विषयसूची:

  1. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला
  2. बैस्टिल दिवस समारोह
  3. खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022

1.प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला

सामान्य अध्ययन-2

सरकारी योजनाएं:

विषय: कल्याणकारी योजनाएं

प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला, कौशल भारत मिशन के बारे में

संदर्भ:

  • कौशल भारत मिशन के अंतर्गत भारत के युवाओं के लिए करियर के अवसरों को प्रोत्साहन देने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय देश भर के 200 से अधिक ज़िलों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला (PMNAM) का आयोजन कर रहा है।

विवरण:

  • शिक्षुता मेले पूरे देश में हर महीने के दूसरे सोमवार को आयोजित किए जाते हैं। इन मेलों में, चयनित व्यक्तियों को शिक्षुता के अवसरों की पेशकश की जाती है, जिसके दौरान उन्हें नए कौशल हासिल करने के लिए सरकारी मानदंडों के अनुसार मासिक वजीफा मिलता है। 
  • शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) को कौशल विकास का सबसे टिकाऊ मॉडल माना जाता है और स्किल इंडिया मिशन (कौशल भारत मिशन) के अंतर्गत इसे काफी प्रोत्साहन मिल रहा है।
  • सरकार प्रतिवर्ष 15 लाख युवाओं को शिक्षुता प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित करने का प्रयास कर रही है और इस मिशन को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला एक पहल है जो प्रतिष्ठानों और युवाओं की भागीदारी को बढ़ाएगी।
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेले का उद्देश्य नौकरी चाहने वालों को उन नियोक्ताओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करना है जो प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए इच्छुक हैं।

कौशल भारत मिशन:

  • कौशल भारत मिशन अल्‍पकालिक और दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्‍यम से स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप स्किलिंग पर ध्‍यान केंद्रित करता है। 
  • कौशल भारत मिशन का उद्देश्य आर्थिक समृद्धि लाना और देश के युवाओं को अनूठा अवसर प्रदान करना है।
  • इस मिशन के अंतर्गत सरकार 20 से अधिक केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के माध्‍यम से देशभर में विभिन्‍न कौशल विकास योजनाओं को लागू कर रही है। 
  • इन कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार प्रिंट मीडिया, इलैक्‍ट्रॉनिक मीडिया और राज्‍य सरकारों के अभियानों के माध्‍यम से किया जा रहा है। 
  • अधिक से अधिक क्षेत्रों को कौशलों से संबंधित पारितंत्र में फैले कॉमन फ्रेमवर्क के साथ संबद्ध किया जा रहा है, ताकि कौशल पारितंत्र में सरकारी कौशल कार्यक्रमों के परिणामों में एकरूपता हो।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.बैस्टिल दिवस समारोह:

  • बैस्टिल दिवस फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस है। यह प्रत्येक वर्ष 14 जुलाई को मनाया जाता है।
  • यह 14 जुलाई 1789 को बैस्टिल के पतन की वर्षगांठ है।
  • बैस्टिल पेरिस में एक किला और जेल का नाम है। प्रारंभ में इसका निर्माण एक किले के तौर पर पेरिस शहर के पूर्वी दरवाजे की रखवाली के लिए किया गया था।
  • हालाँकि, बाद में इसका उपयोग कारागार तथा 17वीं और 18वीं सदी के दौरान महत्वपूर्ण लोगों को कैद करने के लिए किया जाने लगा।
  • 14 जुलाई को क्रोधित भीड़ ने इस पर धावा बोल दिया और कैदियों को रिहा कर दिया। इस घटना को फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

2.खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022:

    • लखनऊ में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 के लोगो, शुभंकर, मशाल, गान और जर्सी का शुभारंभ किया गया। 
    • इस 12-दिवसीय खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 का आयोजन वाराणसी, नोएडा और गोरखपुर के अलावा राज्य की राजधानी लखनऊ में किया जाएगा। 
    • इस यूनिवर्सिटी गेम्स, जो आधिकारिक तौर पर 25 मई से 03 जून, 2023 तक होंगे, में 200 भारतीय विश्वविद्यालयों के 4000 से अधिक एथलीट 21 खेल स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे। 
  • प्रतीक चिन्ह (लोगो):
      • खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 उत्तर प्रदेश का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह (लोगो) भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रतीक चिन्ह राज्य की समृद्ध पारंपरिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, जो शिक्षा, बुनियादी ढांचा और खेल जैसे सभी पहलुओं में इसके विकास का आधार रहा है।
  • शुभंकर:
      • शुभंकर जीतू, बारासिंघा का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अद्भुत स्तनधारी है, जो एक शक्तिशाली शारीरिक बनावट और उल्लेखनीय गति वाला होता है। यह अपने स्वभाव में कौशल, नीति और धैर्य को प्रदर्शित करता है और अनुग्रह एवं सूक्ष्मता की प्रतिमूर्ति होता है, जो वास्तव में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और प्रचुरता को प्रदर्शित करता है।
  • मशाल:
    • खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक मशाल ‘शक्ति’ न केवल अपनी विरासत और भावना की प्रतीक है, बल्कि एक ऐसी जीवंत इकाई भी है जो ऊर्जा से भरी हुई है। प्रत्येक एथलीट को अपने अंतिम लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने हेतु गंगा नदी को ‘शक्ति’ पर उकेरा गया है और इस पर अंकित ऊपर की ओर इशारा करते हुए, भविष्य की ओर उन्मुख दिखने वाला तीर गौरवशाली अतीत और उत्तर प्रदेश के भविष्य को दर्शाता है। शक्ति के प्रकाश प्रदान करने वाले मूल में मोर पंख और कमल की पंखुड़ियां भी अंकित हैं, जो पहाड़ों को भी हिला सकने वाली अपनी शांत ऊर्जा को इंगित करती हैं और प्रेरणा तथा इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली स्रोत है।

 

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लिंक किए गए लेख में 04 May 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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