Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 19 October, 2022 UPSC CNA in Hindi

19 October 2022: UPSC Exam Comprehensive News Analysis

19 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

  1. गाम्बिया में बच्चों की मौत और कफ सिरप:
  2. अपराध को हराने के लिए वैश्विक प्रयास में तेजी लाएं : मोदी

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

इतिहास:

  1. 1962 के बारे में चर्चा करने की सख्त जरूरत:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. निहोंशु (Nihonshu):
  2. देश भर में मकड़ी की छह प्रजातियां खोजी गई:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सौर गठबंधन ने वित्त पोषण तंत्र को मंजूरी दी:
  2. मृदा में लंबे समय तक कार्बन स्थिरता बनाए रखने के लिए चराई वाले जानवर महत्वपूर्ण हैं: IISc अध्ययन:
  3. भारत-यू.के.के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए संयुक्त समूह का गठन:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

गाम्बिया में बच्चों की मौत और कफ सिरप:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय समझौते।

प्रारंभिक परीक्षा: डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (diethylene glycol (DEG)) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ethylene glycol) से सम्बंधित तथ्य।

मुख्य परीक्षा: गाम्बिया कफ सिरप स्कैंडल और भारत के लिए इसके निहितार्थ।

संदर्भ:

  • पश्चिमी अफ्रीका के छोटे से देश गाम्बिया में भारत निर्मित संदूषित कोल्ड और कफ सीरप पीने के बाद कई बच्चों की मौत मोत हो गई थी। यह सिरप एक भारतीय निर्माता द्वारा निर्मित और निर्यात किया गया था।

पृष्ठभूमि:

  • सितंबर 2022 में गाम्बिया के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जांचने के लिए विभिन्न तरीके से जांच शुरू की थी कि क्या बुखार, खांसी और सर्दी के इलाज के लिए सिरप का उपयोग और गुर्दे के फेल होने का कारण हुई कई बच्चों की मौत के बीच कोई संबंध है?
  • कथित तौर पर इस सिरप के सेवन के तीन से पांच दिनों के भीतर बच्चे बीमार पड़ गए थे। बच्चों ने बुखार, पेशाब करने में असमर्थता और उल्टी के बाद गुर्दे फेल होने की शिकायत की थी।
  • गाम्बिया ने घटना की जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO)) के साथ संपर्क किया और WHO ने चार दूषित कफ सिरप के बारे में एक मेडिकल अलर्ट जारी किया था, जो हरियाणा की एक फार्मा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किए गए थे।
  • WHO के अनुसार, ये कफ सिरप डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (diethylene glycol (DEG)) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ethylene glycol) के कारण दूषित हो सकते हैं, जिससे किडनी को गंभीर आघात पहुँचा है।

डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल क्या हैं और इनका उपयोग क्यों किया जाता है?

  • WHO के अनुसार, डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल मनुष्यों के लिए घातक हैं।
  • WHO ने इन दो रसायनों के सेवन के विषाक्त प्रभावों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें उल्टी, दस्त, पेशाब करने में कठिनाई, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव और गुर्दा फेल होना जैसे बीमारियां शामिल हैं जो किसी भी मानव की मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
  • डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल अवैध/गैरकानूनी अपमिश्रक द्रव्य हैं जिनका उपयोग तरल दवाओं में सॉल्वैंट्स (विलायक द्रव) के रूप में किया जाता है।
  • आमतौर पर, ग्लिसरीन और प्रोपिलीन ग्लाइकोल जैसे सामान्य विलायक का उपयोग पानी में अघुलनशील पैरासिटामोल या एसिटामिनोफेन को एक तरल आधार प्रदान करने के लिए तरल दवाओं में किया जाता है।
  • ये विलायक परिरक्षकों, प्रगाढक़, मधुरक और रोगाणुरोधी एजेंटों की भूमिका भी निभाते हैं।
  • हालांकि, डाईएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे यौगिकों या रसायनों का उपयोग लागत को कम करने के लिए विलायक के रूप में किया जाता है क्योंकि वे तुलनात्मक रूप से सस्ते होते हैं।

पूर्व में भी इसी तरह की घटनाएं हुई हैं:

  • इससे पहले भारत, यू.एस., बांग्लादेश, पनामा और नाइजीरिया में भी संक्रमण से होने वाली मौतों के ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
  • जम्मू के उधमपुर जिले में वर्ष 2019 और 2020 में 12 बच्चों की मौत के लिए कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया गया था क्योंकि उस कफ सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल का उच्च स्तर पाया गया था।
  • वर्ष 1973 से बहुत पहले चेन्नई के एग्मोर में चिल्ड्रन हॉस्पिटल में एक ऐसी ही घटना की सूचना मिली थी, जिसमें 14 बच्चों की मौत हो गई थी।
  • वर्ष 1986 में मुंबई में इसी तरह की एक घटना जे.जे. अस्पताल हुई थी, जिसमें 14 मरीजों की मौत हो गई थी।
  • वर्ष 1998 में नई दिल्ली स्थित दो अस्पतालों में इसी तरह के जहर से 33 बच्चों की मौत हो गई थी।

भारत की प्रतिक्रिया:

  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO)) ने हरियाणा के राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से इस मुद्दे के तथ्यों और विवरणों का पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की है।
  • CDSCO ने यह भी कहा है कि आयात करने वाला देश इन उत्पादों के उपयोग को अधिकृत करने से पहले इनकी गुणवत्ता का परीक्षण और जांच करता है।
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, फार्मा कंपनी ने अब तक इन चारों कफ सिरप का निर्यात सिर्फ गाम्बिया को किया है, साथ ही भारतीय अधिकारी WHO द्वारा “मृत्यु का कारण” और उत्पाद लेबल के विवरण साझा करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो उत्पादों के निर्माण के स्रोत की पहचान करने में मदद करते हैं।
  • इसके अलावा, इन चारों कफ सिरप में से कोई भी भारत में नहीं बेचा जाता है क्योंकि मेडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड की भारतीय घरेलू बाजार में कोई उपस्थिति नहीं है और यह केवल निर्यात में शामिल है।
  • इस विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए 15 अक्टूबर 2022 का विस्तृत समाचार विश्लेषण पढ़ें।

सारांश:

  • गाम्बिया कफ सिरप त्रासदी का भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग पर गंभीर एवं नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और “दुनिया की फार्मेसी” होने की भारत की प्रतिष्ठा को आघात पहुंच सकता है। इस घटना को देश में सख्त गुणवत्ता नियंत्रण स्थापित करने के लिए एक चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अपराध को हराने के लिए वैश्विक प्रयास में तेजी लाएं : मोदी

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और मंच- उनकी संरचना एवं अधिदेश।।

प्रारंभिक परीक्षा: इंटरपोल से सम्बंधित तथ्य।

मुख्य परीक्षा: संगठित अपराध से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का महत्व।

संदर्भ:

  • भारतीय प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित 90वीं इंटरपोल (Interpol) महासभा की बैठक में आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराधों के खतरों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है।

पृष्ठभूमि:

  • इस विषय से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए इस 14 अक्टूबर 2022 का विस्तृत समाचार विश्लेषण पढ़ें।

विवरण:

  • भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगठित अपराधों के अपराधियों के लिए दुनिया भर में कोई सुरक्षित पनाहगाह न हो।
  • हाल के दिनों में राष्ट्र और समाज अधिक अंतर्मुखी होते जा रहे हैं और ऐसे समय में भारत द्वारा अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आग्रह किया जाना महत्वपूर्ण है। भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि “स्थानीय कल्याण के लिए वैश्विक सहयोग – हमारा आह्वान है”।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के द्वारा सुरक्षा की कीमत का एहसास किए जाने के पहले से ही भारत सीमा पार आतंकवाद से लड़ रहा है।
  • प्रधानमंत्री ने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को भी स्वीकार किया और अंतरराष्ट्रीय रणनीतियों को तैयार करने, प्रारंभिक पहचान और चेतावनी प्रणाली स्थापित करने, परिवहन सेवाओं की सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और खुफिया आदान-प्रदान को बढ़ाकर संचार बुनियादी ढांचे और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करने की आवश्यकता को दोहराया।
  • उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण और दुनिया भर के लोकतंत्रों को प्रभावित करने में भ्रष्टाचार तथा वित्तीय अपराधों की भूमिका के बारे में भी चर्चा की।

संकट की स्थिति से निपटने में भारत की उपलब्धियां:

  • भारत के प्रधानमंत्री ने 900 से अधिक राष्ट्रीय और लगभग 10,000 राज्य कानूनों को समन्वय में लागू करने के लिए केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर भारतीय पुलिस की सराहना की।
  • उन्होंने कहा कि पुलिस बलों ने लोकतंत्र, विविधता और संविधान द्वारा गारंटीकृत लोगों के अधिकारों की रक्षा करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
  • भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों (United Nations peacekeeping) में सैनिकों के शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक रहा है।
  • इसके अलावा, हाल के वर्षों में भारत ने जलवायु परिवर्तन और कोविड महामारी जैसे विभिन्न वैश्विक संकटों का मुकाबला करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।

सारांश:

  • वैश्विक व्यवस्था में बढ़ते अंतर्संबंध के कारण किसी एक क्षेत्र में लोगों के खिलाफ अपराध अब शेष दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं और इसलिए ऐसे अपराधों को पूरी मानवता के खिलाफ अपराध माना जाना चाहिए साथ ही दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ऐसे संगठित अपराधों का मुकाबला करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने में सहयोग करना चाहिए।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-1 से संबंधित:

इतिहास:

1962 के बारे में चर्चा करने की सख्त जरूरत:

विषय: स्वतंत्रता के बाद का भारतीय इतिहास।

प्रारंभिक परीक्षा: भारत-चीन युद्ध 1962।

मुख्य परीक्षा: भारत-चीन युद्ध 1962।

संदर्भ:

  • वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध की 60वीं वर्षगांठ। यह युद्ध 20 अक्टूबर, 1962 को शुरू हुआ था।

विवरण:

  • एक राष्ट्र के रूप में भारत ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की स्वर्ण जयंती मनाई। 1971 के युद्ध की स्वर्ण जयंती का उत्सव अखिल भारतीय स्तर पर बहसों, चर्चाओं, संगोष्ठियों और प्रदर्शनियों के आयोजन के साथ मनाया गया। इन घटनाओं को सार्वजनिक रूप से मनाया गया क्योंकि ये व्यक्ति या समूह को खुशी या उपलब्धि की भावना से ओतप्रोत करते थे।
  • हालाँकि, 1962 के भारत-चीन युद्ध की 60वीं वर्षगांठ नहीं मनाई जाएगी क्योंकि यह भारत के इतिहास का एक काला क्षण था। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इस युद्ध में अपने लगभग 1,383 सैनिकों को खो दिया था, लगभग 1,047 घायल हो गए थे, 1,696 लापता हो गए थे और लगभग 400 को चीन ने युद्ध बंदी बना लिया था।

भारत-चीन युद्ध पर अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:

https://byjus.com/free-ias-prep/this-day-in-history-oct20/

युद्ध के प्रमुख मुद्दे:

  • यद्यपि तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एक महान नेता थे और एशिया, अफ्रीका तथा पश्चिमी देशों में अत्यधिक सम्मानित थे, लेकिन उनके अल्पकालिक नैतिक श्रेष्ठता और चीन की शांतिपूर्ण बातों में गुमराह होने के परिणामस्वरूप सेना कमजोर हो गई। उस समय भारतीय सेना किसी भी मजबूत शक्ति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार और सुसज्जित नहीं थी।
  • भारतीय वायु सेना (IAF) की ताकत को कम करके आंका गया। इस प्रकार, युद्ध में इसके आक्रामक बेड़े का उपयोग नहीं किया गया था। विभिन्न लेखों में यह सुझाव दिया गया है कि लड़ाकू विमानों का उपयोग युद्ध में गेम चेंजर साबित हो सकता था क्योंकि हवाई अड्डों के ऊँचाई पर स्थित होने के कारण चीन की वायु सेना को गंभीर परिचालन परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा था।
  • राजनीतिक, नौकरशाही और सैन्य नेतृत्व के बीच सामंजस्य का अभाव था। सेना के शीर्ष अधिकारी राजनीतिक हस्तक्षेप के खिलाफ नहीं जा सकते थे, भले ही मामला पूरी तरह से सैन्य प्रकृति का था।
  • मोर्चे पर भारतीय जवानों का योगदान प्रशंसनीय था, लेकिन भारतीय वायु सेना के परिवहन और हेलीकॉप्टर एयरक्रू के अनसुने, अति श्रमसाध्य कार्यों की प्रायः अनदेखी की जाती है। पायलटों और सह-पायलटों ने चौबीसों घंटे उड़ान भरने का अथक परिश्रम किया था।
  • यह भी तर्क दिया जाता है कि अग्रिम पंक्ति के योद्धा विश्वास पर खरे उतरे, लेकिन वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व अपनी रैंक और स्थिति के अनुसार युद्ध क्षेत्र में ज्यादा कुछ नहीं कर सका।

भविष्य में कार्यवाही की योजना:

  • युद्ध के बाद के विश्लेषण को शिक्षाओं में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि युवा नागरिक तथा मध्य स्तर के सैन्य और फील्ड ग्रेड अधिकारियों को इससे परिचित कराया जा सके।
  • राजनेताओं को भी भाग लेना चाहिए। सरकार को हेंडरसन ब्रूक्स-भगत रिपोर्ट सहित सभी गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजानिक करना चाहिए।
  • तीनों सेवाओं के युद्ध विद्यालयों विशेष रूप से डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (वेलिंगटन, तमिलनाडु) और नेशनल डिफेंस कॉलेज (दिल्ली) को उस अवधि (युद्धकाल) की गहराई से जांच करनी चाहिए।
  • मीडिया को इस मुद्दे पर और बहस करनी चाहिए।

सम्बंधित लिंक्स:

https://byjus.com/free-ias-prep/india-china-border-clash/

सारांश:

  • भारत की जीत का जश्न और खुशी मनाना अच्छा है। लेकिन भारतीय इतिहास में 1962 के काले दौर का गहन विश्लेषण भी पर्याप्त रूप से किया जाना चाहिए और सबक सीखा जाना चाहिए। ईमानदार और खुली चर्चा हमें कठिन परिस्थतियों से सीखने और मजबूती से उभरकर सामने आने में मदद कर सकती है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. निहोंशु (Nihonshu):

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं तकनीक:

विषय: बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: निहोन्शु या जापानी सेक।

संदर्भ:

  • हाल ही में नई दिल्ली स्थित जापानी दूतावास ने निहोंशु या जापानी सेक (Japanese sake) जो एक मादक पेय है, के लिए भौगोलिक संकेत (Geographical Indication (GI) tag) टैग की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है।
  • यह पहली बार है कि जापान ने किसी उत्पाद के लिए चेन्नई में भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री में टैग के लिए आवेदन किया है।

निहोंशु:

  • निहोंशु चावल को किण्वित करके बनाया जाने वाला एक विशेष पेय है।
  • निहोंशु जापान में जीवन शैली और संस्कृति का एक अभिन्न भाग है क्योंकि जापान में पारंपरिक रूप से लोग त्योहारों और शादियों जैसे विशेष अवसरों पर निहोंशु पीते हैं।
  • निहोंशु के निर्माण में तीन मुख्य कच्चे माल चावल, कोजी-किन (एक प्रकार का कवक बीजाणु) और पानी का उपयोग किया जाता है।
  • निहोंशु के उत्पादन में समानांतर बहु किण्वन के रूप में जानी जाने वाली एक अल्कोहलिक किण्वन विधि का उपयोग किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया में कच्चे माल का उपचार, कोजी निर्माण, स्टार्टर कल्चर-निर्माण, मैश निर्माण, प्रेसिंग, हीट स्टरलाइज़ेशन और बॉटलिंग शामिल हैं।
  • जापान के दूतावास ने इस आवेदन को दाखिल करते समय उल्लेख किया कि अतीत में, जापान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः चावल पर आधारित थी।
  • निहोंशु उत्पादन ने तोई व्यवस्था (Toii system) को जन्म दिया (Toii वह व्यक्ति है जो मदिरा बनाने का कार्य करता है) जो गिल्ड व्यवस्था (guild system) के समान है।

2. देश भर में मकड़ी की छह प्रजातियां खोजी गई:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण:

विषय: जैव विविधता

प्रारंभिक परीक्षा: मकड़ी की नई प्रजातियां।

संदर्भ:

  • सेंटर फॉर एनिमल टैक्सोनॉमी एंड इकोलॉजी (Centre for Animal Taxonomy and Ecology (CATE)) के पुरातत्वविदों ने देश भर से मकड़ी की छह नई प्रजातियों की खोज की है।

विवरण:

  • मकड़ी की इन नई प्रजातियों की खोज मेघालय की गारो पहाड़ियों, राजस्थान के थार रेगिस्तान, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य, कोठामंगलम के पास कोट्टापारा पहाड़ियों, अथिरापिल्ली के पास थंबूरमुझी तितली उद्यान और कालीकट विश्वविद्यालय परिसर में की गई हैं।
  • मेघालय की गारो पहाड़ियों पर अध्ययन: भारत में पहली बार सियामस्पिनोप्स (Siamspinops) वंश की एक नई प्रजाति सियामस्पिनोप्स गारोएन्सिस (Siamspinops garoensi) की खोज की गयी है।
  • यह प्रजाति सेलेनोपिडे (Selenopidae) नामक फ्लैट (चपटी) मकड़ियों के परिवार से संबंधित है।
  • यह मकड़ी पहाड़ियों पर चट्टानों की दरारों में रहती है।
  • यह मकड़ी पीले-भूरे रंग की होती है एवं इसकी लंबाई लगभग 10 मिमी. होती है।
  • उसकी आंखों के चारों ओर एक काला घेरा और पेट पर काले धब्बे भी देखे गए हैं।
  • जंपिंग स्पाइडर (Jumping spiders): जंपिंग स्पाइडर (साल्टिसिडे – Salticidae) परिवार के तहत मकड़ियों की दो नई प्रजातियां राजस्थान के थार रेगिस्तान और वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के कुरिचियाड वन क्षेत्र में खोजी गईं हैं।
  • नई प्रजातियां राजस्थान के थार रेगिस्तान और वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के कुरिचियाड वन क्षेत्र में खोजी गईं हैं।
  • थार क्षेत्र में खोजी गई अफ़्राफ्लैसिला मियाजलारेन्सिस (Afraflacilla miajlarensis) का सिर काला होता है जिस पर सफेद महीन बाल होते हैं और पेट पर काली क्षैतिज रेखाएं होती हैं।
  • यह मकड़ी सूखे पर्ण फलकों के बीच रहती है।
  • वायनाड में खोजी गई अफ्राफ्लैसिला कुरीचियाडेंसिस (Afraflacilla kurichiadensis) की आंखों के चारों ओर लाल धब्बे और पेट पर सफेद बाल होते हैं।
  • इस प्रजाति के पैरों की पहली जोड़ी में उभार (bulged first pair of legs) देखे गए हैं।
  • यह मकड़ी कुरिचियाड के नम पर्णपाती वन में रहती है।
  • फीदर-लेग्ड स्पाइडर (Feather-legged spiders): फिलोपोनेला रोस्ट्रालिस (Philoponella rostralis) नामक मकड़ी की एक और नई प्रजाति है जिसमें विष ग्रंथि नहीं होती है और यह उलोबोरिडे (Uloboridae) परिवार से संबंधित है।
  • नर प्रजनन अंग पर चोंच जैसी संरचना की उपस्थिति के कारण इस प्रजाति का नाम फिलोपोनेला रोस्ट्रालिस (Philoponella rostralis) रखा गया है।
  • यह मकड़ी पत्तियों के नीचे एक विशेष प्रकार का जाला बनाती है और अपने क्रिबेलम (कुछ मकड़ियों में-कताई अंग) से उत्पन्न ऊनी रेशम की सहायता से शिकार को अपने जाल में फंसाती है।
  • स्पाइनी लेग्ड स्पाइडर (Spiny-legged spiders): ऑक्स्योपिडे (Oxyopidae) (स्पाइनी-लेग्ड स्पाइडर) के परिवार से संबंधित मकड़ियों की दो नई प्रजातियों की खोज अथिरापिल्ली झरने के पास थंबूरमुझी तितली उद्यान में और कालीकट विश्वविद्यालय परिसर में की गई है।
  • इस परिवार के सदस्यों को लिनेक्स (वन बिलाव) के जैसे भक्षण व्यवहार के कारण प्रसिद्ध रूप से लिनेक्स स्पाइडर (lynx spiders) कहा जाता है।
  • ऑक्सीओप्स पीठम (Oxyopes peetham) के शरीर का रंग पीला होता है।
  • ऑक्सोपेस थंबूर्मुज़िएन्सिस (Oxyopes thumboormuzhiensis) नाम इसके खोज स्थल के नाम पर रखा गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. सौर गठबंधन ने वित्त पोषण तंत्र को मंजूरी दी:

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance (ISA)) ने नई दिल्ली में अपनी महासभा की बैठक में “सौर सुविधा” को मंजूरी दी जो भुगतान गारंटी तंत्र है।
  • इस कदम से दो वित्तीय घटकों जैसे सौर भुगतान गारंटी कोष और सौर बीमा कोष के माध्यम से सौर परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
  • सुविधा का उद्देश्य अफ्रीका में “अंडरसर्विस्ड मार्केट्स/कम सेवा वाले बाजार” (underserved markets) में निजी पूंजी को आकर्षित करना है। ISA का लक्ष्य दुनिया भर से निवेश को एकत्र करना है ताकि अफ्रीका में प्रस्तावित परियोजनाएं एकत्रित पूंजी से भुगतान गारंटी या आंशिक बीमा प्रीमियम खरीदने में सक्षम हो सके।
  • ISA का प्रमुख मिशन वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश जुटाना और प्रौद्योगिकी की लागत तथा इसके वित्तीयन को कम करना है।

2. मृदा में लंबे समय तक कार्बन स्थिरता बनाए रखने के लिए चराई वाले जानवर महत्वपूर्ण हैं: IISc अध्ययन

  • सेंटर फॉर इकोलॉजिकल साइंसेज (Centre for Ecological Sciences (CES)) और दिवेचा सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज (Divecha Centre for Climate Change (DCCC)), IISc के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि चरने वाले जानवर लंबे समय तक मिट्टी की कार्बन स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • इस अध्ययन से पता चला है कि याक और आईबेक्स जैसे बड़े स्तनधारी शाकाहारी जानवर हिमालय के स्पीति क्षेत्र जैसे चराई वाले पारिस्थितिक तंत्र में मृदा में कार्बन को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • इन पारिस्थितिक तंत्रों से ऐसे शाकाहारी जीवों को प्रायोगिक तौर पर हटाने से मृदा कार्बन के स्तर में उतार-चढ़ाव की स्थिति बढ़ गई थी, जिसका वैश्विक कार्बन चक्र पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  • अध्ययन से पता चलता है कि मृदा में सभी पौधों और वातावरण दोनों की तुलना में अधिक कार्बन मौजूद होता है और यह इसकी सततता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
  • मृदा पूल कार्बन को संचित करने के लिए एक विश्वसनीय सिंक है और इस प्रकार मृदा में कार्बन के स्थिर स्तर को बनाए रखना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की कुंजी है।
  • इसके अलावा नाइट्रोजन को कार्बन स्तर के उतार-चढ़ाव में अंतर्निहित एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखा गया क्योंकि नाइट्रोजन कार्बन पूल को स्थिर या अस्थिर कर सकता है और शाकाहारी जानवरों द्वारा चराई एक स्थिर तरीके से इस अंतक्रिया को बदलती है।

3. भारत-यू.के.के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए संयुक्त समूह का गठन:

  • भारत और यूके के रक्षा उद्योग संगठनों ने अधिक प्रभावी सहयोग के लिए एक नया रक्षा उद्योग संयुक्त कार्य समूह (JWG) बनाने का निर्णय लिया है और इसकी उद्घाटन बैठक गांधीनगर में DefExpo 2022 के अवसर पर बुलाई गई थी।
  • यू.के. ने हाल ही में भारत को भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपना फर्स्ट ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (first Open General Export License) जारी किया है जो रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करेगा।
  • रॉयल एयर फोर्स (RAF) ने हाल ही में नई दिल्ली में यूरोफाइटर टाइफून, वोयाजर और A-400 की यात्रा के दौरान रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ एक विषय वस्तु विशेषज्ञता का आदान-प्रदान किया और भारतीय वायु बल के साथ संयुक्त-उड़ान अभ्यास भी आयोजित किया।
  • मजबूत यूके-भारत रक्षा संबंध दोनों सरकारों की व्यापक रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण बिंदु है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. वैश्विक हथियारों के आयात और निर्यात के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (स्तर-मध्यम)

  1. भारत वर्ष 2017 से 2021 तक हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा है।
  2. कुल वैश्विक हथियारों के आयात में भारत की हिस्सेदारी 25 फीसदी से ज्यादा है।
  3. वर्ष 2017 से 2021 की अवधि में रूस सबसे बड़ा वैश्विक हथियार निर्यातक था।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं/हैं?

(a) केवल एक कथन

(b) केवल दो कथन

(c) तीनों कथन

(d) कथनों में से कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: भारत वर्ष 2017-21 तक प्रमुख हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक था।
  • कथन 2 सही नहीं है: इसमें आई उल्लेखनीय कमी के बावजूद, अभी भी कुल वैश्विक हथियारों के आयात में भारत का हिस्सा लगभग 11% है।
  • कथन 3 सही नहीं है: वर्ष 2017 से 2021 के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग 38.6% हथियारों की बिक्री के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक था।
  • वर्ष 2017-21 में पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातक देश संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी थे।

प्रश्न 2. ग्लोबल एस्ट्रोमेट्रिक इंटरफेरोमीटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (GAIA) अंतरिक्ष यान के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (स्तर-मध्यम)

  1. यह नासा की अंतरिक्ष वेधशाला है।
  2. इस मिशन का उद्देश्य अन्य चीज़ों के साथ-साथ सितारे, ग्रह, धूमकेतु, क्षुद्रग्रह और क्वासर सहित हमारी आकाशगंगा के अब तक के सबसे बड़े और सबसे सटीक त्रि-आयामी मानचित्र का निर्माण करना है।

उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: GAIA (Global Astrometric Interferometer for Astrophysics (GAIA)) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की एक अंतरिक्ष वेधशाला है जिसे वर्ष 2013 में लॉन्च किया गया था।
  • कथन 2 सही है: मिशन का उद्देश्य अन्य चीज़ों के साथ-साथ सितारे, ग्रह, धूमकेतु, क्षुद्रग्रह और क्वासर सहित हमारी आकाशगंगा के अब तक के सबसे बड़े और सबसे सटीक त्रि-आयामी मानचित्र का निर्माण करना है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से किस राज्य में भारत का राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर स्थापित किया जा रहा है? (स्तर-सरल)

(a) तमिलनाडु

(b) महाराष्ट्र

(c) पश्चिम बंगाल

(d) गुजरात

उत्तर: d

व्याख्या:

  • गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (National Maritime Heritage Complex (NMHC)) की स्थापना की जा रही है।
  • यह भारत में अपनी तरह का पहला परिसर है और यह केंद्र भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करेगा।

प्रश्न 4. वैश्विक कार्बन चक्र के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (स्तर-कठिन)

  1. मृदा में सभी पौधों और वातावरण दोनों की तुलना में अधिक कार्बन मौजूद होता है।
  2. मृदा की स्थिति के आधार पर, नाइट्रोजन मृदा के कार्बन पूल को स्थिर या अस्थिर कर सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: अध्ययनों से पता चला है कि मृदा में सभी पौधों और वातावरण दोनों की तुलना में अधिक कार्बन मौजूद होता है और यह इसकी सततता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
  • कथन 2 सही है: मृदा की स्थिति के आधार पर, नाइट्रोजन मृदा के कार्बन पूल को स्थिर या अस्थिर कर सकता है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (PYQ (2019)) (स्तर-कठिन)

  1. दिल्ली सल्तनत के राजस्व प्रशासन में राजस्व वसूली के प्रभारी को ‘आमिल’ कहा जाता था।
  2. दिल्ली के सुल्तानों की इक्ता प्रणाली एक प्राचीन देशी संस्था थी।
  3. ‘मीर बख्शी’ का पद दिल्ली के खलजी सुल्तानों के शासनकाल में अस्तित्व में आया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 2

(c) केवल 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: ‘आमिल’ दिल्ली सल्तनत के प्रशासन में राजस्व वसूली के प्रभारी अधिकारी होते थे।
  • कथन 2 सही नहीं है: इल्तुतमिश के शासनकाल के दौरान शुरू की गई इक्ता प्रणाली एक विशिष्ट प्रकार की भूमि वितरण और प्रशासनिक प्रणाली थी।
  • मूल इक्ता प्रणाली की उत्पत्ति फारस और मध्य-पूर्व में हुई है।
  • कथन 3 सही नहीं है: मीर बख्शी मुगल साम्राज्य के शासनकाल के दौरान सैन्य विभाग के प्रमुख थे।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. जब तक एक मजबूत वित्तीयन तंत्र स्थापित नहीं किया जाता है, तब तक अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की कोई भी परियोजना अपने उद्देश्य को पूरा करने में सफल नहीं होगी। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – विज्ञान एवं तकनीक)

प्रश्न 2. हाल के दिनों में गैर-राज्य अभिकर्ताओं द्वारा साइबर खतरे सबसे बड़े खतरे के रूप में उभरे हैं। भारत सरकार ऐसे मुद्दों से किस प्रकार निपट रही है? (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – आंतरिक सुरक्षा)