Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 19 July, 2022 UPSC CNA in Hindi

19 जुलाई 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

  1. शंघाई सहयोग संगठन और आधुनिक दुनिया में इसका महत्व:

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

अर्थव्यवस्था:

  1. पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह हो सकता है:

पर्यावरण:

  1. भारत की जलवायु अनिवार्यता:

शासन:

  1. विकास और कल्याण:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा राज्य पर निर्भर: सुप्रीम कोर्ट
  2. MSP एवं प्राकृतिक खेती हेतु समिति का गठन :
  3. रूस ने भारत से तेल भुगतान की मांग यूएई दिरहम में की:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शंघाई सहयोग संगठन और आधुनिक दुनिया में इसका महत्व :

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां एवं मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।

प्रारंभिक: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस)।

मुख्य परीक्षा: वर्तमान भू-राजनीति में एससीओ (Shanghai Cooperation Organisation (SCO) ) की स्थिति और भारत के लिए इसकी प्रासंगिकता।

संदर्भ:

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की सदस्य्ता ईरान और बेलारूस को मिल सकती है।

शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation (SCO)):

  • इस संघठन की शुरुआत वर्ष 2001 में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान ने “शंघाई फाइव” (Shanghai Five) के रूप में की थी।
  • इस संगठन में उज्बेकिस्तान के नए सदस्य के रूप में शामिल होने के साथ, “शंघाई फाइव” का नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) कर दिया गया और यह बदलाव वर्ष 2003 में हुआ।
  • भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में एससीओ (SCO) में शामिल हुए थे।
  • एससीओ (SCO) में शामिल पर्यवेक्षक देश: अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया हैं।
  • इस संघठन का उद्देश्य सदस्य राज्यों के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करना; राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना हैं।
  • इसके फोकस के मुख्य क्षेत्रों में शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषय शामिल हैं।
  • शंघाई सहयोग संगठन के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Shanghai Cooperation Organisation

एससीओ (SCO) की संगठनात्मक संरचना:

SCO के दो स्थायी निकाय हैं:

  1. बीजिंग में एससीओ का सचिवालय स्थित हैं।
  2. ताशकंद में स्थित क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (Regional Anti-Terrorist Structure (RATS)) की कार्यकारी समिति।
  • एससीओ में राज्य परिषद (Heads of State Council (HSC)) के प्रमुख भी शामिल हैं जो इस संगठन का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है।
  • इस समूह से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय और दिशा-निर्देशों को अपनाने के लिए राज्य परिषद (Heads of State Council (HSC)) की बैठक हर साल होती है।
  • एससीओ के गवर्नमेंट काउंसिल (Heads of Government Council (HGC) ) के प्रमुखों में प्रधान मंत्री और सम्ब्नधित देशों के नेता शामिल होते हैं जो एससीओ के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और बहुपक्षीय सहयोग रणनीति पर निर्णय लेने के लिए सालाना होने वाली बैठक में हिस्सा लेते हैं।
  • यह परिषद विभिन्न आर्थिक, सहयोग के मुद्दों और समूह के वार्षिक बजट पर भी चर्चा करती है।
  • विदेश मंत्री परिषद समूह की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा,एचएससी की बैठकों का चार्ट तैयार करती है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समस्याओं पर बयान जारी करती है।

वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में एससीओ का महत्व:

  • नाटो कारक – विशेषज्ञों का मानना हैं कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद चीन और रूस इस संगठन को पश्चिम-प्रभुत्व वाले नाटो (NATO) के काउंटर के रूप में तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
  • लेकिन इस संगठन को पश्चिमी देशों में समर्थक नहीं मिले हैं।
  • ईरान को शामिल करना – यह इस तथ्य को इंगित करता है कि प्रतिबंधों के माध्यम से कुछ पश्चिमी देशों के दबाव के मद्देनजर ईरान चीन और रूस जैसे देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाना चाहता है।
  • ईरानी नेतृत्व ने “पूर्व की ओर देखने” (looking towards the East”) की नीति पर भी बात की है।
  • यही तथ्य बेलारूस पर भी लागू होता है, जिसने यूक्रेन में रूस की आक्रामकता का समर्थन किया था।
  • एशिया – विशेषज्ञों का मानना है कि इस संगठन का सुदृढ़ीकरण, विस्तार और कुशल कामकाज समग्र रूप से एशिया के लिए काफी हद तक फायदेमंद होगा।

भारत और एससीओ:

  • भारत को इस संगठन में वर्ष 2005 में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया था और वर्ष 2017 में इसे पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
  • गौरतलब हैं की एससीओ ने भारत को विभिन्न मतभेदों पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान और चीन जैसे शत्रु देशों के साथ जुड़ने का एक मंच प्रदान किया है।
    • उदाहरण: भारत के प्रधान मंत्री ने वर्ष 2015 में ऊफ़ा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी।
  • भारत के विदेश मंत्री को वर्ष 2020 में एससीओ के मास्को सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष के साथ पांच सूत्री समझौते पर बातचीत करने का मौका मिला था।
  • क्वाड ( QUAD ) बहुपक्षीय समूह का हिस्सा होने के बावजूद एससीओ के साथ भारत का जुड़ाव “रणनीतिक स्वायत्तता और बहु-संरेखण” (“strategic autonomy and multi-alignment”) बनाए रखने की भारत की विदेश नीति पर प्रकाश डालता है।

सारांश:

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के नए सदस्यों के रूप में ईरान और बेलारूस के शामिल होने का बहुत महत्व है क्योंकि यह कदम एससीओ के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और स्वीकृति को दर्शाता है।

संपादकीय-द हिन्दू

सम्पादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह हो सकता है:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और रोजगार से संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा:कर्मचारियों के लिए चार दिवसीय कार्य सप्ताह के कार्यान्वयन का महत्वपूर्ण मूल्यांकन।

संदर्भ:

  • केंद्र सरकार की नई श्रम संहिता में चार-दिवसीय कार्य सप्ताह के नियम को शामिल किया गया हैं। नए कोड के अनुसार प्रति सप्ताह 48 घंटे काम करना होगा।

पृष्टभूमि:

  • पारंपरिक 40-घंटे अर्थात पाँच-दिवसीय कार्य सप्ताह की जगह चार-दिवसीय कार्य सप्ताह की बहस कई वर्षों से चर्चा में है।
  • हेनरी फोर्ड के नेतृत्व में 1920 और 1930 के दशक में काम के घंटों को सप्ताह में 60 घंटे से घटाकर 40 घंटे किया गया था, क्योकि उन्नत उच्च तकनीक के उपयोग के माध्यम से समान उत्पादकता के लिए काम के घंटे में कमी को प्रमुखता मिली।
  • 2019 में, Microsoft ने जापान में चार-दिवसीय कार्य सप्ताह का प्रयोग किया।
  • हाल ही में, दुनिया भर के कई देश और कंपनियां “चार-दिवसीय कार्य सप्ताह” का प्रयोग कर रही हैं।
  • आइसलैंड में चार-दिवसीय कार्य सप्ताह का परीक्षण सफल रहा और यहाँ लगभग 86% श्रमिक वर्तमान में सप्ताह में चार-दिन काम करते है।

चार दिवसीय कार्य सप्ताह के प्रयोगों के परिणाम:

  • जापान में माइक्रोसॉफ्ट के प्रयोगों के अनुसार, उत्पादकता में 40% की वृद्धि हुई थी, जिसका मुख्य कारण नौकरी की संतुष्टि में वृद्धि और थकान में कमी थी।
    • यह भी पाया गया कि कम कार्य सप्ताह के कारण कार्यालय की लागत में कमी के साथ उच्च दक्षता भी आई ।
  • इसी तरह के परिणाम न्यूजीलैंड में भी निकले है, जहां एक ट्रस्ट प्रबंधन कंपनी ने कम कार्य सप्ताह के कारण 2018 में उत्पादकता में 20% की वृद्धि दर्ज की।
  • भारत में जीनियस कंसल्टेंट्स द्वारा 2022 में फरवरी और मार्च के बीच सभी क्षेत्रों में किए गए एक प्रयोग में बताया गया कि 60% नियोक्ताओं ने चार-दिवसीय कार्य सप्ताह को प्राथमिकता दी और महसूस किया कि इससे कर्मचारी उत्पादकता और कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

चार दिवसीय कार्य सप्ताह के लाभ:

  • कार्यदिवसों की संख्या में कमी ने समग्र श्रम उत्पादकता में सुधार किया है तथा कर्मचारियों के कल्याण में वृद्धि हुई है।
  • बेहतर कार्य-जीवन संतुलन सुनिश्चित हुआ है।
  • यह उच्च नियोक्ता दक्षता प्राप्त करने में भी मदद करता है।
  • इस कदम से महिला पेशेवरों को भी फायदा होगा और लैंगिक समानता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • कार्य दिवसों की संख्या में कमी से आवागमन और परिवहन में कमी आएगी जिसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
    • इसमें बिजली की कम खपत भी होगी।
  • इसे COVID महामारी के बाद रोजगार दरों को पुनर्जीवित करने और बढ़ती बेरोजगारी दर के मुद्दे को संबोधित करने के साधन के रूप में भी देखा जा रहा है।

चार दिवसीय कार्य सप्ताह योजना की कमियां:

  • विशेषज्ञों का मानना है कि चार-दिवसीय कार्य सप्ताह के परिणामस्वरूप प्रति दिन काम के घंटों में वृद्धि, उत्पादन बढ़ाने के लिए कर्मचारियों को प्रेरित नहीं करेगी।
    • अध्ययनों से पता चलता है कि उत्पादकता दिन में एक निश्चित संख्या के बाद कम हो जाती है।
  • यह देखा गया है कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सेवा क्षेत्रों में कार्य दिवसों की संख्या में कमी प्रभावी नहीं है
    • इसके अलावा, यह बिक्री और विपणन क्षेत्रों में भी संभव नहीं है क्योंकि इससे उनके लिए साप्ताहिक लक्ष्य को परिवर्तित करना, ग्राहक संबंध बनाना और मुद्दों को हल करना मुश्किल हो जाएगा।
  • कार्य दिवसों की संख्या में कमी का असर स्वरोजगार वाले व्यक्तियों पर भी पड़ेगा।
  • सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज, जिसने यूके में सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए चार-दिवसीय कार्य सप्ताह को लागू करने की संभावित लागत पर शोध किया, ने कहा कि इसकी लागत लगभग £17 बिलियन होगी क्योंकि स्थिर उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल में विस्तार की आवश्यकता होगी।
  • पार्किंसन का नियम कहता है कि “कार्य का विस्तार इस प्रकार होता है कि उसे उपलब्ध समय में पूरा किया जा सके” यह उन फर्मों और देशों द्वारा नोट किया जाना चाहिए जो चार-दिवसीय कार्य सप्ताह की योजना बना रहे हैं।
  • चार-दिवसीय कार्य सप्ताह के कार्यान्वयन से कर्मचारियों की वर्तमान अवकाश पात्रता भी प्रभावित होगी

सारांश:

  • महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती बेरोजगारी दर की चिंताओं को दूर करने के लिए विभिन्न देशों द्वारा “चार दिवसीय कार्य सप्ताह” को लागू करने के विचार को एक विकल्प के रूप में देखा है। हालांकि, नीति निर्माताओं और कंपनियों को इसके कार्यान्वयन से जुड़ी मौजूदा चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए।.

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण:

भारत की जलवायु अनिवार्यता:

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट।

मुख्य परीक्षा: भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और इन प्रभावों को कम करने के लिए प्रमुख सिफारिशें।

संदर्भ:

  • इस लेख में भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के हालिया उदाहरणों के बारे में चर्चा की गई है।

भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव:

  • हाल के वर्षों में भारत में जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाएं आई, जिनमें शामिल हैं:
    • 2022 में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और नई दिल्ली में भीषण गर्मी।
    • 2021 में दक्षिण भारत में अत्यधिक वर्षा।
    • 2020 में पश्चिम बंगाल और ओडिशा को प्रभावित करने वाले सुपर साइक्लोन अम्फान।
  • 1950 के दशक से हिंद महासागर के तापमान में लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, जिससे देश में चरम मौसमी घटनाएं हुई हैं।
  • भारत, जलवायु प्रवास के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में चौथे स्थान पर है।
  • देश में गर्मी की लहरों की व्यापकता के परिणामस्वरूप 1970 के बाद से लगभग 17,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
  • यह अनुमान लगाया गया है कि अगर ग्लोबल वार्मिंग 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाती है, तो बढ़ती गर्मी के कारण श्रम हानि सालाना 1.6 लाख करोड़ रुपये की होगी, जिसमें भारत सबसे अधिक प्रभावित होगा।

सुझाव:

  • बढ़ता जलवायु लचीलापन:
    • उन कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना जो जल-गहन तथा वन हानि कारण नहीं बनती हैं। चूंकि ये दोनों भारत में कुछ चरम मौसम की घटनाओं का प्रमुख कारण हैं।
    • बीमा योजनाओं की शुरूआत और कुछ मौजूदा बीमा योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से औद्योगिक, निर्माण और कृषि श्रमिकों से बीमाकर्ताओं को चरम मौसम की घटनाओं के जोखिम को स्थानांतरित करने में मदद मिल सकती है।
    • फसलों का विविधीकरण और मिश्रित खेती भी जलवायु के लचीलेपन में सुधार करने में मदद कर सकती है।
    • चूंकि बाढ़ और तूफान का प्रभाव समुद्र के किनारे और निचले इलाकों में समुद्र तट के कटाव से बढ़ जाता है, इसलिए राज्यों को इन क्षेत्रों में इस तरह के निर्माण से बचने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
  • पर्यावरण प्रभाव आकलन:
    • संवेदनशील क्षेत्रों का प्रबंधन करने के लिए बाढ़-जोखिम वाले क्षेत्रों का आकलन करना महत्वपूर्ण है।
    • सभी वाणिज्यिक परियोजनाओं का पर्यावरण प्रभाव आकलन अनिवार्य होना चाहिए।
    • पर्यावरण प्रभाव आकलन के आधार पर उपयुक्त घरों और भवनों का निर्माण इस तरह किया जा सकता है कि इन पर आपदा का न्यूनतम प्रभाव पड़े।
      • उदाहरण: गोल आकार के घर हवाओं की ताकत को कम कर सकते हैं और ढलान वाली छतें तेज हवा का सामना कर सकती हैं।
  • जलवायु परिवर्तन को रोकना:
    • जीवाश्म ईंधन में कमी के प्रयासों में तेजी लाई जानी चाहिए।
  • वन कवरेज की रक्षा और विस्तार के लिए उपाय किए जाने चाहिए।
  • भारत, 2021 में वन संरक्षण पर “ग्लासगो घोषणा” का एक हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते, उन नियमों को क्रियान्वित करना चाहिए जो वन भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
  • बांधों का प्रबंधन:
  • अध्ययनों के अनुसार, भारत में करीब 300 बांध 100 साल से अधिक पुराने हैं इसलिए इनके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है।
  • बांधों का समय पर प्रबंधन ग्लेशियर झील के फटने और बाढ़ के प्रतिकूल प्रभाव को कम कर सकता है।
  • इसके अलावा, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पारिस्थितिक रूप से कमजोर क्षेत्रों में बांधों का निर्माण न हो और पहाड़ियों विस्फोटन, रेत खनन और उत्खनन जैसी गतिविधियों पर भी रोक लगे।
  • बढ़ती हुई फंडिंग:
    • आपदा प्रबंधन में भारत के योगदान को उसके सकल घरेलू उत्पाद के 2.5% तक बढ़ाया जाना चाहिए।
    • जलवायु वित्त की आवश्यकता विश्व बैंक, IMF और एशियाई विकास बैंक जैसे संस्थानों से बड़े पैमाने पर वित्त पोषण को आकर्षित करती है।
  • राज्यों की बढ़ी भागीदारी:
    • राज्यों को केंद्र के संसाधनों, वित्त पोषण और तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
    • मनरेगा निधि का उपयोग जलवायु लचीला बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए किया जा सकता है जो कृषि और अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
    • राज्यों को जलवायु अनुकूलन के लिए स्थानीय स्व-सरकारी संसाधनों को वित्तीय सहायता भी देनी चाहिए।

सारांश:

  • भारत में हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाओं की आवृत्ति, परिमाण और तीव्रता में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके लिए देश में जलवायु लचीलापन बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने तथा पर्यावरण गिरावट को रोकने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

विकास और कल्याण:

संदर्भ:

  • भारत के प्रधान मंत्री ने वोट के लिए मुफ्त उपहार बांटने की संस्कृति के प्रति आगाह किया।
  • इसे रेवाड़ी संस्कृति बताते हुए पीएम ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां नए भारत को अंधकार की ओर ले जाएंगी।

फ्रीबी संस्कृति के मुद्दे के संबंध में अधिक जानने के लिए, निम्नलिखित लेख पढ़े:

UPSC Exam Comprehensive News Analysis dated on 29th April 2022

प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा राज्य पर निर्भर: सुप्रीम कोर्ट

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा हैं कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति एक राज्य या दूसरे राज्य में अल्पसंख्यक हो सकता है क्योंकि धार्मिक और भाषाई समुदायों की अल्पसंख्यक स्थिति “राज्य पर निर्भर” (“State-dependent”)है।
  • अदालत ने कहा कि एक धार्मिक या भाषाई समुदाय जो किसी विशेष राज्य में अल्पसंख्यक है,उनको संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के तहत अपने स्वयं के शिक्षण संस्थानों को संचालित करने का अधिकार है।
  • इस मुद्दे से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए 7 जनवरी 2020 का यूपीएससी परीक्षा व्यापक समाचार विश्लेषण देखें।

2. MSP एवं प्राकृतिक खेती हेतु समिति का गठन :

  • केंद्र ने कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support price (MSP)) के मुद्दों को देखने के लिए एक पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
  • केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करते हुए वादा किया था कि शून्य बजट आधारित खेती (zero budget-based farming) को बढ़ावा देने, देश की बदलती जरूरतों के अनुसार फसल पैटर्न बदलने और एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
  • इस समिति में नीति आयोग के सदस्य, कृषि अर्थशास्त्री, केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान संगठनों के सदस्य आदि शामिल किये गए हैं।

3. रूस ने भारत से तेल भुगतान की मांग यूएई दिरहम में की:

  • रूस ने कुछ भारतीय ग्राहकों से तेल का भुगतान संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा दिरहम में करने की मांग की है क्योंकि रूस पश्चिमी प्रतिबंधों से खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है।
  • रूसी तेल प्रमुख रोसनेफ्ट भारत में एवरेस्ट एनर्जी और कोरल एनर्जी जैसी व्यापारिक फर्मों के माध्यम से कच्चे तेल का निर्यात कर रहा है, जो वर्तमान में चीन के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।
  • रूस ने जून 2022 में लगातार दूसरे महीने इराक के बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता के रूप में सऊदी अरब को पीछे छोड़ दिया है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारत में सिविल सेवकों और राजनीतिक अधिकारियों की विदेश यात्राओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. कैबिनेट सचिवालय और विदेश मंत्रालय को राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की प्रस्तावित विदेश यात्रा, केवल आधिकारिक और ना कि निजी के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।
  2. वर्ष 2016 से ई-राजनीतिक मंजूरी के लिए आवेदन, epolclearance.gov.in पोर्टल पर किए जा सकते हैं।
  3. केंद्रीय मंत्रियों के लिए, विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी मिलने के बाद, प्रधान मंत्री से अतिरिक्त मंजूरी की आवश्यकता होती है, चाहे यात्रा आधिकारिक हो या व्यक्तिगत।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: कैबिनेट सचिवालय और विदेश मंत्रालय को राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की आधिकारिक या निजी प्रस्तावित विदेश यात्रा के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।
  • साथ ही इसके लिए पूर्व राजनीतिक मंजूरी और एफसीआरए (विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम-Foreign Contribution Regulation Act) की मंजूरी भी अनिवार्य है।
  • कथन 2 सही है: वर्ष 2016 से, ई-राजनीतिक मंजूरी के लिए पोर्टल epolclearance.gov.in पर आवेदन किए जा सकते हैं।
  • कथन 3 सही है: केंद्रीय मंत्रियों के लिए, विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी मिलने के बाद, प्रधान मंत्री से अतिरिक्त मंजूरी की आवश्यकता होती है, चाहे यात्रा आधिकारिक हो या व्यक्तिगत।
  • लोकसभा सांसदों को अध्यक्ष से और राज्यसभा सदस्यों को राज्यसभा के सभापति से मंजूरी की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2. भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)

  1. 1974 में ECI द्वारा 50 प्रस्तावकों और अनुमोदकों का नियम लागू किया गया था।
  2. एक मतदाता एक से अधिक उम्मीदवारों का प्रस्ताव या समर्थन नहीं कर सकता है।
  3. राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है और मतदान खुले मतपत्र द्वारा होता है।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का इच्छुक उम्मीदवार 50 प्रस्तावकों और 50 समर्थकों की हस्ताक्षरित सूची के साथ नामांकन दाखिल करता है।
  • 50 प्रस्तावकों और अनुमोदकों का नियम चुनाव आयोग ने 1974 में लागु किया था।
  • कथन 2 सही है: एक मतदाता एक से अधिक उम्मीदवारों के नामांकन का प्रस्ताव या समर्थन नहीं कर सकता है।
  • कथन 3 सही नहीं है: राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से और मतदान गुप्त मतदान द्वारा होता है।

प्रश्न 3. शंघाई सहयोग संगठन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)

  1. भारत ने 2005 में समूह में पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल किया और 2017 में उसे पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
  2. SCO के चार पर्यवेक्षक देश- अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया हैं, जिनमें से ईरान और बेलारूस को पूर्ण सदस्य बनाया जा सकता है।
  3. SCO सचिवालय के दो स्थायी निकाय – बीजिंग में स्थित SCO सचिवालय और ताशकंद में स्थित क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) की कार्यकारी समिति हैं।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: भारत ने वर्ष 2005 में SCO में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त किया और वर्ष 2017 में वह इसके पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
  • कथन 2 सही है: SCO में वर्तमान में चार पर्यवेक्षक देश भी हैं – अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया।
  • ईरान और बेलारूस को SCO का पूर्ण सदस्य बनाया जा सकता है।
  • कथन 3 सही है: SCO सचिवालय में दो स्थायी निकाय हैं – बीजिंग में स्थित एससीओ सचिवालय और ताशकंद में स्थित क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) की कार्यकारी समिति।

प्रश्न 4. मंकीपॉक्स के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में पुराने लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
  2. गिलहरी, गैम्बियन शिकारी चूहों, डॉर्मिस और बंदरों की कुछ प्रजातियों में मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण का पता चला है।
  3. मानव में इसका पहला मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में चेचक को खत्म करने के तीव्र प्रयास की अवधि के दौरान दर्ज किया गया था।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में संचरित एक वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
  • कथन 2 सही है: मंकीपॉक्स विभिन्न जानवरों की प्रजातियों जैसे रोप गिलहरी, पेड़ गिलहरी, गैम्बियन शिकारी चूहों, डॉर्मिस, गैर-मानव प्राइमेट और अन्य प्रजातियों में पाया जाता है।
  • कथन 3 सही है: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 1970 में मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पहली बार मनुष्यों में मंकीपॉक्स की पहचान तब की गई थी जब मुख्य रूप से चेचक को खत्म करने के तीव्र प्रयास किये जा रहे थे।

प्रश्न 5. कभी-कभी चर्चा में रहने वाला शब्द ‘वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट’, किस श्रेणी को संदर्भित करता है। PYQ (2020) (स्तर – सरल)

(a) कच्चा तेल

(b) सोना (बुलियन)

(c) दुर्लभ पृथ्वी तत्व

(d) यूरेनियम

उत्तर: a

व्याख्या:

  • वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चा तेल का एक विशिष्ट ग्रेड है और यह ब्रेंट और दुबई क्रूड के साथ तेल मूल्य निर्धारण में मुख्य तीन बेंचमार्क में से एक है।
  • WTI को हल्के मीठे तेल के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें 0.24% सल्फर होता है, जो इसे “मीठा” बनाता है और इसका घनत्व कम होता है, जिससे यह “हल्का” हो जाता है।
  • यह न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (NYMEX) तेल वायदा अनुबंध की अंतर्निहित वस्तु है और इसे उच्च गुणवत्ता वाला तेल माना जाता है जिसे आसानी से परिष्कृत किया जाता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. चार दिवसीय कार्य सप्ताह लैंगिक समानता और महिलाओं के करियर की प्रगति की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है। टिप्पणी कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) (जीएस-3; अर्थव्यवस्था)

प्रश्न 2. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत द्वारा किए जा सकने वाले उपायों की चर्चा कीजिए।(15 अंक, 250 शब्द) (जीएस-3; पर्यावरण)