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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 17 October, 2022 UPSC CNA in Hindi

17 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

सामाजिक न्याय:

  1. वैश्विक भुखमरी सूचकांक को लेकर विवाद:

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. कोयला खानों का क्षमता से कम दोहन:

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

सामाजिक न्याय:

  1. खाद्य दिवस ‘कोई पीछे न छूटे’ के अनुस्मारक के रूप में:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. डिजिटल बैंकिंग इकाइयां:
  2. स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0:
  3. प्रोजेक्ट जोरावर:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

वैश्विक भुखमरी सूचकांक को लेकर विवाद:

सामाजिक न्याय:

विषय: सामाजिक क्षेत्र/सेवा के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत का प्रदर्शन।

संदर्भ:

  • हाल ही में वैश्विक भुखमरी सूचकांक का वर्ष 2022 संस्करण जारी किया गया हैं।

विवरण:

  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index) में भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर है।
  • इस सूचकांक में भारत को श्रीलंका (66), म्यांमार (71), नेपाल (81) और बांग्लादेश (84) से पीछे रखते हुए, 100 में से 29.1 का स्कोर दिया गया हैं। इस सूचकांक में 0, शून्य भुखमरी को निरूपित करता है।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने दो साल में दूसरी बार वैश्विक भुखमरी सूचकांक की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। इसने सूचकांक को “भूख के एक त्रुटिपूर्ण मापक” (an erroneous measure of hunger) के रूप में संदर्भित किया हैं।
  • वर्ष 2022 के GHI एवं उसके निष्कर्षों के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:2022 GHI and its findings

वैश्विक भुखमरी सूचकांक के संकेतक:

वैश्विक भुखमरी सूचकांक स्कोर की गणना चार व्यापक संकेतकों का उपयोग करके की जाती है:

  1. अल्पपोषण (Undernourishment)
  2. चाइल्ड स्टंटिंग (Child stunting)
  3. चाइल्ड वेस्टिंग (Child wasting)
  4. बाल मृत्यु दर (Child mortality)
  • अल्पपोषण आहार ऊर्जा सेवन की स्थायी कमी का सामना करने वाली आबादी के अनुपात को मापता है। यह भोजन तक अपर्याप्त पहुंच को मापने के लिए एक आधार प्रदान करता है और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 2 सहित अंतरराष्ट्रीय भूख लक्ष्यों के प्रमुख संकेतकों में से एक है।
  • चाइल्ड स्टंटिंग (Child stunting) और मृत्यु दर भोजन में पोषण संबंधी कमियों, भोजन तक पहुंच और पोषण की गुणवत्ता के प्रति बच्चे की संवेदनशीलता के संबंध में परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं।
  • चूंकि विशेष रूप से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का विकास इस उम्र में होता हैं, अतः इनके लिए प्रत्यक्ष परिणाम के साथ पोषण की अधिक और तत्काल आवश्यकता होती है। यह बच्चों के बीच पोषण संबंधी आवश्यकताओं के आकलन हेतु आधार प्रदान करता है।
  • इसी आधार पर बाल मृत्यु दर भुखमरी के गंभीर परिणामों की ओर संकेत करती है।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक को लेकर विवाद:

  • केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, रिपोर्ट में कुपोषित (Proportion of the Undernourished (PoU)) आबादी के अनुपात के अनुमान के आधार पर भारत को कम रैंक प्रदान की गई है।
  • अमेरिकी खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) का अनुमान गैलप वर्ल्ड पोल के माध्यम से आयोजित “खाद्य असुरक्षा अनुभव स्केल” (Food Insecurity Experience Scale (FIES)) सर्वेक्षण मॉड्यूल पर आधारित है, जो 3000 उत्तरदाताओं के नमूने के आकार के साथ 8 प्रश्नों पर आधारित एक जनमत सर्वेक्षण है।
  • यह आंकड़ा भारत जैसे विशाल आकार के देश के एक छोटे अनुपात का प्रतिनिधित्व करता है।
  • मंत्रालय के मुताबिक, यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत से अलग है और भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा प्रयासों खासकर महामारी के दौरान किए गए प्रयासों की अनदेखी करती है।
  • पिछले कुछ वर्षों में देश में प्रमुख कृषि वस्तुओं के उत्पादन में वृद्धि के कारण भारत की प्रति व्यक्ति आहार ऊर्जा आपूर्ति साल-दर-साल बढ़ रही है।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Ann Yojna (PM-GKAY)) के माध्यम से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्यान्न के अपने सामान्य कोटे के अलावा हर महीने प्रति व्यक्ति अतिरिक्त 5 किलो राशन प्रदान करने का प्रावधान किया है।
  • GHI वेबसाइट ने भारत द्वारा उठाए गए इन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण प्रदान किया है।
  • FAO खाद्य सुरक्षा, अल्पपोषण की व्यापकता और FIES पर आधारित मध्यम या गंभीर खाद्य असुरक्षा के संकेतकों का उपयोग करता है, जबकि GHI केवल सदस्य देशों (भारत सहित) द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के आधार पर खाद्य बैलेंस शीट के माध्यम से प्राप्त कुपोषित आबादी के अनुपात (PoU) का उपयोग करता है।
  • खाद्य बैलेंस शीट एक निर्दिष्ट संदर्भ अवधि के दौरान किसी देश की खाद्य आपूर्ति के पैटर्न की एक व्यापक तस्वीर प्रदान करती है। इसमें प्रत्येक खाद्य श्रेणी के लिए विशिष्ट आपूर्ति और इसके उपयोग के स्रोत को सूचीबद्ध किया जाता है।
  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक में देश की आबादी के लिए भुखमरी की गणना करने हेतु चार में से तीन बाल-विशिष्ट संकेतकों का उपयोग किया जाता है ताकि समग्र रूप से आबादी की खाद्य आपूर्ति की स्थिति सुनिश्चित की जा सके और आबादी के कमजोर उपसमूह के भीतर अपर्याप्त पोषण के प्रभावों को मापा जा सके।
  • सभी चार संकेतक भारत सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (UN SDGs) की दिशा में प्रगति को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

सारांश:

  • युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर, वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 में भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों की तुलना में खराब प्रदर्शन किया है। भारत ने 2022 की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि यह गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रस्त है और जानबूझकर आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु किए गए सरकारी प्रयासों की अनदेखी करती है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

कोयला खानों का क्षमता से कम दोहन:

अर्थव्यवस्था:

विषय: औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर इसके प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: भारत में कोयला क्षेत्र।

संदर्भ:

  • ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (Global Energy Monitor (GEM)), एक फर्म जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन-स्रोत के उपयोग को ट्रैक करती है, के हालिया विश्लेषण से पता चलता है कि भारत की कोयला खदानों की क्षमता का पूर्ण रूप से दोहन नहीं हो रहा है।

विवरण:

  • इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की कोयला खदानों का औसतन केवल दो-तिहाई क्षमता का उपयोग किया जा रहा हैं, जबकि कुछ बड़ी खदानों की क्षमता का तो केवल 1% ही उपयोग किया जाता है।
  • भारत में मौजूदा खदानों की कोयले की क्षमता का 36 प्रतिशत कम दोहन किया जाता है, जो 433 मिलियन टन प्रति वर्ष के बराबर है। यह कम उपयोग की गई क्षमता 427 मिलियन टन प्रति वर्ष की प्रस्तावित क्षमता से अधिक है।
  • 100 मिलियन टन की उपलब्धता के साथ झारखंड और ओडिशा का अप्रयुक्त खदान क्षमता में 40 प्रतिशत का योगदान है।

कम उपयोग का प्रभाव:

  • भारत द्वारा 99 नई कोयला खदान परियोजनाओं का विकास किया जा रहा है जिनसे 427 मिलियन टन प्रति वर्ष (million tonnes per annum (MTPA)) उत्पादन की उम्मीद है।
  • बिजली की अधिक मांग के कारण अस्थायी तौर पर हुए कोयले की कमी ने सरकार को इन कोयला परियोजनाओं को विकसित एवं शुरू करने के लिए प्रेरित किया है।
  • इन आगामी परियोजनाओं ने 165 गांवों और 87,630 परिवारों को विस्थापन के जोखिम में डाल दिया है।
  • साथ ही, इनमें से 41,508 परिवार अनुसूचित जनजाति के हैं।
  • इनसे 22,686 हेक्टेयर (हेक्टेयर) कृषि भूमि और 19,297 हेक्टेयर जंगल को भी खतरा है। इसके अलावा प्रतिदिन कम से कम 168,041 किलोलीटर पानी की खपत होगी, जो दस लाख से अधिक लोगों की दैनिक पानी की जरूरत को पूरा करने के बराबर है।
  • वर्ष 2022 में भारत ने कम से कम दो बार गंभीर कोयला संकट का सामना किया गया था। 285 में से 100 से अधिक ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का भंडार आवश्यक भंडार के 25% से कम हो गया था। 50 से अधिक संयंत्रों में यह 10% से भी कम हो गया था। इससे कई राज्यों में बिजली की किल्लत हो गई थी।
  • ये नई परियोजनाएं अनावश्यक हैं और नई कोयला खदानें खोलने से अल्पकालिक आपूर्ति की कमी को पूरा करने में कोई मदद नहीं मिलेगी क्योंकि इन्हें मौजूदा कोयला खदानों के इष्टतम उपयोग से हल किया जा सकता है।

सारांश:

  • वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने की केंद्र सरकार की अंतरराष्ट्रीय प्रतिज्ञा के बावजूद भारत 99 नई कोयला खदानों का विकास कर रहा है। हाल के एक सर्वेक्षण के अनुसार, इन नई खदानों से भारत में संकटग्रस्त परिसंपत्तियां बढ़ जाएगी और कोयले की खदानों के कम उपयोग के कारण मौजूदा कोयले की कमी को दूर करने के बजाय स्वच्छ ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित करने में देरी होगी।
  • भारत में प्रमुख कोयला खानों के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:

Major Coal Mines in India

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2 से संबंधित:

सामाजिक न्याय:

खाद्य दिवस ‘कोई पीछे न छूटे’ के अनुस्मारक के रूप में:

विषय: भुखमरी और गरीबी से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: विश्व खाद्य दिवस।

मुख्य परीक्षा: खाद्य और पोषण सुरक्षा।

प्रसंग:

  • विश्व खाद्य दिवस 16 अक्टूबर को मनाया जाता है।

विवरण:

  • खाद्य और पोषण सुरक्षा विभिन्न कारकों से निरंतर प्रभावित हो रही है जैसे:
    • कोविड-19 महामारी
    • जलवायु परिवर्तन
    • खाद्य मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव
    • संघर्ष
    • असमानता
  • दुनिया भर में लगभग 828 मिलियन लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है और 50 मिलियन से अधिक लोग गंभीर भूख का सामना करते हैं।
  • द हंगर हॉटस्पॉट आउटलुक-2022-23 रिपोर्ट में बढ़ती भुखमरी के मुद्दों के बारे में चेतावनी दी गई है क्योंकि 45 देशों के लगभग 205 मिलियन लोगों को जीवित रहने के लिए आपातकालीन खाद्य सहायता की आवश्यकता होगी।
    • द हंगर हॉटस्पॉट्स आउटलुक रिपोर्ट विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट है।
  • विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस समाज के कमजोर वर्गों तक सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर आधारित था।
  • विश्व खाद्य दिवस देशों को ‘कोई पीछे न छूटे’ के दृष्टिकोण का पालन करने और इसका उपयोग खाद्य सुरक्षा जाल को मजबूत करने, लाखों लोगों के लिए आवश्यक पोषण तक पहुंच प्रदान करने और विभिन्न देशों में कमजोर समुदायों के लिए आजीविका को बढ़ावा देने के अवसर के रूप में करने के लिए प्रेरित करता है।
  • वर्ष 2030 तक भुखमरी को समाप्त करने का लक्ष्य बेहतर उत्पादन, बेहतर पोषण, बेहतर पर्यावरण और अंततः बेहतर जीवन के माध्यम से कृषि-खाद्य प्रणालियों को मजबूत करने वाले सामूहिक और परिवर्तनकारी कदमों के द्वारा ही संभव है।

भारत में उत्पादन और पोषण:

  • भारत ने अपने उत्पादन स्तर को बढ़ाया है और आत्मनिर्भरता हासिल की है। भारत अब दुनिया में कृषि उत्पादों के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है।
    • भारत ने वर्ष 2021-2022 में कुल $49.6 बिलियन मूल्य का कृषि निर्यात किया था। यह 2020-21 में किए गए निर्यात से 20% अधिक था।
  • खाद्य एवं कृषि संगठन ने 1948 से भारत में फसल/पशुधन/मत्स्य पालन उत्पादन, खाद्य सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • खाद्य समानता सुनिश्चित करने के लिए भारत ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 को अधिसूचित किया था जिसके तहत निम्न योजनाएं संचालित की जाती हैं,
    • लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS)
    • पीएम पोषण योजना (पूर्व में मध्याह्न भोजन योजना)
    • एकीकृत बाल विकास सेवाएं (ICDS)
  • इसके अलावा, विश्व खाद्य कार्यक्रम इन योजनाओं को सशक्त करने और उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत वाले वर्गों के लिए सुलभ बनाने हेतु राज्य और राष्ट्रीय सरकारों के साथ सहयोग करता है।
  • इसके अलावा, सरकारी अधिकारी अतिरिक्त सुधारों के लिए डिजिटलीकरण, चावल फोर्टिफिकेशन और स्वच्छता कार्यक्रम जैसे कई अन्य उपायों को अपनाते हैं।
  • भारत ने खाद्य सुरक्षा पर कोविड-19 महामारी के प्रभावों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत की थी।
    • यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एक पेपर जिसका शीर्षक ‘महामारी, गरीबी और असमानता: भारत से साक्ष्य’ है, में जोर देकर कहा गया कि PMGKAY के कारण 2020 में अत्यधिक गरीबी 1% से कम रही।
  • चिंताएं और उपचारात्मक उपाय
    • भारत में हाल की जलवायु घटनाओं ने लगातर दूसरे वर्ष गेहूं और चावल के उत्पादन के संबंध में चिंताएं बढ़ा दी हैं। जलवायु अनुकूलन और लचीलेपन पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
    • भारत में एक बड़ी आबादी निवास करती है जिसके (वर्ष 2030 तक लगभग 1.5 बिलियन) और बढ़ने की उम्मीद है। इसलिए, पारंपरिक इनपुट-गहन कृषि का त्याग करते हुए उत्पादन में सुधार के लिए प्रभावी, समावेशी और टिकाऊ तरीकों को अपनाना महत्वपूर्ण है।
    • भारत की आगामी G-20 अध्यक्षता को एक लचीले और न्यायसंगत भविष्य के केंद्र में खाद्य और पोषण सुरक्षा लाने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

खाद्य सुरक्षा में पर्यावरणीय पहलू:

  • जलवायु परिवर्तन के अलावा, पोषण और कृषि उत्पादन भी पर्यावरणीय स्थिरता से जुड़े हैं। रसायनों के अत्यधिक उपयोग और पानी के गैर-विवेकपूर्ण उपयोग से मिट्टी का क्षरण होता है जो भोजन के पोषण मूल्य को बाधित करता है। इन मुद्दों पर तत्काल ध्यान देना समय की मांग है।
  • बाजरा के लाभ:
    • बाजरा जलवायु-गहन फसल हैं जो पोषण, स्वास्थ्य और समग्र ग्रह के लिए उत्तम है।
    • इसके लिए कम इनपुट की आवश्यकता होती है और यह मिट्टी से कम पोषक तत्वों का निष्कर्षण करता है।
    • इसके अलावा, यह मिट्टी के स्वास्थ्य को पुनर्जीवित कर सकता है और कृषि-जैव विविधता को संरक्षित कर सकता है।
    • बाजरे में छोटे किसानों (ग्रामीण महिलाओं सहित) की आमदनी बढ़ाने की क्षमता है।
    • मध्य प्रदेश सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) के तेजस्विनी कार्यक्रम में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि बाजरा उत्पादन से आय लगभग दस गुना बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, वर्ष 2013-14 में ₹1,800 प्रति माह की आय 2020-21 में बढ़कर ₹16,277 हो गई थी।
    • यह बेहतर खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है क्योंकि बाजरे की फसल अत्यधिक वर्षा से प्रभावित नहीं होती है।
  • भारत द्वारा किए गए उपाय:
    • भारत ने दुनिया में बाजरा उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) से 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित करने की भी अपील की है।
    • यह विश्व में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत ने 2020 में कुल उत्पादित बाजरे का लगभग 41% उत्पादित किया था। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के दायरे में पोषक-अनाज (बाजरा) पर एक उप-मिशन लागू किया है।
    • आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा में राज्य-स्तरीय हस्तक्षेप स्वदेशी फसलों की खेती को पुनर्जीवित करने के भारत के संकल्प के प्रमाण हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करें:

https://byjus.com/free-ias-prep/international-year-of-millets-upsc-notes/

भावी कदम:

  • खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन करने, उन्हें अधिक टिकाऊ, लचीला और न्यायसंगत बनाने की आवश्श्यकता है।
  • गैर-विकृत आय सहायता और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं सहित खाद्य और पोषण सुरक्षा में सुधार करने की जरुरत है।
  • उपभोक्ता संवेदीकरण के माध्यम से बाजरा जैसे स्वदेशी खाद्य पदार्थों के उत्पादन और खपत को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
  • पारदर्शिता सुनिश्चित करके वैश्विक और क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया जाना चाहिए। इसके लिए लेबलिंग, ट्रेसिंग आदि जैसे उपायों का उपयोग किया जा सकता है।
  • नवाचारों का लाभ उठाने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  • भारत कोई पीछे न छूटे के सिद्धांत का समर्थन करने और खाद्य तथा पोषण सुरक्षा में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए अपने स्थानीय समाधान और सर्वोत्तम प्रथाओं का उपयोग कर सकता है।

सम्बंधित लिंक:

https://byjus.com/free-ias-prep/food-security-india/

सारांश:

  • दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। भारत ने इस दिशा में सक्रिय रूप से काम किया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। भारत इस पहलू में दुनिया का नेतृत्व भी कर सकता है और इस प्रकार यह सुनिश्चित कर सकता है कि कोई पीछे न छूटे।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.डिजिटल बैंकिंग इकाइयां:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3:

अर्थव्यवस्था:

विषय: बैंकिंग क्षेत्र और NBFC

प्रारंभिक परीक्षा: डिजिटल बैंकिंग।

संदर्भ:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश को 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां समर्पित की हैं।

विवरण:

  • वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (DBU) शुरू की गईं हैं।
  • यह देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2022-23 के केंद्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है।

डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (DBU) क्या हैं?

  • डिजिटल बैंकिंग इकाई डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को प्रदान करने के साथ-साथ मौजूदा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को किसी भी समय स्वयं-सेवा मोड में डिजिटल रूप से सेवा प्रदान करने के लिए एक निश्चित न्यूनतम डिजिटल बुनियादी ढांचे के साथ एक विशेष निश्चित बिंदु व्यवसाय इकाई (फिक्स्ड पॉइंट बिजनेस यूनिट) है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India (RBI) ) ने भारतीय बैंक संघ (IBA) के एक कार्यकारी समूह की रिपोर्ट के बाद अप्रैल 2022 में डिजिटल बैंकिंग इकाइयों के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की थी।
  • पूर्व में डिजिटल बैंकिंग अनुभव वाले वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, भुगतान बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों के अलावा) को प्रत्येक मामले में आरबीआई से अनुमति लेने की आवश्यकता के बिना टियर 1 से टियर 6 केंद्रों में डीबीयू खोलने की अनुमति है।
  • RBI के अनुसार, प्रत्येक DBU को एक निश्चित न्यूनतम डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करनी होगी। ऐसे उत्पाद डिजिटल बैंकिंग सेगमेंट की बैलेंस शीट की देनदारियों और संपत्ति दोनों पक्षों से संबंधित होने चाहिए।
  • इन सेवाओं में विभिन्न योजनाओं के तहत बचत बैंक खाते, चालू खाते, सावधि जमा और आवर्ती जमा खाते, ग्राहकों के लिए डिजिटल किट, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और मास ट्रांजिट सिस्टम कार्ड, व्यापारियों के लिए डिजिटल किट, यूपीआई क्यूआर कोड, भीम, आधार और पॉइंट ऑफ सेल (point of sale (PoS)) शामिल हैं।
  • अन्य सेवाओं में पहचाने गए खुदरा, एमएसएमई या योजनाबद्ध ऋण के लिए ग्राहकों के लिए आवेदन करना और उन्हें शामिल करना शामिल है। इसमें ऐसे लोन का संपूर्ण डिजिटल प्रोसेसिंग, ऑनलाइन आवेदन से लेकर वितरण तक और राष्ट्रीय पोर्टल के तहत कवर की गई सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की पहचान करना शामिल हो सकता है।
  • ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं वाले पारंपरिक बैंकों की तुलना में, नियोबैंक या डिजिटल बैंक उत्पाद नवाचार में उत्कृष्ट होते हैं और बेहतर डिजिटल समाधान प्रदान करते हैं।

2.स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2:

शासन:

प्रारंभिक परीक्षा: सरकारी नीतियां।

संदर्भ:

  • केंद्र सरकार पुराने लैंडफिल (ठोस अपशिष्ट भरावक्षेत्र) के उपचार की प्रगति को ट्रैक करने के लिए एक सार्वजनिक पोर्टल लॉन्च करने वाली है।

मुख्य विवरण:

  • केंद्रीय आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के तहत पुराने लैंडफिल के उपचार की प्रगति को ट्रैक करने के लिए एक सार्वजनिक डैशबोर्ड लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
  • यह उस मिशन के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है जिसे अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया गया था।
  • हालाँकि लैंडफिल में प्रसंस्करण के बाद केवल ठोस अपशिष्ट के अवशेष शामिल होने चाहिए, जबकि वर्षों से इसका पृथक्करण और प्रबंधन नहीं किया गया है, जिससे कचरे के ढ़ेर लग गए हैं।
  • तीन महीने से अधिक समय तक डंप किया गया कोई भी कचरा “पुराना” (legacy) माना जाता है।
  • वर्तमान में लैंडफिल स्थलों की सही संख्या के बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।
  • ऑनलाइन डैशबोर्ड में स्थलों की सटीक संख्या, आकार और उपचारात्मक योजनाएँ शामिल होंगी, जिनकी अनुमानित संख्या लगभग 2,200 है।
  • इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक पुराने लैंडफिल के उपचार के लिए अपने शहरों की कार्य योजनाओं की प्रगति को ट्रैक करने में सक्षम होंगे।
  • इन स्थलों से अपशिष्ट की समाप्ति के बाद, 15,000 एकड़ भूमि मुक्त हो जाएगी। उदाहरण के लिए, मुंबई में इस तरह का सबसे बड़ा लैंडफिल 300 एकड़ में फैला है और यहाँ 2.60 करोड़ टन अपशिष्ट है।

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 (SBM-U 2.0):

  • इसे 1 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। मिशन का उद्देश्य अपनी पांच साल की अवधि (2026) के अंत तक सभी शहरों को “कचरा मुक्त” बनाना है।
  • SBM-U 2.0 के तहत सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ बनाने तथा AMRUT के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में धूसर एवं काले जल के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, सभी शहरी स्थानीय निकायों को ODF+ और 1 लाख से कम आबादी वाले निकायों को ODF++ बनाने की परिकल्पना की गई है ताकि शहरी क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के सपने को साकार किया जा सके।
  • इस मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट के स्रोत पृथक्करण, 3Rs (न्यूनीकरण, पुन: उपयोग, पुनर्चक्रण) के सिद्धांतों का उपयोग करने, सभी प्रकार के नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के वैज्ञानिक प्रसंस्करण और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पुराने निपटान स्थलों के उपचार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • इसे 1.41 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से 2026 तक पांच वर्षों के लिए लागू किया जाएगा।

3.प्रोजेक्ट जोरावर:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3:

सुरक्षा:

प्रारंभिक परीक्षा: हल्के युद्धक टैंक ( Light battle tanks)

संदर्भ:

  • हाल ही में रूस ने हल्के टैंकों के लिए भारतीय सेना के आगामी टेंडर के लिए अपने SprutSDM1 हल्के एम्फीबियस टैंक से संबंधित तकनीकी विवरण प्रस्तुत किया है।

मुख्य विवरण:

  • पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के बाद, भारतीय सेना पहाड़ों में तैनाती के लिए ‘जोरावर’ नाम के एक हल्के टैंक की खरीद को प्राथमिकता दे रही है।
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) संयुक्त रूप से सेना के विनिर्देशों के अनुसार एक टैंक विकसित कर रहे हैं।
  • ‘जोरावर’ (Zorawar) नामक हल्का टैंक उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों तथा सीमांत इलाके से लेकर द्वीप क्षेत्रों तक अलग-अलग इलाकों में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह किसी भी परिचालन स्थिति को पूरा करने के लिए शीघ्र तैनाती हेतु परिवहनीय होगा।
  • सेना अपने नियमित युद्धक टैंकों के समान मारक क्षमता वाले एक हल्के टैंक की तलाश कर रही है जिसका अधिकतम वजन 25 टन हो (10 प्रतिशत के अंतर के साथ)।
  • टैंक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सक्रिय सुरक्षा प्रणाली के साथ-साथ उच्च स्तर की स्थितिजन्य सतर्कता प्रदान करने के लिए सामरिक निगरानी ड्रोन और लॉयटरिंग म्यूनिशन (loitering munition) से लैस होनी चाहिए।
  • जोरावर सिंह कहलूरिया डोगरा राजा गुलाब सिंह के प्रसिद्ध सेनापति थे और पर्वतीय युद्ध में माहिर थे। उनके नाम पर नए टैंक का नामकरण किया जाएगा।
  • हल्के टैंक सेना के लिए मध्यम युद्धक टैंकों की कमी से पार पाने में सहायक सिद्ध होंगे और मैदानी, अर्ध-रेगिस्तानी तथा रेगिस्तानी इलाकों में उपयोग के अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों, सीमांत इलाकों तथा द्वीप क्षेत्रों में सभी आकस्मिकताओं से निपटने के लिए उसकी क्षमता को बढ़ाएंगे।

महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. “द हंगर हॉटस्पॉट आउटलुक” रिपोर्ट निम्नलिखित में से किस संगठन द्वारा जारी की जाती है? (स्तर-मध्यम)

  1. संयुक्त राष्ट्र
  2. खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)
  3. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)
  4. विश्व खाद्य कार्यक्रम

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 1 और 4

(c) केवल 2 और 4

(d) केवल 4

उत्तर: c

व्याख्या:

  • ‘हंगर हॉटस्पॉट्स आउटलुक’ (Hunger Hotspots Outlook) संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ( Food and Agriculture Organisation of the United Nations (FAO)) एवं विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme (WFP)) द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट है।
  • इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक की आउटलुक अवधि के दौरान 19 देशों या क्षेत्रों (जिन्हें हंगर/भूख हॉटस्पॉट कहा (hunger hotspots) जाता है) में तीव्र खाद्य असुरक्षा के और अधिक बिगड़ने की संभावना है।
  • अफगानिस्तान, इथियोपिया, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान, सोमालिया और यमन सबसे अधिक खतरे का सामना कर रहे हैं क्योंकि इन सभी देशों की आबादी भुखमरी का सामना कर रही है या वहां भुखमरी फैलने का अनुमान है अथवा वहां की विनाशकारी परिस्थितियों के और बिगड़ने का खतरा है क्योंकि वे पहले से ही गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे है और इसके लिए जिम्मेदार गंभीर कारकों का सामना कर रहे हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश G-20 का/के सदस्य नहीं है/हैं? (स्तर-मध्यम)

  1. मलेशिया
  2. सिंगापुर
  3. फिलीपींस
  4. वियतनाम

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1, 2 और 4

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

Image Source: Byjus

  • G-20 पर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: G20

प्रश्न 3. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-मध्यम)

  1. भारत में FDI में पिछले 10 वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है।
  2. भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास कमजोर रुपये से प्रेरित है।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) केवल 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 01 सही है: भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और EY की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पिछले दशक में लगातार वृद्धि देखी गई है। निवेश भावना पर महामारी और भू-राजनीतिक विकास के प्रभाव के बावजूद, वित्त वर्ष 2021-22 में 84.8 बिलियन अमरीकी डालर का FDI अन्तर्वाह देखा गया था।
  • कथन 02 गलत है: रिपोर्ट के अनुसार, भारत की क्षमता में यह विश्वास मजबूत खपत रुझान, डिजिटलीकरण और सेवा क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ बुनियादी ढांचे तथा विनिर्माण पर सरकार के मजबूत फोकस से प्रेरित है।

प्रश्न 4. हाल ही में चर्चा में रहा “द कॉमन फ्रेमवर्क”, निम्नलिखित में से किस बहुपक्षीय संगठन से संबंधित है? (स्तर-मध्यम)

(a) विश्व बैंक

(b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

(c) संयुक्त राष्ट्र

(d) G-20

उत्तर: d

व्याख्या:

  • G-20 कॉमन फ्रेमवर्क ऋण सेवा निलंबन पहल (DSSI) से परे ऋण उपचार के लिए सामान्य ढांचा है। पेरिस क्लब के साथ G-20 सदस्यों द्वारा इसका समर्थन किया जाता है।
  • नवंबर 2020 में विभिन्न देशों द्वारा सामना किए जाने वाले अस्थिर ऋणों के मुद्दे से निपटने के लिए इसकी घोषणा की गई थी।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन से मापदंड वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index) की गणना के लिए उपयोग किए जाते हैं?(स्तर-कठिन)

  1. सूक्ष्म (Micro) पोषक तत्वों की कमी
  2. वृहत (Macro) पोषक तत्वों की कमी
  3. मातृ मृत्यु दर
  4. शिशु मृत्यु दर

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 4

(d) इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: d

व्याख्या:

  • ग्लोबल हंगर इंडेक्स/वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index) स्कोर चार घटक संकेतकों के मूल्यों पर आधारित होते हैं:
  1. अल्पपोषण (Undernourishment)
  2. चाइल्ड स्टंटिंग (Child stunting)
  3. चाइल्ड वेस्टिंग (Child wasting)
  4. बाल मृत्यु दर (Child mortality)

प्रश्न 6. निम्नलिखित में से किस एक का अपने प्रभाव में सर्वाधिक स्फीतिकारी होने की संभावना हैं ? (स्तर-सरल) (CSE-PYQ-2013)

(a) लोक ऋण की चुकौती

(b) बजट घाटे के वित्तीयन के लिए जनता से ऋणादान

(c) बजट घाटे के वित्तीयन के लिए बैंकों से ऋणादान

(d) बजट घाटे के वित्तीयन के लिए नई मुद्रा का सृजन

उत्तर: d

व्याख्या:

  • मुद्रास्फीति (inflation) की अत्यधिक उच्च दर आम तौर पर धन वृद्धि की उच्च दर से जुड़ी होती है।
  • यह प्रायः पैसे छापकर विशाल घाटे के वित्तीयन का परिणाम होता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारत ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट के निष्कर्षों को खारिज कर दिया है। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस-2; शासन)

प्रश्न 2. G20 की अध्यक्षता वाला भारत अवसर और चुनौतियां दोनों प्रस्तुत करता है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस-2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध)