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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 10 October, 2022 UPSC CNA in Hindi

10 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. संयुक्त राष्ट्र शांति सेना:

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. प्रत्यक्ष कर प्राप्तियां:

जैव विविधता एवं पर्यावरण:

  1. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP):

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

भारतीय अर्थव्यवस्था:

  1. चिप्स का भाग्य राष्ट्रों के भाग्य का निर्धारण करेगा:

अंतरराष्ट्रीय संबंध:

  1. यूरोप में मुद्रास्फीति चरम पर है क्योंकि रूस तेल आपूर्ति में बाधा है:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. अशोक विजयदशमी:
  2. मालाबार नौसैनिक अभ्यास:

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

प्रत्यक्ष कर प्राप्तियां:

अर्थव्यवस्था:

विषय: संसाधन जुटाना

मुख्य परीक्षा: भारत में कराधान सुधार।

संदर्भ:

  • वित्त वर्ष 2022-23 में 8 अक्टूबर 2022 तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर ₹7.45 लाख करोड़ हो गया है, जो बजट लक्ष्य के आधे से अधिक है।

मुख्य विवरण:

  • वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक निगमित/कॉर्पोरेट (corporate) और व्यक्तिगत आयकर सहित सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह लगभग 24 प्रतिशत बढ़कर 8.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
  • रिफंड या धन वापसियों के समायोजन के बाद, 1 अप्रैल से 8 अक्टूबर 2022 के बीच का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सम्पूर्ण वर्ष के कर संग्रह लक्ष्य के बजट अनुमान (Budget estimates (BE)) का 52.46 प्रतिशत है।
  • निगमित/कॉर्पोरेट (corporate) और व्यक्तिगत आय पर लगाये जाने वाला कर प्रत्यक्ष कर में शामिल होता है।
  • गौरतलब है कि बजट में इस वित्तीय वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष (2021-22) के 14.10 लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक है।
  • इसमें व्यक्तिगत आयकर (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित(including Securities Transaction Tax)) में 32.3 प्रतिशत की वृद्धि और पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कॉर्पोरेट कर राजस्व में 16.73 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है।
  • कर रिफंड पिछले वर्ष की तुलना में 81% बढ़कर ₹1.53 लाख करोड़ तक पहुंच गया हैं।

Image Source: The Hindu

प्रत्यक्ष कर संग्रह में हुई इस वृद्धि का महत्व:

  • ज्ञातव्य है कि कर संग्रह किसी भी देश में आर्थिक गतिविधि का एक संकेतक है।
  • भारत में औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में मंदी के बावजूद कर संग्रह में वृद्धि हुई है।
  • वाणिज्य निर्यात में पिछले साल आए उछाल के बाद अब इसमें कमी आ गई है और सितंबर 2022 में यह 3.5 प्रतिशत तक कम हो गया है।
  • व्यापार घाटा पहले छह महीनों में लगभग दोगुना हो गया है। बेची गई वस्तुओं और सेवाओं (GST) पर कर लगाने से संग्रह लगभग 1.45-1.46 लाख करोड़ रुपये प्रति माह हो गया है।
  • पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि को पहले के अनुमानित 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।
  • प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि वार्षिक सूचना विवरण (Annual Information Statement (AIS)) के उपयोग और प्रौद्योगिकी के माध्यम से कड़े प्रवर्तन नियमों और उनके अनुपालन के कारण हुई है।
  • वार्षिक सूचना विवरण करदाताओं को उनके वित्तीय लेनदेन की व्यापक जानकारी प्रदान करता है। चूँकि नए वार्षिक सूचना विवरण का मकसद करदाताओं के लिए रिटर्न फाइल करना आसान बनाना है।
  • प्रत्यक्ष कर जैसे आयकर, संपत्ति कर आदि भुगतान करने की क्षमता के सिद्धांत पर आधारित हैं, इसलिए कर बोझ के आवंटन में इक्विटी या न्याय इन करों द्वारा अच्छी तरह से सुरक्षित किये गए है।
  • आमतौर पर प्रत्यक्ष कराधान प्रभाव में प्रगतिशील होता है।यह आय और धन में असमानताओं के अंतर को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय हथियार के रूप में काम कर सकते हैं। इस प्रकार प्रत्यक्ष कर सामाजिक समानता के उद्देश्य की ओर ले जाते हैं।

हाल ही में किये गए कराधान से संबंधित सुधार:

  • आकलन अधिकारी और निर्धारिती के बीच इंटरफेस को हटाकर कार्यात्मक विशेषज्ञता के माध्यम से संसाधन उपयोग को अधिकतम करना और टीम-आधारित मूल्यांकन के लिए एक नई प्रणाली ई-मूल्यांकन योजना, 2019 को शुरू किया गया है।
  • वित्त अधिनियम, 2020 के अनुसार केंद्र सरकार अपीलकर्ता और आयकर आयुक्त (अपील) के बीच विभाग की अपीलीय सुनवाई के लिए फेसलेस अपील योजना को अधिसूचित कर सकती है।
  • विवाद से विश्वास योजना के तहत लंबित कर विवादों के निपटारे के लिए अभी घोषणापत्र दाखिल किए जा रहे हैं।
  • इससे सरकार समय पर राजस्व सृजित कर सकेगी और करदाताओं की मुकदमेबाजी लागत कम होगी।
  • वित्त अधिनियम, 2020 ने लाभांश वितरण कर को हटा दिया हैं,जिसके तहत कंपनियों को 01.04.2020 से डीडीटी का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही लाभांश आय पर कर केवल उनकी लागू दर पर ही लगाया जाएगा।
  • इसने भारतीय इक्विटी बाजार के आकर्षण में वृद्धि की और निवेशकों के एक बड़े वर्ग को राहत प्रदान की।
  • साथ ही वित्त अधिनियम, 2020 ने व्यक्तियों और सहकारी समितियों को रियायती दरों पर आयकर का भुगतान करने का विकल्प प्रदान किया है यदि वे निर्दिष्ट छूट और प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाते हैं।

सारांश:

  • प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धि के उपयोग के माध्यम से उच्च अनुपालन को कम करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के सम्बन्ध में कर प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रयास किए गए हैं।इन कराधान सुधारों के परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार की चुनौतियों और अर्थव्यवस्था में गति कम होने या उसमे नुकसान के बावजूद बेहतर प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ हैं।
  • भारत में कराधान पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:Taxation in India

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP):

जैव विविधता एवं पर्यावरण:

विषय: राष्ट्रीय पर्यावरण एजेंसियां, कानून और नीतियां।

मुख्य परीक्षा: वायु प्रदूषण से निपटने हेतु बनाई गई नीतियां।

संदर्भ:

  • हाल ही में, संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) (Graded Response Action Plan) का पहला चरण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में लागू किया गया है।

परिचय:

  • राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके पड़ोसी क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता में आई अचानक गिरावट के बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region (NCR)) में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए 6 अक्टूबर को संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) (Graded Response Action Plan) का पहला चरण लागू किया गया हैं।
  • दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) हाल ही में ‘खराब’ (poor) श्रेणी में आने के बाद यह आदेश आया है।
  • गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा सहित एनसीआर के अन्य हिस्सों में भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ (poor) दर्ज की गई हैं।
  • ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) वायु गुणवत्ता में गिरवाट को रोकने हेतु आपातकालीन उपायों का एक सेट है जिसे हवा की गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए शुरू किया गया है।
  • जीआरएपी का चरण 1 तब सक्रिय होता है जब एक्यूआई ‘खराब’ (Poor) श्रेणी (201 से 300) में होता है।

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP):

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने जनवरी 2016 में सर्वोच्च न्यायालय को वायु प्रदूषण के विभिन्न स्तरों को संबोधित करने के उपायों की एक सूची प्रस्तुत की थी।
  • इन उपायों को GRAP में जोड़ा गया था-यह वायु प्रदूषण रोधी उपायों का एक सेट था जिनका स्थिति की गंभीरता के अनुसार दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में पालन किया जाना था।
  • 12 जनवरी, 2017 को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संशोधनों के बाद जीआरएपी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित एवं अधिसूचित किया गया था।
  • केंद्र सरकार ने जहरीली हवा की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु संसाधनों को समेकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Air Quality Management (CAQM)) की स्थापना की थी।
  • यह निकाय योजना बनाने के लिए अन्य राज्यों के साथ समन्वय करता है और एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने की रणनीतियां बनाता है,साथ ही वर्ष 2021 से जीआरएपी लागू कर रहा हैं।
  • सीएक्यूएम के आदेश और निर्देश राज्य सरकारों और सीएक्यूएम के निर्देशों के बीच किसी भी प्रकार की संघर्ष की स्थिति के मामले में प्रभावी होंगे।
  • वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग इस कार्य योजना को भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वायु गुणवत्ता और मौसम संबंधी पूर्वानुमानों के आधार पर लागू करता है।

संशोधित कार्य योजना (Revised action plan):

  • संशोधित कार्य योजना के तहत प्रदूषण गतिविधियों पर प्रतिबंध वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर निर्भर करेगा जिसमें केवल पीएम 2.5 और पीएम 10 एकाग्रता पर विचार करने के बजाय अन्य प्रदूषकों को भी ध्यान में रखा जाता है, जैसे ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड।
  • पिछले संस्करण में प्रदूषण सांद्रता के एक निश्चित स्तर तक पहुंचने के बाद इन उपायों को लागू किया गया था।
  • इस अद्यतन योजना के अनुसार, उपाय पूर्व-रिक्तिपूर्व हैं और एक्यूआई को और बिगड़ने से रोकने के प्रयास में पूर्वानुमानों के आधार पर लागू होंगे।

कार्य योजना किस प्रकार काम करेगी ?

  • दिल्ली-एनसीआर में GRAP को वायु गुणवत्ता के चार चरणों में बांटा गया है -चरण एक में AQI 201 से 300 के बीच “खराब” (Poor) के लिए,चरण दो में AQI 301से 400 के बीच “बहुत खराब” (very poor),चरण तीन में AQI 401 से 450 के “गंभीर” (severe),चरण चार में AQI 450 से अधिक “गंभीर प्लस” (severe plus) है।
  • चरण एक के तहत विशिष्ट स्थलों पर निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
  • एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी प्रकार का ठोस कचरा खुली भूमि के बजाय निर्दिष्ट डंप स्थलों में ही डाला जाए।
  • नगरपालिका के ठोस कचरे और बायोमास को खुले में जलाने पर अधिक जुर्माना लगेगा।
  • सड़कों की यंत्रवत् सफाई की जाएगी और समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जाएगा।
  • एजेंसियों और जनता को पटाखों पर अदालत द्वारा आदेशित प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए।
  • दूसरे चरण में, सड़कों को हर दिन यांत्रिक रूप से साफ किया जाएगा और कम से कम हर दूसरे दिन डस्ट सप्रेसेंट का उपयोग करके पानी का छिड़काव किया जाएगा।
  • जनरेटर के उपयोग को रोकने के लिए, अधिकारियों को निरंतर बिजली आपूर्ति की गारंटी देने की आवश्यकता होगी।
  • तीसरे चरण में अधिकारी ऑफ-पीक (कम व्यस्त समय/सस्ती) यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर अलग-अलग दरें लागु करेंगे।
  • रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट और अस्पताल परियोजनाओं के निर्माण को छोड़कर सभी निर्माण गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लागू रहेगा।
  • राज्य सरकार को बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल हल्के मोटर वाहनों (LMV) पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार होगा।
  • चौथे चरण के दौरान, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर सभी ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
  • सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों को रोकना होगा।
  • संबंधित सरकारें सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को कर्मचारियों की 50% की उपस्थिति का आह्वान कर सकती हैं।
  • इसके अलावा अतिरिक्त आपातकालीन उपाय जैसे स्कूल बंद करना, गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियाँ, और वाहनों को सम-विषम आधार पर चलाना भी लागू किया जा सकता है।
  • संशोधित GRAP में जनता के लिए एक श्रेणीबद्ध परामर्श भी शामिल है।
  • इन उपायों में उनके वाहनों के इंजनों को ठीक से ट्यून करना, टायरों में सटीक वायु दाब सुनिश्चित करना और पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण में) प्रमाणपत्रों को अद्यतन करना शामिल है।

सारांश:

  • ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप-Graded Response Action Plan) का संशोधित संस्करण दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता संकट और नवंबर में पराली जलाने से मौसम में आये चरम बदलाव को रोक सकता है। वायु प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने के लिए किये गए ये एहतियाती उपाय सर्दियों में गंभीर स्थिति से बचने में मदद कर सकते हैं, बशर्ते अन्य सभी उपायों का सख्ती से पालन किया जाए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान।

मुख्य परीक्षा: यूएन में भारत।

संदर्भ:

  • संयुक्त राष्ट्र के अवर सचिव और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख जनरल जीन-पियरे लैक्रोइक्स के अनुसार प्रत्यक्ष हमलों में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (UN Peacekeeping (UNPKF)) के सैनिकों की मौतों की संख्या बढ़ रही है।

परिचय:

  • दुर्भावनापूर्ण कृत्यों (बीमारी या दुर्घटनाओं के कारण नहीं) के कारण वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना सेना के 13 जवानों की, वर्ष 2021 में 25 तथा इस वर्ष अगस्त 2022 तक 26 की मौत हो गई है।
  • संयुक्त राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों के बीच कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर हालिया हमलों में सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) के दो जवान मारे गए हैं।
  • भारत ने पिछले 60 वर्षों में 179 शांति सैनिकों को खो दिया है।
  • इसके अलावा विभिन अशांत क्षेत्रों में चलाए जाने वाले शांति मिशनों में हताहत होने वाले सैनिकों में सबसे ज़्यादा संख्या भारतीयों की है।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख जनरल जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने भारत, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और जापान के दौरे के हिस्से के रूप में हाल ही में दिल्ली में एक बैठक की जिसमे सैनिकों की बढ़ती मौतों और ‘ब्लू हेलमेट’ के लिए स्पष्ट जनादेश की कमी के मुद्दे एजेंडे में सबसे ऊपर थे।
  • संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों को ‘ब्लू हेलमेट’ या ‘ब्लू बेरेट्स’ के नाम से जाना जाता है।क्योंकि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक नीले रंग की कैप धारण करते हैं या नीले रंग के हेल्मेट लगाते हैं, जो अब इस सेना की पहचान है।
  • श्री लैक्रोइक्स ने कहा कि शांति सैनिकों को अधिक ‘मजबूत’ या सक्रिय जनादेश एवं बेहतर उपकरणों की जरूरत है, खासकर उन देशों में जहाँ बिगड़ती परिस्थितियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक तैनात हैं।

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की मौतों में अचानक वृद्धि के पीछे कारण:

  • ये शांतिदूत कठोर परिस्थितियों में और वृहद स्तर पर व्यक्तिगत जोखिम वाली परिस्थितियों में सेवा करते हैं।
  • वर्ष 1948 से, संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में सेवा करते हुए 2,400 से अधिक शांति सैनिकों की मृत्यु हो चुकी है।
  • संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश शांति अभियान ऐसे माहौल में चल रहे हैं जो न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि सुरक्षा के सम्बन्ध में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों के खिलाफ खतरों को बढ़ाते है।
  • इसके अलावा शांति स्थापना के वातावरण में अब सशस्त्र समूह, आतंकवादी, संगठित अपराध, सड़क गिरोह, आपराधिक और राजनीतिक शोषण और अन्य खतरे शामिल हैं।
  • ऐसे वातावरणों में शांति सैनिकों के लिए उत्पन्न जटिल खतरे उनकी मृत्यु और चोटों में वृद्धि का कारण बन रहे हैं, इसके साथ ही शांति मिशनों में कभी-कभी इन खतरों से निपटने के लिए कर्मियों और उपकरणों की कमी भी होती है।
  • एक स्पष्ट उद्देश्य के बिना बहुत खराब परिस्थितियों में सड़कों के किनारे लम्बे समय तक अत्यधिक विस्तारित तैनाती भी एक कारण है।
  • इस तरह की परिस्थितियां एक तरह से सशस्त्र समूहों को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ हमलों की सुविधा प्रदान करती हैं।

भारत और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन:

  • भारत आज संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों (UN peacekeeping operations (UNPKOs)) में सैनिकों का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।
  • वर्तमान में, भारत के लगभग 5,500 सैनिक और पुलिस बल हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में तैनात किया गया है,और यह संख्या योगदान देने वाले देशों में पांचवी सबसे बड़ी संख्या है।
  • वर्ष 2007 में, भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में महिला दल को तैनात करने वाला पहला देश बन गया था।
  • अगस्त 2021 में, भारत ने एक चार सूत्री ढांचे का प्रस्ताव रखा जो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को समकालीन खतरों से बचाने के लिए एक संभावित ढांचा तैयार करेगा।
  • इसमें परिचालन रूप से सिद्ध, लागत प्रभावी, व्यापक रूप से उपलब्ध, विश्वसनीय और क्षेत्र-सेवा योग्य प्रौद्योगिकियों पर ध्यान देना शामिल है।
  • प्रारंभिक चेतावनी और एक सुसंगत और शीघ्र प्रतिक्रिया जुटाने के लिए ध्वनि सूचना और खुफिया की स्थापना की जानी चाहिए।
  • प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शांति सैनिकों के निरंतर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में ध्यान और निवेश की आवश्यकता हैं।
  • भारत ने 10 सूत्रीय योजना का भी प्रस्ताव रखा, जिसमें संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को निशाना बनाने वालों को अधिक जवाबदेह बनाना शामिल है।

सारांश:

  • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना देशों को स्थायी शांति प्राप्त करने में मदद करती है, और राजनीतिक प्रक्रियाओं का समर्थन करती है, तथा सैकड़ों हजारों नागरिकों की रक्षा करती है और संघर्ष विराम की गारंटी में मदद करती है। फिर भी शांति स्थापना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि लंबे समय तक संघर्ष, मायावी राजनीतिक समाधान, खतरनाक वातावरण, व्यापक और जटिल जनादेश। अतः शांतिरक्षकों की सुरक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए हाल के मिशनों में जोखिमों को शीघ्रता से संबोधित किया जाना चाहिए।

संपादकीय-द हिन्दू

सम्पादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 से संबंधित:

भारतीय अर्थव्यवस्था:

चिप्स का भाग्य राष्ट्रों के भाग्य का निर्धारण करेगा:

विषय: औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव।

प्रारंभिक परीक्षा: सेमीकंडक्टर उद्योग।

मुख्य परीक्षा: सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी और संबंधित चिंताएं।

संदर्भ: सेमीकंडक्टर चिप संकट।

पृष्ठभूमि विवरण:

  • सबसे उन्नत चिप्स का आकार व्यास में 0.1-0.5 माइक्रोन के आकार का लगभग आधा है और तकनीकी प्रगति के साथ और कम हो रहा है।

चिप्स का महत्व:

  • प्रत्येक फोन कॉल, संदेश और चित्रों की कैप्चरिंग चिप पर निर्भर करती है।
  • चिप के महत्व को निम्नलिखित उदाहरणों से भी समझा जा सकता है:
    • एपल कंपनी की नई ए16 चिप में 16 अरब से ज्यादा ट्रांजिस्टर हैं।
    • इसी तरह, ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC), जो कि दुनिया में चिप्स की अग्रणी निर्माता है, ने iPhone चिप पर लगभग एक क्विंटल (1 के बाद 18 शून्य) ट्रांजिस्टर लगाए।
    • एप्पल जैसी ट्रिलियन डॉलर की कंपनी खुद चिप्स बनाने में असमर्थ है।
    • चिप्स की कमी के कारण टोयोटा को जापान के पांच संयंत्रों में अपना उत्पादन अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका में चिप्स की कमी के कारण नई कार खरीदने के लिए लम्बी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।
  • चिप्स चीन, जापान, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और ताइवान जैसे बहुत कम देशों में निर्मित होती है। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि ताइवान और दक्षिण कोरिया किसी भी अन्य देश की तुलना में तेजी से और बेहतर चिप्स का उत्पादन कर सकते हैं।
  • रूस के खिलाफ यूक्रेन द्वारा उपयोग की जाने वाली सटीक-निर्देशित मिसाइलों में भी चिप्स लगे हैं। यूक्रेन ने इन मिसाइलों को पश्चिमी सहयोगियों से खरीदा है। इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की इकाई सूची का उद्देश्य है कि यह तकनीक रूस और चीन को हस्तांतरित न हो।
  • निर्माण के अलावा जटिल प्रणालियों में चिप्स को संश्लेषित और एकीकृत करने की क्षमता भी महत्वपूर्ण है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, गतिशीलता और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र चिप्स पर अत्यधिक निर्भर हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार, ये क्षेत्र चिप की कमी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 2023 तक संकट का सामना करेंगे। किसी भी उत्पादक देश में किसी भी प्रकार की दुर्घटना/आपदा स्थिति को और खराब कर सकती है।
  • चीन, भारत, जापान, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे देशों ने अर्धचालक क्षेत्र में करीब 200 अरब डॉलर का निवेश किया है।

सेमीकंडक्टर की कमी के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:

https://byjus.com/current-affairs/semiconductor-shortage/

सेमीकंडक्टर उद्योग में उपचारात्मक उपाय और संबद्ध चुनौतियाँ:

  • भारत ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के जरिए इस दिशा में दूरदर्शी कदम उठाया है। हालांकि, भारत को ब्राजील, वियतनाम और अमेरिका में विस्कॉन्सिन वैली साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क की गलतियों को न दोहराते हुए सतर्क रहना चाहिए।
    • विस्कॉन्सिन वैली टेक्नोलॉजी पार्क ने सबसे बड़ा LCD निर्माता बनने और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने का वादा किया। हालांकि, यह सफल नहीं हुआ क्योंकि यह केवल नगरपालिका तक ही सिमित रहा और इसे गुप्त रूप से भंडारण किया गया था।
  • यह भी देखा जाना चाहिए कि भारत में एक चिप निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए बिजली की निरंतर आपूर्ति भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, चिप्स की निर्माण प्रक्रिया के लिए अरबों गैलन स्वच्छ पानी की आवश्यकता होती है।
  • एक चिप निर्माण संयंत्र के लिए $15 बिलियन- $20 बिलियन के निवेश की आवश्यकता होती है, जिसे लंबे समय तक सुचारू रूप से चलाने के बाद भी लाभदायक होने में वर्षों लग सकते हैं।
  • रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित है, जिसने जटिलताओं को और बढ़ा दिया है।

भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें :

https://byjus.com/current-affairs/india-semiconductor-mission/

सम्बंधित लिंक्स:

https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-sept27-2022/

सारांश:

  • अर्धचालक प्रमुख आर्थिक महाशक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक हैं। मौजूदा अर्धचालक संकट से निपटने के लिए देश खुफिया और धन दोनों का निवेश कर रहे हैं, लेकिन चुनौतियां बहुत अधिक हैं। स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने के लिए विवेकपूर्ण रणनीतियों और कुशल नेतृत्व की आवश्यकता होगी।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:

अंतरराष्ट्रीय संबंध:

यूरोप में मुद्रास्फीति चरम पर है क्योंकि रूस तेल आपूर्ति में बाधा है:

विषय: विकसित देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव; वैश्विक और क्षेत्रीय समझौते।

मुख्य परीक्षा: रूस से तेल आयात और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव।

संदर्भ: यूरोपीय देशों में बढ़ती मुद्रास्फीति।

विवरण:

  • रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर विभिन्न प्रतिबंध (वाणिज्यिक और वित्तीय दोनों) लगाए गए। इसने रूबल की दरों को काफी प्रभावित किया। रूबल पहले 81 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जो मार्च 2022 में लगभग 151 तक गिर गया। हालांकि, यह जल्द ही पूर्व-आक्रमण दरों पर लौट आया।
  • यूरोपीय क्षेत्र ने रूस के साथ तेल और गैस व्यापार के व्यापार पर प्रतिबंधों को सख्त कर दिया। यह याद रखना चाहिए कि यूरोप की एक चौथाई ऊर्जा जरूरतों को रूस पूरा करता है।
  • अंततः रूस ने यू.एस. और यूरोपीय राष्ट्र ब्लॉक की मूल्य सीमा रणनीति के जवाब में यूरोपीय देश को तेल के निर्यात में भी कमी की।

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें:

https://byjus.com/free-ias-prep/russias-invasion-of-ukraine-2022-upsc-notes/

व्यापार प्रतिबंधों का प्रभाव:

  • प्रतिबंधों के कारण यूरोप में ऊर्जा की कीमतों में तत्काल वृद्धि हुई है।
  • यूरोपीय देशों में महंगाई बेकाबू हो गई है।
  • ऊर्जा क्षेत्र में मुद्रास्फीति कुछ ही महीनों में लगभग 40% तक पहुंच गई। खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति और समग्र मुद्रास्फीति दर दस साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
  • ऊर्जा की बढ़ी कीमतों का असर सभी यूरोपीय देशों पर पड़ा है। कुछ उदाहरण निम्न हैं:
    • यूनाइटेड किंगडम में ऊर्जा मुद्रास्फीति 70 % को पार कर गई, जबकि स्पेन में यह आंकड़ा लगभग 60 % बढ़ गया है।
    • नीदरलैंड में, ऊर्जा मुद्रास्फीति 100% को छू गई।

विभिन्न क्षेत्रों में 2010 से यूरोपीय संघ में माह-वार मुद्रास्फीति दर

स्रोत: द हिंदू

  • फिनलैंड, नीदरलैंड और बेल्जियम जैसे देश तेल के लिए रूस पर अत्यधिक निर्भर हैं। जर्मनी की घरेलू तेल मांग का 38% रूसी तेल के आयात के माध्यम से पूरा किया जाता था। इस प्रकार, कीमतों में अचानक वृद्धि से इन देशों पर भारी प्रभाव पड़ा है।
  • नीचे दिए गए ग्राफ में देशों द्वारा रूस से किए गए तेल के आयात को दर्शाया गया है। यह 2014-2019 के बीच का औसत हिस्सा है। यह भी देखा जाना चाहिए कि आयात 100% से अधिक हो सकता है क्योंकि एक देश पुन: निर्यात या अन्य पेट्रोलियम उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए अधिक ईंधन आयात करके स्टॉक कर सकता है।

यूरोपीय संघ के विभिन्न देशों में रूस का तेल आयात हिस्सा

स्रोत: द हिंदू

  • रूसी तेल की घटती हिस्सेदारी:
    • यूक्रेन के आक्रमण के बाद रूस से तेल व्यापार में काफी हद तक कमी आई है।
    • उदाहरण के लिए, रूस से फिनलैंड में तेल आयात 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में पहले के 60-75% से घटकर 10-30% हो गया है।
    • इसी तरह यूनाइटेड किंगडम में अप्रैल-जून 2022 में यह 15-20% से घटकर 2-5% हो गया।

संबंधित लिंक:

https://byjus.com/free-ias-prep/upsc-exam-comprehensive-news-analysis-jun02-2022/

सारांश:

  • इस प्रकार यह स्पष्ट है कि रूसी तेल और गैस यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।इन प्रतिबंधों के कारण इनकी कीमतें बहुत बढ़ गई है जिससे मुद्रास्फीति बहुत बढ़ गई है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.अशोक विजयदशमी:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

विषय: प्राचीन इतिहास।

प्रारंभिक परीक्षा: बौद्ध धर्म, सम्राट अशोक।

मुख्य विवरण:

  • हाल ही में दिल्ली राज्य सरकार के एक मंत्री ने एक कार्यक्रम में हुए विवाद के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसमें सैकड़ों व्यक्ति कथित तौर पर बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए थे।
  • यह कार्यक्रम 5 अक्टूबर को अशोक विजयदशमी के अवसर पर आयोजित किया गया था।

अशोक विजयदशमी:

  • अशोक विजयदशमी सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म में परिवर्तन की याद दिलाता है।
  • ज्ञातव्य हैं कि 14 अक्टूबर 1956 को विजयादशमी के दिन डॉ. बी.आर. अम्बेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने नागपुर में लाखों लोगों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया था।
  • अम्बेडकर ने विजयादशमी को इसलिए चुना क्योंकि इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया था।
  • धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस हर साल अशोक विजयदशमी के दिन मनाया जाता है, यह उस दिन की याद में मनाया जाता हैं जब बी आर अंबेडकर ने हिंदू धर्म को त्याग दिया और बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था।
  • अशोक विजयदशमी की पूर्व संध्या पर लाखों बौद्ध दीक्षाभूमि में सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं।
  • हर साल नागपुर के दीक्षभूमि में धम्मचक्र प्रवर्तन के दिन और अशोक विजयादशमी पर हजारों लोग बौद्ध धर्म में परिवर्तित होते हैं।
  • सम्राट अशोक के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिये: Emperor Ashoka

2.मालाबार नौसैनिक अभ्यास:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय:भारत के सहयोगी वैश्विक समूह।

प्रारंभिक परीक्षा: सैन्य अभ्यास।

मुख्य विवरण:

  • आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नवंबर के दूसरे सप्ताह में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका मिलकर मालाबार नौसैनिक अभ्यास करेंगे। वर्ष 2022 के इस संस्करण की मेजबानी जापान करेगा।
  • जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल (JMSDF) की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में नवंबर के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (IFR) में भारतीय नौसेना भी भाग लेगी।

मालाबार अभ्यास क्या है:

  • मालाबार एक बहुपक्षीय युद्ध-खेल नौसैनिक अभ्यास है जिसे वर्ष 1992 में शुरू किया गया था।
  • यह भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था।
  • इस अभ्यास के दो और संस्करण वर्ष 1995 और 1996 में आयोजित किए गए थे,इसके बाद भारत द्वारा किये गए परमाणु परीक्षणों के बाद वर्ष 2002 तक यह अभ्यास आयोजित नहीं किया जा सका था।
  • वर्ष 2002 से यह अभ्यास हर साल आयोजित किया जा रहा है।
  • जापान और ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार वर्ष 2007 में भाग लिया था और 2014 से भारत, अमेरिका और जापान ने हर साल इस अभ्यास में भाग लिया है।
  • यह एक त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास था। लेकिन वर्ष 2020 और 2021 में ऑस्ट्रेलिया के भाग लेने के कारण अब यह एक चतुर्भुज अभ्यास बन गया है।
  • यह वैकल्पिक रूप से हिंद महासागर और प्रशांत महासागरों में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. अभिधम्म दिवस के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : (स्तर-कठिन)

  1. यह ज्यादातर उन देशों में मनाया जाता है जहां अधिकांश आबादी बौद्ध धर्म को मानती है।
  2. यह वह दिन है जब भगवान बुद्ध स्वर्ग से पृथ्वी पर वापस आए थे।
  3. ऐसा माना जाता है कि वह अपनी मां को अभिधम्म पिटक सिखाने के लिए स्वर्ग गए थे।

उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 3

(c) केवल 2 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: अभिधम्म दिवस बौद्ध भिक्षुओं और ननों के लिए तीन महीने की वर्षा वापसी – वर्षावास या वासा के अंत का प्रतीक है, जिसके दौरान वे एक स्थान पर रहते हैं और प्रार्थना करते हैं। यह ज्यादातर उन देशों में मनाया जाता है जहां बहुसंख्यक आबादी द्वारा बौद्ध धर्म का पालन किया जाता है।
  • कथन 2 सही है: व्यापक मान्यता के अनुसार, यह वह दिन है जब भगवान बुद्ध स्वर्ग से पृथ्वी पर वापस आए थे।
  • कथन 3 सही है: माना जाता है कि वह अपनी माँ को अभिधम्म पिटक (परम/मौलिक वस्तुओं की एक टोकरी) सिखाने के लिए स्वर्ग गए थे। इसके शिक्षण में तीन महीने लगे जिसके बाद बुद्ध पृथ्वी पर वापस आए थे।

प्रश्न 2. संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना निम्नलिखित तीन बुनियादी सिद्धांतों में से किसके द्वारा निर्देशित है? (स्तर-कठिन)

  1. शामिल पक्षों की सहमति।
  2. समानता एवं सहयोग।
  3. निष्पक्षता।
  4. आत्मरक्षा और जनादेश की रक्षा के अलावा बल प्रयोग न करना।
  5. क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान।

विकल्प:

(a) केवल 1, 2 और 3

(b) केवल 1, 3 और 4

(c) केवल 2, 4 और 5

(d) केवल 1, 4 और 5

उत्तर: b

व्याख्या:

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना तीन बुनियादी सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है:

  1. शामिल पक्षों की सहमति।
  2. निष्पक्षता।
  3. आत्मरक्षा और जनादेश की रक्षा को छोड़करअन्य कार्यों में बल प्रयोग न करना।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं? (स्तर-कठिन)

  1. सी ++ एक प्रोग्रामिंग भाषा है जो आमतौर पर एथेरियम से जुड़ी है।
  2. सॉलिडिटी मुख्य रूप से ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म बिटकॉइन पर उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा है।
  3. रस्ट आमतौर पर सोलाना ब्लॉकचेन से जुड़ी होता है।

विकल्प:

(a) केवल 1

(b) केवल 3

(c) केवल 1 और 2

(d) कोई भी नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: सॉलिडिटी मुख्य रूप से ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म एथेरियम पर उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा है।
  • इस भाषा पर C++, Python और JavaScript का प्रभाव है।
  • इसे ‘कर्ली ब्रैकेट लैंग्वेज’ (‘curly bracket language’) के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसमें फ्लावर ब्रैकेट स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल होता है।
  • कथन 2 गलत है: C++ आमतौर पर बिटकॉइन से जुड़ी एक प्रोग्रामिंग भाषा है।
  • कथन 3 सही है: रस्ट आमतौर पर सोलाना ब्लॉकचेन से जुड़ी होती है, जो अपनी उच्च गति और अपेक्षाकृत कम लेनदेन शुल्क के लिए जानी जाती है।
  • पोलकाडॉट ब्लॉकचेन, जो ब्लॉकचेन को एक दूसरे से बेहतर ढंग से जोड़ने में मदद करता है, रस्ट का भी उपयोग करता है।
  • डेवलपर्स ने शिकायत की है कि रस्ट को सीखना बहुत मुश्किल है।

प्रश्न 4. फ्रांस और इंग्लैंड के संघर्ष के बीच अलेक्जेंड्रिया का समर्पण एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसका निम्नलिखत में से किस पर प्रभाव पड़ा ? (स्तर-कठिन)

(a) फ़ॉकलैंड आइलैंड

(b) मध्य पूर्व

(c) उत्तरी अमेरिका और कैरिबियन

(d) पश्चिम अफ्रीका

उत्तर: b

व्याख्या:

  • 1800 ई. के आसपास के वर्षों में फ्रांस और इंग्लैंड के बीच संघर्ष में अलेक्जेंड्रिया का समर्पण एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसका मध्य पूर्व पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।
  • मिस्र और सीरिया में फ्रांसीसी अभियान (1798-1801) पूर्व में नेपोलियन बोनापार्ट के अभियान का हिस्सा था।

प्रश्न 5. अक्सर समाचारों में सुनाई देने वाला शब्द “लिवेंट” मोटे तौर पर निम्नलिखित में से किस क्षेत्र से संगत है? (CSE-PYQ-2022) (स्तर-कठिन)

(a) पूर्वी भूमध्यसागरीय तट के पास का क्षेत्र।

(b) उत्तरी अफ्रीकी तट के पास का मिस्र से मोरक्को तक फैला क्षेत्र।

(c) फारस की खाड़ी और अफ्रीका के शृंग (हॉर्न ऑफ अफ्रीका) के पास का क्षेत्र।

(d) भूमध्य सागर का संपूर्ण तटवर्ती क्षेत्र।

उत्तर: a

व्याख्या:

  • ऐतिहासिक रूप से लेवेंट,पूर्वी भूमध्यसागरीय तटों के साथ का क्षेत्र, मोटे तौर पर आधुनिक इज़राइल, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और कुछ आस-पास के क्षेत्रों से मेल खाता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान क्या है? प्रदूषण को कम करने के प्रयास में इसके मुख्य सिद्धांत क्या हैं? (150 शब्द, 10 अंक) (जीएस-2; पर्यावरण)

प्रश्न 2. “दुनिया में चिप की कमी विश्व अर्थव्यवस्था को पंगु बना सकती है”। चर्चा कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक) (जीएस-3; अर्थव्यवस्था)