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06 जून 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. सरकार ने देशभर में 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति दी:  
  2. भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM):
  3. घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 की PSS के तहत अरहर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा हटाई:
  4. सूरीनाम में भारतीय लोगों के आगमन की 150वीं वर्षगांठ: 
  5. भारतीय नौसेना गांधीजी के सत्याग्रह की 130वीं वर्षगांठ उस स्थान पर मनाएगी जहां से यह आंदोलन शुरू हुआ था:
  6. रक्षा मंत्री और जर्मनी के रक्षा मंत्री ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, औद्योगिक साझेदारी बढ़ाने के बारे में बातचीत की:
  7. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान:
  8.  राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक:

1. सरकार ने देशभर में 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति दी:

सामान्य अध्ययन: 3

कृषि: 

विषय: कृषि उत्पाद का भण्डारण-परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएं। 

प्रारंभिक परीक्षा: प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS), प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र। 

मुख्य परीक्षा: सरकार द्वारा देशभर में 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति देने का फैसले के लाभ का आकलन कीजिए। 

प्रसंग: 

  • भारत सरकार ने देशभर में 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति देने का फ़ैसला किया है। 

उद्देश्य:

  • इस महत्वपूर्ण निर्णय से PACS की आय बढ़ने और रोज़गार के अवसर पैदा होने के साथ ही लोगों, ख़ासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को सस्ती क़ीमत पर दवाइयाँ भी उपलब्ध होंगी।  

विवरण:  

  • देशभर में 2000 PACS की प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में खोलने के लिए पहचान की जाएगी, इनमें से 1000 जन औषधि केंद्र इस साल अगस्त तक और 1000 दिसंबर तक खोले जाएँगे। 
  • देशभर में अभी तक 9400 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। 
    • इनमें 1800 प्रकार की दवाइयां एवं 285 अन्य मेडिकल डिवाइस उपलब्ध हैं। 
    • ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में जन औषधि केंद्रों पर 50% से 90% तक कम कीमत पर दवाइयाँ उपलब्ध हैं। 
  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के लिए प्रोत्साहन राशि 5 लाख रुपये (मासिक खरीद का 15% या अधिकतम रुपये 15,000 प्रति माह) है। 
    • विशेष श्रेणियों एवं क्षेत्रों में आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में 2 लाख रुपये की एक मुश्त अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।

2. भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM):

सामान्य अध्ययन: 2

शासन व्यवस्था: 

विषय: सांविधिक,विनियामक और विभिन्न सैंवधानिक निकाय।    

प्रारंभिक परीक्षा: भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM)। 

प्रसंग: 

  • भारत में चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के अलावा, भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) दुनिया भर में चुनाव प्रबंधन निकायों (EMB) के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है। 

उद्देश्य:

  • वर्ष 2011 में स्थापित, भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) भारत के निर्वाचन आयोग की प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शाखा है, जो निर्वाचन अधिकारियों और अन्य हितधारकों को स्वतंत्र, निष्पक्ष, विश्वसनीय और त्रुटि मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रशिक्षित, तैयार और सुसज्जित करती है।  

विवरण:  

  • भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) एक शीर्ष चुनावी प्रबंधन संस्थान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करता है।
    • भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) अन्य चुनाव प्रबंध निकायों (EMB) से चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • अब तक 117 देशों के 2,478 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) द्वारा संचालित 122 कार्यक्रमों के माध्यम से लाभ उठाया है और इस प्रकार विचारों और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक विशाल वैश्विक समुदाय बनाया है। 
    • इलेक्शन इंटीग्रिटी पर कॉहोर्ट के लिए भारत अग्रणी के रूप में, भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) डिवीजन के सहयोग से, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने दुनिया भर में चुनाव प्रबंधन निकायों (EMB) के अधिकारियों के लिए चार विषयगत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
  • भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के साथ मिलकर ऑनलाइन माध्यम से ‘अंतर्राष्ट्रीय चुनावी प्रबंधन और प्रथाएँ’ (MIEMP) में मास्टर प्रोग्राम का पहला बैच भी शुरू किया है। 
    • यह दो साल का ब्लेंडेड मास्टर प्रोग्राम है, जिसमें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) और भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में क्लासरूम टीचिंग और फील्ड प्रैक्टिस से एकीकृत शिक्षण शामिल है। 
    • कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान में विभिन्न देशों में विश्व के विभिन्न हिस्सों में चुनाव के संगठन और प्रबंधन में लगे चुनाव अधिकारियों की क्षमता में वृद्धि करना और चुनाव प्रबंधन निकायों के पेशेवर मानकों को बढ़ाना है। 
    • उद्घाटन बैच में मालदीव, बांग्लादेश, फिलीपींस और भूटान के चुनाव प्रबंधन निकायों (EMB) के 5 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों सहित भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नामित और प्रायोजित 25 कामकाजी पेशेवर शामिल हैं।

3. घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 की PSS के तहत अरहर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा हटाई:

सामान्य अध्ययन: 3

कृषि:

मुख्य फसलें- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता-न्यनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय;जन वितरण प्रणाली: बफर स्टॉक, खाद सुरक्षा से संबंधित विषय।  

प्रारंभिक परीक्षा: मूल्य समर्थन योजना (PSS), आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955, खरीफ और रबी फसल।  

प्रसंग: 

  • सरकार ने दलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अरहर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा हटाई; किसान इस वर्ष PSS के तहत अरहर, उड़द और मसूर की अपनी उपज का कितना भी हिस्सा बेच सकते हैं। 

उद्देश्य:

  • सरकार के इस फैसले से बिना किसी सीमा के किसानों से एमएसपी पर इन दालों की खरीद की जा सकती है। 
    • सरकार द्वारा लाभकारी कीमतों पर इन दालों की सुनिश्चित खरीद से किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए आगामी खरीफ और रबी बुवाई के मौसम में अरहर, उड़द और मसूर के बुवाई क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी।
    • इस फैसले से आगामी खरीफ और रबी बुवाई के मौसम में इन दालों का बुवाई क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद है।   

विवरण:  

  • दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने 2023-24 की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अरहर (तुअर), उड़द और मसूर पर लगी 40 प्रतिशत की खरीद सीमा को हटा दिया है। 
  • सरकार ने 2 जून, 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करते हुए अरहर और उड़द पर स्टॉक सीमा लगा दी थी ताकि जमाखोरी और अनैतिक व्यापार गतिविधियों को रोका जा सके तथा इस तरह उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके। 
    • स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा  विक्रेताओं, मिल मालिकों (चक्की वालों) और आयातकों के लिए लागू की गई है। 
    • इन सबके के लिए उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर अपने स्टॉक की स्थिति घोषित करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
  • उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अरहर और उड़द पर लगाई गई स्टॉक सीमा पर अगली कार्रवाई के तहत राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने राज्यों में इस सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
  • इसके लिए राज्यों को विभिन्न गोदाम संचालकों के साथ सत्यापन करके कीमतों और स्टॉक की स्थिति की निगरानी करने के लिए भी कहा गया है। 
    • इसके साथ-साथ विभाग ने सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (CWC) और स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (SWC) को भी उनके गोदामों में रखी अरहर और उड़द से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने को कहा है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.सूरीनाम में भारतीय लोगों के आगमन की 150वीं वर्षगांठ:

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 5 जून, 2023 को सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी के साथ सूरीनाम में भारतीय लोगों के आगमन के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पारामारिबो में आयोजित सांस्कृतिक समारोह में शामिल हुईं।
  • राष्ट्रपति ने कहा कि एक ऐसे समय में जब सूरीनाम अपने पूर्वजों की विरासत और भारत के साथ अपने संबंधों का उत्सव मना रहा है, भारत एकजुटता और आदर के साथ सूरीनाम के साथ खड़ा है। 
    • उन्होंने OIC कार्ड के लिए पात्रता संबंधी मानदंड का विस्तार भारतीय क्षेत्रों से सूरीनाम आए मूल भारतीय प्रवासियों की चौथी पीढ़ी से आगे जाकर छठी पीढ़ी तक करने के भारत सरकार के निर्णय की घोषणा की। 
    • उन्होंने कहा कि इस OIC कार्ड को भारत के साथ उनके 150 साल पुराने रिश्ते की एक अहम कड़ी के तौर पर देखा जा सकता है। 
  • आज ही के दिन, वर्ष 1873 में भारतीय लोगों का पहला समूह लल्ला रूख नाम के जहाज पर सवार होकर सूरीनाम के तट पर पहुंचा था, जोकि इस देश के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत थी।
  • राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि व्यापक भौगोलिक दूरियों, विभिन्न समय क्षेत्रों और सांस्कृतिक विविधता के बावजूद, भारतीय प्रवासी हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं। 
    • उन्होंने कहा कि पिछले 150 वर्षों में, भारतीय समुदाय न केवल सूरीनाम के समाज का एक अभिन्न अंग बन गया है, बल्कि यह भारत और सूरीनाम के बीच गहरी साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी है।
  • इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति ने बाबा और माई स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जो सूरीनाम की धरती पर पहली बार कदम रखने वाले पहले भारतीय पुरुष और महिला का प्रतीकात्मक चित्रण है। 
    • इसके बाद, उन्होंने मामा स्रानन स्मारक पर अपना सम्मान प्रकट किया। 
    • यह स्मारक मामा स्रानन, अपने पांच बच्चों (सूरीनाम में देखभाल और स्नेह के साथ निवास करने वाली पांच प्रजातियों) को धारण करने वाली सूरीनाम माता का प्रतीक है।
  • प्रेसिडेंशियल पैलेस में आयोजित एक समारोह में, राष्ट्रपति मुर्मु को सूरीनाम के राष्ट्रपति द्वारा सूरीनाम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ द चेन ऑफ द येलो स्टार’ से सम्मानित किया गया। 
    • अपनी स्वीकृति संबोधन में, राष्ट्रपति ने उन्हें यह सम्मान प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति संतोखी और सूरीनाम सरकार को धन्यवाद दिया। 
    • उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल उनके लिए बल्कि भारत के 1.4 अरब से अधिक लोगों के लिए भी बेहद महत्व रखता है। 
    • उन्होंने इस सम्मान को भारतीय-सूरीनाम समुदाय की उन क्रमिक पीढ़ियों को समर्पित किया, जिन्होंने दोनों देशों के बीच भाईचारे के संबंधों को समृद्ध करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। 
    • इसके जरिए वह विकासशील देशों और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के साथ संबंधों का मजबूत सेतु बना रहा है। 
    • विकासशील देशों और दक्षिणी दुनिया के देशों के हितों से जुड़े मुद्दों को व्यापक स्तर पर आवाज देने के उद्देश्य से भारत ने इस वर्ष जनवरी में ‘वॉयस ऑफ साउथ समिट’ का भी आयोजन किया था, जिसमें दक्षिणी दुनिया के 125 देशों ने भाग लिया था। 
    • उन्होंने इस पहल का हिस्सा बनने के लिए सूरीनाम की सराहना की।

2.भारतीय नौसेना गांधीजी के सत्याग्रह की 130वीं वर्षगांठ उस स्थान पर मनाएगी जहां से यह आंदोलन शुरू हुआ था:

  • रंगभेद के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत के 130 साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय नौसेना डरबन के पास रेलवे स्टेशन पीटरमैरिट्सबर्ग में एक स्मारक कार्यक्रम में भाग लेगी। 
    • भारतीय नौसेना का एक अग्रिम पंक्ति का युद्धपोत आईएनएस त्रिशूल 06 से 09 जून 23 तक पीटरमेरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर 7 जून 1893 की घटना की 130वीं वर्षगांठ मनाने के साथ-साथ भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली के 30 साल पूरे होने पर डरबन का दौरा कर रहा है।
  • महात्मा गांधी 1893 में व्यापारी दादा अब्दुल्ला के कानूनी सलाहकार के रूप में काम करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के डरबन पहुंचे थे। 
    • 07 जून 1893 को ट्रांसवाल में प्रिटोरिया की यात्रा के दौरान वे पहली बार पीटरमेरिट्जबर्ग स्टेशन पहुंचे। 
    • गांधीजी को, जो कि टिकट खरीदकर प्रथम श्रेणी के डिब्बे में बैठे थे, एक यूरोपीय के कहने पर डिब्बे से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि उसके अनुसार प्रथम श्रेणी के डिब्बे में ‘कुली’ और अश्वेतों को अनुमति नहीं थी। 
    • इस घटना को ट्रिगर माना जाता है जिसने गांधीजी को नस्लीय उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और सत्याग्रह के जन्म के लिए प्रेरित किया।
  • पीटरमेरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर महात्मा गांधी के सत्याग्रह की प्रेरक कहानी को 25 अप्रैल 1997 को एक और जीवन मिला, जब पीटरमेरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर एक भव्य समारोह में गांधीजी को मरणोपरांत फ्रीडम ऑफ पीटरमेरिट्जबर्ग समर्पित किया गया, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने की थी। 
    • राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने एक सदी पुराने गलत को सही करने के लिए एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “गांधीजी उत्पीड़न के खिलाफ व्यक्तिगत बलिदान और समर्पण का एक महान उदाहरण हैं।”
  • आईएनएस त्रिशूल की डरबन यात्रा भारतीय नौसेना के आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के साथ जारी है, जिसमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम को आकार देने वाले महत्वपूर्ण क्षणों का जश्न मनाया गया। 
    • डरबन की अपनी यात्रा के दौरान जहाज, पीटरमेरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर एक स्मारक कार्यक्रम में भाग लेगा जिसमें गांधीजी प्लिंथ पर पुष्पांजलि अर्पित करना और आईएन बैंड द्वारा एक प्रदर्शन शामिल होगा। 
    • यात्रा के दौरान जहाज अन्य व्यावसायिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भी भाग लेगा।

3.रक्षा मंत्री और जर्मनी के रक्षा मंत्री ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, औद्योगिक साझेदारी बढ़ाने के बारे में बातचीत की:

  • रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 06 जून, 2023 को नई दिल्ली में जर्मनी के रक्षा मंत्री श्री बोरिस पिस्टोरियस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। 
    • दोनों मंत्रियों ने मौजूदा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और विशेष रूप से रक्षा औद्योगिक साझेदारी में सहयोग को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाया।
  • रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारों में जर्मनी निवेश की संभावनाओं सहित रक्षा उत्पादन क्षेत्र में व्याप्त अवसरों पर प्रकाश डाला। 
    • भारतीय रक्षा उद्योग जर्मन रक्षा उद्योग की आपूर्ति श्रृंखलाओं में भाग ले सकता है और आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन में योगदान देने के अलावा इको-सिस्टम में भी मूल्य संवर्धन कर सकता है।
  •  भारत और जर्मनी साझा लक्ष्यों और शक्ति की पूरकता के बारे में अधिक परस्पर लाभकारी संबंध स्थापित कर सकते हैं, जिनमें भारत से कुशल कार्यबल और प्रतियोगी लागत तथा जर्मनी से उच्च प्रौद्योगिकियां और निवेश शामिल हैं।
  • भारत और जर्मनी के बीच वर्ष 2000 से रणनीतिक साझेदारी चल रही है, जिसे 2011 से शासनाध्यक्षों के स्तर पर अंतर-सरकारी परामर्शों के माध्यम से मजबूत किया जा रहा है।
  • वर्ष 2015 के बाद किसी जर्मन रक्षा मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।

4.भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान:

  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), जिसे पूसा संस्थान और हरित क्रांति के अग्रदूत के रूप में जाना जाता है, वर्ष 2023 के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) द्वारा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की श्रेणी में रैंकिंग के शिखर पर पहुंच गया है। 
    • नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के आठवें संस्करण की घोषणा 5 जून, 2023 को भारत सरकार के विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने की थी।
    •  NIRF ने लगभग 8,686 उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) की रैंकिंग जारी की जिन्होंने रैंकिंग प्रक्रिया में भाग लिया था। 
    • पहले चार श्रेणियां और सात विषय क्षेत्र थे। कृषि और संबद्ध क्षेत्र को पहली बार एक विषय क्षेत्र के रूप में जोड़ा गया है।
  • IARI कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार में उत्कृष्टता के लिए अपनी प्रतिबद्धता कायम किए हुए है। 
    • संस्थान पहले से ही एक वैश्विक विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होने के मार्ग पर चल पड़ा है। इसने कृषि, सामुदायिक विज्ञान, बी.टेक (इंजीनियरिंग) और बी.टेक (जैव प्रौद्योगिकी) के 4 विषयों में स्नातक कार्यक्रम शुरू किए हैं। 
    • नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, यहां पेशेवर शिक्षा पर जोर देने के लिए कई डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की योजना है।

5.राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक:

  • केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (7 जून, 2023 को) सेलिब्रेशन के हिस्से के तौर पर राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक जारी करेंगे। 
  • राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) FSSAI द्वारा जारी किया जाने वाला एक वार्षिक आकलन है। 
    • यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रेरित करने वाले एक उपकरण के तौर पर काम करता है कि वे अपने प्रदर्शन को बेहतर करें और अपने अधिकार क्षेत्र में मजबूत खाद्य सुरक्षा प्रणाली स्थापित करें।

06 June PIB :- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 05 June 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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