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01 फरवरी 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. केन्‍द्रीय बजट 2023-24 के मुख्‍य बिन्‍दु:
  2. राजकोषीय घाटे के वित्त वर्ष 2023-24 में 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान:  
  3. बजट अनुमान 2023-24 में पूंजीगत व्‍यय 37.4 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान:

1. केन्‍द्रीय बजट 2023-24 के मुख्‍य बिन्‍दु:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय एवं सरकारी बजट। 

प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा: केन्‍द्रीय बजट 2023-24 के महत्वपूर्ण निष्कर्ष।   

प्रसंग: 

  • केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश किया।

उद्देश्य:

  • केंद्रीय बजट एक देश के वित्तीय वर्ष में होने वाली आमदनी और खर्चों से जुड़ा एक दस्तावेज है। भारत में यह वित्तीय वर्ष हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को समाप्त होता है। दूसरे शब्दों में केंद्रीय बजट का अर्थ है प्रबंधित बजट यानि देश की आय-व्यय का लेखा जोखा।  

विवरण:  

बजट की मुख्‍य बातें इस प्रकार से हैं:

भाग-अ:

  • प्रति व्‍यक्ति आय करीब 9 वर्षों में दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है।
  • भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आकार बढ़ा है और यह पिछले 9 साल में विश्‍व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यस्‍था बन गई है।
  • कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन में सदस्‍यों की संख्‍या दोगुनी से अधिक होकर 27 करोड़ तक पहुंच गई है।
  • वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्‍यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान किए गए हैं।
  • स्‍वच्‍छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं।
  • उज्‍ज्‍वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्‍शन दिये गए।
  • 102 करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए कोविड रोधी टीकाकरण का आंकड़ा 220 करोड़ से पार हो गया है।
  • 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए।
  • पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्‍योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवरेज प्रदान किया गया है।
  • पीएम सम्‍मान किसान निधि के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्‍तांतरण किया गया है।
  • बजट की सात प्राथमिकताएं ‘सप्‍तऋषि’: 
    • इनमें शामिल हैं: समावेशी विकास, अंतिम छोर-अंतिम व्‍यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, निहित क्षमताओं का विस्‍तार, हरित विकास, युवा शक्ति तथा वित्‍तीय क्षेत्र
  • आत्‍मनिर्भर स्‍वच्‍छ पादप कार्यक्रम का शुभारंभ 2,200 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्‍यय के साथ उच्‍च गुणवत्‍ता वाली बागवानी फसल के लिए रोग-मुक्‍त तथा गुणवत्‍तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्‍धता बढ़ाने की उद्देश्‍य से किया जाएगा।      
  • वर्ष 2014 से स्‍थापित मौजूदा 157 चिकित्‍सा महाविद्यालयों के साथ ही संस्‍थानों में 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
  • 50 गंतव्यों को एक सम्पूर्ण पर्यटन पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा। 
  • देखो अपना देश पहल का उद्देश्य हासिल करने के लिए क्षेत्र विशिष्ट कौशलवर्धन और उद्यमिता विकास का समन्वयन किया जाएगा। 

एकलव्‍य मॉडल आवासीय विद्यालय:  

    • केन्‍द्र अगले तीन वर्षों में 3.5 लाख जनजातीय विद्यार्थियों के लिए 740 एकलव्‍य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 38,800 अध्‍यापकों तथा सहयोगी कर्मचारियों को नियुक्‍त किया जाएगा।
    • पीएम आवास योजना के लिए परिव्‍यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये किया गया।
    • रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत निधि का प्रावधान, जो 2013-14 में उपलब्‍ध कराई गई धनराशि से 9 गुना अधिक और अब तक की सर्वाधिक राशि है।
  • लॉजिस्टिक्‍स और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी:
      • बंदरगाहों, कोयला, इस्‍पात, उर्वरक और खाद्यान्‍न क्षेत्रों के लिए 100 महत्‍वपूर्ण परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं की पहचान की गई है। 
      • इन्‍हें प्राथमिकता के आधार पर 75,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पूरा किया जाएगा, इनमें 15,000 करोड़ रुपये निजी क्षेत्र से आएंगे। 
      • वित्‍त मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार के लिए 50 अतिरिक्‍त हवाई अड्डों, हैलीपैड, वाटर एरोड्रोम और उन्‍नत लैंडिंग ग्राउंड को‍ पुनर्विकसित किया जाएगा।
  • अवसंरचना की सुसंगत मास्‍टर सूची:
    • श्रीमती सीतारमण ने यह भी बताया कि एक विशेषज्ञ समिति अवसंरचना की सुसंग‍त मास्‍टर सूची की समीक्षा करेगी। 
    • यह समिति अमृतकाल के लिए उपयुक्‍त वर्गीकरण और वित्‍तीय कार्य योजना की सिफारिश करेगी।  
  • शहरी अवसंरचना विकास कोष (UIDF) की स्‍थापना प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आई ऋण की कमी के उपयोग के माध्‍यम से होगी। 
  • इसका प्रबंधन राष्‍ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग टीयर 2 तथा टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना के निर्माण के लिए सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
  • सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम, बड़े व्‍यवसाय तथा चेरिटेबल ट्रस्‍टों के लिए निकाय डिजीलॉकर की स्‍थापना की जाएगी, जिससे आवश्‍यक दस्‍तावेज़ों को ऑनलाइन साझा और सुरक्षित रखने में आसानी होगी।   
  • 5जी सेवाओं पर आधारित एप्‍लीकेशन विकसित करने के लिए 100 लैब्‍स स्‍थापित की जाएंगी, जिनसे नये अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोजगार संबंधी संभावनाओं को तलाशने में सहायता मिलेगी।
  • चक्रीय अर्थव्‍यवथा को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से गोबरधन (गैल्‍वनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक योजना के तहत 10,000 हजार करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 500 नए अपशिष्‍ट से आमदनी संयंत्र स्‍थापित किए जाएंगे। 
    • प्राकृतिक और बॉयोगेस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत का कम्‍प्रेस्‍ड बायोगैस अधिशेष भी लाया जाएगा।
  • सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करेगी और उनकी सहायता करेगी। 
    • इसके लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वितरित सूक्ष्‍म उर्वरक और कीट नाशक विनिर्माण नेटवर्क तैयार करते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्‍द्र स्‍थापित किए जाएंगे।
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 को अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल सम्‍पन्‍न बनाने के लिए शुरू की जाएगी और इसमें उद्योग जगत 4.0 से संबंधित नई पीढ़ी के आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्‍स, मेकाट्रॉनिक्‍स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।
  • विभिन्‍न राज्‍यों से कुशल युवाओं को अंतरराष्‍ट्रीय अवसर उपलब्‍ध कराने के लिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्‍थापित किए जाएंगे।      
  • एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना को नवीनीकृत किया गया है। 
    • यह पहली अप्रैल 2023 से कार्प्‍स में 9,000 करोड़ रुपये जोड़कर क्रियान्वित होगी। 
    • इसके अतिरिक्‍त इस योजना के माध्‍यम से 2 लाख करोड़ रुपये का संपार्श्विक मुक्‍त गांरटीयुक्‍त ऋण संभव हो पाएगा। 
    • इसके अलावा ऋण की लागत में करीब 1 प्रतिशत की कमी आएगी।
  • कंपनी अधिनियम के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय में दाखिल विभिन्‍न फॉर्मों के केन्‍द्रीकृत प्रबंधन के माध्‍यम से कंपनियों की त्‍वरित कार्रवाई के लिए एक केन्‍द्रीय डाटा संसाधन केन्‍द्र की स्‍थापना की जाएगी। 
  • वरिष्‍ठ नागरिक बचत खाता योजना में अधिकतम जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी।
  • लक्षित राजकोषीय घाटा 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान है।
  • युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्‍टार्टअप्‍स शुरू कर सकें, इसके लिए कृषि वर्धक निधि की स्‍थापना की जाएगी।
  • भारत को ‘श्री अन्‍न’ के लिए वैश्विक केन्‍द्र बनाने के उद्देश्‍य से हैदराबाद के भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्‍थान को उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यह संस्‍थान सर्वश्रेष्‍ठ कार्यप्रणालियों, अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकियों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर साझा कर सके।
  • कृषि ऋण के लक्ष्‍य को पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य उद्योग को ध्‍यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
  • पीएम मत्‍स्‍य संपदा योजना की एक नई उप-योजना को 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्‍य मछली पालकों, मत्‍स्‍य विक्रेताओं और सूक्ष्‍म तथा लघु उद्योगों को अधिक सक्षम बनाना है। 
  • इससे मूल्‍य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जाएगा तथा बाजार तक पहुंच को बढ़ाया जाएगा।
  • कृषि के लिए डिजिटल जन-अवसंरचना को एग्री-टेक उद्योग और स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए आवश्‍यक सहयोग प्रदान करने और किसान केन्द्रित समाधान उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से तैयार किया जाएगा।     
  • सरकार ने 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों (पीएसीएस) के कंप्‍यूटरीकरण कार्य शुरू किया है।
  • व्‍यापक विकेन्‍द्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को अपने उत्‍पादों का सुरक्षित भंडारण करने और उचित समय पर उनकी बिक्री करके लाभकारी मूल्‍य प्राप्‍त करने में सहायता मिलेगी।  
  • सिकल सेल एनीमिया उन्‍मूलन कार्यक्रम जल्‍द ही शुरू होगा।
  • सहयोगपरक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चुनिंदा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के माध्‍यम से संयुक्‍त सार्वजनिक और निजी चिकित्‍सा अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • औषधि निर्माण में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
  • विकास संभावना एवं रोजगार सृजन, निजी निवेश में बढ़ती भीड़ और वैश्विक खिलाडि़यों को टक्‍कर देने के लिए 10 लाख करोड़ का पूंजी निवेश, जो निरंतर 3 वर्षों में 33 प्रतिशत की वृद्धि है।
  • स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्‍तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत अवसंरचना जैसे कई क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं को बढ़ाने के लिए 500 प्रखंडों को शामिल करते हुए आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन 15,000 करोड़ रूपये के परिव्‍यय से शुरू किया जाएगा:

  • विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा।
  • इसमें पीवीटीजी परिवारों और पर्यावासों  को सुरक्षित आवास, स्‍वच्‍छ पेयजल एवं स्‍वच्‍छता, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं पोषण,सड़क तथा दूरसंचार संपर्कता और संधारणीय आजीविका के  अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह उपलब्‍ध कराई जाएंगी। 
  • अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत अगले 3 वर्षों में प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये।
  • बंदरगाहों, कोयला, इस्‍पात, उर्वरक और खाद्यान्‍न क्षेत्रों में 100 महत्‍वपूर्ण परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं के लिए 75,000 करोड़ रुपये का निवेश, जिसमें निजी क्षेत्र का 15,000 करोड़ रुपये शामिल है।
  • अवसंरचना में निजी निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए नया अवसंरचना वित्‍त सचिवालय स्‍थापित किया गया।
  • शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए सर्वोत्‍कृष्‍ट संस्‍थान के रूप में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थान विकसित किए जाएंगे।
  • भूगोल, भाषा सहित कई क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍ट पुस्‍तकों की उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए एक राष्‍ट्रीय डिजिटल बाल एवं किशोर पुस्‍तकालय की स्‍थापना की जाएगी।
  • सतत लघु सिंचाई उपलब्‍ध कराने और पेयजल के लिए टंकियों को भरने के लिए भद्र परियोजना के लिए केन्‍द्रीय मदद के रूप में 5300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
  • पहले चरण में 1 लाख पुरातन अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए डिजिटल एपीग्राफी संग्रहालय में ‘भारत शेयर्ड रिपोजटरी ऑफ इनस्क्रिप्‍शंस’ की स्‍थापना।
  • केन्‍द्र का ‘प्रभावी पूंजीगत व्‍यय’ 13.7 लाख करोड़ रुपये।
  • अवसंरचना में निवेश बढ़ाने और पूरक नीतिगत कार्यों को प्रोत्‍साहित करने के लिए राज्‍य सरकारों को 50 साल के ब्‍याज रहित कर्ज को 1 और साल के लिए जारी रखा जाएगा।
  • हमारे शहरों को ‘भविष्‍य के स्‍थायी शहरों’ में बदलने के लिए राज्‍यों और शहरों को शहरी नियोजन सुधारों एवं कार्यों को प्रोत्‍साहन।
  • सेप्टिक टैंकों और नालों से मानव द्वारा गाद निकालने या सफाई का काम पूरी तरह से मशीनयुक्‍त बनाने के लिए शहरों को तैयार किया जाएगा। 
  • लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनका कौशल बढ़ाने और जन केन्द्रित सुविधाएं उपलब्‍ध कराने योग्‍य बनाने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच आई-गोट कर्मयोगी का शुभारंभ।
  • कारोबारी सुगमता के लिए 39,000 अनुपालनों को हटा दिया गया और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराध मुक्‍त कर दिया गया।
  • सरकारी की विश्‍वसनीयता बढ़ाने की दिशा में 42 केन्‍द्रीय कानूनों में संशोधन के लिए जन विश्‍वास विधेयक लाया गया।  
  • ‘कृत्रिम बुद्धिमता को भारत में बनाएं और कृत्रिम बुद्धिमता से भारत के लिए कार्य कराएं’ के विजन को साकार करने के लिए, देश के शीर्ष शैक्षिक संस्‍थानों में कृत्रिम बुद्धिमता के लिए तीन उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र स्‍थापित किए जाएंगे।
  • स्‍टार्ट-अप्‍स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान शुरू करने के लिए राष्‍ट्रीय डाटा शासन नीति लाई जाएगी।
  • व्‍यक्तियों की पहचान और पते के मिलान और अद्यतनीकरण के लिए वन स्‍टॉप समाधान की व्‍यवस्‍था की जाएगी, जिसमें डिजीलॉकर सेवा और आधार का मूलभूत पहचान के रूप में प्रयोग किया जाएगा।
  • स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) का इस्‍तेमाल विनिर्दिष्‍ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को सामान्‍य पहचानकर्ता के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इससे कारोबार करना आसान होगा।
  • कोविड अवधि के दौरान एमएसएमई अपनी संविदाओं को निष्‍पादित करने में विफल रहे हों, तो बोली या निष्‍पादन प्रतिभूति से संबंधित जब्‍त राशि का 95 प्रतिशत भाग सरकार और सरकारी उपक्रमों द्वारा उन्‍हें लौटा दिया जाएगा।
  • प्रतिस्‍पर्धी विकास जरूरतों के लिए दुर्लभ संसाधनों को बेहतर तरीके से आबंटित करने के लिए ‘परिणाम-आधारित’ वित्‍त पोषण।   
  • न्‍याय के प्रशासन में दक्षता लाने के लिए, 7,000 करोड़ रूपये के परिव्‍यय से ई-न्‍यायालय परियोजना का चरण-3 शुरू किया जाएगा।
  • एलजीडी सीड्स और मशीनों के स्‍वदेश में ही उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए अनुसंधान और विकास अनुदान प्रदान किया जाएगा।
  • राष्‍ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की मदद से अर्थव्‍यवस्‍था को निम्‍न कार्बन सघनता वाली स्थिति में ले जाने, जीवाश्‍म ईंधन के आयातों पर निर्भरता को कम करने 2030 तक 5 एमएमटी के वार्षिक उत्‍पादन का लक्ष्‍य निर्धारित किया जाएगा।
  • ऊर्जा-परिवर्तन तथा निवल-शून्‍य उद्देश्‍यों और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में प्राथमिकता प्राप्‍त पूंजीगत निवेशों के लिए 35,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
  • अर्थव्‍यवस्‍था को धारणीय विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • लद्दाख से नवीकरणीय ऊर्जा के निष्‍क्रमण और ग्रिड एकीकरण के लिए अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली 20,700 करोड़ रूपये के निवेश के साथ निर्मित की जाएगी।
  • ‘पृथ्‍वी माता के पुनर्रूद्धार, इसके प्रति जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों और संघ राज्‍य-क्षेत्रों को रसायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्‍थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्‍साहित करने हेतु शुरू किया जाएगा।
  • मनरेगा, सीएएमपीए कोष और अन्‍य स्रोतों के बीच तालमेल के माध्‍यम से तटीय रेखा के साथ-साथ और लवण भूमि पर, जहां भी व्‍यवहार्य हो मेंग्रूव पौधारोपण के लिए ‘तटीय पर्यावास और ठोस आमदनी के लिए मैंग्रूव पहल,  मिश्‍टी की शुरूआत की जाएगी।
  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत हरित ऋण कार्यक्रम को अधिसूचित किया जाएगा, ताकि पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय और उत्‍तरदायित्‍वपूर्ण कार्य करने के लिए प्रोत्‍साहन मिले।
  • अमृत धरोहर योजना को आर्द्र भूमि के इष्‍टतम उपयोग को बढ़ावा देने तथा जैव-विविधता, कार्बन स्‍टॉक, पर्यावरणीय-पर्यटन के अवसरों तथा स्‍थानीय समुदायों के लिए आय सृजन बढ़ाने के लिए अगले तीन वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा।
  • एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्‍लेटफॉर्म की शुरूआत कर कौशलवर्द्धन हेतु मांग आधारित औपचारिक कौशलवर्द्धन सक्षम करने, एमएमएमई सहित नियोक्‍ताओं के साथ जोड़़ने और उद्यमिता योजनाओं की सुलभता सुगम करने के लिए डिजिटल तंत्र को और विस्‍तार प्रदान किया जाएगा।
  • अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्‍साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए डायरेक्‍ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया जाएगा।
  • चुनौती मोड के माध्यम से चुने जाने वाले कम से कम 50 पर्यटन गंतव्यों को घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक सम्पूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • ‘देखो अपना देश’ पहल का उद्देश्य हासिल करने के लिए क्षेत्र विशिष्ट कौशलवर्धन और उद्यमशीलता विकास का समन्वयन स्थापित किया जाएगा।
  • वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत सीमावर्ती गांव में पर्यटन के बुनियादी ढाचों का विकास किया जाएगा और पर्यटन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
  • राज्यों के उनके स्वयं के ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद), जीआई उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और उनकी बिक्री करने के लिए एक यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • वित्तीय सहायक सूचना की केन्द्रीय भंडार के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की जाएगी। 
    • इसे ऋण का कुशल प्रवाह संभव हो पाएगा, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी। 
    • एक नया विधायी ढांचा इस क्रेडिट पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विनियमित करेगा और इसे आरबीआई के साथ परामर्श करके डिजाइन किया जाएगा
  • आम लोगों और विनियमित संस्थाओं से सुझाव प्राप्त करने के साथ वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों से मौजूदा विनियमों की व्यापक समीक्षा की जाएगी। 
    • विभिन्न विनियमों के अंतर्गत आवेदनों पर निर्णय लेने की समयसीमाएं भी निर्धारित की जाएंगी।
  • जीआईएफटी आईएफएससी में व्यापार गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
  • दोहरे विनियम से बचने के लिए एसईजेड अधिनियम के अंतर्गत आईएफएससीए को शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
  • आईएफएससीए, एसईजेड प्राधिकारियों, जीएसटीएन, आरबीआई, सेबी और आईआरडीएआई से पंजीकरण और अनुमोदन के लिए एकल खिड़की आईटी प्रणाली की स्थापना की जाएगी।
  • विदेशी बैंकों के आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों द्वारा अधिग्रहण वित्त पोषण की अनुमति दी जाएगी।
  • व्यापार पुनर्वित्त पोषण के लिए एक्जिम बैंक की एक सहायक संस्था की स्थापना की जाएगी।
  • मध्यस्थ, अनुषंगी सेवाओं के लिए और एसईजेड अधिनियम के तहत दोहरे विनियमन से बचने के लिए सांविधिक प्रावधानों के लिए आईएफएससीए अधिनियमों में संशोधन किया जाएगा।
  • विदेशी व्युत्पन्न दस्तावेजों के वैध संविदाओं के रूप में मान्यता दी जाएगी।
  • बैंक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए और निवेशक संरक्षण बढ़ाने के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, बैंकिंग कंपनी अधिनियम और भारतीय रिजर्ब बैंक अधिनियम में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव किया गया है।
  • डिजिटल निरंतरता समाधान ढूढने वाले देशों के लिए जीआईएफटी आईएफएससी में उनके डाटा दूतावासों की स्थापना सुगम की जाएगी।
  • प्रतिभूति बाजार में कार्य निष्पादकों और पेशेवरों की क्षमता निर्माण हेतु राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान में शिक्षा हेतु मानदण्ड और स्तर तैयार करने, विनियमित करने और बनाये रखने और प्रवर्तित करने के लिए और डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट को मान्यता प्रदान करने हेतु सेबी को सशक्त किया जाएगा।
  • निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण से निवेशक अदावी शेयरों और अप्रदत्त लाभांशों का आसानी से पुनः दावा कर सकते हैं, इसके लिए एक एकीकृत आईटी पोर्टल स्थापित किया जाएगा।
  • आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में एक एकल नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाण-पत्र शुरू किया जाएगा। 
    • महिलाओं या बालिकाओं के नाम पर आंशिक आहरण विकल्प के साथ दो वर्षों की अवधि के लिए 7.5 प्रतिशत की नियत ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा का प्रस्ताव देगा।
  • मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा को एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रूपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया।
  • राज्यों के निमित संपूर्ण 50 वर्षीय ऋण को वर्ष 2023-24 के अंदर पूंजीगत व्यय पर खर्च किये जाने हैं, इनमें से अधिकांश ऋण व्यय राज्यों के विवेक पर निर्भर करेंगे परन्तु इस ऋण का एक हिस्सा उनके द्वारा वास्तवित पूंजी व्यय को बढ़ाने की शर्त पर दिया जाएगा।
  • राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 प्रतिशत के राजकोषी घाटे की अनुमति होगी जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र में सुधार से जोड़ा जाएगा।

संशोधित अनुमान 2022-23:

  • उधारियों से इतर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 24.3 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से निवल कर प्राप्तियां 20.9 लाख करोड़ रुपये हैं।
  • कुल व्यय का संशोधित अनुमान 41.9 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 7.3 लाख करोड़ रुपये हैं।
  • राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 6.4 प्रतिशत है जो बजट अनुमान के अनुरूप है।

बजट अनुमान 2023-24:

  • बजट 2023-24 में कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपये और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।
  • निवल कर प्राप्तियां 23.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
  • राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान।
  • 2023-24 में राजकोषीय़ घाटे का वित्त पोषण करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियां 11.8 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
  • सकल बाजार उधारियां 15.4 लाख करोड़ रूपये होने का अनुमान है।

भाग-ख:

प्रत्यक्ष कर:

  • प्रत्यक्ष कर के प्रस्तावों का उद्देश्य कर संरचना की निरंतरता और स्थिरता बनाए रखना, अनुपालन भार को कम करने के लिए विभिन्न प्रावधानों का और सरलीकरण तथा उन्हें युक्तिसंगत बनाना, उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करना और नागरिकों को कर राहत प्रदान करना है।
  • आयकर विभाग अनुपालन को आसान और निर्बाध बनाने के लिए करदाता सेवाओं में सुधार करने का सतत प्रयास कर रहा है।
  • करदाता सेवाओं में और सुधार करने के लिए करदाताओं की सुविधा हेतु अगली पीढ़ी के सामान्य आईटी रिटर्न फार्म लाने और साथ ही शिकायत निवारण तंत्र को और सुदृढ़ करने की योजना बना रहा है।
  • नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया है। 
    • इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा।
  • नयी व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
  • नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है।
  • नई कर व्यवस्था में उच्च प्रभार दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। 
    • इसके फलस्वरूप अधिकतम व्यक्तिगत आय कर दर में 39 प्रतिशत तक की कटौती होगी।
  • गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नगदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई।
  • नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा।
  • सूक्ष्म उद्यमों और कुछ पेशेवरों के लिए बढ़ी सीमाओं के लिए अनुमानित कराधान के लाभ लेने का प्रस्ताव किया गया है। बढ़ी सीमा वर्ष के दौरान नगदी में ली गई कुल राशि के मामले में लागू होगी जो कुल सकल प्राप्तियों/ टर्नओवर की 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होती है।
  • एमएसएमई को किए गए भुगतान पर हुए व्यय के लिए कटौती को उसी मामले में अनुमति होगी जब समय पर प्राप्त भुगतानों में एमएसएमई की सहायता के क्रम में वास्तविक रूप से भुगतान किया गया हो।
  • ऐसी नई सहकारी संस्थाएं जो नई विनिर्माण कंपनियों को वर्तमान में उपलब्ध 15 प्रतिशत की कम कर दर का लाभ प्राप्त करने के लिए 31.3.2024 तक विनिर्माण गतिविधियां शुरू की हैं।
  • चीनी सहकारी संस्थाओं को भुगतान के रूप में मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पूर्व अवधि के लिए गन्ना किसानों को किए गए भुगतान का दावा करने का अवसर दिया गया है। 
    • इससे इन्हें लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की राहत उपलब्ध होने की उम्मीद है।
  • प्राथमिक कृषि सहकारी समिति (पीएसीएस) और प्राथमिक सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंक (पीसीएआरडीबी) को नगद में दिए गए जमा एवं ऋणों हेतु 2 लाख रुपये प्रति सदस्य की उच्चतम सीमा का प्रस्ताव।
  • सहकारी समितियों को टीडीएस के लिए नगदी निकासी पर 3 करोड़ रुपये की उच्चतम सीमा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव।
  • स्टार्ट-अप द्वारा आयकर लाभ प्राप्त करने हेतु निगमन की तारीख 31.03.23 से बढ़ाकर 31.03.2024 तक करने का प्रस्ताव।
  • स्टार्ट-अप की शेयरधारिता में परिवर्तन पर हानियों के अग्रेनयन के लाभ को निगमन के सात वर्ष से 10 वर्ष तक प्रदान करने का प्रस्ताव।
  • कर रियायतों और छूटों को बेहतर लक्षित करने के लिए धारा 54 और 54एच के तहत आवासीय गृह मे किए गए निवेश पर पूंजीगत लाभों से कटौती की सीमा को 10 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।
  • 1 अप्रैल, 2023 को या इसके बाद जारी जीवन बीमा पॉलिसियां (यूलिप को छोड़कर) के लिए कुल प्रीमियम अगर 5 लाख रुपये से अधिक है, तो केवल उन पॉलिसियों, जिनका प्रीमियम 5 लाख रुपये तक है, से होने वाली आय पर छूट देने का प्रावधान। 
    • बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त राशि पर प्रदान की गई कर छूट पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • आयकर प्राधिकरण बोर्ड और कमीशन जिसकी स्थापना केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा हाउसिंग, शहर का विकास, कस्बा और गांव के लिए नियामक और विकास गतिविधियों या कार्यों के लिए की गई हो उन्हें आयकर से बाहर रखने का प्रस्ताव।
  • ऑनलाइन गेमिंग में टीडीएस 10,000 रुपये की न्यूनतम सीमा को हटाना और ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित कर देयता को स्पष्ट करने का प्रस्ताव। 
    • टीडीएस और नेट विनिंग के निकासी के समय या वित्तीय वर्ष के अंत में टीडीएस और कर देयता के लिए प्रस्ताव।
  • गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट में या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड को गोल्ड में परिवर्तित करने पर इसे पूंजीगत लाभ के तौर पर नहीं माना जाएगा।
  • गैर-पैन मामलों में ईपीएफ आहरण के कर योग्य भाग पर टीडीएस दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किया गया।
  • मार्केट लिंकड डिबेन्चर से प्राप्त आय कराधान के अंतर्गत होगी।
  • आयुक्त स्तर पर अपीलों के लंबन को कम करने के लिए छोटी अपीलों को निपटाने के लिए लगभग 100 संयुक्त आयुक्तों की तैनाती का प्रस्ताव। 
    • हम इस वर्ष पहले से प्राप्त विवरणियों को जांच के लिए चुनने हेतु और अधिक सेलेक्टिव रहेंगे।
  • आईएफएससी, गिफ्ट सीटी को अंतरित निधियों के कर लाभों की अवधि को 31.03.2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव।
  • आयकर अधिनियम की धारा 276ए के अंतर्गत 1 अप्रैल, 2023 से गैर अपराधीकरण।
  • आईडीबीआई बैंक सहित रणनीतिक विनिवेश के मामले में हानियों को अग्रेनित करने का प्रस्ताव।
  • अग्निवीर निधि को ईईई स्तर प्रदान करने और अग्निपथ योजना 2022 में पंजीकृत अग्निवीरों को अग्निवीर कॉर्पस फंड द्वारा किया गया भुगतान को कर के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव। 
    • अग्निवीरों की कुल आय में कटौती को अग्निवीरों को देने का प्रस्ताव, जो उन्होंने अपना योगदान दिया है या केन्द्र सरकार ने इनकी सेवा के लिए उनके खाते में हस्तांरित किया है।

अप्रत्यक्ष कर:

  • वस्त्रों और कृषि को छोड़कर बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया।
  • कुछ वस्तुओं की बेसिक सीमा शुल्कों, उपकरों और अधिभारों में मामूली परिवर्तन हुआ है जिसमें खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल और नाफ्था शामिल हैं।
  • सम्मिलित कंप्रेस्ड बायो गैस, जिस पर जीएसटी भुगतान किया गया है उस पर उत्पाद शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव।
  • बिजली से संचालित वाहन में लगने वाले लीथियम आयन बैटरी का उत्पादन करने वाले मशीनीरी/कैपिटल गुड्स पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 31.03.2024 तक किया गया।
  • हरित मोबिलिटी को और संवेग प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त बैटरियों के लिथियम आयन सेलों के विनिर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जा रही है।
  • मोबाइल फोनों के विनिर्माण में घरेलू मूल्यवर्धन को और बढ़ाने के लिए, कुछ एक पूर्जों और कैमरा लैंसो जैसे आदानों के आयात पर बेसिक सीमा शुल्क में राहत देने और लिथियम-आयान बैटरी सेलों पर रियायती शुल्क को एक और वर्ष लिए जारी रखना प्रस्तावित।
  • टीवी पैनल के ओपन सेलों के पूर्जों पर बेसिक सीमा शुल्क को घटा कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों पर बेसिक सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों के हीट क्वायलों पर आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • घरेलू फ्लोरोकेमिकल्स उद्योग में प्रतिस्पर्धा कायम रखने के लिए एसिड ग्रेड फ्लोरसपार पर बेसिक सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत किया जा रहा है।
  • इपिक्लोरोहाइड्रिन के विनिर्माण में प्रयुक्त कच्चे ग्लिसरिन पर बेसिक सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • श्रीम्प फीड के घरेलू विनिर्माण के लिए मुख्य इनपुट पर शुल्क में कमी का प्रस्ताव।
  • प्रयोगशाला निर्मित हीरों (एलजीडी) के विनिर्माण में प्रयुक्त बीजों पर सीमा शुल्क को घटाने का प्रस्ताव।
  • सोने के डोरे और बारों और प्लेटिनम पर सीमा शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव।
  • चांदी के डोरे, बारों और सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव।
  • सीआरजीओ स्टील के विनिर्माण के लिए कच्ची सामग्री, लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर बेसिक सीमा शुल्क छूट जारी।
  • कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती बीसीडी को जारी रखा गया।
  • संमिश्रित रबर पर बेसिक सीमा शुल्क को बढ़ाकर, लेटेक्स को छोड़कर अन्य प्राकृतिक रबर के बराबर, 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम, जो भी कम हो करने का प्रस्ताव।
  • विनिर्दिष्ट सिगरेटों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता शुल्क (एनसीसीडी) को तीन वर्ष पूर्व संशोधित किया गया था। इसमें लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया गया।

अप्रत्यक्ष करों के संबंध में संशोधन:

  • सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 को आवेदन दायर करने की तारीख से 9 महीने की समयसीमा विनिर्दिष्ट करने के लिए निपटान आयोग द्वारा अंतिम आदेश पारित करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव।
  • एंटी डम्पिंग ड्यूटी (एडीडी), काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) और सुरक्षात्मक उपायों से संबंधित प्रावधानों के दायरे और प्रायोजन को स्पष्ट करने के लिए सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
  • सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
  • जीएसटी के अंतर्गत अभियोजन की शुरूआत करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जाएगा।
  • कम्पाउडिंग कर राशि की वर्तमान 50 से 150 प्रतिशत सीमा को घटाकर 25 से 100 प्रतिशत किया जाएगा।
  • कुछ अपराधों को अपराधीकरण की सीमा से बाहर किया जाएगा।
  • संबंधित रिटर्न विवरण को भरने की निर्धारित तिथि से न्यूनतम तीन वर्षों की अवधि तक रिटर्न विवरणी को भरने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
  • ई-वाणिज्य संचालनों (ईसीओ) के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए गैर-पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं को मिश्रित करदाताओं को सक्षम बनाया जाएगा।
  • केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने  01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि भारत हरित उद्योग और आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए वर्ष 2070 तक ‘पंचामृत’ तथा निवल-शून्‍य कार्बन उत्‍सर्जन की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। 
  •  वित्‍त मंत्री ने कहा कि पर्यावरण के प्रति सजग जीवन शैली के आंदोलन को गति देने के लिए ‘लाइफ’ अथवा पर्यावरण के लिए जीवनशैली की संकल्‍पना की गई है।  

हरित हाइड्रोजन मिशन:

  • हाल ही में घोषित राष्‍ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की मदद से अर्थव्‍यवस्‍था को निम्‍न कार्बन सघनता वाली स्थिति में ले जाने, जीवाश्‍म ईंधन के आयातों पर निर्भरता कम होगी। 
  • भारत का लक्ष्‍य वर्ष 2030 तक 5 एमएमटी का वार्षिक उत्‍पादन हासिल करना है।

ऊर्जा परिवर्तन और भंडार परियोजनाएं:

  • इस बजट में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा ऊर्जा-परिवर्तन तथा निवल-शून्‍य उद्देश्‍यों और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में प्राथमिकता प्राप्‍त पूंजीगत निवेशों के लिए 35,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
  • वित्‍त मंत्री ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था को धारणीय विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए 4,000 एमडब्‍ल्‍यूएच की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को व्‍यवहार्यता अंतर निधीयन के माध्‍यम से सहायता दी जाएगी। ‘पम्‍प्‍ड स्‍टोरेज परियोजनाओं के लिए एक विस्‍तृत कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।’

नवीकरणीय ऊर्जा का निष्‍क्रमण:

  • लद्दाख से 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के निष्‍क्रमण और ग्रिड एकीकरण के लिए अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली 20,700 करोड़ रूपये के निवेश के साथ निर्मित की जाएगी, जिसमें 8,300 करोड़ रूपये की केन्‍द्रीय सहायता शामिल है।

हरित ऋण (क्रेडिट) कार्यक्रम:

  • वित्‍त मंत्री ने बजट प्रस्‍ताव में बताया कि व्‍यवहारगत परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत हरित ऋण कार्यक्रम को अधिसूचित किया जाएगा। 
    • इससे कंपनियों, व्‍यक्तियों और स्‍थानीय निकायों को पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय और उत्‍तरदायित्‍वपूर्ण कार्य करने के लिए प्रोत्‍साहन मिलेगा।  

पीएम-प्रणाम:

  • ‘पृथ्‍वी माता के पुनर्रूद्धार, इसके प्रति जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों और संघ राज्‍य-क्षेत्रों को रसायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्‍थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्‍साहित करने हेतु शरू किया जाएगा।

गोबरधन योजना:

  • गोबरधन (गैल्‍वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक योजना के तहत 500 नए ‘अवशिष्‍ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से  स्‍थापित किया जाएगा। 
    • इनमें 200 कंप्रेस्‍ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या कलस्‍टर आधारित संयंत्र हैं जिनमें कुल लागत 10,000 करोड़ रूपये होगी।
  • मिश्रित कंप्रेस्‍ड प्राकृतिक गैस पर करों की कटौती से बचने के लिए, जीएसटी का  भुगतान किए  गए कंप्रेस्‍ड  बायोगैस पर आबकारी शुल्‍क में छूट का प्रस्‍ताव किया गया। 
  • वित्‍त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्राकृतिक और बायोगैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत का सीबीजी अधिदेश यथासमय लाया जाएगा। 
    • ‘बायो-मास के  संग्रहण और जैव-खाद के वितरण के लिए  उपयुक्‍त राजको‍षीय सहायता प्रदान की जाएगी।’

भारतीय प्राकृतिक खेती बायो-इनपुट संसाधन केंद्र:

  • ‘अगले तीन वर्षों में हम एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देंगे।
    • इसके लिए, राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वितरित सूक्ष्‍म-उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्‍द्र स्‍थापित किए जाएंगे।

मिश्‍टी:

  • वित्‍त मंत्री ने अपनी बजट घोषणा में कहा कि वन-रोपण में भारत को मिली सफलता के आधार पर मनरेगा, सीएएमपीए कोष और अन्‍य स्रोतों के बीच तालमेल के माध्‍यम से तटीय रेखा के साथ-साथ और लवण भूमि पर, जहां भी व्‍यवहार्य हो मेंग्रूव पौधारोपण के लिए ‘तटीय पर्यावास और ठोस आमदनी के लिए मैंग्रूव  पहल  मिश्‍टी की शुरूआत  की जाएगी।

अमृत  धरोहर:

  • वित्‍त मंत्री ने अपनी बजट घोषणा में आर्द्रभूमि जैव विविधता का संरक्षण करने वाले स्‍थानीय समुदायों के महत्‍व के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि अमृत धरोहर योजना से उनके अद्वितीय संरक्षण मूल्‍यों को बढ़ावा मिलेगा। 
    • इस योजना को आर्द्र भूमि के इष्‍टतम उपयोग को बढ़ावा देने तथा जैव-विविधता, कार्बन स्‍टॉक, पर्यावरणीय-पर्यटन के अवसरों तथा स्‍थानीय समुदायों के लिए आय सृजन बढ़ाने के लिए अगले तीन वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा।

बैंकिंग शासन क्षेत्र में सुधार तथा निवेशक सुरक्षा:

  • बैंक शासन में सुधार लाने और निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, बैंकिंग कंपनी अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। 

डिजिटल भुगतान:

  • डिजिटल भुगतान को निरंतर अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों तथा समाज के वर्गों से व्यापक स्वीकृति प्राप्त हो रही है। 
    • पिछले वर्ष के डाटा को साझा करते हुए वित्तमंत्री ने कहा, “2022 में, उन्होंने लेनदेन में 76 प्रतिशत और मूल्य में 91 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित की, इस डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के लिए राजकोषीय सहायता 2023-24 में भी जारी रहेगी।”

आजादी का अमृत महोत्सव महिला सम्मान बचत पत्र:

  • बजट में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण विषय-वस्तु रही है और आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए मार्च 2025 तक दो वर्ष की अवधि के लिए एक नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाएगा। 
    • इसमें आंशिक निकासी विकल्प के साथ 7.5 प्रतिशत की स्थायी ब्याज दर पर 2 वर्ष की अवधि के लिए महिलाओं या लड़किय़ों के नाम पर 2 लाख रुपए तक की जमा सुविधा प्रस्तुत की जाएगी।

वरिष्ठ नागरिक:

  • वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए “वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए की जाएगी। इसके अतिरिक्त, मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए तक तथा संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपए से बढाकर 15 लाख रुपए की जाएगी।”

डाटा दूतावास:

  • डिजिटल निरंतरता समाधानों की खोज करने वाले देशों के लिए उनके डाटा दूतावासों में गिफ्ट आईएफएससी की स्थापना को सुगम बनाया जाएगा।

प्रतिभूति बाजार में क्षमता निर्माण:

  • प्रतिभूति बाजार में पदाधिकारियों एवं पेशेवरों के और अधिक क्षमता निर्माण के लिए, बजट में प्रस्ताव रखा गया है कि सेबी को प्रतिभूति बाजारों के राष्ट्रीय संस्थान में शिक्षा को विकसित, विनियमित, रखरखाव एवं नियमों तथा मानकों को लागू करने के लिए अधिकार संपन्न बनाया जाएगा। इसे डिग्री, डिप्लोमा तथा प्रमाणपत्रों को मान्यता देने के लिए और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।

आकांक्षी जिला एवं ब्‍लॉक कार्यक्रम:

  • वित्‍त मंत्री ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्‍तीय समावेशन, कौशल विकास  और मूलभूत इंफ्रास्‍टक्‍चर जैसे अनेक क्षेत्रों में अनिवार्य सरकारी सेवाओं को पर्याप्‍त रूप से पहुंचाने के लिए  500 ब्‍लॉकों को शामिल करके आकांक्षी ब्‍लॉक कार्यक्रम शुरू किया गया है।

पीएम आवास योजना:

  • पीएम आवास योजना के लिए परिव्‍यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रूपये से अधिक कर दिया गया है।

सूखा प्रवण क्षेत्रों के लिए जल:

  • कर्नाटक के  सूखा प्रवण मध्‍य क्षेत्र में संधारणीय सूक्ष्‍म सिंचाई  सुविधा मुहैया कराने तथा पेयजल के लिए  बहिस्‍तल टैंकों को भरने के  लिए  ऊपरी भद्रा परियोजना को 5,300 करोड़ रुपये की केन्‍द्रीय सहायता दी जाएगी।

भारत साझा पुरालेख निधान (भारत श्री):

  • ‘भारत साझा पुरालेख निधान’ एक  डिजिटल  पुरालेख संग्रहालय  में प्रथम चरण में एक लाख प्राचीन पुरालेखों के डिजिटलीकरण के साथ स्‍थापित किया जाएगा।

निर्धन कैदियों की सहायता:

  • जेल में बंद ऐसे निर्धन व्‍यक्तियों, जो जुर्माना या जमानत राशि की व्‍यवस्‍था करने में असमर्थ है,को आवश्‍यक वित्‍तीय सहायता  प्रदान की जाएगी।

शहरी अवसंरचना विकास निधि:

  • प्राथमिकता क्षेत्र उधारी न्यूनता के उपयोग के माध्यम से एक शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) की स्थापना की जाएगी। इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना का सृजन करने के लिए सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।

सहकारिता क्षेत्र के लिए उपायों की घोषणा:

  • वित्‍त मंत्री ने कहा कि 31.03.2024 तक जो नई सहकारी समितियां उत्‍पादन गतिविधियां शुरू करेंगी, उन्‍हें 15 प्रतिशत की कम कर दर का लाभ मिलेगा। 
    • 2,516 करोड़ रुपये से 63,000 प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों का कम्‍प्‍यूटीकरण किया जाएगा।
    • आकलन वर्ष 2016-17 से पहले की अवधि के लिए गन्‍ना किसानों को किए गए भुगतान का दावा करने के लिए गन्‍ना सहकारिता समितियों को एक अवसर उपलब्‍ध कराया जाएगा, इससे लगभग 10,000 करोड़ रुपये की राहत मिलने की उम्‍मीद है।

संस्कृति मंत्रालय का वार्षिक परिव्यय 3,399.65 करोड़ रुपये किया गया:

  • संस्कृति मंत्रालय के वार्षिक बजट 2023-24 का परिव्यय 3,399.65 करोड़ रुपये रखा गया है। इससे पहले बजट योजना 2022-2023 में स्वीकृत परिव्यय का आंकड़ा 3,009.05 करोड़ रुपये था।  
    • यानी कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के वार्षिक परिव्यय की तुलना में 2023-24 में वार्षिक परिव्यय 12.97 फीसदी अधिक है।
  • वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में एक डिजिटल पुरालेख संग्रहालय भारत शेयर्ड रिपॉजिटरी ऑफ इंस्क्रिप्शन (भारतश्री) की स्थापना की घोषणा की। 
    • इसके तहत पहले चरण में एक लाख प्राचीन अभिलेखों को डिजिटल रूप दिया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) हैदराबाद में भारतश्री की स्थापना करेगा।
  • एएसआई को वार्षिक बजट के कुल परिव्यय में से 1102.83 करोड़ रुपये मुख्य रूप से केंद्रीय संरक्षित स्मारकों/स्थलों की सुरक्षा, संरक्षण और प्राचीन स्मारकों व पुरातत्व स्थलों की खुदाई के लिए आवंटित किए गए हैं। 
    • यह धनराशि वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रस्तावित 1080.34 करोड़ रुपये (बीई- बजट  अनुमान) की तुलना में 2.08 फीसदी अधिक है।
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 22.19 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 650.74 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

इनमें शामिल हैं:

  • कला संस्कृति विकास योजना
  • संग्रहालय का विकास
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
  • संस्कृति मानचित्रण पर राष्ट्रीय मिशन
  • शताब्दी व वर्षगांठ समारोह योजना और पुस्तकालयों व अभिलेखागार का विकास
  • केंद्रीय क्षेत्र योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान (532.55 करोड़) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए 650.74 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया गया है। यानी कि इसमें 22.19 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
  • संस्कृति मंत्रालय भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे “आजादी का अमृत महोत्सव” के लिए नोडल एजेंसी है। 
    • वित्तीय वर्ष 2022-23 के संशोधित परिव्यय और वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट परिव्यय में मंत्रालय की शताब्दी व वर्षगांठ समारोह योजना के तहत स्मरण उत्सव गतिविधियों को आयोजित करने के लिए एक विशेष प्रावधान किया गया है।

2. राजकोषीय घाटे के वित्त वर्ष 2023-24 में 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय एवं सरकारी बजट।

प्रारंभिक परीक्षा: राजकोषीय घाटा ।

मुख्य परीक्षा: देश के आर्थिक विकास में राजकोषीय घाटे के महत्व पर चर्चा कीजिए।     

प्रसंग: 

  • केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए यह जानकारी दी की राजकोषीय समेकन के पथ पर अग्रसर रहते हुए, सरकार का उद्देश्य राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक नीचे लाने का है।  

उद्देश्य:

  • वित्त मंत्री ने कहा कि बजट अनुमान 2023-24 में उधारियों से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपए और 45 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है। 
  • निवल कर प्राप्तियां 23.3 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि संशोधित अनुमान 2023-24 में उधारियों से इतर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 24.3 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें से निवल कर प्राप्तियां 20.9 लाख करोड़ रुपए है। 
  • कुल व्यय का संशोधित अनुमान 41.9 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 7.3 लाख करोड़ रुपए है। 
  • राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान आरई 2022-23 में जीडीपी का 6.4 प्रतिशत है, जो बजट अनुमान के अनुरूप है। 

विवरण:  

  • वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राजकोषीय घाटे के बीई 2023-24 में जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 
    • 2023-24 में राजकोषीय घाटे के वित्त पोषण के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियां 11.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है। 
    • शेष वित्तपोषण लघु बचतों और अन्य स्रोतों से आने की अपेक्षा है। सकल बाजार उधारियां 15.4 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है।
budget2023

स्रोत:PIB

राजस्व घाटा:

  • वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व घाटे के 2022-23 में 4.1 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 2.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 
    • लगातार सालों में वैश्विक बाधाओं तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं, जो घरेलू आर्थिक नीतिगत उपायों के प्रत्यक्ष नियंत्रण के अक्सर परे हैं। 
    • हालांकि, नए विकास और कल्याण संबंधित व्यय प्रतिबद्धताओं, कर प्राप्तियों में उछाल तथा वर्ष के दौरान लक्षित व्यय विवेकीकरण ने तेज समावेशी विकास पर जोर बनाए रखने में सहायता की है।
  • राजकोषीय नीति वक्तव्य में कहा गया है कि अचानक भू-राजनीतिक संघर्ष के अचानक भड़क जाने से वित्त वर्ष 2022-23 में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जिससे निर्बल वर्गों की सहायता करने एवं बृहद आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चतर खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी की सहायता महसूस हुई।
  • वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से नीचे के राजकोषीय घाटे के स्तर को प्राप्त करने के लिए राजकोषीय समेकन के व्यापक पथ का अनुसरण करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
  • सरकार स्थिर, व्यापक आधारित आर्थिक वृद्धि अर्जित करने तथा राजकोषीय अखंडता के पथ का अनुसरण करते हुए लोगों के जीवन/आजीविकाओं की रक्षा करने के लिए आवश्यक अपने प्रयासों को जारी रखेगी।

कर राजस्व:

  • सकल कर राजस्व (जीटीआर) के वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 10.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। 
    • प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही कर प्राप्तियों में क्रमशः 10.5 प्रतिशत और 10.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। 
    • राजकोषीय नीति विवरण में कहा गया कि ऐसा अनुमान है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर जीटीआर में क्रमशः 54.4 प्रतिशत और 45.6 प्रतिशत का योगदान देते हैं। 
    • जीडीपी के कर अनुपात के 11.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
  • कर नीति का समग्र मध्य अवधि जोर प्रशुल्क संरचना को विवेकपूर्ण बनाने तथा कर आधार को विस्तृत करने की दिशा में है। 
    • यह इनवर्टेड कर ढांचों, जो कर संरचना में शामिल हो गई हैं, को दूर करने तथा छूटों को सीमित करने के द्वारा अर्जित किया जा रहा है। 
    • इसके अतिरिक्त, कर आधार को विस्तृत करने, करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बनाने, आपूर्ति श्रृंखला के औपचारिकरण और व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

राजस्व प्राप्तियां और राजस्व व्यय के बीच संतुलन:

  • केंद्र सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियों और राजस्व व्यय के बजट अनुमान 2023-24 में क्रमशः 26.32 लाख करोड़ रुपए और 35.02 लाख करोड़ रुपए का अनुमान है। 
    • इसके आधार पर राजस्व प्राप्तियों और राजस्व व्यय के बीच अनुपात बजट अनुमान 2023-24 में 75.2 प्रतिशत अनुमानित किया गया है, जो संशोधित अनुमान 2022 -23 और वित्त वर्ष 2021-22 के क्रमशः 67.9 प्रतिशत और 67.8 प्रतिशत से बढ़कर बीई 2023-24 में 75.2 प्रतिशत अनुमानित है। 
    • कर-जीडीपी अनुपात बजट अनुमान 2022-23 में 10.7 प्रतिशत था, जो संशोधित अनुमान 2022-23 और बजट अनुमान 2023-24 में बढ़कर 11.1 प्रतिशत हो गया है।
  • पूंजीगत व्यय और राजकोषीय घाटे के बीच का अनुपात (कैपेक्स-एफडी) बजट अनुमान 2023-24 में 56.0 प्रतिशत अनुमानित किया गया है, जबकि संशोधित अनुमान 2022-23 और वित्त वर्ष 2021-22 में यह क्रमशः 41.5 प्रतिशत और 37.4 प्रतिशत था।

गैर कर राजस्व:

  • गैर कर राजस्व के राजस्व प्राप्ति में 11.5 प्रतिशत के योगदान देने का अनुमान है और इसके 3.02 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जो 2.62 लाख करोड़ के आरई 2022-23 की तुलना में 15.2 प्रतिशत अधिक है।

3. बजट अनुमान 2023-24 में पूंजीगत व्‍यय 37.4 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान:

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय एवं सरकारी बजट। 

प्रारंभिक परीक्षा: राजकोषीय नीति, राजस्‍व व्‍यय, पूंजीगत व्यय।  

प्रसंग: 

  • केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि ‘‘ अवसरंचना एवं उत्‍पादक क्षमता में निवेश का विकास और रोजगार पर बहुआयामी प्रभाव पड़ता है।’’ 

विवरण:  

विकास और रोजगार के वाहक के रूप में पूंजीगत निवेश:

  • निवेश और रोजगार सृजन के चक्र में तेजी लाने के लिए बजट ने एक बार फिर से संशोधित अनुमान 2022-23 में 7.28 लाख करोड़ रुपए की तुलना में बीई 2023-24 में 37.4 प्रतिशत की वृद्धि कर 10 लाख करोड़ रुपए के साथ पूंजीगत व्‍यय परिव्‍यय में तेज वृद्धि करने के द्वारा अग्रणी भूमिका निभाई है।
  • राजकोषीय नीति के वक्‍तव्‍यों में रेखांकित किया गया है कि कैपेक्‍स वित्‍त वर्ष 2019-20 में पूंजीगत व्‍यय का लगभग तीन गुना है। 
    • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेल, रक्षा आदि जैसे प्रमुख अवसंरचना एवं रणनीतिक मंत्रालय वित्‍त वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्‍यय को प्रोत्‍साहित करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। 
    • वित्‍तीय नीति के अनुसार यह बढ़े हुए पूंजीगत व्‍यय के माध्‍यम से अवसंरचना विकास पर सरकार के बल को बहुगुणित करता है। 
    • इसमें देशभर में ऐसे निवेशों की इक्विटी और समानता सुनिश्चित करने की भी बात की कई है। 
    • यह अगले 25 वर्षों में 4 आई – इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, इनवेस्‍टमेंट, इनोवेशन और इनक्‍लूजन पर सरकार के फोकस और प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
  • सहकारी राजकोषीय संघवाद की भावना में राज्‍यों के हाथ मजबूत करने के लिए, पूंजीगत व्‍यय के लिए राज्‍यों को सहायता प्रदान करने के लिए वित्‍त वर्ष 2022-23 में आरंभ की गई स्‍कीम को 1.30 लाख करोड़ रुपए के बढ़े हुए परिव्‍यय के साथ वित्‍त वर्ष 2023-24 तक विस्‍तारित कर दिया गया है। 
    • यह बीई 2022-23 के आवंटन की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है और वित्‍त वर्ष 2023-24 के जीडीपी का लगभग 0.4 प्रतिशत है।

राजस्‍व व्‍यय:

  • बजट में बताया गया है कि राजस्‍व व्‍यय के 34.59 लाख करोड़ की तुलना में 2023-24 में 1.2 प्रतिशत बढ़कर 35.02 लाख करोड़ हो जाने का अनुमान है। 
    • राजस्‍व व्‍यय के प्रमुख घटकों में ब्‍याज भुगतान, प्रमुख सब्सिडियां, सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्‍ते, पेंशन, रक्षा राजस्‍व व्‍यय, और वित्‍त आयोग अनुदानों के रूप में राज्‍यों को हस्‍तांतरण, केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं आदि शामिल हैं।

ब्याज भुगतान:

  • किया गया अनुमानित ब्याज भुगतान 10.80 लाख करोड़ रुपये का रहा जो कुल राजस्व व्यय का 30.8 प्रतिशत है।

सब्सिडी:

  • वित्तीय विवरण के अनुसार सब्सिडिज का राजस्व व्यय में महत्वपूर्ण स्थान रहता है जिसमें भोजन, उर्वरक और पेट्रोलियम, सब्सिडी शामिल हैं। 
    • प्रमुख सब्सिडियां 3.75 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) हैं जो बजट अनुमान 2023-24 में राजस्व व्यय का 10.7 प्रतिशत हैं।

वित्त आयोग अनुदान:

  • बजट के अनुसार राज्यों को राजस्व घाटा अनुदानों, शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान जैसी विविध श्रेणियों तथा अन्य निकायों को दिया गया कुल वित्त आयोग अनुदान वित्त वर्ष 2023 में 1.65 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

पेंशन:

  • बजट अनुमान 2022-23 में व्यय 2.07 लाख रुपए से बढ़कर संशोधित अनुमान 2022-23 में बढ़कर लगभग 2.45 लाख करोड़ रुपए होने से व्यय में वृद्धि देखी गई। 
    • बजट अनुमान 2022-23 में इस बढ़ोत्तरी के पीछे मुख्य कारण रक्षाकर्मियों के संबंध में वन रैंक वन पेंशन के कारण देनदारियों को चुकाना रहा। 
    • बजट अनुमान 2023-24 में पेंशन भुगतान 2.34 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो अनुमानित जीडीपी का 0.8 प्रतिशत है। 
    • इसमें रक्षा पेंशन के लिए लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान भी शामिल है।

कुल व्यय:

  • वर्ष 2023-24 में वित्तीय नीति विवरण कुल व्यय 45.03 लाख करोड़ रुपए होने के बारे में जानकारी दी गई है जो वर्ष 2022-23 की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है।
budget23-24

स्रोत : PIB

राज्यों को वितरण:

  • 15वें वित्त आयोग के तहत राज्यों को वर्ष के दौरान बढ़ी हुई कर प्राप्तियों के कारण लगभग 9.48 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया गया और केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को देय पूर्व अवधि समायोजन के कारण 32600 करोड़ रुपए की अनुमानित राशि का समायोजन किया गया है। 
    • 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार 2023-24 के बजट अनुमानों में राज्यों को कर वितरण 10.21 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

 

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