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विषय सूची:

  1. डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022: कृषि मंत्रालय की इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पहल ने डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण श्रेणी में प्लेटिनम पुरस्कार (प्रथम) जीता 
  2. संरचनात्मक सुधारों से भारत को विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बनाने में मदद मिलेगी
  3. संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने संगीत और नाट्य परम्परा पर ‘धारा’ का आयोजन किया

1.डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022: कृषि मंत्रालय की इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पहल ने डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण श्रेणी में प्लेटिनम पुरस्कार (प्रथम) जीता

सामान्य अध्ययन 3

कृषि 

विषय: किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी

मुख्य परीक्षा: किसानों की बेहतरी के लिए प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग एवं इसका महत्व

संदर्भ:

  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक प्रमुख पहल ई-नाम ने नई दिल्ली में आयोजित डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2022 में डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण श्रेणी में प्लेटिनम पुरस्कार जीता है। 

विवरण:

  • कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. एन. विजय लक्ष्मी, संयुक्त सचिव, कृषि मंत्रालय को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और संचार मंत्री और अन्‍य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में डिजिटल इंडिया अवॉर्ड, 2022 प्रदान किए हैं।
  • ई-नाम 22 राज्यों और 3 संघ राज्य क्षेत्रों में 1260 एपीएमसी मंडियों को एकीकृत करने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है ताकि 203 कृषि और बागवानी जिंसों के ऑनलाइन व्यापार की सुविधा मिल सके जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके। 
  • ई-नाम मंडी प्रचालनों के डिजिटल परिवर्तन और कृषि जिंसों के ई-ट्रेडिंग को अभिप्रेरित कर रहा है। 31.12.2022 तक, 1.74 करोड़ से अधिक किसानों और 2.39 लाख व्यापारियों को ई-नाम पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है। ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 2.42 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 69 मिलियन मीट्रिक टन का कुल व्यापार दर्ज किया गया है।
  • ई-नाम किसानों और अन्य हितधारकों को विभिन्न लाभ/सुविधाएं प्रदान कर रहा है जैसे कि प्रचलित वस्‍तु का मोबाइल ऐप पर मूल्य तक पहुंच प्रदान करना, रूट मैप के साथ ~100 किलोमीटर के दायरे में ई-नाम मंडियों और मंडी कीमतों को कैप्चर करने वाली जीपीएस आधारित सुविधा, अग्रिम लॉट पंजीकरण, लॉट के अंतिम बोली मूल्य और भुगतान रसीद पर एसएमएस अलर्ट, ई-नाम के माध्यम से वास्तविक समय प्रतिस्पर्धी मूल्य बोली, सटीक वजन के लिए वजन एकीकरण, मोबाइल पर उपलब्ध बोली प्रगति, किसान और व्यापारी के बीच सीधे व्यापार की सुविधा, किसान के बैंक खाते में सीधे भुगतान, खरीदारों और विक्रेताओं की लेनदेन लागत में कमी, ई-नाम आदि के माध्यम से एफपीओ को ई-ट्रेड करने की सुविधा के लिए एफपीओ ट्रेडिंग मॉड्यूल।  
  • इसके अलावा ई-नाम के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉम्‍स (पीओपी) के लॉन्च के साथ, एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया गया है जो कृषि मूल्य श्रृंखला के विभिन्न खंडों में व्यक्तिगत सेवा प्लेटफार्मों की विशेषज्ञता का लाभ उठाता है। ई-नाम किसानों के लिए बेहतर मूल्य की खोज के लिए संचालन में आसानी, पहुंच, पारदर्शिता और संचालन की दक्षता के माध्यम से डिजिटलीकरण के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बना रहा है।
  • डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा अभिनव डिजिटल समाधान/ अनुकरणीय पहल को प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने के लिए भारत के राष्ट्रीय पोर्टल के तत्वावधान में एमईआईटीवाई द्वारा डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (डीआईए) की स्थापना की गई है। डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 का उद्देश्य न केवल सरकारी संस्थाओं बल्कि स्टार्टअप्स को भी डिजिटल इंडिया विजन को पूरा करने के लिए प्रेरित और प्रोत्‍साहित करना है। 
  • डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 को 07 विभिन्न श्रेणियों के तहत प्रदान किया गया है। नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण, सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म, स्टार्ट-अप के सहयोग से डिजिटल पहल, व्यवसाय करने में आसानी के लिए डिजिटल पहल, डेटा साझा करना और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उपयोग, जमीनी स्तर पर डिजिटल पहल, सर्वश्रेष्ठ वेब और मोबाइल पहल आदि में विजेता टीमों को अलग-अलग श्रेणियों में प्लेटिनम, गोल्ड और सिल्वर अवॉर्ड प्रदान किए गए।

2.संरचनात्मक सुधारों से भारत को विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बनाने में मदद मिलेगी

सामान्य अध्ययन 3 

अर्थव्यवस्था 

विषय: बुनियादी ढाँचा

मुख्य परीक्षा: भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में संरचनात्मक सुधारों का योगदान

संदर्भ:

अवसंरचना, सेमीकंडक्टर, घरेलू विनिर्माण भारत के लिए रणनीतिक प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। 

विवरण:

  • भारत ने महसूस किया है कि उसके हित नियम आधारित व्यवस्था, पारदर्शी आर्थिक प्रणाली की समान विचारधारा वाले देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने में है। भारत को एक ऐसी मानसिकता रखने की आवश्यकता है जो गुणवत्ता के महत्व को स्वीकार करती है और उसे महत्व देती है।
  • केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा क संरचनात्मक सुधारों से भारत को विश्व के शीर्ष तीन विकसित अर्थव्यवस्थाओं में उभरने में सहायता मिलेगी। 
  • उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत अब एक अधिक ईमानदार, पारदर्शी अर्थव्यवस्था है और लोग अब अपने करों का भुगतान करने के अभ्यस्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) भी एक महत्वपूर्ण सुधार उपाय है, जिसके परिणामस्वरूप भारत में मजबूत बैंकिंग प्रणाली का निर्माण हुआ है। ये बैंक उद्योग के विकास के लिए संसाधन प्रदान करने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने निजीकरण, अर्थव्यवस्था विशेष रूप से, वित्तीय क्षेत्र के डिजिटलीकरण, कानूनों के गैर-अपराधीकरण, व्यापार करने में सुगमता में सक्षम बनाने के लिए अनुपालन के सरलीकरण जैसे सुधारों का भी उल्लेख किया।
  • इस प्रश्न के उत्तर में कि कौन से क्षेत्र सरकार के लिए रणनीतिक प्राथमिकताएं हैं,  गोयल ने कहा कि अवसंरचना, सेमीकंडक्टर, घरेलू विनिर्माण प्राथमिकता वाले कुछ क्षेत्र हैं।  सेमीकंडक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त, एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र घरेलू विनिर्माण है और सरकार ने 14 से अधिक क्षेत्रों में भारतीय विनिर्माण को आरंभ करने के लिए पीएलआई स्कीमों की शुरुआत की है। 
  • गोयल ने पिछले पांच वर्षों में मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने में भारत के नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की चर्चा करते हुए इस बात पर बल दिया कि भारत आज अतीत की छाया से बाहर निकल आया है। भारत ने माना है कि बहुपक्षीय सहयोग अक्सर आर्थिक साझेदारी की ओर ले जाते हैं जो सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में नहीं भी हो सकते हैं। 
  • उन्होंने भारत के क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से बाहर निकलने का उदाहरण दिया क्योंकि यह एक बहुत ही अनुचित, असंतुलित समझौता था। उन्होंने कहा कि भारत की रूचि दोनों देशों के सर्वोत्तम हित में संतुलित द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते करने में है। हम समान विचारधारा वाले देशों, विशेष रूप से नियम आधारित आदेश, पारदर्शी आर्थिक प्रणाली वाले देशों के साथ जुड़ रहे हैं और ऐसे समझौते कर रहे हैं जो दोनों पक्षों के लिए लाभप्रद हैं।
  • उन्होंने कहा कि लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के महत्व को स्वीकार करना एक और सबक है। उन्होंने बेहतरीन प्रयासों के बावजूद कोविड महामारी के दौरान पीपीई जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों के लिए देश के संघर्ष का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि सरकार अब इन सभी क्षेत्रों में भारत की क्षमताओं को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने रेखांकित किया कि इन चुनौतियों को भारत के भविष्य- भारत की विकास गाथा के अवसरों में बदल दिया गया। 
  • हमारा भारतीय उद्योग वास्तव में इस अवसर पर आगे बढ़ा और भारत अब व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का विनिर्माता है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत एक मजबूत, नियम आधारित प्रणाली में विश्वास करने वाले निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सक्षम अवसंरचना, पर्यावरण के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हमारा ध्यान संरचनात्मक सुधारों, व्यापक स्तर पर अवसंरचना के विकास, डिजिटलीकरण और विशाल प्रतिभा पर है, जो भारत विश्व को उपलब्ध करा रहा है और यह भारत के भविष्य को फिर से लिखने में सहायता कर रहा है।
  • अगले 25 वर्षों के लिए चुनौतियों और अवसरों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक- गुणवत्ता के महत्व को पहचानने और उसे महत्व देने के लिए राष्ट्र की मानसिकता को बदलना है। उन्होंने इसे भारत के भविष्य के लिए एक परिभाषित कारक करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार बड़ी संख्या में लोगों के लिए रोजगार सृजित करने, डिजिटलीकरण पर ध्यान केंद्रित करने, भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विनिर्माण की सहायता करना जारी रखेगी। 
  • उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने डिजिटल रूप से 74 बिलियन से अधिक वित्तीय लेनदेन किए, जो संयुक्त रूप से यूरोप, अमेरिका और चीन से अधिक है। उन्होंने कहा कि हमारी चुनौती राष्ट्र की मानसिकता को उच्च गुणवत्ता, उच्च प्रौद्योगिकी, उच्च सेवा उन्मुख होने की दिशा में कार्य करने की है, जो शेष विश्व की आवश्यकताओं को पूरा कर सके।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने संगीत और नाट्य परम्परा पर ‘धारा’ का आयोजन किया

  • इस आयोजन का उद्देश्य हमारी नाट्य कला की परंपराओं को पुनर्जीवित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट 2047 बनाना तथा इस इकोसिस्टम के सामने आने वाली चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करना है।
  • संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने 5-6 जनवरी, 2023 को तमिलनाडु के तंजावुर में एसएएसटीआरए (मान्य विश्वविद्यालय) में ब्रहाट, प्राच्यम और संगम टॉक्स के सहयोग से संगीत और नाट्य परम्परा पर ‘धारा’ का आयोजन किया।
  • ‘धारा’ आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में जागरूकता पैदा करने, संरक्षित करने और भारतीय ज्ञान प्रणाली के कई डोमेन को बढ़ावा देने के लिए सम्मेलनों की एक श्रृंखला है।
  • आयोजन का उद्देश्य हमारी नाट्य कला की परंपराओं को पुनर्जीवित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट 2047 बनाना है और इस इकोसिस्टम के सामने आने वाली चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करना है।

 

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लिंक किए गए लेख में 06 जनवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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