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29 मई 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. भारत और सिंगापुर जीवन पर्यंत शिक्षण, भविष्य निर्माण, ज्ञान और कौशल विकास के लिए सहमत हुए:  
  2. भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का 75वां अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया:
  3. ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आईएसटीएस शुल्कों की पूर्ण छूट की घोषणा की:
  4. असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी: 
  5. माता खीर भवानी मेला:

1. भारत और सिंगापुर जीवन पर्यंत शिक्षण, भविष्य निर्माण, ज्ञान और कौशल विकास के लिए सहमत हुए:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार। 

मुख्य परीक्षा: भारत और सिंगापुर जीवन पर्यंत शिक्षण, भविष्य निर्माण, ज्ञान और कौशल विकास के लिए सहमत हुए हैं, भविष्य में इसके होने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए  

प्रसंग: 

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वे भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने और शिक्षा एवं कौशल विकास के दायरे को व्यापक बनाने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वहां गए हैं।

उद्देश्य:

  • श्री प्रधान ने भारत और सिंगापुर के बीच वर्तमान सहयोग को सुदृढ़ बनाने के लिए डीपीएम और सिंगापुर के वित्तमंत्री श्री लॉरेंस वोंग के साथ रचनात्मक विषयों पर बैठक की। 
    • इस दौरान दोनों मंत्रियों ने कौशल विकास के क्षेत्र में आपसी तालमेल को और अधिक बढाने पर चर्चा की। 
    • इस दौरान दोनों पक्ष जीवन पर्यंत शिक्षण, भविष्य के लिए कार्यबल के निर्माण और ज्ञान तथा कौशल विकास को रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बनाने के लिए अवसर मुहैया कराने पर मिलकर काम करने के लिए सहमत हुए।  

विवरण:  

  • भारत सरकार ने 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का शुभारंभ किया। 
    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विशेष रूप से माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा पर ध्‍यान केंद्रित कर रही है। 
    • यह सुनिश्चित करती है कौशल प्रशिक्षण, बाजार की प्रासंगिकता के साथ-साथ तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए हमारे संस्थानों की क्षमता का निर्माण हो। 
    • सरकार उच्च शिक्षा योग्यता ढांचे के साथ कौशल योग्यता ढांचे को एकीकृत करने और कौशल, पुन: कौशल और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उन्‍नत करने की दिशा में कार्यरत है और इस क्षेत्र में निवेश पर भी कार्य कर रही है। 
    • श्री प्रधान ने कहा कि सिंगापुर की सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों से सीखने, उनसे सहयोग करने और भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप इनका उपयोग करने पर बल दिया।
  • श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सिंगापुर के व्यापार और उद्योग मंत्री श्री गान किम योंग के साथ विस्‍तृत विचार-विमर्श किया। 
    • दोनों मंत्रियों ने कौशल विकास और जीवन पर्यंत शिक्षण के लिए सभी तंत्रों के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण संबंधों को सुदृढ़ बनाने पर सार्थक चर्चा की। 
    • भुवनेश्वर में जी-20 फ्यूचर ऑफ वर्क कार्यशाला के परिणामों के आधार पर उन तौर-तरीकों पर भी चर्चा की, जिनसे भारत साझा चुनौतियों से निपटने और भारतीय कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव के लिए सिंगापुर की विशेषज्ञता और ज्ञान का लाभ उठा सके।
  • श्री प्रधान को कार्यबल के प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर में अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं और मॉडलों का अवलोकन करने का अवसर मिला। 
    • दोनों मंत्रियों ने कौशल विकास के क्षेत्र में आपसी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और जीवन पर्यंत शिक्षण के नए अवसर मुहैया कराने तथा दोनों देशों के साथ-साथ अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लाभ के लिए एक साथ मिलकर सहयोग करने पर भी सहमति व्यक्त की। 
  • बाद में श्री प्रधान ने स्पेक्ट्रा सेकेंडरी स्कूल का दौरा किया। 
    • उन्होंने शिक्षण-अधिगम वातावरण और शिक्षाशास्त्र आदि के बारे में छात्रों और शिक्षकों से बातचीत की। 
    • उन्‍हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि स्कूल कौशल आधारित शिक्षा को प्राथमिकता देता है और प्रत्येक विद्यार्थी को भविष्य के विभिन्‍न अवसरों और कार्यस्‍थलों के लिए तैयार करने के लिए सीखने की क्षमता को प्रोत्साहित करने पर भी ध्यान केन्द्रित करता है।

2. भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का 75वां अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, और अधिदेश। 

प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक मिशन। 

मुख्य परीक्षा: भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक मिशनों की विश्व शांति में भूमिका का वर्णन कीजिए।    

प्रसंग: 

  • भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के 75वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर 29 मई 2023 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद हुए साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उद्देश्य:

  • यह वह दिवस है जिस दिन वर्ष 1948 में पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, “यूएन ट्रूस सुपरविजन ऑर्गनाइजेशन (यूएनटीएसओ)” ने फिलिस्तीन में अपना अभियान शुरू किया था।
  • प्रत्‍येक वर्ष इस दिन संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के देश उन सभी पुरुषों और महिलाओं के पेशेवर रूख, समर्पण और साहस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्‍होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सेवा की है या सेवा कर रहे हैं तथा शांति की स्‍थापना में अपने जीवन की आहुति देने वाले उन लोगों की स्मृति का भी सम्मान करते हैं।   

विवरण:  

  • इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
  • भारत की संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में योगदान देने की एक समृद्ध विरासत रही है और यह शांति सैनिकों का एक सबसे बड़ा योगदान देने वाला देश है। 
    • भारत ने अब तक ऐसे शांति अभियानों में लगभग 2,75,000 सैनिकों का योगदान दिया है, वर्तमान में 12 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में लगभग 5,900 सैनिक तैनात हैं। 
    • भारतीय सेना के जवानों ने चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी काम किया है और संयुक्त राष्ट्र के आदेशों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने की सीमा तक अनुकरणीय पेशेवर रूख, मानवीय दृष्टिकोण, साहस और वीरता का प्रदर्शन किया है। 
    • भारतीय सेना के 159 जवानों ने पूरी दुनिया में शांति स्‍थापना सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। 
    • मौजूदा तैनाती के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र के अनुरोध पर एक इन्फैंट्री बटालियन ग्रुप और हेलिकॉप्टर के साथ कार्वेट को हार्ड पावर के रूप में तथा एक इंजीनियर कंपनी और सिग्नल कंपनी को बल सहायक के रूप में तैनात किया है।
  • संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के तहत अशांत क्षेत्रों में महिला शांति सैनिकों की आवश्यकता को देखते हुए भारत ने मोनस्को और यूनिस्फा (लाइबेरिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा महिला दस्‍ता) में फीमेल इंगेजमेंट टीम (एफईटी) तैनात की हैं। 
    • भारत ने यूएनडीओएफ में भी महिला सैन्य पुलिस और विभिन्न मिशनों में महिला अधिकारियों/सैन्य पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया है।
  • भारतीय सेना ने शांति अभियानों में महत्‍वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) की स्थापना की है। 
    • यह केंद्र प्रति वर्ष 12,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित करता है। 
    • सीयूएनपीके संभावित शांति सैनिकों और प्रशिक्षकों के लिए आकस्मिक प्रशिक्षण से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों के लिए भी कई तरह की प्रशिक्षण गतिविधियाँ आयोजित करता है। 
    • यह केन्‍द्र श्रेष्‍ठ प्रक्रिया साझा करने के एक हिस्‍से के रूप में विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी भी करता है। 
    • यह केन्‍द्र संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना प्रशिक्षण के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के हिस्से के रूप में मित्रवत विदेशी राष्‍ट्रों के लिए मोबाइल प्रशिक्षण दल भी भेजता है। 
    • यह संस्‍थान दो दशकों में उत्कृष्टता केंद्र और अनुभव तथा सर्वोत्तम प्रथाओं के भंडार के रूप में विकसित हुआ है।
  • संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारतीय दस्‍तों की परिचालन दक्षता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना ने अत्याधुनिक उपकरण और वाहन भी तैनात किए हैं। 
    • इन वाहनों और उपकरणों का भारत में निर्माण हुआ हैं और इन्‍होंने शांति मिशन क्षेत्रों के दुर्गम इलाकों, कठिन मौसम तथा विषम परिचालन स्थितियों की अनिश्चितताओं का भी सफलतापूर्वक सामना किया है।
  • भारत संयुक्त राष्ट्र, मेजबान देशों और साझेदार देशों के लिए क्षमता विकास के क्षेत्र में सबसे आगे रहा है।
    • भारत ने हमेशा चुस्त और लचीली इकाइयाँ, शांति रक्षक प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक सहायता और तकनीकी वृद्धि में योगदान देते हुए लैंगिक समानता बढ़ाकर संयुक्त राष्ट्र की पहलों में मदद करने का प्रयास किया है। 
    • भारत, प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास और नागरिक-सैन्य सहयोग (सीआईएमआईसी) गतिविधियों को उपलब्‍ध कराकर मेजबान राष्ट्र क्षमता  विकास के लिए लगातार सक्रिय सहायता उपलब्‍ध करा रहा है।

3. ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आईएसटीएस शुल्कों की पूर्ण छूट की घोषणा की:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा-ऊर्जा।  

प्रारंभिक परीक्षा: ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया परियोजना। 

मुख्य परीक्षा: ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स के मह्ह्त्व पर प्रकाश डालिये।   

प्रसंग: 

  • ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 31 दिसंबर, 2032 को या उससे पहले स्थापित हुई परियोजनाओं के लिए 25 वर्षों के लिए आईएसटीएस शुल्कों की पूर्ण छूट की घोषणा की। 

उद्देश्य:

  • एक बड़े फैसले में, सरकार ने ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट्स को आईएसटीएस शुल्क (अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क) में छूट देने और ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया की छूट आगे बढ़ाने का फैसला किया है। 
    • यह फैसला ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया परियोजनाओं के विस्तार को बढ़ावा देने और ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजनाओं से नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए ऑफशोर विंड एनर्जी से जुड़ी पहलों के व्यापक कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए लिया गया है।  

विवरण:  

  • सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा (8 मार्च, 2019 के बाद स्थापित), पंप स्टोरेज सिस्टम या बैटरी का उपयोग करने वाली ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया उत्पादन इकाइयों, स्टोरेज सिस्टम या इन तकनीकों के किसी भी हाइब्रिड संयोजन के लिए परियोजना के चालू होने की तारीख से 25 वर्षों की अवधि के लिए आईएसटीएस शुल्कों की पूर्ण छूट भी प्रदान की है। 
    • 31 दिसंबर, 2030 को या उससे पहले स्थापित की गई परियोजनाएं इस छूट के लिए पात्र होंगी। 
    • 31 दिसंबर, 2030 के बाद की परियोजनाओं पर उसके बाद ग्रेडेड ट्रांसमिशन शुल्क लगेगा।
    • निर्णय के लागू होने की तारीख 30 जून 2025 से बढ़कर 31 दिसंबर 2030 तक हो जाएगी।
  • पम्प स्टोरेज प्लांट्स (पीएसपी) के विकास को बढ़ावा देने के लिए, पीएसपी परियोजनाओं के लिए आईएसटीएस शुल्कों की पूर्ण छूट का लाभ उठाने के मानदंड को अब परियोजना शुरू करने की बजाय परियोजना सौंपे जाने की तारीख से जोड़ दिया गया है। 
    • यह उन मामलों में लागू होगा जहां निर्माण कार्य 30 जून, 2025 को या उससे पहले दिया गया है।
  • ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं से ऊर्जा निकालने पर आईएसटीएस शुल्क, जो पहले परियोजना को प्रदान किया गया था, अब से ऐसी परियोजना के प्रत्येक व्यक्तिगत उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध होगा। 
    • व्यक्तिगत उपयोगकर्ता को यह लाभ मिलेगा, यदि उपयोगकर्ता द्वारा भंडारण प्रणाली को चार्ज करने के लिए उपयोग की जाने वाली ऊर्जा का कम से कम 51% नवीकरणीय ऊर्जा है। 
    • पहले 51% की सीमा परियोजना स्तर पर थी। 
    • यह परिवर्तन इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित किया गया है कि भविष्य में ऐसी भंडारण परियोजनाओं की क्षमता कई डिस्कॉम/अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा साझा की जाएगी और उनमें से केवल कुछ ही व्यक्तिगत रूप से 51% के इस मानदंड को पूरा कर सकते हैं, जबकि भंडारण परियोजना स्तर पर समग्र तरीके से यह एक में पूरा नहीं किया जा सकता है। 
  • इसके अलावा, यदि कोई परियोजना अपने मूल सीओडी (चालू होने की तिथि) के आधार पर ट्रांसमिशन चार्ज की छूट के लिए पात्र है, तो सीओडी को सक्षम विभाग द्वारा अनुमोदित किए जाने पर वही लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। 
    • यह उन निवेशकों को विश्वास दिलाने के लिए आवश्यक माना जाता है जो वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर निवेश निर्णय ले रहे हैं लेकिन उनके सीओडी उनके नियंत्रण से परे कारणों से ट्रांसमिशन चार्ज छूट के लिए प्रासंगिक लागू तिथि से आगे बढ़ सकते हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी:

  • प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। 
  • वंदे भारत एक्सप्रेस गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ेगी और इस यात्रा में 5 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा। 
    • जबकि यही यात्रा इस समय चलने वाली सर्वाधिक तेज गति की रेलगाड़ी से 6 घंटे 30 मिनट के समय में पूरी होती है।
  • पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी के लिए यह दिन विशिष्‍ट है:
    • क्योंकि इस दिन पूर्वोत्तर को अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है, यह तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है जो पश्चिम बंगाल को जोड़ती है। 
    • दूसरे, असम और मेघालय में लगभग 425 किलोमीटर रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है। 
  •  गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत रेलगाड़ी से असम और पश्चिम बंगाल के बीच सदियों पुराने संबंध और सुदृढ़ होंगे। 
    • इससे यात्रा में सुविधा होगी और छात्र लाभान्वित होंगे तथा पर्यटन और व्यवसाय से नौकरी के अवसरों में वृद्धि होगी।
  •  वंदे भारत एक्‍सप्रेस से मां कामाख्या मंदिर, काजीरंगा, मानस राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य एक दूसरे से जुडेंगे। 
    • इससे शिलांग, मेघालय में चेरापूंजी और अरुणाचल प्रदेश में तवांग तथा पासीघाट में यात्रा और पर्यटन में वृद्धि होगी।
  • वर्ष 2014 से पहले पूर्वोत्तर का औसत रेल बजट लगभग 2500 करोड़ रुपये था जो इस वर्ष चार गुना बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
  • नागालैंड को लगभग 100 वर्षों के बाद अपना दूसरा रेलवे स्टेशन मिला है। 
    • प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड रेलगाड़ी और तेजस एक्सप्रेस उसी मार्ग पर चल रही हैं जहां कभी धीमी गति से चलने वाली एक छोटी गेज लाइन थी। 
  • प्रधानमंत्री ने कहा की गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर पहली ट्रांसजेंडर चाय की दुकान समाज से बेहतर व्यवहार की उम्मीद करने वाले लोगों को सम्मान का जीवन प्रदान करने एक प्रयास है। 
    • ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ योजना के अंतर्गत  पूर्वोत्तर में रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल लगाए गए हैं जो वोकल फॉर लोकल पर बल देते हैं। 
    • इससे स्थानीय कारीगरों, कलाकारों और शिल्पकारों को एक नया बाजार प्रदान किया जाता है। उन्होंने पूर्वोत्तर के सैकड़ों स्टेशनों पर दी जाने वाली वाई-फाई सुविधाओं का भी उदाहरण दिया।

पृष्ठभूमि:

  • अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस पूर्वोत्‍तर के लोगों को गति और सुविधा के साथ यात्रा की सुंविधा प्रदान करेगी। 
    • इससे क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। 
    • गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली यह रेलगाड़ी यात्रा समय में एक घंटे की बचत करेगी।  
  • प्रधानमंत्री ने नए विद्युतीकृत खंड के 182 किलोमीटर मार्ग को समर्पित किया। 
    • इससे प्रदूषण मुक्त परिवहन की सुविधा और समय की बचत होगी। 
    • यह मेघालय में प्रवेश करने के लिए विद्युत कर्षण पर चलने वाली रेलगाडि़यों के लिए मार्ग प्रशस्‍त करेगा।
  • प्रधानमंत्री ने असम के लुमडिंग में नवनिर्मित डेमू/मेमू शेड का भी उद्घाटन किया। 
    • यह नई सुविधा इस क्षेत्र में परिचालित डेमू रेक के रखरखाव में मदद करेगी इससे बेहतर परिचालन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

2.माता खीर भवानी मेला:

  • 28 मई को खीर भवानी मेला कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ कश्मीर घाटी के स्थानीय लोगों द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
  • कश्मीर में ज्येष्ठ अष्टमी पर आयोजित होने वाला यह खीर भवानी मेला कश्मीरी पंडित के आध्यात्मिक जीवन में एक पवित्र स्थान रखता है। 
  • खीर भवानी मेला 26 मई को शुरू होकर 28 मई को यानी ज्येष्ठ अष्टमी के दिन संपन्न हुआ। 
  •  कश्मीर में ज्येष्ठ अष्टमी पर आयोजित होने वाला खीर भवानी मेला कश्मीरी पंडितों के आध्यात्मिक जीवन में एक पवित्र स्थान रखता है, 25,000 से भी अधिक श्रद्धालु मेले में शामिल हुए। 
  • पिछले साल ज्येष्ठ अष्टमी के शुभ अवसर पर लगभग 18,000 कश्मीरी पंडितों और श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध माता खीर भवानी मंदिर में दर्शन किए। 
  • खीर भवानी कश्मीरी पंडितों की कुल देवी मानी जाती हैं जिनकी वहां बहुत मान्यता है। 
  • वर्षों से खीर भवानी मेला कश्मीर में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक बना हुआ है।

29 May PIB :- Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 28 May 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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