05 मार्च 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
स्क्रब टायफस
विषय: दवाओं का विकास और उनके अनुप्रयोग तथा प्रभाव
मुख्य परीक्षा: स्क्रब टायफस स्थानिक रोग (endemic) को प्रबंधित करने के लिए उपचार दिशानिर्देश
संदर्भ:
- इस आलेख में स्क्रब टायफस के उपचार दिशानिर्देशों के बारे में चर्चा की गई है।
स्क्रब टायफस क्या है?
- स्क्रब टायफस एक संक्रामक रोग है जो ओरिएंटिया सुटसुगमूशी (Orientia tsutsugamushi) नामक जीवाणु के कारण होता है। यह संक्रमित चिग्गर (लार्वा माइट) के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
- इसे बुश टाइफस, जापानी रिवर फीवर और सुटसुगमूशी रोग के नाम से भी जाना जाता है।
- स्क्रब टाइफस के मामले आमतौर पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जिसमें दक्षिण पूर्व एशिया, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्से शामिल हैं। बरसात के मौसम में यह बीमारी सबसे आम है, जब वातावरण में चिग्गर अधिक संख्या में मौजूद होते हैं।
- अनुमान के मुताबिक, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया से लगभग दस लाख मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों में मृत्यु दर 10% है।
- भारत कम से कम 25% रोग भार के साथ इसके हॉटस्पॉट में से एक है।
- स्क्रब टाइफस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और और कभी-कभी दाने होना शामिल हैं जो आमतौर पर लक्षणों की शुरुआत के कुछ दिनों बाद दिखाई देते हैं।
- यदि इस रोग को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो रोग गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जैसे मेनिन्जाइटिस, श्वसन विफलता और अंग विफलता।
- स्क्रब टाइफस की रोकथाम के उपायों में सुरक्षात्मक कपड़े पहनना, कीट विकर्षक का उपयोग करना और उन क्षेत्रों में जाने से बचना शामिल है जहां चिग्गर के मौजूद होने की संभावना होती है।
उपचार दिशानिर्देश:
- अब तक, डॉक्सीसाइक्लिन या एज़िथ्रोमाइसिन आधारित मोनोथेरेपी को इस रोग का उपचार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- हालाँकि, भारत में सात केंद्रों में किए गए एक परीक्षण में जहां रोगियों को डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन की संयुक्त थेरेपी दी जा रही थी, वहां दो अन्य केंद्रों जहाँ रोगियों को डॉक्सीसाइक्लिन या एज़िथ्रोमाइसिन की मोनोथेरेपी दी गई थी, की तुलना में जटिलताओं का तेजी से समाधान देखा गया।
- तीनों समूहों में 28 दिनों की मृत्यु दर समान (12.1%) थी। लेकिन, उस समूह में जटिलताओं का सातवें दिन तेजी से समाधान देखा गया जहाँ संयुक्त थेरेपी दी जा रही थी।
- गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक हो सकता है, और जटिलताओं से निपटने के लिए सहायक देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
चित्र स्रोत: The Hindu
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
गहन समुद्री अन्वेषण में आगे बढ़ता चीन
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास
प्रारंभिक परीक्षा: दुनिया भर में गहन समुद्री अन्वेषण (deep sea exploration)
मुख्य परीक्षा: चीन का गहन समुद्री अन्वेषण
विवरण:
- सान्या के इंस्टीट्यूट ऑफ डीप सी साइंस एंड इंजीनियरिंग (IDSSE) से निकल कर, एक्सप्लोरर 2 (एक हरा-सफेद जहाज) दुनिया के महासागरों के कुछ सबसे कम अन्वेषित हिस्सों में लगातार अवलोकन में संलग्न है।
- इसमें सबसे उन्नत डीप सी सबमर्सिबल लगा हुआ है।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि चीन का लक्ष्य गहरे समुद्र की खोज के उभरते और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र पर हावी होना है।
- चीन के अलावा, केवल यू.एस., फ्रांस और रूस के पास समान क्षमताएं हैं।
- चीन, अमेरिका, रूस, जर्मनी, फ्रांस और यहां तक कि भारत (हालांकि कुछ हद तक) अंतर्राष्ट्रीय सीबेड अथॉरिटी (ISA) के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले विशाल क्षेत्रों की खोज के लिए अन्वेषण अनुबंधों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। चीन ने प्रशांत और हिंद महासागर में कई अन्वेषण लाइसेंस हासिल किए हैं।
चीन के गहन समुद्री अन्वेषण मिशन के बारे में विवरण:
- 2020 में, IDSSE ने एक मिशन लॉन्च किया था, जिसके तहत एक मानवयुक्त सबमर्सिबल, Fendozhe (या स्ट्राइवर) को 10,000 मीटर से अधिक की रिकॉर्ड गहराई तक भेजा गया था। इसकी सफलता की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने काफी सराहना की थी।
- स्ट्राइवर ने दिसंबर 2021 में मारियाना गर्त का अन्वेषण कार्य किया। इसने नए रोगाणुओं और एक समृद्ध खाद्य आपूर्ति प्रणाली की खोज की।
- सबमर्सिबल ने लगभग 8,880 मीटर की गहराई पर पहली बार एनीमोन (छोटा पौधा सफेद/जामुनी और लाल फूलों वाला) और प्रशांत महासागर के कर्माडेक गर्त (Kermadec Trench) में 9,900 मीटर की गहराई पर शार्क के अवशेष को खाने वाली मछलियों की खोज की।
- कर्माडेक (Kermadec) प्रोजेक्ट न्यूज़ीलैंड के सहयोग से चलाया गया था।
- IDSSE का मिशन चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान) और हेनान प्रांतीय सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य चीन को एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी शक्ति के रूप में स्थापित करना है। इसका मिशन “कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गहरे समुद्र अनुसंधान टीमों द्वारा संयुक्त भागीदारी के साथ चीन के नेतृत्व वाला वैश्विक गहन समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रम” बनाना है।
गहन समुद्री अन्वेषण का महत्व:
- IDSSE के शोधकर्ताओं के अनुसार, उनका मुख्य उद्देश्य महासागरों और खाइयों की गहराई को समझना है।
- गहन समुद्री अनुसंधान अर्थात गहरे समुद्र के अनुसंधान में तांबा, सोना, खनिज और दुर्लभ मृदा तत्वों जैसे खनिज संसाधनों के रूप में अभी तक अज्ञात व्यावसायिक अवसरों को सामने लाने की भी क्षमता है।
- शोधकर्ता समुद्री जैव विविधता और उनके पर्यावरण को समझने के प्रति भी प्रयासरत हैं।
- वैज्ञानिक अनुसंधान यह समझने में महत्वपूर्ण है कि समुद्र के पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना संसाधनों का कैसे दोहन किया जा सकता है।
- नए एंजाइमों से शुरू होकर एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के समाधान के लिए जैव प्रौद्योगिकी की क्षमता बहुत मायने रखती है।
- इसके अलावा, चीन की उन्नत सबमर्सिबल भी सरकार समर्थित संस्था चाइना ओशन मिनरल रिसोर्स आरएंडडी एसोसिएशन (COMRA) को बढ़ावा दे रही हैं। यह दुनिया की सबसे उन्नत गहन समुद्री खनन क्षमताओं को विकसित करने की योजना बना रहा है।
संबंधित लिंक:
India’s Deep Ocean Mission – DOM | Ministry of Earth Sciences (MoES)
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले ऑस्ट्रेलिया, जापान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा
विषय: भारत से जुड़े द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
प्रारंभिक परीक्षा: QUAD
मुख्य परीक्षा: भारत-ऑस्ट्रेलिया और भारत-जापान के बीच द्विपक्षीय संबंध
विवरण:
- ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस 8 मार्च से 11 मार्च 2023 तक भारत का दौरा करेंगे। यह यात्रा होली के बीच होगी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट मैच के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके साथ होंगे।
- यह भी बताया गया है कि जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी 19 मार्च 2023 को भारत का दौरा करेंगे।
- इन यात्राओं की विवेचना ऑस्ट्रेलिया में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले क्वाड सदस्यों के बीच संबंधों के मजबूत होने के रूप में की गई है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध:
- दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी (जून 2020) रक्षा, अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक साथ काम करने की संयुक्त प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता भी दिसंबर 2022 में लागू हुआ है। इसने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार, सुरक्षा और जन संपर्क को और मजबूत किया है।
- प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, “क्रिकेट के लिए एक साझा जुनून भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती की पहचान है”।
- लगातार उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के माध्यम से भी संबंध मजबूत और गहरे हुए हैं।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों पर अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिए: India Australia Relations; Australian University to set up campus in India
जापानी प्रधानमंत्री की यात्रा:
- जापानी प्रधानमंत्री 19 मार्च 2023 से दो दिवसीय यात्रा पर होंगे।
- टोक्यो और नई दिल्ली के अधिकारी भी G-7 बैठक (मई 2023 में जापान में) और G-20 शिखर सम्मेलन (भारत) के दौरान अपने एजेंडे को उच्चतम स्तर पर समन्वयित करने का प्रयास कर रहे हैं।
साथ ही इसे भी पढ़िए: India – Japan Relations – BYJU’S
संबंधित लिंक:
Sansad TV Perspective: Episode on 12th Feb, 2022: QUAD for Free Indo-Pacific
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
भारत ने UNSC द्वारा नामित आतंकवादियों को पनाह देने के लिए पाकिस्तान, साथ ही साथ जम्मू-कश्मीर पर ओआईसी की टिप्पणी की निंदा की
विषय: भारत से जुड़े और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते
प्रारंभिक परीक्षा: UNSC, OIC
मुख्य परीक्षा: आतंकवाद का समर्थन करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ भारत के विचार
संदर्भ:
- भारत ने UNHRC में अपने प्रत्युत्तर के अधिकार का प्रयोग किया।
विवरण:
- पाकिस्तान के “दुर्भावनापूर्ण प्रचार” की निंदा करते हुए, भारत ने कहा कि पाकिस्तान को बड़ी संख्या में UNSC द्वारा नामित आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों को पनाह देने का “अनूठा गौरव” प्राप्त है।
- इसने आगे कहा कि दुनिया में हजारों नागरिकों की मौत के लिए पाकिस्तान की नीतियां सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
- जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में पाकिस्तान को जवाब देने के भारत के अधिकार का प्रयोग करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव ने पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित विभिन्न आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों को पोषण और आश्रय देने का आरोप लगाया।
- भारत ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को लेकर “अनुचित संदर्भों” के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की भी आलोचना की। इसने पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ अपने “नापाक एजेंडे” को आगे बढ़ाने के लिए OIC के मंच की अनुमति और इस मंच के दुरुपयोग को लेकर OIC के संदर्भ में भी चिंता जताई।
- भारतीय सचिव ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि केंद्र शासित प्रदेश “जम्मू और कश्मीर और लद्दाख भारत का हिस्सा थे, हैं और हमेशा रहेंगे और पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है”।
साथ ही , इसे भी पढ़िए: Organization of Islamic Cooperation (OIC): UPSC Notes
संबंधित लिंक:
UN Global Counter-Terrorism Strategy (GCTS) – UPSC Notes
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- इन्फ्लुएंजा A H3N2
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
विषय: स्वास्थ्य
प्रारंभिक परीक्षा: इन्फ्लुएंजा; भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद; रोग निगरानी
संदर्भ:
- भारत में खांसी और बुखार के बढ़ते मामले इन्फ्लूएंजा के उप-प्रकार A H3N2 से जुड़े हैं।
मुख्य विवरण:
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में बुखार के साथ एक सप्ताह से अधिक समय तक आने वाली तेज खांसी के बढ़ते मामलों को इन्फ्लूएंजा A H3N2 से जोड़ा जा सकता है, जो फ्लू का कारण बनने वाले वायरस का एक उप-प्रकार है।
- अन्य इन्फ्लूएंजा उप-प्रकारों की तुलना में यह वायरस अधिक संख्या में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन रहा है। कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा A H3N2 से पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों में बहुत कम अंतर होता है।
- फ्लू के लक्षणों का एंटीबायोटिक की मदद से इलाज नहीं किया जा सकता है। फ्लू एक वायरस के कारण होता है, और एंटीबायोटिक से केवल जीवाणु संक्रमण का इलाज किया जा सकता है। एंटीबायोटिक दवाओं को अनावश्यक रूप से लेने से बाद में किसी ऐसे संक्रमण से ग्रसित होने का खतरा बढ़ सकता है जो एंटीबायोटिक उपचार का प्रतिरोध करता है।
- मौसम में अचानक बदलाव और तापमान के अत्यधिक ठंड से अचानक गर्म होने के कारण लोगों में फ्लू के लक्षण प्रमुखता से देखे जा रहे हैं।
- श्वसन वायरस की निगरानी के लिए ICMR के पास 30 वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (VRDL) हैं।
- ये VRDL विभिन्न राज्यों के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों से जुड़े हैं और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) से पीड़ित रोगियों के नमूने एकत्र करते हैं।
इन्फ्लुएंजा:
- इन्फ्लुएंजा एक वायरल बीमारी है। यह ऑर्थोमाइक्सोवायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) रोगज़नक़ के कारण होता है।
- यह एक संक्रामक बीमारी है, यानी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है।
- इन्फ्लुएंजा पैदा करने वाले वायरस मुख्य रूप से वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के खांसने या छींकने पर हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।
- इन्फ्लुएंजा A वायरस मनुष्यों और कई अन्य जानवरों को संक्रमित करता है। इन्फ्लुएंजा प्रकार A वायरस इन्फ्लूएंजा महामारी पैदा करने की क्षमता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
- इन्फ्लुएंजा प्रकार A वायरस को वायरस की सतह पर पाई जाने वाली प्रोटीन हेमाग्लगुटिनिन (HA) और न्यूरोमिनिडेस (NA) के संयोजन के आधार पर उप-प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।
- बुखार, खांसी और नाक से स्राव जैसे श्वसन संबंधी लक्षण, साथ ही शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य लक्षण, H3N2 वायरस के कुछ प्रमुख लक्षण हैं।
- ब्रू जनजाति
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
विषय: भारतीय समाज:
प्रारंभिक परीक्षा: भारत की जनजातियाँ; शरणार्थी
संदर्भ:
- ब्रू आदिवासी समुदाय ने मार्च 2023 में त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
ब्रू-रियांग शरणार्थी संकट:
- ब्रू या रियांग पूर्वोत्तर भारत का एक स्वदेशी समुदाय है, जो ज्यादातर त्रिपुरा, मिजोरम और असम में निवास करता है। त्रिपुरा में, उन्हें विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- जातीय संघर्ष के कारण लगभग 30,000 ब्रू-रियांग जनजातियों वाले लगभग 5,000 परिवारों को मिजोरम से पलायन करने और त्रिपुरा में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
- केंद्र सरकार शरणार्थियों की देखभाल के लिए इन दोनों राज्य सरकारों की सहायता कर रही थी।
- 2018 में केंद्र सरकार, दोनों राज्य सरकारों और ब्रू-रियांग शरणार्थियों के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप इन परिवारों को दी जाने वाली सहायता में वृद्धि की गई और समझौते के तहत 1369 व्यक्तियों वाले 328 परिवार मिजोरम लौट आए।
- इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मिजोरम और त्रिपुरा की सीमा पर शिविरों में रह रहे हैं क्योंकि दोनों राज्य सरकारें उन्हें अपने क्षेत्र में बसने की अनुमति नहीं दे रही हैं।
- मतदाता सूची में अनुवर्ती संशोधन के दौरान, मिजोरम में मतदाता सूची से ब्रू जनजाति से संबंधित अधिकांश लोगों के नाम हटा दिए गए थे।
- त्रिपुरा के लोग भी ब्रू को त्रिपुरा में मतदाताओं के रूप में नामांकित करने की अनुमति देने के लिए अनिच्छुक थे। उन्हें राशन और अन्य राज्य प्रायोजित सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया था।
- 17 जनवरी, 2020 को भारत सरकार, त्रिपुरा और मिजोरम की सरकारों और ब्रू-रियांग समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच ब्रू-रियांग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- समझौते के तहत ब्रू जनजाति को सभी अधिकारों और केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार दोनों की सामाजिक कल्याण योजनाओं के लाभों को प्रदान करने का वादा किया गया जो राज्य के सामान्य निवासियों को प्राप्त है।
- अधिकांश शरणार्थी परिवारों को जमीन, साथ में घर बनाने के लिए 1.5 लाख रुपये और प्रति परिवार सावधि जमा के रूप में 4 लाख रुपये मिल गए हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा प्रति परिवार 5,000 रुपए का मासिक भुगतान और खेती के लिए जमीन देने का भी वादा किया गया था।
- समुद्री घोडा (Sea Horse)
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: पर्यावरण
प्रारंभिक परीक्षा: सुभेद्य प्रजातियां; कोरोमंडल तट
संदर्भ:
- इस लेख में समुद्री घोड़ों के प्रवासन पैटर्न पर चर्चा की गई है।
मुख्य विवरण:
- जर्नल ऑफ थ्रेटेड टैक्सा (Journal of Threatened Taxa) के नवीनतम अंक में प्रकाशित हालिया अध्ययन में पाया गया है कि कोरोमंडल तट पर बड़े पैमाने पर मछली पकड़े जाने के कारण समुद्री घोड़े ओडिशा की ओर पलायन करने के लिए मजबूर हो सकते हैं ।
- ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने की दर कम है। हालाँकि, पूर्वी भारतीय राज्य का उथला तटीय पारिस्थितिकी तंत्र समुद्री घोड़े के लिए नया आवास क्षेत्र नहीं बन सकता है।
- अध्ययन एक वयस्क समुद्री घोड़े, या हिप्पोकैम्पस केलॉगी के नमूने पर आधारित था।
समुद्री घोड़े:
- समुद्री घोड़े एक प्रकार की समुद्री मछलियाँ हैं जिनका नाम उनके विशिष्ट सिर और गर्दन के आधार पर रखा गया है, जो घोड़ों के समान होती है।
- दुनिया भर में समुद्री घोड़ों की 46 प्रजातियां हैं। भारत के तटीय पारिस्थितिक तंत्र में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र (जो कि समुद्री घोड़े की आबादी के हॉटस्पॉट में से एक है) में पाई जाने वाली 12 में से नौ प्रजातियां पाई जाती हैं। ये विविध पारिस्थितिक तंत्रों जैसे कि समुद्री घास, मैंग्रोव, मैक्रोएलगल बेड और प्रवाल भित्तियों में वितरित हैं।
- ये नौ प्रजातियाँ लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलावा गुजरात से ओडिशा तक आठ राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के तटों पर वितरित हैं।
- इस प्रजाति की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें नर समुद्री घोड़े गर्भधारण करते हैं और बच्चों को जन्म देते हैं। ये अपनी मोनोगैमस संभोग के लिए भी जाने जाते हैं, हालाँकि समुद्री घोड़े की कुछ प्रजातियाँ आजीवन साथ रहती हैं।
- समुद्री घोड़े तैरने में उतने सक्षम नहीं होते हैं, लेकिन अपनी आबादी के संरक्षण के लिए समुद्र की धाराओं द्वारा प्रवाहित होने वाले मैक्रोएलगल या प्लास्टिक मलबे जैसे तैरते हुए पदार्थों के साथ चिपक कर नए आवासों में पलायन करते हैं।
खतरे:
- समुद्री घोड़े को निवास स्थान के नुकसान, अत्यधिक मछली पकड़ने और पारंपरिक दवाओं तथा स्मृति चिन्हों के लिए अवैध व्यापार से खतरा है। समुद्री घोड़ों की कुछ प्रजातियों को विलुप्तप्राय माना जाता है, और उनकी रक्षा के लिए संरक्षण प्रयास जारी हैं।
- ‘सुभेद्य’ के रूप में वर्गीकृत आठ प्रजातियों में से एक ग्रेट सीहॉर्स (great seahorse) की आबादी पारंपरिक चीनी दवाओं और एक सजावटी मछली के रूप में इसके शिकार के कारण घट रही है। इसके अलावा, मछली पकड़ने के गलत तरीके और बाईकैच (bycatch) के कारण भी इन्हें खतरा है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- चराइदेव मैदाम:
- असम की पिरामिड जैसी संरचना जिसे मैदाम के नाम से जाना जाता है, यूनेस्को के विश्व विरासत केंद्र के दर्जे के लिए आवश्यक सभी तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करती है।
- पूर्वी असम में चराइदेव में 90 से अधिक मैदाम हैं। मैदाम अहोमों की दफन परंपरा को दर्शाते हैं, जिन्होंने 1820 के दशक में अंग्रेजों के आक्रमण से पूर्व तक लगभग 600 वर्षों तक वर्तमान असम राज्य के विशाल भू-भाग पर शासन किया था।
- विश्व विरासत सूची में नामांकन की पूर्णता जांच से संबंधित परिचालन दिशानिर्देशों में उल्लिखित सभी तकनीकी आवश्यकताओं को मैदाम के नामांकन ने पूरा किया है।
चराइदेव मैदाम के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Charaideo Maidams
- अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी:
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख, राफेल ग्रॉसी ने हथियार-ग्रेड स्तर के समृद्ध यूरेनियम कणों की खोज के बीच ईरान की परमाणु गतिविधियों पर अधिक सहयोग प्राप्त करने के लिए ईरान का दौरा किया।
- IAEA प्रमुख के दौरे के बाद, तेहरान कई परमाणु स्थलों पर निगरानी कैमरों को फिर से चालू करने और निरीक्षण की गति बढ़ाने पर सहमत हुआ था।
- इससे पहले, IAEA ने एक रिपोर्ट के माध्यम से कहा था कि ईरान के भूमिगत फोर्डो परमाणु स्थल में पाए गए यूरेनियम के कण 83.7% शुद्धता तक समृद्ध हैं जो कि हथियार बनाने के लिए आवश्यक शुद्धता स्तर से कुछ ही कम है।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: International Atomic Energy Agency
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-कठिन)
- इलेक्टोरल बांड वचन पत्र (प्रॉमिसरी नोट) की प्रकृति का धारक लिखत (bearer instrument) और ब्याज मुक्त बैंकिंग लिखत होगा।
- एक व्यक्ति (कॉरपोरेट संस्थाओं सहित) द्वारा खरीदे जा सकने वाले इलेक्टोरल बॉन्ड की संख्या पर कोई सीमा नहीं है।
- तीस दिनों की वैधता अवधि के भीतर न भुनाए गए बांड की राशि प्राधिकृत बैंक द्वारा प्रधान मंत्री राहत कोष (PMRF) में जमा की जाएगी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 3
- केवल 1 और 2
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: चुनावी बॉन्ड वचन पत्र की प्रकृति का धारक लिखत और ब्याज मुक्त बैंकिंग लिखत होगा। भारत का नागरिक या भारत में निगमित निकाय बांड खरीदने के लिए पात्र होगा।
- कथन 2 सही है: इलेक्टोरल बांड अर्थात चुनावी बांड दाताओं द्वारा गुमनाम रूप से खरीदे जाते हैं और जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होते हैं। एक व्यक्ति (कॉरपोरेट संस्थाओं सहित) द्वारा खरीदे जा सकने वाले चुनावी बांड की संख्या पर कोई सीमा नहीं है।
- कथन 3 गलत है: 15 दिनों की वैधता अवधि के भीतर न भुनाए गए बांड की राशि प्राधिकृत बैंक द्वारा प्रधानमंत्री राहत कोष (PMRF) में जमा की जाएगी।
प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)
- प्रतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम अंतर्गत भारत की संचित निधि (CFI) के तहत एक राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण कोष की स्थापना की गई।
- परियोजना संबंधित प्रतिपूरक वनीकरण, शुद्ध वर्तमान मूल्य और अन्य के लिए किए गए भुगतान को निधि में जमा किया जाएगा। राज्य कोष को 90% भुगतान प्राप्त होगा जबकि राष्ट्रीय कोष को शेष 10% प्राप्त होगा।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई नही
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: प्रतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम ने भारत के लोक लेखा के तहत राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण कोष और प्रत्येक राज्य के लोक लेखा के तहत राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष की स्थापना की।
- कथन 2 सही है: प्रतिपूरक वनीकरण, निवल वर्तमान मूल्य और परियोजना से संबंधित अन्य चीज़ों के लिए किए गए भुगतान को निधि में जमा किया जाएगा। नियमों के अनुसार, प्रतिपूरक वनीकरण कोष (CAF) का 90% पैसा राज्यों को दिया जाता है जबकि 10% केंद्र अपने पास रखता है।
प्रश्न 3. POCSO अधिनियम के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)
- POCSO अधिनियम में बाल यौन अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए किसी भी समय सीमा की अवधि का प्रावधान नहीं है।
- यह अधिनियम न केवल यौन शोषण के अपराधी को दंडित करता है, बल्कि उन लोगों को भी दंडित करता है जो अपराध की रिपोर्ट करने में विफल रहे हैं।
- POCSO अधिनियम मीडिया के किसी भी रूप में पीड़ित की पहचान के प्रकटीकरण पर रोक लगाता है।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: POCSO अधिनियम बाल यौन अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए किसी समय-सीमा अवधि का प्रावधान नहीं करता है।
- कथन 2 सही है: धारा 19 के तहत अधिरोपित अनिवार्य रिपोर्टिंग दायित्व के तहत ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को स्थानीय पुलिस या विशेष किशोर पुलिस इकाई को रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है जिसे किसी बच्चे के खिलाफ यौन अपराध होने का संदेह या ज्ञान है। इस अधिनियम के तहत कारावास की सजा या जुर्माना या दोनों के साथ न केवल यौन शोषण के अपराधी को दंडित किया जाता है, बल्कि उन लोगों को भी दंडित किया जाता है जो अपराध की रिपोर्ट करने में विफल रहे हैं।
- कथन 3 सही है: POCSO अधिनियम की धारा 23 मीडिया के किसी भी रूप में पीड़ित की पहचान के प्रकटीकरण पर रोक लगाती है। हालाँकि, अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालतों द्वारा अनुमति देने के मामले में इससे छूट दी गई है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-मध्यम)
- उपाध्यक्ष के पद के लिए चुनाव कराने की तिथि राष्ट्रपति द्वारा तय की जाती है।
- सरदार हुकम सिंह ने लोकसभा के प्रथम उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: उपाध्यक्ष का चुनाव उस तिथि को होगा जो अध्यक्ष निर्धारित करेगा और सचिव प्रत्येक सदस्य को निर्धारित तिथि की सूचना भेजेगा।
- कथन 2 गलत है: एम. ए. अयंगर ने लोकसभा के प्रथम उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था।
प्रश्न 5. भारतीय रक्षा क्षेत्र के संदर्भ में ‘ध्रुव’ क्या है? (PYQ-CSE-2008) (स्तर-मध्यम)
- विमानवाहक युद्धपोत
- मिसाइलवाहक पनडुब्बी
- उन्नत हल्के हेलीकाप्टर
- अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल
उत्तर: c
व्याख्या: HAL ध्रुव नवंबर 1984 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और विकसित एक उपयोगिता हेलीकॉप्टर है। ध्रुव को 2002 में सेवा में शामिल किया गया था। इसे सैन्य और नागरिक दोनों ऑपरेटरों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हेलीकॉप्टर के सैन्य संस्करण को विकसित किया जा रहा है, जबकि नागरिक/व्यावसायिक उपयोग के लिए एक संस्करण भी विकसित किया गया है। सैन्य संस्करणों में परिवहन, उपयोगिता, टोही और चिकित्सा निकासी संस्करण शामिल हैं।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. गहन समुद्री अन्वेषण का क्या महत्व है? चीन और भारत ने इस संबंध में जो प्रगति की है, उसका परीक्षण कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (GSII-अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
प्रश्न 2. क्वाड के विकास का मूल्यांकन कीजिए और यह समूह भारत के लिए कैसे प्रासंगिक है? (250 शब्द, 15 अंक) (GSII-अंतर्राष्ट्रीय संबंध)