किया जा रहा है।
- इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने ऑनलाइन याचिकाएं जमा करने के लिए सूचना का अधिकार (Right to Information (RTI)) पोर्टल खोलने की बात कही हैं।
- गौरतलब है कि इन दो पहलों से संकेत मिलता है कि देश में अदालतों के कामकाज में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।
3.डॉलर के मुकाबले रुपया 81.67 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर:
- वर्तमान में अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी मुद्रा के और अधिक मजबूत होने के कारण रुपया डॉलर के मुकाबले एक रिकॉर्ड और निचले स्तर पर पहुंच गया हैं।
- रुपये के निचले स्तर में जाने की प्रवृत्ति से आयातकों, विदेश में पढ़ने वाले छात्रों और बाहर जाने वाले यात्रियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
- इसके अलावा भारतीय शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई हैं,क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए आक्रामक रुख अपनाया हैं।
- वर्तमान घटनाक्रमों जैसे अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंका, रूस-यूक्रेन संघर्ष और चीन में राजनीतिक अनिश्चितता ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये के मूल्य में और अधिक गिरावट आ सकती थी यदि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India (RBI)) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार (interbank forex market) में डॉलर बेचकर हस्तक्षेप नहीं किया होता।
- आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि वह विदेशी मुद्रा बाजार में अतिरिक्त अस्थिरता को रोकने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार को प्रसारित करेगा।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. दोहरा क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण ( Double Asteroid Redirection Test (DART)) मिशन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (स्तर – मध्यम)
- यह एक परियोजना है जिसका नेतृत्व यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी कर रही है।
- इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यान को डिडिमोस (Didymos) क्षुद्रग्रह पर धवस्त करना शामिल है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: दोहरा क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (DART) नासा का एक अंतरिक्ष मिशन है जिसका उद्देश्य पृथ्वी के निकट की वस्तुओं (near-Earth objects (NEOs)) से ग्रहों की रक्षा की एक विधि का परीक्षण करना है।
- दोहरा क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (DART) नासा और जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (Applied Physics Laboratory (APL)) की एक संयुक्त परियोजना है।
- कथन 2 सही नहीं है: मिशन में अंतरिक्ष यान को डिमोर्फोस (Dimorphos) क्षुद्रग्रह पर धवस्त करना शामिल है।
- डिमोर्फोस एक थोड़े बड़े क्षुद्रग्रह का चंद्रमा है,जिसे डिडिमोस कहा जाता है।
- डिडिमोस लगभग 780 मीटर चौड़ा है, जबकि डिमोर्फोस लगभग 160 मीटर है।
- डिडिमोस के चारों ओर अपेक्षाकृत छोटी कक्षा होने के कारण वैज्ञानिकों ने डिमोर्फोस को अपने लक्ष्य के रूप में चुना हैं।
- इसकी कक्षा में होने वाला विचलन अधिक ध्यान देने योग्य है और उसे आसानी से मापा जा सकेगा।
प्रश्न 2. हाल ही में की गई ‘धर्मशाला घोषणा’ निम्नलिखित में से किस पहलू से संबंधित है? (स्तर – कठिन)
(a) आपदा प्रबंधन
(b) जलवायु परिवर्तन
(c) पर्यटन (उत्तर)
(d) खेल
उत्तर: c
व्याख्या:
- “धर्मशाला घोषणा” का उद्देश्य भारत की भूमिका को वैश्विक पर्यटन में योगदान के साथ-साथ घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देकर रिकवरी पर ध्यान केंद्रित करना है।
- “धर्मशाला घोषणा” को राज्य पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनाया गया था, जो “टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन” विकसित करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि और भारत को “2047 तक पर्यटन क्षेत्र में वैश्विक नेता” बनाना है।
प्रश्न 3. ला नीना के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (स्तर – मध्यम)
- ला नीना अल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) चरण को संदर्भित करती है जिसमें समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक गर्म होता है।
- भारतीय संदर्भ में ला नीना मानसून के मौसम में अच्छी वर्षा के साथ जुड़ा हुआ है।
- वर्तमान में देखा जा रहा ‘ट्रिपल डिप’ ला नीना के इतिहास में पहला ऐसा उदाहरण है और इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन हो सकता है।
उपर्युक्त में से कितने/कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक कथन
(b) केवल दो कथन
(c) तीनों कथन
(d) कथनों में से कोई नहीं
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: ला नीना अल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) चरण को संदर्भित करता है जिसमें समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक ठंडा होता है।
- कथन 2 सही है: भारतीय संदर्भ में, ला नीना मानसून के मौसम में अच्छी वर्षा से जुड़ा है। इसलिए ला नीना को भारतीय मानसून के लिए फायदेमंद माना जाता है।
- कथन 3 सही नहीं है: भारत वर्तमान में ला नीना के एक विस्तारित दौर को देख रहा है, जिसे ‘ट्रिपल डिप’ ला नीना कहा जाता है, जो उत्तरी गोलार्ध में तीन सर्दियों के मौसम में चलने वाली घटना है। यह इस सदी में पहली बार है जब उत्तरी गोलार्ध में लगातार तीन सर्दियों में ‘ट्रिपल डिप’ ला नीना बन जाएगा।
- इसे सदी का पहला “ट्रिपल डिप” ला नीना और 1950 के बाद तीसरा कहा जा रहा है।
प्रश्न 4. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन है,भारत जिसका एक संस्थापक सदस्य है एवं इसका उद्देश्य आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार को बढ़ावा देना है।
- विश्व आर्थिक आउटलुक इस संगठन का एक प्रमुख प्रकाशन है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों कथन
(d) कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development (OECD)) 38 देशों का एक अंतरराष्ट्रीय, अंतर-सरकारी आर्थिक संगठन है।इसके अधिकांश सदस्य उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाएं हैं,जिनका मानव विकास सूचकांक (Human Development Index (HDI) ) बहुत अधिक है और उन्हें विकसित देश माना जाता है।
- भारत अभी भी ओईसीडी का सदस्य नहीं है। हालांकि, भारत गैर-सदस्य अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जिसके साथ ओईसीडी के कामकाजी संबंध हैं।
- ओईसीडी वर्ष 1995 से भारत के साथ सहयोग कर रहा है।
- कथन 2 सही नहीं है: विश्व आर्थिक आउटलुक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund (IMF)) द्वारा प्रकाशित एक प्रमुख रिपोर्ट है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा नैशनल पार्क पूर्णतया शीतोष्ण अल्पाइन कटिबंध में स्थित है? PYQ (2019) (स्तर – कठिन)
(a) मानस नैशनल पार्क
(b) नामदफा नैशनल पार्क
(c) नेओरा घाटी नैशनल पार्क
(d) फूलों की घाटी नैशनल पार्क
उत्तर: d
व्याख्या:
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान समुद्र तल से लगभग 3352 से 3658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यह समशीतोष्ण अल्पाइन क्षेत्र में स्थित है।
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. सेमीकंडक्टर चिप उद्योग का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने का भारत का मार्ग बाधाओं से भरा हुआ है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – अर्थव्यवस्था)
प्रश्न 2. सरकार दुनिया भर के लोगों के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में भारत की वास्तविक क्षमता का दोहन करने की योजना कैसे बना रही है? (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – अर्थव्यवस्था)