विषयसूची:
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1. राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई- गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार।
प्रसंग:
- पंचायती राज मंत्रालय राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल, 2023) के क्रम में आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) 2.0 के हिस्से के रूप में 17 से 21 अप्रैल, 2023 के दौरान राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह का आयोजन कर रहा है।
उद्देश्य:
- इस महत्वपूर्ण अवसर को सही भावना और एकेएएम2.0 के निर्देशों के अनुरूप मनाने के लिए “संपूर्ण-समाज” और “संपूर्ण-सरकार” का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
- इसके साथ-साथ एकेएएम 2.0 की पहुंच को बढ़ाने और प्रत्येक भारतीय के जीवन को छूने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने “पंचायतों के संकल्पों की सिद्धि का उत्सव” विषय पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह समारोह का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
विवरण:
- इसके लिए विषयगत सम्मेलनों की एक श्रृंखला की परिकल्पना की गई है।
- जिसमें उच्च प्रदर्शन करने वाले पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि (पीआरआई) प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
- यह पांच दिवसीय राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सप्ताह नई दिल्ली में ‘पंचायतों के प्रोत्साहन-सह-पुरस्कार समारोह पर राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के साथ प्रारंभ होगा।
- राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2023 की विभिन्न श्रेणियों के तहत पुरस्कृत पंचायतें, (i) व्यक्तिगत एलएसडीजी विषयों के तहत अच्छे प्रदर्शन के लिए दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार (डीडीयूपीएसवीपी), (ii) सभी 9 एलएसडीजी विषयों और विशेष श्रेणियों से संबंधित हरित पहल के तहत समेकित कार्य प्रदर्शन के लिए नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार (एनडीएसपीएसवीपी) (iii) ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार और (iv) कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार के तहत पुरस्कार विजेता पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा और इन पंचायतों को पुरस्कार राशि डिजिटल रूप से हस्तांतरित की जाएगी।
- सहभागी लोकतंत्र को सुनिश्चित करने और लोगों को सशक्त बनाने तथा पंचायतों को जवाबदेह बनाने एवं ग्राम सभा को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक नया मोबाइल एप्लिकेशन जीएस निर्णय- नेशनल इनिसिएटिव फॉर रूरल इंडिया टू नेविगेट, इनोवेट एंड रिजॉल्व पंचायत डिसिजन्स विकसित किया गया है।
- इसका उद्देश्य ग्रामसभा की कार्यवाही को जनता के लिए रिकॉर्ड और अपलोड करना है।
- इस अवसर पर ग्राम सभा निर्णय ऐप लॉन्च किया जाएगा।
- जीएस निर्णय ऐप के माध्यम से की गई रिकॉर्डिंग जहां आवश्यक हो या ग्राम सभा के दौरान किए गए संकल्पों के संबंध में उत्पन्न होने वाले प्रश्नों के मामले में तथ्यों के सत्यापन का साधन बनेगी।
- इससे पंचायतों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता आएगी और उनकी दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और इससे 73वें संविधान संशोधन में यथा स्थापित विकेन्द्रीकृत सहभागी लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन होगा।
- यह ऐप भविष्य के संदर्भ के लिए सूचना के मूल्यवान भंडार के रूप में भी काम करेगा।
- इसका उद्देश्य ग्रामसभा की कार्यवाही को जनता के लिए रिकॉर्ड और अपलोड करना है।
पृष्ठ्भूमि:
- 12 मार्च, 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा शुरू होने के साथ पंचायती राज मंत्रालय पंचायती राज संस्थानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों को साथ लेकर आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है।
- भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम शुरु किया गया था।
- पंचायती राज मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव के बारे में ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है।
- एकेएएम समारोह के दूसरे वर्ष (एकेएएम2.0) में, प्रत्येक भारतीय के जीवन को छूने के लिए इस कार्यक्रम की पहुंच को और भी बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
- उच्च जनभागीदारी और सार्वजनिक भागीदारी पर पूरा जोर दिया गया है।
- पंचायत योजनाओं को प्रोत्साहन देना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केंद्र प्रायोजित योजना के केंद्रीय घटकों में से एक है।
- इस योजना के तहत, विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों/विषयों के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को ‘राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार’ दिए जाते हैं, जिसमें पुरस्कार विजेता पंचायतों को वित्तीय प्रोत्साहन देना भी शामिल है।
- पिछले साल, एलएसडीजी के नौ विषयों के अनुरूप एक बहु-स्तरीय प्रतियोगिता स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों के प्रारूप, प्रक्रियाओं और श्रेणियों में व्यापक रूप से संशोधन किया गया था।
- अब तक की गई पहलों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
- तदनुसार, इस वर्ष के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में पंचायतों को गरीबी मुक्त, स्वस्थ, बाल एवं महिला मित्रवत, पर्याप्त जल, स्वच्छ और हरित, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सुरक्षित तथा सुशासित बनाने के बारे में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को प्रदान किए जाएंगे।
- भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के विजन को आगे बढ़ाते हुए, एलएसडीजी के नौ विषयगत क्षेत्रों में पंचायतों को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहित करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने ठोस प्रयास किए हैं जिनसे संयुक्त राष्ट्र 2023 के एजेंडे को पूरा करने के लिए और आत्मनिर्भर पंचायतों के सृजन के लिए एलएसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में प्रगति को पूरकता और गति मिलेगी।
- इस योजना के तहत, विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों/विषयों के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को ‘राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार’ दिए जाते हैं, जिसमें पुरस्कार विजेता पंचायतों को वित्तीय प्रोत्साहन देना भी शामिल है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.अंबेडकर सर्किट में दीक्षा भूमि और ड्रैगन पैलेस;
- अंबेडकर यात्रा के लिए एक विशेष यात्री पर्यटक रेल भारत गौरव पर्यटन रेलगाड़ी चलाई जाती है। यह अन्य मह्त्वपूर्ण स्थलों के साथ-साथ डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू समेत उनसे जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा करवाती है।
- इस रेल की यात्रा के दौरान बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थानों जैसे नई दिल्ली, महू, नागपुर और सांची, सारनाथ, गया और राजगीर और नालंदा जैसे पवित्र बौद्ध स्थलों की यात्रा का कार्यक्रम शामिल है।
- हाल ही में भारत गौरव पर्यटक रेलगाड़ी के द्वारा नागपुर में पर्यटकों ने दीक्षाभूमि और ड्रैगन पैलेस का दौरा किया। दीक्षाभूमि एक ऐतिहासिक स्थान है जहां अक्टूबर 1956 में डॉ. अंबेडकर ने अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया था।
- डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के अंतिम अवशेष दीक्षाभूमि स्तूप के केंद्रीय गुंबद में रखे गए हैं।
- नागपुर के कामठी शहर में ड्रैगन पैलेस में ध्यान के लिए एक सुखद वातावरण है जहां चंदन से बनी बुद्ध की मूर्ति आकर्षण का केंद्र है।
- भारत में सबसे लोकप्रिय बौद्ध मंदिरों में से एक, ड्रैगन पैलेस नागपुर में प्रसिद्ध बौद्ध धार्मिक पर्यटक आकर्षण है।
- इसे भारत-जापान मित्रता का प्रतीक माना जाता है।
- ‘लोटस टेंपल’ के रूप में भी जाना जाने वाला, ड्रैगन पैलेस हरे-भरे लॉन और चमकीले और रंगीन फूलों से घिरे बगीचे से घिरा हुआ है, जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाता है।
- इस दर्शनीय स्थल का उद्घाटन 1999 में जापान के रेवरेंड निकिकी काटो ने किया था।
- मंदिर की स्थापना मदर नोरिको ओगावा सोसाइटी द्वारा की गई थी और इसमें भगवान बुद्ध की एक ही मूर्ति है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसे चंदन के एक टुकड़े से उकेरा गया था।
- यह रेल मध्यप्रदेश के सांची के बाद, वाराणसी में सारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा करवाएगी उसके पश्चात् गया अगला और आखिरी गंतव्य है।
- बोधगया एक पवित्र स्थल है जहां पर्यटक प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर और अन्य मठों में जाते हैं।
- भारत गौरव पर्यटन रेलगाड़ी की शुरुआत घरेलू पर्यटन में विशेष रुचि वाले सर्किट को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की पहल “देखो अपना देश” के अनुरूप है।
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