24 फरवरी 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: राजव्यवस्था:
सामाजिक न्याय:
अर्थव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
यूक्रेन में रूसी संघर्ष का अतीत और वर्तमान
विषय: विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
मुख्य परीक्षा: रूस-यूक्रेन युद्ध
संदर्भ:
- 24 फरवरी 2023 को रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण किए जाने का एक वर्ष पूरा हो गया है।
युद्ध में नवीनतम घटनाक्रम:
चित्र स्रोत: The Hindu
- पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को और अधिक उन्नत हथियारों की आपूर्ति की घोषणा की है और इसके जवाब में, रूसी राष्ट्रपति ने हजारों सैनिकों कि तैनाती के साथ यूक्रेन में रूसी स्थिति को मजबूत किया है और न्यू स्टार्ट संधि में रूस की भागीदारी को निलंबित करने की भी घोषणा की है।
- आने वाले दिनों में रूस द्वारा नए सिरे से हमले करने की भी उम्मीद है।
- PMC वैगनर नामक एक निजी रूसी सुरक्षा बल, बखमुत शहर पर कब्जा करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो डोनेट्स्क क्षेत्र में कई प्रमुख क्षेत्रों के क्रॉस जंक्शन पर स्थित है। गौरतलब है कि डोनेट्स्क क्षेत्र सितंबर 2022 में रूस द्वारा कब्जा किए गए चार क्षेत्रों में से एक है।
- हाल ही में, वैगनर समूह ने बखमुत के समीप स्थित एक नमक खदान शहर सोलेदार और शहर के आसपास की कई अन्य बस्तियों पर नियंत्रण कर लिया है।
- हालाँकि, पश्चिम से हथियारों के मुक्त प्रवाह के साथ यूक्रेन रूसी स्थिति को कमजोर करना चाहता है और हारे हुए क्षेत्रों को फिर से हासिल करने के लिए नए सिरे से आक्रमण शुरू करना चाहता है।
युद्ध में रूस की स्थिति:
- युद्ध की शुरुआत में रूस और यूक्रेन के बीच शक्ति विषमता को देखते हुए, रूसी सैनिकों का प्रदर्शन और अर्जित लाभ यूक्रेन पर भारी रहे हैं।
- रूस युद्ध की शुरुआत में अपने द्वारा निर्धारित किए गए अधिकांश उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहा है जिसमें यूक्रेन के पूर्व और दक्षिण के संपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा करना और यूक्रेन का विसैन्यीकरण और विनाज़ीकरण (de-Nazification) करना शामिल था।
- यूक्रेन में रूस का क्षेत्रीय कब्ज़ा मार्च 2022 में अपने चरम पर पहुंच गया था, जब उसने 2014 से पहले के यूक्रेन के लगभग 22% हिस्से को नियंत्रित कर लिया था। हालाँकि, तब से यूक्रेन ने ख़ारकीव और खेरसॉन क्षेत्रों में अपनी कुछ खोई हुई भूमि को पुनः प्राप्त कर लिया है।
- वर्तमान में रूस, यूक्रेन के करीब 17% क्षेत्रों को नियंत्रित करता है।
- रूस मुख्य भूमि रूस से क्रीमिया को जोड़ने वाले एक भूमि पुल को सुरक्षित करने में भी सक्षम रहा है जो डोनबास और ज़ापोरिज़्ज़िया क्षेत्रों से गुजरता है।
पश्चिम की रणनीति:
- पश्चिम की रणनीति मुख्य रूप से दो प्रकार की रही है, अर्थात्:
- रूस की अर्थव्यवस्था को चोट पहुँचाने के लिए उस पर प्रतिबंध लगाना जो रूस की युद्ध को वहन करने की क्षमता को कमजोर कर देगा।
- रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करना।
- पश्चिम के इस समर्थन ने यूक्रेन के प्रतिरोध और पलटवार करने कि क्षमता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- अमेरिका ने यूक्रेन को करीब 70 अरब डॉलर की सैन्य और वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
- यूरोपीय संघ ने 37 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता देने का वचन दिया है और यू.के. तथा जर्मनी जैसे अन्य यूरोपीय देश भी यूक्रेन को सहायता प्रदान कर रहे हैं।
- जब यूक्रेन को मारियुपोल, सेवेरोडोनेत्स्क और लिसिचांस्क क्षेत्रों में व्यापक नुकसान उठाना पड़ा था, तो अमेरिका ने हिमार्स (HIMARS) नामक अपने मध्य-श्रेणी के रॉकेट सिस्टम भेजे थे, जिसने यूक्रेन को हमले का मुकाबला करने में मदद की।
प्रतिबंधों का प्रभाव:
- रूस, जो दुनिया भर में तेल और गैस के शीर्ष उत्पादकों में से एक है, पर प्रतिबंध लगाने का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
- प्रतिबंधों ने पूरे पश्चिम में, विशेष रूप से यूरोप में मुद्रास्फीति संकट को जन्म दिया है।
- महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित होने के बावजूद, रूस को एशिया में अपने ऊर्जा निर्यात के लिए वैकल्पिक बाज़ार मिल गए हैं।
- वर्ष 2022 में, रूस ने अपने तेल उत्पादन में लगभग 2% की और तेल निर्यात से होने वाली अपनी आय में लगभग 20% की वृद्धि दर्ज की थी।
- रूस ने प्राकृतिक गैस के निर्यात से करीब 138 बिलियन डॉलर की कमाई की थी जो 2021 की तुलना में 80% की वृद्धि को दर्शाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2022 में रूसी अर्थव्यवस्था के 2% तक संकुचित होने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन इसके वर्ष 2023 में 0.3% और अगले वर्ष 2.1% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
शांति योजना के लिए संभावनाएँ:
- इज़रायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के अनुसार, दोनों देशों ने मार्च 2022 में संभावित शांति योजना के बारे में विभिन्न मसौदों का आदान-प्रदान किया था। हालांकि, अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस के साथ किसी भी समझौते पर पहुंचने से यूक्रेन का विरोध किया।
- जुलाई 2022 में पुनः, तुर्की और संयुक्त राष्ट्र ने रूस और यूक्रेन के बीच काला सागर अनाज पहल (Black Sea Grain Initiative) की मध्यस्थता की, जिसने काला सागर के माध्यम से यूक्रेनी अनाज निर्यात को फिर से शुरू करने में सक्षम बनाया।
- इन उदाहरणों के अलावा, दोनों पक्षों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है और पश्चिम से भी बातचीत के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी शांति योजना के सफल होने के लिए सबसे पहले दो जटिल मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए, जो यूक्रेन की अपने क्षेत्रों को लेकर व्याप्त चिंताएं और रूस की अपनी सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं। इसके लिए मुख्य रूप से अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों और रूस को किसी एक समझौते पर पहुंचने की जरूरत है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Russia-Ukraine Conflict
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
भारत में दल-बदल विरोधी कानून:
विषय: भारतीय संविधान
मुख्य परीक्षा: भारत में दल-बदल विरोधी कानून की कार्यप्रणाली।
संदर्भ:
- भारत का सर्वोच्च न्यायालय वर्तमान में लोकप्रिय रूप से “महाराष्ट्र राजनीतिक विवाद मामलों” के रूप में जाने जाने वाले मामलों के एक समूह की सुनवाई कर रहा है।
पृष्ठभूमि:
- “महाराष्ट्र राजनीतिक विवाद मामले” जून 2022 में महाराष्ट्र में सरकार के गठन से संबंधित मामलों के एक समूह को संदर्भित करते हैं।
- शिवसेना पार्टी के आंतरिक विभाजन के उपरांत सत्तारूढ़ गठबंधन (शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस) के सत्ता खोने के बाद विवाद खड़ा हो गया था।
- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले एक धड़े ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करके नया सत्ताधारी गठबंधन बना लिया था।
- तब से विभिन्न दलों के बीच विवाद जारी रहे हैं, सबसे हालिया घटनाक्रम भारतीय चुनाव आयोग के आदेश से संबंधित है जिसमें शिवसेना दल का नाम और प्रतीक एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया गया है।
दसवीं अनुसूची:
- भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची, जिसे दल-बदल विरोधी कानून के रूप में भी जाना जाता है, को 1985 में 52वें संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
- इसमें संसद सदस्यों (सांसदों) और विधान सभाओं के सदस्यों (विधायकों) को उनके राजनीतिक दल से दल-बदल के आधार पर अयोग्य ठहराने के प्रावधानों का उल्लेख है।
- दसवीं अनुसूची का मुख्य उद्देश्य सांसदों/विधायकों के व्यक्तिगत लाभ के लिए अन्य दलों में जाने या विधिवत निर्वाचित सरकारों को गिराने की प्रथा पर अंकुश लगाना है।
दसवीं अनुसूची के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Tenth Schedule
दसवीं अनुसूची की क्रियाविधि:
- भारतीय संविधान के तहत दसवीं अनुसूची की कार्यप्रणाली कमज़ोर रही है। जबकि इस कानून का उद्देश्य दल-बदल को रोकना और राजनीतिक व्यवस्था में स्थिरता को बढ़ावा देना था, लेकिन यह इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में हमेशा प्रभावी नहीं रहा है।
- हाल के दिनों में, राजनेताओं ने दल-बदल विरोधी कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए विभिन्न रणनीतियों को अपनाया है।
- हाल के उदाहरणों में नए चुनाव के लिए विवश करने हेतु बड़े पैमाने पर इस्तीफे (दल-बदल के बजाय) और शपथ ग्रहण समारोह तथा फ्लोर टेस्ट के समय के संबंध में राज्य के राज्यपालों (जो केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत होते हैं) द्वारा पक्षपातपूर्ण कार्रवाई शामिल हैं।
- दसवीं अनुसूची के साथ मुख्य चुनौतियों में से एक इसे प्रभावी ढंग से लागू करने में कठिनाई रही है।
- कानून में सांसदों/विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने की शक्ति सदन के अध्यक्ष या सभापति को दी गई है, जिसके कारण प्रायः देरी होती है और कभी-कभी वह राजनीतिक रूप से पक्षपाती होते हैं।
- ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां अध्यक्षों ने अयोग्यता याचिकाओं को विलंबित या अनदेखा किया है, या सत्तारूढ़ दल के पक्ष में पक्षपातपूर्ण निर्णय दिए हैं।
- दसवीं अनुसूची के साथ एक और समस्या यह है कि यह दल के नेतृत्वकर्त्ताओं को बहुत शक्ति देती है।
- कानून विधायकों पर दल के निर्णय को मानने और दल के नेतृत्व के निर्देशों का पालन करने के लिए दबाव डालता है, भले ही यह उनकी अपनी मान्यताओं या उनके मतदाताओं के हितों के खिलाफ हो।
- इसके अलावा, ऐसे कई उदाहरण हैं जहां राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दसवीं अनुसूची का दुरुपयोग किया गया है। दल प्रायः विधायकों को उनका समर्थन करने के लिए, या प्रतिद्वंद्वी सरकारों को गिराने के लिए अयोग्यता का डर दिखाते हैं।
- ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं जहां सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी विधायकों को निशाना बनाने के लिए कानून का इस्तेमाल किया है, जबकि अपने ही दल के भीतर दल-बदल पर आंख बंद कर ली है।
न्यायपालिका की भूमिका:
- हाल के वर्षों में, न्यायपालिका दल-बदल विरोधी कानून को लागू करने में सक्रिय रही है। इसने अध्यक्षों या सदनों के सभापतियों के कई निर्णयों को रद्द कर दिया है, और अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं।
- न्यायपालिका ने कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए दसवीं अनुसूची के प्रावधानों को भी स्पष्ट और व्याख्यायित किया है और यह सुनिश्चित किया है कि इसे निष्पक्ष तरीके से लागू किया जाए।
- हालाँकि, सरकारों का गिरना हमेशा की तरह लगातार जारी है। राजनेता सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के साथ-साथ दसवीं अनुसूची में भी खामियां ढूंढ रहे हैं।
- दल-बदल विरोधी मामलों में हस्तक्षेप करने का सर्वोच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र संविधान द्वारा सीमित है, जो सदन के अध्यक्ष या सभापति को अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने की शक्ति देता है।
- इससे अदालत के लिए ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि उसे अयोग्यता प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित करने की आवश्यकता के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों को भी संतुलित करना पड़ता है।
- विलंबित न्यायिक हस्तक्षेप सरकार के पतन को तेज कर सकता है और दसवीं अनुसूची को एक मृत पत्र में बदल सकता है।
- चल रहे मामले में न्यायालय का फैसला राजनीतिक शक्ति के प्रतिकार के रूप में कार्य कर सकता है, और सरकार बनाने और गिराने की राजनीति में संवैधानिकता का मर्म डाल सकता है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
सामाजिक न्याय:
बच्चे के अधिकार
विषय: बच्चों से संबंधित मुद्दे
मुख्य परीक्षा: भारत में एक बच्चे के सामंजस्यपूर्ण पालन-पोषण के अभिन्न अधिकार।
संदर्भ:
- नाबालिग बच्चे के डीएनए टेस्ट पर सर्वोच्च न्यायालय का आदेश।
भूमिका:
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि व्यभिचार को साबित करने के संक्षिप्त मार्ग के रूप में तलाक प्रक्रिया में शामिल माता-पिता के बीच प्रत्येक मामले में बच्चों का डीएनए टेस्ट नहीं किया जा सकता है।
- अपने दूसरे बच्चे से संबंधित स्वयं के पितृत्व पर सवाल उठाने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में, अदालत ने कहा कि आनुवंशिक जानकारी अंतरंग और व्यक्तिगत है और यह एक बच्चे के मौलिक अधिकार का हिस्सा है, इसलिए बच्चों को यह अधिकार है कि उनकी वैधता पर कानून के समक्ष सवाल न उठाया जाए।
- सर्वोच्च न्यायालय ने पारिवारिक अदालतों को यह भी निर्देश दिया कि बच्चों को भौतिक वस्तु के रूप में नहीं माना जाना चाहिए और उनका फोरेंसिक/डीएनए टेस्ट नहीं किया जाना चाहिए, खासकर तब, जब वे तलाक की कार्यवाही के पक्षकार नहीं हैं।
- न्यायालय ने यह भी कहा कि डीएनए टेस्ट की अनुमति देने से मां की प्रतिष्ठा और सम्मान को भी नुकसान पहुंचेगा। इसलिए, पारिवारिक अदालतों को अंतिम उपाय के रूप में केवल उचित परिस्थितियों में और न्याय के हित में ही डीएनए टेस्ट का निर्देश देना चाहिए।
डीएनए टेस्ट पर नीति:
- शारदा बनाम धर्मपाल मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि एक वैवाहिक अदालत (Matrimonial Court) के पास किसी व्यक्ति को चिकित्सा परीक्षण करवाने का आदेश देने की शक्ति है। ऐसा आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन नहीं होगा।
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 कानूनी कार्यवाही में डीएनए साक्ष्य सहित वैज्ञानिक साक्ष्य की स्वीकार्यता की अनुमति देता है। हालांकि, डीएनए साक्ष्य की स्वीकार्यता प्रत्येक मामले की परिस्थितियों और साक्ष्य की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।
भारत में बाल अधिकार के विभिन्न पहलुओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Various aspects of Child’s right in India
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
यूपीआई और पे नाउ (PayNow) एकीकरण:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
मुख्य परीक्षा: अन्य कैशलेस लेन-देन विधियों की तुलना में UPI के लाभ।
संदर्भ:
- हाल ही में, भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) और सिंगापुर के पे नाउ (PayNow) को एकीकृत किया गया है।
मुख्य विवरण:
- सितंबर 2021 में परियोजना की शुरुआत के बाद फरवरी 2023 में भारत के UPI और सिंगापुर के पे नाउ के आधिकारिक एकीकरण की घोषणा की गई थी।
- एकीकरण का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पारदर्शी सीमा पार लेन-देन तथा प्रेषण, व्यापार और यात्रा से संबंधित कुशल और तेज भुगतान की सुविधा प्रदान करना है।
- एकीकरण “रियल टाइम पेमेंट लिंकेज” की अनुमति देता है और इस प्रकार प्रतिस्पर्धी दर पर दोनों देशों के बीच तीव्र प्रेषण को सक्षम बनाता है।
यूपीआई और पे नाउ (PayNow):
- एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जो एक ही मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दो बैंक खातों के बीच धन के शीघ्र और त्वरित हस्तांतरण को सक्षम बनाता है।
- पे नाउ एक तीव्र भुगतान प्रणाली है जो सिंगापुर में भागीदार बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों (NFIs) के माध्यम से खुदरा ग्राहकों के लिए सुलभ है।
- यह पीयर-टू-पीयर धन हस्तांतरण सेवा को सक्षम करता है, जिससे उपयोगकर्ता केवल अपनी विदेशी पहचान संख्या (FIN) या सिंगापुर राष्ट्रीय पंजीकरण पहचान पत्र (NRIC) या मोबाइल नंबर का उपयोग करके सिंगापुर में ई-वॉलेट या एक बैंक खाते से दूसरे में तत्काल धन प्राप्त कर सकते हैं और भेज सकते हैं।
यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: UPI-PayNow Linkage
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
भारत के अनुसंधान एवं विकास अनुमान:
विषय: संसाधन जुटाना।
मुख्य परीक्षा: भारत में अनुसंधान एवं विकास के आंकड़ों के संकलन से संबंधित विभिन्न मुद्दे।
संदर्भ:
- इस लेख में भारत के अनुसंधान और विकास (R&D) के आंकड़ों पर चर्चा की गई है।
भूमिका:
- भारत का अनुसंधान एवं विकास व्यय-GDP अनुपात अन्य विकसित देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम रहा है। राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली (NSTMIS) के अनुसार, 2018-19 में भारत में R&D व्यय-GDP अनुपात लगभग 0.7% था।
- जबकि इसमें पिछले वर्षों की तुलना में वृद्धि हुई है, लेकिन यह अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित कई अन्य देशों के R&D व्यय-GDP अनुपात से काफी कम है, जो सभी R&D में अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3% से अधिक निवेश करते हैं।
गलत आंकड़ें:
- मुख्य कारण कॉर्पोरेट क्षेत्र द्वारा अनुसंधान एवं विकास में कम निवेश है। जबकि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में R&D पर सकल घरेलू व्यय (GERD) में कॉर्पोरेट क्षेत्र का योगदान लगभग दो-तिहाई है, वहीं भारत में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 37% है।
- हालाँकि, साक्ष्य बताते हैं कि भारत का GERD डेटा अधूरा और गलत है।
- उदाहरण के लिए, यू.एस.-आधारित बहुराष्ट्रीय निगमों (MNCs) द्वारा विदेशी अनुसंधान एवं विकास पर संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) की 2022 की जानकारी के अनुसार 2018 में भारत में R&D पर $9.5 बिलियन (₹649.7 बिलियन) का व्यय किया गया था।
- लेकिन 2020 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा प्रकाशित नवीनतम अनुसंधान और विकास आंकड़ों के अनुसार विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा 2017-18 में अनुमानतः ₹60.9 बिलियन R&D पर व्यय किया गया है, जो कि R&D पर भारत में व्यय के संबंध में अमेरिकी फर्मों द्वारा जारी संख्या का लगभग 10% ही है।
मौजूदा प्रणाली से जुड़ी समस्याएं:
- भारत में GERD आंकड़ों का संकलन NSTMIS करता है। और इसे निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र से डेटा एकत्र करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- GERD के बारे में संकलित आंकड़ों के साथ एक समस्या यह परिभाषित करने की चुनौती है कि वास्तव में किसे अनुसंधान और विकास के रूप में माना जाए। अलग-अलग देशों और संगठनों की इस संबंध में अलग-अलग परिभाषाएं और मापदंड हो सकते हैं कि R&D व्यय के रूप में क्या मान्य है, इसके कारण रिपोर्ट किए गए आंकड़ों में विसंगतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
- R&D कार्य करने वाली फर्मों की पहचान हेतु NSTIMS द्वारा उपयोग की जाने वाली विधि के तहत फर्मों के पंजीकरण और वर्गीकरण में विसंगति के कारण R&D में संलग्न सभी फर्मों को शामिल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
- उदाहरण के लिए, सिगट्यूपल टेक्नोलॉजीज (SigTuple Technologies), जो भारत में एक अग्रणी स्टार्ट-अप है और जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित हेल्थटेक पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और जो 2021 तक 19 पेटेंट दायर कर चुका है, सरकारी डेटाबेस में सूचीबद्ध ही नहीं है।
- उन फर्मों का डेटा द्वितीयक स्रोतों जैसे वार्षिक रिपोर्ट और कौशल डेटाबेस से एकत्र किया जाता है, जो NSTIMS द्वारा की जाने वाले सर्वेक्षण में शामिल नहीं होती हैं।
- यह तरीका तभी काम करेगा जब कंपनियां अपने R&D खर्च का खुलासा करेंगी। हालांकि, कुछ कंपनियां अपनी घोषणाओं के बावजूद R&D पर किसी भी व्यय का विवरण प्रदान नहीं करती हैं, जबकि उन कंपनियों के पास भारत में पेटेंट भी मौज़ूद हैं।
- इसके अतिरिक्त, R&D व्यय का सटीक रूप से मापन करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसमें बौद्धिक संपदा जैसी अमूर्त संपत्ति के मूल्य का आकलन करना शामिल हो सकता है।
भावी कदम:
- अल्पावधि में, NSTMIS को R&D में संलग्न उद्यमों की पहचान करने के लिए अपनी वर्तमान पद्धति के अलावा, भारत और अमेरिका दोनों देशों में पेटेंट प्रदान करने से संबंधित डेटा का उपयोग करना चाहिए।
- वार्षिक अनुसंधान एवं विकास अनुमान R&D आंकड़ों को सर्वेक्षणों तक सीमित रखने के बजाय अनिवार्य प्रकटीकरणों से तैयार किए जा सकते हैं जिसमें उद्यमों को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के समक्ष प्रकटीकरण करने की आवश्यकता होती है।
- अनुपालन और उचित रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए, तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है जैसा संशोधित आयकर विवरणी प्रपत्रों के मामले में किया जाता है, जहां विभिन्न खंड आपस में जुड़े हुए होते हैं।
- R&D व्यय के आंकड़ों सहित नियामक एजेंसियों के समक्ष जानकारी के उचित प्रकटीकरण को उद्यमों की पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन (ESG) रैंकिंग का एक अनिवार्य घटक बनाया जाना चाहिए।
- जबकि GERD के आँकड़े किसी देश में अनुसंधान और विकास की स्थिति में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं, लेकिन वे सभी प्रासंगिक कारकों को प्रकट नहीं कर सकते हैं, जैसे कि वित्त पोषित किये जाने वाले अनुसंधान की गुणवत्ता या उसका प्रभाव। अनुसंधान नीति और वित्त पोषण से संबंधित निर्णय लेते समय सांख्यिकीय डेटा की व्याख्या करना और सूचना के अन्य स्रोतों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- G-20 के लिए नौ अतिथि देश
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत से जुड़े वैश्विक समूह
प्रारंभिक परीक्षा: G20 के बारे में तथ्य
संदर्भ:
- G-20 शिखर सम्मेलन में “नौ अतिथि देशों” के अपनी योजनाओं के साथ शामिल होने की उम्मीद है, लेकिन वे अंततः G-20 की “निरंतरता” द्वारा निर्देशित होंगे।
G-20 या 20 का समूह:
चित्र स्रोत: pmindia.gov
- G-20 की स्थापना वर्ष 1999 में अभिजात वर्ग G-7 (पहले G-8) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के बीच एक स्वीकार्य माध्यम के रूप में हुई थी।
- G-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने वाला एक रणनीतिक बहुपक्षीय मंच है।
- भविष्य के वैश्विक आर्थिक विकास और समृद्धि को सुनिश्चित करने में G-20 की एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका है क्योंकि G-20 सदस्य:
- वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 80% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं
- लगभग 75% अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं
- दुनिया की आबादी के लगभग 60% का प्रतिनिधित्व करते हैं
- सदस्य: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ।
- यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि वर्तमान वर्ष में G-20 के “ट्रोइका” का गठन पहली बार उभरती अर्थव्यवस्थाओं से हुआ है जिसमें भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील शामिल हैं।
- भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को इंडोनेशिया से G-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण की थी और एक वर्ष के लिए अध्यक्ष पद संभालेगा।
- भारत की अध्यक्षता में, नौ देशों को “अतिथि देश” बनने के लिए आमंत्रित किया गया है, इनमें शामिल हैं: बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात।
- भारत के G-20 लोगो में भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है और इसका विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी-एक परिवार-एक भविष्य’ है।
- G-20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों – केसरिया, सफेद और हरे तथा नीले से प्रेरित है।
G-20 के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: G20
- भारतीय गैंडा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पर्यावरण:
विषय: जैव विविधता और संरक्षण
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय गैंडे और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
संदर्भ:
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मार्च 2022 में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित गैंडा जनसंख्या गणना पर “तथ्यात्मक रिपोर्ट” मांगी है।
भारतीय गैंडा:
चित्र स्रोत: IUCN
- भारतीय गैंडा (राइनोसेरोस यूनिकोर्निस), जिसे एक-सींग वाले विशाल गैंडों के रूप में भी जाना जाता है, तीन ज्ञात एशियाई गैंडों की सबसे बड़ी प्रजाति है। गैंडों की अन्य दो प्रजातियां जावा और सुमात्रा हैं।
- भारतीय गैंडा अपने एकल काले सींग के साथ-साथ धूसर-भूरे रंग की खाल और त्वचा की परतों के लिए जाना जाता है।
- भारतीय गैंडे एकान्त में रहने वाले जानवर हैं और ये (वयस्क नर) सिर्फ तालाबों में या चरने के लिए इकट्ठा होते हैं।
- गैंडों की अन्य प्रजातियों की तरह भारतीय गैंडे भी मुख्य रूप से चराई पर जीवनयापन करते हैं और घास इनका मुख्य आहार होता है।
- भारतीय गैंडे कभी पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में सिंधु नदी घाटी तक संपूर्ण उत्तरी भारत में पाए जाते थे।
- वर्तमान में, यह प्रजाति भारत और नेपाल में लगभग 11 आरक्षित क्षेत्रों तक सीमित है।
- असम स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य देश में सबसे प्रसिद्ध भारतीय गैंडा अभयारण्यों में से एक है।
- भारतीय गैंडे की जनसंख्या सीमा सीमित है, जिसकी 70% आबादी एक ही स्थान अर्थात काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पायी जाती है।
- IUCN लाल सूची स्थिति: सुभेद्य
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA) में संरक्षण स्थिति: अनुसूची-I के तहत संरक्षित
भारतीय गैंडे के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Indian Rhinoceros
महत्वपूर्ण तथ्य:
- जनवरी में रिकॉर्ड 1.59 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह हुआ
चित्र स्रोत: The Hindu
- केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत का वस्तु और सेवा कर (GST) राजस्व जनवरी में लगभग 12.7% बढ़कर 1.59 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो मासिक आधार पर दूसरा सबसे अधिक संग्रह है।
- वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के बीच कुल GST राजस्व 14.9 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है जो 2021-22 की इसी अवधि की तुलना में 23.1% अधिक है।
- GST संग्रह भी लगातार 11 महीनों तक 1.4 लाख करोड़ रुपए के स्तर से ऊपर रहा है जो वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद मजबूत घरेलू आर्थिक गतिविधि का संकेत देता है।
- इस वर्ष गर्मियों की जल्दी शुरुआत का गेहूं पर प्रभाव नहीं पड़ेगा: IARI निदेशक
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के निदेशक और प्रधान वैज्ञानिक ने कहा है कि गर्मियों की जल्दी शुरुआत की संभावना से इस रबी मौसम में गेहूं की फसल प्रभावित नहीं होगी।
- वर्तमान में, उत्तर पश्चिम भारत के गेहूं क्षेत्र में अधिकतम तापमान 26 से 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 12 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
- अधिकतम तापमान सामान्य से तीन या चार डिग्री सेल्सियस अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो या तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है।
- IARI द्वारा गेहूं की नई गर्मी-सहिष्णु किस्मों को जारी करने की भी उम्मीद है, जिसे उसने अनाज, फलों और सब्जियों की नई किस्मों के साथ विकसित किया है।
भारत में गेहूं की खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Wheat cultivation in India
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. संगीत नाटक अकादमी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर – कठिन)
- यह भारत गणराज्य द्वारा स्थापित पहली राष्ट्रीय कला अकादमी है।
- इसके प्रथम अध्यक्ष डॉ. सदाशिव राव थे।
- संगीत नाटक अकादमी संस्कृति मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है।
विकल्प:
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: विकल्प c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: संगीत नाटक अकादमी भारत की संगीत, नृत्य तथा नाटक की राष्ट्रीय अकादमी है और भारत गणराज्य द्वारा स्थापित प्रदर्शन कला की पहली राष्ट्रीय अकादमी है।
- कथन 2 सही नहीं है: डॉ. पी.वी. राजमन्नार संगीत नाटक अकादमी के पहले अध्यक्ष थे।
- कथन 3 सही है: संगीत नाटक अकादमी संस्कृति मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है।
प्रश्न 2. प्रयोगशाला में विकसित हीरे (LGD) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- प्रयोगशाला में विकसित हीरे के भौतिक और प्रकाशिक गुण प्राकृतिक हीरे के समान होते हैं।
- प्रयोगशाला में हीरे को बनाने की तुलना में पृथ्वी से प्राकृतिक हीरे को निकालने में अधिक ऊर्जा खर्च होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- कोई भी नहीं
उत्तर: विकल्प c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: प्रयोगशाला में विकसित हीरे (LGD) मानव निर्मित हीरे हैं जो उन्नत तकनीकों का उपयोग करके प्रयोगशालाओं में विकसित किए जाते हैं।
- प्रयोगशाला में विकसित हीरे में प्राकृतिक हीरे के समान भौतिक, रासायनिक और ऑप्टिकल गुण होते हैं।
- कथन 2 सही है: रिपोर्ट के अनुसार प्रयोगशाला में हीरा बनाने में लगने वाली ऊर्जा की तुलना में पृथ्वी से एक प्राकृतिक हीरे के निष्कर्षण में दस गुना अधिक ऊर्जा लगती है।
- इसके अलावा, प्राकृतिक हीरे के निष्कर्षण की तुलना में प्रयोगशाला में विकसित हीरे के निर्माण का पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 3. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के निम्नलिखित में से कौन-सा/से ऑपरेशन सुमेलित है/हैं? (स्तर – कठिन)
- ऑपरेशन AAHT- वन्यजीवों के अवैध व्यापार में शामिल तस्करों के विरुद्ध अभियान
- ऑपरेशन अमानत- बच्चों का बचाव
- ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते- यात्रियों के लिए अपना खोया हुआ सामान वापस पाना आसान बनाने की पहल
- ऑपरेशन वाइलेप- महिलाओं और बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाना
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2 और 4
- केवल 1, 3 और 4
- कोई भी नहीं
उत्तर: विकल्प d
व्याख्या:
- ऑपरेशन AAHT: यह मानव तस्करी के खिलाफ RPF का एक ऑपरेशन है जिसका उद्देश्य पीड़ितों, मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों को बचाना है।
- ऑपरेशन अमानत: इस पहल के तहत, RPF यात्रियों के लिए अपना खोया हुआ सामान वापस पाना आसान बनाता है।
- ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते: इस ऑपरेशन का उद्देश्य बच्चों को बचाना है।
- ऑपरेशन वाइलेप: इस ऑपरेशन के तहत RPF रेल के माध्यम से वन्यजीवों, जानवरों के अंगों और वन उत्पादों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है।
प्रश्न 4. लोकसभा के अध्यक्ष के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)
- भारत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद का सृजन भारत सरकार अधिनियम, 1935 के तहत हुआ।
- केंद्रीय विधान सभा के पहले भारतीय और पहले निर्वाचित अध्यक्ष विट्ठलभाई जे. पटेल थे।
- अध्यक्ष को उसके पद से हटाया जा सकता है यदि लोकसभा के सभी सदस्यों के बहुमत, अर्थात पूर्ण बहुमत से न कि सामान्य बहुमत, से एक संकल्प पारित किया जाता है।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- केवल 2
- 1, 2 और 3
उत्तर: विकल्प c
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: भारत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद का सृजन भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेंग्यु-चेम्सफोर्ड सुधार) के तहत हुआ था।
- कथन 2 सही है: वर्ष 1925 में केंद्रीय विधान सभा के पहले भारतीय और पहले निर्वाचित अध्यक्ष विट्ठलभाई जे. पटेल थे।
- कथन 3 सही नहीं है: संविधान के अनुच्छेद 94 के अनुसार, अध्यक्ष को सदन के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित एक प्रस्ताव द्वारा, यानी प्रभावी बहुमत से, उसके पद से हटाया जा सकता है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: PYQ (2007) (स्तर – सरल)
- अटलांटिक महासागर की तुलना में प्रशांत महासागर में तापमान का वार्षिक परिसर अधिक है।
- दक्षिणी गोलार्ध की तुलना में उत्तरी गोलार्ध में तापमान का वार्षिक परिसर अधिक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: विकल्प b
व्याख्या:
- कथन 1 सही नहीं है: अटलांटिक महासागर की तुलना में प्रशांत महासागर में तापमान का वार्षिक परिसर कम है।
- महासागर (प्रशांत) का आकार जितना बड़ा होता है, तापमान का वार्षिक परिसर उतना ही कम होता है।
- कथन 2 सही है: बृहत भूमि द्रव्यमान के कारण उत्तरी गोलार्ध में तापमान का वार्षिक परिसर दक्षिणी गोलार्ध की तुलना में अधिक है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. दल-बदल विरोधी कानून का परीक्षण कीजिए और मूल्यांकन कीजिए कि क्या इसमें संशोधन की आवश्यकता है।
(250 शब्द, 15 अंक) (GS II – राजव्यवस्था)
प्रश्न 2. बाल अधिकारों की रक्षा के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिए।
(250 शब्द, 15 अंक) (GS II – सामाजिक न्याय)