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विषयसूची:

  1. भारत और सिंगापुर के बीच ‘रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम लिंकेज’ लॉन्च किया जाएगा:
  2. भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘दुस्तलिक’ पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में शुरू:
  3. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत परिकल्पित बुनियादी चरण हेतु शिक्षण-अध्‍यापन सामग्री का शुभारंभ किया: 
  4. इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे और रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संयुक्त रूप से 18वीं  विश्व सुरक्षा कांग्रेस का आयोजन:
  5. आईडीईएक्स और एनएवीडीईएक्स 23:
  6. आईएनएस निरीक्षक को सबसे चुनौतीपूर्ण हालात में गहरे समुद्र में डाइविंग और साल्वेज ऑपरेशन (बचाव कार्य) के लिए नौसेना प्रमुख के ऑन-द-स्पॉट यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया:
  7. नागपुर में दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क – अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी:
  8. जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्‍द्र (JCBC): 

1. भारत और सिंगापुर के बीच ‘रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम लिंकेज’ लॉन्च किया जाएगा:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से संबंधित जानकारी।  

मुख्य परीक्षा: ‘रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम लिंकेज’ का महत्व एवं प्रभाव।   

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री श्री ली सीन लूंग 21 फरवरी, 2023 को भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और सिंगापुर के ‘पे नॉउ’ के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी लॉन्च होने के गवाह बनेंगे। 

उद्देश्य:

  • भारत के ‘यूपीआई’ और सिंगापुर के ‘पे नॉउ’ के बीच ‘क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी’ शुरू की जाएगी। 
  • पैसे के त्‍वरित और कम लागत पर हस्तांतरण को सक्षम बनाने के लिए इन दो भुगतान प्रणालियों का जुड़ाव किया जा रहा है। 
  • इससे सिंगापुर में भारतीय प्रवासियों को सिंगापुर से भारत में और भारत से सिंगापुर में पैसे के हस्तांतरण में सहायता मिलेगी।   

विवरण:  

  • यह लॉन्‍च भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास और मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ़ सिंगापुर (एमएएस) के प्रबंध निदेशक श्री रवि मेनन द्वारा किया जाएगा।
  • भारत फिनटेक नवाचार के लिए एक सबसे तेजी से बढ़ते इकोसिस्टम के रूप में उभरा है। 
  • भारत के सबसे श्रेष्‍ठ डिजिटल भुगतान के बुनियादी ढांचे के वैश्वीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
  • इन दो भुगतान प्रणालियों के जुड़ाव से दोनों देशों के निवासी सीमा पार धन प्रेषण के तेज और लागत प्रभावी हस्तांतरण में सक्षम होंगे। 
  • इससे सिंगापुर में भारतीय प्रवासियों, विशेष रूप से प्रवासी कामगारों और छात्रों को सिंगापुर से भारत में और भारत से सिंगापुर में तुरंत और कम लागत पर पैसे का हस्तांतरण करने में भी मदद मिलेगी।

2. भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘दुस्तलिक’ पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में शुरू:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: सैन्य अभ्यास ‘दुस्तलिक’ से संबंधित जानकारी। 

प्रसंग: 

  • भारतीय सेना और उज़्बेकिस्तान की सेना के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘दुस्तलिक’ का चौथा संस्करण विदेशी प्रशिक्षण नोड, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में शुरू हुआ।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सकारात्मक संबंधों को बढ़ावा देना है। 

विवरण:  

  • 14 दिनों तक चलने वाला ये संयुक्त अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के मेंडेट के अंतर्गत पर्वतीय और अर्ध-शहरी इलाकों में आतंकवाद विरोधी संयुक्त अभियानों पर ध्यान केंद्रित है और इसमें फील्ड ट्रेनिंग अभ्यास, युद्ध चर्चाएं, व्याख्यान, प्रदर्शन शामिल होंगे तथा एक सत्यापन अभ्यास के साथ इसका समापन होगा। 
  • दोनों पक्ष संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए संयुक्त रूप से सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला में ट्रेनिंग, प्लानिंग और निष्पादन करेंगे। 
    • वहीं संयुक्त ऑपरेशन करने के लिए नई पीढ़ी के उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना भी सीखेंगे। 
    • भारतीय सेना की टुकड़ी में गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट की एक इन्फैंट्री बटालियन के सैनिक शामिल हैं। 
    • इस अभ्यास का पहला संस्करण नवंबर 2019 में उज्बेकिस्तान में आयोजित किया गया था।  
    • इन बलों के बीच अंतरसंक्रियता बढ़ाने पर उचित बल दिया जा रहा है।
  • इस अभ्यास के दौरान जो दोस्ती, सह-भाव और सद्भावना पैदा होगी, वह विभिन्न अभियानों के संचालन की कार्यप्रणाली को समझने में और एक दूसरे के संगठन की समझ को सक्षम करके, दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करने के मामले में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
  • उज़्बेकिस्तान और भारतीय सेना के 45-45 सैनिक इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।

3. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत परिकल्पित बुनियादी चरण हेतु शिक्षण-अध्‍यापन सामग्री का शुभारंभ किया:

सामान्य अध्ययन: 2

शिक्षा: 

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से संबंधित जानकारी। 

मुख्य परीक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का महत्व।  

प्रसंग: 

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यथा परिकल्पित बुनियादी चरण के लिए शिक्षण-अध्‍यापन सामग्री का शुभारंभ किया।

उद्देश्य:

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 5+3+3+4 पाठ्यक्रम शैक्षणिक संरचना की परिकल्पना की गई है। 
    • शिक्षा मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने प्रत्येक चरण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा विकसित करने के लिए प्रो. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया है। 
    • शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुनियादी चरण (एफएस) के लिए 20 अक्टूबर, 2022 को एनसीएफ की शुरुआत की गई थी और पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार, एनसीईआरटी ने अध्‍ययन शिक्षण सामग्री (एसटीएम) विकसित और एकत्र की है। 
    • तदनुसार, बुनियादी चरण के लिए “अध्‍ययन-शिक्षण सामग्री” की “जादुई पिटारा” की अवधारणा का उपयोग करते हुए शुभारंभ किया गया। 
    • इसके जरिये शिक्षकों व छात्रों के एनईपी और एनसीएफ-एफएस को व्‍यवहार में लाने की उम्मीद है।  

विवरण:  

  • 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए खेल-आधारित शिक्षण-अध्‍यापन सामग्री ‘जादुई पिटारा’ लॉन्च की गई है। 
  • राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के तहत विकसित ‘जादुई पिटारा’ 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। 
    • यह सीखने-सिखाने के माहौल को समृद्ध करने और अमृत पीढ़ी के लिए इसे और अधिक बाल-केंद्रित, जीवंत और आनंदमय बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है जैसा कि एनईपी 2020 में परिकल्पना की गई है। 
    • प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, कहानी की किताबें, वर्कशीट के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, सामाजिक संदर्भ और भाषाओं को मिलाकर बना ‘जादुई पिटारा’ जिज्ञासा को बढ़ाने और लोगों की विविध आवश्यकताओं को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

‘जादुई पिटारा’ की मुख्य बातें निम्‍नलिखित हैं: 

  • एनसीएफ-एफएस का प्रमुख परिवर्तनकारी पहलू– ‘खेलते हुए सीखें’
  • बुनियादी चरण – उम्र 3-8 साल – खेलते हुए सर्वोत्तम और प्रभावकारी ढंग से सीखें
  • न्यूरोसाइंस से लेकर शिक्षा तक विविध क्षेत्रों में अनुसंधान  
  • कक्षा 1 और 2 पर भी लागू (उम्र 6-8 साल) – बड़ा बदलाव- बच्चे खेलते, मजे करते हुए सीखेंगे, और एफएलएन संभव हो पाएगा। 
  • 5 क्षेत्रों में सीखना और विकास: शारीरिक विकास, सामाजिक-भावनात्मक व नैतिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, भाषा एवं साक्षरता विकास, सुरुचिपूर्ण एवं सांस्कृतिक विकास, सीखने की सकारात्मक आदतों को इस चरण में विकास के एक अन्य क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है।
  • बच्चों का खेलना सुनिश्चित करने के लिए।
  • केवल किताबें ही नहीं, बल्कि सीखने और सिखाने के लिए अनगिनत संसाधनों का उपयोग किया जाना है। 
  • खिलौने, पहेलियां, कठपुतलियां। 
  • पोस्टर, फ्लैश कार्ड। 
  • वर्कशीट्स और आकर्षक किताबें। 
  • स्थानीय परिवेश, संदर्भ और समुदाय। 
  • भारत में आम जीवन, स्थानीय संदर्भ । 
  • जादुई पिटारे में ये सभी समाहित हैं:
  • विभिन्न संसाधन। 
  • विविधता और स्थानीय संसाधनों को समायोजित करने में लचीलापन। 
  • आमोद-प्रमोद।

4.इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे और रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संयुक्त रूप से 18वीं  विश्व सुरक्षा कांग्रेस का आयोजन:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के हितों पर विभिन्न अंर्तष्ट्रीय समूहों एवं नीतियों का प्रभाव एवं महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।   

प्रारंभिक परीक्षा: इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF),जी-20 समूह  से संबंधित जानकारी। 

प्रसंग: 

  • यूनियन इंटरनेशनेल डेस केमिन्स डी फेर (UIC) या इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) 21 से 23 फरवरी तक जयपुर में 18वीं विश्व सुरक्षा कांग्रेस का संयुक्त रूप से आयोजन कर रहे हैं। 

विवरण:  

  • भारत की प्रमुख रेलवे सुरक्षा एजेंसी के तौर पर आरपीएफ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र के प्रयासों का नेतृत्व करता है। 
  • यूआईसी सुरक्षा मंच की अध्यक्षता संभालने के बाद, महानिदेशक, आरपीएफ ने एशिया में कार्यरत सदस्य  संगठनों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए उपाय किए हैं। 
  • अफ्रीका और कई अन्य विकासशील देशों के समान जनसांख्यिकीय पैटर्न है, ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके और यूआईसी द्वारा प्रदान किए गए बहुपक्षीय मंच द्वारा चिंताओं का समाधान किया जा सके।
  • उल्लेखनीय है कि भारत को जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता मिली है, जिसके मद्देनजर भारत जयपुर में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे की 18वीं विश्व सुरक्षा कांग्रेस की मेजबानी करेगा।
  • आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत के लिए अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सॉफ्ट-पावर और अपनी प्रगति को उचित अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। 
  • यूआईसी विश्व सुरक्षा कांग्रेस ऐसा ही विशेष एक अवसर होगा।
  • “रेलवे सुरक्षा रणनीति: भविष्य के लिए तैयारी और दृष्टिकोण” विषय पर केंद्रित कांग्रेस के 18वें संस्करण यूआईसी, साझेदार अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, भारतीय रेलवे, आरपीएफ के संबंधित अधिकारियों के अलावा दुनिया भर के रेलवे संगठनों के सुरक्षा प्रमुख भाग लेंगे। 
  • भारत के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। इस कार्यक्रम में भारत दुनिया भर के रेलवे सुरक्षा प्रतिनिधियों की मेजबानी करेगा। 
  • आरपीएफ दुनिया भर में रेलवे सुरक्षा के लिए चिंता और चुनौतियों के मुद्दों पर प्रभावशाली विचार-विमर्श की मेजबानी करने के लिए तैयार है और दूसरे क्रम की समस्या समाधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सत्रों को तैयार किया है, ताकि व्यावहारिक और तुरंत कार्यान्वयन योग्य समाधान निकल सकें। 
    • इनके परिणामस्वरूप दुनिया भर में रेलवे सुरक्षा का कायाकल्प संभव होगा। 
    • कांग्रेस 21 फरवरी 2023 को उद्घाटन सत्र के साथ शुरू होगी और 23 फरवरी 2023 को समापन सत्र के साथ पूर्ण हो जायेगी। 
    • कांग्रेस को “महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों और माल ढुलाई की रक्षा”, “मानव सुरक्षा दृष्टिकोण”, “दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ रेलवे सुरक्षा उपकरण और प्रथाएं” और “विजन 2030” के अंतर्निहित उप-विषयों के साथ 4 सत्रों में विभाजित किया गया है।
  • इससे पहले, 2006 और 2015 में, आरपीएफ ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय यूआईसी विश्व सुरक्षा कांग्रेस का सफलतापूर्वक आयोजन और मेजबानी की थी। 
    • यह गर्व की बात है कि आरपीएफ के महानिदेशक श्री संजय चंदर, आईपीएस जुलाई 2022 से जुलाई 2024 तक अंतर्राष्ट्रीय यूआईसी सुरक्षा मंच के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल रहे हैं। 

पृष्ठ्भूमि:

  • यूनियन इंटरनेशनेल डेस केमिन्स डी फेर (UIC) या इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) रेलवे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है और दुनिया भर में रेल परिवहन को बढ़ावा देता है। 
  • रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भारत में रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसी है।

इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (UIC):

  • यूनियन इंटरनेशनेल डेस केमिन्स डी फेर (UIC) या इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) जिसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है, 1922 से अस्तित्व में आया था। 
    • यह रेलवे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है और दुनिया भर में रेल परिवहन को बढ़ावा देता है।
    • यूआईसी रेल परिवहन की अंतःक्रियाशीलता और मानकीकरण को बढ़ावा देने, सहयोग बढ़ाने एवं उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करने, नए व्यवसाय और गतिविधियों के नए क्षेत्रों में सदस्यों का समर्थन करने और रेल परिवहन के बेहतर तकनीकी और पर्यावरण अनुकूल कामकाज करने, प्रतिस्पर्धा में सुधार करने और लागत को कम करने का अभियान चला रहा है। 
    • यूआईसी विश्व रेलवे क्षेत्रों के बीच रणनीतिक और सामरिक सहयोग को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह वैश्विक सरकारों और महाद्वीपों में सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर कार्यरत है।
  • यूआईसी सुरक्षा मंच को व्यक्तियों, संपत्ति और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा से संबंधित मामलों में रेल क्षेत्र की ओर से विश्लेषण और नीतिगत स्थिति विकसित करने और तैयार करने का अधिकार है।  
    • यह सुरक्षा मंच सुरक्षा क्षेत्र में यूआईसी सदस्यों के सामान्य हितों की रक्षा करने वाले मुद्दों पर समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन करने, यूआईसी सदस्यों के सुरक्षा निदेशकों के बीच सूचना और अनुभवों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, साझा हितों का प्रस्ताव करने और सदस्यों की आवश्यकताओं या बाहरी घटनाओं द्वारा निर्धारित वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए जिम्मेदार है।
  • एक वैश्विक परिदृश्य में जहां आपराधिक तत्व नए तरीकों और हमले के साधनों को तैयार करने के लिए नेटवर्किंग से फायदा उठाते हैं, तो यह अत्यधिक जरूरी हो जाता है कि सकारात्मक ताकतें भी ऐसे चुनौती देने वालों का सामना करने के लिए एक साथ आएं। 
    • यूआईसी का सुरक्षा मंच, संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त एक अंतरराष्ट्रीय निकाय होने के नाते, विचारों और उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करने के लिए मंच प्रदान करता है।

भारत का रेलवे सुरक्षा बल

  • रेलवे सुरक्षा बल (RPF) भारत में रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसी है। 
    • रेलवे संपत्ति की बेहतर सुरक्षा के लिए 1957 में गठित होने के बाद, बल ने खुद को रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षा की अपनी मुख्य भूमिका से यात्री सुरक्षा और यात्री सुविधा की अतिरिक्त भूमिकाओं के लिए विकसित किया है। 
    • आरपीएफ ने अब रेल यात्रियों को सर्वोत्तम संभव सेवा प्रदान करने की एक शानदार परंपरा स्थापित करने के उद्देश्य से एक यात्रा शुरू की है। 
    • आरपीएफ को वर्तमान में भारत का केंद्रीय बल होने का गौरव प्राप्त है, जिसमें इसके रैंक में नौ प्रतिशत महिलाओं की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। 
    • बढ़ती जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए कई अभियान शुरू किए हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.आईडीईएक्स और एनएवीडीईएक्स 23:

  • भारतीय नौसेना का पोत सुमेधा एनएवीडीईएक्स 23 (नौसेना रक्षा प्रदर्शनी) और आईडीईएक्स 23 (अंतर्राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी) में भाग लेने के लिए 20 फरवरी 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी पहुंचा, जो 20 से 24 फरवरी 2023 तक आयोजित होना निर्धारित है। 
  • दो प्रमुख क्षेत्रीय नौसैनाओं द्वारा युद्धपोत की भागीदारी और रक्षा प्रदर्शनियां भारत के स्वदेशी पोत निर्माण की ताकत का प्रदर्शन करेंगी तथा  ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगी।
  • आईएनएस सुमेधा स्वदेशी रूप से निर्मित सरयू श्रेणी के नौसेना अपतटीय गश्ती पोत (एनओपीवी) का तीसरा जहाज है और इसे 7 मार्च 2014 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था। 
  • गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में स्वदेशी रूप से निर्मित आईएनएस सुमेधा हथियारों और सेंसर की एक प्रभावशाली सरणी से सुसज्जित है। 
    • यह एक हेलीकॉप्टर ले जा सकता है और लंबे समय तक परिचालन कर सकता है। 
    • आईएनएस सुमेधा अत्यधिक शक्तिशाली युद्धपोत है, जिसे विभिन्न परिचालन मिशनों के लिए तैनात किया जा सकता है। 
    • इसकी उत्कृष्ट क्षमता भारतीय नौसैन्य पोत निर्माण उद्योग की क्षमताओं का परिचय देती है।
    • संयुक्त अरब अमीरात द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आपसी भागीदारी भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच घनिष्ठ सामरिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को भी उजागर करती है।
  • जनवरी 2017 में गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अबू धाबी के तत्कालीन क्राउन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात के वर्तमान राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया गया था।
  • दोनों नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना तथा संयुक्त अरब अमीरात की नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास जायद तलवार का उद्घाटन संस्करण मार्च 2018 में आयोजित किया गया था, जिसका पिछला संस्करण अगस्त 2021 में संचालित किया गया था। 
    • समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजों ने संयुक्त अरब अमीरात में नियमित पोर्ट कॉल किए हैं। 
    • आईएनएस सुमेधा की अबू धाबी में तैनाती उसी दिशा में एक कदम है।

2.आईएनएस निरीक्षक को सबसे चुनौतीपूर्ण हालात में गहरे समुद्र में डाइविंग और साल्वेज ऑपरेशन (बचाव कार्य) के लिए नौसेना प्रमुख के ऑन-द-स्पॉट यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया:

  • नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार ने 20 फरवरी 23 को कोच्चि में आईएनएस निरीक्षक का दौरा किया।
  • उन्होंने अरब सागर में 219 मीटर की गहराई पर बचाव कार्यों में शामिल जहाज की डाइविंग टीम के साथ बातचीत की और सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरक्षित और सफल संचालन के लिए जहाज की सराहना की। यह देश की जलसीमा में सबसे अधिक गहराई में किया गया सॉल्वेज ऑपेरशन (बचाव अभियान) है।
  • सीएनएस ने जहाज को ‘ऑन द स्पॉट’ यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया, जो भारतीय नौसेना में पहली बार हुआ है। उन्होंने बचाव कार्य में शामिल चालक दल को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।
  • निरीक्षक जहाज ने हाल ही में 80 मीटर की गहराई पर गुजरात तट पर एक गोता लगाया था और पुष्पांजलि अर्पित की थी, यह स्थान 1971 के युद्ध के दौरान डूबी खुखरी का रेस्टिंग स्थल था।
  • आईएनएस निरीक्षक भारतीय नौसेना का एक डाइव सपोर्ट और पनडुब्बी बचाव पोत है।
    • वर्ष 1985 में मझगाँव शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित यह जहाज 1989 से नौसेना के साथ सेवारत में है और वर्ष 1995 में इसे नौसेना में कमीशन किया गया था। 
    • आईएनएस निरीक्षक विभिन्न डाइविंग अभियानों का हिस्सा रहा है और देश में सर्वाधिक 257 मीटर की गहराई में गोता लगाने का रिकॉर्ड भी इसके नाम है ।

3. नागपुर में दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क – अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी:

  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर में दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क – अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी।
  • सहानुभूति दर्शाने के बजाय यह पार्क संवेदना दिखाएगा, इसलिए इस पार्क का नाम अनुभूति दिव्यांग पार्क रखा गया है।
  • इस पार्क के माध्यम से न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में समावेश का संदेश पहुंचेगा।
    • इस पार्क में सभी 21 प्रकार की दिव्‍यांगता के लिए अनुकूलित सुविधाएं होंगी, इसमें स्पर्श और गंध उद्यान, हाइड्रोथेरेपी इकाई, जल चिकित्सा, मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों एवं मां के लिए स्वतंत्र कक्ष जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
  • नागपुर शहर देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। 
    • वर्ष 2016 में, केंद्र सरकार ने दिव्‍यांग व्यक्तियों के अधिकारों के लिए दिव्‍यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम को पारित किया था। 
    • यह कानून दिव्‍यांगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के लिए है। 
    • इसी के तहत केंद्र सरकार ने पहल करते हुए दक्षिण भारत और मध्य प्रदेश में कुछ दिव्यांग पार्क बनाए हैं, इसी कड़ी में नागपुर के पारदी परिसर में दिव्‍यांग बच्चों और आम नागरिकों के लिए यह ‘अनुभूति समावेशी पार्क’ बनाया जा रहा है। 
  • यह दुनिया का पहला समावेशी दिव्‍यांग पार्क है। 
    • 90 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में बन रहे इस पार्क के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लगभग 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
    • यहां दिव्‍यांगों के साथ-साथ आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है।

4. जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्‍द्र (JCBC):

  • केन्‍द्रीय श्रम, रोजगार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने आज गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, पिंजौर का दौरा किया और कहा कि प्रजनन के बाद गिद्धों को जंगल में छोड़ा जा सकता है। 
    • उन्होंने ‘जटायु गिद्ध प्रजनन केंद्र’ के विकास के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता उपलब्‍ध कराने का भी आश्वासन दिया।
  • वर्ष 2023-24 के दौरान जंगल में ओरिएंटल सफेद पीठ वाले गिद्धों को छोड़ने का प्रस्ताव किया गया है।
  • छोड़े गए गिद्धों पर कम से कम एक वर्ष तक उपग्रह ट्रांसमीटरों की सहायता से कड़ी निगरानी रखी जाएगी। 
    • यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे जंगली परिस्थितियों में अच्छी तरह से समायोजित हो जाएं और डाइक्लोफेनाक विषाक्तता के कारण कोई मृत्यु दर न हो, उनकी किसी भी व्यवहार संबंधी समस्या का पता लगाया जाएगा। 
    • इसके बाद गिद्धों को हर साल नियमित रूप से जंगल में छोड़ा जाएगा।
  • जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्‍द्र (जेसीबीसी) की स्थापना गिद्धों की तीन भारतीय गिप्स प्रजातियों- ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड, लॉन्ग-बिल्ड और स्लेंडर-बिल्ड गिद्धों की आबादी में नाटकीय रूप से आई गिरावट की जांच के लिए की गई थी। 
    • यह हरियाणा वन विभाग और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के बीच एक सहयोगी पहल है। 
    • इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य 15 वर्षों में गिद्धों की 3 प्रजातियों में से प्रत्येक के 25 जोड़ों की एक संस्थापक आबादी स्थापित करना और कम से कम 200 पक्षियों की आबादी का उत्पादन करना और उनका वन्‍य जीवन में पुन: प्रवेश कराना है।
  • यह केंद्र पूरे देश में मवेशियों के शवों के नमूने लेकर गिद्धों की जहरीली दवाओं, विशेष रूप से डाइक्लोफेनाक के पशु चिकित्सा उपयोग में बढोतरी की निगरानी करके जंगल में गिद्धों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लगातार प्रयास कर रहा है। 
    • यह केंद्र गिद्ध संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के लिए केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण का समन्वय कर रहा है। 
    • इस केंद्र को केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
    • वन्यजीव पर्यटन के संवर्धन और विकास के लिए विदेशी पक्षियों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को अन्य राज्यों से हरियाणा राज्‍य के पिपली, रोहतक और भिवानी प्राणी उद्यानों में लाया जा रहा है।

 

20 February PIB :- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 19 फरवरी 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

सम्बंधित लिंक्स:

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