विषयसूची:
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ट्राई ने नियामक ढांचे में संशोधन को अधिसूचित किया:
सामान्य अध्ययन: 3
आधारभूत संरचना:
विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवा शुल्क (तीसरा संशोधन) आदेश, 2022 और दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (चौथा संशोधन) विनियम, 2022 जारी किया है।
उद्देश्य:
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ट्राई ने वर्तमान संशोधनों में उन महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया है जो टैरिफ संशोधन आदेश 2020 को लागू करते समय उपभोक्ताओं को होने वाली असुविधा से बचने के लिए हितधारक समिति द्वारा सुझाए गए थे।
विवरण:
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केबल टीवी क्षेत्र के पूर्ण डिजिटलीकरण के अनुरूप, ट्राई ने 3 मार्च 2017 को प्रसारण और केबल सेवाओं के लिए ‘नया नियामक ढांचा’ अधिसूचित किया था।
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मद्रास उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में कानूनी जांच के बाद, 29 दिसंबर 2018 से नया ढांचा लागू हुआ।
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जैसे-जैसे नए नियामक ढांचे ने कुछ व्यावसायिक नियमों को बदला, कई सकारात्मक बातें सामने आई हैं।
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हालांकि,नए नियामक ढांचे 2017 के कार्यान्वयन पर, ट्राई को उपभोक्ताओं को प्रभावित करने वाली कुछ कमियों का पता चला।
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नए नियामक ढांचे के कार्यान्वयन के बाद उत्पन्न होने वाले कुछ मुद्दों को हल करने के लिए, हितधारकों के साथ उचित परामर्श प्रक्रिया के बाद, ट्राई ने 01.01.2020 को नए नियामक ढांचा 2020 को अधिसूचित किया।
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कुछ हितधारकों ने टैरिफ संशोधन आदेश 2020, इंटरकनेक्शन संशोधन विनियम 2020 और क्यूओएस संशोधन विनियम 2020 के प्रावधानों को मुंबई और केरल के उच्च न्यायालयों सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों में चुनौती दी।
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उच्च न्यायालयों ने कुछ प्रावधानों को छोड़कर नए नियामक ढांचे 2020 की वैधता को बरकरार रखा।
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नए नियामक ढांचे 2020 की नेटवर्क कैपेसिटी फी (NCF),मल्टी-टीवी होम्स और दीर्घकालीन सब्सक्रिप्शन से संबंधित प्रावधान पहले ही लागू किए जा चुके हैं।
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प्रत्येक उपभोक्ता अब 130 रुपये के अधिकतम NCF में 100 चैनलों के बजाय 228 टीवी चैनल प्राप्त कर सकता है।
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इसने उपभोक्ताओं को 2017 के ढांचे के अनुसार समान संख्या में चैनलों का लाभ उठाने के लिए अपने NCF को कम करने में सक्षम बनाया है, जिसकी अनुमानित लागत 40 से 50 रुपए के बीच अलग-अलग है।
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हालांकि नए टैरिफ ने एक सामान्य प्रवृत्ति को प्रतिबिंबित किया, यानी स्पोर्ट्स चैनलों सहित उनके सबसे लोकप्रिय चैनलों की कीमतों में 19 रुपए प्रति माह से अधिक की वृद्धि की गई।
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एक बुके में पे चैनलों को शामिल करने के संबंध में प्रावधानों की सीमा का अनुपालन करते हुए, ऐसे सभी चैनल जिनकी कीमत 12 रुपये प्रति माह से अधिक है। उसे बुके से बाहर रखा जाता है और केवल आ-ला-कार्टे (अलग-अलग) आधार पर पेश किया जाता है।
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नया नियामक ढांचा 2020 के कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और आगे का रास्ता सुझाने के लिए ट्राई के तत्वावधान में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IDBF), ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) और DTH एसोसिएशन के सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया गया था।
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समिति ने नया नियामक ढांचे 2020 से जुड़े कई मुद्दों पर विचार के लिए सूचीबद्ध किया। हालांकि हितधारकों ने ट्राई से उन महत्वपूर्ण मुद्दों को तुरंत हल करने का अनुरोध किया जो टैरिफ संशोधन आदेश 2020 के सुचारू कार्यान्वयन के लिए बाधाएँ पैदा कर सकते हैं।
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प्राधिकरण ने हितधारकों की टिप्पणियों का विश्लेषण किया है और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए टैरिफ आदेश 2017 और इंटरकनेक्शन विनियम 2017 में संशोधनों को अधिसूचित किया है।
संशोधनों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
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टीवी चैनलों के MRP पर फोरबेयरंस जारी रहेगा।
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संशोधनों की मुख्य विशेषताओं में टीवी चैनलों के MRP पर फोरबियरेंस की निरंतरता शामिल है और केवल उन्हीं चैनलों को बुके का हिस्सा बनने की अनुमति दी जाएगी जिनकी MRP 19 रुपये या उससे कम है।
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एक ब्रॉडकास्टर पे चैनलों के अपने बुके का मूल्य निर्धारण करते समय उस बुके में सभी पे चैनलों के MRP के योग से अधिक 45% की अधिकतम छूट की पेशकश कर सकता है।
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किसी पे चैनल के अधिकतम खुदरा मूल्य पर प्रसारक द्वारा प्रोत्साहन के रूप में दी जाने वाली छूट आ-ला-कार्टे (अलग-अलग आधार) के साथ-साथ बुके में उस चैनल की संयुक्त सदस्यता पर आधारित होगी।
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सभी प्रसारक 16 दिसंबर 2022 तक चैनलों के नाम, प्रकृति, भाषा, एमआरपी प्रति माह MRP और चैनलों के बुके की संरचना और MRP में किसी भी बदलाव की सूचना प्राधिकरण को देंगे और साथ ही साथ अपनी वेबसाइटों पर भी ऐसी जानकारी प्रकाशित करेंगे।
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टेलीविजन चैनलों के सभी वितरक 1 जनवरी 2023 तक प्राधिकरण, पे चैनलों के DRP और पे चैनलों के बुके, और पे और FTA चैनलों के बुके की संरचना को रिपोर्ट करेंगे और साथ ही साथ अपनी वेबसाइटों पर ऐसी जानकारी प्रकाशित करेंगे।
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टेलीविजन चैनलों के सभी वितरक यह सुनिश्चित करेंगे कि 1 फरवरी 2023 से ग्राहकों को सेवाएं उनके द्वारा चुने गए बुके या चैनलों के अनुसार प्रदान की जाएं।
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ट्राई ने वर्तमान संशोधनों में केवल उन महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया है जो टैरिफ संशोधन आदेश 2020 को लागू करते समय उपभोक्ताओं को असुविधा से बचने के लिए हितधारक समिति द्वारा सुझाए गए थे।
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हितधारक समिति ने भी ट्राई द्वारा बाद में विचार करने के लिए अन्य मुद्दों को भी सूचीबद्ध किया था।
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जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI, 2023) में भारत 2 स्थानों की छलांग लगा,8वें स्थान पर:
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: संरक्षण पर्यावरण प्रदुषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
प्रारंभिक परीक्षा: जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI, 2023, जी-20 से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत द्वारा जलवायु संरक्षण प्रयासों हेतु राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये गए उपायों के बारे में चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
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जलवायु परिवर्तन के प्रदर्शन के आधार पर भारत को विश्व के शीर्ष 5 देशों में एवं जी-20 देशों में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है।
उद्देश्य:
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जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय जलवायु राजनीति में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ ही उसे जलवायु संरक्षण प्रयासों एवं अलग-अलग देशों द्वारा की गई प्रगति की तुलना करने में सक्षम बनाना है।
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2005 के बाद से प्रति वर्ष प्रकाशित, जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) 59 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए एक स्वतंत्र निगरानी उपकरण है।
विवरण:
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जर्मनी में स्थित जर्मन वॉच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट तथा क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स–CCPI 2023) के अनुसार भारत ने 2 स्थानों की छलांग लगाईं है और अब वह 8 वें स्थान पर है।
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नवंबर 2022 में सीओपी 27 में जारी CCPI की नवीनतम रिपोर्ट में डेनमार्क, स्वीडन, चिली और मोरक्को को केवल ऐसे चार छोटे देशों के रूप में दिखाया गया है जो क्रमशः भारत से ऊपर चौथे, 5वें, 6वें और 7वें स्थान पर थे।
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किसी भी देश को पहला, दूसरा और तीसरा स्थान नहीं दिया गया। इसलिए, सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की रैंकिंग सबसे अच्छी है।
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CCPI हर वर्ष मूल्यांकन किए गए देशों के भीतर महत्वपूर्ण सार्वजनिक और राजनीतिक विचार–विमर्श शुरू करता है।
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इन 59 देशों का जलवायु संरक्षण प्रदर्शन, जो कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन का 92% हिस्सा है, का मूल्यांकन चार श्रेणियों में किया जाता है : GHG उत्सर्जन (समग्र प्राप्त अंकों (स्कोर) का 40%), नवीकरणीय ऊर्जा (समग्र स्कोर का 20%), ऊर्जा उपयोग (समग्र स्कोर का 20%) और जलवायु नीति (समग्र स्कोर का 20%)।
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भारत ने GHG उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च दर अर्जित की, जबकि जलवायु नीति और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक माध्यम-नवीकरणीय ऊर्जा के तेजी से उपयोग और ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों के लिए मजबूत ढांचे की दिशा में भारत की आक्रामक नीतियों ने काफी प्रभाव दिखाया है।
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CCPI के अनुसार, भारत अपने 2030 उत्सर्जन लक्ष्यों (2 डिग्री सेल्सियस से नीचे के परिदृश्य के साथ तारतम्य रखते हुए) को पूरा करने के लिए सही राह पर है।
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जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) द्वारा दी गई रैंकिंग भारत को शीर्ष 10 स्थानों में एकमात्र जी-20 देश के रूप में रखती है।
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यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि भारत अब जी -20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा और यह विश्व को अपनी जलवायु शमन नीतियों जैसे कि ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की तैनाती तथा अन्य ऊर्जा कार्यक्रमों के बारे में बताने का उपयुक्त समय होगा।
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विश्व स्तर पर शीर्ष 5वां स्थान पाना यह दर्शाता है कि भारत अब विश्व में किसी की भी तुलना में अक्षय क्षमता स्थापना जैसे ऊर्जा परिवर्तन कार्यक्रमों को बहुत तेज गति से लागू कर रहा है।
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उजाला, प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार’ (PAT) योजना तथा मानक और लेबलिंग कार्यक्रम जैसे मांग पक्ष के ऐसे विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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भारत ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता (भारत ऑस्ट्रेलिया ECTA):
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत ऑस्ट्रेलिया ECTA से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के लिए किन क्षेत्रों में आर्थिक रूप से लाभकारी होगा। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
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ऐतिहासिक भारत ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते ( भारत ऑस्ट्रेलिया ECTA ) के तहत ऑस्ट्रेलिया द्वारा 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शुल्क समाप्त किए जाएंगे।
उद्देश्य:
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ECTA अर्थव्यवस्था के कई सेक्टरों को, विशेष रूप से कपड़ा, रत्न एवं आभूषण तथा फार्मास्यूटिकल्स को अत्यधिक बढ़ावा देगा।
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ECTA के परिणामस्वरूप 10 लाख से अधिक रोजगारों के सृजन की उम्मीद है।
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इस समझौते से भारत में सेवा क्षेत्र के लिए भी नए अवसर खुलने की उम्मीद है और इससे छात्रों को प्रचुर लाभ मिलेगा जिन्हें ऑस्ट्रेलिया में काम करने का अवसर प्राप्त होगा।
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भारत के योग गुरुओं तथा शेफ के लिए 1800 का वार्षिक वीजा कोटा स्थापित किया जाना है।
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सरकार की कोशिश FTA में ‘मेल्ट एंड पोर’ प्रावधान के माध्यम से भारतीय इस्पात उद्योग की सुरक्षा करने की है।
विवरण:
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ECTA को बहुत व्यापक तथा संपूर्ण हितधारक परामर्शों के बाद अंतिम रूप दिया गया है।
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यह समझौता दोनों देशों के बीच विश्वास और भरोसे को और विश्व में भारत के बढ़ते कद को परिलक्षित करता है।
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ECTA एक जीवंत लोकतंत्र वाले देश ऑस्ट्रेलिया-भारत के संबंधों में और गहराई लाएगा।
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ऑस्ट्रेलिया भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार है और दोनों ही चार देशों के क्वाड, त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला पहल तथा भारत-प्रशांत आर्थिक फोरम ( IPEF ) के हिस्से हैं।
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ECTA के तहत सुविधा प्राप्त व्यापार संबंध साझा हितों तथा व्यापार सहयोगों के साथ दो जीवंत अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत- ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक साझीदारी पर एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा।
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दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरु किया गया यह समझौता बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है।
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ECTA एक दशक के बाद किसी विकसित देश के साथ किया गया भारत का पहला व्यापार समझौता है।
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इस समझौते में दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के संपूर्ण क्षेत्र में सहयोग सन्निहित है।
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यह ऑस्ट्रेलिया के सात लाख से अधिक भारतीय प्रवासियों, जो दूसरा सबसे बड़ा कर दाता डायस्पोरा है, के साथ भी जुड़ेगा जो ऑस्ट्रेलिया के समाज और अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान देता है।
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ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने एवं सुधार लाने के लिए एक संस्थागत तंत्र उपलब्ध कराता है।
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पिछले FTA के विपरीत, पहली बार, पूरी तरह प्रत्येक उद्योग, मंत्रालयों, व्यापार संघों आदि के साथ व्यापक हितधारक परामर्शों के आधार पर निर्णय लिए गए।
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ऐसी उम्मीद है कि इस समझौते के साथ, कुल द्विपक्षीय व्यापार पांच वर्षों में वर्तमान 31 बिलियन डॉलर से बढ़कर 45-50 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
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भारत के वस्तु व्यापार के 2026-27 तक 10 बिलियन डॉलर बढ़ जाने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, चूंकि श्रम केंद्रित सेक्टर लाभान्वित होंगे, ऐसी उम्मीद की जाती है कि इससे भारत में कम से कम 10 लाख अतिरिक्त रोजगार सृजित होंगे, निवेश के लिए पर्याप्त अवसरों का निर्माण होगा और स्टार्ट अप्स को भी बढ़ावा मिलेगा।
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इसी प्रकार, यह ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के लिए अधिक रोजगारों का सृजन करेगा तथा भारत में अधिक प्रेषित राशि आएगी।
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भारत के निर्यातों के लगभग 96 प्रतिशत कच्चे माल तथा इंटरमीडिएट उत्पाद होते हैं जो कई भारतीय उद्योगों को सस्ता कच्चा माल प्राप्त करने में सक्षम करेगा तथा उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
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निवेशों से उन्नत प्रौद्योगिकी के उच्चतर मूल्य उत्पादों की उपस्थिति बढ़ने में सहायता प्राप्त होगी जिससे मूल्य श्रृंखला (इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रोनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स तथा मेडिकल उपकरण) में वर्टिकल मूवमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
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फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में एक अन्य प्रमुख लाभ होगा जहां अन्य विकसित अधिकार क्षेत्र में स्वीकृत औषधियों को पैटेंटीकृत, जेनेरिक तथा बायोसिमिलर दवाओं के लिए त्वरित गति से स्वीकृति प्राप्त होगी।
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जहां तक सेवा क्षेत्र में व्यापार का संबंध है तो, ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 135 उप क्षेत्रों में जो IT, आईटीईएस, व्यवसाय सेवा, स्वास्थ्य, शिक्षा और ऑडियो विजुअल जैसे भारत के दिलचस्पी वाले क्षेत्रों को कवर करते हैं, व्यापक प्रतिबद्धताएं प्रस्तुत की हैं।
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सेवा क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रस्तुत कुछ प्रमुख प्रस्तावों में – शेफ एवं योग गुरुओं के लिए कोटा, पारस्परिक आधार पर भारतीय छात्रों के लिए 2-4 वर्षों के लिए पोस्ट स्टडी वर्क वीजा, व्यावसायिक सेवाओं तथा अन्य लाइसेंस प्राप्त/ विनियमित पेशों की आपसी स्वीकृति तथा युवा प्रोफेशनलों के लिए वर्क तथा होलीडे वीजा व्यवस्था शामिल हैं।
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इसके अतिरिक्त, इस समझौते के तहत आईटी/आईटीईएस से संबंधित दोहरा कराधान के तहत लंबे समय से विचाराधीन मुद्वों का समाधान कर दिया गया है जो उद्योग संगठनों से प्राप्त अनुमानों के अनुसार प्रति वर्ष 200 मिलियन डॉलर से अधिक की आर्थिक बचत में सहायक होगा।
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पृष्ठ्भूमि:
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भारत ऑस्ट्रेलिया ECTA जिस पर 2 अप्रैल 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे, वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया की संसद द्वारा भारत ऑस्ट्रेलिया ECTA बिल तथा DTAA बिल पारित किए जाने के साथ इसके आरंभिक कार्यान्वयन के लिए तैयार है तथा इसे शाही सहमति के लिए कार्यकारी परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
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दोनों पक्षों द्वारा एक परस्पर सुविधाजनक तिथि पर अपनी घरेलू प्रक्रियाओं को पूरी कर लेने के बाद जल्द ही यह समझौता लागू हो जाएगा।
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कुल मिला कर, व्यापक भारत ऑस्ट्रेलिया ECTA पहले से ही दोनों देशों के बीच गहरे, घनिष्ठ तथा रणनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ बनाएगा तथा वस्तुओं एवं सेवाओं के द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा, रोजगार के नए अवसरों का सृजन करेगा, जीवन स्तर को बढ़ाएगा तथा दोनों देशों के लोगों के सामान्य कल्याण में सुधार लाएगा।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग 2022 (आईपीआरडी):
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IPRD भारतीय नौसेना का एक शीर्ष स्तर का अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन है, और रणनीतिक स्तर पर नौसेना के कार्यकलाप की मुख्य अभिव्यक्ति है।
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नेशनल मेरीटाइम फाउंडेशन (NMF) इस आयोजन के प्रत्येक संस्करण में नौसेना का ज्ञान भागीदार तथा मुख्य आयोजक है।
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IPRD विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहता है और क्षेत्रीय व प्रासंगिक समुद्री मुद्दों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देना चाहता है।
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ट्रैक 1.5 आयोजन होने के नाते इसका लक्ष्य सार्वजनिक नीति पर चर्चा को प्रोत्साहित करना है, आईपीआरडी सरकार और गैर-सरकारी एजेंसियों एवं संस्थानों से संतुलित प्रतिनिधित्व के लिए प्रयास करता है।
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IPRD के पहले दो संस्करण 2018 और 2019 में क्रमशः नई दिल्ली में आयोजित किए गए थे। कोविड -19 प्रकोप के कारण IPRD 2020 रद्द कर दिया गया था।
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IPRD का तीसरा संस्करण 2021 में ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया था।
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IPRD के प्रत्येक क्रमिक संस्करण का उद्देश्य इंडो-प्रशांत क्षेत्र के भीतर उत्पन्न होने वाले अवसरों एवं चुनौतियों दोनों की समीक्षा करना है।
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इस वार्षिक संवाद के माध्यम से भारतीय नौसेना एवं NMF, इंडो-प्रशांत क्षेत्र के सामुद्रिक डोमेन को प्रभावित करने वाले भूरणनीतिक विकास से संबंधित गंभीर चर्चाओं के लिए एक मंच प्रदान करता है।
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IPRD का चौथा संस्करण 23 नवंबर से 25 नवंबर 2022 तक आयोजित किया जाना है। IPRD -2022 का विषय ‘ऑपेरशनलाइज़िंग द इंडो पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव (IPOI)’ है जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 04 नवंबर 2019 को 14वीं पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में बैंकाक में व्यक्त किया गया था।
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IPOI क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक व्यापक एवं समावेशी ढांचा है जो सात इंटरकनेक्टेड स्तंभों पर टिका है: समुद्री सुरक्षा, समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्री संसाधन, आपदा जोखिम में कमी एवं प्रबंधन, व्यापार-कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन, क्षमता निर्माण एवं संसाधन साझाकरण और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अकादमिक सहयोग।
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सरकार की प्रमुख समुद्री सुरक्षा एजेंसी होने के नाते भारतीय सेना IPOI के सात स्तंभों में से प्रत्येक को अमलीजामा पहनाने में लगी हुई है।
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इंडो-प्रशांत रीजनल डायलॉग (IPRD-2022) का 2022 संस्करण उचित रूप से IPOI एवं इसके क्रियान्वयन पर केंद्रित है- जिसमें अन्य विषयों के साथ साथ विशेष रूप से ‘समुद्री सुरक्षा’ पर ध्यान दिया जाना है।
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IPRD -2022 नई दिल्ली में भौतिक प्रारूप में आयोजित किया जाएगा जिसमें 23 से 25 नवंबर 2022 से तीन दिवसीय अवधि में छह पेशेवर सत्र होंगे।
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आयोजन के अंतर्गत विश्व स्तर पर प्रसिद्ध वक्ता एवं प्रतिष्ठित पैनलिस्ट यह जानने की कोशिश करेंगे कि आईपीओआई में निर्धारित सामुद्रिक सहयोग के क्षेत्रों को किस प्रकार समावेशी रूप से अधिकतम तरीक़े से क्रियान्वित किया जा सकता है।
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IPRD -2022 के विषयानुसार व्यवस्थित छह सत्र यह हैं: (1) वीविंग द फेब्रिक ऑफ हॉलिस्टिक मेरीटाइम सिक्योरिटी इन द इंडो पैसिफिक: मल्टीलेटरल ऑप्शन्स; (2) कंस्ट्रक्टिंग हॉलिस्टिक सिक्योरिटी ब्रिजेज अक्रॉस द वेस्टर्न एंड ईस्टर्न मेरीटाइम एक्सपेंस ऑफ द इंडो पैसिफिक; (3) बिल्डिंग मेरीटाइम कनेक्टिविटी: पोर्ट्स, ट्रेड एंड ट्रांसपोर्ट; (4) कैपेसिटी बिल्डिंग एंड कैपेबिलिटी एनहांसमेंट लेवेरेजिंग द फिज़िकल एंड सोशल साइंसेज़; (5) प्रैक्टिकल अप्रोचेज़ टू ए रीजनल ब्लू इकॉनमी; (6) डिजास्टर रिस्क-रिडक्शन एंड मैनेजमेंट; सॉल्यूशन्स फ़ॉर स्माल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (एसआईडीएस) एंड वलनरेबल लिटोरल स्टेट।
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22 नवंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 21 नवंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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