24 अप्रैल 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. यूरोपीय संघ का नया क्रिप्टो-कानून:

सामाजिक न्याय:

  1. एक किशोर पर एक वयस्क के रूप में अदालत में किस प्रकार मुकदमा चलाया जा सकता है?

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

समाज:

  1. सबसे अधिक आबादी वाला भारत अभिशाप से अधिक वरदान हो सकता है:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक नई तिकड़ी:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. भारत-रूस व्यापार समीकरण:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. लॉकबिट रैंसमवेयर (LockBit Ransomware) क्या है और यह विशेष रूप से एप्पल के कंप्यूटरों को कैसे लक्षित कर रहा है?

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. भारत और चीन ने मोल्दो में 18वीं कोर कमांडर वार्ता की:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

यूरोपीय संघ का नया क्रिप्टो-कानून:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: विकसित देशों की राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: यूरोपीय संघ का क्रिप्टो कानून।

प्रारंभिक परीक्षा: मार्केट्स इन क्रिप्टो एसेट्स (MiCA)।

प्रसंग:

  • यूरोपीय संसद ने मार्केट्स इन क्रिप्टो एसेट्स (MiCA) को मंजूरी दी।

विवरण:

  • हाल ही में यूरोपीय संसद ने मार्केट्स इन क्रिप्टो एसेट्स (MiCA) को मंजूरी प्रदान कर दी है।
    • यह बड़े पैमाने पर अनियमित क्रिप्टो मुद्रा (cryptocurrency) बाजारों को विनियमित करने के लिए व्यापक नियमों का दुनिया का पहला सेट है।
    • सदस्य देशों द्वारा औपचारिक अनुमोदन के बाद यह लागू होगा।
  • यह न केवल क्रिप्टो उद्योग का सामंजस्य स्थापित करेगा बल्कि यू.एस. और यू.के. की तुलना में यूरोपीय संघ को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त भी प्रदान करेगा।
  • वर्ष 2022 में क्रिप्टो बाजारों में कुछ सबसे बड़ी विफलताओं को देखते हुए कानून अत्यावश्यक हो गया था। उदाहरण के लिए, क्रिप्टो एक्सचेंज FTX का पतन और टेरा लुना क्रिप्टो मुद्रा की विफलता।

MiCA की मुख्य विशेषताएं:

  • MiCA क्रिप्टो संपत्ति को “मूल्य या अधिकार के डिजिटल निरूपण” के रूप में वर्णित करता है जो सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है और जो एक सिक्के/टोकन/किसी अन्य डिजिटल माध्यम के रूप में होता है जिसे वितरित बहीखाता (ledger) प्रौद्योगिकी या इसी तरह की तकनीक का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्थानांतरित और संग्रहीत किया जा सकता है”।
  • हालांकि, यह हस्तांतरणीय डिजिटल संपत्ति जैसे प्रतिभूतियों और शेयरों पर लागू नहीं होगा जो पहले से ही वित्तीय साधनों के रूप में अर्हता प्राप्त हैं। इससे अपूरणीय टोकन (NFTs) को भी बाहर रखा जाएगा।
  • इसके अलावा, यह यूरोपीय केंद्रीय बैंक या यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों के राष्ट्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल मुद्राओं और संपत्तियों को विनियमित नहीं करेगा।
  • ये नियम क्रिप्टोसेट या क्रिप्टोसेट सर्विस प्रोवाइडर (CASPs) के जारीकर्ता पर लागू होंगे जो एक या अधिक सेवाएं प्रदान करते हैं जैसे:
    • नियम क्रिप्टोसेट या क्रिप्टोसेट सर्विस प्रोवाइडर (CASPs) के जारीकर्ता पर लागू होंगे जो एक या अधिक सेवाएं प्रदान करते हैं जैसे:
    • एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का संचालन।
    • तृतीय पक्षों (ग्राहकों) की ओर से क्रिप्टो-परिसंपत्तियों को अभिरक्षा प्रदान करना और प्रशासन।
    • क्रिप्टो संपत्तियों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना।
    • क्रिप्टो संपत्ति और क्रिप्टो-पोर्टफोलियो प्रबंधन पर सलाह प्रदान करना।
  • MiCA के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक CASP को EU में कानूनी इकाई के रूप में शामिल किया जाए। तब CASP की निगरानी यूरोपीय बैंकिंग प्राधिकरण और यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण जैसे नियामकों द्वारा की जाएगी।
  • नियम जनता के लिए प्रस्ताव की शर्तों, क्रिप्टो उत्पादों का विवरण, ब्लॉकचेन सत्यापन तंत्र के प्रकार, आदि जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करना भी अनिवार्य करते हैं।

संबंधित कानून पर प्रतिक्रिया:

  • इस विनियमन के लिए समग्र प्रतिक्रिया सकारात्मक आ रही है क्योंकि कोई नियम न होने की तुलना में एक नियामक ढांचा होना बेहतर है।
  • हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि MiCA क्रिप्टो उद्योग में क्रिप्टो स्टेकिंग और ऋण देने जैसी नई कमजोरियों को कवर करने के मामले में सुस्त है।

भारत में क्रिप्टो विनियमन:

  • वर्तमान में भारत में क्रिप्टो संपत्तियों के लिए एक व्यापक नियामक ढांचा उपलब्ध नहीं है।
  • हालाँकि, भारत सरकार ने इसे विनियमित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए,
    • केंद्रीय बजट 2022 में “किसी भी आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण” से होने वाली आय पर 30% कर लगाया गया है।
    • मार्च 2023 में, सरकार ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के दायरे में आभासी डिजिटल संपत्ति से जुड़े सभी लेनदेन को रखने का निर्णय लिया।

अधिक जानकारी के लिए: Digital Rights UPSC – About, Rights in European Union and India, Challenges and Internet Shutdown Laws

सारांश:

  • मार्केट्स इन क्रिप्टो एसेट्स (MiCA) दुनिया का पहला व्यापक कानून है जिसका उद्देश्य लगातार बढ़ते क्रिप्टो बाजार को विनियमित करना है। देश की जनता और समग्र अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए भारत सहित दुनिया भर में इसी तरह के प्रयास किए जाने चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

एक किशोर पर एक वयस्क के रूप में अदालत में किस प्रकार मुकदमा चलाया जा सकता है?

सामाजिक न्याय:

विषय: बच्चों से संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 15।

प्रारंभिक परीक्षा: किशोर न्याय अधिनियम 2015

प्रसंग:

  • NCPCR ने किशोर न्याय बोर्ड का प्रारंभिक मूल्यांकन करने के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है।

विवरण:

  • राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा किशोर न्याय अधिनियम, 2015 (JJ Act, 2015) की धारा 15 के तहत प्रारंभिक मूल्यांकन करने हेतु दिशानिर्देशों का एक सेट जारी किया गया था।
  • किशोर न्याय बोर्ड (JJB) द्वारा यह पता लगाने के लिए मूल्यांकन किया जाएगा कि क्या एक किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जा सकता है।
  • विशेष रूप से, जेजे अधिनियम, 2015 जघन्य अपराधों के मामलों में 16-18 आयु वर्ग के किशोरों पर वयस्कों के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति देता है।
    • इस अधिनियम की धारा 15 कहती है कि 16 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बच्चे द्वारा किए गए जघन्य अपराध के मामले में, आयोग को बच्चे की शारीरिक या मानसिक क्षमता, परिस्थितियों और अपराध के परिणामों को समझने की क्षमता का प्रारंभिक मूल्यांकन करना चाहिए।
    • धारा 18 (3) के तहत, यदि बोर्ड बच्चे के वयस्क के रूप में परीक्षण का सुझाव देता है, तो मामले को किसी अन्य अदालत (ऐसे मामलों की सुनवाई करने के क्षेत्राधिकार वाले) में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।
  • दिशानिर्देशों के अनुसार आयोग की जिम्मेदारियां:
    • JJB को प्रारंभिक मूल्यांकन और बच्चे, उसके परिवार और उनके वकील को आदेश की एक प्रति प्रदान करने के लिए जिम्मेदार बनाया गया है।
    • बोर्ड को मनोवैज्ञानिकों या बाल मनोविज्ञान या बाल मनोरोग के विशेषज्ञों की भी सहायता लेनी चाहिए।
    • बच्चे को कानूनी सहायता परामर्शदाता उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
    • यह जेजे अधिनियम, 2015 की धारा 15 से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आवश्यक योग्यता रखने वाले विशेषज्ञों की उपलब्धता भी अनिवार्य करता है।
    • बोर्ड और विशेषज्ञों को सामाजिक जांच रिपोर्ट (SIR) को भी ध्यान में रखना चाहिए।
      • बच्चे या बच्चे के परिवार के साथ बातचीत के बाद प्रोबेशन अधिकारी या बाल कल्याण अधिकारी या सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा SIR (Social Investigation Report ) तैयार किया जाएगा।
  • प्रारंभिक मूल्यांकन प्रक्रिया को स्पष्ट करने और किसी भी अस्पष्टता को दूर करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जेजे अधिनियम, 2015 की धारा 109 के अनुसार, NCPCR अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक वैधानिक दायित्व के अधीन है।
  • हालांकि, यह तर्क दिया जाता है कि अधिनियम के कई सिद्धांतों को बोर्ड या बाल न्यायालय द्वारा उचित महत्व नहीं दिया गया है।

भारत में बाल संरक्षण [जीएस I के लिए यूपीएससी नोट्स] से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Child Protection In India [UPSC Notes for GS I]

सारांश:

  • राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने जघन्य अपराधों के मामले में किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस कदम का उद्देश्य अस्पष्टता को दूर करना और प्रारंभिक मूल्यांकन की प्रक्रिया को स्पष्ट करना है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

सबसे अधिक आबादी वाला भारत अभिशाप से अधिक वरदान हो सकता है:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

समाज:

विषय: जनसंख्या और संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: भारत में जनसंख्या वृद्धि एक “लाभांश” है या “आपदा”।

प्रसंग

  • संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार उम्मीद की जा रही है कि, भारत 2023 के मध्य तक चीन को दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में प्रतिस्थपित कर देगा।

पृष्ठभूमि

  • संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के मध्य तक, भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ होने की उम्मीद है जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ होने की उम्मीद है।
  • हालाँकि, जनगणना 2021 की कवायद (Census 2021 exercise) स्थगित होने के कारण, यह अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है कि जनसांख्यिकीय क्रम में यह परिवर्तन कब होगा।
  • इस संदर्भ में, अनुभवजन्य और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस मुद्दे के गहन विश्लेषण और जनसंख्या वृद्धि की प्रकृति, आकार और इसकी संरचना को समझने की आवश्यकता है।

अधिक विस्तृत जानकारी के लिए, निम्नलिखित लेख देखें:

UPSC Exam Comprehensive News Analysis dated 20 Apr 2023

जनसंख्या वृद्धि, आकार, संरचना

  • विशेषज्ञों का मानना है कि जनसंख्या अपने आप में एक बोझ नहीं है बल्कि जनसंख्या वृद्धि, आकार और इसकी संरचना की प्रकृति यह निर्धारित करती है कि जनसंख्या एक “संसाधन” है या “बोझ”।
  • यदि देश की वहन क्षमता बरकरार है तो जनसंख्या को “संसाधन” माना जाता है।
    • वहन क्षमता न केवल प्राकृतिक संसाधनों की पूंजी उपलब्धता को संदर्भित करती है बल्कि एक गतिशील अवधारणा भी है जो प्रौद्योगिकी, देश की खपत प्रणाली और उत्पादन की दक्षता में परिवर्तन के अनुसार बदलती है।
  • भारत में जनसंख्या वृद्धि: भारत ने 2023 में 2.0 की कुल प्रजनन दर के रूप में प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल की है, यानी दो बच्चे अपने माता-पिता की जगह ले रहे हैं।
    • इससे पता चलता है कि भारत में जनसंख्या स्थिर हो रही है।
    • 2064 तक भारत की जनसंख्या वृद्धि धीमी गति से बढ़ने की उम्मीद है, जिसके बाद वृद्धि के नकारात्मक होने की भविष्यवाणी की गई है।
    • 2063 में भारत की अधिकतम आबादी का आकार लगभग 169.6 करोड़ होने का अनुमान है।
  • जनसंख्या का आकार: कुल जनसंख्या आकार को आमतौर पर उन मुखों की संख्या माना जाता है जिन्हें भोजन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
    • विशेषज्ञों का मानना है कि कुल जनसंख्या के आकार पर भारी निर्भरता पूरी तरह भ्रामक हो सकती है।
    • वे कहते हैं कि जनसंख्या की “आयु संरचना” को ध्यान में रखने की आवश्यकता है क्योंकि यह उपलब्ध “समर्थन अनुपात” को इंगित करता है जो आश्रित जनसंख्या (अर्थात 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्क) की संख्या की तुलना में कार्यशील आयु जनसंख्या (अर्थात 15 से 64 वर्ष की आयु के व्यक्ति) की संख्या के बारे में एक विचार प्रदान करती है।
  • भारत की जनसंख्या संरचना: भारत की जनसंख्या संरचना के गहन विश्लेषण से पता चलता है कि 2023 में कुल जनसंख्या का 68% भारत में कामकाजी उम्र की आबादी है।
    • यह सुनिश्चित करता है कि भारत के पास अगले 35 वर्षों के लिए आर्थिक लाभांश प्राप्त करने के लिए अवसर की एक जनसांख्यिकीय उपलब्धता बनी रहेगी।

तंत्र जो जनसांख्यिकीय लाभांश को आर्थिक लाभ में परिवर्तित करते हैं:

ऐसा माना जाता है कि चार प्रमुख तंत्र हैं जो जनसांख्यिकीय लाभांश को आर्थिक लाभांश में परिवर्तित करने में मदद करते हैं, अर्थात्:

  • रोज़गार के अवसर: जनसांख्यिकीय लाभांश को आर्थिक लाभांश में बदलने के लिए अपनी आबादी के लिए रोज़गार के अवसर सृजित करना सबसे महत्वपूर्ण तंत्रों में से एक है।
    • भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपनी बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी के लिए जनसांख्यिकीय लाभांश की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करने के लिए पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजित करे।
  • स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं: स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना और विकास भी जनसांख्यिकीय अवसर की सहायता से आर्थिक लाभ प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं न केवल बीमारियों और अक्षमताओं को रोककर एक स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करती हैं, बल्कि जनता द्वारा किए जाने वाले खर्च को भी कम करती हैं, जिससे अधिक पूंजी निर्माण होता है।
  • शिक्षा और कौशल विकास: देश में शिक्षा और कौशल विकास सुविधाओं में सुधार के प्रयास आर्थिक गतिविधियों की बेहतर उत्पादकता सुनिश्चित करते हैं।
  • सुशासन: कर्तव्यनिष्ठ नीतियों के रूप में सुशासन भी दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने में मदद करता है।

भारत में जनसंख्या वृद्धि एक “लाभांश” है या “आपदा”?

  • भारत में एक युवा आबादी उच्च समर्थन अनुपात सुनिश्चित करती है जिसका अर्थ यह भी है कि बीमारी, विकलांगता और देखभाल का बोझ कम है।
  • इसके अलावा, भारत की जनसंख्या वृद्धि को उन अवसरों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए जो यह जनसंख्या में गिरावट और बढ़ती उम्र की आबादी के निहितार्थों की तुलना में प्रदान करती है जो जापान, चीन और अमेरिका जैसे देशों में देखा जाता है।
  • यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विभिन्न नीतियों और रणनीतियों को अपनाने के बावजूद, ये देश जन्म दर में सुधार करने में विफल रहे हैं क्योंकि एक बार जब प्रजनन क्षमता में गिरावट आ जाती है, तो आमतौर पर इसे उलटना बहुत मुश्किल होता है।
  • भारत में जनसंख्या और जनसांख्यिकीय लाभांश उत्पादन और खपत दोनों के लिए एक वैश्विक बाजार बनने का अवसर प्रदान करते हैं क्योंकि भारत में विनिर्माण लागत और श्रम की लागत अपेक्षाकृत कम है।
  • कामकाजी उम्र की आबादी के अधिक प्रतिशत के रूप में जनसांख्यिकीय अवसर भारत को एक अनुकूल सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक वातावरण सुनिश्चित करके 2061 तक अपनी प्रति व्यक्ति GDP को लगभग 43% तक बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
  • विशेषज्ञों की राय है कि 1.8 से कम की कुल प्रजनन दर भारत के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं होगी और इस प्रकार विभिन्न जनसंख्या नियंत्रण नीतियां जो जनसंख्या की उम्र बढ़ने का खतरा पैदा करती हैं, को रोका जाना चाहिए।
  • हालांकि, भारत में जनसांख्यिकीय अवसरों से लाभ उठाने के लिए अस्थिर उत्पादन, खपत और दृश्य जनसंख्या आकार से अधिक असमान वितरण प्रमुख चुनौतियां बनी हुई हैं।

निष्कर्ष:

  • भारत को जनसांख्यिकीय लाभांश को आर्थिक लाभांश में बदलने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार के अवसर, बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करने और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए नीतियों जैसे प्रमुख तंत्रों को अपनाना चाहिए।
  • यदि भारत उल्लेखित प्रमुख तंत्रों के संबंध में परिवर्तन लाने में विफल रहता है, तो “जनसांख्यिकीय लाभांश” संभावित रूप से “जनसांख्यिकीय आपदा” बन सकता है।

सारांश:

  • जैसा कि भारत द्वारा सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने की उम्मीद है, जनसंख्या वृद्धि के अवसरों और लागतों पर बहस फिर से शुरू हो गई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जनसांख्यिकीय आपदा की तुलना में जनसांख्यिकीय लाभ की अधिक संभावनाएं हैं और भारत को सही नीतियों के मिश्रण के साथ जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त करने पर ध्यान देना चाहिए।

भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक नई तिकड़ी:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।

प्रारंभिक परीक्षा: बिम्सटेक और भारत की एक्ट ईस्ट नीति के बारे में तथ्य।

मुख्य परीक्षा: बांग्लादेश, भारत और जापान की तिकड़ी के करीब आने के लाभ।

प्रसंग

  • तीसरी भारत-जापान बौद्धिक वार्ता 11 और 12 अप्रैल, 2023 को अगरतला, त्रिपुरा में एशियाई संगम (ASCON) द्वारा आयोजित की गई थी।

विवरण

  • भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र, जिसमें आठ राज्य शामिल हैं, तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है और इसने विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अच्छा काम किया है।
  • ऐसे समय में जब यह क्षेत्र आर्थिक विकास की ओर बढ़ रहा है, हाल ही में त्रिपुरा में आयोजित भारत-जापान बौद्धिक संवाद ने विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं की सोच का मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान किया है।
  • इसने दिखाया है कि बांग्लादेश, भारत और जापान की तिकड़ी के करीब आने से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने और विकास करने में मदद मिल सकती है।

विज़न और अवसर

  • बांग्लादेश और पूर्वोत्तर भारत के लिए दीर्घकालिक विज़न और लक्ष्य 220 मिलियन की आबादी को सुविधाएँ प्रदान करने वाला एक हब और प्रमुख औद्योगिक गलियारा बनना है।
  • भारत का पूर्वोत्तर भाग विशाल प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और यह रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नेपाल, भूटान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ लंबी सीमाएँ साझा करता है।
  • मातरबारी डीप सी पोर्ट (DSP): मातरबारी डीप सी पोर्ट (DSP) का विकास सबसे महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है।
    • इस पोस्ट को जापानी सहायता से बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी तट पर विकसित किया जा रहा है और इसके 2027 में पूरा होने की उम्मीद है।
    • ASCON के एक अध्ययन ने इस बंदरगाह को “एक गेम चेंजर” माना है क्योंकि यह न केवल बांग्लादेश की जरूरतों को पूरा करता है बल्कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की जरूरतों को भी पूरा करता है।
  • भारत में जापान के राजदूत के अनुसार, महत्वपूर्ण होने के बावजूद सड़कों और रेलवे की बढ़ी हुई कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय औद्योगिक मूल्य श्रृंखलाओं के विकास के बिना अपेक्षित परिणाम नहीं देगी।
    • इस प्रकार, उन क्षेत्रों में तीव्र औद्योगीकरण की आवश्यकता है जो इन पूर्वोत्तर राज्यों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करते हैं क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि नए संपर्क लिंक पूरी तरह से प्रयुक्त और उत्पादक हैं।
    • इन सड़कों और बंदरगाहों के निर्माण और विकास के साथ-साथ घरेलू और विदेशी निवेश वाले नए औद्योगिक उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसरों का सृजन होना चाहिए।
  • कृषि-प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, मानव निर्मित फाइबर, दोपहिया वाहनों और फार्मास्यूटिकल्स की असेंबली जैसे विभिन्न क्षेत्रों को शामिल करने वाले मूल्य श्रृंखला और विनिर्माण केंद्र स्थापित करने का अवसर मौजूद है क्योंकि इन क्षेत्रों की जनसंख्या सेवा क्षेत्र में पहले से ही उत्कृष्ट है जिसने निवेश को आकर्षित किया है।

भावी कदम:

  • ऐसी आर्थिक चुनौतियाँ मौज़ूद हैं जो इच्छित विज़न को प्राप्त करने में बाधाओं के रूप में कार्य करती हैं, जिसमें जापान के साथ पूर्वोत्तर में एकमात्र निवेशक होने से जुड़ी समस्याएं, भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश में रुचि की कमी और बांग्लादेश से निवेश के प्रवाह पर विभिन्न प्रतिबंध शामिल हैं।
    • हालाँकि, इनमें से अधिकांश निवेश चुनौतियों को नीतिगत अभिसरण और तीन देशों के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंध बनाकर हल किया जा सकता है।
  • बांग्लादेश, जिसने भारत और बांग्लादेश के बीच बुनियादी ढांचे की कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान की है, ने अब नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे अन्य देशों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए भारत से “पारस्परिकता” का आह्वान किया है।
    • बांग्लादेश को इन देशों के साथ अपनी कनेक्टिविटी में सुधार करने में मदद करके, भारत यह सुनिश्चित कर सकता है कि बांग्लादेश भारत की एक्ट ईस्ट नीति (Act East Policy) का एक अभिन्न अंग बन जाए।
  • इसके अलावा, जबकि क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा रही है, इस तरह की चर्चाओं में बिम्सटेक (BIMSTEC) को शामिल करना भी महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह समूह बंगाल की खाड़ी समुदाय (BOBC) की स्थापना के अपने दृष्टिकोण की दिशा में आगे बढ़े।
  • दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के एक बड़े हिस्से के बीच प्रभावी संपर्क सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश, भारत और जापान की तिकड़ी (BIJ) और विदेश मंत्रियों से निर्मित BIJ फोरम की स्थापना की जानी चाहिए।

सारांश:

  • बांग्लादेश, भारत और जापान की तिकड़ी को करीब लाने और इन देशों के बीच संबंधों का एक व्यापक जाल विकसित करने से न केवल दक्षिण एशिया के एक बड़े हिस्से को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव भी आएंगे।

भारत-रूस व्यापार समीकरण:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत से जुड़े द्विपक्षीय समूह और समझौते।

मुख्य परीक्षा: भारत-रूस व्यापार संबंधों की प्रवृत्ति।

प्रसंग

  • फरवरी 2023 में, रूस ने वित्त वर्ष 23 में भारत के लिए कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनते हुए सऊदी अरब को प्रतिस्थापित कर दिया, जबकि इराक कच्चे तेल का सबसे बड़ा निर्यातक बना रहा।

विवरण

  • नवंबर 2022 और फरवरी 2023 के बीच, रूस भारत के लिए कच्चे तेल का शीर्ष आपूर्तिकर्ता रहा है और सऊदी अरब और इराक की हिस्सेदारी में गिरावट की प्रवृत्ति दिखी है।

  • रूस से आयात में बढ़ती प्रवृत्ति सिर्फ कच्चे तेल तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य उत्पादों में भी है।
    • वित्त वर्ष 2022-23 (फरवरी तक) में, परियोजना वस्तुओं के भारत के आयात में रूस की हिस्सेदारी 50% है, जिसमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवश्यक सामग्री शामिल है।
    • इसके अलावा, वित्त वर्ष 2022-23 में अखबारी कागज के रोल, खनिज/रासायनिक उर्वरकों और सूरजमुखी/कपास के बीज के तेल के आयात में रूस की हिस्सेदारी लगभग 30% है।

  • भारत द्वारा रूस को किए जाने वाले निर्यात में फार्मा उत्पाद, क्रस्टेशियन, चाय, कॉफी आदि शामिल हैं। हालांकि, रूस से भारत के आयात की तुलना में इन उत्पादों का मूल्य अपेक्षाकृत कम है।

  • तेल आयात के साथ-साथ अन्य उत्पादों में अचानक वृद्धि के परिणामस्वरूप हाल के दिनों में रूस के साथ भारत का व्यापार घाटा काफी बढ़ गया है।

सारांश:

  • ऐसे समय में जब भारत और रूस के बीच व्यापार घाटा रूस के पक्ष में काफी बढ़ रहा है, दोनों देश इस मुद्दे को हल करने और व्यापार असंतुलन को कम करने पर सहमत हुए हैं। इस संदर्भ में रूस अब भारत से 500 से अधिक उत्पादों का आयात करना चाहता है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.लॉकबिट रैंसमवेयर (LockBit Ransomware) क्या है और यह विशेष रूप से एप्पल के कंप्यूटरों को कैसे लक्षित कर रहा है?

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी -विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।

प्रारंभिक परीक्षा: लॉकबिट रैंसमवेयर।

  • यह पाया गया है कि लॉकबिट रैंसमवेयर Mac उपकरणों को अपना निशाना बना रहा है।
  • यह विशेष रूप से एप्पल कंप्यूटरों को लक्षित करने वाला पहला बड़ा रैंसमवेयर ऑपरेशन है।
  • ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि यू.के. की डाक सेवाओं पर साइबर हमले के लिए वही गिरोह जिम्मेदार है, जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग रुक गई थी।

लॉकबिट रैंसमवेयर:

  • यह पीड़ितों के सिस्टम में घुसपैठ करने और महत्वपूर्ण फाइलों को एन्क्रिप्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • यह पहली बार सितंबर 2019 में पाया गया था और इसे “abcd” वायरस कहा गया था।
  • लॉकबिट को “क्रिप्टो वायरस” के रूप में वर्गीकृत किया गया है क्योंकि यह पीड़ित की फ़ाइल को डिक्रिप्ट करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान की मांग करता है।
  • यह पहली बार है कि ये एन्क्रिप्टर्स विंडोज, लिनक्स और वीएमवेयर ESXi सर्वरों के बजाय मैक उपकरणों को लक्षित कर रहे हैं।
  • यह एक स्वयं फैलने वाला मैलवेयर है।
  • यह निष्पादन योग्य एन्क्रिप्शन फ़ाइलों को .png फॉर्मेट में परिवर्तित करके छिपा देता है। यह प्रारूप उन्हें सिस्टम सुरक्षा तंत्र द्वारा खोजे जाने से रोकता है।
  • मैलवेयर का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि लॉकबिट गैंग (दल) की सहायता के बिना डेटा रिकवरी असंभव हो।
  • लॉकबिट रैंसमवेयर-एज-ए-सर्विस (ransomware-as-a-service (Raas)) मॉडल पर काम करता है।

लॉकबिट रैंसमवेयर से सिस्टम को सुरक्षित रखने के तरीके:

  • मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण के साथ मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करना चाहिए।
  • साइबर हमलों की पहचान करने के लिए संगठनों को कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
  • पुराने और अप्रयुक्त एकाउंट्स को निष्क्रिय कर देना चाहिए।
  • संगठनों और यहां तक कि व्यक्तियों को भी संवेदनशील बिंदुओं और साइबर सुरक्षा (cybersecurity) खतरों के बारे में जागरूक होना चाहिए।

रैंसमवेयर अटैक [यूपीएससी नोट्स] से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Ransomware Attack [UPSC Notes]

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. भारत और चीन ने मोल्दो में 18वीं कोर कमांडर वार्ता की:
  • भारत और चीन के बीच कोर कमांडर वार्ता का 18वां दौर मोल्दो (Moldo) में आयोजित किया गया था।
  • बैठक का फोकस डेमचोक और डेपसांग मैदानों से डिसइंगेजमेंट था।
  • इन प्रयासों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मई 2020 से चल रहे गतिरोध को हल करना है।

भारत-चीन संघर्ष – गालवान घाटी संघर्ष [आईएएस के लिए विस्तृत विश्लेषण और सारांश] से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: India-China Conflict – Galwan Valley Clash. Detailed Analysis & Summary for IAS

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. ‘अनुभव मंतपा’ (Anubhava Mantapa), जिसे ‘दुनिया की पहली संसद’ माना जाता है, किसके द्वारा स्थापित की गई थी? (स्तर- मध्यम)

  1. बसवन्ना
  2. कृष्णदेवराय
  3. कृष्णराज वाडियार
  4. पुलकेशिन

उत्तर:a

व्याख्या:

  • अनुभव मंतपा की स्थापना बसवन्ना ने 12वीं सदी में की थी। यह कर्नाटक के बीदर जिले के बसवकल्याण में स्थित है। यह दुनिया की पहली धार्मिक संसद है।

प्रश्न 2. मध्याह्न भोजन (MDM) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर- मध्यम)

  1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA, 2013) में मध्याह्न भोजन योजना सहित कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
  2. मध्याह्न भोजन नियम, 2015 में MDM के लिए स्कूल के पास उपलब्ध अन्य निधियों के अस्थायी उपयोग के लिए प्रावधान है, यदि स्कूल किसी भी कारण से MDM निधि समाप्त कर देता है।
  3. बच्चों को भोजन परोसने का स्थान केवल विद्यालय होगा।
  4. यदि खाद्यान्न की अनुपलब्धता, खाना पकाने की लागत, ईंधन या रसोइया-सह-सहायता की अनुपस्थिति या किसी अन्य कारण से किसी भी स्कूल के दिन मध्याह्न भोजन प्रदान नहीं किया जाता है, तो केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा भत्ता का भुगतान करेगी।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1, 2 और 3

(b) केवल 2, 3 और 4

(c) केवल 1 और 4

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर:a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: NFSA अधिनियम के तहत मध्याह्न भोजन योजना (MDMS), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और एकीकृत बाल विकास सेवाएं (ICDS) जैसी योजनाएं शामिल हैं।
  • कथन 2 सही है: MDM नियमों के तहत, MDM निधि समाप्त होने की स्थिति में स्कूलों को मध्याह्न भोजन के लिए अन्य फंड का उपयोग करने का अधिकार है।
  • कथन 3 सही है: बच्चों को भोजन परोसने का स्थान केवल स्कूल होगा।
  • कथन 4 गलत है: MDM नियम 2015 के तहत, यदि किसी स्कूल के बच्चों को लगातार 3 स्कूल दिनों या महीने में 5 दिनों तक भोजन नहीं मिलता है, तो संबंधित राज्य सरकार को किसी व्यक्ति या एजेंसी पर जिम्मेदारी तय करनी होगी।

प्रश्न 3. वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर- मध्यम)

  1. यह एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय है जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली की निगरानी और सिफारिशें करता है। इसकी स्थापना 2009 में G33 के तत्वावधान में की गई थी।
  2. आर्थिक मामलों के विभाग में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) का सचिवालय FSB के साथ भारत के विचारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न वित्तीय क्षेत्र के नियामकों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय करता है।

विकल्प:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) दोनों

(d) कोई नहीं

उत्तर:b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: वित्तीय स्थिरता बोर्ड एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय है जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली की निगरानी करता है और इसके लिए सिफारिशें करता है। इसे वित्तीय स्थिरता फोरम के उत्तराधिकारी के रूप में अप्रैल 2009 में G20 लंदन शिखर सम्मेलन के बाद स्थापित किया गया था।
  • कथन 2 सही है: आर्थिक मामलों के विभाग में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) का सचिवालय FSB के साथ भारत के विचारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न वित्तीय क्षेत्र के नियामकों और अन्य प्रासंगिक एजेंसियों के साथ समन्वय करता है। यह एक स्वायत्त निकाय है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन-सा ‘मूल संरचना’ सिद्धांत का हिस्सा हैं? (स्तर- सरल)

  1. शक्तियों का विभाजन
  2. सरकार का अध्यक्षात्मक स्वरुप
  3. न्याय तक प्रभावी पहुंच
  4. व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा
  5. मौलिक अधिकारों और निर्देशक सिद्धांतों के बीच सामंजस्य और संतुलन

विकल्प:

(a) केवल 1, 2 और 3

(b) केवल 1, 4 और 5

(c) केवल 1, 3, 4 और 5

(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर:c

व्याख्या:

संविधान की कुछ मूल संरचनाएँ इस प्रकार हैं:

  1. संविधान की सर्वोच्चता
  2. भारत की एकता और संप्रभुता
  3. सरकार का लोकतांत्रिक और गणतांत्रिक स्वरुप
  4. संविधान का संघीय चरित्र
  5. संविधान का धर्मनिरपेक्ष चरित्र
  6. शक्ति का विभाजन
  7. व्यक्तिगत स्वतंत्रता
  8. मौलिक अधिकारों और DPSP के बीच सामंजस्य और संतुलन
  9. न्याय तक प्रभावी पहुंच, आदि

प्रश्न 5. बिस्फेनॉल ए (BPA) क्या है? (स्तर- सरल)

(a) कैंसर का पता लगाने के लिए एक चिकित्सा परीक्षण

(b) एथलीटों के प्रदर्शन में सुधार के लिए दवाओं के उपयोग की जाँच करने के लिए एक परीक्षण

(c) खाद्य-पैकेजिंग सामग्री के विकास के लिए प्रयुक्त एक रसायन

(d) एक विशेष प्रकार का मिश्र धातु इस्पात

उत्तर:c

व्याख्या:

  • यह एक रसायन है जो मुख्य रूप से प्लास्टिक और रेजिन के निर्माण के लिए अन्य रसायनों के साथ संयोजन में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग खाद्य-पैकेजिंग सामग्री के विकास के लिए किया जाता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. “भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश ने देश की वृद्धि और विकास के संदर्भ में अवसर का द्वार खोल दिया है जिसका लाभ द्वार बंद होने से पहले उठाने की आवश्यकता है”। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) [ जीएस-1, समाज]

प्रश्न 2. “यद्यपि भारत और जापान ने हिंद-प्रशांत को खुला और मुक्त रखने में साझा रुचि दिखाई है, फिर भी उनके द्विपक्षीय सहयोग में कमी है।” टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) [जीएस-2, अंतर्राष्ट्रीय संबंध]