बिहार राज्य में सिविल सेवा के लिए परीक्षा ‘बिहार लोक सेवा आयोग’ (BPSC) द्वारा आयोजित कराई जाती है। यह परीक्षा आयोग द्वारा कुल 3 चरणों में संपन्न कराई जाती है। ये तीन चरण हैं- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। बिहार में साक्षात्कार को ‘व्यक्तित्व परीक्षण’ के नाम से भी जाना जाता है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर बिहार राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पदों पर नियुक्त किया जाता है। तो आइए, अब हम इस परीक्षा प्रणाली के प्रत्येक चरण के लिए निर्धारित किए गए पाठ्यक्रम को समझते हैं-
बीपीएससी प्रारम्भिक परीक्षा
परिचय :
- प्रारम्भिक परीक्षा दो घण्टों की होगी, जिसमें सामान्य अध्ययन का एक पत्र 150 (एक सौ पचास) अंकों का होगा। प्रश्न पत्र हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में छपे होंगे।
- प्रारम्भिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र के प्रश्न-पत्र वस्तुनिष्ठ एवम् बहुविकल्प प्रकार के होंगे। उम्मीदवार वस्तुपूरक प्रश्न-पत्रों (प्रश्न पुस्तिका) का उत्तर देने के लिये कैलकुलेटर का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
- प्रारम्भिक परीक्षा महज जाँच परीक्षा होगी, जिसके आधार पर मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों का चयन किया जायेगा। अतः इसमें प्राप्त किये गये अंकों का मुख्य परीक्षा से कोई संबंध नहीं होगा। इसमें उत्तीर्णता अनिवार्य होगी और इसके लिए आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हतांक प्राप्त करना होगा। मुख्य परीक्षा के लिए चुने जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या कुल संसूचित रिक्तियों की दस गुनी होगी। प्रारम्भिक परीक्षा के प्राप्तांकों के जोड़ की शुद्धता जाँच कराने एवं इसके प्राप्तांक निर्गत करने का प्रावधान नहीं है।
बीपीएससी प्रारम्भिक परीक्षा का पाठ्यक्रम – सामान्य अध्ययन
इस पत्र में ज्ञान विज्ञान के निम्नलिखित क्षेत्रों से संबंधित प्रश्न शामिल होंगे-
- सामान्य विज्ञान:- राष्ट्रीय तथा सामान्य विज्ञान, अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं, भारत का इतिहास तथा बिहार के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँ।
- सामान्य भूगोल:- बिहार के प्रमुख भौगोलिक प्रभाग तथा यहाँ की महत्वपूर्ण नदियाँ, भारत की राज्य व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था, आजादी के पश्चात् बिहार की अर्थव्यवस्था के प्रमुख परिवर्तन, भारत का राष्ट्रीय आंदोलन तथा इसमें बिहार का योगदान।
- सामान्य मानसिक योग्यता को जाँचने वाले प्रश्न:- सामान्य विज्ञान के अन्तर्गत दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से संबंधित विषयों सहित विज्ञान की सामान्य जानकारी तथा परिबोध पर ऐसे प्रश्न पूछे जायेंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती हैं, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है। इतिहास के अन्तर्गत विषय के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में विषय की सामान्य जानकारी पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे बिहार के इतिहास की मुख्य घटनाओं से परिचित होंगे। भूगोल विषय में “भारत तथा बिहार के भूगोल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।” भारत तथा बिहार का भूगोल के अन्तर्गत देश के सामाजिक तथा आर्थिक भूगोल से संबंधित प्रश्न होंगे, जिनमें भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक साधनों की प्रमुख विशेषताएँ सम्मिलित होंगी। भारत की राज्य व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था के अन्तर्गत देश की राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सामुदायिक विकास तथा भारतीय योजना (बिहार संदर्भ में भी) सम्बन्धी जानकारी का परीक्षण किया जायेगा। “भारत के राष्ट्रीय आंदोलन” के अन्तर्गत उन्नीसवीं शताब्दी के पुनरुत्थान के स्वरूप और स्वभाव, राष्ट्रीयता का विकास तथा स्वतंत्रता प्राप्ति से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका पर पूछे गए प्रश्नों के भी उत्तर दें।
बीपीएससी मुख्य परीक्षा
परिचय :
- मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम के अंतर्गत बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा दो प्रकार के विषयों को रखा गया है। इनमें एक श्रेणी में अनिवार्य विषयों को, जबकि दूसरी श्रेणी में ऐच्छिक विषय को शामिल किया गया है। ऐच्छिक विषय को वैकल्पिक विषय के नाम से भी जाना जाता है।
- इसके अंतर्गत अनिवार्य विषयों में सामान्य हिंदी का एक प्रश्न पत्र तथा सामान्य अध्ययन के 2 प्रश्न पत्र शामिल किए गए हैं। इन तीनों प्रश्न पत्रों में से प्रत्येक के लिए 3 घंटे की समयावधि निर्धारित की गई है।
बीपीएससी मुख्य परीक्षा – सामान्य हिंदी का पाठ्यक्रम
- सामान्य हिंदी के प्रश्न पत्र के लिए 100 अंक निर्धारित किए गए हैं। सामान्य हिन्दी में प्रत्येक अभ्यर्थी को 30 प्रतिशत लब्धांक (अंक) प्राप्त करना अनिवार्य होगा, किन्तु मेधा निर्धारण के प्रयोजनार्थ इसकी गणना नहीं की जायेगी।
- इस पत्र में प्रश्न बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के माध्यमिक (सेकेण्डरी) स्तर के होंगे। इस परीक्षा में सरल हिन्दी में अपने भावों को स्पष्टतः एवं शुद्ध-शुद्ध रूप में व्यक्त करने की क्षमता और सहज बोध शक्ति की जाँच समझी जायेगी।
- सामान्य हिंदी का प्रश्न पत्र चार खंडों में विभाजित होगा। इनमें से विभिन्न खंडों लिए अंकों का विवरण निम्न प्रकार होगा-
- निबन्ध : 30 अंक
- व्याकरण : 30 अंक
- वाक्य विन्यास : 25 अंक
- संक्षेपण : 15 अंक
बीपीएससी मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों का पाठ्यक्रम
- सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्र प्रथम और प्रश्न पत्र द्वितीय, दोनों के लिए ही 300-300 अंक निर्धारित किए गए हैं। सामान्य अध्ययन के दोनों प्रश्न पत्रों में प्राप्त अंकों की गणना अभ्यर्थी के अंतिम परिणाम के निर्धारण में की जाएगी। सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्र “1” और प्रश्न पत्र “2” के भाग के निम्नलिखित क्षेत्र होंगे:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1:-
- भारत का आधुनिक इतिहास और भारतीय संस्कृति।
- राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय महत्व का वर्तमान घटना चक्र।
- सांख्यिकी विश्लेषण आरेखन और चित्रण।
- प्रश्न पत्र- 1:- आधुनिक भारत ( तथा बिहार के विशेष सन्दर्भ में) के इतिहास और भारतीय संस्कृति के अन्तर्गत लगभग उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य भाग से लेकर देश के इतिहास की रूप रेखा के साथ-साथ गाँधी, रवीन्द्र और नेहरू से संबंधित प्रश्न भी सम्मिलित होंगे बिहार के आधुनिक इतिहास के संदर्भ में प्रश्न इस क्षेत्र में पाश्चात्य शिक्षा (प्रौद्योगिकी शिक्षा समेत) के आरम्भ और विकास से पूछे जाएंगे। इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका से संबंधित प्रश्न रहेंगे। ये प्रश्न मुख्यतः संथाल विद्रोह, बिहार में 1857 विरसा का आन्दोलन, चम्पारण सत्याग्रह तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन से पूछे जाएँगे। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे मौर्य काल तथा पाल काल की कला और पटना कलम चित्रकला की मुख्य विशेषताओं से परिचित होंगे। सांख्यिकीय विश्लेषण आरेखन और सचित्र निरूपण से संबंधित विषयों में सांख्यिकीय आरेखन या चित्रात्मक रूप से प्रस्तुत सामग्री की जानकारी के आधार पर सहज बुद्धि का प्रयोग करते हुए कुछ निष्कर्ष निकालना और उसमें पाई गई कमियों, सीमाओं और असंगतियों का निरूपण करने की क्षमता की परीक्षा होगी।
सामान्य अध्ययन पत्र 2:-
- भारतीय राज्य व्यवस्था।
- भारतीय अर्थ व्यवस्था और भारत का भूगोल।
- भारत के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका और प्रभाव।
प्रश्न पत्र- 2:- में भारतीय राज्य व्यवस्था से संबंधित खंड में भारत की (तथा बिहार की) राजनीतिक व्यवस्था से संबंधित प्रश्न होंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत तथा बिहार के भूगोल से संबंधित खंड में भारत की योजना और भारत के भौतिक, आर्थिक और सामाजिक भूगोल से संबंधित प्रश्न पूछे जाएँगे। भारत के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व और प्रभाव से संबंधित तीसरे खंड में ऐसे प्रश्न पूछे जाएँगे, जो भारत तथा बिहार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व के बारे में उम्मीदवार की जानकारी की परीक्षा करे। इनमें प्रायोगिक पक्ष पर बल दिया जाएगा।
बीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए निर्धारित वैकल्पिक विषय
- बिहार लोक सेवा आयोग ने इस परीक्षा के लिए कुल 34 वैकल्पिक विषय निर्धारित कर रखे हैं। प्रत्येक अभ्यर्थी को इनमें से किसी एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होता है। इस ऐच्छिक विषय के प्रश्न पत्र के लिए भी 300 अंक निर्धारित किए गए हैं तथा इसके लिए परीक्षा की अवधि 03 घंटे निर्धारित की गई है।
- टिप्पणी:- ऐच्छिक विषयों का मानक लगभग वही होगा, जो पटना विश्वविद्यालय के तीन वर्षीय ऑनर्स परीक्षा का है।
- बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा के लिए निम्नलिखित वैकल्पिक विषय निर्धारित किए गए हैं-
- कृषि (Agriculture)
- पशुपालन तथा पशु चिकित्सा विज्ञान (Animal Husbandry and Veterinary Science)
- मानव विज्ञान (Human Science)
- वनस्पति विज्ञान (Botany)
- रसायन विज्ञान (Chemistry)
- सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)
- वाणिज्यिक शास्त्र तथा लेखा विधि (Commerce and Accountancy)
- अर्थशास्त्र (Economics)
- विद्युत इंजीनियरिंग (Electrical Engineering)
- भूगोल (Geography)
- भू-विज्ञान (Geology)
- इतिहास (History)
- श्रम एवम् समाज कल्याण (Labour Social Welfare – LSW)
- विधि (Law)
- प्रबन्ध (Management)
- गणित (Mathematics)
- यांत्रिक इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)
- दर्शन शास्त्र (Philosophy)
- भौतिकी (Physics)
- राजनीति विज्ञान तथा अन्तर्राष्ट्रीय संबंध (Political Science & International Relations)
- मनोविज्ञान (Psychology)
- लोक प्रशासन (Public Administration)
- समाज शास्त्र (Sociology)
- सांख्यिकी (Statistics)
- प्राणि विज्ञान (Zoology)
- हिन्दी भाषा और साहित्य (Hindi Language and Literature)
- अंग्रेजी भाषा और साहित्य (English Language and Literature)
- उर्दू भाषा और साहित्य (Urdu Language and Literature)
- बांग्ला भाषा और साहित्य (Bengali Language and Literature)
- संस्कृत भाषा और साहित्य (Sanskrit Language and Literature)
- फारसी भाषा और साहित्य (Persian Language and Literature)
- अरबी भाषा और साहित्य (Arabic Language and Literature)
- पाली भाषा और साहित्य (Pali Language and Literature)
- मैथिली भाषा और साहित्य (Maithili Language and Literature)
बीपीएससी मुख्य परीक्षा से संबंधित प्रमुख टिप्पणियाँ
- प्रश्न पत्र हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में होंगे।
- सभी भाषेतर विषयों के उत्तर हिन्दी या अंग्रेजी या उर्दू में से किसी एक ही भाषा में दिये जा सकते हैं। उम्मीदवारों को अन्य भाषा में उत्तर देने की छूट नहीं होगी।
- प्रश्न पत्रों के उत्तर देने का विकल्प लेने वाले उम्मीदवार यदि चाहें तो केवल तकनीकी शब्दों / वाक्यांशों / उद्धृत अंशों का यदि कोई हैं. विवरण का उनके द्वारा चुनी गई भाषा के साथ अंग्रेजी रूपान्तर दे सकते हैं।
- उम्मीदवार को अपने प्रश्न-पत्र के उत्तर स्वयं अपने हाथ से लिखने होंगे किसी भी परिस्थिति में इसके लिये दूसरे से सहायता लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
- परीक्षा के सभी विषयों में कम-से-कम शब्दों में की गई संगठित, सूक्ष्म और सशक्त अभिव्यक्ति को श्रेय मिलेगा।
- प्रश्न पत्रों में जहाँ कहीं भी आवश्यक हो, माप तौल से सम्बद्ध प्रश्न मीटरी प्रणाली में होंगे।
- उम्मीदवार प्रश्न पत्रों के उत्तर देते समय केवल भारतीय अंकों के अन्तर्राष्ट्रीय रूप (जैसे- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का ही प्रयोग करें।
- उम्मीदवार यदि चाहें तो मुख्य परीक्षा में कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं। परीक्षा में किसी से कैलकुलेटर माँगने या आपस में बदलने की अनुमति नहीं है।
बीपीएससी व्यक्तित्व परीक्षण या साक्षात्कार
- मुख्य परीक्षा में सफलीभूत उम्मीदवारों का व्यक्तित्व परीक्षण 120 अंकों का होगा।
- तदुपरांत मुख्य परीक्षा के 900 अंक एवम् साक्षात्कार के लिए 120 अंक, कुल 1020 अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की जायेगी।
- आयोग सफल उम्मीदवार को उनमें से किसी भी सेवा या पद के लिये अनुशंसित करने का अधिकार रखता है, जिसके लिए उम्मीदवार ने इच्छा प्रकट की है तथा जिसके लिये आयोग उसे योग्य समझता है।
इस प्रकार, हमने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सिविल सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के विभिन्न अंशों को समझा। लेकिन ध्यान रहे कि मुख्य परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए सभी 34 वैकल्पिक विषयों के लिए भी अलग-अलग पाठ्यक्रम निर्धारित किए गए हैं। या तो हम किसी अन्य आलेख में उन समस्त वैकल्पिक विषयों के लिए निर्धारित किए गए पाठ्यक्रम की चर्चा करेंगे, अन्यथा अभ्यर्थी अपने द्वारा चुने गए वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम बिहार लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर देख सकते हैं। हमें उम्मीद है कि इस आलेख के माध्यम से अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से राज्य लोक सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए पाठ्यक्रम के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी।
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