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11 जुलाई 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत में पहला एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेस-वे द्वारका एक्सप्रेस-वे 2023 में चालू हो जायेगा: 
  2.  भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने के बाद इसरो के साथ लगभग 60 स्टार्ट-अप्स पंजीकरण करा चुके हैं:
  3. 14 किलोमीटर लंबा अंगुल-बलरम कॉरिडोर 2022 में चालू होगा:
  4. नई दिल्ली में पहली बार आयोजित ‘एआई इन डिफेंस’ संगोष्ठी और प्रदर्शनी के दौरान 75 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादों/प्रौद्योगिकियों को लॉन्च किया:
  5.  राष्ट्रीय महिला आयोग ने पंजाब में एनआरआई विवाहों के बारे में जागरूकता कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की:
  6. प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया: 
  7. नीति आयोग के नए सीईओ परमेश्वरन अय्यर:

1. भारत में पहला एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेस-वे द्वारका एक्सप्रेस-वे 2023 में चालू हो जायेगा: 

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास:

विषय: बुनियादी ढांचा। 

प्रारंभिक परीक्षा:  भारत में पहला एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेस-वे। 

प्रसंग: 

  • सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे, जिसे हरियाणा वाले हिस्से में नार्दर्न पेरीफेरल रोड कहते हैं, उसे भारत में पहले एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उद्देश्य:

  • द्वारका एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (स्वर्णिम चतुर्भुज सम्बंधी दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुम्बई राजमार्ग का हिस्सा) तथा आर्टेरियल रोड पर दबाव कम होगा।
  • अभी इन मार्गों पर भारी यातायात रहता है, जिनमें ज्यादातर पश्चिम दिल्ली से आने वाले वाहन शामिल हैं।

विवरण:  

  • एनएच-8 का 50 से 60 प्रतिशत यातायत इस नये एक्सप्रेस-वे की तरफ मुडेगा, जिससे सोहना रोड़, गोल्फ कोर्स रोड आदि की तरफ जाने वाले वाहनों में कमी आएगी ।
  • वर्ष 2023 में चालू हो जाने के बाद, इससे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को भी कम करने में बेहद मदद मिलेगी।
  • दिल्ली से हरियाणा के गुरुग्राम को जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
  • इस एक्सप्रेस-वे में सड़क की दोनों तरफ न्यूनतम तीन लेन सर्विस रोड हैं, जो 16 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड राजमार्ग से जुड़ी हैं।
  • यह एक्सप्रेस-वे 29 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 19 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में और शेष 10 किलोमीटर लंबा हिस्सा दिल्ली में पड़ेगा।
  • द्वारका एक्सप्रेस-वे पर चार बहुस्तरीय इंटरचेंज होंगे।
  • प्रमुख जंक्शनों पर सुरंग/अंडरपास, एट-ग्रेड रोड, एलीवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाये जायेंगे, जिनमें भारत की सबसे लंबी (3.6 किलोमीटर) और सबसे चौड़ी (8 लेन) शहरी सड़क सुरंग का निर्माण शामिल है।
  • एक्सप्रेस-वे की शुरूआत एनएच-8 (दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे) पर शिव-मूर्ति से होगी और वह द्वारका सेक्टर 21, गुरुग्राम सीमा तथा बसई से गुजरता हुआ खिड़की दौला टोल प्लाजा के निकट समाप्त हो जायेगा।
  • यह प्रतिष्ठित परियोजना का विकास राजधानी दिल्ली में भीड़-भाड़ कम करने में प्रमुख भूमिका निभायेगी।
  • द्वारका एक्सप्रेस-वे जब पूरा हो जायेगा, तो उसके जरिये द्वारका के सेक्टर 25 स्थित इंडिया इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर (आईआईसीसी) तक सीधी पहुंच हो जायेगी।
  • साथ ही इसके जरिये एक कम गहरी सुरंग के जरिये आईआईजी एयरपोर्ट तक जाने का एक वैकल्पिक रास्ता मिल जायेगा।
  • उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली, टोल प्रबंधन प्रणाली, सीसीटीवी कैमरों, सतर्कता आदि जैसे उत्कृष्ट बौद्धिक यातायात प्रणालियां आसन्न विश्वस्तरीय गलियारे का अभिन्न होंगी।
  • द्वारका एक्सप्रेस-वे के आसपास भारी मात्रा में वृक्षारोपण किया जायेगा। पूरे क्षेत्र 12,000 पेड़ लगाये गये हैं।
    • यह परियोजना इंजीनियरिंग का शानदार नमूना है। निर्माण में 34 मीटर चौड़ी आठ लेन की एकल पाए वाली सड़क शामिल है।
  • अनुमान है कि परियोजना में दो लाख मीट्रिक टन (एफिल टावर में इस्तेमाल इस्पात से तीस गुना अधिक) इस्पातऔर 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी, जो बुर्ज खलीफा में लगे कंक्रीट से छह गुना अधिक है।

2. भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने के बाद इसरो के साथ लगभग 60 स्टार्ट-अप्स पंजीकरण करा चुके हैं: 

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: सरकार की विज्ञानं समर्पित योजनाएं एवं दैनिक जीवन में विकास एवं उनके अनुप्रयोग और प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: इसरो, IN SPACe ।  

प्रसंग: 

  • हाल में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को “खोलने” के बाद इसरो के साथ लगभग 60 स्टार्ट-अप्स पंजीकरण करा चुके हैं; उनमें से कुछ अंतरिक्ष के मलबे के प्रबंधन से सबंधित परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। 

उद्देश्य:

  • केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 11 जुलाई को बेंगलुरू में इसरो नियंत्रण केंद्र पर “सुरक्षित और सतत संचालन के लिए इसरो की प्रणाली” (आईएस4ओएम) का उद्घाटन किया; यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को अंतरिक्ष पर्यावरण की समग्र और समयबद्ध सूचना उपलब्ध कराएगी।
  • आईएस4ओएम भारतीय अंतरिक्ष संपदाओं की सुरक्षा, अंतरिक्ष की वस्तुओं से टकराव के खतरे कम करने, सामरिक उद्देश्यों और अंतरिक्ष मलबे की अनुसंधान गतिविधियों एवं अंतरिक्ष स्थितिजन्य जानकारियां उपलब्ध कराएगी।

विवरण:  

  • प्रधानमंत्री द्वारा हाल में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के बाद इसरो के साथ लगभग 60 स्टार्ट-अप्स पंजीकरण करा चुके हैं और उनमें से कुछ अंतरिक्ष के मलबे के प्रबंधन से सबंधित परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।
  • अन्य स्टार्टअप के प्रस्ताव नैनो सैटेलाइट, लॉन्च व्हीकल, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान आदि से संबंधित हैं।
  • पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद में इन-स्पेस के मुख्यालयों के उद्घाटन किया था।
  • निजी कंपनियों के जुनून और स्टार्ट-अप्स के नवाचार से अंतरिक्ष परिवहन, कचरा प्रबंधन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और एप्लीकेशंस के क्षेत्र में चहुंमुखी क्षमताओं के विकास के द्वारा अंतरिक्ष में भारत के हितों की रक्षा में अंतरिक्ष विभाग की भूमिका और बढ़ जाएगी।
  • आईएस4ओएम की सुविधा से भारत को उपयोगकर्ताओं को अंतरिक्ष के बारे में एक समग्र और समयबद्ध जानकारी उपलब्ध कराने के अपने एसएसए (अंतरिक्ष स्थितिजन्य सतर्कता) लक्ष्यों को हासिल करने में सहायता मिलेगी।
  • कई क्षेत्रों की सूचना से जुड़े इस मंच से कक्षा में टकराव, विखंडन, वायुमंडल में फिर से प्रवेश के खतरे, अंतरिक्ष आधारित सामरिक जानकारी, खतरनाक एस्टेरॉइड्स और अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान पर त्वरित, सटीक एवं उपयुक्त जानकारी मिलेगी।
  • आईएस4ओएम सुविधा भारतीय अंतरिक्ष संपदाओं की सुरक्षा, टकराव से बचने के कौशल के जरिये अंतरिक्ष की वस्तुओं के टकराने के खतरों को कम करेगी।
  • अंतरिक्ष मलबे सहित अंतरिक्ष की वस्तुओं पर नजर रखने के लिए रडार और ऑप्टिकल टेलीस्कोप के महत्व पर जोर देने की जरूरत है, क्योंकि इस तरह के जमीन-आधारित सेंसर्स से सटीक कक्षीय जानकारी अन्य अंतरिक्ष संपदाओं से टकराव के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है।
  • केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक सार्थक और मूल्य वर्धित एसएसए प्रणाली विकास तथा अलर्ट जारी करने के लिए आवश्यक भारतीय निगरानी सुविधाओं की स्थापना की जरूरत है।
  • भारतीय उपग्रहों और कक्षा में अन्य उपकरणों की रक्षा के लिए इसरो, बाह्य अंतरिक्ष के दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए अंतरिक्ष मलबे में बढ़ोतरी को रोकने के सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में सक्रिय रूप से भागीदारी करता है।
  • इसरो इंटर एजेंसी स्पेस डेबरीस कोऑर्डिनेशन कमेटी (आईडीएसी), आईएएफ डेबरीस वर्किंग ग्रुप, आईएए स्पेस ट्रैफिक मैनेजमेंट वर्किंग ग्रुप, आईएसओ स्पेस डेबरीस वर्किंग ग्रुप और यूएनसीओपीयूओएस लॉन्ग टर्म सस्टेनेबिलिटी वर्किंग ग्रुप का एक सक्रिय सदस्य है।
  • ये सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठन अंतरिक्ष मलबे के अध्ययनों और अंतरिक्ष स्थितिजन्य सतर्कता में अपना योगदान दे रहे हैं।

3. 14 किलोमीटर लंबा अंगुल-बलरम कॉरिडोर 2022 में चालू होगा: 

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: ऊर्जा क्षेत्र।  

प्रारंभिक परीक्षा: अंगुल-बलरम कॉरिडोर।  

प्रसंग: 

  • महानदी कोलफील्ड का तालचेर कोलफील्ड लगभग 52 बीटी कोयला संसाधनों के साथ सबसे बड़े कोयला संसाधनों में से एक है, जो देश में कुल अनुमानित कोयला संसाधनों का 15 प्रतिशत है।
  • तालचेर कोलफील्ड में उपलब्ध संसाधनों में से 63 प्रतिशत (33 बीटी) से अधिक संसाधन 300 मीटर गहराई तक है, जो ओपन कास्ट खनन के लिए महत्वपूर्ण संभावना प्रदान करता है।

उद्देश्य:

  • तालचेर कोलफील्ड ने महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड और आवंटित कोयला ब्लॉकों से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 95 मिलियन टन (एमटी) से अधिक कोयला निकाला गया है, और वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 200 मिलियन टन तथा वित्त वर्ष 2030 तक लगभग 300 मिलियन टन कोयला निकालने की संभावना है।
  • कुशल कोयला निकासी सुनिश्चित करने के लिए, तालचर कोलफील्ड्स अर्थात् एमसीआरएल (महानदी कोल रेलवे लिमिटेड) में चरणबद्ध तरीके से रेल लाइन का निर्माण शुरू किया गया।

विवरण:  

  • कोयला मंत्रालय ने पीएम गतिशक्ति के तहत एमसीआरएल चरण I और II परियोजना के निर्माण को उच्च प्रभाव परियोजना के रूप में चिन्हित किया है।
  • इस परियोजना की लाइन ओडिशा में अंगुल जिले से होकर गुजरती है। अंगुल और जरापदा भारतीय रेलवे नेटवर्क के मौजूदा स्टेशन हैं। बलराम एमसीएल के तालचेर-बलराम प्राइवेट साइडिंग पर  लोडिंग स्टेशन है।
  • 14 किलोमीटर लम्‍बा एमसीआरएल चरण-I (अंगुल-बलराम) के इस वर्ष तक चालू होने की उम्मीद है। यह रेलवे लाइन तालचेर कोलफील्ड में एमसीएल खदानों से निकाले गए 25 मिलियन टन कोयले की ढुलाई करेगी।
  • 54 किलोमीटर के एमसीआरएल चरण- II (बलराम-जरपड़ा-तेंतुलोई) के दिसंबर 2025 तक चालू होने की उम्मीद है।
  • यह तालचर कोलफील्ड के दक्षिणी हिस्से और मध्य भाग में आवंटित कोयला ब्लॉकों को कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
  • चरण- II का काम तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर है, भूमि अधिग्रहण और वन संबंधी स्वीकृति के लिए अधिसूचना प्राप्त कर ली गई है।
  • यह रेलवे लाइन तालचर कोलफील्ड में सीआईएल और गैर-सीआईएल कोयला ब्लॉकों से निकलने वाले 58 मिलियन टन कोयले की ढुलाई करेगी।

 4. नई दिल्ली में पहली बार आयोजित ‘एआई इन डिफेंस’ संगोष्ठी और प्रदर्शनी के दौरान 75 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादों/प्रौद्योगिकियों को लॉन्च किया: 

सामान्य अध्ययन: 3

सुरक्षा,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादों/प्रौद्योगिकियों का राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्व। 

प्रारंभिक परीक्षा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पाद/प्रौद्योगिकियां   

प्रसंग: 

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 जुलाई को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित पहली ‘एआई इन डिफेंस’ (एआईडीईएफ) संगोष्ठी और प्रदर्शनी के दौरान अभी हाल में विकसित 75 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उत्पादों/प्रौद्योगिकियों का शुभारंभ किया।

उद्देश्य:

  • ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में लॉन्च किए गए उत्पाद विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं।
  • इन उत्‍पादों में एआई प्लेटफॉर्म ऑटोमेशन; स्वायत्त/मानवरहित/रोबोटिक्स प्रणालियां; ब्लॉक चेन आधारित स्वचालन; कमान, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही; साइबर सुरक्षा; मानव व्यवहार संबंधी विश्लेषण; बुद्धिमान निगरानी प्रणाली; घातक स्वायत्त हथियार प्रणाली; लॉजिस्टिक्‍स और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, परिचालन डेटा विश्लेषिकी; विनिर्माण और रखरखाव; प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण का उपयोग करते हुए सिमुलेटर/परीक्षण उपकरण और समभाषण/आवाज विश्लेषण शामिल हैं।

विवरण:  

  • रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा ऐसे तीन एआई उत्‍पाद विकसित किए गए हैं जिनमें दोहरे उपयोग के अनुप्रयोग और अच्छी बाजार क्षमता है, अर्थात् भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित एआई-सक्षम वॉयस ट्रांसक्रिप्शन/विश्लेषण सॉफ्टवेयर; भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड द्वारा वि‍कसित ड्राइवर थकान निगरानी प्रणाली और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियरों द्वारा विकसित गैर-विनाशकारी परीक्षण के एक्स-रे में वेल्डिंग दोषों के एआई-सक्षम मूल्यांकन की कार्यक्रम के दौरान जांच की गई।
  • इन उत्पादों से रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों के लिए व्यापार के नए रास्ते खुलने की उम्मीद है।
  • रक्षा मंत्रालय, सशस्त्र बल, डीआरडीओ, डीपीएसयू और उद्योग रक्षा के लिए नवाचार और स्वदेशी एआई समाधान प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं और भविष्य की प्रौद्योगिकी भी विकसित कर रहे हैं।
  • भारत जल्द ही एआई के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा।
  • रक्षा सेवाओं में एआई अनुप्रयोगों को तेजी से बढ़ावा देने के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्‍स) पहल के तहत एआई से संबंधित कई चुनौतियां भी सामने आई हैं।
  • रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम मैनेजमेंट, अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस, सैटेलाइट इमेज एनालिसिस और फ्रेंड या फ्यू आइडेंटिफिकेशन सिस्टम सहित विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी चुनौतियां हैं।
  • रूस प्रौद्योगिकी रूप से उन्नत देश है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है।
  • एआई के बारे में रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि जो कोई भी इस क्षेत्र में दिग्‍गज बनेगा वहीं दुनिया का शासक बनेगा।
  • हालांकि भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (पूरी दुनिया एक परिवार है) के सिद्धांत में विश्वास करता है और उसका दुनिया पर शासन करने का कोई इरादा भी नहीं है।
  • हमें अपनी एआई प्रौद्योगिकी क्षमता विकसित करनी चाहिए ताकि कोई भी देश हम पर शासन करने के बारे में सोच भी न सके।
  • रक्षा मंत्रालय अनुसंधान मंच, डीआरडीओ और रक्षा क्षेत्र सार्वजनिक उपक्रम अत्याधुनिक एआई अनुसंधान को आगे बढ़ाने में विभिन्न संस्थानों को सहायता प्रदान कर रहे हैं।
  • डीआरडीओ द्वारा तकनीकी विकास कोष परियोजनाओं और ‘डेयर टू ड्रीम’ प्रतियोगिताओं के माध्यम से एआई के क्षेत्र में प्रगति करने के प्रयास किए जा रहे हैं। देश में कई रक्षा-उद्योग-अकादमिक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं और उनमें से अधिकांश के मांगपत्रों में एआई को प्रमुखता दी जा रही है।
  • रक्षा क्षेत्र में एआई के रणनीतिक एकीकरण के लिए 2018 में एक टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी और तीन महीने में ही उसने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं।
  • इन सिफारिशों को रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा एआई परिषद के माध्यम से लागू किया गया था।
  • 2025 तक 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और निजी क्षेत्र से इंडो-एमआईएम को ‘रक्षा निर्यात रत्न’ पुरस्कार प्रदान किए गए।
  • इन्‍होंने हाल के वर्षों में सबसे अधिक रक्षा निर्यात किया है।

 5. राष्ट्रीय महिला आयोग ने पंजाब में एनआरआई विवाहों के बारे में जागरूकता कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की: 

सामान्य अध्ययन: 2

सामाजिक न्याय:

विषय: महिला सशक्तिकरण।  

मुख्य परीक्षा: महिला सशक्तिकरण की दिशा में राष्ट्रीय महिला आयोग के योगदान एवं महत्व पर चर्चा कीजिए।   

प्रसंग: 

  • राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने एनआरआई विवाह से जुड़े संभावित जोखिमों के बारे में जानकारी का प्रसार करने और पीड़ितों के लिए उपलब्ध निवारक एवं कानूनी उपायों के संबंध में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से पंजाब के विभिन्न जिलों में ‘एनआरआई विवाह के बारे में जागरूकता कार्यक्रम: क्या करें और क्या न करें, आगे का रास्ता’ नाम से एक श्रृंखला शुरू की। 

उद्देश्य:

  • इन कार्यक्रमों का उद्देश्य एनआरआई विवाह के पीड़ितों को उनके अधिकारों से परिचित कराना, भारतीय कानून प्रणाली के तहत उपलब्ध उपायों के माध्यम से राहत प्राप्त करने में पीड़ित महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना और इस तरह की घटनाओं को प्रभावी ढंग से कम करने के  संभावित समाधान तलाशना है।  

विवरण:  

  • यह बेहद जरूरी है कि लड़कियों को शिक्षा में विशेष रूप से लड़कों के समान अवसर दिया जाए ताकि वे सशक्त और स्वतंत्र बनें।
  • इस जागरूकता कार्यक्रम को चार तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया है ।
  • पहला सत्र ‘एनआरआई विवाह से पीड़ित महिलाओं को राहत प्रदान करने में न्यायपालिका की भूमिका’ के संबंध में था।
  • दूसरा सत्र ‘पुलिस की भूमिका’ के बारे में था।
  • तीसरा सत्र ‘कानून प्रणाली की भूमिका’ से संबंधित था और चौथा सत्र ‘एनआरआई विवाह के सामाजिक पहलुओं’  के बारे में था।

पृष्ठ्भूमि

  • राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा हैं। 

 प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

6. प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया:

  • प्रधानमंत्री मोदी ने 11 जुलाई को नए संसद भवन की छत पर बने राष्‍ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया।
  • राष्ट्रीय प्रतीक कांस्य से बना है और इसका कुल वजन 9500 किलोग्राम है तथा इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। इसे नए संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष के शीर्ष पर बनाया गया है।
  • प्रतीक के समर्थन के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की संरचना का भी निर्माण किया गया है।
  • नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक के निर्माण की अवधारणा का रेखाचित्र और प्रक्रिया आठ विभिन्न चरणों से गुजरी है, जिसमें मिट्टी प्रारूप/ कंप्यूटर ग्राफिक से लेकर कांस्य ढलाई और पॉलिश करने तक की तैयारी शामिल हैं।

7. नीति आयोग के नए सीईओ परमेश्वरन अय्यर:

  • नीति आयोग ने नीति आयोग के सीईओ के रूप में श्री परमेश्वरन अय्यर का स्वागत किया हैं।
  • जल और स्वच्छता क्षेत्र में 25 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, श्री अय्यर ने 20 बिलियन डॉलर की लागत वाले भारत के प्रमुख कार्यक्रम स्वच्छ भारत मिशन के कार्यान्वयन का नेतृत्व किया, जिसने सफलतापूर्वक 550 मिलियन लोगों को स्वच्छता तक पहुंच की सुविधा दी।
  • उत्तर प्रदेश कैडर के 1981 बैच के आईएएस अधिकारी, श्री अय्यर ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में काम किया है।
  • वे 2016-20 के दौरान नई दिल्ली में भारत सरकार के पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में सचिव थे।

11 July 2022 : PIB विश्लेषण  :-Download PDF Here

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