23 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: राजव्यवस्था एवं शासन:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आंतरिक सुरक्षा:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतरराष्ट्रीय संबंध:
भारतीय अर्थव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था एवं शासन:
पिछले आठ वर्षों में लिए गए फैसलों ने भारत को महामारी से उबारने में मदद की है: प्रधानमंत्री
विषय: विकास के लिए सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप।
मुख्य परीक्षा: रोजगार- भर्ती अभियान।
संदर्भ:
- प्रधानमंत्री द्वारा भर्ती अभियान- रोजगार मेला का शुभारंभ किया गया।
विवरण:
- भारत के प्रधानमंत्री ने लगभग 10 लाख केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए रोजगार मेला नाम से एक भर्ती अभियान शुरू किया है। समारोह के दौरान पहले बैच में लगभग 75,000 नियुक्त लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
- समूह ‘क’, ‘ख’ (राजपत्रित और अराजपत्रित दोनों) और ‘ग’ स्तरों पर लगभग 38 मंत्रालयों और विभागों में भर्तियां की जाएंगी। केंद्रीय सशस्त्र बल कर्मियों, आयकर निरीक्षकों, कांस्टेबल, सब-इंस्पेक्टर, लोअर डिवीजन क्लर्क, पर्सनल असिस्टेंट, स्टेनोग्राफर और मल्टी-टास्किंग स्टाफ जैसे विभिन्न पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।
- इससे पहले जून 2022 में घोषणा की गई थी कि केंद्र सरकार के विभागों में लगभग 10 लाख रिक्तियों को 2023 (2024 के लोकसभा चुनाव से पहले) तक मिशन मोड में भरा जाएगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ महीनों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करना और नए भर्ती लोगों को नियुक्ति पत्र जारी करना सरकार द्वारा पिछले 7-8 वर्षों में किए गए बदलावों का संकेत है।
- इस संबंध में सरकार द्वारा किए गए प्रयास:
- समूह ‘ग’ और ‘घ’ पदों के लिए स्व-सत्यापन और साक्षात्कार की समाप्ति सरकार द्वारा की गई प्रारंभिक पहल थी।
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में लगभग 17 लाख लोग EPFO में शामिल हुए थे और औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बने थे। लगभग आठ लाख कर्मचारी 18-25 आयु वर्ग के हैं।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नवंबर में दिल्ली आने की उम्मीद है
विषय: भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय समझौते।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-सऊदी अरब संबंध।
मुख्य परीक्षा: भारत-सऊदी अरब संबंध।
संदर्भ:
- सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री 14 नवंबर को भारत का दौरा करेंगे।
विवरण:
- सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान (MbS) 14 नवंबर, 2022 को भारत का दौरा कर सकते हैं।
- यह यात्रा केवल कुछ घंटों की होगी और इसके बाद दोनों देशों के नेता 15 और 16 नवंबर, 2022 को बाली में आयोजित किए जाने वाले G-20 (G-20) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रस्थान करेंगे।
- दोनों देशों (भारत और सऊदी अरब) के नेता रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वर्तमान ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। पश्चिमी गठबंधन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पश्चिमी गठबंधन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में भारत और सऊदी अरब दोनों ही शामिल नहीं हैं।
- ओपेक+ समूह (OPEC+), जिसमें रूस भी शामिल है, द्वारा तेल उत्पादन में कटौती के मुद्दे पर अमेरिका-सऊदी में जारी तनाव के कारण यह यात्रा भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने तेल उत्पादन में कटौती के निर्णय को लेकर सऊदी अरब को चेतावनी दी थी।
- इसके अलावा, दोनों नेता दिल्ली में द्विपक्षीय परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। सलमान के वर्ष 2019 के भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश के वादे (विशेष रूप से तेल भंडार और हरित ऊर्जा परियोजनाओं में) की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी।
- भारतीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 और 2019 में सऊदी अरब का दौरा किया था और कई परियोजनाओं तथा समझौता ज्ञापनों की घोषणा की थी। बैठक में इनकी भी समीक्षा की जाएगी।
- बैठक में G-20 के एजेंडे पर भी चर्चा में की जाएगी जिसकी मेजबानी सितंबर 2023 में भारत द्वारा की जाएगी।
यात्रा के निहितार्थ:
- सलमान की हाई-प्रोफाइल यात्रा के कारण भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को छोड़ सकते हैं, जो 10-13 नवंबर, 2022 तक नोम पेन्ह (Phnom Penh) में आयोजित किया जाने वाला है।
- गौरतलब है कि यह आसियान-भारत साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि यह भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के समूह के बीच संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है।
- इस संदर्भ में एक विशेष “स्मारक शिखर सम्मेलन” (commemorative summit) आयोजित करने की भी योजना है।
- भारत और आसियान संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) में अपग्रेड करने के लिए वार्ता कर रहे हैं।
- चीन और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को वर्ष 2021 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) में अपग्रेड किया गया था। आसियान के साथ अमेरिका और भारत के संबंध इस वर्ष व्यापक रणनीतिक साझेदारी में अपग्रेड होने की संभावना है।
आसियान के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:
ASEAN | Association of Southeast Asian Nations – History, Members & Significance [UPSC Notes]
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
शी जिनपिंग का तीसरा कार्यकाल
विषय: विकसित दुनिया की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: चीन में राजनीतिक परिवर्तन।
संदर्भ:
- चीन में राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक।
विवरण:
- चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस बैठक का समापन हो गया है। कांग्रेस ने वर्तमान नेता (शी जिनपिंग) को तीसरे कार्यकाल के लिए चुन लिया है। इस निर्णय के साथ चीनी राजनीति में एक और पांच साल की अवधि के लिए उनके वर्चस्व का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
- इसके अलावा, राष्ट्रपति के चार सहयोगियों को भी जल्द ही नई सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति (PBSC) में नियुक्त किया जाएगा।
- चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कांग्रेस ने शी को पार्टी के शीर्ष पद पर निर्विरोध रूप से चुना है।
- हालाँकि, दूसरे नंबर के नेता और पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सदस्यों में चौथे सदस्य को नई केंद्रीय समिति से बाहर कर दिया गया है।
- चारों नवनियुक्त सदस्य चीनी राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी बताए जा रहे हैं। बैठक में घटित घटनाक्रम चीनी राजनीति के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक निकाय में ‘क्लीन स्वीप’ (कोई विरोधी न होना) का प्रतीक है। पोलित ब्यूरो स्थायी समिति ने अतीत में विभिन्न पार्टी गुटों के बीच सत्ता साझा की है।
- हालांकि, विभिन्न विशेषज्ञों के अनुसार, शी ने गुटीय समीकरणों और सामूहिक नेतृत्व मॉडल दोनों को ध्वस्त करके चीन में एक व्यक्ति शासन व्यवस्था (one-man rule) को स्थापित कर दिया है।
- पार्टी के संविधान में संशोधनों को भी कांग्रेस द्वारा अनुमोदित किया गया है जिसमें उनकी ‘‘मूल’’ स्थिति को फिर से लागू करने का निर्देश दिया गया है और कहा गया है कि उनके ( शी के) निर्देशों तथा सिद्धांतों का पालन करना पार्टी के सभी सदस्यों का ‘‘दायित्व’’ है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कांग्रेस के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:
16 Oct 2022: UPSC Exam Comprehensive News Analysis
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
आंतरिक सुरक्षा:
रोहिंग्या हिरासत केंद्रों की जानकारी ‘गुप्त’ श्रेणी के तहत आती है: मंत्रालय
विषय: देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां।
मुख्य परीक्षा: शरणार्थी संकट।
विवरण:
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया (ट्विटर) पर महीनों पहले दिल्ली सरकार को दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों के वर्तमान स्थान की घोषणा के बारे में निर्देश साझा किया था। हालांकि, हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि यह जानकारी “गुप्त” थी।
- रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़े विभिन्न विवाद:
- केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा 17 अगस्त 2022 को ट्वीट किया गया था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को आवास के लिए छोटे फ्लैट दिए जाएंगे। ट्वीट में आगे कहा गया था कि “भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है”।
- इस बात पर भी प्रकाश डाला गया था कि भारत 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन का सम्मान करता है और सभी को उनके धर्म, नस्ल या संप्रदाय के निरपेक्ष शरण प्रदान करता है।
- रोहिंग्या प्रवासियों को EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) फ्लैट प्रदान करने के निर्देशों की दक्षिणपंथी समूहों द्वारा कड़ी आलोचना के परिणामस्वरूप ट्विटर पर एक स्पष्टीकरण भी जारी किया गया था।
- मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि रोहिंग्या को नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिल्ली सरकार द्वारा दिया गया था। ट्वीट (17 अगस्त के) में आगे कहा गया था कि मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि जब तक निर्वासन का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक वह रोहिंग्याओं को उनके स्थान पर बसाना जारी रखे।
- ट्वीट के अनुसार, “अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना चाहिए। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया गया है।”
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह के संचार और आदान-प्रदान के कारण केंद्र और दिल्ली सरकारों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। दोनों सरकारों ने एक-दूसरे पर म्यांमार के उत्पीड़ित मुस्लिम समुदाय को खुश करने का आरोप लगाया था।
- सूचना के अधिकार (RTI) के जवाब में, गृह मंत्रालय ने कहा कि अपेक्षित जानकारी (सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकरी) को अधिनियम की धारा 8 (1) (A) के तहत छूट दी गई है और इसे “गुप्त” के रूप में चिह्नित किया गया है।
- अधिनियम के अनुसार, किसी भी नागरिक को “ऐसी जानकारी देने पर रोक है, जिसके प्रकटन से भारत की प्रभुता और अखण्डता, राष्ट्र की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेश से संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने के प्रति उकसावे की भावना आती हो।”
रोहिंग्या और भारत में उनका वर्तमान शरणस्थान:
- म्यांमार में हिंसा की कई घटनाओं के बाद वर्ष 2012 में लगभग 1200 रोहिंग्या दिल्ली आ गए थे।
- वे प्रारंभ में दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में एक रिहायशी इलाके के पास एक खुली जगह में रहते थे जो उत्तर प्रदेश के समीप थी। यह जमीन जकात फाउंडेशन की है, जो एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है।
रोहिंग्या संकट पर अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:
UPSC 2017: Comprehensive News Analysis – October 27 – BYJU’S
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
पाकिस्तान FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ (निगरानी सूची) से क्यों बाहर है?
विषय: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा: वित्तीय कार्रवाई कार्य बल।
मुख्य परीक्षा: FATF की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान का स्थान।
संदर्भ:
- पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे लिस्ट (निगरानी सूची) से बाहर कर दिया गया है।
विवरण:
- एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और आतंकवाद के वित्तपोषण (CFT) का मुकाबला करने वाली वैश्विक निगरानी संस्था, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने पाकिस्तान को “ग्रे लिस्ट” से बाहर निकालने की घोषणा की है। जिन देशों को ग्रे लिस्ट में वर्गीकृत किया गया है, वे “वर्धित निगरानी” के तहत आते हैं।
- फरवरी 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला गया था।
- FATF ने कहा कि पाकिस्तान ने इस दिशा में “महत्वपूर्ण प्रगति” की है और कानूनी और शासन तंत्र में सुधार किया है। इसका श्रेय पाकिस्तान के विदेश मंत्री और सेना प्रमुख जनरल के हालिया राजनयिक प्रयासों को दिया जा सकता है, जिन्होंने इस संबंध में संयुक्त राज्य का दौरा किया था।
- हाल के पूर्ण सत्र (20-21 अक्टूबर, 2022) में, भारत सहित FATF के सदस्यों ने लगभग 26 देशों के रिकॉर्ड की समीक्षा की तथा निकारागुआ और पाकिस्तान को “ग्रे लिस्ट” से बाहर करने के लिए सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की। हालाँकि, मोज़ाम्बिक, द डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो और तंजानिया को “ग्रे लिस्ट” में रख दिया गया, जबकि म्यांमार को ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था, ऐसा फरवरी 2021 में तख्तापलट के जरिए चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद से सैन्य जुंटा द्वारा किए गए कार्यों के कारण किया गया है।
FATF की पृष्ठभूमि का विवरण:
- 39 सदस्यीय FATF की स्थापना वर्ष 1989 में विकसित देशों की G-7 बैठक में की गई थी। इसमें 37 देश और 2 क्षेत्रीय संगठन- यूरोपीय आयोग (यूरोपीय संघ का कार्यकारी निकाय) और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं।
- भारत 2006 में ‘पर्यवेक्षक’ की स्थिति के साथ इसमें शामिल हुआ था और 2010 में पूर्ण सदस्य बन गया था।
- FATF के मिशन वक्तव्य के अनुसार, इसके सदस्य देशों की बैठक विभिन्न देशों की निगरानी के लिए नियमित रूप से आयोजित की जाती है।
- मिशन वक्तव्य (स्टेटमेंट) “मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और आतंकवादी वित्तपोषण तकनीकों और प्रति-उपायों की समीक्षा करना, तथा विश्व स्तर पर FATF अनुशंसाओं को अपनाने और लागू करने को बढ़ावा देना है”।
- FATF या प्लेनरी के निर्णय लेने वाले निकाय की बैठक “म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट्स” (MER) की समीक्षा करने के लिए साल में तीन बार (फरवरी, जून और अक्टूबर) होती है। यदि किसी देश के AML/CFT में बड़ी कमियां पाई जाती हैं, तो इसे “वर्धित निगरानी वाले क्षेत्राधिकार” के तहत रख दिया जाता है जिसे ग्रे सूची के रूप में जाना जाता है। यदि यह आगे FATF की चिंताओं को दूर करने में विफल रहता है तो इसे “उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार” में रखा जाता है जिसे “ब्लैक लिस्ट” के रूप में जाना जाता है।
- जिन देशों को दोनों सूचियों में रखा जाता है, उन्हें वित्तीय सख्ती के बढ़ते स्तर का सामना करना पड़ता है। यह लिस्टिंग वैश्विक रेटिंग के समान है तथा देश के लिए IMF, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक आदि जैसे वित्तीय संगठनों से ऋण प्राप्त करना मुश्किल बनाता है। इसके अलावा, निजी कंपनियों और अन्य देशों से निवेश आमंत्रित करना भी मुश्किल हो जाता है।
- FATF के विचार-विमर्श पूर्ण गोपनीयता में किए जाते हैं तथा इसके निर्णय, प्रक्रियाओं और तकनीकी के आधार पर सख्ती से किए जाने चाहिए।
FATF के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक कीजिए: Financial Action Task Force (FATF) for the UPSC International Relations Syllabus
पाकिस्तान का मामला:
- पाकिस्तान वर्ष 2012-2015 से पहले “ग्रे लिस्ट” में था।
- पाकिस्तान को 2018 से 34 बिंदुओं (27+7) को शामिल करते हुए दो कार्य योजनाएं सौंपी गईं थीं। इसमें उससे अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कानून बनाने की सिफारिश की गई थी।
- पाकिस्तान को अपनी धरती पर सक्रिय आतंकवादी समूहों और ऐसे समूहों के खिलाफ की गई कार्रवाई का एक डेटाबेस बनाए रखने के लिए भी कहा गया था। इसे पिछले दशकों से दोहराया गया है जब तालिबान, अल-कायदा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूह स्वतंत्र रूप से संचालित होते थे और हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे नामित आतंकवादियों ने राजनीतिक प्रक्रियाओं और सार्वजनिक रैलियों में भाग लिया था।
- हालांकि पाकिस्तान ने विभिन्न कदम उठाए, एक प्रमुख स्टिकिंग पॉइंट या अंतिम कार्य जो किया जाना बाकी रहा, वह था “आतंकवादी वित्तपोषण की जांच और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों को लक्षित करके उन पर मुकदमा चलाना”। UNSC के दिशानिर्देशों के अनुसार, सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नामित आतंकवादी को धन, हथियार और यात्रा करने की सुविधा प्राप्त न हो और ऐसे आतंकवादियों पर विधिवत और प्रभावी रूप से मुकदमा चलाया जाए।
- 2021 में पाकिस्तान की FATF की अधिकांश रिपोर्टिंग हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी (26/11 कमांडर), साजिद मीर (26/11 योजनाकार), रऊफ असगर (IC-814 अपहरण योजनाकार) जैसे आतंकवादियों को अदालत में लाने और सजा दिलाने के बारे में थी। हालांकि, ऐसा दावा किया गया था कि वह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का पता नहीं लगा सका। वह 2001 के संसद हमले, जम्मू-कश्मीर विधानसभा बमबारी, उरी, पठानकोट में सैन्य शिविरों पर हमले और 2019 में पुलवामा बमबारी जैसे कई हमलों में वांछित है।
- जून में आयोजित पूर्ण सत्र में, FATF ने पाकिस्तान का दौरा किया था और 31 अगस्त से 2 सितंबर तक इसकी समीक्षा की थी। इसने निष्कर्ष निकाला कि पाकिस्तान के उपाय “जमीन पर” परिलक्षित होते हैं। इस प्रक्रिया के बाद, ऐसी उम्मीद की गई थी कि अक्टूबर के पूर्ण सत्र में, पाकिस्तान को इसका लाभ मिलेगा और कार्य योजनाओं को पूरा करने के लिए राहत मिलेगी।
FATF के फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया:
- FATF के सभी फैसले सर्वसम्मति से अपनाए जाते हैं। भारत निकाय का सदस्य होने के नाते निर्णय के लिए सहमत हो गया है और एक बयान में स्वीकार किया है कि FATF के कारण, पाकिस्तान को 26/11 के मुंबई हमले में शामिल लोगों सहित “जाने-माने आतंकवादियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई” करने के लिए “मजबूर” किया जा सका।
- हालांकि, ऐसा देखा गया कि भारत पाकिस्तान पर और अधिक वैश्विक नियंत्रण चाहता था।
- कुछ बेचैनी इसलिए भी देखी गई क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका (US), जो लगातार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है, पिछले कुछ महीनों में काफी उदार हो गया है।
- भारत सरकार FATF स्क्रूटनी या MER प्रक्रिया में अपनी बारी की तैयारी कर रही है जो 2023 की शुरुआत में शुरू होगी।
संबंधित लिंक:
Pakistan’s FATF Woes: RSTV Big Picture Analysis for UPSC IAS exam.
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
भारतीय अर्थव्यवस्था:
किसी बैंक की निगरानी के लिए RBI कब कदम उठाता है?
विषय: संसाधनों का संग्रहण.
प्रारंभिक परीक्षा: पूंजी-पर्याप्तता-अनुपात, त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई।
मुख्य परीक्षा: बैंकिंग क्षेत्र- धनलक्ष्मी बैंक मुद्दा।
संदर्भ:
- धनलक्ष्मी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा कड़ी निगरानी में रखा गया था।
विवरण:
- त्रिशूर स्थित एक निजी बैंक धनलक्ष्मी बैंक अपनी वित्तीय स्थिति के कारण सार्वजनिक जांच के दायरे में आ गया है। वित्तीय खुलासे की कमी, बढ़ते खर्च और समग्र कुप्रबंधन के कारण बैंक की प्रबंधन टीम के खिलाफ अल्पसंख्यक शेयरधारकों के एक समूह की गहन अदालती लड़ाई के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इसे कड़ी निगरानी में रखा है।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अल्पसंख्यक शेयरधारकों ने वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की खर्च करने की शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए आगामी महीने में एक विशेष आम बैठक बुलाई है, क्योंकि बैंक की पूंजी पर्याप्तता की स्थिति बिगड़ रही है।
पृष्ठभूमि विवरण:
- बैंक का पूंजी-से-जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (CRAR) मार्च 2022 में लगभग 13% तक कम हो गया, जो पहले 14.5% था। इसने आरबीआई को बैंक की वित्तीय स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रेरित किया।
- बेसल-III मानदंडों के अनुसार, बैंकों को CRAR को 9% या उससे अधिक पर बनाए रखना अनिवार्य है।
- ऐसा भी देखा गया है कि धनलक्ष्मी बैंक की पूंजी पर्याप्तता अतीत में भी निर्धारित मानकों से नीचे चली गई है और परिणामस्वरूप इसे त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचे (PCA) के तहत रखा गया है।
- यदि किसी बैंक को PCA के तहत रखा जाता है, तो आरबीआई इसकी बारीकी से निगरानी करता है और उधार देने वाले कार्य सहित कई प्रतिबंध लगा देता है।
त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई के बारे में अधिक जानकारी यहां पढ़ें: Prompt Corrective Action (PCA): Functions and Types
पूंजी पर्याप्तता अनुपात का महत्व:
- पूंजी पर्याप्तता अनुपात किसी बैंक की ऋण पुस्तिका में बड़े नुकसान के मामले में बैंक की ऐसी स्थिति से निकलने की क्षमता को इंगित करता है।
- यदि किसी बैंक का कुल संपत्ति मूल्य कुल देनदारियों के मूल्य से नीचे चला जाता है तो वह संचालन के मामले में असमर्थ हो जाता है क्योंकि यह उसकी पूंजी (या निवल मूल्य) को कम कर देगा और बैंक को दिवालिया बना सकता है।
- बेसल-III मानदंड जैसे बैंकिंग नियम, बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में परिवर्तन की बारीकी से निगरानी करते हैं ताकि प्रमुख बैंक विफलताओं को रोका जा सके और भारतीय अर्थव्यवस्था पर उनके गंभीर प्रभाव को कम किया जा सके।
- किसी बैंक की पूंजी की स्थिति बैंक के तिजोरी में रखी नकदी से भिन्न होती है।
- CRAR को एक ऐसे अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें बैंक की पूंजी के मूल्य की तुलना, जोखिम के अनुसार भारित विभिन्न परिसंपत्तियों के मूल्य से की जाती है। इसका उपयोग बैंक द्वारा सामना किए जाने वाले दिवाला के जोखिम को मापने के लिए किया जाता है।
- दूसरे शब्दों में, CRAR बैंक की बैलेंस शीट पर परिसंपत्ति गुणवत्ता द्वारा बैंक की शोधन-क्षमता के लिए उत्पन्न जोखिम को मापता है।
- धनलक्ष्मी बैंक को ध्यान में रखते हुए, टियर-2 बॉन्ड (इक्विटी पूंजी के बराबर माना जाता है) के अवलेखन (write-down) और पुनर्वर्गीकरण से आने वाले महीनों में बैंक के पूंजी पर्याप्तता अनुपात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
भविष्य की कार्रवाई:
- धनलक्ष्मी बैंक स्थिति से निपटने के लिए राइट्स इश्यू का उपयोग करते हुए खुले बाजार में अतिरिक्त शेयर जारी कर रहा है। नतीजतन, बैंक मौजूदा शेयरधारकों से अधिक इक्विटी पूंजी जुटा सकता है। राइट्स इश्यू, प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) से अलग होता है, जहां नए शेयरधारकों को शेयर जारी किए जाते हैं।
- अतिरिक्त पूंजी सृजन से पूंजी पर्याप्तता अनुपात को बढ़ाने में मदद मिल सकती है और यह भविष्य के संकट की स्थिति में नुकसान को अवशोषित करने के लिए एक बफर के रूप में काम करेगा।
- हालांकि राइट्स इश्यू को कोर्ट केस के चलते टाला जा रहा है। इसके कारण आरबीआई के निर्धारित मानदंडों का पालन करने की बैंक की क्षमता से समझौता हो सकता है।
- केंद्रीय बैंक धनलक्ष्मी बैंक की बारीकी से निगरानी करेगा और अगर राइट्स इश्यू में देरी से बैंक की पूंजी पर्याप्तता मानदंडों को पूरा करने की क्षमता को खतरा होता है तो वह हस्तक्षेप भी कर सकता है।
- आरबीआई द्वारा इस बैंक का अधिग्रहण भी किया जा सकता है।
सबंधित लिंक:
Banking Sector Reforms & Acts in India [Download List PDF]
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- 36 उपग्रहों के साथ इसरो का सबसे भारी रॉकेट प्रक्षेपित
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: LVM3-M2/वनवेब इंडिया-1
संदर्भ:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सबसे भारी रॉकेट LVM3-M2/वनवेब इंडिया-१ (LVM3-M2/OneWeb India-1) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र SHAR से प्रक्षेपित किया गया।
विवरण:
- LVM3-M2 अंतरिक्ष विभाग के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का एक समर्पित वाणिज्यिक उपग्रह मिशन है।
- इस मिशन की शुरुआत न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और यूके स्थित एक कंपनी – नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड (m/s OneWeb Ltd) के बीच वाणिज्यिक समझौते के हिस्से के रूप में की गई है।
- इस मिशन के लॉन्च के साथ LVM-3 वैश्विक वाणिज्यिक लॉन्च सेवा बाजार में प्रवेश कर गया है।
- मिशन के तहत 36 वनवेब जेन-1 उपग्रहों को लगभग 601 किमी. की ऊंचाई की एक गोलाकार पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
इसरो के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:
Indian Space Research Organisation [ISRO] – Milestones, Objectives
महत्वपूर्ण तथ्य:
- ऑलमैनिया (Allmania) वर्ग की नई प्रजाति खोजी गई:
- पलक्कड़ की ग्रेनाइट पहाड़ियों पर ऑलमैनिया वर्ग की एक नई प्रजाति ऑलमैनिया मल्टीफ्लोरा (Allmania multiflora) की खोज की गई है।
- यह इस वर्ग की खोज के 188 साल बाद खोजी गई है और इसकी पहली प्रजाति को वनस्पतिविदों द्वारा परिभाषित किया गया था।
- यह एक दुर्बल पौधा है और वार्षिक जड़ी बूटी है जिसकी अधिकतम ऊंचाई लगभग 60 सेमी. होती है। यह 1,000 से 1,250 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसमें आधार से ही शाखाएं निकलने लगती हैं। तना आधार पर लाल से बैंगनी और ऊपर हरे रंग का होता है। पौधे में फूल और फल मई से सितंबर के महीनों में आते हैं।
- ऑलमैनिया मल्टीफ्लोरा को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसमें एक पुष्पक्रम के भीतर अधिक संख्या में पुष्पक (floret) होते हैं।
- आनुवंशिक विश्लेषण, आण्विक तथा आकृति अनुसंधान और क्षेत्र सर्वेक्षण को कवर करने वाले विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, यह प्रजाति ऑलमैनिया नोडिफ्लोरा (Allmania nodiflora) से अलग है, जो कि ऑलमैनिया वर्ग की पहली प्रजाति है।
- ऑलमैनिया नोडिफ्लोरा को मूल रूप से सेलोसिया (Celosia) वर्ग के तहत वर्ष 1753 में सेलोसिया नोडिफ्लोरा (Celosia nodiflora) के रूप में प्रकाशित किया गया था।
- सीलोन (वर्तमान श्रीलंका) में पाए गए नमूनों को पहली बार वर्ष 1834 में ऑलमैनिया नोडिफ्लोरा के रूप में वर्णित किया गया था।
- ऑलमैनिया मल्टीफ़ोरा बहुत कम स्थानों पर पाया जाता है और वर्तमान में इसे गंभीर रूप से विलुप्तप्राय प्रजातियों (IUCN की लाल सूची मानदंड के आधार पर) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- यह प्रजाति कई प्रकार के खतरों का सामना कर रही है क्योंकि इसकी संख्या बहुत कम है और स्थानीय निवासियों द्वारा चौलाई (amaranths) के साथ इसे सब्जी के रूप में सेवन किए जाने की भी संभावना है। इसके अलावा, इसके आवास (ग्रेनाइट पहाड़ियों) के सामने भी कई प्रकार के खतरे हैं।
स्रोत: The Hindu
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. सिंधु घाटी सभ्यता के स्थलों एवं उनकी सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं के निम्नलिखित में से कितने युग्म सुमेलित हैं? (स्तर-कठिन)
स्थल उल्लेखनीय विशेषताएँ
- लोथल सबसे पुराना मानव निर्मित गोदी बाड़ा
- धोलावीरा जल प्रबंधन प्रणाली
- बनावली अरीय सड़कें
- कालीबंगन जुताई के साक्ष्य और लकड़ी के हल की खोज
विकल्प:
- केवल एक युग्म
- केवल दो युग्म
- केवल तीन युग्म
- सभी चारों युग्म
उत्तर: d
व्याख्या:
- लोथल हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था और सबसे पुराने मानव निर्मित गोदी (dockyard) की खोज के लिए जाना जाता है। लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) विकसित किया जा रहा है।
- धोलावीरा में प्राचीन दुनिया की सबसे कुशल जल निकासी और जल प्रबंधन प्रणाली थी।
- बनावली हड़प्पा सभ्यता का इकलौता शहर था जहां अरीय सड़कें थीं।
- कालीबंगन अपनी अनूठी अग्नि वेदियों, दुनिया के सबसे पुराने प्रमाणित जुताई वाले खेत और लकड़ी के हल की खोज के लिए प्रसिद्ध है।
प्रश्न 2. जीनस ऑलमैनिया की नई खोजी गई प्रजाति ऑलमैनिया मल्टीफ्लोरा निम्नलिखित में से किस राज्य में पाई जाती है? (स्तर-कठिन)
- केरल
- ओडिशा
- असम
- मध्य प्रदेश
उत्तर: a
व्याख्या:
- केरल के पलक्कड़ की ग्रेनाइट पहाड़ियों पर ऑलमैनिया वर्ग की एक नई प्रजाति ऑलमैनिया मल्टीफ्लोरा (Allmania multiflora) की खोज की गई है।
- यह एक दुर्बल पौधा है और वार्षिक रूप से प्राप्त होने वाली जड़ी बूटी है जिसकी अधिकतम ऊंचाई लगभग 60 सेमी. होती है। यह 1,000 से 1,250 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसमें आधार से ही शाखाएं निकलने लगती हैं। तना आधार पर लाल से बैंगनी और ऊपर हरे रंग का होता है। पौधे में फूल और फल मई से सितंबर के महीनों में आते हैं।
प्रश्न 3. यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पेड़ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-मध्यम)
- यह पेड़ मूल रूप से भारत में पाया जाता है।
- ये तेजी से बढ़ने वाले पेड़ हैं और इनसे इमारती लकड़ी (timber) प्राप्त होती है जिसका उपयोग पल्पवुड (pulpwood) और आवश्यक तेलों के उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
- यूकेलिप्टस के पेड़ों के साथ मुख्य समस्या यह है कि ये पानी को सोखते हैं तथा इससे मिट्टी अम्लीय बन जाती है और एलेलोपैथिक (allelopathic) प्रभाव देखने को मिलते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 3
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: यूकेलिप्टस ग्लोबुलस (Eucalyptus globulus), जिसे आमतौर पर दक्षिणी ब्लू गम या ब्लू गम के रूप में जाना जाता है, दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले लम्बे, सदाबहार पेड़ की एक प्रजाति है।
- कथन 2 सही है: यूकेलिप्टस तेजी से बढ़ने वाले पेड़ हैं और इसके कई उपयोग हैं जैसे लकड़ी, आवश्यक तेल, लुगदी, हर्बल पेड़, आदि।
- कथन 3 सही है: यूकेलिप्टस के पेड़ पानी को सोखते हैं और मिट्टी को अम्लीय बना सकते हैं और एलेलोपैथिक प्रभाव दिखाते हैं।
प्रश्न 4. भारत का पहला सौर ऊर्जा संपन्न गांव निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है? (स्तर-मध्यम)
- तमिलनाडु
- कर्नाटक
- राजस्थान
- गुजरात
उत्तर: d
व्याख्या:
- भारत के प्रधानमंत्री ने हाल ही में गुजरात के मेहसाणा जिले के एक गांव मोढेरा को भारत का पहला 24×7 सौर ऊर्जा संचालित (Powered) गांव घोषित किया है।
प्रश्न 5. भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-मध्यम)
- महात्मा गाँधी ‘गिरमिटिया (इंडेंचर्ड लेबर) प्रणाली’ के उन्मूलन में सहायक थे।
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड की ‘वॉर कॉन्फरेन्स’ में महात्मा गाँधी ने विश्व युद्ध के लिए भारतीयों की भर्ती से संबंधित प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था।
- भारत के लोगों द्वारा नमक कानून तोड़े जाने के परिणामस्वरूप, औपनिवेशिक शासकों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को अवैध घोषित कर दिया गया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: 1834 में भारत में गिरमिटिया श्रम प्रणाली शुरू हुई और 1922 तक चली। महात्मा गांधी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के दबाव के बाद 1917 में ब्रिटिश भारत की शाही लेजिसलेटिव काउंसिल द्वारा इसे आधिकारिक रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
- कथन 2 गलत है: लॉर्ड चेम्सफोर्ड की ‘वॉर कॉन्फरेन्स’ में, महात्मा गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्य का विश्वास हासिल करने और स्वराज प्राप्त करने के लिए विश्व युद्ध हेतु भारतीयों की भर्ती से संबंधित प्रस्ताव का समर्थन किया।
- कथन 3 सही है: सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान नमक कानून तोड़ने के बाद, ब्रिटिश शासकों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को अवैध घोषित कर दिया गया था।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) धन शोधन और आतंकवाद वित्तपोषण से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस कथन के आलोक में, FATF के कार्यों और पाकिस्तान के विरुद्ध इसकी हाल की कार्रवाइयों की समीक्षा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) [जीएस 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध]
प्रश्न 2. पूंजी पर्याप्तता अनुपात से आप क्या समझते हैं? बेसल-III मानदंडों के संदर्भ में, चर्चा कीजिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक किसी बैंक की वित्तीय स्थिरता की निगरानी कैसे करता है। (250 शब्द; 15 अंक) [जीएस 3- भारतीय अर्थव्यवस्था]