विषयसूची:
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1. ऑफ-द-शेल्फ घटकों से विकसित नए कम लागत वाले स्टार सेंसर का पहला परीक्षण लॉन्च सफलतापूर्वक आयोजित:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: स्टार सेंसर से सम्बन्धित जानकारी।
प्रसंग:
- ऑफ-द-शेल्फ घटकों से खगोलविदों द्वारा विकसित एक नया निम्न-लागत स्टार सेंसर हाल ही में इसरो द्वारा पीएसएलवी सी-55 पर लॉन्च किया गया था।
उद्देश्य:
- इसका प्राथमिक उद्देश्य अंतरिक्ष में इसकी उत्तरजीविता और निष्पादन का आकलन करना था।
विवरण:
- अपने पहले अंतरिक्ष परीक्षण में पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM) पर स्थापित सेंसर अच्छा निष्पादन कर रहा है और आरंभिक डेटा ने अब इसकी रूपरेखा तथा इसके कार्य को भी सत्यापित कर दिया है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) द्वारा विकसित स्टारबेरीसेंस पेलोड 22 अप्रैल को लॉन्च किया गया था।
- इस अभिनव निम्न-लागत सेंसर, जिसका डिजाइन शीघ्रता से यह गणना करने के लिए किया गया है कि उपग्रह कहां इंगित कर रहा है, इसका पहली बार अंतरिक्ष में परीक्षण किया जा रहा है।
- संस्थान के स्पेस पेलोड्स ग्रुप के खगोलविदों ने घोषणा की है कि स्टार बेरी सेन्स ने न केवल अंतरिक्ष में कठिन स्थितियों को सहन किया है बल्कि अपेक्षा के अनुरूप कार्य कर रहा है, प्रारंभिक डेटा यह भी दर्शाता है कि यह (प्वाइंटिंग डायरेक्शन) इंगित दिशा की गणना करने में सक्षम है।
- किसी भी अंतरिक्ष मिशन के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि किसी भी समय उपग्रह को कहां इंगित किया जा रहा है।
- जहां ऐसा करने के कई तरीके हैं, एक स्टार सेंसर किसी स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यान के ओरिएन्टेशन के बारे में सबसे सटीक जानकारी प्रदान करता है।
- आईआईए में स्पेस पेलोड्स ग्रुप द्वारा डिज़ाइन किया गया स्टार्ट सेंसर अंतरिक्ष में अपने दृश्य के क्षेत्र में सितारों की पहचान करने के द्वारा अंतरिक्ष में अपने प्वाइंटिंग डायरेक्शन को प्राप्त करने में सक्षम है।
- इस पेलोड का निर्माण विख्यात मिनी कंप्यूटर स्पचबेरी पी के ईर्द-गिर्द किया गया है और इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर को इन-हाउस डिजाइन किया गया था।
- इस पेलोड का लाभ यह है कि यह किफायती, निर्माण में सरल है और विभिन्न प्रकार के उपग्रहों पर इसे तैनात किया जा सकता है।
- स्टारबैरीसेंन्स को इसरो ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (पीओइईएम) पर स्थापित गया था, जो हमारे पेलोड को प्रचालन के लिए एक स्थिर प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
- पीओईएम इसरो की एक अनोखी पहल है जो वैज्ञानिक प्रयोगों को करने के लिए पीएसएलवी के चौथे चरण का उपयोग एक ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म के रूप में करता है।
- यह अंतरिक्ष में अल्प अवधि के वैज्ञानिक प्रयोग करने का एक उत्कृष्ट अवसर है।
- स्टारबेरीसेंस का मुख्य दायित्व देखने के क्षेत्र की छवि बनाना, इसके द्वारा देखे जाने वाले सितारों की सही पहचान करना और इंगित दिशा की गणना करना है।
स्टारबेरीसेंस से एक सैंपल छवि। यह छवि इन्वर्टेड है और इसलिए सफेद पृष्ठभूमि पर तारे काले दिखाई देते हैं। लाल वृत्त उन सितारों की स्थिति को चिह्नित करते हैं जिनकी तुलना बाहरी डेटाबेस से की गई थी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.अंतरराष्ट्रीय योग दिवस:
- 21 जून 2023 को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पचास दिन पूर्व,2 मई को योग महोत्सव का आयोजन जयपुर में किया जाएगा।
- यह आयोजन राजस्थान में योग के माध्यम से मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को निश्चित रूप से बढ़ावा देगा।
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई),जो एक ऐतिहासिक इवेंट बन चुका है।
- इसे राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर मनाने का उत्साह लगातार बढ़ता रहा है।
- इस वर्ष के आईडीवाई-2023 पर आर्कटिक और अंटार्कटिक क्षेत्र में कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) का प्रदर्शन अपने आप में एक नायाब उपलब्धि होगी।
- हर साल हजारों विदेशी पर्यटक राजस्थान आते हैं और योग तथा योग चिकित्सा सीखने के लिए कई योग संस्थानों की सेवाएं लेते हैं।
- योग राजस्थान में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकता है।
- ‘इस वर्ष, आयुष मंत्रालय सभी दुनिया भर के महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर सामान्य योग प्रोटोकॉल (CYP) प्रदर्शनों के आयोजन की संभावना तलाश रहा है।
- इस अनूठे ओशन रिंग फॉर योग कार्यक्रम के लिए विदेश मंत्रालय, पोत-परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना के साथ परामर्श किया जा रहा है।
ग्रामीण आबादी को बड़े पैमाने पर जोडऩे का प्रयास:
- आईडीवाई 2023 का एक अन्य आकर्षण ‘प्रत्येक राज्य में आयुष ग्राम के माध्यम से ग्रामीण आबादी को जोडऩे का प्रयास होगा।
- एक आयुष ग्राम दो-तीन गांवों का एक समूह होगा और इसमें औसतन 3,000 से अधिक आबादी शामिल होगी।
2.आसियान भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई-2023) का आयोजन:
- भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस दिल्ली 1 मई 2023 को सिंगापुर में पहुंच गए हैं।
- यह नौसेना जहाज 2 से 8 मई 2023 के बीच होने वाले पहले आसियान भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई-2023) में भाग लेंगे।
- अभ्यास का ‘हार्बर फेज’ 2 से 4 मई 2023 तक चांगी नौसेना बेस में और ‘सी फेज’ दक्षिण चीन सागर में 7 से 8 मई 2023 को आयोजित किया जाएगा।
- एआईएमई-2023 भारतीय नौसेना और आसियान नौसेनाओं को एक साथ मिलकर काम करने और समुद्री क्षेत्र में निर्बाध संचालन करने का अवसर प्रदान करेगा।
- आईएनएस दिल्ली, भारत का पहला स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल विध्वंसक और आईएनएस सतपुड़ा, एक स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट, विशाखापत्तनम में स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक हिस्सा हैं और पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के संचालन कमान के तहत कार्य करते हैं।
- ये जहाज अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस हैं।
- ये जहाज, सिंगापुर में अपने पोर्ट कॉल के दौरान, सिंगापुर द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री रक्षा प्रदर्शनी और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
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