विषयसूची:
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1. आईडीईएक्स-डीआईओ ने रक्षा नवाचार के लिए 150वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा:
विषय: सुरक्षा के लिए :देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा:आईडीईएक्स-डीआईओ से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
- आईडीईएक्स-डीआईओ ने पनडुब्बी की ध्वनि और गति का अनुकरण करने में सक्षम एक्सपेंडेबल मोबाइल एंटी-सबमरीन वारफेयर ट्रेनिंग टारगेट पर रक्षा नवाचार के लिए 150वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य:
- रक्षा उत्पादन विभाग की प्रमुख पहल, इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) ने अपने 150वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के साथ एक मील का पत्थर उपलब्धि हासिल कर ली है।
- यह अनुबंध डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (डीआईएससी 7) स्प्रिंट संस्करण की एक भारतीय नौसेना परियोजना से संबंधित है।
- इसका नाम ‘एक्सपेंडेबल मोबाइल एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) ट्रेनिंग टारगेट (ईएमएटीटी) जो पनडुब्बी की आवाज और गति का अनुकरण करने में सक्षम है’ और इसकी विजेता अल्टेयर इंफ्रासेक प्राइवेट लिमिटेड, पुणे थी ।
विवरण:
- इस चुनौती में पी8आई विमान, एमएच60आर हेलीकॉप्टरों, 10 समुद्री मील तक की गति वाले जहाजों और अन्य रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट से प्लेटफॉर्म पर कोई संशोधन किए बिना तैनात किए जाने में सक्षम प्रशिक्षण लक्ष्य के विकास की परिकल्पना की गई थी, जहां से ईएमएटीटी लॉन्च किए जाने की आवश्यकता है।
- आईडीईएक्स ने 26 जुलाई, 2022 को अपने 100वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के पांच महीने के भीतर यह उपलब्धि हासिल की ।
- आई-डीईएक्स फ्रेमवर्क को प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में रक्षा क्षेत्र में सह-निर्माण और सह-विकास का एक मंच प्रदान करने, स्टार्ट-अप को शामिल करने और देश में स्थापित रक्षा और एयरोस्पेस विकसित करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
- आईडीईएक्स को रक्षा उत्पादन विभाग के तहत स्थापित रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है ।
- थोड़े समय के भीतर आईडीईएक्स, जिसे वर्ष 2021 के लिए इनोवेशन श्रेणी में सार्वजनिक नीति के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है, डीआईएससी, प्राइम और ओपन चैलेंजेज़ जैसे अपने प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से रक्षा इको-सिस्टम में एक गेम चेंजर के रूप में उभरा है।
- आईडीईएक्स आवश्यक गति और रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट-अप का एक महत्वपूर्ण समूह बनाने में सक्षम रहा है।
- अब तक, आईडीईएक्स को डीआईएससी, प्राइम और ओसी के तहत व्यक्तिगत इनोवेटर्स, एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स से 6,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
- यह हजारों नौकरियां पैदा करने और भारत की प्रतिभा को वापस देश में आकर्षित करने में भी सक्षम रहा है।
- अक्टूबर 2022 में 2022 में आयोजित डेफएक्सपो के दौरान प्रधानमंत्री ने उद्योग और स्टार्ट-अप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में सशस्त्र बलों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए डीआईएससी 8 सहित मिशन डेफस्पेस लॉन्च किया था ।
- आईडीईएक्स, सेना के तीनों अंगों, डीपीएसयू, एमएसएमई और स्टार्ट-अप के सहयोग से भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने और अगले 25 वर्षों में वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र में बदलने के उद्देश्य से 5 बिलियन अमरीकी डालर यानी 40,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उत्पादों को विकसित करने का प्रयास कर रहा है।
- आईडीईएक्स यह सुनिश्चित करने के लिए पथ-प्रदर्शक गति से काम कर रहा है कि स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स के साथ इसके समझौते समय पर तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचें, अंततः उभरते हुए यूनिकॉर्न के लिए असंख्य विकल्प खोलें और साथ ही, सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करें।
2.रूस के रोसाटोम ने कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र के लिये अधिक उन्नत ईंधन विकल्प की पेशकश की:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय:भारत के हितों एवं द्विपक्षीय संबंधों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां और उनका प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: रोसाटोम,कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र।
मुख्य परीक्षा: भारत रूस संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- रूस के राजकीय नाभिकीय ऊर्जा निगम रोसाटोम ने कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र के लिये अधिक उन्नत ईंधन विकल्प की पेशकश की है।
विवरण:
- लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि टीवीएस-2 एम ईंधन सामग्रियों की पहली खेप रूस से मई-जून 2022 में प्राप्त हुईं तथा उन्हें कुडनकुलम संयंत्र की इकाई-1 में लगाया गया है, जो संतोषजनक काम कर रही हैं।
- केकेएनपीपी रियेक्टरों में यूटवीएस ईंधन सामग्रियों के 12 महीने के परिचालन चक्र की तुलना में टीवीएस-2एम ईंधन सामग्रियां 18 महीने के परिचालन चक्र के लिये सहायक होंगी।
- यूटीवीएस ईंधन सामग्रियां इकाई-2 में कार्यरत हैं।
- डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि रूस ने कुदनकुलम की इकाई 1 और 2 के रियेक्टरों के लिये टीवीएस श्रेणी के ईंधन के इस्तेमाल की जगह अधिक उन्नत ईंधन टीवीएस-2एम का प्रस्ताव किया है।
- उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों से विस्तृत चर्चा करने तथा टीवीएस-2एम श्रेणी की ईंधन सामग्रियों के बेहतर परिचालन पर गौर करने के बाद कुदनकुलम की इकाई 1 व 2 में यूटीवीएस ईंधन सामग्रियों की जगह टीवीएस-2एम ईंधन सामग्रियों के इस्तेमाल पर निर्णय किया जायेगा।
3. आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने अमृत 2.0 के अंतर्गत मैदानी स्तर पर पेयजल सर्वेक्षण आरंभ किया:
सामान्य अध्ययन:2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ;
प्रारंभिक परीक्षा: अमृत 2.0
प्रसंग:
- आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने नौ सितंबर, 2022 को अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के तहत पेयजल सर्वेक्षण का शुभारंभ किया था।
उद्देश्य:
- यह शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुये अमृत मिशन के लिये निगरानी प्रारूप तथा उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा।
- मंत्रालय ने 15 सितंबर, 2022 से मैदानी सर्वेक्षण की शुरूआत कर दी है।
विवरण:
- जल सुविधा सेवाओं, इस्तेमालशुदा जल सुविधा सेवाओं, जल स्रोतों, उपभोक्ता तक पहुंचने के पहले ही बेकार चले जाने वाले पानी के अनुमान, उत्कृष्ट व्यवहारों और नवाचारों पर विशेष ध्यान।
- सर्वेक्षण के परिणाम में शहरी स्थानीय निकायों में जल सुरक्षा की स्थिति का पता चलेगा और इससे सतत विकास लक्ष्य–6 को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 15 दिसंबर, 2022 से पेयजल सर्वेक्षण की शुरूआत कर दी है।
- आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने नौ सितंबर, 2022 को अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के तहत पेयजल सर्वेक्षण का शुभारंभ किया था, ताकि 500 (विलय के बाद 485) अमृत शहरों में जलस्रोतों के संरक्षण तथा इस्तेमालशुदा पानी को दोबारा इस्तेमाल करने व उसे री-साइकिल करने, सीवर और गदले पानी के प्रबंधन, जलापूर्ति के दायरे तथा पानी की गुणवत्ता व मात्रा के बारे में प्रदान की जाने वाली सेवाओं का मूल्यांकन किया जा सके।
- यह शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुये अमृत मिशन के लिये निगरानी प्रारूप तथा उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा।
- मंत्रालय ने तीसरी पक्षकार एजेंसी, आईपीएसओएस को सर्वेक्षण करने का जिम्मा दिया है।
- आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने सभी प्रतिभागी शहरी स्थानीय निकायों के लिये पेयजल सर्वेक्षण टूल-किट व वेब पोर्टल के बारे में क्षमता निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन किया।
- जल सुविधा सेवाओं, इस्तेमालशुदा जल सुविधा सेवाओं, जल स्रोतों, उपभोक्ता तक पहुंचने के पहले ही बेकार चले जाने वाले पानी के अनुमान, उत्कृष्ट व्यवहारों और नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रक्रिया इस प्रकार हैः
- सेवा स्तरों का आत्म-मूल्यांकनः शहरी स्थानीय निकाय ऑनलाइन पोर्टल पर दिये गये मानकों के अनुसार आत्म-मूल्यांकन करेंगे
- प्रत्यक्ष अवलोकनः मूल्यांकन-कर्ता शहरी स्थानीय निकायों में जाकर जल उपचार संयंत्रों, सीवर उपचार संयंत्रों/मलयुक्त गाद प्रबंधन संयंत्रों, जलस्रोतों आदि का सर्वेक्षण करेंगे तथा परीक्षण के लिये पानी के नमूने जमा करेंगे तथा फोटो खींचकर प्रमाण लेंगे।
- नागरिकों से फीडबैकः मूल्यांकन-कर्ता शहर के सभी हिस्सों से नागरिकों से फीडबैक लेंगे, ताकि शहरी स्थानीय निकायों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से संतुष्टि के स्तर का आकलन किया जा सके।
- सर्वेक्षण के तहत घरों में नल से जल और सीवर कनेक्शन, नागरिकों को आपूर्ति किये जाने वाले पानी की गुणवत्ता व मात्रा, शिकायतों के निस्तारण के प्रावधान, जलस्रोतों की स्थिति तथा अन्य मानकों का जायजा लिया जायेगा।
- सर्वेक्षण में शहरी स्थानीय निकायों की आय की स्थिति तथा जल व सीवर सेवाओं में किये जाने वाले खर्च को भी देखा जायेगा।
- नागरिकों को दृष्टिगत रखते हुये सर्वेक्षण को शामिल करते हुये नागरिकों द्वारा संचालित दायित्व प्रणाली बनाई जायेगी।
- शहरों को अंक दिये जायेंगे और शहर-जल रिपोर्ट कार्ड बनाया जायेगा।
- इसमें हर शहर के जल-स्वास्थ्य को दर्शाया जायेगा।
- सर्वेक्षण के परिणाम में शहरी स्थानीय निकायों में जल सुरक्षा की स्थिति का पता चलेगा और इससे सतत विकास लक्ष्य–6 को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.लोक सभा का नियम 193:
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने लोक सभा में नियम 193 के अंतर्गत देश में ड्रग्स की समस्या और इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर लघु चर्चा का जवाब दिया।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में पूरे देश के सामने नशा-मुक्त भारत का संकल्प रखा है और 2014 से इस दिशा में कई प्रयास किए गए हैं।
- केन्द्र सरकार की ड्रग्स के कारोबार और उसके मुनाफे से आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और सरकार सख्ती से इसे शून्य तक ले जाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
- एनडीपीएस के तहत सीमा सुरक्षा बल, एसएसबी और असम राइफल्स, तीनों को केस दर्ज करने के अधिकार दिए गए हैं, भारतीय तटरक्षक बल, राज्यों के कोस्टल पुलिस स्टेशन्स और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को भी अधिकार दिए गए हैं।
- ड्रग्स के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)और राज्यों की एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों को भी समन्वय के साथ काम करना होगा।
- इसके अलावा पुनर्वास और व्यसन मुक्ति के लिए समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग को भी साथ मिलकर काम करना होगा।
- ड्रग्स हमारे देश में सीमापार से ड्रोन, तस्करी, सुरंगों, बंदरगाहों और एयरपोर्ट के माध्यम से आता है लेकिन व्यापार बंद करना इस समस्या का समाधान नहीं है।
- केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गोल्डन ट्रायंगल में दक्षिण-पूर्व एशियाई देश हैं और गोल्डन क्रीसेंट में ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान हैं।
- उन्होंने कहा कि ड्रग्स डीलर के लिए वो गोल्डन ट्रायंगल और गोल्डन क्रीसेंट हो सकते हैं, लेकिन हम और हमारे युवाओं के लिए वे डेथ ट्रायंगल और डेथ क्रीसेंट हैं, ड्रग्स के खतरे के खिलाफ इस लड़ाई को जीतने के लिए दुनिया को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा।
- नारकोटिक्स के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई के तीन हिस्से हैं- संस्थागत संरचना की मजबूती, सभी नार्को ऐजेंसियों का सशक्तिकरण और समन्वय, और विस्तृत अभियान जागरुकता अभियान।
- सरकार द्वारा लिए गए प्रमुख इनीशिएटिव्स के तहत 2019 में 4-स्तरीय NCORD की स्थापना की गई थी और इसके अंतर्गत लिए गए बहुत सारे निर्णयों को राज्यों तक पहुंचाया गया है और उन्हे जिलों तक पहुंचाया गया है।
- आज तक देश के सिर्फ 32% जिलों में एनकॉर्ड समिति बनी है।
- इस समिति में नोडल एजेंसी के तौर पर एनसीबी को रखा गया है और इसके तहत भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक दल, ड्रग कंट्रोलर, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, नेशनल मैरीटाइम सिक्योरिटी, एनटीआरओ, पोर्ट ट्रस्ट, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, कोस्टल पुलिस और राज्य की नार्को एजेंसी आदि मिलकर कोऑर्डिनेशन का काम करते हैं।
- इसके लिए एक एनकॉर्ड पोर्टल भी बनाया गया है जिसे एनसीबी संचालित करती है और इसका काम डाटा इंटीग्रेशन का है। इस पोर्टल पर एक प्रकार से संपूर्ण सूचनाएं एक ही जगह उपलब्ध हो जाती हैं।
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लिंक किए गए लेख में 20 दिसंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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