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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 08 February, 2023 UPSC CNA in Hindi

08 फरवरी 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. सीएआर टी-सेल (CAR T-cell) थेरेपी: कैंसर के समग्र उपचार की दिशा में अगला कदम

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

स्वास्थ्य:

  1. स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा के परिणाम भुगतने पड़ते हैं

राजव्यवस्था एवं शासन:

  1. अनुपस्थित 30 करोड़ मतदाताओं में ज्यादातर युवा, शहरी या प्रवासी हैं

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. संबंधों की एक त्वरित पुनर्स्थापना

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में 2010 में सामने आए मामलों की तुलना में 2022 में 76% की कमी आई है:
  2. तुर्की, सीरिया ने बचाव दल और सहायता भेजने के लिए भारत को धन्यवाद दिया:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सीएआर टी-सेल (CAR T-cell) थेरेपी: कैंसर के समग्र उपचार की दिशा में अगला कदम

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।

प्रारंभिक परीक्षा: सीएआर टी-सेल थेरेपी के बारे में।

मुख्य परीक्षा: सीएआर टी-सेल (CAR T-cell) थेरेपी – क्रियाविधि, महत्व, अनुप्रयोग, प्रमुख मुद्दे और भावी कदम।

प्रसंग

  • सीएआर टी-सेल (CAR T-cell) थेरेपी कैंसर के उपलब्ध उपचार में एक नया विकास है जो वर्तमान में दुनिया भर के कई शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

विवरण

  • परंपरागत रूप से, किसी भी प्रकार के कैंसर के लिए तीन प्रमुख प्रकार के उपचार होते हैं, वे हैं:
    • शल्य चिकित्सा (सर्जरी): इसमें कैंसर को हटाना शामिल है।
    • रेडियोथेरेपी: कैंसर को ठीक करने के लिए ट्यूमर को आयनकारी विकिरण देना शामिल है।
    • प्रणालीगत चिकित्सा (सिस्टेमिक थेरेपी): इस प्रकार के उपचार में दवाएं दी जाती हैं जो ट्यूमर पर कार्य करती हैं।
  • जबकि शल्य चिकित्सा और रेडियोथेरेपी के उपचार के रूपों को पिछले कुछ वर्षों में परिष्कृत किया गया है, वहीं प्रणालीगत चिकित्सा पद्धतियों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
    • कीमोथेरेपी प्रणालीगत चिकित्सा का प्रारंभिक रूप था। हालांकि, यह देखा गया कि कीमोथेराप्यूटिक थेरेपी में महत्वपूर्ण संभावित दुष्प्रभावों के साथ प्रतिक्रिया दर निम्न थी जो शरीर में विभिन्न अन्य आवश्यक कोशिकाओं को प्रभावित करती थी।
    • प्रणालीगत चिकित्सा में उन्नति का अगला चरण इम्यूनोथेरेपी था। इस मामले में, दवाएं स्वयं को उन विशिष्ट प्रतिरक्षा कैंसर कोशिकाओं से संयोजित कर लेती हैं जो ट्यूमर को बढ़ने और तेजी से फैलने में सहायता करती हैं।
      • कम दुष्प्रभाव होने के बावजूद इम्यूनोथेरेपी के माध्यम से उपचार सीमित था क्योंकि यह केवल उन ट्यूमर के खिलाफ प्रभावी है जो इन लक्षित कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं।
    • सीएआर टी-सेल थेरेपी एक ऐसा विकास है जो कैंसर के प्रणालीगत चिकित्सा उपचार में प्रगति के कारण विकसित हुआ है।

सीएआर टी-सेल थेरेपी

चित्र स्रोत: National Cancer Institute (USA)

  • काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR) टी-सेल थेरेपी, कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी विधियों के विपरीत, कैंसर के उपचार के लिए रोगी की अपनी कोशिकाओं का उपयोग करती हैं।
    • चिकित्सा की यह प्रकृति इंजेक्टेबल या मौखिक दवाओं के बड़े पैमाने पर उत्पादन की आवश्यकता को समाप्त करती है जो कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी के लिए आवश्यक हैं।
  • सीएआर टी-सेल थेरेपी में, एक रोगी की स्वयं की कोशिकाओं को ट्यूमर पर हमला करने हेतु उनकी टी-कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए प्रयोगशाला में संशोधित किया जाता है। इस प्रकार चिकित्सा के इस रूप को “जीवित दवाएं” माना जाता है।
    • टी कोशिकाएं या टी लिम्फोसाइट्स एक प्रकार के ल्यूकोसाइट्स (श्वेत रक्त कोशिकाएं) हैं जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण कोशिकाएं हैं।
  • शोधकर्ता टी-कोशिकाओं को संशोधित करते हैं ताकि कोशिकाएं काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर्स (CAR) नामक विशिष्ट प्रोटीन को प्रकट कर सकें।
    • सीएआर प्रोटीन का ट्यूमर कोशिकाओं की सतह पर मौजूद प्रोटीन के प्रति आकर्षण होता है। इसलिए सीएआर प्रोटीन को व्यक्त करने के लिए किया गया संशोधन सीएआर टी-कोशिकाओं को ट्यूमर से अधिक प्रभावी ढंग से संयोजित होने में मदद करता है जो ट्यूमर कोशिकाओं पर सीधे आक्रमण की सुविधा प्रदान करता है।
  • इसके अलावा, संशोधित टी-कोशिकाओं को इस तरह से तैयार करने के बाद रोगी के रक्तप्रवाह में वापस डाल दिया जाता है ताकि वे अधिक प्रभावी ढंग से गुणित हो सकें।
  • ये इन्फ्यूज्ड टी-कोशिकाएं लक्षित एजेंटों की तुलना में अधिक विशिष्ट हैं इसलिए वे कैंसर के खिलाफ रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को सीधे सक्रिय करती हैं। यह प्रणालीगत चिकित्सा के अन्य रूपों की तुलना में उपचार को चिकित्सकीय रूप से अधिक प्रभावी बनाता है।
  • ट्यूमर कोशिकाओं के विनाश के अंतिम चरण में रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उनकी निकासी शामिल है।

सीएआर टी-सेल थेरेपी के अनुप्रयोग

  • वर्तमान में, सीएआर टी-सेल थेरेपी को ल्यूकेमिया (श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाला रोग) और लिम्फोमा (लसीका प्रणाली से उत्पन्न होने वाला रोग) के उपचार के लिए अनुमति प्रदान की गई है।
    • इस प्रकार के कैंसर कोशिकाओं के एक ही क्लोन के अनियमित प्रजनन के कारण होते हैं, यानी एक ही प्रकार की कोशिका जो लाखों की संख्या में समान प्रतियां बनाती हैं।
    • चूंकि इनमें समान प्रकार की कोशिकाएं शामिल हैं, इसलिए इस प्रकार के कैंसर के उपचार में सीएआर टी-सेल थेरेपी बहुत सुसंगत और विश्वसनीय हैं।
  • इसके अलावा, सीएआर टी-सेल थेरेपी का उपयोग उन कैंसर के उपचार के लिए भी किया जाता है जो प्रारंभिक सफल उपचार के बाद फिर से प्रकट हो गए हैं या ऐसे कैंसर का उपचार करने के लिए जो कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी उपचार के पिछले संयोजनों से ठीक नहीं हो रहे हैं।

सीएआर टी-सेल थेरेपी के उपयोग से जुड़ी प्रमुख चिंताएँ

  • सीएआर टी-सेल थेरेपी की प्रभावकारिता लगभग 90% है जब इसका उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर जैसे ल्यूकेमिया और लिम्फोमा के उपचार के लिए किया जाता है। हालांकि, अन्य प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए सीएआर टी-सेल थेरेपी की प्रभावकारिता काफी कम है।
    • सीएआर टी-सेल में अत्यधिक विषम कैंसर पर संयोजित होने की क्षमता नहीं होती है, जिसमें एक सुसंगत लक्ष्य कोशिका नहीं होती है।
  • इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी मिली है जिनमें साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम शामिल है जो प्रतिरक्षा प्रणाली के व्यापक सक्रियण का परिणाम है। यह सिंड्रोम अन्य सामान्य कोशिकाओं को महत्वपूर्ण ‘संपार्श्विक क्षति’ (Collateral damage) पहुंचा सकता है।
    • इसके अलावा, तंत्रिका तंत्र संबंधी दुष्प्रभाव जैसे कि गंभीर भ्रम, दौरे पड़ना और वाक विकृति की भी आशंका होती है।
  • इसके अतिरिक्त, सीएआर टी-सेल को तैयार करने की जटिलता भी सीएआर टी-सेल उपचारों के उपयोग के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती रही है।
  • सीएआर टी-सेल थेरेपी के क्रियान्वयन से जुड़ी लागत भी बहुत महंगी है।

भारत में सीएआर टी-सेल थेरेपी

  • भारत में पहली स्वदेशी रूप से विकसित थेरेपी का सफलतापूर्वक प्रयोग 2022 में किया गया था।
  • बड़े पैमाने पर सीएआर टी-सेल थेरेपी शुरू करने में दो मुख्य चुनौतियां हैं। वे हैं – लागत और मूल्य।
  • आलोचकों का मानना है कि सीएआर टी-सेल थेरेपी प्रदान करने के लिए भारत में नई सुविधाओं का विकास बेमानी हो सकता है क्योंकि सीएआर टी-सेल थेरेपी अधिकांश भारतीयों के लिए अवहनीय है।
  • हालांकि, भारत में नई सुविधाओं और ऐसी तकनीकों के विकास में निवेश से उपचार की लागत कम करने की क्षमता है।
  • इसके अलावा, सीएआर टी-सेल थेरेपी को स्वदेशी रूप से विकसित करने के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं जो लागत को कम करने में मदद करेंगे और इनके प्रारंभिक परिणाम सकारात्मक रहे हैं।

सारांश:

  • भारत में 2025 तक कैंसर के 3 करोड़ मामले सामने आने के अनुमानों के साथ ही सीएआर टी-सेल थेरेपी जैसी कैंसर थेरेपी की प्रगति और प्रभावशीलता ने इस खतरनाक बीमारी से लड़ने की बहुत सकारात्मक आशा प्रदान की है। हालांकि, अभी भी कम दुष्प्रभाव वाले उपचारों के विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है जो आम जनता के लिए सस्ते हों।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा के परिणाम भुगतने पड़ते हैं:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वास्थ्य:

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे

मुख्य परीक्षा: स्वास्थ्य क्षेत्र और संबंधित चिंताओं के लिए बजट आवंटन।

प्रसंग: बजट 2023-24 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन।

विवरण:

  • बजट सरकार की वास्तविक मंशा और दूरदर्शिता को प्रमाणित करता है। बजट बुनियादी सार्वजनिक वस्तुओं तक सभी नागरिकों की समान पहुंच को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए:
    • यूनाइटेड किंगडम में, समाज को पुनर्जीवित करने के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा शुरू की गई थी। सामाजिक अर्थशास्त्री विलियम बेवरिज ने कल्याणकारी राज्य की कल्पना की तथा ‘पांच विशाल बुराइयों’ अर्थात् ‘अभाव, बीमारी, अज्ञानता, गंदगी और आलस्य’ को संबोधित करने का प्रस्ताव रखा।
  • भारत के संदर्भ में, पोषण, स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, पर्यावरण, सफाई तथा स्वच्छता जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए निवेश को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • हालाँकि, यह तर्क दिया जाता है कि स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के लिए बजट 2023-24 में गतिहीन आवंटन किया गया है। यह भी कहा जाता है कि अधिकांश निवेश राजमार्गों, स्पीड ट्रेनों और हवाई अड्डों पर केंद्रित हैं।

अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Union Budget 2023 Summary – Get the Highlights of the Budget 2023-24 for UPSC

बजट 2023-24 के कुछ प्रावधान:

  • बजट 2023-24 में निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:
  • लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराना
  • 500 पिछड़े ब्लॉकों का विकास
  • आवास, स्वच्छ पानी तथा शौचालय तक पहुंच का विस्तार करना
  • ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से रोजगार को सुगम बनाना
  • युवाओं को कौशल विकास के अवसर प्रदान करना
  • हालांकि, ऐसे प्रावधान केवल आंशिक लाभ प्रदान कर सकते हैं तथा बढ़ती असमानता की चिंता को दूर नहीं करते हैं। सतत और दीर्घकालिक विकास के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पोषण (न केवल खाद्यान्न बल्कि प्रोटीन जैसे आवश्यक तत्व) तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

संबद्ध चिंताएं:

  • अमेरिका में कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह पाया गया कि रीगन युग के बाद, निजीकरण को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा में सार्वजनिक निवेश को कम करने के कारण नवाचार और वैज्ञानिक क्षमता में बाधा उत्पन्न हुई।
  • निकारागुआ में, आर्थिक गिरावट के बावजूद, देश ने शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश किया।
  • यह तर्क दिया जाता है कि बजट निराशाजनक है क्योंकि:
  • यह पाया गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण 230 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए।
  • असर की रिपोर्ट (ASER report) के अनुसार, कक्षा 5 के कई छात्र कक्षा 2 की पाठ्यपुस्तक पढ़ने में असमर्थ हैं।
  • NFHS-5 के अनुसार, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में 35.5% बौने कद के थे तथा 32.1% अल्पभार के थे।
  • गैर-संचारी रोगों, मानसिक स्वास्थ्य और जराचिकित्सा देखभाल के कारण रोग का बोझ बढ़ रहा है।
  • मध्याह्न भोजन के लिए बजट आवंटन में 9% की कमी की गई, इस तथ्य के बावजूद कि निजी स्कूलों में बढ़ती अवहनीयता के कारण नामांकन निजी से सार्वजनिक स्कूलों की ओर स्थानांतरित हो गया है।
  • कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) ने तीन प्रमुख दोषों को परिलक्षित किया है:
  • वित्तीय जोखिम सुरक्षा का अभाव: अपर्याप्त जोखिम संरक्षण के कारण, नागरिकों को भारी खर्च करना पड़ा, जो अनुमानित रूप से ₹70,000 करोड़ से अधिक था।
  • अपर्याप्त प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली: इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में टाली जा सकने वाली मौतें हुईं, विशेष रूप से उत्तर भारत में।
  • जिला अस्पतालों का न होना: यह पाया गया कि अच्छी तरह से सुसज्जित और संचालित जिला अस्पतालों का भारी अभाव है।
  • इनके अलावा, महामारी ने रोग निगरानी प्रणाली के निर्माण तथा लचीलेपन को मजबूत करने में निवेश करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
  • इसने विभिन्न मौजूदा कानूनों में अव्यवस्थित नियामक ढांचे और दुर्बलताओं तथा हितों के टकराव को भी प्रदर्शित किया।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Mid Day Meal Scheme (MDMS) – UPSC Notes

भावी कदम:

  • सरकार को अपने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार करके अपने नागरिकों को ऐसी किसी भी घटना से बचाना चाहिए।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के पुनर्निर्माण, वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सुरक्षा का विस्तार करने के लिए पर्याप्त रूप से वित्त संपन्न एक राजनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता है।
  • महामारी के दौरान सीखे गए सबक को भविष्य की कार्रवाई करते समय आत्मसात किया जाना चाहिए।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:

Health Care Sector in India – An Overview on Latest Developments

सारांश:

  • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए पर्याप्त आवंटन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी उपेक्षा करने और इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण निवेश से वंचित करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस प्रकार यह सुझाव दिया जाता है कि सरकार को बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं (स्वास्थ्य और शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण हैं) में अधिक संसाधन आवंटित करने चाहिए।

अनुपस्थित 30 करोड़ मतदाताओं में ज्यादातर युवा, शहरी या प्रवासी हैं:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था एवं शासन:

विषय: चुनाव

मुख्य परीक्षा: भारत में मतदान प्रतिशत।

विवरण:

  • 1962 के बाद से भारत में मतदाताओं की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है। जनवरी 2023 को यह 94.5 करोड़ से ऊपर पहुंच गई।
  • हालांकि, लगभग एक तिहाई मतदाताओं ने 17वीं लोकसभा चुनाव (2019) में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया था। भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) द्वारा यह माना जाता है कि 17वीं लोकसभा चुनाव में 30 करोड़ अनुपस्थित मतदाताओं में एक बड़ा हिस्सा शहरी क्षेत्रों के लोग, युवाओं मतदाताओं और प्रवासियों का था।
  • यह पाया गया कि गुजरात में राज्य विधानसभा चुनाव (2022) के दौरान, गुजरात के प्रमुख शहरों में न केवल मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई (2017 के चुनावों की तुलना में) बल्कि राज्य के औसत से भी बहुत कम मतदान हुआ।
  • मतदान को 75% तक ले जाने के लिए, ECI ने जागरूकता अभियान तथा दूरस्थ मतदान प्रणाली शुरू करने सहित एक बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Lok Sabha – Elections, Composition & Important Amendments

सांख्यिकीय विवरण:

  • विशेष रूप से, पिछले कुछ वर्षों में मतदान में काफी वृद्धि हुई है और पिछले दो आम चुनावों (2014 और 2019) में 65% का आंकड़ा पार कर गया है।

चित्र: पिछले 15 लोकसभा चुनावों में निर्वाचकों की संख्या और मतदान प्रतिशत

स्रोत: The Hindu

  • हालाँकि, अभी भी 35% मतदाता प्रक्रिया से अनुपस्थित हैं। ECI ने शहरी उदासीनता को इसके पीछे एक प्रमुख कारण बताया है।
  • यह पाया गया है कि 2019 के आम चुनावों में सबसे कम मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्र या तो राजधानी जिले में हैं या राज्य के शहरी केंद्रों में हैं। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में, सबसे कम मतदान दर्ज करने वाले निर्वाचन क्षेत्र बैंगलोर दक्षिण, बैंगलोर मध्य और बैंगलोर उत्तर (कर्नाटक की राजधानी शहर की सभी तीन सीटें) थे।
  • भारत में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या अमेरिका की तुलना में लगभग चार गुना है (संसदीय/राष्ट्रपति चुनावों में पंजीकृत मतदाताओं वाले शीर्ष 10 देशों में दूसरा)।

चित्र: चुनिंदा देशों में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या (करोड़ों में)।

स्रोत: The Hindu

  • 17वीं लोकसभा चुनावों में 67.1% मतदान के साथ भारत उन 162 देशों में 74वें स्थान पर था, जिनके आंकड़ों की तुलना की गई थी।
  • भारत मतदान प्रतिशत के मामले में बांग्लादेश (80%), ब्राजील (79.2%), और श्रीलंका (75%) से पीछे है। हालांकि, यह पाकिस्तान (50%), रूस (51%), और नेपाल (61%) से बेहतर था।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:

Sansad TV Perspective: Remote Voting – for Domestic Migrants

सारांश:

  • लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में वृद्धि के बावजूद, एक तिहाई मतदाता अभी भी प्रक्रिया से अनुपस्थित हैं। चुनाव आयोग जागरूकता अभियानों और प्रवासियों के लिए दूरस्थ मतदान के माध्यम से मतदाताओं की हिस्सेदारी को 75% तक बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहा है।

संबंधों की एक त्वरित पुनर्स्थापना:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: विकसित देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध।

मुख्य परीक्षा: भारत-कनाडा संबंध।

प्रसंग: कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने 6-7 फरवरी 2023 को नई दिल्ली का दौरा किया।

विवरण:

  • G-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत अपनी अंतर्राष्ट्रीय पहुंच बढ़ा रहा है। और इस दिशा में कनाडा के साथ संबंध सुधारना सरकार के एजेंडे में है।
  • भारत के विदेश मंत्री, एस. जयशंकर ने 6-7 फरवरी 2023 को द्विपक्षीय वार्ता के लिए कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली की मेजबानी की। मंत्री की नई दिल्ली की एक और यात्रा मार्च 2023 में निर्धारित है। और बाद में इस वर्ष, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आएंगे।
  • द्विपक्षीय संबंधों में तेजी का एक अन्य कारण कनाडा का चीन के साथ बिगड़ते संबंध हैं। नवंबर 2023 में, कनाडा ने अपनी नई हिन्द-प्रशांत रणनीति की घोषणा की जिसने चीन को “तेजी से उभरती विघटनकारी वैश्विक शक्ति” के रूप में वर्णित किया है। इसके अलावा, भारत को लोकतंत्र और बहुलवाद की साझा परंपराओं के साथ कनाडा के “महत्वपूर्ण भागीदार” के रूप में संदर्भित किया गया था।
  • इसके अतिरिक्त, कनाडा द्वारा अपने आर्थिक संबंधों में विविधता लाने के लिए नए बाजारों की खोज कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के लिए भारत की महत्वाकांक्षा के अनुरूप है। दोनों देशों के अधिकारी “प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते” पर काम कर रहे हैं।
  • दोनों देश एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के प्रति भी आशान्वित हैं।
  • भारत और कनाडा के बीच संबंध 2018 में निचले स्तर पर चले गए। कनाडा ने 2020-21 में भी किसानों के आंदोलन के लिए भारत सरकार की आलोचना की थी (परिणामस्वरूप राजनयिक गतिविधियां रद्द कर दी गईं)।
  • जर्मनी (2022) में G-7 शिखर सम्मेलन के अवसर पर दोनों देशों के नेताओं के मिलने पर संबंधों में फिर से सकारात्मक बदलाव आया।

मौजूदा समस्याएं:

  • भारत ने खालिस्तानी अलगाववाद के पुनरुत्थान तथा कनाडा में सिख समुदाय के बीच “जनमत संग्रह” के आह्वान को लेकर चिंता व्यक्त की है। भारत ने कनाडा में भारतीय समुदाय को निशाना बनाने वाली तोड़-फोड़ और हिंसा की घटनाओं पर भी आपत्ति जताई है।
  • इसके अलावा, भारत के आंतरिक मामलों जैसे अधिकारों और स्वतंत्रता पर कनाडा की घोषणाएं भी राजनयिक संबंधों के लिए जोखिम भरी हैं।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: What is the Khalistan issue? Explore the Answer at BYJU’S UPSC Preparation

भारत-कनाडा संबंध:

  • कनाडा एक बड़े पैमाने पर भारतीय प्रवासियों तथा भारतीय छात्रों की मेजबानी करता है।
  • कनाडा उन पहले देशों में से एक था जो भारत के परमाणु कार्यक्रम ( India’s nuclear tests in 1974) के समर्थन में थे। हालाँकि, 1974 में भारत के परमाणु परीक्षणों के बाद संबंध टूट गए।
  • 1980 के दशक में संबंधों में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन संबंध फिर से ख़राब हो गए क्योंकि कनाडा ने अलगाववादी खालिस्तानी समूहों को आश्रय प्रदान किया, जिन पर 1985 में एयर इंडिया की उड़ान में बमबारी का आरोप लगाया गया था।
  • 2010 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह की कनाडा यात्रा और असैन्य परमाणु सहयोग पर एक समझौते के माध्यम से संबंधों को एक बार फिर से बहाल किया गया।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:

India-Canada Bilateral Ties

सारांश:

  • अतीत में भारत-कनाडा संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव आया है। इसे मजबूत करने के मौजूदा प्रयास रणनीतिक और आर्थिक लाभ दोनों के लिए सही दिशा में उठाए गए कदम हैं। हालाँकि, दोनों देशों को मार्ग में आने वाले संभावित राजनीतिक बाधाओं को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए।

प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में 2010 में सामने आए मामलों की तुलना में 2022 में 76% की कमी आई है:
  • केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद(LWE) पर संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा है कि 2010 की तुलना में 2022 में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में 76% की कमी आई है।
    • उन्होंने आगे कहा कि लगभग 40 वर्षों में पहली बार 2020 में नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौत की संख्या 100 से कम थी।
    • प्रभावित जिलों की संख्या भी 90 से घटकर 45 हो गई है।
  • गृह मंत्री के अनुसार, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा मुख्य रूप से केंद्र की तीन आयामी रणनीति की सफलता के कारण कम हुई है, जिसमें शामिल हैं:
    • उग्रवादी हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए दृढ़ दृष्टिकोण अपनाना।
    • प्रभावित राज्यों के साथ बेहतर समन्वय।
    • जनभागीदारी के मध्यम से विकास।
  • इसके अलावा, नए पायलटों और इंजीनियरों को शामिल करके सीमा सुरक्षा बल (BSF) की एयर विंग को मजबूत किया गया है, जिससे प्रतिबंधित संगठनों के वित्तपोषण को रोकने में मदद मिली है।

यह भी पढ़ें- Sansad TV Perspective: Tackling Left Wing Extremism.

  1. तुर्की, सीरिया ने बचाव दल और सहायता भेजने के लिए भारत को धन्यवाद दिया:
  • तुर्की और सीरिया में और उसके आसपास आए एक भूकंप के बाद भारत ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र की सहायता के लिए मानवीय और आपदा राहत प्रयासों के हिस्से के रूप में राहत सामग्री भेजी है जिसमें 30 बिस्तरों वाला फील्ड अस्पताल तथा बचाव और चिकित्सा कर्मचारी शामिल हैं।
  • इसके अलावा डॉग स्क्वाड, खोज और बचाव उपकरण (SAR) उपकरण, ड्रिलिंग मशीन और वाहन जैसे निकासी उपकरण भी भेजे गए।
  • तुर्की के राजदूत ने कहा है कि आपदा के बाद पहले 24-48 घंटे सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और इस महत्वपूर्ण मोड़ पर भारत की मदद की पेशकश बहुत सामयिक और स्वागत योग्य है।
  • उन्होंने आगे कहा कि भारत की संकट प्रबंधन टीम भूकंप आने के शुरुआती कुछ घंटों में ही पहुंच गई और भारत ने तुरंत मदद भेज जो सच्ची दोस्ती का संकेत है।
  • सीरिया के राजदूत ने दक्षिण-दक्षिण एकजुटता के संकेत के रूप में भारत के समर्थन का वर्णन करते हुए यह भी कहा है कि “जब भी सीरिया को किसी चीज़ की ज़रूरत पड़ी, भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है।

भारत-तुर्की संबंधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए: India-Turkey Relations

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः (स्तर – मध्यम)

  1. जिस दर पर केन्द्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंक को अल्पकालिक ऋण देता है, उसे रेपो दर कहा जाता है।
  2. विस्तारवादी मौद्रिक नीति के तहत, आरबीआई बैंकिंग क्षेत्र में तरलता बढ़ाने के लिए रेपो दर और बैंक दर को कम करता है।

इनमें से कौन सा कथन सही है / हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1, न ही 2

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: रेपो दर या पुनर्खरीद दर को उस दर के रूप में संदर्भित किया जाता है जिस पर केंद्रीय बैंक (RBI) तरलता बनाए रखने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक निधि आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है।
  • कथन 2 सही है: विस्तारवादी मौद्रिक नीति के तहत, RBI बैंकिंग क्षेत्र में तरलता बढ़ाने के लिए रेपो दर और बैंक दर को कम करता है।

प्रश्न 2. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)

  1. यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सांविधिक निकाय है।
  2. इसमें एक अध्यक्ष और छह सदस्य होते हैं, जिनमें से कम से कम दो महिलाएँ होती हैं।
  3. आयोग के सदस्य पांच साल के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।

इनमें से कौन-सा / से कथन सही है / हैं?

  1. केवल 3
  2. केवल 2
  3. केवल 1 और 2
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 के तहत 2007 में स्थापित एक सांविधिक निकाय है।
    • NCPCR महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करता है।
  • कथन 2 सही है: आयोग में एक अध्यक्ष होता है जो प्रतिष्ठित व्यक्ति होता है और छह सदस्य होते हैं, जिनमें से कम से कम दो महिलाएं होती हैं।
  • कथन 3 गलत है: NCPCR के अध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य पद ग्रहण करने की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए पद धारण करते हैं।

प्रश्न 3. जलवायु सुनम्य कृषि पर राष्ट्रीय नवाचारों (NICRA) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक नेटवर्क परियोजना है।
  2. इसका उद्देश्य कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन करना है।
  3. यह परियोजना कृषि में जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए फसलों, पशुधन, बागवानी के साथ-साथ मत्स्य पालन का अध्ययन करती है।

इनमें से कितने कथन सही है/हैं?

  1. केवल एक कथन
  2. केवल दो कथन
  3. सभी तीनों कथन
  4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: NICRA भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की फरवरी, 2011 में शुरू की गई एक नेटवर्क परियोजना है।
  • कथन 2 सही है: NICRA का उद्देश्य अनुकूलन और शमन पर रणनीतिक अनुसंधान करना, किसानों के खेतों पर प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना, तथा कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए किसानों और अन्य हितधारकों के बीच जागरूकता सृजित करना है।
  • कथन 3 सही है: परियोजना कृषि में जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए फसलों, पशुधन, बागवानी, मुर्गी पालन और मत्स्य पालन का अध्ययन करती है।

प्रश्न 4. राष्ट्रीय महिला आयोग के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)

  1. यह एक संवैधानिक निकाय है।
  2. इसकी स्थापना महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए की गई थी।
  3. इसे दीवानी न्यायालय की शक्तियां प्राप्त हैं।

दिए गए कथनों में से कितने गलत है/हैं?

  1. केवल एक कथन
  2. केवल दो कथन
  3. सभी तीनों कथन
  4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: राष्ट्रीय महिला आयोग को जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था।
  • कथन 2 सही है: महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना की गई थी।
  • कथन 3 सही है: आयोग उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करता है, शिकायतों के निवारण की सुविधा देता है और महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देता है।
    • आयोग को एक सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त हैं।

प्रश्न 5. टर्की किनके मध्य स्थित है? (PYQ-2014) (स्तर – सरल)

  1. काला सागर और कैस्पियन सागर
  2. काला सागर और भूमध्य सागर
  3. स्वेज की खाड़ी और भूमध्य सागर
  4. अक़ाबा की खाड़ी और मृत सागर

उत्तर: b

व्याख्या:

चित्र स्रोत: World Atlas

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारत और कनाडा के बीच जटिल लेकिन महत्वपूर्ण संबंध हैं। परीक्षण कीजिए।

(250 शब्द, 15 अंक) (GS II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

प्रश्न 2. भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा पर बजटीय व्यय ऐतिहासिक रूप से कम रहा है। मूल्यांकन कीजिए।

(250 शब्द, 15 अंक) (GS II – शासन)