25 मई 2022 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: राजव्यवस्था:
सामाजिक न्याय:
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
क्वाड (Quad): उत्पत्ति, लक्ष्य एवं भविष्य की योजनाएं:
विषय: भारत से जुड़े या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते।
प्रारंभिक परीक्षा: क्वाड पहल।
मुख्य परीक्षा: क्वैड समूह बनाने का महत्व।
प्रसंग:
- हाल ही में टोक्यो में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता या क्वाड के दूसरे व्यकिगत शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
- चार देशों के प्रमुखों की यह दूसरी व्यकिगत बैठक थी, जबकि क्वाड की अब तक कुल चार बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।
पृष्ठ्भूमि:
- क्वाड (QUAD) चार देशों भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक अनौपचारिक बहुपक्षीय समूह है,जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र को एक स्वतंत्र और खुला क्षेत्र बनाना है।
क्वाड (QUAD) समूह की उत्पत्ति और विकास:
- भारत ने वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद बड़े पैमाने पर मानवीय और आपदा राहत कार्य शुरू किया था ।
- जिसमे इसने अपने समुद्री पड़ोसियों: श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की मदद की थी।
- इस क्षेत्र की अन्य तीन नौसैनिक शक्तियाँ- यू.एस., ऑस्ट्रेलिया और जापान भी इन राहत कार्यों में शामिल हुईं थी।
- इसके बाद भी इन चार देशों ने राहत कार्यों को जारी रखा जिसके कारण एक नए ढांचे का जन्म हुआ जिसका नाम है: चतुर्भुज या क्वाड।
- तत्कालीन जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने “समृद्धि और स्वतंत्रता के चाप (वृत्तखण्ड)” (arc of prosperity and freedom) के विचार को बढ़ावा दिया, जो क्वाड देशों को सहयोग और सहभागिता के माध्यम से एक साथ लाया। (चाप (Arc)-किसी वृत्त या अन्य वक्र की परिधि का एक भाग।)
- इन सदस्य देशों के बीच 2007 के भारत-यू.एस. मालाबार नौसैनिक अभ्यास से गतिशीलता देखने को मिली जिसमें भारत और अमेरिका के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर ने भाग लिया था।
- गौरतलब हैं की वर्ष 2007 की बैठक के बाद क्वाड ने अपनी गति खो दी लेकिन वर्ष 2017 में चीन की बढ़ती मुखरता और चीन की चुनौती के संशोधित आकलन के बीच इसे पुनर्जीवित किया गया।
- हालाँकि क्वाड के इन चार देशों के नेताओं के बीच नियमित बैठकें हो रही थीं,और इन बैठकों को ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान-अमेरिका’ संवाद करार दिया गया क्योंकि इसे चीन के खिलाफ “गिरोह” होने की धारणा से बचाने के लिए क्वाड संवाद के रूप में संदर्भित नहीं किया जा रहा था।
- बावजूद इसके अभी तक यह समूह अपने उद्देश्यों का स्पष्ट सेट, सहयोग के क्षेत्रों और यहां तक कि इंडो-पैसिफिक को परिभाषित करने में विफल रहा है।
- ज्ञातव्य हैं कि मार्च 2021 में नेताओं ने पहली बार आधिकारिक क्वाड शिखर सम्मेलन के रूप में मुलाकात की थी तथा इस समूह के उद्देश्यों का एक सेट जारी किया जिसे ‘द स्पिरिट ऑफ द क्वाड’ कहा जाता है, इसके साथ ही कार्रवाई योग्य लक्ष्यों को रेखांकित किया और कई क्षेत्रों में विशेषज्ञ कार्य समूहों का गठन किया।
समूहीकरण के उद्देश्य:
- इस समूह का मुख्य उद्देश्य एक स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित आदेश की प्राप्ति, अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित और हिंद-प्रशांत में सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करना था।
- हालांकि इस समूह का एक अघोषित प्रमुख आधार भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करना है।
- यह कानून के शासन, क्षेत्रीय अखंडता, नौवहन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर देता हैं। यह इस क्षेत्र में चीन की कार्रवाइयों के विरोध हेतु उसके अप्रत्यक्ष संदर्भ में था। (overflight-किसी विशेष क्षेत्र में एक विमान की उड़ान।)
समूह की उल्लेखनीय पहल:
- इस समूह ने क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव (QVI) के माध्यम से इंडो-पैसिफिक के लिए समान वैक्सीन पहुंच को मजबूत करने की मांग की, जिसने वर्ष 2022 के अंत तक एशिया के लिए कम से कम एक बिलियन COVID-19 टीके बनाने और वितरित करने की मांग की।
- इन चार देशों का उद्देश्य उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में विविधीकरण पर जोर देते हुए 5जी दूरसंचार के विकास पर काम करना है।
- उन्होंने इस बैठक में स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर्स बनाने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला बनाने का भी लक्ष्य रखा हैं। गौरतलब है कि चीन इन क्षेत्रों में अग्रणी रहा है।
- क्वाड राष्ट्र इस क्षेत्र के देशों के लिए संयुक्त कनेक्टिविटी परियोजनाओं और पारदर्शी बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए सहमत हुए हैं। इसका उद्देश्य चीन और उसके बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का मुकाबला करना है।
- क्वाड ने समुद्री आपूर्ति श्रृंखलाओं को कार्बन मुक्त कर और स्वच्छ हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देकर हरित शिपिंग को बढ़ावा देने पर एक प्रमुख फोकस के साथ जलवायु कार्रवाई के लिए एक कार्य समूह का भी निर्माण किया है।
क्वाड का भविष्य:
- वर्तमान में चल रहे रूस-यूक्रेन संकट ने भू-राजनीतिक बदलाव को गति दी है।
- विशेष रूप से भारत क्वाड का एकमात्र सदस्य है जो रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुआ है और वास्तव में उसने रूसी तेल की खपत को बढ़ा दिया है।
- हाल ही में लांच किया गया ‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क’ (IPEF) इन देशों को निकट आर्थिक सहयोग में बांधने का एक अवसर प्रदान करता है।
- इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए 24 मई 2022 का UPSC व्यापक समाचार विश्लेषण देखिए।
- क्वाड की चल रही बैठक में इसके सदस्यों ने इंडो-पैसिफिक में अवैध मछली पकड़ने पर अंकुश लगाने के लिए एक समुद्री निगरानी योजना भी शुरू की है।
- ऐसा प्रतीत होता है कि इस क्षेत्र में चीनियों की अवैध मछली पकड़ने की प्रथाओं का मुकाबला करने के लिए इसे संचालित किया गया है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सम्पादकीय:
सम्पादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
भारत के राजकोषीय संघवाद हेतु नया मार्ग:
विषय: संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियां।
प्रारंभिक परीक्षा-GST एवं IGST।
मुख्य परीक्षा: भारत के राजकोषीय संघवाद में आवश्यक सुधार।
संदर्भ:
- सुप्रीम कोर्ट ने एकीकृत माल और सेवा कर (IGST) के संबंध में फैसला सुनाया है जो भारत के वित्तीय संघवाद को एक नया मार्ग प्रसस्त करेगा।
पृष्ठभूमि:
- शीर्ष अदालत ने यूनियन ऑफ इंडिया बनाम मोहित मिनरल्स के मामले में विदेशी विक्रेताओं द्वारा विदेशी शिपिंग लाइनों के लिए भुगतान किए गए समुद्री माल पर IGST की लेवी की वैधता पर प्रश्न चिन्ह उठाया था।
- इस टैक्स को गुजरात हाई कोर्ट ने अवैध करार दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, आयातकों पर लगाया जाने वाला कर दोहरा कराधान है।
- इसलिए, शीर्ष अदालत ने प्रभावी तरीके से कहा कि जो आयातक पहले से ही माल की आपूर्ति पर कर का भुगतान कर रहे थे, उन पर अतिरिक्त कर नहीं लगाया जा सकता।
- निर्णय विभिन्न कानूनों, विशेष रूप से केंद्रीय GST अधिनियम की तकनीकी रीडिंग को ध्यान में रखते हुए दिया गया था।
विचारणीय बिंदु:
- वैधानिक कानूनों के माध्यम से कार्यकारी निकायों पर GST परिषद (GST Council) की सिफारिशों को बाध्यकारी बनाने के लिए अदालत के फैसले की व्याख्या एक विधायिका (चाहे संसद या राज्य) के सीमित दायरे के रूप में नहीं की जा सकती है।
- हालाँकि, अदालत के फैसले में, संवैधानिक शक्ति को क़ानून के माध्यम से सीमित नहीं किया जा सकता है।
- यह ध्यान देना आवश्यक है कि अनुच्छेद 246A, जिसका प्रावधान 101 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा किया गया था, में वह प्रावधान है जो केंद्र और राज्यों दोनों को GST पर कानून बनाने का समान अधिकार देता है। यह शक्तियों के आवंटन के आधार पर भेदभाव नहीं करता है।
- अदालत ने कहा कि GST परिषद की सिफारिशों को बाध्यकारी निर्णय के रूप में मानने और उन्हें कानून में बदलने के बारे में संविधान में प्रावधान स्पष्ट नहीं हैं।
- अदालत ने भारतीय संघवाद को सहकारी और असहयोगी संघवाद के बीच एक संवाद के रूप में परिभाषित किया, जहां संघीय इकाइयों को सहयोग से लेकर प्रतिवाद तक अनुनय के विभिन्न साधनों को नियोजित करने की स्वतंत्रता है।
- मोहित मिनरल्स मामले ने राज्यों को GST पर स्वतंत्र रूप से कानून बनाने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
चिंताओं को दूर करना:
- राज्यों को GST पर कानून बनाने की स्वतंत्रता देने से कराधान व्यवस्था और जटिल हो सकती है और केंद्र और राज्यों के बीच असंतोष बढ़ सकता है।
- GST पर इस निर्णय को ‘एक राष्ट्र एक कर’ के विचार के विपरीत माना जाता है।
भावी कदम:
- निर्णय लेने वाले प्राधिकरण के रूप में कार्य करने के लिए GST परिषद की योग्यता को परिभाषित करने तथा उनकी सिफारिशों पर किस हद तक विचार किया जाना चाहिए, इसमे और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है।
- GST को एक संयुक्त संप्रभुता स्थापित करने की धारणा के साथ पेश किया गया था। इस तरह की संप्रभुता को केंद्रीकरण की प्रवृत्ति के प्रमुख आरोपों के साथ चुनौती दी गई है।
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला जिसके तहत राज्यों को GST पर कानून बनाने की स्वतंत्रता प्रदान की गयी है, मौजूदा कर व्यवस्था में सुधार और सरलीकरण, अधिक सहकारी संघवाद का द्वार खोल सकता है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
सामाजिक न्याय:
सेवा करने वालों की सेवा:
विषय: स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक WHO, आशा कार्यकर्ताओं के बारे में।
मुख्य परीक्षा: स्वास्थ्य कर्मियों की चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें एक सुरक्षा का आश्वासन देने की आवश्यकता।
संदर्भ:
- WHO के महानिदेशक ने ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड्स 2022 में भारत के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा – मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं) के योगदान की प्रशंसा की गई और उन्हें सम्मानित किया गया।
गहराई से जानना जरूरी:
- WHO द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा उनके विश्वास को बढ़ाने तथा कृतज्ञता एवं प्रोत्साहन हेतु एक उल्लेखनीय पहल है।
- अक्सर स्वास्थ्य कर्मियों के काम पर किसी का ध्यान नहीं जाता और उन्हें सही पहचान नहीं मिल पाती है। इसलिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा इनके योगदान की सराहना बहुत आवश्यक थी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा जो स्वास्थ्य सेवाएं दी गई उन्हें सभी ने देखा ।
- ये कार्यकर्ता देश के सामने आने वाली किसी भी बीमारी या संक्रमण से लड़ने में हमेशा सबसे आगे रही हैं।
- भारत की आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीण लोगों की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित कर समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु सम्मानित किया गया।
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक समावेशी स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण की रीढ़ हैं।
- ये असमानता, संघर्ष, भोजन की कमी, जलवायु संकट/आपदाओं और महामारियों के अभूतपूर्व अभिसरण के कठिन समय में अपनी सेवाएं प्रदान करती रही हैं।
आशा कार्यकर्ता कौन हैं?
- ये वे कार्यकर्ता हैं जो समुदाय के भीतर स्वयंसेवकों के रूप में कार्य करती हैं और सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की लोगों को जानकारी और सहायता प्रदान करने हेतु प्रशिक्षित करती हैं।
- ये हाशिए के समुदायों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप-केंद्रों और जिला अस्पतालों के बीच सेतु का काम करती हैं।
- इन स्वयंसेवकों की भूमिका को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM 2005) द्वारा परिभाषित किया गया है।
- आशा कार्यकर्ता मुख्य रूप से समुदाय के भीतर से 25 से 45 वर्ष की आयु के बीच विवाहित, विधवा या तलाकशुदा महिलाएं हैं।
- पात्रता मानदंड के तहत उच्च संचार और नेतृत्व कौशल होना चाहिए तथा कार्यक्रम के दिशानिर्देशों के अनुसार कम से कम 8 वीं कक्षा तक अध्ययन किया होना चाहिए।
चित्र स्रोत: mhtf.org
स्वास्थ्य कर्मियों के सामने चुनौतियां:
- बहुत कम पारिश्रमिक।
- बीमाकृत स्वास्थ्य लाभ का अभाव।
- नौकरी की सुरक्षा का अभाव।
- कई महिला स्वास्थ्यकर्मी उत्पीड़न की शिकार होती हैं।
- विशेष रूप से महामारी जैसी आपात स्थिति के दौरान हिंसा की संवेदनशीलता।
- खतरनाक सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों के दौरान इनको अपर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाती है।
सुझाव:
- सरकार को एक निश्चित कार्यकाल तथा नौकरी की सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्त करने के लिए जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए।
- सरकारी एजेंसियों को आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों के कल्याण, सुरक्षा कार्यक्रमों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
- महिला स्वास्थ्य कर्मियों को स्वच्छता और अन्य सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए।
- आशा कार्यकर्ताओं को पेंशन और स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाना चाहिए।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
भारत के लिए रूस से सबक:
विषय: भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: भारत को एक शक्तिशाली सैन्य हथियार प्रणाली की आवश्यक।
संदर्भ: लेखक भारतीय सैन्य हथियार प्रणाली पर आधारित रूसी हथियारों की विफलता के निहितार्थ का विश्लेषण करता है।
परिदृश्य:
- यूक्रेन-रूस संगर्ष ने रूसी सैन्य बलों में बड़ी खामियों का खुलासा किया है और इसे भारत द्वारा अपने हथियारों को उन्नत करने के लिए स्पष्ट आह्वान के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि भारत रूसी मूल के हथियार प्रणालियों का महत्वपूर्ण उपयोगकर्ता करता है।
- इसका एक परिणाम रूसी सैनिकों के मनोबल में कमी है जिसमें बड़ी संख्या में भर्ती और खराब कमांड शामिल हैं।
- कमजोर कमांड क्षमता के साथ रूस की सैन्य प्रभावशीलता विगत कुछ वर्षों में घट रही है।
भारत से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- रूस का अप्रभावी सैन्य प्रदर्शन भारत के लिए सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, अधिक डिजिटलीकरण, उपग्रह संचार और मानव रहित प्रणालियों में अधिक निवेश को आवश्यक बनाता है।
- रक्षा क्षेत्र में इन उन्नत तकनीकों का उपयोग न केवल टोही और निगरानी के लिए बल्कि हमले के संचालन के लिए भी किया जाना चाहिए।
- इन सभी के लिए सैनिकों के बीच सटीक सैन्य क्षमता और समन्वय की आवश्यकता होगी।
भारत में रक्षा सुधारों (Defence Reforms in India) के बारे में लिंक में पढ़ें:
- भारत को अपनी आक्रामक क्षमता को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक मिसाइल को विकसित करने की भी आवश्यकता होगी।
- भारतीय सशस्त्र बलों के संयुक्त शस्त्र युद्ध को उसकी क्षमता के अनुसार विकसित करने की आवश्यकता है।
- इसलिए, यह स्पष्ट है कि उन्नत तकनीक की कोई भी मात्रा मनोबल और प्रशिक्षण में कमी, कमजोर कमान और खराब रणनीति का विकल्प नहीं हो सकती है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine Conflict) के बारे में लिंक में पढ़ें:
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. 2023 तक 60% ई-कचरे के पुनर्चक्रण की संभावना:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
पर्यावरण:
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और निम्नीकरण।
प्रारंभिक परीक्षा: विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी ( Extended Producer responsibility(EPR)) , भारत का ई-कचरा उत्पादन।
प्रसंग:
- इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन पर पर्यावरण मंत्रालय द्वारा मसौदा अधिसूचना।
पृष्ठ्भूमि:
- ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2017 के अनुसार, भारत ई-कचरा उत्पादक देशों में पांचवें स्थान पर है।
- भारत सालाना लगभग 2 मिलियन टन (MT) ई-कचरा उत्पन्न करता है।
- भारत के अधिकांश E-कचरे का पुनर्चक्रण अनौपचारिक क्षेत्र द्वारा और खतरनाक परिस्थितियों में किया जाता है।
विवरण:
- उपभोक्ता वस्तुऐं कंपनियां और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के निर्माताओं को वर्ष 2023 तक यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके इलेक्ट्रॉनिक कचरे का कम से कम 60% एकत्र और पुनर्नवीनीकरण किया जाए। ये लक्ष्य क्रमशः 2024 और 2025 में बढ़कर 70% और 80% हो जाएंगे।
- इन वस्तुओं में लैपटॉप, लैंडलाइन और मोबाइल फोन, कैमरा, रिकॉर्डर, म्यूजिक सिस्टम, माइक्रोवेव, रेफ्रिजरेटर और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
- यदि यह कंपनीयां अपने लक्ष्यों को एक निश्चित समय सीमा में पूरा नहीं कर पाती हैं तो इन्हे ‘पर्यावरण मुआवजे’ (‘environmental compensation’) का भुगतान करना होगा।
- इसके अलावा, इसमें कार्बन क्रेडिट के समान प्रमाणपत्रों में व्यापार की एक प्रणाली का प्रावधान किया गया है, जो इन कंपनियों को अस्थायी रूप से इस कमी को पूरा करने में सहायक होगा।
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (स्तर-कठिन)
महाकाव्य रचयिता
- कुमारसंभवम् कालिदास
- पृथ्वीराज विजय जयानक
- हम्मीर महाकाव्य नयनचन्द्र सूरी
- शिशुपाल वध बाणभट्ट
विकल्प:
(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 1 और 3
(c)केवल 2, 3 और 4
(d)केवल 1, 2 और 3
उत्तर: d
व्याख्या:
- ‘शिशुपालवध’ कवि माघ द्वारा रचित एक संस्कृत शास्त्रीय कविता है।
प्रश्न 2. हड़प्पा सभ्यता के स्थल लोथल से किए गए उत्खनन से निम्न में से क्या मिला है? (स्तर-कठिन)
- ताबूत कब्रगाह
- कांस्य नृत्यांगना की मूर्ति
- पशुपति सील/मुहर
- चावल की भूसी
विकल्प:
(a)केवल 1 और 4
(b)केवल 2, 3 और 4
(c)केवल 4
(d)केवल 1, 2 और 3
उत्तर: c
व्याख्या:
- लड़की की नृत्य करती हुई काँसें की मूर्ति जो की एक प्रागैतिहासिक कालीन मूर्तिकला का उद्धरण है जो मोहनजो-दड़ो में खुदाई के दौरान मिली थी।
- मोहनजोदड़ो से ऐसी मुहर मिली हैं जिस पर पशुपति की आकृति अंकित हैं।
- सिंधु घाटी सभ्यता के स्थल लोथल से चावल की भूसी और गोदीवाडा (Dockyard) मिला हैं। सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल लोथल,गुजरात में स्थित है।
प्रश्न 3. हाल ही चर्चा में रहा ‘परम पोरुल’ है: (स्तर-मध्यम)
(a)तमिलनाडु का एक हस्तशिल्प जिसे हाल ही में भौगोलिक संकेतक टैग प्राप्त हुआ है।
(b)बौद्ध भिक्षुओं का एक समूह जिन्हें कालभ्र वंश के शासकों का शाही संरक्षण प्राप्त था।
(c)राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत राष्ट्र को समर्पित एक अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर।
(d)पश्चिमी घाट में स्थित एक गुफा जो बौद्ध रॉक कट वास्तुकला के लिए जानी जाती है।
उत्तर: c
व्याख्या:
- परम पोरुल, एनआईटी तिरुचिरापल्ली में स्थापित एक अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर है।
- ज्ञातव्य हैं कि कम्प्यूटेशनल अनुसंधान की सुविधा के लिए राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के चरण 2 के तहत परम पोरुल सुपरकंप्यूटिंग की सुविधा स्थापित की गई है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सा राष्ट्रीय उद्यान गढ़वाल हिमालय में स्थित है/हैं? (स्तर-मध्यम)
1. गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान
2. रानी झांसी राष्ट्रीय उद्यान
3. नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान
4. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान
विकल्प:
(a)केवल 4
(b)केवल 1, 2 और 4
(c)केवल 1 और 4
(d)केवल 1, 2 और 3
उत्तर: c
व्याख्या:
- गढ़वाल हिमालय भारत के उत्तराखंड में स्थित पर्वत श्रृंखलाएं हैं।
- नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान अरुणाचल प्रदेश में स्थित है।
- रानी झांसी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।
प्रश्न 5. भारत के निम्नलिखित नगरों पर विचार कीजिएः (स्तर-कठिन)
- भद्राचलम
- चंदेरी
- कांचीपुरम
- करनाल
उपर्युक्त में से कौन सा/से नगर पारंपरिक साड़ियों/वस्त्रों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं?
(a)केवल 1 और 2
(b)केवल 2 और 3
(c)1, 2 और 3
(d)1, 3 और 4
उत्तर: b
व्याख्या:
- मध्य प्रदेश का चंदेरी अपनी साड़ियों के लिए जाना जाता है।
- तमिलनाडु में कांचीपुरम रेशम की साड़ियों के लिए जाना जाता है।
- तेलंगाना राज्य में भद्राचलम एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. भारत में ई-कचरे के निपटान से जुड़े मुद्दों की पहचान कीजिए ? इन बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा बनाय गए कानूनों का उदाहरण देकर समझाइये। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III- पर्यावरण)
प्रश्न 2.क्वाड भारत को वैश्विक मामलों में उच्च स्तरीय पद का दावा करने का अवसर प्रदान करता है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II- अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
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