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विषयसूची:

  1. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में “वोकल फॉर लोकल” योजना: 
  2. मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम जैसे खेलों को खेलो इंडिया योजना के ‘ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलों के रूप में पहचान की गई है:
  3. ओएनजीसी ने मेसर्स ग्रीनको ज़ीरो सी प्राइवेट लिमिटेड (ग्रीनको) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए:
  4. रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 28,732 करोड़ रुपये के हथियार खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी:
  5. केरल में 491 ओडीएफ प्लस मॉडल गांव:
  6. ‘आत्मनिर्भर भारत’: आईडेक्स-डीआईओ ने रक्षा नवाचार के लिए 100वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए:
  7. भारत ने 5 नए रामसर स्थलों को नामित किया: 
  8. प्रधानमंत्री 44वें शतरंज ओलंपियाड की शुरुआत की घोषणा करेंगे:

1. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में “वोकल फॉर लोकल” योजना: 

सामान्य अध्ययन: 3

कृषि: 

विषय: खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश और नवाचार बढ़ाना ।  

प्रारंभिक परीक्षा: खाद्य प्रसंस्करण ,वोकल फॉर लोकलराष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ)।  

मुख्य परीक्षा: आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में चलाए जा रहे “वोकल फॉर लोकल” कार्यक्रम के महत्व पर चर्चा कीजिए।   

प्रसंग: 

  • आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में चलाए जा रहे “वोकल फॉर लोकल” कार्यक्रम के अंतर्गत, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय एक केंद्र प्रायोजित योजना “पीएम फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (पीएम एफएमई स्कीम)” चला रहा है। 

उद्देश्य:

  • इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले पुराने और नए सूक्ष्य उद्यमों की प्रतिस्पर्धा शक्ति को बढ़ाना और इस क्षेत्र को औपचारिक क्षेत्र में लाना है।
  • इसके तहत देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को लगाने के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यापारिक मदद उपलब्ध कराई जाती है।
  • यह योजना 2020-21 से 2024-25 तक है। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
  • यह योजना प्राथमिक तौर पर एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) की अवधारणा पर काम करती है, ताकि सामग्री के उपार्जन, उपलब्ध सामान्य सेवाओं और उत्पादों के विपणन का फायदा उठाया जा सके।

विवरण:  

  • वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण 2015-16 और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के 73वें दौर के सर्वे के मुताबिक, देश में 25 लाख गैर-पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयां मौजूद हैं। 
  • पीएमएफएमई योजना का निर्माण, सूक्ष्म उद्योगों के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान और इन उद्यमों को उन्नत करने व औपचारिक क्षेत्र में लाकर, इनमें काम करने वाले समूहों व सहकारी संगठनों को लाभ देने के लिए किया गया है।

इस योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को निम्न मदद दी जाती है:

(1) व्यक्तिगत/सामूहिक स्तर के सूक्ष्म उद्यम को सहारा देना: परियोजना की कुल कीमत की 35 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी, जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये प्रति ईकाई है।

(2) स्वसहायता समूहों को शुरुआती पूंजी उपलब्ध करवाना: खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में काम करने वाले स्व-सहायता समूहों को कार्य पूंजी के लिए प्रति सदस्य 40,000 रुपये तक की और संगठन को छोटे उपकरण खरीदने के लिए 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है

(3) सार्वजनिक अवसंरचना को सहायता: एफपीओ, एसएचजी, सहकारी समूहों या किसी भी सरकारी एजेंसी को सार्वजनिक अवसंरचना विकास के लिए कुल परियोजना कीमत की 35 प्रतिशत तक पूंजी सब्सिडी उपलब्ध करवाना, जिसकी अधिकतम सीमा 3 करोड़ रुपये होगी। 

  • इस सार्वजनिक अवसरंचना निर्माण की कुल क्षमता का एक बड़ा हिस्सा दूसरी ईकाईयों और आम जनता के लिए किराये लिए भी खुला रहेगा।

(4) ब्रॉन्डिंग और मार्केटिंग सहायता: एफपीओ/एसएचजी/सहकारी समूहों या किसी सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम की एसपीवी को ब्रॉन्डिंग और मार्केटिंग में लगने वाली पूंजी का 50 प्रतिशत तक अनुदान

(5) क्षमता विकास: योजना का उद्देश्य उद्यमिता विकास कार्यकुशलता (ईडीपी+) के लिए प्रशिक्षण भी है। खाद्य एवम् प्रसंस्करण उद्योग जगत की जरूरतों को पूरा करने और उत्पाद विशेष कार्यकुशलता के निर्माण के लिए बनाया गया कार्यक्रम। 

पृष्ठ्भूमि

  • तकनीकी उन्नति और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को औपचारिक बनाने की दिशा में इस योजना के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण अहम हैं। 
  • क्षमता निर्माण के तहत उद्यमशीलता विकास, खाद्य सुरक्षा एवम् मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निश्चित किए गए पैमानों के पालन, सामान्य स्वच्छता और दूसरे अनिवार्य कानूनी प्रावधानों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • जिलेवार स्तर पर सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों द्वारा एफएसएसएआई और दूसरे कानूनी प्रावधानों के पालन को सुनिश्चित करवाने में डीआरपी अधिकारियों को मदद करने का निर्देश दिया गया है।

2. मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम जैसे खेलों को खेलो इंडिया योजना के  तहत ‘ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलों के रूप में पहचान की गई है: 

सामान्य अध्ययन: प्रारंभिक परीक्षा

समसामायकी: 

विषय: खेल  

प्रारंभिक परीक्षा: मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम।   

प्रसंग: 

  • ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलों जैसे मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम की खेलो इंडिया योजना के ‘ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलोंके रूप में पहचान की गई है। 

उद्देश्य:

  • विभिन्न राज्यों में उनकी संस्कृति और परंपरा के अनुसार कई स्वदेशी खेल खेले जा रहे हैं।
  • ‘खेल’ एक राज्य का विषय होने के कारण, देश में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने और पारंपरिक खेलों के विकास और उन्‍हें बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश सरकारों की है।

विवरण:  

  • युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय केन्‍द्रीय क्षेत्र की एक योजना चलाता है, जिसका नाम है, ‘खेलो इंडिया – खेल के विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम’ योजना (खेलो इंडिया योजना), जिसमें एक घटक, विशेष रूप से देश में ग्रामीण और स्‍वदेशी/आदिवासी खेलों के विकास और उन्‍हें बढ़ावा देने को समर्पित है।
  • स्‍वदेशी खेल मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम खेलों को इस के तहत प्रोत्‍साहन देने के लिए पहचान की गई है।
  • इस घटक के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के विकास, उपकरण सहायता, कोचों की नियुक्ति, कोचों का प्रशिक्षण और छात्रवृत्तियों के लिए अनुदान दिए जाते हैं।
  • इसके अलावा, हरियाणा के पंचकुला में हाल ही में संपन्न खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तीसरे संस्करण में मल्लखंब, कलारीपय्याट्टू, गतका, थांग-ता और योगासन को भी शामिल किया गया था।
  • इसके अलावा, इस मंत्रालय ने विभिन्न देशी खेलों को प्रदर्शित करने और उन्हें बढ़ावा देने / पुनर्जीवित करने के लिए वृत्तचित्र भी बनाए हैं, जैसे, गतका, रोल बॉल, रस्साकशी, कलारीपयट्टू, थांग-ता, खो-खो, मल्लखंब, शूटिंग बॉल, स्के, कबड्डी, गिल्ली डंडा, सिक्किम तीरंदाजी, धूप खेल और कौड़ी खेल, पाइका अखाड़ा और छऊ और अखाड़ा कुश्ती, हेक्को, मिजोरम खेल, सिलाबम, लागोरी और लंगड़ी।
  • वृत्तचित्रों को एक भारत श्रेष्ठ भारत वेबसाइट के डिजिटल भंडार, फिट इंडिया मूवमेंट के फेसबुक पेज, फिट इंडिया मूवमेंट के यूट्यूब चैनल और मायगव इंडिया के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है।

पृष्ठ्भूमि

  • यह मंत्रालय भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के माध्यम से देश भर में विभिन्न खेल प्रोत्साहन योजनाओं को लागू करता है, जैसे राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्‍द्र (एनसीओई), एसएआई प्रशिक्षण केन्‍द्र (एसटीसी), एसटीसी का विस्तार केन्‍द्र, राष्ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता (एनएसटीसी) – (नियमित स्कूलों, स्वदेशी खेलों और मार्शल आर्ट्स (आईजीएमए) स्कूल और अखाड़ों के लिए अपनी उप-योजनाओं के साथ) जहां विशेषज्ञ प्रशिक्षकों, खेल उपकरण, बोर्डिंग और लॉजिंग, खेल किट, प्रतियोगिता प्रदर्शन, शैक्षिक व्यय, चिकित्सा/बीमा और वजीफे मंजूर योजना नियमों के अनुसार प्रदान किए जाते हैं।
  • इन योजनाओं में कबड्डी, तीरंदाजी, कुश्ती, खो-खो आदि जैसे पारंपरिक भारतीय खेल शामिल हैं।

 3. ओएनजीसी ने मेसर्स ग्रीनको ज़ीरो सी प्राइवेट लिमिटेड (ग्रीनको) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए: 

सामान्य अध्ययन: 3

ऊर्जा: 

विषय: बुनियादी ढांचा।  

प्रारंभिक परीक्षा: ओएनजीसी,ग्रीनको। 

प्रसंग: 

  • ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने मेसर्स ग्रीनको ज़ीरो सी प्राइवेट लिमिटेड (ग्रीनको) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य:

  • यह एमओयू संयुक्त रूप से अक्षय, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया और ग्रीन हाइड्रोजन के अन्य डेरिवेटिव में अवसर तलाशने के मकसद से किया गया है।   
  • यह समझौता दो साल के लिए वैध होगा।

विवरण:  

  • यह समझौता ज्ञापन भारत को वैश्विक हरित हाइड्रोजन हब बनाने के लिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप है।
  • इस समझौता ज्ञापन के तहत परिकल्पित गतिविधियां 2030 तक प्रति वर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार होगा।
  • यह समझौता ज्ञापन ओएनजीसी की ऊर्जा रणनीति 2040 के अनुसार अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में भी काम करेगा।
  • ओएनजीसी का लक्ष्य दीर्घकालिक चुनौतियों के खिलाफ पोर्टफोलियो का जोखिम कम करने और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कार्बन फुटप्रिंट को कम करना।

पृष्ठ्भूमि

  •  ग्रीनको भारत की अग्रणी अक्षय ऊर्जा कंपनियों में से एक है।

 4. रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 28,732 करोड़ रुपये के हथियार खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी: 

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारतीय उद्योग, निवेश एवं नवाचार। 

मुख्य परीक्षा: हथियार खरीद प्रस्तावों के लाभ के बारे में चर्चा कीजिए।   

प्रसंग: 

  •  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 28,732 करोड़ रुपये के हथियार खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी। 

उद्देश्य:

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 26 जुलाई, 2022 को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक आयोजित की गई।
  • इस बैठक में डीएसी ने खरीदें (भारतीय आईडीडीएम) और खरीदें (भारतीय) श्रेणियों के तहत रक्षा में “आत्मनिर्भरता” प्राप्त करने  के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के पूंजी अधिग्रहण के लिए 28,732 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी है।

विवरण:  

  • इस बैठक में डीएसी की ओर से अनुमोदित प्रस्तावों में भारतीय सेना के तीन प्रस्ताव शामिल हैं। इनमें निर्देशित विस्तृत सीमा रॉकेट युद्ध उपकरण, एरिया डिनाइअल म्यूनिशन श्रेणी I व डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किया गया व विकसित इन्फैन्ट्री कॉम्बैट व्हीकल- कमांड है।
  • ये तीनों प्रस्तावोंके लिए  कुल 8,599 करोड़ रुपये की पूंजी मंजूर की गई है।
  • रॉकेट युद्ध उपकरण में दोहरे उद्देश्य वाले सब-म्यूनिशन शामिल हैं, जो टैंक और बख्तरबंद कर्मियों के कैरियर (संवाहक) के साथ-साथ बी व्हीकल से घिरे हुए सैनिकों को निष्क्रिय करने में सक्षम हैं।
  • वहीं, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल- कमांड कार्यों के निष्पादन के साथ साथ  कमांडरों को रियल टाइम की जानकारी एकत्र करने, प्रसारित करने, साझा करने और प्रस्तुत करने की तकनीक से युक्त है।
  • डीएसी ने नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों के लिए दुश्मन के स्निपर्स (निशानची) के खतरे के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाने की मांग को ध्यान में रखते हुए और आतंकवाद विरोधी परिदृश्य में निकट युद्ध अभियानों में भारतीय मानक बीआईएस VI स्तर की सुरक्षा के साथ बुलेट प्रूफ जैकेट के लिए एओएन को मंजूरी दी है।
  • इसके अलावा डीएसी ने एलएसी और पूर्वी सीमाओं पर पारंपरिक व हाइब्रिड युद्ध और आतंकवाद से निपटने के मौजूदा जटिल स्वरूप का मुकाबला करने को लेकर सेनाओं के लिए लगभग 4 लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन को शामिल करने के लिए भी एओएन प्रदान किया गया।
  • आधुनिक युद्ध में भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए डीएसी ने स्वायत्त निगरानी और सशस्त्र ड्रोन स्वार्म्स (एक साथ कई ड्रोन) की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दी है।
  • इसके अलावा डीएसी ने कोलकाता श्रेणी के पोतों पर विद्युत उत्पादन को लेकर एक उन्नत 1250 किलोवाट क्षमतावाले समुद्री गैस टर्बाइन जेनरेटर की खरीद के लिए नौसेना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
  • इससे गैस टर्बाइन जनरेटर के स्वदेशी निर्माण को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

5. केरल में 491 ओडीएफ प्लस मॉडल गांव: 

सामान्य अध्ययन: 2,3

शासन,स्वास्थ: 

विषय: शासन, इसके मुख्य महत्वपूर्ण पहलू एवं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं एवं उनका समाज के स्वास्थ पर प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: ओडीएफ प्लस मॉडल। 

प्रसंग: 

  • केरल में 491 मॉडल ओडीएफ प्लस गांव हैं,जिनमें 12 महत्वाकांक्षी और 17 उभरते हुए हैं जिससे राज्य के 14 जिलों के कुल 1578 गांवों (941 ग्राम पंचायतों) से कुल 520 ओडीएफ प्लस गांव हो गए हैं। 

विवरण:  

  • एक ओडीएफ प्लस गांव वह है जो खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखता है, ठोस और तरल कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करता है और साफ दिखाई देता है।
  • एक गांव को ओडीएफ प्लस घोषित करने का मानदंड ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के विभिन्न कार्यक्षेत्रों के सही प्रबंधन  पर निर्भर करता है।

डीडीडब्ल्यूएस ने गांव को ओडीएफ प्लस घोषित करने की प्रक्रिया में मध्यवर्ती चरणों की शुरुआत निम्नानुसार की थी:

  • ओडीएफ प्लस – आकांक्षी: एक गांव जिसमें सभी घरों में शौचालय की सुविधा है; सभी स्कूलों/आंगनवाड़ी केन्‍द्रों/पंचायत घरों में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों है; और गांव में ठोस कचरा प्रबंधन या तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था है।
  • ओडीएफ- मॉडल: एक गाँव जिसमें सभी घरों में एक चालू शौचालय की सुविधा है; सभी स्कूलों/आंगनवाड़ी केन्‍द्रों/पंचायत घरों में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय तक पहुंच है; गाँव के सभी सार्वजनिक स्थानों में न्यूनतम कूड़ा-करकट है, कम से कम ठहरा हुआ अपशिष्ट जल है और सार्वजनिक स्थानों पर कोई प्लास्टिक कचरा एकत्र नहीं है; गांव में ठोस कचरा प्रबंधन और तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था है; गांव में ओडीएफ प्लस आईईसी संदेश प्रमुख रूप से दीवार पेंटिंग और होर्डिंग के माध्यम से प्रदर्शित होने चाहिए।

 6. ‘आत्मनिर्भर भारत’: आईडेक्स-डीआईओ ने रक्षा नवाचार के लिए 100वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए: 

सामान्य अध्ययन: 3

रक्षा: 

विषय: रक्षा क्षेत्र में विकास हेतु सरकारी नीतियां और उनमे हस्तक्षेप एवं डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। 

प्रारंभिक परीक्षा: आईडेक्स-डीआईओ क्या हैं ?

मुख्य परीक्षा: आईडेक्स भारत को दुनिया में सबसे बड़ा रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बना देगा। टिप्पणी कीजिए।   

प्रसंग: 

  • रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग की प्रमुख पहल आईडेक्स (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) ने 26 जुलाई, 2022 को अपने 100वें अनुबंध पर हस्ताक्षर कर एक उपलब्धि हासिल की है।

उद्देश्य:

  • आईडेक्स फ्रेमवर्क 2018 में प्रधानमंत्री ने इस उद्देश्य से शुरू किया था कि यह रक्षा क्षेत्र में सह-निर्माण और सह-विकास का मंच प्रदान करेगा, रक्षा क्षेत्र में योगदान के लिए स्टार्ट-अप को जोड़ेगा तथा देश में रक्षा और एयरोस्पेस सेटअप को विकसित करेगा।
  • आईडेक्स को रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के तहत रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) द्वारा लागू किया जा रहा है।
  • आईडेक्स भारत को दुनिया में सबसे बड़ा रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र बना देगा।

  विवरण:  

  • वर्ष 2021 के लिए नवाचार श्रेणी में पब्लिक पॉलिसी के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित आईडेक्स बहुत कम समय में डिफेंस इंडिया स्टार्ट अप चैलेंजेज (डीआईएससी), प्राइम और ओपन चैलेंजेज (ओसी) जैसे अपने प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में एक गेम चेंजर के रूप में उभरा है।
  • आईडेक्स ने रक्षा क्षेत्र में आवश्यक गति का निर्माण करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण स्टार्ट-अप्स खड़े करने में सफलता पाई है।
  • अब तक आईडेक्स ने आईडेक्स प्राइम, डीआईएससी के सात राउंड (डीआईएससी स्प्रिंट सहित) और ओसी के पांच राउंड लॉन्च किए हैं, जिसमें 4,000 से अधिक व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, एमएसएमईज और स्टार्ट-अप से आवेदन प्राप्त हुए हैं।
  • 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का आवंटन किया गया है और 400 करोड़ रुपये से अधिक की 14 वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी गई है।
  • आईडेक्स हजारों नौकरियां पैदा करने और भारत की प्रतिभा को वापस देश में आकर्षित करने में सफल रहा है।
  • पिछले चार वर्षों में मार्च 2022 में परीक्षण और खरीद के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 14 परियोजनाओं में 17 स्टार्ट-अप्स को पहले ही स्वीकृति (एओएन) प्रदान कर  दी  है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

6. भारत ने 5 नए रामसर स्थलों को नामित किया:

  • भारत ने अंतरराष्ट्रीय महत्व के पांच (5) नए आर्द्रभूमि स्थल नामित किए हैं, जिसमें तमिलनाडु में तीन आर्द्रभूमि स्थल (करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव), मिजोरम में एक (पाला आर्द्रभूमि) और मध्य प्रदेश में एक आर्द्रभूमि स्थल (साख्य सागर) शामिल हैं।
  • इस प्रकार, देश में रामसर स्थलों की कुल संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गयी है।

7. प्रधानमंत्री 44वें शतरंज ओलंपियाड की शुरुआत की घोषणा करेंगे:

  • प्रधानमंत्री चेन्नई के जेएलएन इंडोर स्टेडियम में  28 जुलाई को 44वें शतरंज ओलंपियाड का द्घाटन करेंगे।
  • प्रधानमंत्री ने 19 जून, 2022 को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय स्टेडियम में पहली बार शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का भी शुभारंभ किया था।
  • यह मशाल 40 दिनों की अवधि में लगभग 20,000 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए देश के 75 ऐतिहासिक स्थानों से होकर गुजरी और फिडे मुख्यालय, स्विट्जरलैंड में जाने से पहले महाबलीपुरम में इसका समापन हो रहा है।
  • 44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से 9 अगस्त 2022 तक चेन्नई में आयोजित किया जा रहा है।
  • 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में की जा रही है।
  • 187 देशों की भागीदारी में, यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में सबसे बड़ी भागीदारी होगी।
  • भारत इस प्रतियोगिता में अपने अब तक के सबसे बड़े दल को शामिल कर रहा है, जिसमें 6 टीमों के 30 खिलाड़ी शामिल हैं।

लिंक किए गए लेख में 27 July 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

सम्बंधित लिंक्स:

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