31 अगस्त 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: राजव्यवस्था एवं शासन:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: शासन व्यवस्था:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
---|
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
राजव्यवस्था एवं शासन:
विशेष विवाह अधिनियम, 1954 को चुनौती
विषय: सरकारी नीतियां एवं हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा क्रियान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के कुछ प्रावधानों से जुड़ी चिंताएँ।
संदर्भ:
- सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका को खारिज कर दिया है।
पृष्ठभूमि:
- विशेष विवाह अधिनियम उन युगलों पर लागू होता है जो अंतर-धार्मिक विवाह करना चाहते हैं। अधिनियम एक विशेष कानून है जो पंजीकरण द्वारा विवाह का एक अनूठा रूप प्रदान करने के लिए अधिनियमित किया गया है जिसमें वैवाहिक युगल को अपने धर्म का त्याग नहीं करना पड़ता है।
- इस कानून के बारे में प्रमुख चिंता विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5 के तहत निर्दिष्ट प्रावधानों से जुडी हुई है।
- धारा 5 के तहत युगल को शादी की तारीख से 30 दिन पहले विवाह अधिकारी को नोटिस देने की आवश्यकता होती है।
इस विषय पर विस्तृत जानकारी के लिए 14 फरवरी 2020 का समाचार विश्लेषण पढ़ें:
विवरण:
- याचिकाकर्ताओं ने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 6 से 10 को चुनौती दी है।
- धारा 6 के तहत विवाह अधिकारी द्वारा अनुरक्षित विवाह सूचना पुस्तिका में सूचना (Notice) दर्ज करने की आवश्यकता होती है। विवाह सूचना पुस्तिका का निरीक्षण कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इन नोटिसों को विवाह अधिकारी के कार्यालय में किसी उपयुक्त स्थान पर भी लगाना (चिपकाना) होता है।
- धारा 7 अंतर्धार्मिक विवाह पर आपत्ति करने की प्रक्रिया से संबंधित है।
- धारा 8 में अंतर्धार्मिक विवाह पर आपत्ति करने के बाद की जाने वाली जांच प्रक्रिया को निर्दिष्ट किया गया है।
चिंताएं:
मौलिक अधिकारों का हनन:
- याचिका में जिन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, वे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।
- इन प्रावधानों को अनुच्छेद 14 (धर्म, नस्ल, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव पर निषेध) के साथ-साथ अनुच्छेद 15 (समानता का अधिकार) का भी उल्लंघन माना जा सकता है क्योंकि व्यक्तिगत कानूनों में विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत विशेष प्रावधान नहीं हैं।
दुरुपयोग की संभावना:
- सार्वजनिक नोटिस का इस्तेमाल असामाजिक तत्वों द्वारा शादी करने वाले अंतर-धार्मिक युगलों को परेशान करने के लिए किया जाता है।
अंतर-धार्मिक विवाह करने के इच्छुक युगलों पर अतिरिक्त बोझ:
- कुछ राज्यों में अंतर-धार्मिक विवाह के संबंध में प्रावधान हैं जो अंतर-धार्मिक विवाह करने के इच्छुक युगलों पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं।
- हरियाणा राज्य में अंतर-धार्मिक विवाह करने के इच्छुक युगलों को एक समाचार पत्र में नोटिस प्रकाशित करवाना होता है और इस तरह के नोटिस उनके माता-पिता को भी देना होता है।
- कुछ राज्यों में, अंतर-धार्मिक विवाह करने के इच्छुक युगलों को अपने माता-पिता से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना पड़ता है।
- लगभग 11 राज्यों द्वारा पारित धर्मांतरण विरोधी कानून या तथाकथित लव-जिहाद कानून माता-पिता और राज्य के लिए अंतर-धार्मिक विवाह करने के इच्छुक युगलों को दंडित और परेशान करने के माध्यम बन गए हैं।
सारांश:
|
---|
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
शासन व्यवस्था:
फोन की जांच छोड़ें, निगरानी पर अंकुश लगाने के आदेशों का मसौदा तैयार करें
विषय: शासन-व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू।
मुख्य परीक्षा: डेटा सर्विलांस से जुड़ी प्रमुख चिंताएँ।
संदर्भ:
- सर्वोच्च न्यायालय की पेगासस मुद्दे पर पैनल की रिपोर्ट पर टिप्पणी।
विवरण:
- यह तर्क दिया जाता है कि केंद्र और राज्य निगरानी के मामले में पुलिस की तरह काम करते हैं।
- इसके अलावा, निगम भी कानून को दरकिनार करते उसी तरह निगरानी करते हैं। बड़े कॉरपोरेट घराने प्रतिस्पर्धियों और कार्यकर्ताओं की जासूसी करते हैं और “रुचि के व्यक्तियों” के बारे में जानकारी जुटते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लीक करें:
https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-aug28-2022/
निगरानी के खिलाफ विभिन्न देशों द्वारा उठाए गए कदम:
- संयुक्त राज्य अमेरिका:
- 1978 में एक ग्यारह सदस्यीय विदेशी खुफिया निगरानी न्यायालय की स्थापना की गई, जब कांग्रेस ने विदेशी खुफिया निगरानी अधिनियम (FISA) अधिनियमित किया। यह राजनीतिक जासूसी की प्रतिक्रिया में था। इसके अलावा, कांग्रेस को रिपोर्ट करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय में एक नागरिक स्वतंत्रता संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया।
- 1986 के वायरटैप अधिनियम ने निजी संस्थाओं द्वारा की जाने वाली निगरानी पर प्रतिबंधित लगा दिया। साथ ही, सरकार को निगरानी करने के लिए एक संघीय अदालत से अनुमतिलेना अनिवार्य कर दिया गया और यह तब किया जाना चाहिए जब “कोई अन्य विकल्प” न बचा हो।
- द यूनाइटिंग एंड स्ट्रेंथनिंग अमेरिका बाई प्रोवाइडिंग अप्रोप्रिएट टूल्स रिक्वायर्ड टू इंटरसेप्ट एंड ऑब्सट्रक्ट टेरेरिज्म एक्ट ऑफ 2001(पैट्रियट एक्ट 2001) को कोर्ट की मंजूरी भी आवश्यक थी,जिसको अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का प्रतिरोध करने के लिए लागू किया गया था।
- आयरलैंड:
- गोपनीयता रिपोर्ट 1997 में निजी संस्थाओं को लक्षित करते हुए जारी की गई थी औरइसमेंवैधानिक कानून की सिफारिश की गई थी।
- अन्य उदाहरण:
- न्यू साउथ वेल्स कानून सुधार आयोग, 2005 की सिफारिश परगोपनीयता आयुक्त कार्यालय बनाया गया। कार्यालय में मामलों की जांच के लिए निरीक्षक तैनात किए गए।
- संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कानूनी ढांचे के विकास में योगदान देने वाली “नो सीक्रेट” नियम अवधारणा विकसित की। इसके पीछे तर्क यह था कि निगरानी के लिए “राष्ट्रीय हित” में सरकार का हवाला देना ठीक नहीं होगा।
- निरीक्षण संस्थानों पर संयुक्त राष्ट्र का अभ्यास 6 यह बताता है कि नागरिक स्वतंत्र संस्थान की स्थापना की जानी चाहिए और प्रैक्टिस 7 इस संस्था को जांच करने और सूचना तक निर्बाध पहुंच का अधिकार देती है। जबकि अभ्यास 9 नागरिकों को अदालत में शिकायत दर्ज करने की अनुमति देता है।
- 2015 में, वेनिस आयोग की रिपोर्ट में कहा गया था कि निजता का अधिकार विकसित हो रहे संदर्भ में पर्याप्त नहीं था। रिपोर्ट ने स्वतंत्र नियंत्रण और निरीक्षण का समर्थन किया जिसमें कार्यपालिका की जाँच, संसदीय निरीक्षण, न्यायिक समीक्षा के साथ-साथ विशेषज्ञ निकायों द्वारा निरीक्षण शामिल था।
भारत में चिंताएं:
- भारतीय अधिकारी लगभग 9,000 अवरोधन आदेशों को मासिक रूप से अधिकृत करते हैं और ये आदेश अदालतों के बजाय पुलिस अधिकारियों द्वारा जारी किए जाते हैं।
- मानव अधिकारों का उल्लंघन मानी जाने वाली चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग भारत में बिना किसी विरोध के किया जाता है। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ में इसका उपयोग बंद कर दिया गया है।
- एक डिजिटल निगरानी अनुसंधान एजेंसी द सिटीजन लैब (कनाडा में स्थित) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें कहा गया था कि “ब्लू कोट डिवाइस” और “पैकेटशैपर” इंस्टॉलेशन जैसे सॉफ़्टवेयर भारत में पाए गए थे।
- इसी संगठन, “फिनफिशर” की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विभिन्न सर्वरों में निगरानी सॉफ्टवेयर पाया गया था।
- फिनफिशर दूरस्थ घुसपैठ सॉफ़्टवेयर की एक पंक्ति है जिसके उत्पादों का विपणन विशेष रूप से खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए किया जाता है।
- मानव अधिकार कार्यकत्ताओं के खिलाफ लक्षित हमलों के लिए संदिग्ध मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों द्वारा सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया गया था।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा की”विशेष रिपोर्टर की रिपोर्ट” 2013 में बताया गया है कि भारत सरकार ने केंद्र सरकार को सभी संचारों को रूट करने और सुरक्षा एजेंसियों को सेवा प्रदाता को बायपास करने की अनुमति देने के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। यह न्यायिक प्राधिकरण के दायरे से बाहर निगरानी करेगा और राज्य की जवाबदेही को समाप्त करेगा।
- द गार्जियन ने 2013 में एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें भारत को उन देशों में पांचवें स्थान पर रखा गया जहां बड़ी मात्रा में खुफिया जानकारी एकत्र की गई।
- 2014 में, दिल्ली पुलिस ने इंटरनेट निगरानी उपकरणों की आपूर्ति के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए एक निविदा जारी की।
- 2014 में सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी, इंडिया द्वारा एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें एक भारतीय कंपनी, क्लियरट्रेल की प्रौद्योगिकी गतिविधियों पर चर्चा की गई थी, जो बड़े पैमाने पर निगरानी और गहन पैकेट निरीक्षण में लगी हुई थीं।
- न्यायमूर्ति बी.एन श्रीकृष्ण समिति की 2018 की रिपोर्ट में कहा गया था कि “कानून के दायरे में बहुत अधिक खुफिया जानकारी एकत्र नहीं होती है,कोई सार्थक निरीक्षण नहीं है और एक निगरानी समाज के अबाधित उदय को रोकने के लिए नियंत्रण और संतुलन में एक खालीपन है”।
सारांश:
|
---|
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
श्रीलंका की मदद करने के कई तरीके
विषय: भारत और उसके पड़ोस से संबंध।
मुख्य परीक्षा: भारत-श्रीलंका संबंध।
संदर्भ:
- श्रीलंका का आर्थिक संकट।
विवरण:
- श्रीलंका के नागरिक और सरकारी अधिकारी द्वीप राष्ट्र के आर्थिक संकट के प्रति भारत की प्रतिक्रिया की बहुत सराहना कर रहे हैं।
- भारत ने श्रीलंका को लगभग 4 अरब डॉलर की सहायता प्रदान की है।
- हालांकि, श्रीलंका के साथ भारत का जुड़ाव सिर्फ उदार ऋणों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें और अधिक आयाम शामिल किये जाने चाहिए।
भारत-श्रीलंका संबंधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:
https://byjus.com/free-ias-prep/india-sri-lanka-relations/
भविष्य में सहयोग के क्षेत्र:
- भारत तकनीकी विशेषज्ञता/ज्ञान साझा कर सकता है और आर्थिक गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में कौशल के उन्नयन में श्रीलंका की मदद कर सकता है।
- कृषि और संबद्ध गतिविधियाँ: यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ भारत एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
- उदाहरण के लिए, श्रीलंका सालाना 315 मिलियन डॉलर के डेयरी उत्पादों का आयात करता है।
- डेयरी क्षेत्र में श्रीलंका की आत्मनिर्भरता से न केवल कीमती विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि आर्थिक संकट के दौरान नागरिकों की निराशा भी कम होगी।
- इसके अलावा, लगभग 185 सेमी की औसत वार्षिक वर्षा के साथ श्रीलंका की जलवायु डेयरी क्षेत्र में इसकी विशाल क्षमता को दर्शाती है, जिसका अभी भी पूर्ण दोहन नहीं किया गया है।
- इसी तरह, कुक्कुट क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि यह बढ़ती लागतों के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थ है और पशु चिकित्सा से संबंधित दवाओं की कमी का सामना कर रहा है।
- देश में मक्के का घरेलू उत्पादन, जो कुक्कुट खाद्य का प्राथमिक घटक है, अभी भी बहुत कम है।
- भारत अपने कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने में मदद करने के लिए अपने ज्ञान को साझा कर सकता है।
- कृषि मशीनरी एक अन्य क्षेत्र है जहां भारत श्रीलंका को सहायता प्रदान कर सकता है।
- उदाहरण के लिए, श्रीलंका सालाना 315 मिलियन डॉलर के डेयरी उत्पादों का आयात करता है।
- ऊर्जा: इस क्षेत्र में भागीदारी श्रीलंका के राजनीतिक नेतृत्व पर भी निर्भर है।
- सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र: भारत श्रीलंका के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को तकनीकी लाभ प्रदान कर सकता है। सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र ने अपनी पूर्ण क्षमता हासिल नहीं की है। भारत ‘डिजिटल एमएसएमई’ और ‘रैंप’ (RAMP) (एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाना और तेज करना) कार्यक्रमों के माध्यम से सहायता प्रदान कर सकता है।
- स्कूली शिक्षा: यह एक और क्षेत्र है जहां भारत की उपस्थिति बहुत मदद कर सकती है।
- भारत विशेष रूप से तमिल बहुल क्षेत्रों में आधुनिक कंप्यूटर लैब और स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने में सहायता कर सकता है।
- भारतीय विश्वविद्यालय पड़ोसी देश में सैटेलाइट कैंपस स्थापित करने पर विचार कर सकते हैं।
- इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए एक सहयोगी कार्यक्रम शुरू किया जा सकता है।
- सांस्कृतिक मोर्चा: श्रीलंका में अधिक से अधिक बौद्ध भिक्षुओं को धार्मिक स्थलों की यात्रा करने की अनुमति देकर भारत इस पहलू में सहायता प्रदान कर सकता है।
- भारत को उत्तरी और पूर्वी प्रांतों को विशेष सहायता देनी चाहिए क्योंकि इन क्षेत्रों में तमिल और मुस्लिम बसे हुए हैं जो बुरी तरह प्रभावित हैं।
सारांश:
|
---|
संबंधित लिंक:
India- Sri Lanka Relation: RSTV – Big Picture Discussion for UPSC exam
The Sri Lankan Civil War: Notes for UPSC Exam
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
बाढ़ और दुश्मनी:
विषय: भारत और पड़ोस संबंध।
मुख्य परीक्षा: पाकिस्तान में आई बाढ़।
संदर्भ:
- प्राकृतिक आपदा (बाढ़) से प्रभावित पाकिस्तान।
विवरण:
- पाकिस्तान बाढ़ रुपी सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है।
- बाढ़ से अब तक लगभग 1,100 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और लगभग 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं।
- अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है और घरों, सड़कों तथा बुनियादी ढांचे को करीब 10 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है।
- बाढ़ ने खड़ी फसलों को भी प्रभावित किया है। साथ ही, खाद्य पदार्थों की कमी और बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पाकिस्तान की सहायता करने की अपील की है, जो “स्टेरॉयड पर मानसून” की मार झेल रहा है। यह ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के अप्राकृतिक जलवायु पैटर्न को दर्शाता है।
बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए किए गए उपाय:
- चीन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर और तुर्की ने बाढ़ प्रभावित देश को सहायता भेजी है।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के साथ चल रही बातचीत के हिस्से के रूप में 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट किश्त की घोषणा की है।
- पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के बाद भारत पर लगाए गए व्यापार प्रतिबंध को हटाने का प्रस्ताव रखा है, ताकि भारत से सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात किया जा सके।
भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने का अवसर:
- खराब संबंधों के बावजूद, भारत एवं पाकिस्तान दोनों को अपने घरेलू मुद्दों को अलग रखना चाहिए और भारत को बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करनी चाहिए।
- भारत को “प्रथम प्रतिक्रियादाता” (first responder) होने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, जैसा कि इसने अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव के मामले में किया था।
सारांश:
|
---|
संबंधित लिंक – https://byjus.com/free-ias-prep/india-pakistan-relations/
महत्वपूर्ण तथ्य:
- तेलंगाना 8.32% दर के साथ मुद्रास्फीति चार्ट में शीर्ष पर:
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा मापी गई शीर्ष (हेडलाइन) मुद्रास्फीति वर्ष 2022 के पहले सात महीनों में औसतन 6.8% रही है।
- भारत के विभिन्न राज्यों में मुद्रास्फीति की दर में काफी भिन्नता है।
- 12 राज्यों में औसत मुद्रास्फीति दर 6% से कम है, जबकि अन्य 12 राज्यों में वर्ष 2022 में अब तक औसत मुद्रास्फीति दर 7% से अधिक है।
- सभी राज्यों में तेलंगाना की मुद्रास्फीति दर सबसे अधिक थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल और सिक्किम का स्थान है। मणिपुर, गोवा और मेघालय जैसे छोटे राज्यों में इस अवधि के दौरान औसत मुद्रास्फीति 4% से कम रही है।
- सोलोमन द्वीप समूह ने विदेशी नौसेनाओं की सभी यात्राओं को स्थगित किया:
- सोलोमन द्वीप ने अनुमोदन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने की आवश्यकता का हवाला देते हुए सभी विदेशी नौसेनाओं की यात्राओं को निलंबित कर दिया है।
- सोलोमन द्वीप समूह का यह निर्णय हाल के दिनों में चीन के साथ उसके मजबूत होते संबंधों पर चिंताओं के बीच आया है। सोलोमन द्वीप ने हाल ही में चीन के साथ एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पश्चिमी देश इस बात से चिंतित हैं कि सोलोमन द्वीप चीन को प्रशांत महासागर के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में एक सैन्य आधार प्रदान कर सकता है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. परख (PARAKH) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में राष्ट्रीय आकलन केंद्र, परख (समग्र विकास के लिए कार्य-प्रदर्शन आकलन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना की परिकल्पना की गई है।
- परख सीखने को बढ़ावा देने तथा सुगम बनाने और छात्रों के आकलन तथा मूल्यांकन के लिए मानदंड, बेंचमार्क और सिफारिशें करने के उद्देश्यों के लिए एक मानक-निर्धारक निकाय के रूप में कार्य करेगा।
- परख शैक्षणिक संस्थानों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा और यह गारंटी देगा कि सभी स्कूल बोर्डों की शैक्षणिक अपेक्षाएं सुसंगत हैं।
सही कूट का चयन कीजिए:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- उपर्युक्त सभी
उत्तर: विकल्प d
व्याख्या:
- परख का शाब्दिक अर्थ समग्र विकास के लिए कार्य-प्रदर्शन आकलन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण है।
- राष्ट्रीय आकलन केंद्र, परख को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए एक मानक-निर्धारक निकाय के रूप में स्थापित किया जाना है। इसका उद्देश्य सीखने को बढ़ावा देने तथा सुगम बनाने के लिए छात्र आकलन और मूल्यांकन सुनिश्चित करना है।
- परख शैक्षणिक संस्थानों में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।
प्रश्न 2. ला नीना के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)
- ला नीना की घटनाएं पूर्व-मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह के औसत तापमान से कम तापमान की अवधि की द्योतक हैं।
- कम-से-कम पाँच बार लगातार तीन महीने के मौसम के दौरान समुद्र की सतह के तापमान में 0.9 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक की कमी ला नीना की घटना को दर्शाती है।
- ला नीना के कारण दक्षिण अमेरिका में वर्षा होती है, लेकिन इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में सूखा पड़ता है।
सही कूट का चयन कीजिए:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- उपर्युक्त सभी
उत्तर: विकल्प a
व्याख्या:
- दक्षिण अमेरिका में वर्षा और इंडोनेशिया तथा ऑस्ट्रेलिया में सूखे का कारण अल नीनो है।
- ला नीना के कारण ऑस्ट्रेलिया में भारी बारिश होती है और दक्षिण अमेरिकी देशों पेरू तथा इक्वाडोर में सूखे पड़ता है।
प्रश्न 3. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- वर्ष 2005 में, इसे एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण विश्व हेतु किए गए काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- यह एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो हर साल संयुक्त राष्ट्र महासभा को रिपोर्ट करता है।
- आवश्यकता पड़ने पर IAEA सदस्यों द्वारा सुरक्षा उपायों और सुरक्षा दायित्वों के गैर-अनुपालन के मामलों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी रिपोर्ट करता है।
सही कूट का चयन कीजिए:
- केवल 1 और 3
- केवल 2
- केवल 1 और 2
- उपर्युक्त सभी
उत्तर: विकल्प d
व्याख्या:
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना और परमाणु हथियारों सहित किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिए इसके उपयोग को रोकना है। यह परमाणु क्षेत्र में सहयोग और परमाणु प्रौद्योगिकियों के सुरक्षित और शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देती है।
- IAEA की स्थापना वर्ष 1957 में एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी।
- इसे एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण विश्व हेतु किए गए काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- यह एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो हर साल संयुक्त राष्ट्र महासभा को रिपोर्ट करता है। आवश्यकता पड़ने पर, IAEA सदस्यों द्वारा सुरक्षा उपायों और सुरक्षा दायित्वों के गैर-अनुपालन के मामलों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी रिपोर्ट करता है।
प्रश्न 4. हाल ही में चर्चा में रहा ‘मैन ऑफ द होल’ निम्नलिखित में से किस देश से संबंधित है? (स्तर – सरल)
- ब्राजील
- ऑस्ट्रेलिया
- सेनेगल
- कोस्टा रिका
उत्तर: विकल्प a
व्याख्या:
- द मैन ऑफ द होल, या तनारू इंडियन, एक स्वदेशी व्यक्ति था जो ब्राजील के रोन्डोनिया में अमेज़ॅन वर्षावन में निवास करता था। वह तनारू स्वदेशी क्षेत्र का एकमात्र निवासी था, जो वर्ष 2007 में ब्राजील सरकार द्वारा सीमांकित एक संरक्षित स्वदेशी क्षेत्र था।
प्रश्न 5. भारत की जैव ईंधन की राष्ट्रीय नीति के अनुसार, जैव ईंधन के उत्पादन के लिए निम्नलिखित में से किनका उपयोग कच्चे माल के रूप हो सकता है? (स्तर – कठिन)
- कसावा
- क्षतिग्रस्त गेहूं के दाने
- मूंगफली के बीज
- कुलथी (horse gram)
- सड़ा आलू
- चुक़ंदर
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
- 1, 2, 5 और 6
- 1, 3, 4 और 6
- 2, 3, 4 और 5
- 1, 2, 3, 4, 5 और 6
उत्तर: विकल्प a
व्याख्या:
- राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति के तहत मनुष्य के उपयोग के लिए अनुपयुक्त अनाज जैसे गन्ने का रस, चीनी युक्त सामग्री जैसे चुकंदर, स्वीट सौरगम, स्टार्च युक्त सामग्री जैसे मकई, कसावा, क्षतिग्रस्त गेहूं के दाने, टूटे चावल, सड़े हुए आलू आदि के इस्तेमाल की अनुमति देकर इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल के दायरे का विस्तार किया गया है। अत: सही उत्तर केवल 1, 2, 5 और 6 है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. विशेष विवाह अधिनियम की धारा 6 से 10 की समीक्षा क्यों की जा रही है? इन प्रावधानों का दुरुपयोग कैसे हो रहा है? (250 शब्द; 15 अंक) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2/राजव्यवस्था एवं शासन)
प्रश्न 2. चूँकि श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, ऐसे में उन तरीकों का परीक्षण कीजिए जिनके द्वारा भारत उसकी और मदद कर सकता है। (250 शब्द; 15 अंक) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध)