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विषयसूची:

  1. वन वर्ल्ड टीबी शिखर सम्‍मेलन
  2. प्रोजेक्ट हिमशक्ति
  3. नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन
  4. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं के लिए नियत सब्सिडी को मंजूरी दी गई

1.वन वर्ल्ड टीबी शिखर सम्‍मेलन:

सामान्य अध्ययन: 2

स्वास्थ्य:

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित विषय

प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: विश्व क्षय रोग दिवस, राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के बारे में 

संदर्भ:

  • प्रधानमंत्री ने वाराणसी में वन वर्ल्ड टीबी शिखर सम्‍मेलन 2023 का उद्घाटन किया। 

विवरण:

  • विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने वन वर्ल्ड टीबी शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। 
  • यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप द्वारा आयोजित किया जा रहा है। 
    • 2001 में स्थापित, स्टॉप टीबी पार्टनरशिप संयुक्त राष्ट्र द्वारा की मेजबानी वाला संगठन है जो टीबी से प्रभावित लोगों, समुदायों और देशों की आवाज़ की विस्‍तार से व्‍याख्‍या करता है।
  • कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने लघु टीबी निवारक उपचार (TPT), टीबी-मुक्त पंचायत की आधिकारिक अखिल भारतीय शुरुआत, टीबी के लिए परिवार पर केन्‍द्रित देखभाल मॉडल और भारत की वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2023 जारी करने सहित विभिन्न पहलों की भी शुरुआत की।
  • प्रधानमंत्री ने वाराणसी में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला केन्‍द्र की आधारशिला रखी तथा महानगर सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी इकाई के स्‍थान का भी उद्घाटन किया। 
  • प्रधानमंत्री ने टीबी को समाप्त करने की दिशा में कुछ चुनिंदा राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों और जिलों की प्रगति के लिए उन्‍हें सम्मानित भी किया।
    • राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश स्तर पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्‍यों में कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर तथा जिला स्तर पर नीलगिरी, पुलवामा और अनंतनाग जिले थे।

पृष्ठभूमि:

  • मार्च 2018 में, माननीय प्रधानमंत्री ने 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई थी, जबकि शेष विश्व में 2030 तक टीबी से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। 
  • इसके तुरंत बाद, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) की रणनीति में संशोधन किया गया और विभिन्न रोगी-केंद्रित योजनाओं और पहलों की शुरुआत की गई। 
  • 2022 में, भारत में टीबी रोगियों की अब तक की सबसे अधिक सूचना प्राप्त हुई थी। 2013 में 14 लाख रोगियों की तुलना में 2022 में 24.22 लाख से अधिक टीबी के मामलों का पता चला था जो प्रत्येक रोगी तक पहुंच कायम करने में भारत के कार्यक्रम की प्रभावशीलता को दर्शाता है। 
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी, संक्रमित मरीजों की खोज, हेल्थ एंड वैलनेस केंद्रों के माध्यम से सेवाओं का विकेंद्रीकरण, सामुदायिक जुड़ाव और नि-क्षय पोषण योजना जैसी रणनीतियों ने भारत के टीबी प्रबंधन से जुड़े प्रयासों को बदल दिया है और इसे रोगी केंद्रित बना दिया है।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप द्वारा आयोजित वन वर्ल्ड टीबी शिखर सम्मेलन ने दुनिया के लिए भारत की टीबी शिक्षा को ऐसे समय में प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया जब देश G20 देशों का नेतृत्व कर रहा है।

टीबी (यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग) के बारे में:

  • तपेदिक या ट्यूबरोक्युलोसिस (टी.बी) मायकोबेक्टिरियम ट्यूबरोक्युलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है।
  • तपेदिक का फैलाव इस रोग से ग्रस्‍त व्‍यक्ति द्वारा लिए जानेवाले श्‍वास-प्रश्‍वास (सांस के दौरान छोड़ी गई हवा) के द्वारा होता है। केवल एक रोगी पूरे वर्ष के दौरान 10 से भी अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है।

लक्षण:

  • टी.बी. के साधारण लक्षण इस प्रकार हैं:
    • तीन सप्‍ताह या अधिक समय से खांसी, कभी-कभी थूक में खून आना। 
    • ज्‍वर, विशेषत:रात के समय। 
    • वजन कम होना। 
    • भूख में कमी आना। 

टीकाकरण: 

  • टी.बी. का टीका- बीसीजी (BCG), बच्‍चों में तपेदिक के प्रसार को कुछ सीमा तक कम करता है।

उपचार:

  • डायरेक्‍टली ऑबज़र्व्ड ट्रीटमेन्‍ट, शॉर्ट-कोर्स (DOTS) टी.बी. के उपचार के लिये अनुसरित की गई नीति है। तपेदिक के उपचार के लिये कम से कम छह महीने के उपचार की आवश्‍यकता होती है।

राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम:

  • क्षय रोग (टीबी) नियंत्रण कार्यक्रम को देश में लागू किए पचास वर्षों से अधिक हो गए हैं। 
  • राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 1962 से केन्द्र और राज्यों के बीच 50ः50 की हिस्सेदारी से संचालित है।
  • वर्ष 1992 में कार्यक्रम की समीक्षा की जरूरत महसूस की गई क्योंकि राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम से केवल 30% मरीजों का निदान हो पाता था और उनमें से केवल 30% मरीज ही ठीक हो पाते थे। 
  • राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा के बाद 1993 में संशोधित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम देश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया था।
  • संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (जिसे अब राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के रूप में जाना जाता था) के तहत वर्ष 2025 तक भारत को ​​​​​​​टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.प्रोजेक्ट हिमशक्ति:

  • रक्षा मंत्रालय ने हैदराबाद स्थित भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ लगभग 3,000 करोड़ रुपये के दो एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली ‘प्रोजेक्ट हिमशक्ति’ की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। 
  • यह परियोजना खरीदें {भारतीय-IDMM (स्वदेशी रूप से विकसित डिजाइन और निर्मित)} श्रेणी के तहत है, जिसमें समकालीन और उन्नत प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
  • ‘प्रोजेक्ट हिमशक्ति’ MSME सहित भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और संबद्ध उद्योगों, जो भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के उप-विक्रेता हैं, की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी। 
  • इसके अलावा यह दो साल की अवधि में लगभग तीन लाख मानव-दिवस रोजगार उत्पन्न करेगी। 
  • यह परियोजना सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने को लेकर स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

2.‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन:

  • केंद्रीय गृह मंत्री ने आज कर्नाटक के बेंगलुरु में ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। 
  • इस सम्मेलन में 5 दक्षिणी राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 
  • गृह मंत्रालय ने मादक पदार्थों पर कार्रवाई करने के लिए एक त्रि-आयामी सूत्र अपनाया है। इस त्रि-आयामी सूत्र में संस्थागत संरचनाओं को मजबूत करना, नशीली दवाओं की रोकथाम से जुड़ी सभी एजेंसियों का सशक्तिकरण एवं उनके बीच समन्वय करना और एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाना शामिल है।
  • देश से ड्रग्स को ख़त्म करने के लिए मोदी सरकार के अभियान के चार प्रमुख स्तंभ हैं: ड्रग्स की पहचान, ड्रग्स नेटवर्क का विनाश, दोषियों की गिरफ्तारी और नशा करने वालों का पुनर्वास। 
  • केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी राज्यों द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए NCORD पोर्टल और NIDAAN प्लेटफॉर्म का समुचित उपयोग पर भी जोर दिया।
  • इसके अलावा, उन्होंने स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम (NDPS) के विभिन्न प्रावधानों को भी सख्ती से लागू करने पर जोर दिया।

3.प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं के लिए नियत सब्सिडी को मंजूरी दी गई:

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति वर्ष 12 रिफिल तक 14.2 किलोग्राम के एक सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। 
  • सब्सिडी सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है।
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) वर्ष 2016 में शुरू की गई एक फ्लैगशिप योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के लिए रसोई गैस (LPG) ईंधन को उपलब्ध कराना है, जो खाना पकाने हेतु लकड़ी, कोयला, गाय के गोबर से बने केक जैसे पारंपरिक ईंधनों का उपयोग करते हैं।
  • इस योजना के तहत मूल रूप से गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं को 50 मिलियन LPG कनेक्शन वितरण की परिकल्पना की गई थी। बाद में, इसे बढ़ा दिया गया था।
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 1 मार्च 2023 तक 9.59 करोड़ लाभार्थी हैं।

 

24 March PIB :- Download PDF Here

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