जब हमारे संविधान की रचना हुई थी तब इसमें 395 अनुच्छेद या धाराएं थीं । मूल अनुच्छेद/धाराओं की संख्या संविधान में आज भी इतनी ही है । हालाँकि समय समय पर होने वाले संशोधनों के कारण आज कुल अनुच्छेदों की संख्या 448 हो गई है, लेकिन ये मूल अनुच्छेद के ही विस्तार के रूप में स्थापित किये गये हैं । उदाहरण के लिए, केंद्र सरकार ने जब स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 को लागू किया, तब संविधान के अनुच्छेद -51 में एक नया अनुच्छेद 51 (क) जोड़ा गया और 10 मूल कर्तव्य संविधान में स्थापित किये गये ।
इसी प्रकार मूलतः संविधान में 22 भाग व 8 अनुसूचियां (schedules) थीं । आज यह संख्या क्रमश: 25 व 12 है ।
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