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11 सितंबर 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत वर्ष 2047 तक वैश्विक विकास को प्रेरित करने वाली महाशक्ति बन जाएगा
  1. भारत वर्ष 2047 तक वैश्विक विकास को प्रेरित करने वाली महाशक्ति बन जाएगा

    सामान्य अध्ययन: 2
    अन्तर्राष्ट्रीय संबंध:

    विषय: भारत से सम्बद्ध और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक समूह और समझौते।

    मुख्य परीक्षा: हिन्द-प्रशांत आर्थिक ढांचे के बारे में तथ्य।

    संदर्भ:

    • केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री ने दक्षिणी कैलिफोर्निया के व्यावसायिक समुदाय के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत वर्ष 2047 तक वैश्विक विकास को प्रेरित करने वाली एक महाशक्ति बनने की राह पर है।

    विवरण:

    • अपने संबोधन में, मंत्री ने कहा कि हिन्द-प्रशांत आर्थिक ढांचा (IPEF) पहल समान विचारधारा वाले उन देशों के बीच मुक्त और निष्पक्ष व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और पारदर्शी आर्थिक प्रणाली के लिए एक समान उद्देश्य साझा करते हैं।

    हिन्द-प्रशांत आर्थिक ढांचा (IPEF):

    • यह स्वच्छ ऊर्जा, आपूर्ति-श्रृंखला लचीलापन और डिजिटल व्यापार जैसे क्षेत्रों में समान विचारधारा वाले देशों के बीच गहन सहयोग के उद्देश्य से शुरू की गई एक पहल है।
    • हिन्द-प्रशांत आर्थिक ढांचा में क्वाड के सदस्य देशों भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अलावा 10 आसियान देश, दक्षिण कोरिया और न्यूज़ीलैंड शामिल हैं।
    • अमेरिका के लिए हिन्द-प्रशांत आर्थिक ढांचा उसकी एशिया को धुरी बनाने और नई हिंद प्रशांत रणनीति का हिस्सा है।

    हिन्द-प्रशांत आर्थिक ढांचे के स्तंभ:

    1. आर्थिक कनेक्टिविटी।
    2. आर्थिक लचीलापन।
    3. स्वच्छ अर्थव्यवस्था।
    4. न्यायोचित अर्थव्यवस्था।

    भारत और हिन्द-प्रशांत आर्थिक ढांचा (IPEF):

    • भारत के हिंद प्रशांत आर्थिक ढांचे का सदस्य बनने के पीछे ज़्यादातर सामरिक कारण हैं, जो 2012 में भारत के व्यापक क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी (RCEP) में शामिल होने की वजह बने थे।
    • इस पहल को हिंद प्रशांत क्षेत्र में व्यापक समर्थन मिल रहा है। ऐसे में भारत के लिए हाशिए पर पड़े रहना फ़ायदेमंद नहीं होता।
    • यह पहली बार है, जब भारत, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की किसी बहुपक्षीय आर्थिक व्यवस्था का हिस्सा बना है। इससे भारत का सकारात्मक नज़रिया ही सामने आता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

 आज इससे संबंधित कोई समाचार नहीं हैं। 

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लिंक किए गए लेख में 08 सितंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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