विषयसूची:
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1. युद्धाभ्यास संप्रति-X:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत और अन्य देशों के मध्य द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास “युद्धाभ्यास संप्रति-X”।
संदर्भ:
- भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास “संप्रति-X” बांग्लादेश के जशोर सैन्य स्टेशन में संपन्न हुआ।
विवरण:
- यह “युद्धाभ्यास संप्रति” का 10वां संस्करण था।
- इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करना था।
- इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों सैन्य टुकड़ियों को एक-दूसरे की अभ्यास नीति और संचालन तकनीकों को समझने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत जवाबी कार्रवाई/आतंकवाद का मुकाबला, शांति स्थापना तथा आपदा राहत अभियानों पर अपने अनुभव को साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
- संयुक्त अभ्यास, दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ और अंतर-संचालन गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा, भारत एवं बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करता है।
2. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ‘मिट्टी से बने गैर-विद्युत कूलिंग कैबिनेट’ के लिए भारतीय मानक विकसित किया
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2:
स्वास्थ्य:
विषय: मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर के संबंध में भारतीय मानक।
प्रारंभिक परीक्षा: ‘मिट्टी से बने गैर-विद्युत कूलिंग कैबिनेट’ और भारतीय मानक ब्यूरो के बारे में।
संदर्भ:
- भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय यानी भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ‘मिट्टी से बने गैर-विद्युत कूलिंग कैबिनेट’ के लिए एक भारतीय मानक- IS 17693: 2022 विकसित किया है।
विवरण:
- ‘मिट्टी से बने गैर-विद्युत कूलिंग कैबिनेट’ का नाम ‘मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर’ रखा गया है। यह पर्यावरण अनुकूल तकनीक के आधार पर बना है। इसका निर्माण गुजरात के अन्वेषक श्री मनसुख भाई प्रजापति ने किया है।
- यह वाष्पशील शीतलन के सिद्धांत पर संचालित होता है। इन कैबिनेटों का उपयोग बिना विद्युत के खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को भंडारित करने के लिए किया जा सकता है।
- यह मानक 17 संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) में से 6 को पूरा करने में सहायक है। ये हैं- कोई गरीबी नहीं, जीरो हंगर, लैंगिक समानता, सस्ती व स्वच्छ ऊर्जा, उद्योग, नवाचार व बुनियादी ढांचा और संवहनीय उपभोग और उत्पादन।
‘मिट्टीकूल रेफ्रिजरेटर’ के बारे में:
- यह मिट्टी से निर्मित एक प्राकृतिक रेफ्रिजरेटर है, जो मुख्य रूप से सब्जियों, फलों और दूध को भंडारित करने एवं जल को ठंडा करने के लिए बनाया गया है।
- यह बिना विद्युत के भंडारित खाद्य पदार्थों को प्राकृतिक शीतलता प्रदान करता है। इसमें फलों, सब्जियों और दूध को उनकी गुणवत्ता को खराब किए बिना ताजा रखने की क्षमता है।
- रेफ्रिजरेशन एक खाद्य भंडारण तकनीक है, जो जीवाणु को विकसित नहीं होने देती है, जिससे खाद्य के जीवन की अवधि बढ़ जाती है।
- इस उत्पाद की प्रभावशीलता असीम है। इनमें से कुछ हैं- यह मिट्टी के बर्तनों की संस्कृति, परंपरा और विरासत को पुनर्जीवित करने में एक प्रभावशाली भूमिका निभाना, बेहतर स्वस्थ तरीकों से लोगों को वापस उनकी जड़ों से जोड़ना, सतत खपत को बढ़ावा देना, निर्धन समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, हरित व शीतल धरती की दिशा में काम करना, आर्थिक विकास व रोजगार सृजन और अंत में ग्रामीण महिलाओं के उत्थान तथा उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में योगदान देना है।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS):
- भारतीय मानक ब्यूरो भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है जिसकी स्थापना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के अंतर्गत की गई है।
- भारतीय मानक ब्यूरो की स्था्पना वस्तुओं के मानकीकरण, मुहरांकन और गुणवत्ता प्रमाणन या उससे प्रसंगवश जुड़े मामलों के लिए की गई है।
- भारतीय मानक ब्यूरो का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके 5 क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता (पूर्व), चेन्नई (दक्षिण), मुंबई(पश्चिम), चंडीगढ़ (उत्तर) और दिल्ली (मध्य) में स्थित है।
उपभोक्ताओं तथा उद्योगों के हित को ध्यान में रखते हुए भारतीय मानक ब्यूरो नीचे दिए गए कई कार्य करता है:
- मानक निर्धारण
- उत्पाद प्रमाणन योजना
- अनिवार्य पंजीकरण योजना
- विदेशी निर्माता प्रमाणन योजना
- हॉलमार्किंग योजना
- प्रयोगशाला सेवाएं
- प्रयोगशाला मान्यता योजना
- भारतीय मानकों की बिक्री
- उपभोक्ता गतिविधियां
- प्रोत्साहन गतिविधियां
- राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण सेवाएं
- सूचना सेवाएं
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- रो-रो और रो-पैक्स फेरी सेवा:
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने हितधारकों से प्राप्त शुरुआती इनपुट को शामिल करने के बाद “भारतीय तट पर रो-रो और रो-पैक्स फेरी सेवा के परिचालन के लिए दिशानिर्देश” का मसौदा तैयार किया है। ये दिशानिर्देश फेरी सेवाओं के विकास और परिचालन को एकरूप व सुव्यवस्थित करेंगे।
- गौरतलब है कि, मंत्रालय ने अपने सागरमाला कार्यक्रम के तहत देश में रो-रो (रोल-ऑन, रोल-ऑफ) फेरी और जलमार्ग परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक पारितंत्र विकसित करने की शुरुआत की है।
- परिवहन के इस साधन के कई लाभ हैं। इनमें यात्रा के समय में कमी, लॉजिस्टिक लागत में कमी और परिवहन के पारंपरिक साधनों की तुलना में कम प्रदूषण शामिल हैं।
- सागरमाला की शुरुआत के तहत मंत्रालय ने गुजरात में घोघा-हजीरा और महाराष्ट्र में मुंबई-मंडवा के बीच रो-पैक्स फेरी सेवा शुरू की है।
सागरमाला कार्यक्रम:
- प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर रणनीतिक स्थानों और जहाज चलने लायक 14,500 किमी समुद्री तटों के उपयोग के लिए भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम शुरू किया है । इससे देश में बंदरगाह से संबद्ध विकास हो सकेगा।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य न्यूनतम ढांचागत निवेश के साथ घरेलू व्यापार और निर्यात-आयात के लिए माल ढुलाई की लागत कम करना है।
- इस कार्यक्रम के अन्य उद्देश्यों में शामिल हैं- बंदरगाह आधुनिकीकरण, नए बंदरगाहों का विकास, बंदरगाह संपर्क, तटीय सामुदायिक विकास इत्यादि।
16 June 2022 : PIB विश्लेषण :-Download PDF Here
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