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27 जुलाई 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. मोबाइल सेवा से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं के लिए कुल 26,316 करोड़ रुपये की  परियोजना को मंजूरी:

  2. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी:

  3. भारत में ‘फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) अंडर-17 महिला विश्व कप 2022’ की मेजबानी को मंजूरी:

  4. कैबिनेट ने ब्राजील में बीएम-एसईएएल-11 परियोजना के लिए अतिरिक्त निवेश की मंजूरी दी:

  5. अंतरराष्ट्रीय रासायनिक सुरक्षा कार्ड (आईसीएससी) पर आईएलओ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए:

  6. समुद्री प्रदूषण:

  7. भारत ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है:

  8. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनआईआरडीपीआर और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग (यूओआर) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी:

  9. केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) का स्थापना दिवस:

  10. वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष:

  1. मोबाइल सेवा से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं कुल 26,316 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना को मंजूरी:

    सामान्य अध्ययन: 2

    शासन:

    विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां,संस्थान,उनमे हस्तक्षेप एवं डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। 

    प्रारंभिक परीक्षा: 4जी मोबाइल सेवा। 

    प्रसंग: 

    • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर के समस्‍त मोबाइल सेवा से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी, जिस पर 26,316 करोड़ रुपये की कुल लागत आएगी।

    उद्देश्य:

    • वर्ष 2021 में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं को पूर्णता प्रदान करने का आह्वान किया था।

    • इस परियोजना के तहत देश के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में अवस्थित 24,680 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

    • इस परियोजना में पुनर्वास, नई बस्तियों, मौजूदा ऑपरेटरों द्वारा अपनी सेवाओं को वापस ले लेने, इत्‍यादि को ध्‍यान में रखते हुए 20 प्रतिशत अतिरिक्त गांवों को शामिल करने का प्रावधान है।

    • इसके अलावा, केवल 2जी/3जी कनेक्टिविटी वाले 6,279 गांवों को अपग्रेड करके वहां 4जी कनेक्टिविटी सुलभ कराई जाएगी।

    विवरण:

    • इस परियोजना को बीएसएनएल द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक के जरिए कार्यान्वित किया जाएगा और इसका वित्त पोषण यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के जरिए किया जाएगा।

    • 26,316 करोड़ रुपये की परियोजना लागत में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और 5 साल का परिचालन व्यय (ओपेक्स) शामिल है।

    • बीएसएनएल पहले से ही ‘आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक’ का उपयोग करने की प्रक्रिया में है, जिसका उपयोग इस परियोजना में भी किया जाएगा।

    • यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के सरकार के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    • इस परियोजना से मोबाइल ब्रॉडबैंड के माध्यम से विभिन्न ई-गवर्नेंस सेवाएं, बैंकिंग सेवाएं, टेली-मेडिसिन, टेली-एजुकेशन, इत्‍यादि सुलभ कराने को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा।

    • सभी के लिए डिजिटल समावेश और कनेक्टिविटी सरकार के ‘अंत्योदय’ विजन का एक अभिन्न हिस्‍सा है।

    • पिछले साल सरकार ने 5 राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7,287 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने की परियोजना को मंजूरी दी थी।

  2. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी:

    सामान्य अध्ययन: 2,3

    शासन,आर्थिक विकास: 

    विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां,संस्थान, हस्तक्षेप एवं उनका समाज के विकास में योगदान। 

    प्रारंभिक परीक्षा: बीएसएनएल ।

    मुख्य परीक्षा: इस रिवाइवल योजना के लागू होने से बीएसएनएल में होने वाले परिवर्तनों एवं उसके महत्व पर चर्चा कीजिए।    

    प्रसंग:

    • बीएसएनएल को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने के लिए, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹ 1.64 लाख करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी।

    उद्देश्य:

    • मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित पुनरुद्धार उपायों के माध्यम से भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड (बीबीएनएल) का बीएसएनएल में विलय करके बीएसएनएल सेवाओं के उन्नयन, स्पेक्ट्रम आवंटन, इसकी बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करना और इसके फाइबर नेटवर्क को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

    विवरण:

    अ. बीएसएनएल सेवाओं का उन्नयन:

    • 1. स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन: मौजूदा सेवाओं में सुधार और 4जी सेवाएं प्रदान करने के लिए, बीएसएनएल को इक्विटी निवेश द्वारा ₹ 44,993 करोड़ की लागत से 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा।

      • इस स्पेक्ट्रम के द्वारा, बीएसएनएल बाजार में प्रतिस्पर्धा करने और ग्रामीण क्षेत्रों सहित अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करके हाई स्पीड डेटा प्रदान करने में सक्षम होगा।

    • 2. कैपेक्स के लिए वित्तीय सहायता: स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए, बीएसएनएल आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक का उपयोग करने की दिशा में अग्रसर है।

      • अगले 4 वर्षों के लिए अनुमानित पूंजीगत व्यय के लिए, सरकार ₹ 22,471 करोड़ कैपेक्स फंड देगी।

    • 3. ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण: वाणिज्यिक अव्यवहार्यता के बावजूद, बीएसएनएल सरकार के सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में वायरलाइन सेवाएं प्रदान कर रहा है।

      • सरकार 2014-15 से 2019-20 के दौरान किए गए व्यावसायिक रूप से ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में बीएसएनएल को ₹ 13,789 करोड़ प्रदान करेगी।

    • 4. अधिकृत पूंजी में वृद्धि: एजीआर बकाया के निपटान, कैपेक्स के प्रावधान और स्पेक्ट्रम के आवंटन के बदले बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी को ₹ 40,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹ 1,50,000 करोड़ किया जाएगा।

    ब. बीएसएनएल की बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करना:

    • 5. ऋण पुनर्गठन: सरकार इन पीएसयू को दीर्घकालिक ऋण लेने के लिए सॉवरेन गारंटी देगी जो ₹ 40,399 करोड़ की राशि तक के दीर्घकालिक बॉन्ड लेने में सहायक होगी।

      • इससे मौजूदा ऋण के पुनर्गठन और बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करने में मदद मिलेगी।

    • 6. एजीआर बकाया के लिए वित्तीय सहायता: बैलेंस शीट को और बेहतर बनाने के लिए, बीएसएनएल की ₹ 33,404 करोड़ की एजीआर बकाया राशि को इक्विटी में परिवर्तित करके चुकाया जाएगा।

      • एजीआर/जीएसटी बकाया के निपटारे के लिए सरकार बीएसएनएल को धन उपलब्ध कराएगी।

    • 7. प्रेफरेंस शेयरों को पुन: जारी करना: बीएसएनएल सरकार को ₹ 7,500 करोड़ के प्रेफरेंस शेयर पुन: जारी करेगा।

    स. बीएसएनएल फाइबर नेटवर्क का संवर्धन:

    • 8. बीबीएनएल और बीएसएनएल का विलय: भारतनेट के तहत निर्मित बुनियादी ढांचे के व्यापक उपयोग के लिए, भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा।

      • भारतनेट के तहत सृजित बुनियादी ढांचा राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए बिना भेदभाव के उपलब्ध होगा।

    • इन उपायों के द्वारा, बीएसएनएल अपनी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने, 4जी सेवाओं को शुरू करने और वित्तीय रूप से सक्षम होगा।

      • यह उम्मीद की जाती है कि इस रिवाइवल योजना के लागू होने से बीएसएनएल वित्त वर्ष 2026-27 में लाभ अर्जित करने लगेगा ।

  3. भारत में ‘फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) अंडर-17 महिला विश्व कप 2022’ की मेजबानी को मंजूरी:

    सामान्य अध्ययन: 3

    शासन 

    विषय: खेल के क्षेत्र में विकास के लिए सरकारी मंजूरी, हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। 

    प्रारंभिक परीक्षा: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ),फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा)। 

    प्रसंग: 

    • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में ‘फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) अंडर-17 महिला विश्व कप 2022’ की मेजबानी के लिए हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है।

    उद्देश्य:

    • ‘फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022’ भारत में 11 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2022 के बीच आयोजित किया जाएगा।

    • द्विवार्षिक युवा टूर्नामेंट का सातवां संस्करण पहला ऐसा फीफा महिला टूर्नामेंट होगा जिसकी मेजबानी भारत करेगा।

    विवरण:

    वित्तीय परिव्यय:

    • अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को खेल के मैदान के रख-रखाव, स्टेडियम में बिजली, ऊर्जा एवं केबल बिछाने, स्टेडियम और प्रशिक्षण स्‍थलों की ब्रांडिंग, इत्‍यादि के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान है ।

      • फुटबॉल के नेतृत्व और निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना।
      • भारत में अधिक से अधिक बालिकाओं को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित करना।
      • छोटी उम्र से ही समान खेल की अवधारणा को सामान्य बनाकर महिला-पुरुष भागीदारी को बढ़ावा देना।
      • भारत में महिलाओं के लिए फुटबॉल मानकों को बेहतर करने का अवसर प्रदान करना।
      • महिलाओं के खेल का व्यावसायिक महत्व बढ़ाना

    औचित्य:

    • फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप एक प्रतिष्ठित आयोजन है और यह भारत में पहली बार आयोजित किया जाएगा।

      • यह अधिक से अधिक युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इसके साथ ही भारत में फुटबॉल के खेल को विकसित करने में मदद करेगा।

      • इस आयोजन से न केवल भारतीय बालिकाओं के बीच पसंदीदा खेल के रूप में फुटबॉल को काफी बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह एक चिरस्थायी विरासत भी अपने पीछे छोड़ जाएगा।

    पृष्ठ्भूमि:

    • फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 17 साल से कम उम्र या इस आयु तक की महिला खिलाड़ियों के लिए फीफा द्वारा आयोजित विश्व चैंपियनशिप है।

      • यह आयोजन वर्ष 2008 में शुरू हुआ था और यह परंपरागत रूप से सम-संख्या वाले वर्षों में आयोजित किया जाता है।

      • इस का छठा संस्करण उरुग्वे में 13 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर, 2018 तक आयोजित किया गया था।

      • स्पेन फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप का मौजूदा चैंपियन है। फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप भारत 2022 इस टूर्नामेंट का 7वां संस्करण होगा जिसमें भारत सहित 16 टीमें भाग लेंगी।

      • एआईएफएफ ने इस प्रतियोगिता के मैचों को 3 स्थानों पर आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है; (ए) भुवनेश्वर; (बी) नवी मुंबई और (सी) गोवा।

      • भारत ने 6 अक्टूबर से 28 अक्टूबर, 2017 तक देश में नई दिल्ली, गुवाहाटी, मुंबई, गोवा, कोच्चि और कोलकाता जैसे 6 अलग-अलग स्थानों पर फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप 2017 की सफलतापूर्वक मेजबानी भारत ने की थी।

  4. कैबिनेट ने ब्राजील में बीएम-एसईएएल-11 परियोजना के विकास के लिए अतिरिक्त निवेश की मंजूरी दी:

    सामान्य अध्ययन: 2,3

    अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध,आर्थिक विकास:

    विषय:भारत के आर्थिक हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,अंर्तष्ट्रीय संघठनों का प्रभाव।   

    प्रारंभिक परीक्षा: भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) 

    मुख्य परीक्षा: भारत-ब्राजील संबंधों पर एक लेख लिखिए।   

    प्रसंग:

    • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिटेड (बीपीआरएल) द्वारा ब्राजील में बीएम-एसईएएल-11 रियायत परियोजना के विकास के लिए 1,600 मिलियन डॉलर (लगभग 12,000 करोड़ रुपये) के अतिरिक्त निवेश की मंजूरी दी है।

    उद्देश्य:

    ए) भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इक्विटी तेल तक पहुंच में सहायक होगी।

    बी) भारत की कच्चे तेल की आपूर्ति में विविधता लाने में, भारतीय तेल कंपनियों ने ब्राजील से अधिक कच्चे तेल की आपूर्ति में रुचि दिखाई  है।

    सी) ब्राजील में भारत की पैठ मजबूत होने से पड़ोसी लैटिन अमेरिकी देशों में व्यापार के और रास्ते खुलेंगे।

    डी) दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबध मजबूत होंगे

    विवरण:  

    सीसीईए ने निम्नलिखित की भी मंजूरी दी:

    1. बीपीसीएल द्वारा बीपीआरएल की इक्विटी निवेश सीमा और कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी में वृद्धि, इसे 15,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये (समय-समय पर बीपीसीएल द्वारा खरीदे जाने के लिए) करना।
    2. इंटरमीडिएट डब्ल्यूओएस के माध्यम से बीपीआरएल इंटरनेशनल बीवी द्वारा इंटरनेशनल बीवी ब्रासील पेट्रोलो लिमिटाडा में इक्विटी निवेश की सीमा को 5,000 करोड़ रुपये की मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये करने के लिए अधिकृत करना, यानी 10,000 करोड़ रुपये की वृद्धिकरना
    • बीएम-एसईएएल-11 परियोजना में 2026-27 से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
    • इस रियायत में बीपीआरएल का भागीदारी हित (पीआई) 40 प्रतिशत है, जिसमें ब्राजील की राष्ट्रीय तेल कंपनी पेट्रोब्रास की भागीदारी 60 प्रतिशत है।
    • बीपीआरएल, 2008 से ब्राजील में इस परियोजना के अन्वेषण और विकास कार्य से जुड़ी हुई है।
  5. अंतरराष्ट्रीय रासायनिक सुरक्षा कार्ड (आईसीएससी) पर आईएलओ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए:

    सामान्य अध्ययन: 2,3

    शासन,अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

    विषय: भारत के श्रमिक वर्ग के हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,अंर्तष्ट्रीय संघठनों का प्रभाव।  

    प्रारंभिक परीक्षा:अंतरराष्ट्रीय रासायनिक सुरक्षा कार्ड (आईसीएससी)।  

    प्रसंग: 

    • केंद्रीय रसायन और उर्वरक व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय रासायनिक सुरक्षा कार्ड (आईसीएससी) को अपनाने के लिए डीसीपीसी और आईएलओ के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

    उद्देश्य:

    • डीसीपीसी और आईएलओ के बीच यह समझौता ज्ञापन देश में सुरक्षा नियमों को लागू करने के हमारे प्रयासों को और आगे बढ़ाएगा।

    • अंतरराष्ट्रीय रासायनिक सुरक्षा कार्ड (आईसीएससी) डेटा शीट हैं, जिनका उद्देश्य रसायनों के बारे में जरूरी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करना है।

    • इस कार्ड का प्राथमिक उद्देश्य कार्यस्थल में रसायनों के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना है। इसमें मुख्य उपयोगकर्ता श्रमिक होते हैं और जो व्यावसायिक सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार हैं।

    विवरण:

    अंतरराष्ट्रीय रासायनिक सुरक्षा कार्ड (आईसीएससी):

    • अंतरराष्ट्रीय रासायनिक सुरक्षा कार्ड (आईसीएससी) का उपयोग कार्यस्थल पर रसायनों के खतरे की उपयुक्त जानकारी को आसान तरीके से प्रसारित करने के लिए किया जाएगा।

    • वर्तमान में 1784 रसायन सुरक्षा कार्ड उपलब्ध हैं। आईसीएसएसी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ओर यूरोपीय आयोग के सहयोग से विकसित किया गया है।

    • ये कार्ड कार्यस्थल पर रसायनों के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग संघों को रसायनों पर उपयुक्त खतरे की जानकारी के प्रसार को लेकर सहायक हैं।

  6. समुद्री प्रदूषण:

    सामान्य अध्ययन: 3

    प्रदूषण: 

    विषय: जल प्रदूषण  

    प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय तटतीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर)। 

    मुख्य परीक्षा: तटीय राज्यों में प्रदूषण की रोकथाम के लिये कार्य-योजना पर चर्चा कीजिए।   

    प्रसंग: 

    • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सम्बदध कार्यालय राष्ट्रीय तटतीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर), तटीय जल में 10 मीटर गहराई पर तैरने वाले चिह्न, यानी उत्प्लव (ब्वॉय) लगाये हैं, ताकि तटतीय जल की गुणवत्ता की वास्तविक समय पर जानकारी मिल सके।

    उद्देश्य:

    • इन आंकड़ों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ साझा किया जायेगा।

    विवरण:

    • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सभी तटीय राज्य प्रदूषण बोर्डों (एसपीसीबी) और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रदूषण नियंत्रण समितियों (पीसीसी) को निर्देश दिया है कि वे तटीय प्रदूषण की रोकथाम के लिये कार्य-योजना तैयार करें।

    • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीनस्थ राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र इस कार्य में सभी एसपीसीबी और पीसीसी की सहायता कर रहा है।

    • वैज्ञानिक और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिये एनसीसीआर ने कई पहलें की हैं।

    • जल की गुणवत्ता की निरंतर निगरानी करने के लिये तटों के आसपास जल-गुणवत्ता उत्प्लवों को लगाया जा रहा है।

    • जैव नमूनों की पहचान और विश्लेषण की पारंपरिक पद्धति के साथ-साथ मोलेक्युलर उपकरणों जैसी उन्नत तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

    • विश्व के अग्रणी समुद्र-विज्ञान संस्थानों (जेएएमएसटीईसी, जापान; सीईएफएएस, यूके; एनआईवीए, नॉर्वे) के साथ सहयोग किया जा रहा है।

    • मैरीन स्पेशल प्लानिंग, मैरीन लिटर मॉनीटरिंग, कोस्टल फ्लडिंग जैसे नये अनुसंधान कार्यक्रमों को शुरू किया गया है।

  7. भारत ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है:

    सामान्य अध्ययन: 2

    स्वास्थ्य: 

    विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां,संस्थान उनमे हस्तक्षेप एवं डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

    प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम, प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता।  

    प्रसंग: 

    • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्‍याण राज्य मंत्री ने दिल्ली में राष्ट्रीय परिवार नियोजन शिखर सम्मेलन 2022 की अध्यक्षता की।

    उद्देश्य:

    • भारत परिवार नियोजन के महत्व को जल्दी ही समझ गया और 1952 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।

    विवरण:

    • परिवार नियोजन सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने का प्रयास करते हुए नवीनतम सर्वेक्षण रिपोर्टों के अनुसार भारत ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है, जिसमें 31 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने 2.1 या उससे कम की कुल प्रजनन दर हासिल की है।

    • आधुनिक गर्भ निरोधकों का उपयोग काफी हद तक बढ़कर 56.5% हो गया है।

    • आज परिवार नियोजन को मातृ एवं बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए एक प्रमुख पहल के रूप में विश्व स्तर पर पहचाना जाता है।

    • जनसंख्या के मुद्दे केवल लोगों की संख्या से संबंधित नहीं हैं, बल्कि जनसांख्यिकीय, स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर इसका प्रभाव, जैसे विवाह की उम्र, लिंग अनुपात, मृत्यु दर, प्रजनन क्षमता आदि पर पड़ता  हैं।

    • प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2019 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि जनसंख्या विस्फोट विशेष रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए नई समस्याएं पैदा कर सकता है।

    • भारत ने FP2030 साझेदारी का एक सदस्य होने के नाते, साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं के हिस्से के रूप में परिवार नियोजन पर 3 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया है।

    • आठ वर्षों के कार्यकाल (2012- 2020 से) के दौरान, भारत में आधुनिक गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 1.5 करोड़ से अधिक थी ।

    • भारत एफपी 2020 का एक महत्वपूर्ण सदस्य है और  जिसे अब एफपी 2030 साझेदारी में बदल दिया गया है।

    • इस साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता के एक हिस्से के रूप में परिवार नियोजन कार्यक्रम  में 3 अरब अमरीकी डालर का निवेश किया गया है।

    • कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने भारत परिवार नियोजन 2030 दृष्टि दस्तावेज ( विजन डॉक्यूमेंट ) का भी अनावरण किया और डिजिटल हस्तक्षेप की श्रेणी के अंतर्गत  चिकित्सा पात्रता मानदंड ( एमईसी ) चक्रीय अनुप्रयोग ( व्हील एप्लीकेशन ), परिवार नियोजन व्यवस्था  प्रबंधन प्रणाली ( एफपीएलएमआईएस ) का ई-मॉड्यूल और परिवार नियोजन पर डिजिटल संग्रह का शुभारंभ किया ।

    •  2016 में मिशन परिवार विकास (एमपीवी) जैसे कार्यक्रमों ने राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम को और गति दी है।

      • इस योजना के तहत, नई पहल किट, सास बहू सम्मेलन, सारथी वैन के वितरण जैसी नवीन रणनीतियां समुदाय तक पहुंचने और परिवार नियोजन, स्वस्थ जन्म अंतर और छोटे परिवारों के महत्व पर संवाद शुरू करने में मदद कर रही हैं।

      • 17 लाख से अधिक नई पहल किट नवविवाहितों को वितरित की गई हैं, 7 लाख से अधिक सास बहू सम्मेलन आयोजित किए गए हैं, और 32 लाख से अधिक ग्राहकों को शुरुआत से सारथी वैन के माध्यम से परामर्श दिया गया है।

  8. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनआईआरडीपीआर और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग (यूओआर) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी:

    सामान्य अध्ययन: 2

    अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

    विषय : भारत के हितों पर विभिन्न देशों उनके संगठनों एवं नीतियां और समझौतों का प्रभाव।   

    मुख्य परीक्षा:भारत ओर ब्रिटेन के बीच शिक्षा पर हुए समझौते के महत्व पर चर्चा कीजिए।    

    प्रसंग:

    • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग (यूओआर) के बीच हस्ताक्षरित हुए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत करवाया गया।

    उद्देश्य:

    • यह  समझौता ज्ञापन विकासशील देशों में कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सहयोग करने को लेकर था। इस पर मार्च, 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे।

    विवरण:

    • ये समझौता ज्ञापन एनआईआरडीपीआर संकाय को ज्ञान प्राप्त करने और उसके दायरे को व्यापक बनाने में मदद करेगा।

    • यह उनके लिए कृषि, पोषण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय पेशेवर नेटवर्क विकसित करेगा।

    • दोनों संस्थान एक साथ कृषि अर्थशास्त्र, ग्रामीण विकास, आजीविका और पोषण अध्ययन के मामले में काफी मात्रा में विशेषज्ञता ला सकते हैं, जो अनुसंधान और क्षमता निर्माण के उभरते अंतर-अनुशासनात्मक क्षेत्र के लिए जरूरी है।

    • एनआईआरडीपीआर ग्रामीण विकास के क्षेत्र में विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों के संबंध में यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के साथ जुड़ा रहा है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) का स्थापना दिवस:

    • केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में हुई थी।

    • आजादी के बाद 28 दिसम्‍बर, 1949 को संसद के एक अधिनियम द्वारा इस बल को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल नाम दिया गया।

    • तत्‍कालीन गृह मंत्री सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने नव स्‍वतंत्र राष्‍ट्र की बदलती जरूरतों के अनुसार इस बल की  बहुआयामी भूमिका की कल्‍पना की थी।

  1.  वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष:

    • प्रधानमंत्री की पहल पर, भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के समक्ष साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) घोषित करने का प्रस्ताव दिया था।

    • भारत के प्रस्ताव को 72 देशों ने समर्थन दिया और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने मार्च 2021 में साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) के रूप में घोषित किया।

    • भारत सरकार ने आईवाईओएम-2023 के भव्य समारोह के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाई है।

    • आईवाईओएम-2023 की कार्ययोजना उत्पादन, खपत, निर्यात, ब्रांडिंग आदि को बढ़ाने की रणनीतियों पर केंद्रित है।

    •  सरकार ने बाजरा को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना भी शुरू की है।

    • प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत अभियान घोषणा के हिस्से के रूप में, सरकार ने 31 मार्च 2021 को 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना’ नामक केंद्रीय योजना को मंजूरी दी।

      • इस योजना को 2021-22 से सात साल की अवधि 2026-27 तक लागू किया जाएगा।

    • इस योजना के प्राथमिक उद्देश्यों में वैश्विक खाद्य निर्माण चैंपियन बनाने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य उत्पाद के भारतीय ब्रांडों का सहयोग करना शामिल है।

      • योजना के तहत सहायता प्रदान करने के लिए उच्च विकास क्षमता वाले विशिष्ट खाद्य उत्पादों की पहचान की गई है।

      • इनमें बाजरे पर आधारित उत्पादों सहित पकाने के लिए तैयार/खाने के लिए तैयार (आरटीसी/आरटीई) खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

    • सरकार ने आईवाईओएम के लिए ‘सात सूत्र’ (विषय) विकसित किए हैं जिन्हें संबंधित मंत्रालय/विभागों द्वारा लागू किया जाएगा- उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि (डीए एंड एफडब्ल्यू/डीएआरई), पोषण और स्वास्थ्य लाभ (स्वास्थ्य मंत्रालय/एफएसएसएआई), मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और पकाने की विधि का विकास (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और पर्यटन मंत्रालय), उद्यमिता/स्टार्टअप/सामूहिक विकास (वाणिज्य और डीए एंड एफडब्ल्यू), ब्रांडिंग लेबलिंग और प्रचार सहित जागरूकता पैदा करना (सभी मंत्रालय), अंतरराष्ट्रीय पहुंच (वाणिज्य और विदेश मंत्रालय) और मुख्यधारा के लिए नीतिगत कदम (खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग और डीए एंड एफडब्ल्यू)।

    • बाजरा प्रोटीन, फाइबर, खनिज, आयरन, कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

      • भारत बाजरे का एक प्रमुख उत्पादक है, जो एशिया के उत्पादन का 80 प्रतिशत और वैश्विक उत्पादन का 20 प्रतिशत है।

      • भारत में बाजरे की औसत उपज (1239 किलो/हेक्टेयर) भी वैश्विक औसत उपज 1229 किग्रा/हेक्टेयर से अधिक है।

      • भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख बाजरा फसलें और उनके उत्पादन का हिस्सेदारी प्रतिशत पर्ल मिलेट (बाजरा)- 61 प्रतिशत, ज्वार- 27 प्रतिशत और फिंगर मिलेट (मडुआ/रागी)- 10 प्रतिशत है।

    • सरकार ने बाजरा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।

      • घरेलू और वैश्विक मांग पैदा करने और लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए 2018 में राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाया गया।

      • बाजरे के पोषण मूल्य को देखते हुए सरकार ने अप्रैल 2018 में बाजरे को पोषक अनाज के रूप में अधिसूचित किया और बाजरे को पोषण मिशन अभियान के तहत शामिल किया गया।

      • 500 से अधिक स्टार्टअप बाजार मूल्य श्रृंखला में काम कर रहे हैं वहीं, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान ने आरकेवीवाई-रफ्तार के तहत 250 स्टार्टअप को साथ लिया है।

      • 66 से अधिक स्टार्टअप को 6.2 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया गया है जबकि लगभग 25 स्टार्टअप को वित्तपोषण के लिए मंजूरी प्रदान की गई है।

27 जुलाई 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 26 जुलाई 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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