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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 03 October, 2022 UPSC CNA in Hindi

03 October 2022: UPSC Exam Comprehensive News Analysis

03 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

  1. भारत में लाल फीताशाही:

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं:

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

सामाजिक न्याय:

  1. शिशु परित्याग पर ‘सुरक्षित समर्पण’ चुनें:

अंतरराष्ट्रीय संबंध:

  1. यूके एक आर्थिक रसातल की और बढ़ रहा है:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. जल जीवन मिशन:
  2. नॉर्ड स्ट्रीम:

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. मिशन मंगलयान:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान में विकास और उनके अनुप्रयोग एवं इसके दैनिक जीवन पर प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: भारत में डिजिटल डिवाइड को दूर करने के लिए नीतियां।

संदर्भ:

  • जियो (Jio), वनवेब (OneWeb), ह्यूजेस (Hughes) और टाटा समर्थित नेल्को (Nelco) जैसी कंपनियां भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मुहैया कराने की तैयारी कर रही हैं।

परिचय:

  • वर्तमान में वैश्विक स्तर पर उपग्रह संचार की उपयोगिता बढ़ रही है,जिसके परिमाणस्वरूप इसमें सम्बंधित कंपनियों की रुचि बढ़ी है,और निवेश और नवाचार हो रहे हैं।
  • आज के परिपेक्षय में वैश्विक उपग्रह संचार अंतरिक्ष में दो सबसे बड़े विकास LEO (निम्न-पृथ्वी कक्षा नक्षत्र) का उदय है जिसके माध्यम से वैश्विक कवरेज और कम विलंबता वाली सेवाएं दी जा सकती है,इसके अलावा एचटीएस (हाई थ्रूपुट सैटेलाइट सर्विस) जो अभूतपूर्व क्षमता और लचीलापन प्रदान करता है।
  • वैश्विक उपग्रह संचार क्षेत्र में दो सबसे बड़े विकास हैं- LEO (निम्न-पृथ्वी कक्षा नक्षत्र-LEO (low-earth orbit constellations) ) का उदय, जो वास्तव में वैश्विक कवरेज और कम विलंबता सेवा प्रदान करने का वादा करता है, और HTS (उच्च थ्रूपुट उपग्रह सेवा) का उदय है ।
  • हालांकि भारत का उपग्रह ब्रॉडबैंड बाजार अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है,जहाँ कनेक्टिविटी और इंटरनेट की बढ़ती मांग, डिजिटल इंडिया ड्राइव जैसी मुहीम के माध्यम से देश के सभी अप्रयुक्त इलाकों को जोड़ना है।
  • फिर भी कई रिपोर्टों के अनुसार, भारत में 5G सेवा के शरू होने के बावजूद इसके लिए अत्यावश्यक अपर्याप्त टॉवर फाइबराइजेशन सहित बुनियादी ढाँचे में कमी के मुद्दे 5G की सफलता के बारे में चिंताएँ पैदा करते हैं।

भारत में सैटकॉम (उपग्रह संचार-satellite communications) खिलाडी:

  • गौरतलब है कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं देने वाली कई कंपनियां भारत में परिचालन शुरू करने की तैयारी कर रही हैं।
  • जिओ (Jio) को भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT)की मंजूरी मिल गई है।
  • जिओ प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (Jio Platforms Ltd) और लक्सेम्बर्ग (Luxembourg) के एसइएस (SES) ने भारत में सैटेलाइट-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए जिओ स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड(Jio Space Technology Ltd) नामक एक संयुक्त उद्यम का गठन किया हैं।
  • यह लाइसेंस 20 साल की अवधि के लिए दिया गया हैं और इसमें उपग्रह के माध्यम से आवाज और डेटा सेवाएं प्रदान करना शामिल हैं।
  • जनवरी 2022 में उपग्रह संचार कंपनियों, वनवेब और ह्यूजेस नेटवर्क सिस्टम्स ने भारत में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) कनेक्टिविटी सेवाओं पर छह साल के लिए किये गए समझौते की घोषणा की थी।
  • इसके बाद वनवेब इन समाधानों को उद्यमों, सरकारों, दूरसंचार कंपनियों, एयरलाइन कंपनियों और समुद्री ग्राहकों तक पहुंचाएगा।
  • हालाँकि रूस-यूक्रेन संकट के कारण वनवेब को रूस के सोयुज रॉकेट के माध्यम किय जाने वाले 36 उपग्रहों के प्रक्षेपण को रद्द करना पड़ा क्योंकि रूस ने कंपनी के साथ अपना समझौता रद्द कर दिया है।
  • वनवेब ने 2023 की शुरुआत में अपने उपग्रह प्रक्षेपण को फिर से शुरू करने के लिए इसरो के न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NewSpace India Limited (NSIL)) और स्पेसएक्स के साथ साझेदारी की है।
  • ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया, (Hughes Communications India, (HCI)) और भारती एयरटेल के एक संयुक्त उद्यम को सैटकॉम प्रदान करने की मंजूरी मिल गई है।
  • एचसीआई (HCI) ने हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड देने के लिए भारत की पहली एचटीएस ब्रॉडबैंड सेवा भी शुरू की, जिसमें स्थलीय नेटवर्क की पहुंच से परे सबसे दूरस्थ क्षेत्र भी शामिल है।
  • एचटीएस में पारंपरिक संचार उपग्रहों की तुलना में अधिक प्रवाह क्षमता (थ्रूपुट-throughput) है।
  • उच्च प्रवाह क्षमता पारंपरिक उपग्रहों की तुलना में समान मात्रा में कक्षीय स्पेक्ट्रम का उपयोग करते हुए उच्च डेटा प्रोसेसिंग और स्थानांतरण क्षमता को संदर्भित करता है।
  • टाटा के स्वामित्व वाली सैटकॉम कंपनी नेल्को और कनाडा की टेलीसैट ने भी हाल ही में भारत में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का पहला इन-ऑर्बिट प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया है।

टेलीसैट सेवाओं का महत्व:

  • सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं देश के सबसे दूरदराज के हिस्सों को जोड़ सकती हैं जिन्हें उच्च विश्वसनीयता और लचीलेपन के साथ फाइबर के माध्यम से जोड़ना मुश्किल है।
  • उदाहरण के लिए-ह्यूजेस इंडिया ने भारतनेट (BharatNet) के हिस्से के रूप में भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड (Bharat Broadband Nigam Limited (BBNL)) और टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (Telecommunications Consultants India Ltd. (TCIL)) के साथ भागीदारी की है, ताकि पूर्वोत्तर राज्यों की 5,000 दूरस्थ ग्राम पंचायतों और पूर्वी लद्दाख में गालवान घाटी को हाई-स्पीड सैटेलाइट कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।
  • टेलीसैट सेवाएं 4जी/5जी बैकहॉल, मोबाइल हॉटस्पॉट, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण संपर्क जैसे अनुप्रयोगों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेंगी।
  • इसके अतिरिक्त, टेलीसैट 4जी और 5जी नेटवर्क के रोलआउट को गति देगा और व्यापार, दूरसंचार, गतिशीलता और भूमि, वायु और समुद्र पर सरकारी ब्रॉडबैंड एक्सेस के लिए बेंचमार्क स्थापित करेगा।

चुनौतियां:

  • उपग्रह के संकेतों को बहुत दुरी तय करनी पड़ती हैं और उनके मार्ग की सभी संभावित बाधाओं के कारण, उपग्रह डेटा स्थानांतरण अपेक्षाकृत खराब इंटरनेट गति और सीमित उपग्रह बैंडविड्थ मिलती है।
  • उपग्रह के साथ इसका कनेक्शन समय चारो ओर के परिवेश, आपके संदेश की लंबाई और उपग्रह नेटवर्क की स्थिति और उपलब्धता से भी प्रभावित हो सकता है।
  • सैटेलाइट इंटरनेट में विलंबता इससे सम्बंधित एक महत्वपूर्ण समस्या हो सकती है जो वीडियो चैट जैसे रीयल-टाइम एप्लिकेशन को प्रभावित कर सकती है।
    • (रीयल-टाइम-कंप्‍यूटर द्वारा सूचना-प्राप्ति और प्रक्रमण के बीच समय के अत्‍यल्‍प होने की वास्‍तविकता)
  • मौसम में मामूली बदलाव उपग्रह डेटा की गति और विलंबता दोनों पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
  • महंगे उपकरणों के साथ जटिल उपग्रह इस नेटवर्क सेवा को महंगा बनाते हैं।

सारांश:

  • वैश्विक उपग्रह संचार बाजार में अधिक संभावनाओं के साथ भारत वैश्विक रुझानों के साथ तेजी से पकड़ बना रहा है ऐसे में अंतरिक्ष विभाग को भारत में वाणिज्यिक सेवाओं के शुभारंभ पर अनिश्चितता को समाप्त करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों के साथ लंबित नई स्पेसकॉम नीति जारी करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में वर्तमान में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड संचार सेवाओं का रोलआउट भारत में डिजिटल विभाजन को ख़त्म कर सकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

भारत में लाल फीताशाही:

शासन:

विषय: शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू

मुख्य परीक्षा: गैर टैरिफ व्यापार बाधाएं (Non tariff trade barriers)।

संदर्भ:

  • यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल (U.K. India Business Council (UKIBC)) ने भारत से ‘निराशाजनक’ लालफीताशाही को पूर्ववत करने और उधार मानदंडों से सम्बंधित व्यापक’ दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहा हैं।

परिचय:

  • देश में काम कर रही ब्रिटिश फर्मों के इनपुट के आधार पर यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल ने भारत सरकार को हल ही में प्रक्रियात्मक, कराधान और व्यापार और व्यवसाय के अन्य क्षेत्रों में सुधार के लिए विभिन्न सुझाव दिए हैं।
  • भारत और ब्रिटेन के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (free trade agreement (FTA) ) पर जल्द ही मुहर लगाने के साथ, परिषद (यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल) ने कहा है कि व्यापार करना आसान बनाना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ाने के लिए व्यापार समझौता करना।

कानूनी और नियामक बाधाएं:

  • यूकेआईबीसी ने सूचित किया है कि भारत में विभिन्न कानूनी और नियामक बाधाएं भारत में परिचालन स्थापित करने या विस्तार करने के इच्छुक निवेशकों के लिए “हताशा” (frustration) का स्रोत बनी हुई हैं।
  • भूमि अधिग्रहण और सीमा शुल्क निकासी में देरी और लालफीताशाही निवेशकों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
  • विनियमन का दोहराव जहां एक ही मुद्दे पर सरकार के दो अलग-अलग शासन अंगों द्वारा दो तरह के विनियमों का संचालन किया जाता है, यह एक प्रमुख मुद्दा बन गया है।
  • परिषद ने भारत से आग्रह किया है कि वह भारत में काम कर रहे विदेशी बैंकों के लिए प्रतिबंधात्मक प्राथमिकता वाले क्षेत्र के उधार मानदंडों के बारे में “व्यापक दृष्टिकोण” अपनाए क्योंकि वे इस मेज पर विभिन्न विशेषज्ञता लाते हैं।
  • साथ ही परिषद ने समान कर उपचार की भी मांग की हैं।
  • “शाखा मॉडल” वाली विदेशी फर्मों के लिए प्रभावी कॉर्पोरेट कर दरों में महत्वपूर्ण असमानता है, क्योंकि उन पर घरेलू समकक्षों की तुलना में 43.68% कर जबकि घरेलू पर 25.17% कर लगाया जाता है।
  • यह बैंकों जैसे मॉडल का उपयोग करने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों को हतोत्साहित करता है।
  • बौद्धिक संपदा (intellectual property (IP)) मालिकों के लिए एक निवारक के रूप में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से आईपी अधिकारों के प्रवर्तन की कमी के कारण नकली उत्पाद बिक्री के मामले बढ़ रहे हैं।
  • यू.के.की फर्मों ने भी भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाओं में सुधार की मांग की है, जिसमे विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र में किये जाने वाले सुधर शामिल हैं।

व्यापार और व्यवसायों पर प्रभाव:

  • विनियमन के दोहराव से काम में देरी होती हैं और लागत में भी वृद्धि होती है।
  • वे विदेशी निवेश को हतोत्साहित करते हैं।
  • आईपी अधिकारों के खराब प्रवर्तन की समस्या नवाचार को प्रभावित कर सकती है।
  • बोझिल नियमों के अनुपालन से भारत को निर्यात करने की लागत और जटिलता बढ़ जाती है।
  • सीमा शुल्क प्रक्रियाएं भारतीय आयातक और उनके अंतिम ग्राहकों के लिए भी एक चुनौती बनी हुई हैं, उन्हें इन प्रक्रियाओं को पूरा करने की भी आवश्यकता होती है जिससे खरीदार सौदों से बाहर हो सकते हैं।
  • आत्मानिर्भर भारत अभियान के तहत स्थानीय सामग्री आवश्यकताओं का अनपेक्षित परिणाम वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति और क्षति प्रतिस्पर्धा को सीमित करती हैं जिससे नवाचार हतोत्साहित हो सकता है।

भावी कदम:

  • यूकेआईबीसी ने नौकरशाही को कम करने, कानूनी और नियामक जटिलताओं एवं कराधान को सरल बनाने, विश्व स्तरीय आईपी और बुनियादी ढांचे को विकसित करने और निवेशक सुरक्षा को सुनिश्चित करने की सिफारिश की थी।
  • गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करना जैसे ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ की आवश्यकता (जो भारत में माल की खेप को शिपमेंट/लदान पर नियंत्रण प्रदान करती है), कंपनियों के लिए व्यापार और निवेश करना आसान बनाती है, इस प्रकार उपभोक्ताओं के व्यापक नेटवर्क को कम कीमतों पर अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करती है।
  • भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते में ऐसे प्रावधान शामिल होने चाहिए जो एक संपन्न अंतरराष्ट्रीय डिजिटल वातावरण की मुख्य विशेषताओं का समर्थन करते हैं,जैसे -सीमा पार डेटा हस्तांतरण, व्यक्तिगत सूचना सुरक्षा, गोपनीयता कानून ढांचे के बीच अंतर को बढ़ावा देने के लिए तंत्र,सरकारी सूचनाओं तक पारदर्शी पहुंच और उपभोक्ता संरक्षण और ऑनलाइन का विकल्प इत्यादि।
  • घरेलू कंपनियों की तुलना में कॉर्पोरेट कर की दर में कमी एक समान अवसर प्रदान करेगी और भारत में निवेश करने के साथ-साथ विस्तार करने के इच्छुक विदेशी संस्थाओं द्वारा किए जाने वाले निवेश को प्रोत्साहित करेगी।

सारांश:

  • अनावश्यक विनियमों, प्रमाणनों, परीक्षणों और अन्य आवश्यकताओं को हटाने या सरल बनाने से भारत में ब्रिटेन के अधिक व्यवसायों के बाजार में प्रवेश करने और विस्तार करने के लिए पहले से स्थापित लोगों के लिए एक बड़ी गुंजाइश है। इससे भारत में ब्रिटेन से अधिक निवेश आएगा और समग्र व्यापार संबंधों में सुधार होगा।
  • भारत-ब्रिटेन संबंधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: India-UK relations

संपादकीय-द हिन्दू

सम्पादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:

सामाजिक न्याय:

शिशु परित्याग पर ‘सुरक्षित समर्पण’ चुनें:

विषय: जनसंख्या के कमजोर वर्ग के मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: बाल मुद्दे- परित्याग।

प्रसंग: बाल परित्याग के बढ़ते मामले।

पृष्ठभूमि विवरण:

  • कूड़ेदान, कूड़े के ढेर, सड़क किनारे झाड़ियों या धार्मिक स्थलों पर अक्सर नवजात बच्चों को छोड़ने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों (2021) के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 317 के तहत ‘बारह साल से कम उम्र के बच्चे के एक्सपोजर और परित्याग’ के 709 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बाल कल्याण समिति (CWC) में बच्चों के आत्मसमर्पण के लिए मामला दर्ज नहीं किया गया है, जो किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (या जेजे अधिनियम) के तहत गठित है।

तथ्य:

  • सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) पोर्टल के अनुसार, वर्ष 2021-22 में लगभग 2,991 इन-कंट्री एडॉप्शन और लगभग 414 इंटर-कंट्री एडॉप्शन हुए।
  • इसी तरह, संरक्षकता और दत्तक ग्रहण कानूनों की समीक्षा (2022 में राज्यसभा में प्रस्तुत) पर 118 वीं रिपोर्ट में बताया गया है कि गोद लेने के इच्छुक माता-पिता की सख्या (दिसंबर 2021 तक) लगभग 26,734 है जबकि 2,430 बच्चे कानूनी रूप से उपलब्ध हैं।

परित्याग और समर्पण के बीच अंतर:

  • एक परित्यक्त बच्चा एक ऐसे बच्चे को संदर्भित करता है जिसे उसके जैविक / दत्तक माता-पिता या अभिभावकों द्वारा छोड़ दिया जाता है। जबकि एक आत्मसमर्पण करने वाला बच्चा भावनात्मक, शारीरिक या सामाजिक कारकों के कारण छोड़ दिया जाता है जो माता-पिता या बच्चों के नियंत्रण से बाहर होते हैं।
  • किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार, बच्चे के परित्याग और आत्मसमर्पण के लिए जांच प्रक्रिया के दौरान बच्चे के जैविक माता-पिता के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जानी चाहिए।इस प्रावधान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है की बिना किसी आपराधिक कार्रवाई के बच्चे के माता-पिता या अभिभावकों का पता लगाने के लिए सभी प्रयास किये जाएं।
  • यदि बच्चे को रखने की शर्तें माता-पिता/अभिभावक के प्रतिकूल हैं, तो बच्चे को CWC के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। CWC बच्चों के वयस्क होने तक या इच्छुक और योग्य माता-पिता द्वारा गोद लिए जाने तक उनकी सुरक्षा की गारंटी देता है।
  • परित्याग एक बच्चे के जीवन को जोखिम में डाल सकता है।
  • इसके अलावा, आत्मसमर्पण करने वाले बच्चे की पहचान का खुलासा करना प्रतिबंधित है और उस बच्चे की संबंधित रिपोर्ट गोपनीय होती है। इस प्रकार माता-पिता के लिए अपने बच्चों को आत्मसमर्पण करने के लिए अनुकूल स्थिति बनानी चाहिए। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि बच्चे को आत्मसमर्पण करने से माता-पिता के खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
  • बच्चे के परित्याग के सामान्य कारण हैं:
    • रिश्ते का टूटना।
    • अवांछित गर्भ।
    • निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति।
    • माता-पिता दोनों मादक द्रव्यों के आदी या शराबी हैं।

उपर्युक्त शर्तों के आधार पर बच्चा आत्मसमर्पण करने के लिए पात्र है।

न्यायिक व्याख्या:

  • देश की शीर्ष अदालत ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) अधिनियम, 1971 की उदार व्याख्या की है।
    • MTP अधिनियम की धारा 3 (2) (बी) में हालिया (2021) संशोधन के अनुसार, “विवाहित महिला” शब्दों को “किसी भी महिला” से बदल दिया गया था और “पति” को “साथी” द्वारा बदल दिया गया था।
    • इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायलय (SC), एक्स बनाम प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग और एक अन्य मामले (2022) में, नोट किया गया कि संसदीय मंशा लाभकारी प्रावधानों को केवल एक वैवाहिक गठबंधन तक सीमित करने की नहीं थी।
    • अविवाहित महिला याचिकाकर्ता को 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति देना (मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के अधीन)।

MTP संशोधन पर अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:

https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-jun27-2022/

उपाय:

  • बच्चों के परित्याग का प्रमुख आधार अवांछित बच्चों के आत्मसमर्पण के प्रावधानों के बारे में अपर्याप्त जागरूकता है। इस प्रकार जागरूकता इस मुद्दे के हल की कुंजी हो सकती है:
    • जैसा कि देखा गया है कि अवांछित गर्भधारण के बारे में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा), दाई और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गांवों में एक मजबूत नेटवर्क बनाने और परित्याग के खतरा के बारे में शिक्षा और जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
  • माता-पिता बच्चे को आत्मसमर्पण करने के लिए चाइल्डलाइन सेवाओं, लोक सेवकों, पुलिस, गैर-सरकारी संगठनों (NGO), बाल कल्याण अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, प्रसूति गृहों आदि से भी संपर्क कर सकते हैं। इन अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर बच्चे को CWC के समक्ष पेश करना होता है।
  • यह भी पर्याप्त रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए कि निर्धारित समय सीमा के भीतर परित्याग की सूचना न देना एक अपराध है।

सम्बंधित लिंक्स:

https://byjus.com/free-ias-prep/child-protection-in-india-upsc-notes/

सारांश:

  • बच्चे के समर्पण के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार समय की मांग है। यह सभी हितधारकों की जिम्मेदारी है कि कोई भी बच्चा परित्यक्त न हो और वह अपने मूल अधिकारों से वंचित न रहे। इसके अलावा, माता-पिता/अभिभावकों/कार्यकर्ताओं को बिना किसी कानूनी जोखिम के परित्याग के मामलों की रिपोर्ट करनी चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:

अंतरराष्ट्रीय संबंध:

यूके एक आर्थिक रसातल की और बढ़ रहा है:

विषय: भारत के हितों पर विकसित देशों की नीतियों का प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: यूके की अर्थव्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव।

संदर्भ: ब्रिटेन में मिनी बजट की घोषणा

हाल की घोषणाएँ:

  • ब्रिटेन के मिनी बजट की घोषणा ब्रिटिश राजकोष के चांसलर ने की थी।
  • हाल के उपाय उच्च आय वालों को अनुपातहीन रूप से लाभान्वित करते हैं, आयकर की बढ़ी हुई दरो को समाप्त करते हैं और निगम कर की प्रस्तावित वृद्धि को उलट देते हैं।
  • परिवारों और छोटे व्यवसायों को शीतकालीन ईंधन बिलों के समर्थन में समझने में विफलता थी।

यूके में हाल के आर्थिक उपायों के परिणाम:

  • राजकोष के ब्रिटिश चांसलर के भाषण का प्रभाव:
    • पाउंड वैश्विक वित्तीय बाजार में गिर गया।
    • उधार की लागत बढ़ गई।
    • आर्थिक संकट का अंदेशा है।
  • इसने ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक संभावनाओं में विश्वास की कमी का भी संकेत दिया। यू.के. ट्रेजरी बांड को भी अभूतपूर्व नुकसान हुआ, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की क्षमता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी यूनाइटेड किंगडम के मिनी बजट के खिलाफ चेतावनी जारी की। जबकि IMF घरेलू आर्थिक प्रावधानों के लिए G7 देशों की आलोचना नहीं करता है।
    • IMF आधिकारिक तौर पर ऋणदाता है और वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।
    • IMF का कर्तव्य वैश्विक वित्तीय बाजारों की रक्षा करने भी है।
  • IMF ने ब्रिटेन को फटकार लगाते हुए कहा कि कर कटौती से असमानता बढ़ेगी।
  • IMF ने एक राजकोषीय नीति के प्रति भी आगाह किया जो मौद्रिक नीति के साथ चौराहे पर खड़ी है।
  • IMF ने बढ़ते मुद्रास्फीति जोखिम के खिलाफ भी चेतावनी दी।
  • बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी देश की वित्तीय स्थिरता के लिए भौतिक जोखिम के खिलाफ हस्तक्षेप किया। बैंक ने कई उपाय किए:
    • इसने अपने कर्ज को कम किया और बांड बाजार को स्थिर करने के लिए लंबी अवधि के ट्रेजरी बांड/गिल्ट को वापस खरीदने का वचन दिया।
    • पेंशन फंड के मामले में उधारी की बढ़ती लागत के कारण तरलता संकट भी सामने आया। इस मुद्रास्फीति के दबाव को अधिक लीवरेज्ड फंड इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा और बढ़ा दिया गया था, जो उनकी भविष्य की देनदारियों को कम कर देते थे।
    • हालांकि, बैंक ने पूरी तरह से समस्या का समाधान नहीं किया है, बल्कि कुछ अतिरिक्त समय के लिए पेंशन फंड को स्थिर कर दिया है।
  • इसके अलावा, पाउंड का मूल्य गिर गया है, और आगे जाकर यदि गिल्ट एक खराब निवेश विकल्प बन जाता है, तो दुनिया भर के कई देश (भारत सहित) अपनी होल्डिंग पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करें:

https://byjus.com/free-ias-prep/imf/

घरेलू ऋणों पर प्रभाव:

  • घरेलू उधारी की लागत तेजी से बढ़ी है, जिससे घरेलू और कॉर्पोरेट ऋण प्रभावित हुए हैं।
  • इसके अलावा, जिनके पास एक परिवर्तनीय दर या नवीनीकृत निश्चित ऋण दर है, उनके मासिक भुगतान में अत्यधिक वृद्धि का अनुमान है।
  • ब्याज दरो के भी बढ़ने की उम्मीद है।

संबंधित लिंक:https://byjus.com/ias-questions/are-we-headed-for-a-recession-in-2022/

सारांश:

  • ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था संभावित जोखिम का सामना कर रही है। ब्रिटिश सरकार द्वारा हाल ही में घोषित उपायों ने छोटे व्यवसायों और परिवारों के आर्थिक संकट को और बढ़ा दिया है। ब्रिटिश अर्थव्यवस्था की अस्थिरता अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावित कर सकती है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.जल जीवन मिशन:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

विषय: बुनियादी आवश्यकताएँ।

प्रारंभिक परीक्षा: महत्वपूर्ण सरकारी योजनाएं।

संदर्भ:

  • जल जीवन मिशन के कामकाज का आकलन करने के लिए हाल ही में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा एक सर्वेक्षण शुरू किया गया था।

मुख्य निष्कर्ष:

नल जल कनेक्शन:

  • सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 62% ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन पूरी तरह से काम कर रहे हैं। जबकि जून 2022 में यह 52% था।
  • सक्रिय नल के पानी के कनेक्शन को इस प्रकार परिभाषित किया जाता है की एक परिवार जिसे पूरे वर्ष में कम से कम 55 लीटर प्रति व्यक्ति पीने योग्य पानी प्रतिदिन मिलता है।
  • तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, गोवा और पुडुचेरी ने 80% से अधिक घरों में पूरी तरह कार्यात्मक कनेक्शन हैं।
  • जबकि राजस्थान, केरल, मणिपुर, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मिजोरम और सिक्किम में 50% से भी कम घरों में ऐसे कनेक्शन थे।
  • लगभग तीन-चौथाई घरों में सप्ताह के सभी सातों दिन और केवल 8% घरों में सप्ताह में केवल एक बार पानी आता है।

Image Source: The Hindu

पानी की गुणवत्ता:

  • चयनित घरों में पानी की गुणवत्ता के परीक्षण से पता चला कि 95% घरों में पीएच मान की स्वीकार्य सीमा के भीतर पानी की गुणवत्ता है।
  • 90% से अधिक ग्राम स्तर की संस्थाओं को पीने योग्य पानी मिल रहा था।
  • 57% परिवारों ने कहा की पीने से पहले वे पानी को शुद्ध करते हैं।
  • हालांकि 93% नमूने कथित तौर पर बैक्टीरियोलॉजिकल समिश्रण से मुक्त थे,अधिकांश आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों में अवशिष्ट क्लोरीन अनुमेय सीमा से अधिक था जो कि स्थानीय लोगों में इसकी अनुपयुक्त खपत का संकेत है।

मिशन के बारे में:

  • जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, इसे 15 अगस्त, 2019 को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • ग्रामीण भारत के सभी घरों में वर्ष 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मिशन की परिकल्पना की गई है।
  • जल जीवन मिशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Jal Jeevan Mission

2.नॉर्ड स्ट्रीम:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

प्रारंभिक परीक्षा: बाल्टिक सागर।

संदर्भ:

  • नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों के चार जगह लीक होने की सूचना मिली हैं, जिसे बाल्टिक सागर के माध्यम से रूस से यूरोप तक गैस ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

मुख्य विवरण:

  • 26 सितंबर 2022 से नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों के चार स्थानों पर लीक करने की सूचना मिली थी।
  • इनमे से दो लीक/रिसाव स्वीडिश जल में थे जबकि अन्य दो लीक/रिसाव डेनिश जल में से रिपोर्ट किए गए थे।
  • डेनिश और स्वीडिश दोनों देशों के भूकंपविज्ञानीयों ने समुद्र के नीचे पहले दो रिसावों के स्थानों के पास विस्फोटों को देखा था।

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन क्या हैं?

  • नॉर्ड स्ट्रीम 1 एक 1,224 किमी पानी के भीतर एक गैस पाइपलाइन है जो उत्तर पश्चिमी रूस में वायबोर्ग से बाल्टिक सागर के माध्यम से पूर्वोत्तर जर्मनी के लुबमिन तक है।
  • अधिकांश रूसी ऊर्जा का स्वामित्व रूसी ऊर्जा दिग्गज गज़प्रोम के पास है, यह प्राथमिक नेटवर्क है जिसके माध्यम से गैस जर्मनी तक पहुँचती है।
  • अधिकांश गैस सीधे जर्मनी पहुँचती है, जबकि शेष पश्चिम और दक्षिण की ओर अन्य देशों के तटवर्ती लिंक के माध्यम से भंडारण स्थानों में जाती है।
  • नॉर्ड स्ट्रीम 1 वर्ष 2011 से चालू है, और रूस से यूरोप के लिए गैस का सबसे बड़ा एकल आपूर्ति मार्ग है।
  • $11 बिलियन मूल्य से तैयार नॉर्ड स्ट्रीम 2 का निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूरा हुआ था,लेकिन अभी तक इसका व्यावसायिक रूप से संचालन शुरू नहीं हुआ हैं।
  • भले ही दोनों पाइपलाइन व्यावसायिक रूप से नहीं चल रही थीं, लेकिन उनमें लाखों क्यूबिक मीटर गैस जमा थी।

Image Source: The Indian Express

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. मिशन मंगलयान:

  • भारत का मार्स ऑर्बिटर क्राफ्ट मंगलयान कथित तौर पर इंटरप्लेनेटरी मिशन में 8 साल बाद ‘सेवानिवृत्त’ हो गया है,इसका ईंधन और इसकी बैटरी सुरक्षित सीमा से अधिक खत्म हो गई।
  • ₹450 करोड़ का मार्स ऑर्बिटर मिशन 5 नवंबर, 2013 को PSLV-C25 द्वारा लॉन्च किया गया था, और MOM ( Mars Orbiter Mission) अंतरिक्ष यान को अपने पहले प्रयास में 24 सितंबर, 2014 को सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश करवा दिया था।
  • इस मिशन ने सतह भूविज्ञान, आकृति विज्ञान, वायुमंडलीय प्रक्रियाओं, सतह के तापमान और वायुमंडलीय पलायन प्रक्रिया सहित मंगल ग्रह के परिदृश्य का अध्ययन करने में मदद की।
  • इसे केवल 06 वर्षों के लिए काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
  • मंगलयान मिशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Mangalyaan Mission

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित युग्मो पर विचार कीजिए : (स्तर-कठिन)

मंदिर पहाड़ियाँ

  1. बद्रीनाथ मंदिर गढ़वाल पहाड़ी
  2. वराह लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर सिंहचलम पहाड़ी
  3. वैष्णो देवी मंदिर त्रिकुट पहाड़ी

उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: d

व्याख्या:

  • जोड़ी 1 सही सुमेलित है: बद्रीनाथ या बद्रीनारायण मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवन विष्णु को समर्पित है ।यह भारत के उत्तराखंड में बद्रीनाथ शहर में स्थित है।
  • बद्रीनाथ लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गढ़वाल हिमालय में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित यह शहर नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है।
  • जोड़ी 2 सही सुमेलित है: श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो सिंहचलम पहाड़ी श्रृंखला पर स्थित है, जो आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में समुद्र तल से 300 मीटर ऊपर है। यह भगवन विष्णु को समर्पित है, जिन्हें वहां वराह नरसिंह के रूप में पूजा जाता है।
  • जोड़ी 3 सही सुमेलित है: वैष्णो देवी मंदिर एक प्रमुख हिंदू मंदिर है जो देवी वैष्णो देवी को समर्पित है। यह जम्मू और कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों की ढलानों पर कटरा, रियासी में स्थित है।
  • भारत में प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:Famous Temples in India

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-कठिन)

  1. पीएनएस (PNS) गाजी एक टेन्च श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी थी जिसे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान तैनात किया गया था
  2. पीएनएस (PNS )गाजी का प्राथमिक लक्ष्य INS विक्रांत को खोजना और डुबोना था

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) दोनों

(d) कोई भी नहीं

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: पीएनएस गाजी एक टेन्च-श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी थी, जो पाकिस्तान की नौसेना में पहली तेजी से हमला करने वाली पनडुब्बी थी। इसे 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान तैनात किया गया था।
  • कथन 2 सही है: पीएनएस गाजी को दो काम सौंपे गए थे। जिसका प्राथमिक लक्ष्य आईएनएस विक्रांत को खोजना और डुबोना था और दूसरा लक्ष्य भारत के पूर्वी समुद्र तट पर माइंस बिछाना था।

प्रश्न 3. भारत अगस्त आंदोलन के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-मध्यम)

  1. इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे सत्र में शुरू किया गया था।
  2. इस आंदोलन के दौरान गांधी ने लोगों को ‘करो या मरो’ का नारा दिया था।

विकल्प:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) दोनों

(d) कोई भी नहीं

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: भारत छोड़ो आंदोलन, ( Quit India movement) जिसे भारत अगस्त आंदोलन या अगस्त क्रांति के रूप में भी जाना जाता है जिसे 08 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे सत्र में शुरू किया गया था।
  • कथन 2 सही है: आंदोलन के दौरान ‘भारत छोड़ो’ (Quit India) लगाया गया। गांधी ने लोगों को ‘करो या मरो’ का भी नारा दिया।

प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग कैडमियम (cadmium) प्रदूषण के कारण होता है? (स्तर-मध्यम)

(a) बौनापन (Achondroplasia)

(b) शिशु मेथेमोग्लोबिनेमिया (Infant Methemoglobinemia)

(c) इटाई इटाई (Itai Itai)

(d) मिनामाता (Minamata)

उत्तर: c

व्याख्या:

  • इताई-इटाई (Itai-itai) रोग कैडमियम के संपर्क के कारण होता है, जो औद्योगीकरण से संबंधित मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप होता है, और इस रोग को पहली बार 1960 के दशक में जापान में पहचाना गया था।
  • इटाई-इटाई रोग अस्थिमृदुता की विशेषता है जिसमें हड्डी में गंभीर दर्द होता है और यह गुर्दे की ट्यूबलर शिथिलता से जुड़ा होता है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा एक, जनसंचार-माध्यमों में बहुचर्चित “प्रभाजी कक्षीय बमबारी प्रणाली ” के आधारभूत विचार को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिम्बित करता है?

(a) अंतरिक्ष में अतिध्वनिक मिसाइल का प्रमोचन, पृथ्वी की तरफ बढ़ते हुए क्षुद्रग्रह का सामना कर उसका अंतरिक्ष में ही विस्फोटन कराने के लिए किया जाता है।

(b) कोई अंतरिक्ष यान अनेक कक्षीय गतियों के बाद किसी अन्य ग्रह पर उतरता है।

(c) कोई मिसाइल पृथ्वी के चारों और किसी स्थिर कक्षा में स्थापित की जाती है और वह पृथ्वी पर किसी लक्ष्य के ऊपर कक्षा को छोड़ देती है।

(d) कोई अंतरिक्ष यान किसी धूमकेतु के साथ-साथ उसी चाल से उसके पृष्ठ पर एक संपरीक्षित्र करता है।

उत्तर: c

व्याख्या:

  • प्रभाजी कक्षीय बमबारी प्रणाली/फ्रैक्शनल ऑर्बिटल बॉम्बार्डमेंट सिस्टम (Fractional Orbital Bombardment System (FOBS) ) एक वारहेड डिलीवरी सिस्टम है जो अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा का उपयोग करता है।
  • लक्ष्य तक पहुँचने से ठीक पहले,यह एक प्रतिगामी इंजन बर्न के माध्यम से कक्षा की परिक्रमा से स्वयं को हटा देता है।
  • इसे 1960 के दशक में सोवियत संघ द्वारा विकसित किया गया था। इस प्रणाली का उपयोग अंतरिक्ष से परमाणु आयुधों को प्रक्षेपित करने के लिए किया जाता है।
  • अगस्त 2021 में, चीन ने एक ऐसे हथियार का परीक्षण किया जिसने एक FOBS को एक हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन के साथ जोड़ दिया।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. बच्चों के परित्याग के सामान्य कारणों पर चर्चा करते हुए इसे रोकने में मदद करने के उपायों का सुझाव दीजिए। (10 अंक; 150 शब्द) (जीएस-1; सामाजिक मुद्दे)

प्रश्न 2. राजनीति, मुद्रास्फीति और उच्च ब्याज दरों का एक संयोजन यूके की वित्तीय प्रणाली के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। कथन की जांच कीजिए। (10 अंक; 150 शब्द) (जीएस-2; अंतर्राष्ट्रीय संबंध)