विषयसूची:
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1. भारत के रक्षा मंत्री की मालदीव यात्रा पर संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत एवं इसके पडोसी- संबंध।
प्रारंभिक परीक्षा:
मुख्य परीक्षा: भारत मालदीव संबंधों पर एक लेख लिखिए।
प्रसंग:
- भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, मालदीव की रक्षा मंत्री सुश्री मारिया दीदी के आमंत्रण पर 1 मई, 2023 को माले पहुंचे।
उद्देश्य:
- इस यात्रा ने अपने-अपने देशों और क्षेत्र की सुरक्षा तथा समृद्धि को बढ़ाने के लिए दोनों मित्र पड़ोसियों की प्रतिबद्धता की भावना को नया रूप दिया।
विवरण:
- अपनी यात्रा के दौरान श्री राजनाथ सिंह और सुश्री मारिया दीदी ने भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग तथा दीर्घकालिक साझेदारी को मज़बूत बनाने पर द्विपक्षीय बातचीत की।
- उन्होंने व्यापक क्षेत्रीय तथा आपसी चिंता के वैश्विक सुरक्षा विषयों पर बातचीत की और रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर सहमति व्यक्त की।
- दोनों मंत्रियों ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व की फिर से पुष्टि की और समान सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में एक साथ काम करने की आवश्यकता को स्वीकार किया।
- उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करने के महत्व को रेखांकित किया तथा इन सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- मंत्रियों ने आतंकवाद का मुकाबला, आपदा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा तथा समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में श्रेष्ठ व्यवहारों तथा विशेषज्ञता को साझा करने के महत्व पर ध्यान दिया।
- दोनों मंत्री रक्षा व्यापार, क्षमता निर्माण तथा संयुक्त अभ्यास जैसे क्षेत्र सहित सहयोग के अतिरिक्त उपाय तलाशने पर सहमत हुए।
- उन्होंने दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने तथा दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच आदान-प्रदान पर भी चर्चा की।
- इसके अतिरिक्त मंत्री श्री राजनाथ सिंह और मंत्री सुश्री दीदी ने मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह की उपस्थिति में हुरावी के प्रतिस्थापन जहाज की कमिशनिंग के लिए आयोजित समारोह में भाग लिया।
- भारत के माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति सोलिह की हाल की भारत यात्रा के दौरान पुराने हुरावी जहाज के लिए प्रतिस्थापन जहाज के प्रावधान की घोषणा की थी।
- मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एमएनडीएफ को अतिरिक्त लैंडिंग क्राफ्ट भी भेंट किया।
- इन जहाजों को सौंपना भारत के क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास (सागर) के विजन के अनुरूप है, जो एक सुरक्षित, समृद्ध तथा स्थिर हिंद महासागर क्षेत्र के लिए मित्रों और साझेदारी की क्षमताओं के साथ मिलकर काम करना और संयुक्त रूप से विकसित करना चाहता है।
- यात्रा के दौरान मंत्री सिंह और मंत्री दीदी द्वारा एमएनडीएफ तटरक्षक बल (एकता हार्बर) की आधारशिला रखी गयी।
- सिफावारू में कोस्टकार्ड हार्बर का विकास और मरम्मत सुविधा का विकास भारत की सबसे बड़ी सहायता अनुदान परियोजनाओं में एक है।
- दोनों पक्षों ने अपने देशों के बीच साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और आम भावनाओं को व्यक्त किया कि वे भविष्य में बातचीत और सहयोग जारी रखने के लिए तत्पर हैं।
2. मेटावैलेंट रासायनिक बंध (केमिकल बॉन्ड) क्वांटम सामग्री में ताप विद्युतीय (थर्मोइलेक्ट्रिक) प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं तकनीकी:
विषय: विज्ञान एवं तकनीकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
मुख्य परीक्षा: क्वांटम सामग्री में तापविद्युतीय (थर्मोइलेक्ट्रिक) प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए अनूठे रासायनिक बंधन का उपयोग कैसे किया जा सकता है ?
प्रसंग:
- ठोस पदार्थों में एक नए प्रकार का रासायनिक बंध जिसे मेटावैलेंट बॉन्डिंग कहते हैं, क्वांटम सामग्री में तापविद्युतीय (थर्मोइलेक्ट्रिक) प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और जो अपशिष्ट गर्मी को कुशलतापूर्वक बिजली में परिवर्तित कर सकने के साथ ही देश के नए प्रारम्भ (लॉन्च) किए गए क्वांटम मिशन के लिए एक नई दिशा दिखा सकता है।
उद्देश्य:
- यह कार्य मौलिक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है कि क्वांटम सामग्री में तापविद्युतीय (थर्मोइलेक्ट्रिक) प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए अनूठे रासायनिक बंधन का उपयोग कैसे किया जा सकता है और कैसे, तर्कसंगत रासायनिक डिजाइनिंग द्वारा, क्वांटम सामग्री में उभरते हुए विलक्षण गुणों को अनुभव किया जा सकता है और जिसके लिए भारत का क्वांटम मिशन काम कर रहा है।
विवरण:
- अपशिष्ट ताप से बिजली उत्पन्न करना हरित ऊर्जा उत्पादन के लिए एक रोमांचक संभावना रखता है।
- इस उद्देश्य के लिए उच्च- प्रदर्शन थर्मोइलेक्ट्रिक सामग्री ढूँढने के लिए गुणों के चमत्कारिक सूत्र वाली ऐसी सामग्री की आवश्यकता होती है जो धातु की तरह बिजली को प्रवाहित कर सकने में सक्षम होने के साथ-साथ शीशे (ग्लास) की तरह गर्म हो सके और सीबेक गुणांक को अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) की तरह प्रदर्शित कर सकने में समर्थ हो ।
- (थर्मोइलेक्ट्रिक) सामग्री के प्रदर्शन का मूल्यांकन विद्युत प्रतिरोधकता, सीबेक गुणांक और तापीय चालकता से संबंधित एक आयाम रहित सूचकांक के आधार पर किया जाता है जिसे ZT कहा जाता है। ZT जितना अधिक होगा, दक्षता उतनी ही अधिक होगी ।
- ZT का निर्माण करने वाले विद्युत और तापीय चालकता, सीबेक गुणांक, आदि जैसे भौतिक स्थिरांकों के बीच विरोधाभासी परस्पर निर्भरताओं के कारण ZT को बढ़ाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, इसलिए इस सूचकांक को अनुकूलित करने की आवश्यकता है।
- इसमें एक ऐसे रासायनिक बंधन की आवश्यकता होती है जिसमें अच्छी विद्युत चालकता के लिए धातुओं और कम तापीय चालकता के लिए शीशे (ग्लासेस) में मिलने वाले ऐसे दोनों बंधनों के गुण विद्यमान हों, जो इलेक्ट्रॉन स्थानीयकरण (सहसंयोजकता) और निरूपण (धात्विकता) के बीच ठीक अनुकूलन (ट्यूनिंग) की मांग करते हैं।
- इस तरह की बॉन्डिंग सहक्रिया सामग्री में एक विशिष्ट प्रकार के संयोजन के साथ पाई जाती है जिसे मेटावैलेंट बॉन्डिंग कहा जाता है।
- मेटावैलेंट बंधन अथवा संयोजन (बॉन्ड) ऐसे बहुकेंद्रित मृदु (मल्टीसेंट्रिक सॉफ्ट) बॉन्ड हैं, जो संयोजित होने वाले परमाणुओं के बीच 2e- से कम अंतर साझा करते हैं लेकिन वे रसायन विज्ञान में निर्धारित ऑक्टेट नियम की अवहेलना कर लेते हैं ।
- उत्कृष्ट विद्युत गुणों वाली सामग्रियों की उनकी खोज ने TlBiSe2 नामक एक प्रसिद्ध टोपोलॉजिकल इंसुलेटर को चुना।
- TlBiSe2 वास्तव में मेटावैलेंट बॉन्डिंग का प्रदर्शन करता है। विकृत संरचनाओं में TlBiSe2 की अविकृत संरचना के बहुत निकट ऊर्जा होती है, और कमरे के सामान्य तापमान पर, यह यौगिक ऊर्जावान रूप से सुलभ विभिन्न विन्यासों के बीच आसानी से आवागमन (शटल) कर सकता है ।
- इस प्रकार, TlBiSe2 में निम्न तापीय चालकता की अनुभूति करने के लिए अंतर्निहित मेटावैलेंट बॉन्डिंग द्वारा प्राप्त जाली कतरनी के माध्यम से आंतरिक रूप से बिखरने वाले फ़ोनोन्स (ऐसे अर्ध- कण जो इसी ठोस में ऊष्मा का संवाहन करते हैं) के मौलिक रूप से नए तरीके की सुविधा प्रदान करते हुए जमीनी अवस्थाओं का क्षरण कई गुना होता है ।
- रासायनिक संबंध निर्देशित रणनीति को मान्य करते हुए TlBiSe2 ने लगभग 0.8 का एक ZT सूचकांक दिखाया, जो कि वर्तमान काल में एन – प्रकार के थैलियम चाल्कोजेनाइड्स में सबसे अधिक सूचित किया गया है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- अनियमित फंडिंग और कई प्रावधानों के उल्लंघन के कारण पोस्टल यूनियन की मान्यता रद्द:
- दो संघों – अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ समूह ‘C’ और राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ (एनएफपीई)- द्वारा इन नियमों का कथित उल्लंघन किए जाने के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी।
- लगाए गए आरोप इन दोनों यूनियनों के सदस्यों से जुटाई गई धनराशि के अनियमित उपयोग से संबंधित थे।
- उक्त शिकायतों के संबंध में एक विस्तृत जांच में संघ द्वारा धन के उपयोग में बरती गई विभिन्न अनियमितताओं की पहचान की गई, जो सीसीएस (आरएसए) नियम, 1993 के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन कर रहे थे।
- इन नियमों के तहत कई प्रावधानों का उल्लंघन निम्नलिखित पहलुओं के संदर्भ में सेवा संघों के उद्देश्यों के गैर-अनुपालन के बराबर था:
- अपने सदस्यों के सेवा संबंधी साझा हितों को बढ़ावा देना [नियम 5(B)]।
- सेवा संघ के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के अलावा अन्य उद्देश्य के लिए धन का उपयोग [नियम 5 (H)]।
- किसी भी पार्टी या उसके सदस्य का राजनीतिक फंडिंग या उसके राजनीतिक विचारों का प्रचार न करना [नियम 6 (C)]।
- यदि ये कार्य किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए जाते हैं, तो उससे केन्द्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 [नियम 6 (K)] के प्रावधानों का भी उल्लंघन होगा।
- इसलिए, उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए, डाक विभाग ने 25 अप्रैल, 2023 से अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ समूह ‘C’ और राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ (एनएफपीई) की मान्यता वापस ले ली है।
- सेवा संघ हमेशा से डाक विभाग का अभिन्न अंग रहे हैं। ये संघ अपने सदस्यों के सेवा संबंधी साझा हितों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- केन्द्रीय सिविल सेवा (सेवा संघों की मान्यता) नियम – सीसीएस (आरएसए) नियम, 1993 सेवा संघों को मान्यता प्रदान करते हैं।
- सीसीएस (आरएसए) नियम, 1993 के सभी प्रावधानों का पालन करना सभी मान्यता प्राप्त संघों के लिए आवश्यक है।
2.रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न का दर्जा मिला:
- रेल मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न कंपनी का दर्जा हासिल हो गया है।
- आरवीएनएल को 24 जनवरी, 2003 को पीएसयू के रूप में निगमित किया गया था, जिसका उद्देश्य फास्ट ट्रैक आधार पर रेलवे के बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं का कार्यान्वयन और एसपीवी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को जुटाना था।
- निदेशक मंडल की नियुक्ति के साथ 2005 में कंपनी का परिचालन शुरू हुआ था।
- कंपनी को सितंबर, 2013 में मिनी रत्न का दर्जा दिया गया था। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 3000 करोड़ रुपये है, जिसकी चुकता शेयर पूंजी 2085 करोड़ रुपये है।
आरवीएनएल को निम्नलिखित काम सौंपे गए हैं :
- पूर्ण परियोजना जीवन चक्र को कवर करने वाली परियोजना के विकास और कार्यों का निष्पादन करना।
- यदि आवश्यक हो, तो व्यक्तिगत कार्यों के लिए परियोजना केंद्रित एसपीवी बनाना।
- आरवीएनएल द्वारा एक रेलवे परियोजना पूरी किए जाने पर, संबंधित क्षेत्रीय रेलवे इसका संचालन और रखरखाव करेगा।
- आरवीएनएल को “नवरत्न” का दर्जा मिलने से उसके अधिकार, परिचालन स्वतंत्रता और वित्तीय स्वायत्तता में बढ़ोतरी हो गई है, जिससे आरवीएनएल की प्रगति को पर्याप्त प्रोत्साहन मिलेगा।
- यह विशेष रूप से इसलिए भी अहम है, क्योंकि आरवीएनएल रेलवे से परे और यहां तक कि विदेश स्थित परियोजनाओं में भी अपना विस्तार कर रही है।
3.अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष -2023 को ध्यान में रखते हुए CAPFs और NDRF कर्मियों के भोजन में मोटे अनाज (श्री अन्न) को शामिल करने निर्णय लिया:
- अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष -2023 को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) कर्मियों के भोजन में मोटे अनाज (श्री अन्न) को शामिल करने का एक अभूतपूर्व निर्णय लिया है।
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के आह्वान पर सभी बलों के साथ गहन चर्चा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के भोजन में 30% मोटे अनाज (श्री अन्न) शामिल किया गया है।
- मोटे अनाज के महत्व को स्वीकार करते हुए और इसके लिए घरेलू व वैश्विक माँग उत्पन्न करने के साथ साथ लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है।
- श्री अन्न को बढ़ावा देने का अभियान करोड़ों देशवासियों के पोषण की पूर्ति का आधार बनेगा।
- मोटे अनाज के महत्व को स्वीकार करते हुए और इसके लिए घरेलू व वैश्विक माँग उत्पन्न करने के साथ साथ लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है।
- श्री अन्न – प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत, ग्लूटेन मुक्त, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस आदि सहित सूक्ष्म पोषक तत्वों और फाइटो-केमिकल्स से भरपूर होता है जिससे यह सैनिकों और सुरक्षा बल कर्मियों के लिए समग्र पौष्टिक आहार का काम करता है।
- श्री अन्न स्वास्थ्य के लिए अच्छा, किसानों के लिए फायदेमंद और पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है।
- श्री अन्न ऊर्जा से भरपूर, सूखा प्रतिरोधी, कम पानी की आवश्यकता वाली शुष्क मिट्टी एवं पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से उपजायी जा सकती है और यह कीट आदि के प्रकोप से भी तुलनात्मक रूप से सुरक्षित है।
- श्री अन्न के उपयोग को बढ़ाने के लिये इसकी उपलब्धता केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार, बलों के परिसर की किराना दुकानों और राशन स्टोर में अलग काउंटर के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (IYOM) – 2023, श्री अन्न के वैश्विक उत्पादन, कुशल प्रसंस्करण और फसलों चक्रण एवं बेहतर उपयोग को बढ़ाने के साथ साथ मानव खाद्य के एक प्रमुख घटक के रूप में बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा।
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