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07 जून 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन: 
  2. हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम- 2022 अधिसूचित: 
  3.  थांग-टा:

1. राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया: 

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय:  सरकार की योजनाएं,क्रियान्वयन एवं उनका कमजोर वर्ग पर प्रभाव।   

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान। 

प्रसंग: 

  • केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया। 

उद्देश्य:

  • देश में अनेक जनजातीय अनुसंधान संस्थान काम कर रहे हैं लेकिन जनजातीय समाज की विविधताओं को राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ने वाली कड़ी नहीं थी लेकिन अब यह संस्थान इस कमी को पूरा करेगा ।   

विवरण:  

  • राष्ट्रीय स्तर पर भी अनेक प्रकार की विविधता वाले इस देश के 8 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या के विकास को एक सूत्र में पिरोने के लिए इस संस्थान का निर्माण किया गया है । 
  • यह संस्थान जनजातीय त्यौहारों की मूल भावना को संजोकर रखते हुए इसे आधुनिक स्वरूप देकर लोकप्रिय बनाने, जनजातीय संग्रहालयों की विविधता व रखरखाव का भी काम करेगा।
  • लम्बे समय से ऐसा महसूस किया जा रहा था कि राष्ट्रीय स्तर की जनजातीय नीतियां देश की सभी जनजातियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
  • यह  संस्थान राज्यों के साथ समन्वय, अनुसंधान, कर्मचारियों के प्रशिक्षण, अन्य संस्थानों की कैपेसिटी बिल्डिंग, डाटा संग्रह और जो अच्छे कार्य हुए हैं उनका प्रचार-प्रसार करके लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करेगा।
  • यह अनुसंधान संस्थान सरकार को नीतिगत जानकारी देगा व  राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में भी काम करेगा। सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय ज्ञान केंद्र भी यहीं बनाया जाएगा।
  • सरकार ने 2019 के बाद नॉर्थईस्ट में एक के बाद एक कई कदम उठाए हैं। कई जनजातियों के साथ समझौते किए हैं और यह इसी का परिणाम है कि आज नॉर्थईस्ट के लगभग 66% क्षेत्र से AFSPA को हटा दिया  है।
  • ये संस्थान विभिन्न विषयों पर अनुसंधान और उनका मूल्यांकन करेगा, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य संस्थानों का क्षमता निर्माण करेगाव डेटा संग्रह भी करेगा।
  • एक प्रकार से समग्र जनजातीय समाज के विकास का ख़ाका खींचने का काम यह अनुसंधान संस्थान करेगा। संस्थान आने वाले 25 सालों में जनजातीय विकास की रीढ़ की हड्डी बनेगा ।
  • गृह मंत्रालय के पास नॉर्थ-ईस्ट, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू कश्मीर में जनजातियों से जुड़ी हुई अनेक समस्याएं लंबित थीं ।
  • वर्ष 2006 से 2014 तक के पिछली सरकार के आठ सालों में छोटी-छोटी घटनाओं को मिलकर पूर्वोत्तर में 8700 घटनाएं हुईं थीं और अब इन घटनाओं में लगभग 70% की कमी आई है।

2. हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम- 2022 अधिसूचित:  

सामान्य अध्ययन: 3

ऊर्जा: 

विषय:  पर्यावरण प्रदूषण,निम्नीकरण, संरक्षण, उद्धार और वृद्धि के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण और मार्गदर्शक सिद्धांत। 

प्रारंभिक परीक्षा: हरित ऊर्जा खुली पहुंच अधिनियम- 2022  । 

मुख्य परीक्षा: 6 जून, 2022 को हमारे महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों में और अधिक तेजी लाने और सभी के लिए हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम- 2022 के प्रभाव पर चर्चा कीजिए ।  

प्रसंग: 

  • 6 जून, 2022 को हमारे महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों में और अधिक तेजी लाने और सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ व हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के शीर्ष लक्ष्य के साथ हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम- 2022 को अधिसूचित किया गया हैं।

उद्देश्य:

  • इन नियमों को अपशिष्ट से ऊर्जा (वेस्ट-टू-एनर्जी) व संयंत्रों से ऊर्जा सहित हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित किया गया है।  

विवरण:  

  • यह अधिसूचित नियम, हरित ऊर्जा की खुली पहुंच के लिए प्रक्रिया को सरल बनाते हैं। 
  • यह हरित खुली पहुंच (OA), सार्वभौमिक बैंकिंग, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं की नवीकरणीय ऊर्जा की स्वैच्छिक खरीद और खुली पहुंच शुल्कों की प्रयोज्यता आदि का तेजी से अनुमोदन सक्षम करेगा।
  • वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को स्वैच्छिक रूप से हरित विद्युत खरीदने की अनुमति होगी।
  • कैप्टिव उपभोक्ता बिना किसी न्यूनतम सीमा के हरित खुली पहुंच के तहत विद्युत प्राप्त कर सकेँगे ।
  • इसके अलावा डिस्कॉम उपभोक्ता उनसे हरित विद्युत की आपूर्ति की मांग कर सकेँगे ।

इन नियमों की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • किसी भी उपभोक्ता को हरित खुली पहुंच की अनुमति होगी। साथ ही, छोटे उपभोक्ताओं को भी खुली पहुंच के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को खरीदने में सक्षम बनाने के लिए हरित ऊर्जा के लिए खुली पहुंच लेन-देन की सीमा 1 मेगावाट से घटाकर 100 किलोवाट कर दी गई है।
  • हरित ऊर्जा खुली पहुंच वाले उपभोक्ताओं पर लगाए जाने वाले ओपन एक्सेस शुल्क पर निश्चितता प्रदान की गई है।
  • इनमें ट्रांसमिशन शुल्क, व्हीलिंग शुल्क, क्रॉस-सब्सिडी अधिभार और अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं। क्रॉस-सब्सिडी उपकर बढ़ाने के साथ-साथ अतिरिक्त अधिभार को कम करने से न केवल उपभोक्ताओं को हरित ऊर्जा को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जायगा,बल्कि उन मुद्दों पर भी बात होगी जिन्होंने भारत में खुली पहुंच के विकास में बाधा उत्पन्न की है।
  • खुली पहुंच के लिए आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। इसके तहत 15 दिनों के भीतर स्वीकृति प्रदान की जायगी अन्यथा इसे अनुमोदित माना जाएगा। यह एक राष्ट्रीय पोर्टल के जरिए होगा।
  • हरित टैरिफ का निर्धारण: हरित ऊर्जा के लिए टैरिफ संबंधित आयोग द्वारा अलग से निर्धारित किया जाएगा।
  • इसमें नवीकरणीय ऊर्जा की औसत भंडारित विद्युत खरीद लागत और क्रॉस-सब्सिडी शुल्क, अगर कोई है और उपभोक्ताओं को हरित ऊर्जा प्रदान करने के लिए वितरण लाइसेंसधारक की दूरदर्शी लागत को कवर करने वाले सेवा शुल्क शामिल किए जाएंगे।
  • यह नियम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों के लिए नकदी प्रवाह के पूर्वानुमान में सुधार करने व समय पर अनुमोदन सहित खुली पहुंच प्रदान करने के लिए समग्र अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में सहायता करेंगे। इसके अलावा यह आवेदन प्रक्रिया में एकरूपता भी लाएगा।
  • वितरण लाइसेंसधारक के साथ अधिशेष हरित ऊर्जा की बैंकिंग अनिवार्य है।
  • वितरण लाइसेंसधारकों के क्षेत्र में सभी बाध्य संस्थाओं पर एक समान नवीकरणीय खरीद का दायित्व होगा। इसमें आरपीओ को पूरा करने के लिए हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया को भी शामिल किया गया है।
  • हरित ऊर्जा का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को हरित प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा।
  • अगर हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के उत्पादन के लिए हरित ऊर्जा का उपयोग किया जाता है तो क्रॉस सब्सिडी अधिभार और अतिरिक्त अधिभार लागू नहीं होगा। 

 प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

3. थांग-टा:

  • थांग-टा एक घरेलू खेल है। यह एक भारतीय मार्शल आर्ट है।
  • थांग-ता एक मार्शल आर्ट रूप है जो मुख्य रूप से मणिपुर राज्य में प्रचलित है। यहाँ थांग एक ‘तलवार’ को और ता ‘भाला’ को संदर्भित करता है।
  • इस मार्शल आर्ट के प्रदर्शन दौरान जब किसी हथियार का उपयोग नहीं किया जाता है, तो इसे सरित सरक के रूप में जाना जाता है।
  • थांग-टा में एक या अधिक विरोधियों के खिलाफ तलवार या भाले का उपयोग किया जाता है।
  • सरित – सरक सशस्त्र या निहत्थे विरोधियों के खिलाफ लड़ने की तकनीक है।
  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पहली बार शामिल पांच परंपरागत खेलों में से एक थांग ता मणिपुरी मार्शल आर्ट को शामिल किया गया है।

7th June 2022 : PIB विश्लेषण  :-Download PDF Here
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