विषयसूची:
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1. विशाखापत्तनम में एएलएच स्क्वाड्रन आईएनएएस 324 कमीशन किया गया:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञानं एवं प्रोधोगिकी:
विषय: देश में व्यापक भागीदारी और व्यापक आधार वाले स्वदेशी उन्नत हल्के एयरक्राफ्ट विनिर्माण को प्रोहत्साहन।
प्रारंभिक परीक्षा: एएलएच स्क्वाड्रन आईएनएएस 324
प्रसंग:
- 4 जुलाई 2022 को इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन 324 को पूर्वी नौसेना कमान में आईएनएस डेगा, विशाखापत्तनम में आयोजित एक कमीशनिंग समारोह में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
उद्देश्य:
- यह यूनिट पूर्वी समुद्र तट पर स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित उन्नत हल्के हेलीकाप्टर (एएलएच) एमके III (एमआर) हेलीकाप्टरों का संचालन करने वाली नौसेना की पहली स्क्वाड्रन है।
- पूर्वी नौसेना कमान में पहली एएलएच एमके III स्क्वाड्रन के चालू होने से पूर्वी समुद्र तट की निगरानी क्षमता में वृद्धि होगी।
विवरण:
- आईएनएएस 324 को “केस्ट्रेल्स” नाम दिया गया है जो शिकारी पक्षी हैं और इनमें अच्छी संवेदी क्षमताएं हैं जो एयरक्राफ्ट एवं इस एयर स्क्वाड्रन की इच्छित भूमिका का प्रतीक हैं।
- स्क्वाड्रन का प्रतीक चिन्ह एक ‘केस्ट्रेल’ है जो विशाल नीली और सफेद समुद्री लहरों पर खोज एवं इस स्क्वाड्रन की अभिन्न समुद्री टोही (एमआर) तथा खोजबीन एवं बचाव (एसएआर) भूमिका को दर्शाता है।
- एएलएच एमके III हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं जिनमें आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर शामिल हैं।
- इन फ्लाइंग मशीनों को शामिल किया जाना भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप है, क्योंकि इन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित व निर्मित किया गया है।
- समुद्री टोही (एमआर) तथा खोजबीन एवं बचाव (एसएआर) की अपनी मुख्य भूमिकाओं के अलावा इन हेलीकॉप्टरों को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) के साथ-साथ समुद्री कमांडो के साथ स्पेशल ऑपरेशन्स के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
- गंभीर रूप से बीमार रोगियों की चिकित्सा संबंधी निकासी के लिए हेलीकॉप्टर में एयर एम्बुलेंस के लिए एक हवाई चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (एमआईसीयू) भी है।
- आईएनएएस 324 की कमान कमांडर एसएस डैश के पास है, जो सैन्य अभियान के अपने व्यापक अनुभव के साथ एक कुशल और अत्यधिक अनुभवी एएलएच क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं।
2. महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू के 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 1
भारतीय इतिहास:
विषय: आधुनिक भारतीय इतिहास के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी एवं व्यक्तित्व।
प्रारंभिक परीक्षा: महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू से सम्बंधित जानकारी।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के भीमावरम में महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू के एक साल चलने वाले 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ किया।
उद्देश्य:
- अल्लूरी सीताराम राजू गारू की 125वीं जयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ का समारोह पूरे साल मनाया जाएगा
- पंडरंगी में उनके जन्म स्थान का जीर्णोद्धार, चिंतापल्ली थाने का जीर्णोद्धार, मोगल्लू में अल्लूरी ध्यान मंदिर का निर्माण जैसे कार्य अमृत महोत्सव के प्रतीक हैं।
विवरण:
- सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव, अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती तथा रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर महान “मण्यम वीरुडु” अल्लूरी सीताराम राजू को नमन किया और उन्हें पूरे देश की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
- अल्लूरी सीताराम राजू को भारत की संस्कृति, जनजातीय पहचान, वीरता, आदर्श और मूल्यों का प्रतीक है।
- सीताराम राजू गारू के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक उनकी जीवन यात्रा सभी के लिए एक प्रेरणा है।
- उन्होंने अपना जीवन आदिवासी समाज के अधिकारों, उनके सुख-दुःख और देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया।
- अल्लूरी सीताराम राजू ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- भारत के आध्यात्म ने सीताराम राजू गारू को करुणा और सत्य का बोध दिया, आदिवासी समाज के लिए समभाव, त्याग और साहस दिया।
- सीताराम राजू गारू ने जब विदेशी हकूमत के अत्याचारों के खिलाफ जंग शुरू की थी, तब उनकी उम्र केवल 24-25 साल थी।
- 27 साल की छोटी उम्र में वो भारत माता के लिए शहीद हो गए।
- रम्पा क्रांति में भाग लेने वाले भी कितने ही नौजवानों ने इसी आयु में देश की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।
- आंध्र प्रदेश वीरों और देशभक्तों की धरती है।
- यह भूमि पिंगली वेंकैया जैसे स्वतंत्रता के नायक की भूमि है जिसने देश का झंडा तैयार किया।
- यह कानेगंती हनुमन्थु, कंदुकुरी वीरसलिंगम पंतुलु और पोट्टी श्रीरामुलु जैसे नायकों की धरती है।
- देश में आजादी के बाद पहली बार देश में जनजातीय गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए जनजातीय संग्रहालय बनाए जा रहे हैं।
- आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में “अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय” भी बनाया जा रहा है।
- इसी प्रकार 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को राष्ट्रीय जनता गौरव दिवस के रूप में चिह्नित किया गया है।
- प्रधानमंत्री ने कहा “मण्यम वीरुडु” अल्लूरी सीताराम राजू ने अंग्रेजों के साथ अपने संघर्ष के दौरान यह दर्शाया है कि ‘दम है तो हमें रोक लो’ – रोक सको तो रोक लो’ आज देश भी इन चुनौतियों का सामना कर रहा है।
- आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उचित मान्यता देने और देश के लोगों को उनके बारे में जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- 4 जुलाई 1897 को जन्मे, अल्लूरी सीताराम राजू को पूर्वी घाट क्षेत्र में जनजातीय समुदायों के हितों की सुरक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए स्मरण किया जाता है।
- उन्होंने रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था, जो 1922 में शुरू हुआ था। उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा “मण्यम वीरुडु” (जंगलों का नायक) नाम दिया I
- सरकार ने एक साल चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में कई पहल शुरू करने की योजना बनाई है।
- विजयनगरम जिले के पंडरंगी में अल्लूरी सीताराम राजू की जन्मस्थली और चिंतापल्ली पुलिस स्टेशन (रम्पा विद्रोह के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में- इस पुलिस स्टेशन पर हुए हमले से रम्पा विद्रोह की शुरुआत हुई थी) का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
- सरकार ने मोगल्लु में अल्लूरी ध्यान मंदिर के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें ध्यान मुद्रा में अल्लूरी सीताराम राजू की एक मूर्ति है, जिसमें भित्ति चित्रों और एआई-सक्षम इंटरैक्टिव सिस्टम के माध्यम से इस स्वतंत्रता सेनानी की जीवन कहानी को दर्शाया गया है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्किल इंडिया मिशन के माध्यम से जनजातीय कला और कौशल को नई पहचान मिल रही है।
- ‘वोकल फॉर लोकल’ जनजातीय कला कौशल को आय का साधन बना रहा है। दशकों पुराने कानून जो जनजातीय लोगों को बांस जैसे वनोपज काटने से रोकते थे, हमने उन्हें बदल दिया है और उन लोगों को वन उपज का अधिकार दिया गया है।
- इसी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए वन उत्पादों की संख्या 12 से बढ़ाकर 90 कर दी गई है।
- 3000 से अधिक वन गण विकास केंद्र और 50,000 से अधिक वन गण स्वयं सहायता समूह जनजातीय उत्पादों और कला को आधुनिक अवसरों से जोड़ रहे हैं।
- आकांक्षी जिला योजनाओं से जनजातीय जिलों को बहुत लाभ होगा और शिक्षा के मोर्चे पर 750 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं।
- इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा मातृभाषा में देने को बढ़ावा दिया जा रहा है।
3. प्रधानमंत्री ने गांधीनगर में डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 का उद्घाटन किया:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन, पारदर्शिता इसके मुख्य महत्वपूर्ण पहलू एवं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: ‘डिजिटल इंडिया भाषिणी’,’डिजिटल इंडिया जेनेसिस’ (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) ,’इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल’,’माईस्कीम’,’मेरी पहचान’- नेशनल सिंगल साइन-ऑन (एनएसएसओ) से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: डिजिटल इंडिया को बढ़वा देने हेतु शुरू की गई पहलों के बारे में चर्चा एवं इनकी सफलता का आंकलन कीजिए ?
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री ने गांधीनगर में डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 का उद्घाटन किया जिसका विषय ‘नव भारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा’ है।
उद्देश्य:
- कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रौद्योगिकी की पहुंच बढ़ाने, जीवन को आसान बनाना सुनिश्चित करने के लिए सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मकसद से कई डिजिटल पहल भी शुरू कीं।
- उन्होंने चिप टू स्टार्टअप (सीटूएस) कार्यक्रम के तहत 30 संस्थानों के पहले समूह की भी घोषणा की।
- डिजिटल इंडिया वीक 2022 के तहत 4 से 6 जुलाई तक गांधीनगर में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।
- यह पूरी दुनिया के सामने भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेगा, हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सहयोग और व्यापार के अवसरों का पता लगाएगा और अगली पीढ़ी के लिए अवसरों के लिहाज से दशक की तकनीकी (टेकेड) प्रस्तुत करेगा।
- इसमें स्टार्टअप तथा सरकार, उद्योग व शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी।
- 200 से अधिक स्टालों के साथ एक डिजिटल मेला भी आयोजित किया जा रहा है, जहां जीवन को आसान बनाने वाले डिजिटल समाधानों के साथ-साथ भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप द्वारा विकसित किए गए समाधान को भी प्रदर्शित किया जायेगा।
- डिजिटल इंडिया वीक में 7 से 9 जुलाई तक वर्चुअल मोड में ‘इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज’ भी आयोजित किया जाएगा।
विवरण:
- सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम 21वीं सदी में भारत के निरंतर आधुनिकीकरण की एक झलक दिखाता है।
- डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत ने उदाहरण पेश किया है कि प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है।
- प्रधानमंत्री ने कहा, ‘समय के साथ जो देश आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है।
- तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है। लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है।’
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की फिनटेक पहल वास्तव में लोगों द्वारा, लोगों का, लोगों के लिए एक समाधान है।
- दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होता है।
- प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले 4-5 वर्षों में इंडस्ट्री 4.0 के लिए 14-15 लाख युवाओं के स्किलिंग, अपस्किल और रीस्किलिंग पर फोकस किया जाएगा।
शुरू की गई पहलों के बारे में जानकारी:
- ‘डिजिटल इंडिया भाषिणी’ नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में डिजिटल पहल से जोड़कर सशक्त बनाएगी।
- भाषिणी का लक्ष्य है कि सभी भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं उनकी भाषा में आसानी से उपलब्ध हो सकें और भारतीय भाषाओं की सामग्री में वृद्धि हो।
- आवाज आधारित पहुंच सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच होगी और भारतीय भाषाओं में सामग्री के निर्माण में मदद करेगी।
- एआई-आधारित भाषा प्रौद्योगिकी समाधानों को तैयार करने में बहुभाषी डेटासेट का निर्माण होगा।
- भाषादान नामक एक क्राउडसोर्सिंग पहल के माध्यम से डिजिटल इंडिया भाषिणी डेटासेट को तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर नागरिकों को भी जोड़ेगी।
- भाषिणी, भारतीय भाषाओं में डेटासेट और भाषा तकनीकी समाधान के लिये एआई तकनीकों का विकास करके सभी भारतीयों के लिये अधिक समावेशी भविष्य का निर्माण करेगी।
- ‘डिजिटल इंडिया जेनेसिस’ (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) – भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खोजने, सहयोग, विकास करने और सफल स्टार्टअप बनाने के लिए एक राष्ट्रीय डीप-टेक स्टार्टअप कार्यक्रम है। इस योजना के लिए कुल 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- ‘इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल’ – आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन टीकाकरण प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी इंडिया स्टैक के तहत चल रहीं प्रमुख परियोजनाओं का वैश्विक भंडार है।
- वैश्विक सार्वजनिक डिजिटल भंडार की भारत की पेशकश जनसंख्या के पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण में देश को अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा और यह अन्य देशों के लिए बहुत मददगार साबित होगा, जो ऐसी तकनीकी समाधानों की तलाश में हैं।
- ‘माईस्कीम’ – सरकारी योजनाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए यह एक सेवा खोजने वाला प्लेटफॉर्म है। यह वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल है जहां यूजर्स उन योजनाओं को ढूंढ सकते हैं जिसके वे पात्र हैं।
- ‘मेरी पहचान’– नेशनल सिंगल साइन-ऑन (एनएसएसओ) एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है, जिसमें निजी जानकारी का एक सेट, कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है।
- सीटूएस कार्यक्रम का उद्देश्य स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान के स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन के क्षेत्र में विशेष जनशक्ति को प्रशिक्षित करना और देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल स्टार्टअप्स के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करना है।
- यह संगठनात्मक स्तर पर परामर्श देने की पेशकश करता है और संस्थानों को डिजाइन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराता है।
- यह सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक मजबूत डिजाइन इकोसिस्टम बनाने के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
4. नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) का विनिवेश प्रक्रिया पूरी:
- नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) 4 केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई)- एमएमटीसी (49.78%), एनएमडीसी (10.10%), बीएचईएल (0.68%), एमईसीओएन (0.68%) और ओडिशा सरकार के दो सार्वजनिक उपक्रमों- ओएमसी (20.47% और आईपीआईसीओएल (12.00%) का संयुक्त उपक्रम है।
- टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने एनआईएनएल का अधिग्रहण किया हैं।
- इस अधिग्रहण के तहत सामरिक क्रेता द्वारा भुगतान किया गया उद्यम मूल्य 12,100 करोड़ रुपये है।
04 July 2022 : PIB विश्लेषण :-Download PDF Here
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