17 फरवरी 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

  1. जनरल परवेज मुशर्रफ की विरासत का प्रतिचित्रण:

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

पर्यावरण:

  1. गहरे समुद्र में मछली संरक्षण:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. हिम तेंदुआ (Snow Leopard):

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. अब शव/मृत व्यक्ति से अंग प्रत्यारोपण हेतु पंजीकरण के लिए उम्र की बंदिश समाप्त:
  2. दुनिया के नए कुष्ठ रोगियों में 52% भारत में:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

जनरल परवेज मुशर्रफ की विरासत का प्रतिचित्रण:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत और उसके पड़ोसी-संबंध।

मुख्य परीक्षा: भारत-पाकिस्तान संबंध।

प्रसंग:

  • पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद 5 फरवरी, 2023 को निधन हो गया।

भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मुशर्रफ की बैठक:

  • सेना प्रमुख और पाकिस्तान के स्वयंनियुक्त राष्ट्रपति, जनरल परवेज मुशर्रफ ने जुलाई 2001 में आगरा में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी।
  • इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर मुद्दा, सीमा पार आतंकवाद, परमाणु जोखिम, युद्ध बंदियों की रिहाई और व्यावसायिक संबंधों जैसे विभिन्न मुद्दों पर बात की थी।
  • इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा ने दोनों नेताओं के दृष्टिकोण और ज्ञान में महत्वपूर्ण अंतर को उजागर किया था।
  • हालाँकि अटल बिहारी वाजपेयी का मुख्य ध्यान दोनों देशों के बीच मौजूदा द्विपक्षीय मतभेदों को दूर करना तथा रचनात्मक और उत्पादक संबंधों को विकसित करना था।
  • जबकि मुशर्रफ के दृष्टिकोण ने इस बात का संकेत दिया कि वह भारत को यह स्वीकार करवाने के लिए दृढ़ थे कि जम्मू और कश्मीर संघर्ष भारत-पाकिस्तान के सभी मुद्दों का मूल कारण हैं।
  • मुशर्रफ के अनुसार जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में शामिल करना भारत के विभाजन (Partition of India.) का एक अधूरा एजेंडा था।

कारगिल महत्वाकांक्षा:

  • कारगिल में जनरल मुशर्रफ द्वारा की गई कार्रवाइयों से संकेत मिलता है कि उनका दृष्टिकोण सरल (सिम्प्लिस्टिक) और सामरिक था। [सरल (सिम्प्लिस्टिक) -जटिल मुद्दों और समस्याओं का इस प्रकार समाधान करना जैसे कि वे वास्तव में बहुत सरल थे।]
  • कारगिल में पाकिस्तान का अभियान पूरी तरह से इस धारणा पर आधारित था कि भारत कारगिल की चोटियों पर पाकिस्तान के कब्जे का मुकाबला करने के लिए सैन्य रूप से तैयार नहीं होगा।
  • मुशर्रफ ने पाकिस्तान के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया था कि भारत अपनी उत्तरी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी ताकत झोंक देगा।
  • इसके अलावा पाकिस्तान विश्व की प्रमुख शक्तियों की प्रतिक्रिया का पूर्वानुमान लगाने में विफल रहा था, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि प्रमुख शक्तियां भारत पर युद्ध विराम को स्वीकार करने के लिए दबाव डालेंगी जिससे पाकिस्तान कारगिल ऊंचाइयों पर कब्जा कर सके। हालाँकि, प्रमुख शक्तियों ने कारगिल में पाकिस्तान की कार्रवाइयों को अपरिपक्व और गैर-जिम्मेदाराना हरकत करार दिया।
  • कारगिल की वजह से पाकिस्तान का अपमान हुआ और जनरल मुशर्रफ जिन्होंने पाकिस्तान के इस दुस्साहस के सम्बन्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अंधेरे में रखा था, नवाज शरीफ को सत्त्ता से बाहर करने की योजना बनाने लगे।
  • अक्टूबर 1999 में, मुशर्रफ ने पाकिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया और नवाज शरीफ निर्वासन में चले गए।

मुशर्रफ का पतन:

  • मुशर्रफ ने प्रभावी रूप से अक्टूबर 1999 से नवंबर 2007 तक पाकिस्तान पर शासन किया था।
  • नवंबर 2007 में मुशर्रफ ने अपने उत्तराधिकारी अशफाक कयानी को सेना प्रमुख नियुक्त किया था।
  • मुशर्रफ अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में बने रहे, जिसके बाद उन्हें महाभियोग की धमकी के तहत पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
  • जानकारों का मानना है कि मुशर्रफ ने सेना प्रमुख के अपने पद से अपनी शक्ति प्राप्त की और जैसे ही उन्होंने अशफाक कयानी को शक्तियां सौंपीं, वे शक्तिहीन होने लगे।
  • मुशर्रफ एक “मुहाजिर” थे क्योंकि उनके माता-पिता दिल्ली से पाकिस्तान चले गए थे।
  • मुहाजिर एक शब्द है जिसका उपयोग भारत से पाकिस्तान गए मुस्लिम प्रवासियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
  • मुहाजिर होने के नाते मुशर्रफ को सेना में अपने साथियों का विश्वास उस समय हासिल करना पड़ा जब पाकिस्तान की सेना में पंजाबियों का दबदबा था।
  • हालाँकि, मुशर्रफ की मुहाजिर वाली पृष्ठभूमि ने भी भारत के बारे में उनके नकारात्मक विचारों को कम नहीं किया।
  • वर्ष 2001 में आगरा शिखर सम्मेलन की विफलता के बाद भी, प्रधानमंत्री वाजपेयी अभी भी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहे।
  • इसके अलावा, 1999 में वाजपेयी की लाहौर यात्रा को भी इस संबंध में एक स्मारकीय संकेत माना जाता है।
  • ऐसा कहा जाता है कि मुशर्रफ ने जनवरी 2004 में पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित किसी भी क्षेत्र को भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने देने की प्रतिबद्धता जताई थी और भारत के साथ जम्मू-कश्मीर और अन्य मुद्दों पर बैक-चैनल वार्ता में भी शामिल हुए थे।
  • इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर के मुद्दे के लिए चार सूत्री फॉर्मूले के बारे में बातचीत हुई, जिससे नियंत्रण रेखा (LOC) के दोनों ओर आवाजाही आसान हो जाती।

जम्मू-कश्मीर मुद्दे के लिए चार सूत्री फॉर्मूला:

  • डी-रेडिकलाइज़ेशन (कट्टरवाद को समाप्त करना), डिसइंगेजमेंट (संघर्ष को समाप्त करना) और रिहैबिलिटेशन (संबंधों की पुनर्स्थापना) (DDR) के माध्यम से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र से सैनिकों का विसैन्यीकरण या चरणबद्ध वापसी।
  • सीमाओं पर यथास्थिति बनाए रखना, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों को नियंत्रण रेखा के पार स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति होगी।
  • स्वतंत्रता के बिना क्षेत्र के विधायी, कार्यकारी और न्यायिक क्षेत्रों में अधिकतम स्वशासन प्रदान करना।
  • भारत, पाकिस्तान और कश्मीर को शामिल करते हुए जम्मू और कश्मीर में एक संयुक्त पर्यवेक्षण तंत्र स्थापित करना।

पाकिस्तान में राजनीतिक जनरलों का इतिहास:

  • मुहम्मद अयूब खान, जो पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति बने, एक आर्मी जनरल थे, जिन्होंने 1958 में एक सैन्य तख्तापलट के माध्यम से राष्ट्रपति पद पर कब्जा कर लिया था।
  • अयूब खान ने 1969 में इस्तीफा दे दिया और 1974 में इस्लामाबाद में उनकी मृत्यु हो गई।
  • याह्या खान, जो एक सैन्य जनरल थे, 1969 में अयूब खान के बाद पाकिस्तान के तीसरे राष्ट्रपति बने।
  • याह्या खान को जनवरी 1971 में इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान को भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
  • 1977 में तख्तापलट के बाद जिया-उल-हक पाकिस्तान के छठे राष्ट्रपति बने।
  • जिया-उल-हक की 1988 में एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
  • परवेज मुशर्रफ 1999 में पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रपति बने और 2008 में इस्तीफा दे दिया।
  • भारत-पाकिस्तान संबंध से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: India – Pakistan Relations

सारांश:

  • पाकिस्तान के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंध न केवल जम्मू-कश्मीर मुद्दे के समाधान पर निर्भर करते हैं, बल्कि वे यह भी उम्मीद करते हैं कि भारत सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर लचीला होगा, भले ही इसमें भारत के अपने हितों का त्याग करना शामिल हो। हालांकि भारतीय बैकचैनल वार्ताकारों ने ऐसे किसी भी प्रस्ताव का खंडन किया है जो भारत की संप्रभुता और प्रमुख हितों से समझौता करता हो।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

गहरे समुद्र में मछली संरक्षण:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण:

विषय: पर्यावरण संरक्षण।

मुख्य परीक्षा: समुद्री और अंतर्देशीय जल संसाधनों का दोहन करने हेतु टिकाऊ मत्स्ययन के तरीके।

प्रसंग:

  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 24 जनवरी, 2023 को पर्स सीन फिशिंग नामक मछली पकड़ने की विधि के उपयोग के संबंध में एक विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) पर अंतरिम आदेश दिया है।

भूमिका:

  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ प्रतिबंधों के साथ तमिलनाडु के क्षेत्रीय जल से परे और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone (EEZ) के भीतर मछली पकड़ने के लिए पर्स सीन मत्स्ययन (फिशिंग) के उपकरणों का उपयोग करने की अनुमति दी है।
  • तमिलनाडु सरकार ने 2022 में तमिलनाडु समुद्री मत्स्ययन विनियम अधिनियम, 1983 को लागू करके अपने क्षेत्रीय जल के भीतर पर्स सीन जाल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  • मद्रास उच्च न्यायालय ने 2018 और 2021 में प्रतिबंध को बरकरार रखा और तब से मछुआरे प्रतिबंधों में ढील देने की मांग कर रहे थे।
  • मछली पकड़ने के इस तरीके पर केंद्र सरकार ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।

पर्स सीन फिशिंग क्या है?

  • एक पर्स सीन, फ्लोटिंग और लीडलाइन के साथ जाल की एक लंबी दीवार से बना होता है और इसमें गियर के निचले किनारे से पर्स के छल्ले लटके होते हैं, जिसके माध्यम से स्टील के तार या रस्सी से बनी एक पर्स लाइन चलती है जिसमें मछलियाँ फँसती है।
  • इसका उपयोग खुले समुद्र में एकल-प्रजाति के पेलाजिक (मिडवाटर) मछली के समूहों को लक्षित करने के लिये किया जाता है।
  • खुले जल में पर्स सीन मछली पकड़ने को आम तौर पर मछली पकड़ने का एक कुशल रूप माना जाता है। इसका समुद्र तल से कोई संपर्क नहीं होता और इसमें निम्न स्तर के बायकैच (अवांछित प्रजातियों का आकस्मिक रूप से जाल में फंसना) हो सकते हैं।
  • पर्स सीन का उपयोग मछली एकत्र करने वाले उपकरणों के आसपास एकत्र होने वाली मछलियों को पकड़ने के लिए भी किया जा सकता है। मछली पकड़ने की इस विधि के परिणामस्वरूप उच्च स्तर के बायकैच हो सकते हैं।

चित्र स्रोत: afma.gov

पर्स सीन मत्स्ययन (फिशिंग) की वर्तमान स्थिति:

  • यह तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, ओडिशा, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह द्वारा अपने संबंधित क्षेत्रीय जल में 12 समुद्री मील तक प्रतिबंधित है।
    • महाराष्ट्र ने अपने क्षेत्रीय जल में पर्स सीन फिशिंग के नियमन के लिए कुछ आदेश जारी किए हैं।
  • गुजरात, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने पर्स सीन फिशिंग पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।
  • केंद्र सरकार ने नवंबर 2022 में एक विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में पर्स सीन फिशिंग पर प्रतिबंध हटाने की सिफारिश की थी।
  • विशेषज्ञ पैनल ने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया था कि पर्स सीन फिशिंग के कारण “गंभीर संसाधन क्षरण” हुआ है।
    • इसने पर्स-सीन मछुआरों को कुछ शर्तों के अधीन प्रादेशिक जल और भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में मछली पकड़ने की शिफारिश की थी।
    • समिति ने “पर्स सीन मात्स्यिकी पर राष्ट्रीय प्रबंधन योजना” बनाने का भी सुझाव दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रखी गई शर्तें:

  • केवल पंजीकृत फिशिंग जहाजों, जो कि समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1972 की धारा 11 के तहत पंजीकृत एक फिशिंग जहाज है और वर्तमान में तमिलनाडु में लागू नियमों और विनियमों के तहत राज्य सरकार के अधीन पंजीकृत है, को ऐसी फिशिंग की अनुमति दी जाएगी।
  • केवल उन्हीं नावों को अनुमति दी जाएगी जिनमें एक अनुमोदित वेसल ट्रैकिंग सिस्टम (VTS) स्थापित किया गया है और जिसे जहाजों के परिचालन समय के दौरान चालू रखा जाएगा।
  • इन जहाजों को सप्ताह में केवल दो बार सोमवार और गुरुवार को जहाजों के परिचालन की अनुमति होगी।
    • गैर-मत्स्ययन अवधि के अन्य सभी प्रतिबंध उन पर लागू होंगे जो अन्य सभी फिशिंग गतिविधियों पर लागू होते हैं।
  • जहाज सुबह 8 बजे या उसके बाद समुद्र तट से निकलेंगे और उसी दिन शाम 6 बजे तक निर्दिष्ट स्थान पर वापस आ जाएंगे।
  • सभी नाविकों को अपना बायोमेट्रिक कार्ड/फोटो पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य है। उनके लिए मत्स्य विभाग, समुद्री पुलिस, तट रक्षक और भारतीय नौसेना को VTS कोड उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
  • राज्य का मत्स्य विभाग इन पर्स सीन फिशिंग नावों को कलर कोड भी प्रदान करेगा।

गहरे समुद्र में मछली संरक्षण पर न्यायालय के हालिया आदेश के निहितार्थ:

  • पर्स सीन जालों के खिलाफ प्राथमिक पारिस्थितिक तर्कों में से एक प्रमुख तर्क यह है कि वे केवल लक्षित मछलियों को आकर्षित करते हैं, लेकिन वास्तव में यह कछुओं सहित अन्य जोखिमग्रस्त प्रजातियों को भी आकर्षित करते हैं।
    • यह व्यापार प्रतिबंध के लिए एक संभावित आधार भी हो सकता है।
  • पर्स सीन मछुआरे जरूरत से ज्यादा मछलियां पकड़ते हैं और इसका उपयोग संपन्न और अमीर मछुआरे या मछली पकड़ने वाली बड़ी कंपनियां करती हैं, क्योंकि यह तकनीक महंगी है और आम मछुआरों की पहुंच से बाहर है। अधिकांश मछुआरे जो परंपरागत रूप से अपनी आजीविका के लिए मछली पकड़ने का कार्य करते हैं, इस तकनीक को वहन नहीं कर सकते हैं और मछली पकड़ने के पारंपरिक तरीकों पर निर्भर हैं।
    • इसके अलावा, पर्स सीन जाल के अनियंत्रित उपयोग से विभिन्न तटीय गांवों के मछुआरों के बीच तीव्र संघर्ष होता है।
  • कुछ राज्यों में, यह तकनीक पश्चिमी तटों पर सार्डिन, मैकेरल, एंकोवीज़ और ट्रेवेली जैसी छोटी, खुले समुद्र की छिछले जल वाली मछलियों के घटते स्टॉक के बारे में चिंताओं से जुड़ी है।
  • मछली पकड़ने के तरीकों को विनियमित किए बिना केवल पर्स सीन मछुआरों के लिए को दो दिनों तक फिशिंग को सीमित रखना पर्याप्त नहीं है।
  • न्यायालय का सबसे हालिया फैसला उन संरक्षण उपायों और कर्तव्यों की अवहेलना करता है जिनका निर्वहन एक तटीय राज्य को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) द्वारा निर्धारति अपने EEZ में करने की आवश्यकता होती है।
    • UNCLOS के अनुच्छेद 56.1 (a) और 56.1 (b) (iii) के तहत, तटीय राज्यों के पास यह सुनिश्चित करने के लिए संप्रभु अधिकार हैं कि EEZ के सजीव और निर्जीव संसाधनों का उपयोग, संरक्षण और प्रबंधन किया जाए, और उनका अतिदोहन न हो।
  • हालिया निर्णय बहुपक्षीय और क्षेत्रीय सम्मेलनों से उत्पन्न होने वाले कुछ दायित्वों के विरुद्ध भी है जिनका उद्देश्य एक निश्चित अवधि में फिशिंग की टिकाऊ प्रथाओं का निर्धारण करना है, जिससे मछली जैसे साझा संसाधन को स्वाभाविक रूप से पुनःपूर्ति की अनुमति मिलती है।
  • ऐसे कई क्षेत्रीय संगठन हैं जो या तो बड़े ड्रिफ्ट नेट के उपयोग पर रोक लगाते हैं या कम से कम उनके निषेध का आह्वान करते हैं, जैसे कि 1989 की दक्षिण प्रशांत फोरम की तरावा घोषणा।
  • 1989 के कन्वेंशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ फिशिंग विद लॉन्ग ड्रिफ्ट नेट्स इन द साउथ पैसिफिक ने ड्रिफ्ट नेट फिशिंग जहाजों के लिए पोर्ट एक्सेस को भी प्रतिबंधित किया है।

सारांश:

  • तमिलनाडु के मछुआरों को राहत देते हुए, सर्वोच्च न्यायलय ने सशर्त राज्य के क्षेत्रीय जल से परे लेकिन अनन्य आर्थिक क्षेत्र के भीतर पर्स सीन फिशिंग की अनुमति दी है। पर्स सीन जालों के उपयोग से अनियंत्रित फिशिंग से गहरे समुद्र में मछली संरक्षण के प्रयासों के कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. हिम तेंदुआ (Snow Leopard):

पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण:

विषय: जैव विविधता।

प्रारंभिक परीक्षा: हिम तेंदुआ से संबंधित तथ्य।

प्रसंग:

  • उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में दारमा घाटी में लगभग 11,120 फीट की ऊंचाई पर पहली बार एक हिम तेंदुआ देखा गया।

हिम तेंदुआ (Snow Leopard):

चित्र स्रोत: Research Gate

  • हिम तेंदुआ, जिसे पैंथेरा उनसिया (Panthera uncia) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, एक बड़ी एवं लंबे बालों वाली एशियाई बिल्ली है, जो फेलिडी (Felidae) परिवार से संबंधित है।
  • हिम तेंदुआ मध्य एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप के पहाड़ों में निवास करता है।
  • हिम तेंदुओं को पृथ्वी पर कुछ कठोर परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए विकसित होने के लिए जाना जाता है।
  • बड़े काले रोसेट (rosettes) के साथ धब्बेदार मोटी सफेद-भूरी ख़ाल इसे न केवल ठंड से बचाती है बल्कि प्राकृतिक छद्मावरण प्रदान करते हुए उन्हें अपने परिवेश में लगभग अदृश्य बना देती है।
  • हिम तेंदुओं को अक्सर “पहाड़ों का भूत” (ghosts of the mountains) कहा जाता है।
  • आईयूसीएन लाल सूची स्थिति: संवेदनशील (Vulnerable)
  • WPA, 1972 अनुसूची: अनुसूची I के अंतर्गत संरक्षित
  • हिम तेंदुआ से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Snow Leopard

महत्वपूर्ण तथ्य:

1.अब शव/मृत व्यक्ति से अंग प्रत्यारोपण हेतु पंजीकरण के लिए उम्र की बंदिश समाप्त:

चित्र स्रोत: The Hindu

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत की अंग दान नीति में बड़े बदलाव की घोषणा की है।
  • पहले 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग शव या मृत व्यक्ति से अंग प्रत्यारोपण नहीं करवा सकते थे, यह खंड अब हटा दिया गया है।
  • सरकार ने राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ and Tissue Transplant Organisation (NOTTO)) के दिशानिर्देशों से इस तरह के एक खंड को हटाने का फैसला किया है क्योंकि यह व्यक्तियों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन करता है।
  • इसके अलावा एक अंग प्राप्तकर्ता को केवल अधिवास राज्य में प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण करने की आवश्यकता थी जिसे गुजरात उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि ऐसी नीति प्रकृति में भेदभावपूर्ण थी।
  • उच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप, केंद्र सरकार ने इस खंड को हटा दिया है और अब कोई भी रोगी चाहे वह किसी भी राज्य का हो, प्रत्यारोपण के लिए किसी अन्य राज्य में पंजीकरण करा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त केरल और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्य रोगियों से पंजीकरण शुल्क वसूल कर रहे हैं और केंद्र सरकार ने अब राज्यों से रोगियों से कोई पंजीकरण शुल्क नहीं लेने को कहा है।
  • स्कूल के पाठ्यक्रम में अब इससे संबंधित एक अध्याय भी शामिल किया जाएगा जो अंग दान के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा करता है और इसके बारे में जागरूकता प्रदान करता है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अंग प्रत्यारोपण की संख्या 2013 में 4,990 की तुलना में 2022 में लगभग तीन गुना बढ़कर 15,561 हो गई है।
  • राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण कार्यक्रम (NOTP) से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: National Organ and Tissue Transplant Programme (NOTP)

2. दुनिया के नए कुष्ठ रोगियों में 52% भारत में:

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक कुष्ठ रोग संक्रमण के शून्य मामलों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए “कुष्ठ रोग 2023-2027” के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना और रोडमैप तैयार किया है।
  • कुष्ठ रोग एक चिरकालिक (chronic) जीवाणु संक्रमण है, जो त्वचा, नसों, फेफड़ों और आंखों को प्रभावित करता है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार वर्ष 2005 में भारत को “कुष्ठ मुक्त” घोषित किए जाने के बावजूद, देश में अभी भी दुनिया के नए कुष्ठ रोगियों का लगभग 52% हिस्सा है।
  • यहाँ यह उल्लेखनीय है कि भारत में कुष्ठ रोग कार्यक्रम में पहले मिले लाभ कोविड-19 महामारी के दौरान उलट गए थे क्योंकि केस डिटेक्शन (पता लगाना) में काफी गिरावट आई थी और रोग के डिटेक्शन में गिरावट के कारण ग्रेड 2 से संबंधित विकलांगता के रोगियों में वृद्धि हुई है।
  • दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दादरा नगर हवेली और दमन दीव जैसे राज्यों में या तो एक या एक से अधिक जिले (कुल 82 जिले) ऐसे हैं जो अभी तक कुष्ठ उन्मूलन लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाए हैं और देश में 90% से अधिक मामलों के लिए उत्तरदायी हैं।
  • कुष्ठ रोग [यूपीएससी नोट्स] से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Leprosy [UPSC Notes]

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. वैधानिक सार्वजनिक निगमों, या कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत सरकारी कंपनियों को राज्य का उपक्रम माना जाता है। ऐसे निकायों के कर्मचारियों को सरकार के कर्मचारी माना जाता है।
  2. एक नियोक्ता के कर्मचारी जो संविधान के अनुच्छेद 12 के आशय के अंतर्गत आते हैं, सरकारी कर्मचारी हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) दोनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत निगमित एक सार्वजनिक उद्यम को सरकारी कंपनी कहा जाता है। इन कंपनियों का स्वामित्व और प्रबंधन केंद्र या राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
    • विधायिका के एक क़ानून के तहत गठित वैधानिक निगम जैसे जीवन बीमा निगम (LIC) को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत “कंपनी” नहीं माना जाता है।
    • इन निगमों को संसद के अलग-अलग अधिनियमों के तहत समाविष्ट किया गया है।
    • इसके अलावा, सरकारी कंपनी के कर्मचारी केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं हैं।
  • कथन 2 गलत है: सांविधिक निकाय संविधान के अनुच्छेद 12 के आशय के अंतर्गत एक प्राधिकरण हैं, हालांकि उनके कर्मचारी संघ या राज्य के कर्मचारी नहीं होते।

प्रश्न 2. अक्सर समाचारों में देखा जाने वाला ‘दोहरा घाटा’ (Twin deficit) किससे संबंधित है?(स्तर – सरल)

(a) राजस्व और प्रभावी राजस्व घाटा

(b) राजकोषीय और चालू खाता घाटा

(c) प्राथमिक और राजकोषीय घाटा

(d) राजस्व और राजकोषीय घाटा

उत्तर: b

व्याख्या:

  • दोहरा घाटा उस स्थिति को संदर्भित करता है जब एक अर्थव्यवस्था राजकोषीय घाटे और चालू खाता घाटे दोनों से ग्रस्त होती है।

प्रश्न 3. कवच (KAVACH) के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. कवच (KAVACH) साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध की चुनौतियों से निपटने हेतु नवीन विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का हैकथॉन है।
  2. ए.आई.सी.टी.ई. और बी.पी.आर.डी. ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसके दौरान देश भर के शैक्षणिक संस्थानों और पंजीकृत स्टार्ट-अप के युवा भाग लेंगे।

विकल्प:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) दोनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: कवच-2023 एक राष्ट्रीय स्तर का हैकथॉन है जो 21वीं सदी की साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध की चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करने के लिए लॉन्च किया गया है।
  • कथन 2 सही है: कवच-2023 को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया है, जिसके दौरान देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के युवा और पंजीकृत स्टार्ट-अप्स साइबर सुरक्षा के लिए प्रभावी तकनीकी समाधान खोजने के लिए भाग लेंगे।

प्रश्न 4. नीलगाय के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. इसे आई.यू.सी.एन. रेड लिस्ट में संकटमुक्त के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  2. नीलगाय को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षण प्रदान किया गया है।
  3. नीलगाय दिल्ली का राजकीय पशु है।

विकल्प:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: IUCN रेड लिस्ट में नीलगाय को संकटमुक्त के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • कथन 2 गलत है: नीलगाय को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची III के तहत संरक्षण प्रदान किया गया है।
  • कथन 3 सही है: नीलगाय दिल्ली का राजकीय पशु है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा मानव तंत्र में पाचक एंजाइम नहीं है? (PYQ (2007)) (स्तर – कठिन)

(a) ट्रिप्सिन

(b) गैस्ट्रीन

(c) टायलिन

(d) पेप्सिन

उत्तर: b

व्याख्या:

  • गैस्ट्रिन पेट के पाइलोरिक छोर में पार्श्विय कोशिकाओं द्वारा स्रावित एक पेप्टाइड हार्मोन है। ये आमाशय में HCL के स्राव को प्रेरित करते हैं। HCL खाद्य सामग्री में मौज़ूद रोगाणुओं को मारता है।
  • ट्रिप्सिन एक एंजाइम है जो पाचन क्रिया में सहायता करता है।
    • ट्रिप्सिन छोटी आंत के पहले खंड में एक एंजाइम है जो प्रोटीन अणुओं का पाचन शुरू करता है।
  • टायलिन एक प्रकार का एमाइलेज एंजाइम है जो मुख गुहा में लार ग्रंथियों द्वारा स्रावित होता है।
    • यह पाचन प्रक्रिया शुरू करता है और कार्बोहाइड्रेट को सरल शर्करा में तोड़ देता है।
  • पेप्सिन एक आमाशय का एंजाइम है जो ग्रहण किए गए भोजन में पाए जाने वाले प्रोटीन को पचाने का काम करता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1.भारत में आवश्यक संख्या की तुलना में बहुत कम संख्या में अंग दान किया जाता है। इस अंतराल को पाटने के उपाय सुझाइए। (250 शब्द; 15अंक) (जीएस II – स्वास्थ्य)

प्रश्न 2. सरकार की कई पहलों के बावजूद भारत में कुष्ठ रोगियों की संख्या में तेजी से गिरावट नहीं आ रही है। विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। (250 शब्द; 15अंक) (जीएस II – स्वास्थ्य)