01 अगस्त 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: शासन:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: राजव्यवस्था एवं शासन:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। G.महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
ईशनिंदा और अभद्र भाषा के बीच अंतर करने की आवश्यकता:
शासन::
विषय: सरकारी नीतियां एवं हस्तक्षेप।
मुख्य परीक्षा: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ईशनिंदा कानूनों से संभावित खतरा।
संदर्भ:
- धार्मिक संदर्भ से जुड़े भाषणों और ट्वीट्स पर हालिया हंगामे ने आलोचना बनाम अभद्र भाषा को नियंत्रित करने के लिएबने प्रभावी नियमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परिचय:
- भारत में ईशनिंदा के खिलाफ कोई औपचारिक कानून नहीं है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 (ए) ईशनिंदा कानून से मिलती जुलती है।
धारा 295 (ए) का इतिहास एवं व्याख्या:
- धारा 295 (ए) के तहत कोई भी भाषण, लेखन या संकेत जो “पूर्व नियोजित और दुर्भावनापूर्ण इरादे से” नागरिकों के धर्म या उनके धार्मिक विश्वासों का अपमान करते हैं या उन्हें ठेस पहुंचते हैं, अपराध की श्रेणी में आते हैं।
- यह एक दंडनीय अपराध हैं, जिसमे जुर्माना और 03 साल तक के कारावास का प्रावधान शामिल है।
- वर्ष 1927 में,एक व्यंग्य प्रकाशित किया गया था जो बहुत आक्रामक था और जिसमें धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया था, लेकिन लाहौर के तत्कालीन उच्च न्यायालय ने कहा कि इसके लेखक पर आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि लेखन से किसी भी समुदाय के बीच दुश्मनी या द्वेष पैदा नहीं हुआ हैं।
- हालाँकि, इस घटना ने धर्मों की पवित्रता की रक्षा के लिए एक कानून की मांग को जन्म दिया, और इस प्रकार, धारा 295 (ए) बनाई गई।
- सर्वोच्च न्यायालय ने रामजी लाल मोदी मामले, 1957 की पुष्टि की हैं कि हालाँकि अनुच्छेद 19(2) सार्वजनिक व्यवस्था के लिए भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उचित सीमा/प्रतिबन्ध लगाने की अनुमति देता है, लेकिन धारा 295 (ए) के तहत निर्धारित सजा,ईशनिंदा से संबंधित है,जो किसी भी वर्ग की धार्मिक संवेदनाओं को ठेस पहुंचाने के दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य से की जाती है।
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि भाषण और अव्यवस्था के बीच का संबंध “स्पार्क इन ए पाउडर कैग ” (जो आसानी से बहुत खतरनाक साबित हो सकता है-spark in a powder keg) जैसा होता हैं।
- वर्ष 2011 में,सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि केवल वे भाषण जो “आसन्न गैरकानूनी कार्रवाई के लिए उकसाते है, के मांमले में दंड दिया जा सकता है।
क्या ईशनिंदा कानूनों और अभद्र भाषा ( hate speech) कानूनों में अंतर होना चाहिए?
- धारा 295(ए) की शब्दावली काफी व्यापक है। यह नहीं कहा जा सकता है कि धर्म का जानबूझकर अनादर अनिवार्य रूप से उकसाने जैसा है।
- धारा 295ए को संज्ञेय अपराध माना जाता है जिसमें पुलिस कथित अपराधी को जज से वारंट प्राप्त किए बिना गिरफ्तार कर सकती है।
- एक साधारण शिकायत या प्राथमिकी (FIR) किसी को गिरफ्तार करने और धारा 295ए के तहत आरोपित करने के लिए पर्याप्त है।
- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार धारा 295 (ए) में अभद्र भाषा के नियमों का लक्ष्य पूर्वाग्रह को रोकना और समानता सुनिश्चित करना है।
- हालाँकि न्यायपालिका की व्याख्या और कानून के वास्तविक शब्दों के बीच विसंगति के कारण, प्रशासन द्वारा इसका समय-समय पर दुरुपयोग किया जाता रहा है।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि अभद्र भाषा कानून धर्म की आलोचना करने और व्यक्तियों या समुदाय के प्रति उनके विश्वास के कारण पूर्वाग्रह या आक्रामकता को प्रोत्साहित करने के बीच महत्वपूर्ण अंतर पर आधारित हैं।
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार अभद्र भाषा के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2014 में केवल 323 मामले दर्ज किए गए थे जबकि वर्ष 2020 में ये बढ़कर 1,804 हो गए ।
- धार्मिक असहमति, व्यंग्य और धार्मिक संदर्भ वाली किसी भी हास्य सामग्री के लिए फर्जी मामलों और प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाने के लिए धारा 295 (ए) के दुरुपयोग के कई उदाहरण देखे गए हैं।
- आलोचना और पूर्व नियोजित अभद्र भाषा के बीच अंतर को स्पष्ट करने में विफल रहने से इस धारा का समुचित उपयोग करने की सम्भावना नगण्य हो जाती है और अभद्र भाषा के वास्तविक अपराध को परिभाषित करना और दंडित करना अधिक कठिन हो जाता है।
ईशनिंदा की घटनाओं से कैसे निपटना चाहिए?
- अभिव्यक्ति को अपराधीकरण करने के बहाने के रूप में सार्वजनिक अशांति का उपयोग करने से पहले राज्य को ठीक से जांच करनी चाहिए।
- धर्म या धार्मिक शख्सियतों का अपमान करने की निंदा की जा सकती है, लेकिन इस पर कानूनी तौर पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए या इसे गैरकानूनी नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे एक लोकतांत्रिक समाज के सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
- ईशनिंदा कानून को अपराध से मुक्त करने से एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज का निर्माण हो सकता है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को शक्ति प्रदान करने वाली तकनीक
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विषय: प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई तकनीक विकसित करना।
मुख्य परीक्षा: भारतीय ऑटो बाजार में ईवी (electric vehicles-EV’s) को अपनाना।
संदर्भ:
- हाल के महीनों में, कई वाहन निर्माताओं ने भारत में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च किए हैं, जो उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अधिक विकल्प प्रदान करते हैं।
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन क्या है?
- एक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (HEV) चलाने के लिए एक आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine) (ICE-पेट्रोल/डीजल इंजन-(ICE-Petrol/Diesel Engine) के साथ इलेक्ट्रिक मोटर्स का उपयोग किया जाता है।
- यह अकेले इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होता है,जिसमें ICE द्वारा, या दोनों द्वारा बैटरी में संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (HEV) के प्रमुख घटक:
- एक कम वोल्टेज सहायक बैटरी।
- बिजली स्टोर करने के लिए एक ट्रैक्शन बैटरी पैक।
- एक विद्युत जनरेटर।
- एक एसी/डीसी कनवर्टर।
- एक ICE
Image Source: afdc.energy.gov
HEV पॉवरट्रेन की कार्य प्रणाली:
- HEV पॉवरट्रेन को 03 तरीकों से कारों को पावर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वे हैं:
- समानांतर (Parallel)
- श्रृंखला (Series)
- श्रृंखला-समानांतर (power split)।
- एक समानांतर एचईवी ड्राइविंग की स्थिति के आधार पर वाहन को शक्ति प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम शक्ति स्रोत का उपयोग करता है। यह कार को पावर देने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर और ICE के बीच बारी-बारी से काम करता हैं।
- एक श्रृंखला में HEV पहियों को चलाने के लिए केवल इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग किया जाता है,जबकि ICE जनरेटर को पावर देता है, जो बदले में बैटरी को रिचार्ज करता है।
- एक श्रृंखला-समानांतर एचईवी दोनों मॉडलों का संयोजन प्रदान करती है और शक्ति को विभाजित करने की अनुमति देती है।
- इसमें वाहन चलाने के लिए बिजली ICE के जरिये या बैटरी के माध्यम से इलेक्ट्रिक मोटर तक जाती है।
- इसके अलावा, तीनों डिज़ाइनों में, बैटरी को रीजेनरेटिव/पुनर्योजी ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी/सिस्टम (regenerative braking work) के माध्यम से चार्ज किया जाता है।
पुनर्योजी ब्रेकिंग कैसे काम करती है?
- आरबीएस के प्रकार के आधार पर ऊर्जा की रिकवरी कई तरह से होती है।
- एक गतिज प्रणाली ब्रेक लगाने के दौरान खोई हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर फिर इस ऊर्जा का उपयोग बैटरी को रिचार्ज करने के लिए कर सकती है।
Image Source: evup.com
- एक इलेक्ट्रिक सिस्टम अचानक ब्रेक लगाने के दौरान मोटर के माध्यम से बिजली उत्पन्न करता है।
- एक हाइड्रोलिक सिस्टम में वाहन की गतिज ऊर्जा को संग्रहीत करने के लिए दबाव वाले टैंकों का उपयोग किया जाता है और उच्च ऊर्जा रिकवरी कर सकता है जो भारी वाहनों के लिए आदर्श तकनीकी है।
- रिकवरी योग्य ऊर्जा की मात्रा वाहन के रुकने के तरीके/स्टॉपिंग पैटर्न और वाहन की गति जैसे कारकों द्वारा तय की जाती है।
- ब्रेक लगाने के दौरान जितना संभव हो उतनी ऊर्जा पुनर्प्राप्त करने की क्षमता एचईवी की दक्षता निर्धारित करती है क्योंकि उच्च ऊर्जा रिकवरी के परिणामस्वरूप ईंधन की खपत कम होती है।
आरबीएस (RBS) के लाभ:
- स्टॉप-एंड-गो (रुको और आगे बढ़ो) ट्रैफिक में बेहतर ब्रेकिंग दक्षता ईंधन की बचत को बढ़ाती है।
- ईंधन की कम खपत और बैटरियों की विस्तारित रेंज के माध्यम से वाहनों की परिचालन क्षमता को बढ़ाया जाएगा।
- आरबीएस ऊर्जा अनुकूलन में भी मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम ऊर्जा अपव्यय और कम कार्बन उत्सर्जन होता है।
- RBS तकनीक का उपयोग इलेक्ट्रिक रेलवे में भी किया जाता है।
- कई स्टेशनों पर ट्रेनों के बार-बार त्वरण और ब्रेक लगाने से ऊर्जा दक्षता बढ़ाने वाली ऊर्जा रिकवरी की क्षमता बढ़ जाती है।
एचईवी ( HEVs) के प्रकार:
- हाइब्रिडाइजेशन के स्तर के आधार पर, एचईवी को सूक्ष्म, हल्के और पूर्ण हाइब्रिड वाहनों में वर्गीकृत किया जाता है।
- एक पूर्ण एचईवी में अन्य प्रकार की तुलना में बड़ी बैटरी के साथ अधिक शक्तिशाली इलेक्ट्रिक मोटर होगी।
- इसलिए, यह केवल इलेक्ट्रिक मोड का उपयोग करके वाहन को अधिक दूरी तक चलाया जा सकता है।
- एक हल्के HEV में ट्रैफिक लाइट पर बैटरी का उपयोग किया जाता है, ताकि आईसीई को सहयोग मिल सकें,क्योंकि वे केवल इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करके वाहन नहीं चला सकते हैं।
- माइक्रो हाइब्रिड इलेक्ट्रिक टॉर्क इसमें सहायता नहीं होते हैं क्योंकि उनमें इलेक्ट्रिक मोटर नहीं होती है, लेकिन इसमें एक निष्क्रिय स्टॉप-स्टार्ट सिस्टम और ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली होती हैं।
प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (Plug-in hybrid electric vehicles (PHEVs)):
- इन्हें वॉल आउटलेट का उपयोग करके चार्ज किया जा सकता है, क्योंकि इनमें ऑनबोर्ड चार्जिंग पोर्ट होता है।
- इनमें आम तौर पर इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग तबतक किया जाता हैं जब तक कि बैटरी लगभग खत्म न हो जाए, और फिर स्वचालित रूप से ICE पर से संचालित होते हैं।
- वर्ष 2022 में 1.95 मिलियन वैश्विक शिपमेंट में से 23% PHEV हैं।
हाइब्रिड तकनीक का उपयोग करने के लाभ:
- बेहतर ईंधन दक्षता
- अधिक शक्ति- कम गति पर उच्च टॉर्क
- न्यूनतम उत्सर्जन।
चुनौतियां:
- भारत जैसे मूल्य संवेदनशील बाजार में उच्च वाहन लागत।
- बैटरी और आरबीएस के कारण एचईवी की लागत बढ़ जाती है।
- हाइब्रिड बैटरी में उच्च वोल्टेज होता है, जो दुर्घटना की स्थिति में इलेक्ट्रोक्यूशन के जोखिम को बढ़ा सकता है।
निष्कर्ष:
- परिवहन से जुड़े समाधानों की खोज,जीवाश्म ईंधन की कीमतों में वृद्धि और उत्सर्जन नियंत्रण के लिए सख्त सरकारी नियम वैश्विक ईवी बाजार के विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।
- एचईवी स्थानीय ईवी पुर्जों का निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, साथ ही साथ आईसीई निर्माण से संबंधित विशाल मौजूदा बुनियादी ढांचे और रोजगार को बढ़ाएंगे और इस प्रकार एक तेज और व्यवधान मुक्त प्रौद्योगिकी बदलाव सुनिश्चित करेंगे।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
राजव्यवस्था एवं शासन:
प्रतिनिधित्व, सब से ऊपर
विषय: विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति तथा 73वां एवं 74वां संशोधन अधिनियम।
मुख्य परीक्षा: कार्यपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली।
संदर्भ:
- सुश्री द्रौपदी मुर्मू, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेने वाली पहली अनुसूचित जनजाति की हैं।
- वह संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती हैं।
राष्ट्रपति पद के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए निम्नलिखित लेख पढ़े:
https://byjus.com/free-ias-prep/president/
विवरण:
यह कैसे संभव हुआ:
- प्रमुख कारणों में से एक लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण है जो 73वें और 74वें संशोधन अधिनियम के द्वारा संभव हुआ
- संशोधनों ने अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए सीटों के आरक्षण को अनिवार्य कर दिया।
- साथ ही एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई।
73वें संशोधन अधिनियम के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़ें:
https://byjus.com/free-ias-prep/panchayati-raj/
उपलब्धियां:
- प्रतिनिधित्व का काफी हद तक विस्तार किया गया है जैसा कि स्पष्ट है:
- लगभग 20 राज्यों ने आरक्षण को 33% से बढ़ाकर 50% कर दिया है।
- पिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान करना।
- यह देखा गया है कि महिलाओं के नेतृत्व वाली पंचायतों में बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक कार्यों में अधिक निवेश हुआ हैं।
- महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व ने अधिक महिलाओं को ग्रामीण मामलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।
चुनौतियां/चिंताएं:
- लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के तीन दशकों के बाद भी, स्थानीय सरकारें स्थानीय स्वशासन की कुशल इकाइयाँ नहीं बन पाई हैं।
- न्यायपालिका ने कई बार पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण के विस्तार की प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त किया है।
- कुछ चुने हुए प्रतिनिधियों के पतियों ने महिला आरक्षण के उद्देश्य को कमजोर किया है।
डॉ. बी.आर. स्थानीय स्वशासन पर अम्बेडकर का दृष्टिकोण:
डॉ अम्बेडकर ने ग्राम पंचायत की मांग को यह उद्धृत करते हुए खारिज कर दिया कि:
“गांव क्या है बस स्थानीयता, अज्ञानता, संकीर्ण मानसिकता और सांप्रदायिकता का एक केंद्र है, मुझे खुशी है कि संविधान के मसौदे ने गांव की मांग को त्याग दिया है और व्यक्ति को अपनी इकाई के रूप में अपनाया है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
राजव्यवस्था एवं शासन:
एक चिंताजनक गिरावट:
विषय: संसद – कार्य का संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: संसद का कार्य और जिम्मेदारी।
संदर्भ:
- संसद में विपक्षी दल के विरोध के कारण विधायिका की सृजनात्मकता और दक्षता में गिरावट आई है।
विवरण:
- हाल ही में संसद में हुए हंगामे और निरंतर विरोध ने विधायी निकाय के कुशल कार्यान्यन की चुनौतियों को सामने ला दिया है।
वर्तमान मुद्दों:
- गलत समय पर बनाया गया कानून वांछित विचार-विमर्श के लिए कोई जगह नहीं छोड़ता है।
- वाद-विवाद और चर्चा की गुणवत्ता घटिया है।
- संसदीय समिति की भूमिका और भागीदारी को कम कर दिया गया है।
- साथ ही संसद की अवधि और सत्र की अवधि भी कम कर दी गई हैं।
- आंकड़ों से पता चला है कि विगत वर्षों में सांसदों (MP) का निलंबन तीन गुना तक बढ़ गया है।
प्रभाव:
- यह कानून पारित करने की विधायी प्रक्रिया को बाधित करता है।
- पूरे सत्र को अनुत्पादक बनाना।
किए गए उपाय:
- विधायिका के कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए उपकरणों, तंत्र और व्यावसायिक नियमों का कुशल उपयोग।
- सत्तारूढ़ और विपक्षी दल दोनों को संवाद और संसदीय सत्र की दक्षता में वृद्धि करनी चाहिए।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
यूरेशिया को और करीब लाना:
विषय: भारत से जुड़े/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह के समझौते।
मुख्य परीक्षा: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और उनकी संरचना, जनादेश।
संदर्भ:
- हाल ही में रूस के अस्त्रखान बंदरगाह से दो कंटेनर मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पहुंचे।
अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC):
- यह सड़क, रेल और समुद्री मार्गों को मिलाकर 7,200 किलोमीटर लंबा मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर है।
- यह मध्य एशिया और ईरान के माध्यम से रूस और भारत को जोड़ता है।
- उद्देश्य: यूरेशियन मुक्त व्यापार क्षेत्र को मजबूत करना।
- INSTC का कानूनी ढांचा रूस, भारत और ईरान के बीच त्रिपक्षीय समझौते के तहत स्थापित किया गया था।
- समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य देश: आर्मेनिया, अजरबैजान, बेलारूस, कजाकिस्तान, ओमान, सीरिया और ताजिकिस्तान है।
महत्व:
- INSTC स्वेज नहर के माध्यम से पारंपरिक गहरे समुद्र मार्ग की तुलना में माल ढुलाई की लागत में 30% और यात्रा के समय में 40% की कमी करेगा।
- साथ ही स्वेज नहर मार्ग (भूमध्य सागर और लाल सागर के बीच) में समुद्री यातायात को रोकने जैसी अप्रिय घटनाओं से बचा जा सकेगा।
भारत के लिए महत्व:
- अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच।
- चाबहार के आसपास एक विशेष आर्थिक क्षेत्र के माध्यम से भारतीय कंपनियों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने का अवसर मिलेगा।
- अफगानिस्तान, मध्य एशिया और उससे आगे तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान की आवश्यकता नहीं होगी।
- यह चीन के BRI (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) का मुकाबला कर सकता है।
INSTC पर अधिक जानकारी के लिए पढ़ें:
https://byjus.com/free-ias-prep/international-north-south-transport-corridor/
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. अल नजाह IV :
- भारत और ओमान आतंकवाद विरोधी सहयोग पर फोकस करने के लिए एक संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे।
- इस अभ्यास के दायरे में “संयुक्त कमान और नियंत्रण संरचनाओं की स्थापना और आतंकवादी खतरों का उन्मूलन, पेशेवर बातचीत, अभ्यास और प्रक्रियाओं की आपसी समझ” शामिल है।
- यह भारतीय सेना और ओमान की शाही सेना के बीच 04वां संस्करण होगा।
- यह राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित होने वाला है।
- पिछला संस्करण मार्च 2019 में मस्कट में आयोजित किया गया था।
- ये अभ्यास द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाते हैं और संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यास संचालन तालमेल और सहयोग लाने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं।
2. सशस्त्र बलों के लिए हेलीकॉप्टर:
- उपयोगिता की श्रेणी में, भारतीय वायु सेना और सेना को एक साथ 400 से अधिक हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता है और इनका उद्देशय चीता और चेतक को बदलना हैं।
- इस आवश्यकता को रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के जरिये लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUHs) और 200 Ka-226T उपयोगिता हेलीकाप्टरों के साथ संयुक्त रूप से बनाया जाना था।
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित 12 एलयूएच ( light utility helicopters (LUHs)) के निर्माण के लिए आशय पत्र प्राप्त हुआ है।
- LUH एक 03-टन वर्ग की नई पीढ़ी का सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के रोटरी विंग रिसर्च एंड डिज़ाइन सेंटर द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है, जिसमें भारत के लिए अद्वितीय विविध परिचालन स्थितियों में संचालन की उपयुक्त विशेषताएं अंतर्निहित हैं।
- 15 सीमित श्रृंखला उत्पादन (limited series production (LSP)) के प्रकारों के बदले नौ हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (light combat helicopters (LCH)) का निर्माण किया गया है और अब इन्हे सेनाओं को सौंपने की प्रक्रिया चल रही हैं।
- भारतीय सेना बोइंग से अधिक अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर को खरीदने के लिए बातचीत कर रही है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन अवशिष्ट पर्वत के उदाहरण हैं? (स्तर- मध्यम)
- अरावली की पहाड़ियाँ
- गिरनार की पहाड़ियाँ
- जावड़ी की पहाड़ियाँ
- नीलगिरि की पहाड़ियाँ
विकल्प:
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: d
व्याख्या:
- अवशिष्ट पहाड़ पहले से मौजूद पहाड़ों के अवशेष हैं जिनका एक विस्तारित अवधि में अपक्षय और क्षरण हुआ हैं।
- वर्तमान में इनके आकार का श्रेय ग्लेशियरों, नदियों, हवा, आदि द्वारा कटाव को दिया जाता हैं।
- अरावली पहाड़ियाँ, नीलगिरि पहाड़ियाँ, जावड़ी पहाड़ियाँ, गिरनार पहाड़ियाँ, स्पेन का सिएरा अवशेष/अवशिष्ट पर्वतों के कुछ उदाहरण हैं।
- माउंटेन निर्माण की अधिक जानकारी के लिए इस लिक पर क्लिक कीजिए : Mountain Formation
प्रश्न 2. अरावली पर्वत श्रेणी/माला के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-सरल)
- यह मरुस्थल के प्रसार में प्रमुख अवरोध का कार्य करता है।
- गुरु शिखर इसकी सबसे ऊँची चोटी है।
- राजस्थान की सभी नदियों का उद्गम अरावली पर्वतमाला की ढलानों से होता हैं।
विकल्प:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: अरावली पर्वत माला राजस्थान के पूर्व में और उसके बाद गंगा के मैदानों में मरुस्थलीकरण के प्रसार को रोकती है।
- कथन 2 सही है: गुरु शिखर अरावली की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई 1722 मीटर है, जो माउंट आबू के निकट स्थित है।
- कथन 3 गलत है: राजस्थान की एकमात्र बारहमासी नदी चंबल विंध्य पर्वत शृंखला के उत्तरी ढलानों से निकलती है।
- अरावली पर्वत माला के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Aravalli Range
प्रश्न 3. अल-नागाह, भारत और किस देश के बीच संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास है: (स्तर-सरल)
(a) बहरीन
(b) ओमान
(c) कतर
(d) संयुक्त अरब अमीरात
उत्तर: b
व्याख्या:
- यह भारतीय सेना की टुकड़ियों और ओमान की शाही सेना के बीच होने वाला सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास है।
- अल नजाह का चौथा संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में होने वाला है।
- चौथे संस्करण का फोकस आतंकवाद विरोधी अभियान (Counter terrorism operations) पर होगा।
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सा/से सही सुमेलित है/हैं? (स्तर-कठिन)
- केर्च जलडमरूमध्य – अज़ोव सागर के साथ काला सागर
- मेसिना जलडमरूमध्य- आयोनियन सागर के साथ टायरानियन सागर
- डोवर जलडमरूमध्य- इंग्लिश चैनल के साथ उत्तरी सागर
विकल्प:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: केर्च जलडमरूमध्य पूर्वी यूरोप में काला सागर और आज़ोव सागर को जोड़ता है जो पश्चिम में क्रीमियन केर्च प्रायद्वीप को पूर्व में रूस के तमन प्रायद्वीप से अलग करता है।
Image Credit: The Economist Intelligence Unit
- कथन 2 सही है: मेसिना जलडमरूमध्य दक्षिणी इटली में पूर्वी सिसिली और कैलाब्रिया के पश्चिमी सिरे के बीच एक संकीर्ण जलडमरूमध्य है।
- यह मध्य भूमध्य सागर के भीतर, उत्तर में टायरानियन सागर को दक्षिण में आयोनियन सागर से जोड़ता है।
Image Credit: www.jcvi.org
- कथन 3 सही है: डोवर जलडमरूमध्य इंग्लिश चैनल और उत्तरी सागर के बीच की सीमा को ग्रेट ब्रिटेन से महाद्वीपीय यूरोप को अलग करता है।
Image Source: Wikipedia
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (CSE-2022) (स्तर-कठिन)
- हाल के वर्षों में वियतनाम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है।
- वियतनाम का नेतृत्व बहुदलीय राजनीतिक प्रणाली द्वारा होता है।
- वियतनाम का आर्थिक विकास वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ इसके एकीकरण और निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने से जुड़ा है।
- लंबे समय से, वियतनाम की निम्न श्रम लागतों और स्थिर विनिमय दरों ने वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित किया है।
- हिन्द-प्रशांत क्षेत्र का सर्वाधिक उत्पादक ई-सेवा क्षेत्र वियतनाम में है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 2 और 4
(b) केवल 3 और 5
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) केवल 1 और 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: लाभकारी वैश्विक प्रवृत्तियों के साथ 1986 में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों ने वियतनाम को दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्था में बदलने में में मदद की है।
- वर्ष 2002 से 2021 के बीच, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 3.6 गुना बढ़ गया, जो लगभग 3,700 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
- कथन 2 गलत है: वियतनाम एकदलीय समाजवादी गणराज्य है।
- कथन 3 सही है: वियतनाम की निर्यात-आधारित विकास रणनीति और वैश्विक एकीकरण इसके विकास और गरीबी में कमी में प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
- कथन 4 सही है: व्यापार और विदेशी निवेश प्रतिबंधों को कम करके, वियतनाम ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित किया। इसके साथ ही इसकी कम मजदूरी के कारण यह विनिर्माण और निर्यात का एक आकर्षक मंच बन गया।
- कथन 5 गलत है: वियतनाम हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक उत्पादक ई-सेवा क्षेत्रों में से एक है, लेकिन इसे पूरे हिन्द -प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक उत्पादक ई-सेवा क्षेत्र नहीं कहा जा सकता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के फायदे और नुकसान क्या हैं? यह सामान्य ईवी से किस प्रकार भिन्न है? (15 अंक, 250 शब्द) (जीएस3- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
प्रश्न 2. भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए) का इतिहास क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने इसके सम्बन्ध में क्या फैसला दिया है? (10 अंक, 150 शब्द) (जीएस 2- राजव्यवस्था)