27 जनवरी 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: सामाजिक न्याय:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: शासन:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
तमिलनाडु में ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का मार्ग:
सामजिक न्याय:
विषय: कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थाएं और निकाय।
प्रारंभिक परीक्षा: इरुला जनजातियों के बारे में।
मुख्य परीक्षा: भारत में आदिवासी समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियाँ।
प्रसंग
- इरुला समुदाय से संबंध रखने वाले वदिवेल गोपाल और मासी सदैया नाम के दो सांप पकड़ने वाले विशेषज्ञों को पद्म श्री पुरस्कारों से सम्मानित करने के लिए चुना गया।
- इस संदर्भ में लेख तमिलनाडु राज्य में अनुसूचित जनजाति समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों और परिवर्तनों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
UPSC Exam Comprehensive News Analysis dated 18 Nov 2021]
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
जापान फुकुशिमा के अपशिष्ट जल को प्रवाहित करेगा:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी;
विषय: विज्ञान और प्रौद्योगिकी-घटनाक्रम।
मुख्य परीक्षा: फुकुशिमा संयंत्र से अपशिष्ट जल का निर्वहन तथा इससे संबंधित चिंताएं।
प्रसंग
- जापान फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से 1.25 मिलियन टन अपशिष्ट जल को प्रशांत महासागर में प्रवाहित करने के लिए तैयार है।
विवरण
- जापान इस संयंत्र को बंद करने के लिए $76 बिलियन की परियोजना लेकर आया है तथा इस परियोजना के एक हिस्से के रूप में, जापान फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से अपशिष्ट जल को बाहर निकालना चाहता है।
- सेवामुक्त परियोजना को 2021 में जापानी कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था और इसके पूरा होने में लगभग 30 साल लगने की उम्मीद है।
फुकुशिमा आपदा
- मार्च 2011 में, भूकंप (9 परिमाण) से उत्पन्न एक विशाल सुनामी ने ओकुमा में तीन फुकुशिमा दाइची रिएक्टरों की बिजली आपूर्ति तथा शीतलन प्रणाली को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ी परमाणु दुर्घटना हुई थी।
- बिजली की कमी के कारण रिएक्टरों को शीतलक की आपूर्ति रुक गई तथा सुनामी ने बैकअप प्रणाली को भी प्रभावित किया था।
- रिएक्टरों के तुरंत बंद होने के बावजूद, रिएक्टर के दबावयुक्त कक्षों से रेडियोधर्मी सामग्री का रिसाव हुआ जिससे ऊष्मा उत्पन्न हुई तथा जैसे ही शीतलन प्रणाली प्रभावित हुई, पूरा संयंत्र पिघल गया।
- रिएक्टर से लीक हुई रेडियोधर्मी सामग्री हवा, पानी, मिट्टी तथा क्षेत्र की स्थानीय आबादी के संपर्क में आ गई। घटना के बाद से, बिजली संयंत्र के आसपास के क्षेत्र निर्जन हो गए हैं।
- इसके अलावा, हवाओं ने भी प्रशांत क्षेत्र में रेडियोधर्मी सामग्री पहुंचाई है।
- फुकुशिमा दुर्घटना के बाद जापान से परे परमाणु ऊर्जा की स्थिति में परिवर्तन आया तथा दुनिया भर में परमाणु ऊर्जा को बढ़ाने की योजना को रोक दिया गया।
संयंत्र का अपशिष्ट जल और अपशिष्ट जल का उपचार
- जापानी सरकार उस संयंत्र से अपशिष्ट जल को बाहर निकालना चाहती है जिसका उपयोग तब रिएक्टरों को ठंडा करने के लिए किया जाता था।
- संयंत्र में अपशिष्ट जल में क्षतिग्रस्त रिएक्टरों के रेडियोधर्मी समस्थानिक होते हैं तथा इसलिए यह रेडियोधर्मी होता है।
- जापानी सरकार का लक्ष्य अगले तीन दशकों में इस अपशिष्ट जल को प्रशांत महासागर में छोड़ना है।
- फुकुशिमा संयंत्र का संचालन करने वाली टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (TEPCO) के अनुसार, कंपनी ने अधिकांश रेडियोधर्मी समस्थानिकों को हटाने के लिए संयंत्र में मौजूद इस अपशिष्ट जल का उपचार किया है।
- 2021 में पूर्व प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा के अनुसार, उपचारित अपशिष्ट जल “सुरक्षा मानकों से बहुत ऊपर” होगा क्योंकि उनकी सरकार ने अनिवार्य किया था कि पानी में सुरक्षा मानकों के तहत अनुमत ट्रिटियम स्तरों की 1/40 वीं सांद्रता होनी चाहिए।
मुख्य चिंताएं
- विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी कोई ज्ञात सीमा नहीं है जिसके नीचे विकिरण को सुरक्षित माना जा सकता है तथा रेडियोधर्मी पदार्थों के संपर्क में आने से कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाएगा।
- विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि प्रभावित पानी के समुद्र में छोड़े जाने से समुद्री वन्यजीव प्रभावित होंगे।
- 2013 से दक्षिण कोरिया ने विकिरण स्तर पर चिंताओं के कारण फुकुशिमा के आसपास से समुद्री भोजन के अपने सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- विशेषज्ञ आगे महसूस करते हैं कि ट्रिटियम को पानी से निकालना बहुत कठिन है और इसे जीवित प्राणियों के शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित तथा वितरित किया जा सकता है।
- इसके अलावा, 2018 में क्योडो न्यूज द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, अन्य रेडियोन्यूक्लाइड्स जैसे रूथेनियम और प्लूटोनियम के समस्थानिकों को TEPCO की उपचार प्रक्रिया द्वारा पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता है।
प्रशांत महासागर पर प्रभाव
- चीन, दक्षिण कोरिया एवं ताइवान जैसे प्रशांत महासागरीय देशों ने महासागर में अपशिष्ट जल को बाहर निकालने के जापान के कदम पर चिंता व्यक्त की है।
- पैसिफिक आइलैंड्स फोरम के एक प्रतिनिधि, जो ऑस्ट्रेलिया सहित ओशिनिया देशों का एक समूह है और इस क्षेत्र की प्रमुख राजनीतिक और आर्थिक नीति निकाय है, ने इस कदम को “धारणातीत” कहा है और “परमाणु संदूषण” पर चिंता व्यक्त की है।
- द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन लेबोरेटरी, जो अमेरिका का एक गैर-लाभकारी समूह है, द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, TEPCO तथा जापानी सरकार द्वारा प्रकाशित सहायक डेटा अपर्याप्त हैं और नमूना प्रोटोकॉल, नमूना विश्लेषण डिजाइन, तथा धारणाओं के संबंध में दोष भी हैं।
अनुशंसाएँ और विकल्प
- शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने जल को समुद्र में प्रवाहित करने से पहले उपचारित जल और TEPCO की जल-उपचार प्रक्रिया के अधिक अध्ययन तथा परीक्षण का आग्रह किया है।
- विशेषज्ञों ने जापान सरकार से जल प्रवाहित करने से पहले लंबे समय तक भंडारित करने के लिए भी कहा है क्योंकि ट्रिटियम की अर्ध-आयु 12-13 वर्ष है।
- इसके अलावा, यदि इसे लंबे समय तक भंडारित किया जाए तो जल में मौजूद अन्य रेडियोधर्मी समस्थानिकों की मात्रा भी कम हो जाएगी जिसका अर्थ है कि जल कम रेडियोधर्मी हो जाएगा।
- इस तरह के उपचारित पानी को भंडारित करने के लिए, फुकुशिमा संयंत्र के आसपास के क्षेत्रों में हजारों टैंक बनाए जा सकते हैं क्योंकि सरकार ने संयंत्र के आसपास की भूमि को निर्जन घोषित कर दिया है।
जापान का पक्ष
- जापानी अधिकारियों ने यह कहते हुए इस कदम का बचाव किया है कि TEPCO में पानी के टैंकों के लिए जगह समाप्त हो रही है और दुनिया भर में परमाणु संयंत्र नियमित रूप से इस तरह के रेडियोन्यूक्लाइड्स के अंश वाले उपचारित जल को बड़े जल निकायों में छोड़ते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अधिकारियों ने 2020 में संयंत्र का दौरा करने के बाद यह भी कहा था कि अपशिष्ट जल का निर्वहन तकनीकी रूप से भंडारण और वाष्पीकरण की तुलना में अधिक व्यवहार्य विकल्प है।
सारांश: फुकुशिमा संयंत्र से उपचारित अपशिष्ट जल को समुद्र में छोड़ने के जापानी सरकार के कदम ने जल, समुद्री जीवन, मत्स्यन समुदायों की आजीविका और क्षेत्र के अन्य देशों पर इसके प्रभाव संबंधी चिंता को आकृष्ट किया है। |
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
भारत में महिला खिलाड़ियों के लिए भी समान नियम:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
शासन:
विषय: शासन, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के पहलू।
मुख्य परीक्षा: भारत में खेल शासन के वर्तमान मॉडल से संबंधित मुद्दे।
प्रसंग:
- इस लेख में वर्तमान में भारतीय खेल प्रशासन में उपजी विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई है, विशेष रूप से भारत में महिला खिलाड़ियों के सन्दर्भ में।
विवरण:
- ओलंपिक पदक विजेताओं सहित भारत के शीर्ष पहलवानों के विरोध करने के बाद, केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और महासंघ के कोचों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय निरीक्षण समिति का गठन किया हैं।
- एम.सी. मैरी कॉम की अध्यक्षता वाली समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक फेडरेशन के दिन-प्रतिदिन के मामलों के प्रबंधन का काम भी सौंपा गया है।
- नव निर्वाचित भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और एथलीट आयोग के आचरण तथा मौज़ूदा निवारण तंत्र पर भी सवाल उठाए गए हैं।
भारत में महिला खिलाड़ियों के सामने चुनौतियाँ:
- देश भर में खेलों में भारतीय महिलाओं की समग्र प्रगति दर बहुत कम रही है। प्रमुख रूप से खेलों में भारतीय महिलाओं की भागीदारी पर सामाजिक-मनोवैज्ञानिक बाधा हावी है।
- बावजूद इसके भारतीय महिला एथलीटों के बीच शारीरिक हमला या यौन उत्पीड़न एक आम घटना है।
- सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रोत्साहन की कमी भी खेलों में महिलाओं की कम संख्या होने का एक प्रमुख कारण है।
- भारत की 84 मिलियन आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है जिसके कारण अधिकांश लोगों के पास गुणवत्तापूर्ण भोजन, आवश्यक कोचिंग या अपेक्षित उपकरणों तक पहुंच के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं हैं।
- लगभग हर खेल में लैंगिक असमानता से संबंधित मुद्दे आम घटना हैं क्योंकि खेलों में अधिकांश आधिकारिक पदों पर पुरुष खिलाड़ियों का वर्चस्व है।
भारत में खेल प्रशासन से संबंधित मुद्दे:
- हाल के वर्षों में भारत में विभिन्न खेल संगठन कई विवादों के घेरे में आए हैं।
- जुलाई 2022 में, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) की कार्यकारी समिति को भारत सरकार की खेल संहिता के उल्लंघन के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भंग कर दिया गया था। AIFF का प्रशासन अदालत द्वारा अधिकृत प्रशासकों की समिति (CoA) द्वारा किया जाता है।
- वर्ष 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड को राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन करते हुए पाया गया।
- फरवरी 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गीता मित्तल को भारतीय टेबल टेनिस महासंघ का संचालन करने के लिए CoA के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था, जिन्हे भारत के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक द्वारा लगाए गए मैच फिक्सिंग के आरोपों की जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था।
- सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा समिति (Justice R.M. Lodha committee) द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर क्रिकेट प्रशासन में सुधार के लिए BCCI के स्थान पर एक CoA नियुक्त किया था।
- इन निकायों के संबंध में जांच और संतुलन का पूर्ण अभाव इनकी सबसे बड़ी चिंता है।
- इन निकायों के पास अत्यधिक स्वायत्तता है जिसके परिणामस्वरूप शून्य पारदर्शिता एवं शून्य जवाबदेही होने से मनमाने निर्णय लिये जाते हैं।
- उन पर भाई-भतीजावाद और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगते रहे हैं।
- कई भारतीय खेल संगठन, विशेष रूप से शासी निकायों ने वाणिज्यिक और पेशेवर क्षेत्र की संबद्ध चुनौतियों का सामना करने के लिए समय के अनुसार संरचनात्मक अनुकूलन नहीं किए हैं।
भावी कदम:
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act) 2012 से लागू होने के बावजूद भारत में खेल प्रणालियां अपने युवा एथलीटों की सुरक्षा करने में अक्षम रही हैं।
- जबकि जमीनी स्तर से लेकर मनोरंजक स्तर तथा कुलीन और पेशेवर स्तर तक भारतीय खेल पारिस्थितिकी तंत्र में इसे प्राथमिकता देने की जरूरत है।
- अतः इस समस्या के हल हेतु प्रशासनिक निकायों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से रेखांकित करके, उचित जाँच और संतुलन स्थापित किया जाना चाहिए।
- भारत में खेल की सभी बारीकियों को शामिल करने वाले और किसी भी प्राधिकरण को कोई मध्यस्थ अधिकार नहीं देने वाले शक्तिशाली और परिभाषित खेल कानून की उपस्थिति यहाँ होनी चाहिए।
- तंत्र को पारदर्शी बनाने के लिए उन्हें आरटीआई के दायरे में लाया जाना चाहिए।
- साथ ही वित्तीय अनियमितताओं और राजस्व प्रबंधन के मुद्दों को हल करने के लिए एक अलग ‘कॉर्पोरेट कार्य’ (‘Corporate Functions’) समूह का गठन किया जा सकता है।
- इसके अलावा, भारत में खेल की सुरक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है और घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने और उनसे निपटने के लिए नीतियों और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए खेल एवं उसे प्रबंधित करने और नियंत्रित करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- एटिकोप्पका खिलौना शिल्प:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
भारतीय कला एवं संस्कृति:
प्रारंभिक परीक्षा: खिलौना शिल्प और पद्म पुरस्कारों के बारे में।
प्रसंग
- कृषक से शिल्पकार बने श्री सी.वी. राजू को एटिकोप्पका खिलौना शिल्प में उनके योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें Padma Awards
एटिकोप्पका खिलौना शिल्प
- एटिकोप्पका खिलौने या एटिकोप्पका बोम्मलु आंध्र प्रदेश के एटिकोप्पका क्षेत्र में बने लकड़ी के खिलौने हैं।
- एटिकोप्पका खिलौना बनाने की कला का 400 वर्षों से अधिक का इतिहास है।
- एटिकोप्पका खिलौने लकड़ी से बने होते हैं और बीज, लाह, छाल, जड़ों और पत्तियों से प्राप्त प्राकृतिक रंगों से रंगे जाते हैं।
- इस खिलौना बनाने के शिल्प में “अंकुडी कर्रा” पेड़ (राइटिया टिंकटोरिया) से प्राप्त लकड़ी का उपयोग किया जाता है।
- इतिहासकारों के अनुसार अतीत में खिलौना बनाने वालों को अपने बच्चों के लिए इस तरह के लकड़ी के खिलौने बनाने के लिए क्षेत्र के संपन्न जमींदारों से संरक्षण प्राप्त था।
- एटिकोप्पका खिलौने अपने आकर्षक रंगों, सॉफ्ट फ़िनिश तथा भारतीय विरासत के साथ अपने जुड़ाव के लिए प्रसिद्ध हैं।
- एटिकोप्पका लकड़ी के खिलौनों को 2017 में भौगोलिक संकेत ( Geographical Indication (GI) tag) टैग दिया गया है।
- आदित्य-एल1 मिशन:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: आदित्य-एल1 मिशन के बारे में।
प्रसंग
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जून या जुलाई 2023 तक अपने आदित्य-एल1 मिशन को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है।
आदित्य-एल1 मिशन
- आदित्य-एल1 सूर्य और सौर कोरोना का अवलोकन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष अभियान है।
- आदित्य-एल1 मिशन को इसरो द्वारा सूर्य-पृथ्वी प्रणाली (एल1 कक्षा) के पहले लैग्रेंजियन बिंदु पर प्रक्षेपित किया जाएगा, क्योंकि एल1 कक्षा आदित्य-एल1 को सूर्य की ओर लगातार उन्मुख बने रहने में सहायक होती है।
- आदित्य-एल1 में कुल सात पेलोड हैं।
- सात पेलोड में से एक ‘विजिबल लाइन एमिशन कोरोनोग्राफ’ (VELC) को बेंगलुरु में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है।
- अन्य छह पेलोड इसरो और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा विकसित किए जा रहे हैं।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, अंतरिक्ष में किसी भी अन्य सौर कोरोनग्राफ में विजिबल लाइन एमिशन कोरोनोग्राफ (VELC) के समान इतनी क्षमता नहीं है कि वह सौर डिस्क के करीब सौर कोरोना को चित्रित कर सके।
- आदित्य-एल1 मिशन को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-XL ) का उपयोग करके प्रक्षेपित किया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए – Aditya L1 Mission
महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत और मिस्र ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए समर्थन दोहराया:
- गणतंत्र दिवस परेड 2023 में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बाद भारत और मिस्र द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए दोनों देशों के समर्थन को दोहराया गया है।
- इसके अलावा, दोनों देशों ने बहुपक्षवाद, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून तथा सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
- भारत और मिस्र राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
- भारत और मिस्र बेहतर सैन्य जुड़ाव के लिए नई सहभागिताओं को शुरू करने पर सहमत हुए हैं और उन्होंने अपने सशस्त्र बलों के बीच अधिक संयुक्त अभ्यास की योजना बनाई है।
- दोनों देशों के नेताओं ने दुनिया भर में आतंकवाद के प्रसार पर चिंता व्यक्त की तथा माना कि यह मानवता के लिए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरों में से एक है।
अधिक जानकारी के लिए – India-Egypt relations
- राज्य वन आवरण और उनकी गुणवत्ता में सुधार अपेक्षित लक्ष्य से पीछे हैं:
चित्र स्रोत: the Hindu
- सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम [Right to Information (RTI) Act] के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत हरित भारत मिशन (GIM) के तहत वृक्षों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए निर्धारित लक्ष्यों तथा वन-आवरण वृक्षारोपण में पिछड़ रहा है।
- नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया या ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) [Green India Mission (GIM)] जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) [National Action Plan on Climate Change (NAPCC) ]के तहत आठ मिशनों में से एक है।
- GIM के तहत प्रमुख लक्ष्यों में से एक वन और वृक्षों के आवरण को बढ़ाने तथा मौजूदा वनों की गुणवत्ता में सुधार के लिए 10 मिलियन हेक्टेयर (mha) वन और गैर-वन भूमि उपलब्ध करवाना है।
- हालाँकि, 2015-16 से 2021-22 के बीच, केंद्र ने केवल 53,377 हेक्टेयर में वृक्ष और वन क्षेत्र को बढ़ाने तथा 1,66,656 हेक्टेयर के निम्नीकृत जंगल की गुणवत्ता में सुधार करने के लक्ष्य को मंजूरी दी है।
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, 31 दिसंबर, 2022 तक वृक्ष/वन क्षेत्र में 26,287 हेक्टेयर की वृद्धि हुई थी और वन की गुणवत्ता में केवल 1,02,096 हेक्टेयर का सुधार हुआ था।
- इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा ₹681 करोड़ के कुल आवंटन में से लगभग ₹525 करोड़ का ही उपयोग किया गया था।
- इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट-2021 (India State of Forest Report-2021) के अनुसार, 2019 में पिछले आकलन के बाद से देश में वन और वृक्षों के आवरण में 2,261 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
- हालांकि, आलोचकों का मानना है कि हरित क्षेत्र में वृद्धि मुख्य रूप से व्यावसायिक वृक्षारोपण के माध्यम से हुई है जो कि प्राकृतिक वनों और उनकी जैव विविधता की भरपाई नहीं कर सकते हैं क्योंकि मोनोकल्चर कीटों के हमलों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं।
- भारत ने स्वदेशी हथियारों और नारी शक्ति का प्रदर्शन किया:
- देश की सैन्य ताकत में आत्मनिर्भरता के प्रयास तथा सशस्त्र बलों में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका को 2023 के गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित किया गया, कर्तव्य पथ को पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था।
- जैसे ही भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, 21-तोपों की सलामी पहली बार भारतीय निर्मित 105-मिमी फील्ड गन द्वारा प्रस्तुत की गई थी, जिसने आजादी के बाद से इस्तेमाल की जाने वाली सात विंटेज क्विक फायर 25-पाउंडर गन का स्थान लिया।
- भारतीय सेना ने अर्जुन (मुख्य युद्धक टैंक) Arjun (main battle tank), नाग मिसाइल प्रणाली, के-9 वज्र-टी गन सिस्टम, आकाश वायु रक्षा प्रणाली तथा ब्रह्मोस मिसाइल जैसे भारत निर्मित रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन किया।
- इसके अलावा, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना की मार्चिंग टुकड़ियों का नेतृत्व पहली बार महिला अधिकारियों ने कर महिला सशक्तिकरण का प्रदर्शन किया।
- सांस्कृतिक झांकी के प्रदर्शन में भी “नारी शक्ति” के विषय पर प्रकाश डाला गया था।
- उदाहरण: त्रिपुरा की झांकी ने पर्यटन और जैविक खेती के माध्यम से स्थायी आजीविका बनाने में इसकी महिलाओं की सक्रिय भूमिका को प्रदर्शित किया।
- केरल की झांकी में महिला सशक्तीकरण की लोक परंपराओं को प्रस्तुत किया गया।
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को क्लिक करें Women in the Indian Armed Forces
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं? (स्तर – मध्यम)
- ग्रीन रेलवे स्टेशन सर्टिफिकेट (प्रमाणपत्र) पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है।
- विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाला भारत का पहला स्टेशन है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: हरित अवधारणाओं को अपनाने के लिए भारतीय हरित भवन परिषद (Indian Green Building Council (IGBC)) द्वारा ग्रीन रेलवे स्टेशन प्रमाणपत्र दिया जाता है, जिससे प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके।
- भारतीय रेलवे के पर्यावरण निदेशालय ने IGBC के सहयोग से ग्रीन रेलवे स्टेशन रेटिंग सिस्टम विकसित किया है।
- कथन 2 गलत है: विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन इस प्रतिष्ठित प्रमाणपत्र को प्राप्त करने वाले कुछ रेलवे स्टेशनों में से एक है।
- वर्ष 2022 में, पूर्वी रेलवे (ER) के मालदा मंडल के भागलपुर रेलवे स्टेशन (BGP) को ग्रीन रेलवे स्टेशन प्रमाणन प्राप्त हुआ।
- वर्ष 2021 में, मध्य रेलवे के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन (CSMT) को IGBC ग्रीन रेलवे स्टेशन प्रमाणन से सम्मानित किया गया था।
प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों में से कौन से सही हैं? (स्तर – मध्यम)
- भारत ने अपना पहला सौर मिशन दिसंबर 2022 में लॉन्च किया था।
- इसे लैग्रेंज बिंदु 1 पर रखा जाएगा।
- आदित्य 1 अन्य चीजों के साथ-साथ सौर वातावरण और सौर पवन पैटर्न का अध्ययन करेगा।
विकल्प:
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: इसरो आदित्य-एल1 मिशन को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जो जून या जुलाई 2023 तक सूर्य और सौर कोरोना का निरीक्षण करने वाला पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा।
- कथन 2 सही है: आदित्य-एल1 मिशन को इसरो द्वारा एल1 कक्षा में लॉन्च किया जाएगा (जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली का पहला लैग्रेंजियन बिंदु है)।
- L1 कक्षा आदित्य-L1 को सूर्य की ओर लगातार उन्मुख बने रहने में सहायक होती है।
- कथन 3 सही है: आदित्य 1 अन्य बातों के साथ-साथ सौर वातावरण और सौर पवन पैटर्न का अध्ययन करेगा।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन मिस्र में या उसके आसपास स्थित नहीं हैं? (स्तर – कठिन)
- विक्टोरिया झील
- भू-मध्य सागर
- लाल सागर
- अदन की खाड़ी
विकल्प:
(a) 1, 2 और 3
(b) 1 और 4
(c) 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: b
व्याख्या:
चित्र स्रोत: World Atlas
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन से सुमेलित हैं? (स्तर – सरल)
- मंदी: लगातार 2 तिमाहियों तक विकास में गिरावट
- मुद्रास्फीतिजनित मंदी: स्थिर मुद्रास्फीति
- अपस्फीति (Deflation): ऋणात्मक मुद्रास्फीति
विकल्प:
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: c
व्याख्या:
- युग्म 1 सुमेलित है: मंदी आर्थिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण और लंबे समय तक गिरावट है और एक सामान्य नियम यह है कि लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक जीडीपी वृद्धि का मतलब मंदी है।
- युग्म 2 सुमेलित नहीं है: मुद्रास्फीतिजनित मंदी/स्टैगफ्लेशन एक आर्थिक स्थिति है जब स्थिर आर्थिक विकास, उच्च बेरोजगारी और उच्च मुद्रास्फीति एक साथ उपस्थित होती हैं।
- युग्म 3 सुमेलित है: अपस्फीति को वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में कमी के रूप में जाना जाता है। ऐसी स्थिति में जनसंख्या की क्रय शक्ति बढ़ जाती है।
- इसे ऋणात्मक/नकारात्मक मुद्रास्फीति भी कहा जाता है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (PYQ 2020) (स्तर – सरल)
- भारत का संविधान अपने ‘मूल ढाँचे’ को संघवाद, पंथनिरपेक्षता, मूल अधिकारों तथा लोकतंत्र के रूप में परिभाषित करता है
- भारत का संविधान, नागरिकों की स्वतंत्रता तथा उन आदर्शों जिन पर संविधान आधारित है, की सुरक्षा हेतु ‘न्यायिक पुनरावलोकन’ की व्यवस्था करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है: सर्वोच्च न्यायालय ने 1973 के केशवानंद भारती मामले के अपने ऐतिहासिक फैसले में संविधान के “मूल ढांचे” के सिद्धांत को परिभाषित किया था।
- इस प्रकार, भारत का संविधान “मूल ढाँचे” (basic structure) शब्द को परिभाषित नहीं करता है।
- कथन 2 गलत है: भारतीय संविधान में ऐसा कोई प्रत्यक्ष प्रावधान नहीं है जो नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करने और उन आदर्शों को संरक्षित करने के लिए “न्यायिक समीक्षा” प्रदान करता हो जिन पर संविधान आधारित है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने में किस प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है? (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – सामाजिक न्याय)
प्रश्न 2. भारत अपने जोखिम पर ही गुटनिरपेक्ष आंदोलन की अनदेखी कर सकता है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध)